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Incest अनोखा करवाचौथ

Incestlala

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साहिल ने देखा कि एक बड़े से पत्थर के पीछे एक गद्दा पड़ा था जो पहले नहीं था। मतलब रूबी ने आज दिन में ही यहां वो गद्दा डाल दिया था।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और रूबी ने उसे इशारा किया तो साहिल ने रूबी को गद्दे पर लिटा दिया और खुद उसके उपर लेट गया। रूबी के शरीर से निकलती हुई मादक खुशबू उसे पूरी तरह से मदहोश कर रही थी। साहिल ने रूबी के होंठो की तरफ देखा और रूबी ने खुद ही अपने होंठो को आगे बढ़ाया और साहिल के होंठो पर रख दिया। साहिल अपनी मा के होंठो को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा। साहिल का खड़ा हुआ लंड नीचे रूबी की चूत पर अड रहा था जिससे रूबी की आग बढ़ रही थी।

किस करते करते रूबी ने अपनी जीभ को साहिल के मुंह में घुसा दिया और साहिल ने खुशी खुशी अपनी मा की जीभ को चूसना शुरू कर दिया। रूबी ने मस्ती में आते हुए अपनी टांगे खोल दी और अपनी चूत को नीचे से ही लंड पर रगड़ने लगीं।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठो अलग हुए और साहिल ने रूबी की साडी को खोल दिया। रूबी अपनी आंखे बंद किए हुए पड़ी थी और साहिल ने देखते ही देखते उसका ब्लाउस और पेटीकोट भी निकाल दिया और रूबी अब सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई थी। हल्के गुलाबी रंग की रोशनी में उसका जिस्म आग का शोला लग रहा था और साहिल ने अपने कपड़े उतार फेंके और पूरी तरह से नंगा हो गया। साहिल ने अपनी मा की चूचियों को हाथ में भर लिया और रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा। उसने अपने हाथो कि साहिल की गांड़ पर कस लिया और नंगी गांड़ का एहसास होते ही उसके मुंह से आह निकल गई। साहिल ने एक हाथ पीछे ले जाते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया और रूबी की चूचियां बाहर को उछल पड़ी।

गोल गोल ठोस चूचियां देखते ही साहिल ने एक को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" Aaah sahil ufff chussssss ja meriiiiiii chuchiiii aahhhhh betaa।।।

साहिल ने अपने मुंह को पूरा खोलते हुए रूबी की आधे से ज्यादा चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने हाथ आगे बढाया और साहिल के लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी और सिसक उठी

" हाय बेटा, उफ्फ कितना बड़ा हैं ये उफ्फ , कितना टाइट हो रहा है है तेरा तो।

साहिल रूबी की इस हरकत से जोश में अा गया और उसकी एक चूची को हाथ में भर कर जोर से दबा दिया तो रूबी के मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी।

" आह क्या करता हैं पागल, दर्द होता हैं थोड़ा प्यार से कर ना।

साहिल ने उसकी चूचियों को प्यार से दबाना और सहलाना शुरू कर दिया तो रूबी ने नीचे से अपनी टांगे चौड़ी करते हुए अपने दोनो हाथों को उसकी गांड़ पर दबा दिया जिससे साहिल का लंड रूबी की चूत पर जा लगा और दोनो मा बेटे इस अनोखे एहसास से एक साथ तड़प उठे।

साहिल ने रूबी के निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी ने अपनी चूत उपर उठाते हुए लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया और मस्ती से सिसकने लगी। साहिल के मोटे लन्ड का तगड़ा सुपाड़ा उसकी चूत पर रगड़ रहा था। जैसे ही सुपाड़ा चूत के मुंह से टकराता तो रूबी का पूरा जिस्म कांप जाता और उसकी आंखे बंद हो जाती और रूबी सिसक पड़ती। रूबी जी की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और साहिल को इससे और ज्यादा जोश अा था। रूबी की चूत पूरी गीली से गीली हो गई थी और साहिल के लंड का पूरा सुपाड़ा रस से भीग गया था।

रूबी ने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए लंड के सुपाड़े को हाथ से पकड़ लिया और चूत के छेद पर टिका दिया और नीचे से अपनी चूत उस पर रगड़ने लगी और साहिल की आंखो में देखते हुए सिसकी

" आह साहिल मेरे बेटे, मना लें अपनी मा के साथ चोद। आह एसआइआईआईआई

साहिल थोड़ा सा नीचे को हुआ और अपने दोनो होंठ सीधे रूबी जी की चूत पर टिका दिए और रूबी मस्ती से सिसक उठी

' आह साहिल मेरे बेटे, मेरे पति, उफ्फ हाय मेरी चूत, तेरी मा की चूत, उफ्फ पूरी मुंह म भर ले मेरे पति जान।

साहिल ने अपने मुंह को खोलते हुए रूबी की चूत को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। रूबी मस्ती और उत्तेजना से पागल सी हो गई और अपनी टांगो को उठा उठा कर पटकने लगी। साहिल ने उसकी दोनो टांगो को अपने हाथो में कस लिया और उसकी चूत को जोर से चूसने लगा तो रूबी अपने जिस्म को फिर से पटकने लगी और उसने अपने हाथ को साहिल के सिर पर दबाते हुए अपनी चूत में घुसा दिया और सिसक उठी

""ahhhh sahil ufffff siiiiii ohooooo meri chutttt, sahil aaahhh lollla de de meri chuttt me

रूबी पूरी तरह से तड़प रही थी और अपने जिस्म को इधर उधर पटक रही थी। साहिल ने एक उंगली रूबी की चूत में घुसा दी और रूबी का जिस्म काबू से बाहर हो गया और वो किसी घोड़ी की तरह अपने टांगे फेंकने लगी और सिसक उठी

" Aaahhhhjj teri ma ki chutttt, aaah mar jaungi ufff, चोद दे मुझे, लोला घुसा दे मेरी चूत में आह्हह हाय राम

इतना कहकर रूबी ने अपनी टांगो को पूरी तरह से फैला दिया और साहिल को अपने उपर खींच लिया। रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए लंड को पकड़ लिया और सुपाड़े को अपनी चूत के मुंह पर टिका दिया और साहिल की आंखो में देखने लगी और उसके होंठ चूम लिए।

साहिल:" मम्मी क्या आपको बहुत ज्यादा दर्द तो नहीं होगा, क्या आप झेल जाएगी

रूबी के चेहरे पर मुस्कान अाई और बोली:'

" वो मा ही क्या जो अपने बेटे को अपने अंदर ना ले सके, आह बस साहिल चूत में घुस जा मेरी।

रूबी अब कांप रही थी क्योंकि लंड का सुपाड़ा बहुत मोटा था इसलिए उसने अपने मुंह से थूक निकाल कर लंड को पूरा चिकना कर दिया और साहिल ने रूबी की चूत में धक्का लगाया तो लंड का सूपड़ा चूत में घुस गया और रूबी के मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी। उसने साहिल को अपनी बांहों में कस लिया और साहिल ने देर ना करते हुए अपने लंड को बाहर निकाला और रूबी की आंखो में देखते हुए एक पूरी ताकत से धक्का लगाया और लंड जड़ तक रूबी की चूत में उतरता चला गया। रूबी दर्द के मारे सिसक उठी और उसका चेहरा खीचता चला गया। रूबी कसकर साहिल से लिपट गई। दर्द के मारे उसकी आंखे बंद हो गई और आंसू निकलने लगे लेकिन उसके मुंह से एक आह तक नहीं निकली।

साहिल ने उसके आंशू को साफ किया और रूबी की चूचियों को चूमने लगा। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल और फिर से पूरी ताकत से घुसा दिया तो रूबी के होंठो से एक आह निकल पड़ी और साहिल को पूरी ताकत से अपनी बांहों में कस लिया।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए धक्के लगाने शुरु कर दिए और देखते ही देखते रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अपनी गांड़ को उठाना शुरू कर दिया और साहिल ने जोश में आते हुए तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।

लंड बाहर आता और फिर से अंदर घुस जाता। हर धक्के पर रूबी सिसक उठी थी, मचल रही थी और पूरे चुदाई लोक में उसकी सिसकियां गूंज रही थी। तभी साहिल पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा और रूबी मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल, ऐसे ही बेटे, आह चोद मुझे, आह कितनी तड़प रही थी मैं। उफ्फ बेटा।

साहिल ने लंड को पूरा बाहर निकाला और एक ही धक्के में पूरा अंदर कर दिया और रूबी फिर से सिसक उठी। साहिल के लंड में तूफान आने लगा और उसने बिजली कि उसकी रफ़्तार से धक्के लगाने शुरू किए तो रूबी का जिस्म गद्दे पर उछलने लगा और सालो से तड़प रही उसकी चूत जवाब दे गई और उसने पूरी ताकत से साहिल को कस लिया और सिसक उठी

" आह साहिल गई मेरी चूत तो, चोद दिया तूने, आह मा

इसके साथ ही रूबी की चूत ने अपना रस बहा दिया और वो अमरबेल की तरह साहिल से कस गई। अपनी मा की चूत की गर्मी के आगे साहिल भी ज्यादा नहीं टिक सका और उसने एक जोरदार धक्का लगाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया और वीर्य की पिचकारी मारने लगा। रूबी की जलती हुई चूत पर वीर्य की पिचकारी शीतल जल की तरह बरसने लगी और उसने प्रेम पूर्वक अपने बेटे का मुंह चूम लिया और साहिल रूबी के उपर गिर पड़ा।

दोनो मा बेटे एक दूसरे से चिपक गए और अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे। दोनो एक दूसरे को चूम रहे थे सहला रहे थे।

थोड़ी देर के बाद दोनो की सांसे नॉर्मल हो गई। रूबी ने अपना मुंह उपर करते हुए साहिल के माथे को चूम लिया मानो उसे अपनी चुदाई के लिए इनाम दे रही हो।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मम्मी कैसा लगा ? ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ आपको ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और साहिल के होंठ चूम कर बोली:"

" दर्द तो बहुत हुआ लेकिन इतना मजा आज नहीं आया साहिल, सच में तूने मुझे आज पूरी तरह से भर दिया।

साहिल:" मम्मी ये सिर्फ शुरवात हैं, आपको मैं बहुत ज्यादा खुशी दूंगा, इतनी मस्ती की आपने सोचा भी नहीं होगा।

रूबी साहिल के बालो में हाथ फेरते हुए बोली:"

" साहिल अच्छा चल उठ अब, मुझे धोना होगा, नीचे से कितना गंदा हो गया है।

साहिल रूबी की चूचियों को प्यासी नजरो से देखते हुए उसके उपर से उतर गया तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" मन नहीं भरा क्या अभी ? क्यों घूर घूर कर देख रहा है मुझे।

साहिल ने अपनी टांगो के बीच लटकते हुए अपने लंड को हल्का सा मसला और बोला:"

" मम्मी ऐसे मन भर जाता तो बात ही और होती। आज तो पूरी रात करवा चोद मनाएगा जाएगा।

रूबी खिल खिला कर हंस पड़ी और झरने की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे आगे बढ़ कर अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"

" आज से आपके सब नाज और नखरे मैं उठाऊंगा, मेरे होते हुए आपको ये गोरे पैर जमीन पर रखने की जरूरत नहीं।

रूबी खुश होती हुई उसके सीने से लिपट गई और साहिल उसे लेकर झरने के नीचे अा गया। ठंडे ठंडे पानी की बौछार उन पर पड़ने लगी और साहिल ने अपनी मम्मी को वहीं एक पत्थर पर लिटा दिया और उसके जिस्म को पानी से साफ करने लगा।

रूबी:" उफ्फ मैं खुद कर लूंगी बेटा, मान जाओ

साहिल:" गंदा मैंने किया हैं तो साफ भी मैं ही करूंगा।

इतना कहते हुए उसने रूबी की गर्दन को अच्छे से साफ किया और धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा। रूबी के जिस्म में फिर से रोमांच बढ़ रहा था और जैसे ही साहिल ने साहिल ने अपने हाथ रूबी की चूचियों पर रखे तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी। रूबी की चूचियों पर मसले जाने और हल्के हल्के काटे जाने के निशान थे।

रूबी:" उफ्फ साहिल बेटा, दर्द करती है, देख ना क्या हाल कर दिया तूने इनका!


साहिल ने उसकी चूचियों को प्यार से सहलाया और पानी से धीरे धीरे साफ करने लगा। साहिल के कठोर हाथो की रगड़ से रूबी की चूचियां फिर से अकड गई और निप्पल बाहर की तरफ निकल गए।

साहिल ने एक निप्पल को हाथ में पकड़ लिया और दोनो उंगलियों के बीच में हल्का सा सहलाते हुए बोला:"

" देखो ना मम्मी ये कैसे अकड़कर मुझे चिडा रहे हैं, उफ्फ कैसे तने हुए हैं

निप्पल मसले जाने से रूबी के जिस्म में आग लग गई और वो फिर से गर्म होती चली गई और बोली:'

" क्या करता हैं साहिल, मार ही देगा मुझे, उफ्फ बेटा।

रूबी के मुंह से निकलती हुई सिसकियां सुनकर साहिल समझ गया कि रूबी फिर से बहक गई है और साहिल ने हाथ नीचे करते हुए उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया मानो वहां भी साफ कर रहा हो। सच्चाई ये थी कि रूबी का जिस्म शीशे की तरह साफ चमक रहा था लेकिन साहिल उसे और साफ करना चाह रहा था।

रूबी की सांसे एक बार फिर से तेज हो गई और उसका जिस्म कांपने लगा, साहिल ने रूबी की दोनो टांगो को खोल दिया और उसकी वीर्य और चूत रस से भरी हुई चूत पर अपनी उंगलियां फिराई तो रूबी सिसक उठी।

साहिल ने हाथ में पानी लेकर उसकी चूत को धोना शुरू किया और देखते ही देखते रूबी की चूत बिल्कुल साफ हो गई। एक भी बाल नहीं, एकदम चिकनी चूत, हल्की सी लाल रंग की, दो पतले पतले नाजुक से होंठ जो लंड की मार से बिल्कुल हल्के से खुल गए थे।

साहिल आज पहली अपनी मा की चूत को अच्छे से देख रहा था और उसने चूत पर एक बार अच्छे से उंगली फिराई और रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी।

साहिल ने अपनी मा की टांगो को विपरीत दिशा में फैला दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से उभर कर सामने अा गई। साहिल की आंखे चमक उठी और उसने रूबी को थोड़ा सा आगे करते हुए पानी की धार के नीचे कर दिया और उसके पेट पर पानी गिरने लगा। साहिल ने अच्छे से मसल मसल कर उसकी चूत को साफ किया और धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी तो रूबी के मुंह से फिर से एक मादक आह निकल पड़ी। साहिल ने रूबी की चूत को उंगली से अच्छे से साफ किया और फिर अपनी उंगली बाहर निकाल ली।

साहिल ने अपनी मा की तरफ , उसकी आंखे वासना के मारे लाल हो गई थी मानो फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई हो। साहिल ने रूबी को पलटने का इशारा किया और रूबी वहीं पलट गई जिससे उसकी कमर और गांड़ साहिल की आंखो के सामने अा गई।

साहिल ने उसके दोनो कंधो को साफ किया और फिर धीरे धीरे उसकी कमर सहलाते हुए बोला:"

" मम्मी मेरी रूबी, तुम्हारी कमर कितनी पतली और चिकनी हैं, सच में तुम कमाल हो।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और अपनी गर्दन घुमा कर उसकी तरफ देखते हुए बोली:"

" अब तो बस सब कुछ तेरे लिए हैं मेरे बेटे, मेरे पूरे पति साहिल।

साहिल ने अपनी मा की कमर को सहलाया और उसके कंधे को चूम लिया। रूबी की आंखे फिर से मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने उसकी कमर से नीचे हाथ करते हुए उसकी गांड़ के उभार को सहला दिया तो रूबी के जिस्म ने हल्का अा झटका खाया और रूबी की टांगे अपने आप खुलती चली गई।

साहिल अपनी की टांगो के बीच बैठ गया और उसके गांड़ के दोनो उभारों को अपने हाथ में भर लिया और जोर से मसलने लगा। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं और उसकी गांड़ अपने आप उछलने लगीं। रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई और उसकी चूत एक बार से गीली हो गई।

साहिल अब खुलकर रूबी की गांड़ मसल रहा था और रूबी ने अपने दोनो हाथ नीचे करते हुए अपनी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगी। साहिल ने रूबी को गांड़ को मसलते हुए उसकी टांगो के बीच में देखा तो उसे रूबी की गुलाबी चूत नजर आईं।

चूत पूरी तरह से रस से भीग गई थी और उसके होंठ बिल्कुल हल्के से खुले थे मानो साहिल को पुकार रहे हो। साहिल ने चूत का इतना मनमोहक नजारा देखा तो उत्तेजना से भर गया और रूबी की पीठ पर लेट गया। साहिल के उपर लेटते ही रूबी के मुंह से आह निकल गई और उसने अपने बेटे की तरफ देखा और गद्दे की तरफ इशारा किया लेकिन साहिल ने अपनी मा की आंखो में देखते हुए अपने पैरो को उसकी टांगो के फसा दिया और रूबी की चूत पूरी तरह से खुल गई और साहिल का लंड उसकी चूत पर जा लगा। लंड के चूत पर लगते हुई रूबी के मुंह से आह निकल गई और साहिल ने लंड को चूत के होंठो पर रगड़ दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से मजे से खुल गई और साहिल ने उसकी आंखो में देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसा दिया। रूबी को दर्द का एहसास हुआ और उसके मुंह से फिर से आह निकल पड़ी।

साहिल ने उसकी चूत में एक तगड़ा धक्का लगाया और पूरा लंड एक बार फिर से रूबी की चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया और रूबी फिर से दर्द से कराह उठी

" आह साहिल,उफ्फ मा हाय आह दर्द होता हैं बेटा, एक ही धक्के में क्यों घुसा दिया

साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरी ताकत से एक ही धक्के में लंड जड़ तक घुसा दिया तो रूबी फिर से दर्द से तड़प उठी

" आह तेरी मा की चूत, दर्द होता हैं मुझे, उफ्फ क्या करता है तू। आह उफ्फ

साहिल ने रूबी के कमर को चूम लिया और धक्के लगाने लगा। रूबी के मुंह से हर धक्के पर दर्द भरी आह निकल रही थीं और कुछ धक्कों के बड़ी उसकी चूत खुल गई तो रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी आह निकलने लगी और उसने साहिल की देखा और स्माइल दी तो साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो रूबी फिर से तड़प उठी

" आह साहिल उफ्फ मार मेरी चूत, आह चोद मुझे, जोर जोर से चोद, दिखा अपनी मर्दानगी

इतना कहकर रूबी के अपनी कमर को हल्का सा उठा दिया जिससे उसकी चूत और खुल गई और साहिल ने उसकी चूत में तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए । रूबी का पूरा जिस्म हिल रहा था और उसके मुंह निकल कर मादक सिसकियां गूंज रही थी।

रूबी को आज तक चुदाई में इतना मजा नहीं आया था और उसने साहिल की तरफ देखते हुए अपने मुंह को उपर उठा दिया और साहिल ने एक हाथ से अपनी की गर्दन पकड़ते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ टिका दिए और उसके होंठ चूसने लगा।
रूबी ने पूरी तरह से मदहोश होते हुए अपने जीभ साहिल के मुंह में घुसा दी और साहिल अपनी मा की जीभ चूसते हुए धक्के लगाने लगा। एक लम्बे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और साहिल ने अपनी मा की आंखो में देखते हुए धक्के कि गति बढ़ा दी तो रूबी की चूत में तूफान सा मच गया और उसके मुंह से फिर से सिसकियां निकल पड़ी

" आह साहिल, उफ्फ कितना अच्छा हैं तेरा लंड, आह मेरी चूत, हाय कितना अच्छा चोद रहा हैं, उफ्फ मेरी चूत हाय मा, आह मुझे क्या हो रहा हैं।

साहिल ने उसकी चूत की कलिट को उंगली से मसला दिया तो रूबी ने मस्ती में आते हुए पूरी ताकत से गांड़ उपर उछाली और इसके साथ ही उसकी चूत ने एक बार फिर से अपना रस बहा दिया और रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने उसकी चूत में लंड के धक्के लगाने जारी रखे और रूबी का जिस्म फिर दे कांपने लगा। हर धक्के पर अब रूबी कराह रही थी, उसकी चूत में तूफान सा मचा हुआ था। लंड उसकी चूत की दीवारों को पूरी ताकत से रगड़ रहा था जिससे रूबी को अब जलन हो रही थी और मुंह से दर्द भरी आह निकल रही थी

" आह साहिल, उफ्फ दर्द होता है, उफ्फ दुख रही हैं अब, प्यार से कर आह।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए पूरी ताकत से धक्के लगाने शुरू कर दिए तो रूबी की हालत खराब हो गई और उसकी चूत में तेज जलन होने लगी। रूबी अपने हाथ से अपनी चूचियों को मसलने लगी और उसकी चूत फिर से गर्म हो गई और रूबी सिसकते हुए बोली

" आह साहिल मार मेरी चूत, उफ्फ पूरा घुस जा मेरी चूत में, उफ्फ मा

साहिल ने रूबी को अब पूरी ताकत से पेलना शुरू कर दिया और रूबी का पूरा जिस्म उछल रहा था।


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साहिल का हर धक्का अब पहले से तेज पड़ रहा था और रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे चुदाई लोक को महका रही थी। आज सालो के बाद चुदाई लोक अपने पूरे शवाब पर था



तभी साहिल के टट्टो में भी उबाल आने लगा और उसने एक पागल सांड की तरह धक्के लगाने शुरू किए तो रूबी की चूत फिर से कांप उठी और दर्द और मस्ती से सिसक पड़ी

" आह साहिल, तेरी मा की चूत, हाय मेरी चूत, उफ्फ भगवान फट गई मेरी चूत, आह मा उफ्फ नईई।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकालते हुए फिर से एक तगड़े धक्के के साथ अंदर घुसा दिया और रूबी को अपनी बच्चेदानी हिलती नजर आईं और साहिल के मुंह से भी आह निकल पड़ी

" आह रूबी मेरी मम्मी तेरी चूत, मेरी रूबी की चूत चुद गई।


इस जोरदार धक्के के साथ ही रूबी की चूत ने भी फिर से अपना रस छोड़ दिया और रूबी का पूरा बदन कांप उठा। साहिल रूबी की पीठ पर ही गिर पड़ा और दोनो एक दूसरे की आंखो में देखने लगे। रूबी ने एक बार फिर से अपने बेटे का चूम लिया।
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Incestlala

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साहिल और रूबी दोनो ऐसे ही पड़े रहे और पानी की धार उनके उपर पड़ रही थी। रूबी को बहुत तेज भूख लगी थी लेकिन वो चाहती थी कि साहिल खुद उसे कहे। दोनो की सांसे अब नॉर्मल हो गई थी और साहिल रूबी के उपर से हट गया।

रूबी ने सुकून की सांस ली और शिकायती लहजे में बोली:"

" कोई अपनी मा को इस तरह प्यार करता हैं ज़ालिम, जान ही ले लेता आज तो तू मेरी।

साहिल ने रूबी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और उसकी चूचियां दबाते हुए बोला:"

" चुदाई से कभी किसी की जान नहीं जाती, अच्छा नहीं लगा क्या तुम्हे ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और पलटते हुए उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" अच्छा तो लगा बहुत लेकिन दर्द बहुत हुआ साहिल, पता नहीं कैसे तूने इसे इतना बड़ा कर कर लिया और उपर से इतनी तेज तेज धक्के मारता हैं।

साहिल ने उसका गाल चूम लिया और बोला:" सब तुम्हारे ही दूध का असर हैं मम्मी। ओह रूबी अभी तो सिर्फ शुरुवात हुई हैं, आगे आगे देखो होता हैं क्या ।

इतना कहते हुए साहिल ने उसकी गांड़ को मसल दिया तो रूबी के मुंह से आह निकल गई और साहिल की कमर में मुक्के मारने लगी।

साहिल:" ओह माई गॉड, मैं तो भूल ही गया आज आपका फास्ट था। भूख लगी होगी आपको।

रूबी:" अच्छा चलो आखिरी में तुम्हे याद अा ही गया।

साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और उठक बैठक करने लगा। रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" बस कर अब, अा चलते हैं।

इतना कहकर रूबी आगे चली तो उसे अपनी टांगो में दर्द का एहसास हुआ। सालो बाद हुई इस दमदार चुदाई के कारण उसकी चूत की फांके लाल हो गई थी। अपनी मम्मी को लंगड़ाते हुए देखकर साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:*

" क्या हुआ मम्मी आपको ?

रूबी:" शैतान सब कुछ जानकर भी अनजान बनता हैं, तूने मेरी फाड़ दी हैं अच्छे से।

साहिल को अब समझ आया कि रूबी चुदाई के कारण लंगड़ा रही हैं इसलिए वो बोला:"

" ओह मम्मी मुझे नहीं पता था आपको इतना दर्द होगा, आगे से मैं ध्यान रखूंगा।

रूबी ने अपने बेटे के भोलेपन को समझते हुए उसका मुंह चूम लिया और बोली:"

" चल पागल, इस दर्द के लिए तो हर औरत तरसती हैं। इस दर्द में भी एक अलग ही मजा हैं।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"

" मतलब अगली बार मैं फिर से तुम्हे ये दर्द दे सकता हूं। या इससे भी कहीं ज्यादा।

रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए उसे स्माइल दी और हाथ से उसका लंड दबा दिया। साहिल सब समझ गया और दोनो मा बेटे अब चुदाई लोक से निकल कर घर के अंदर अा गए थे।

रूबी ने नाईट पहन लिया और साहिल ने जल्दी से किचेन में जाकर मैगी बना दी और साहिल ने रूबी को अपनी गोद में बिठा लिया और अपने हाथ से खाना खिलाने लगा।

साहिल:" मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था। आज सुबह मैंने लीमा को देखा तो मैं हैरान हो गया।

रूबी:" अच्छा ऐसा क्या हुआ ?

साहिल:" मम्मी यकीन कर पाना मुश्किल हैं। लेकिन जो सामने हैं वो तो मानना पड़ेगा ही।

साहिल ने रूबी को बताया तो रूबी को जैसे यकीन ही नहीं हुआ और बोली:"

" हाय भगवान क्या ये सच हैं, ऐसा कैसे हो सकता है बेटा ?
मुझे यकीन नहीं हो रहा।

साहिल:" यकीन तो मुझे भी नहीं हुआ था, लेकिन वो ही सब सच्चाई बता सकती हैं। हमे उससे बात करनी चाहिए।

रूबी:' हान बेटा, अरे वो दोनो तो भूख से पागल हो गए होंगे।

साहिल:" मम्मी मैंने मैगी ज्यादा बना ली है। आप पहले खाओ फिर उनके पास चलते हैं।

रूबी ने खाना खाया और उसके दोनो मा बेटे नीचे तहखाने की तरफ चल पड़े। अंदर लीमा और अनूप दोनो का भूख के मारे बुरा हाल था।

साहिल ने दरवाजा खोला तो उसकी आंखो में चमक अा गई और दोनो खाना खाने लगे।
साहिल और रूबी दोनो बैठे हुए उन्हें देखते रहे। उनके खाना खाने के बाद साहिल बोला

साहिल:" लीमा मुझे कुछ जरूरी बात करनी थी।

लीमा की भूख शांत हो गई तो उसने चैन की सांस ली और बोली:"

" देखिए मैं आपको कुछ नहीं बता सकती, मैं मजबूर हू।

साहिल:" अरे तुम्हारा मन करे तो बताना नहीं तो मना कर देना। आओ मेरे साथ।

लीमा मजबूर थी इसलिए साहिल के साथ साथ चल पड़ी। अनूप धीरे से मरी हुई आवाज में बोला:"

" बेटा मुझे भी अपने साथ ले चलो।

अनूप के बोलते ही रूबी ने एक जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया और अनूप की बोलती बंद हो गई। लीमा की भी हालत खराब हो गई और साहिल ने तहखाने के गेट को बंद किया और उपर की तरफ चल दिया।

साहिल,रूबी और लीमा तीनो एक कमरे में बैठे हुए थे और साहिल ने एक बार अच्छे से इधर उधर देखा कि कहीं शांता तो नहीं है।

साहिल:" लीमा मेरी बात ध्यान से सुनो मुझे सब सच बोलना, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।

लीमा ने साहिल की तरफ देखा और कुछ बोली नहीं। साहिल समझ गया कि ये ऐसे नहीं मानने वाली इसलिए उसने सच्चाई बताने का फैसला किया।

साहिल लीमा की आंखो में देखते हुए बोला:"

" तुम्हारा असली नाम लीमा नहीं सपना हैं और तुम शांता की बेटी हो।

साहिल की बात खतम होते ही लीमा की आंखे हैरानी से खुल गई और डरते हुए बोली:"

" नहीं नहीं मैं कोई सपना वपना नहीं हूं, मैं किसी शांता को नहीं जानती।

साहिल ने लीमा का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" तुम डरो मत, में जानता हूं कि तुम झूठ बोल रही हो क्योंकि तुम्हारे कंधे पर बना निशान ये साबित कर रहा है कि तुम सपना हो। मैंने आज सुबह देखा था। मैं जानना चाहता हूं कि शांता कहां हैं ?

लीमा समझ गई कि साहिल को सब सच्चाई पता चल गई है इसलिए झूठ बोलने से कुछ फायदा नहीं होने वाला। सपना फफक कर रो पड़ी।

साहिल:" देखो अपने आपको संभालो, तुम्हारी मा हमारे यहां ही काम करती थी। मै उन्हें कुछ नहीं होने दूंगा। बताओ मुझे।

लीमा:" मेरी मा नीरज के कब्जे में है, उसके इशारे पर ही मैंने ये सब किया हैं। मेरी मजबूरी थी अपनी मा की जान बचाने के लिए मुझे ये सब करना पड़ा।

साहिल और रूबी चौंक गए।

साहिल:" इसका मतलब तुम्हारे मा को किडनैप करके उसकी जगह ज्योति को लाया गया तो साफ हैं कि शांता और नीरज मिले हुए हैं, रवि मिश्रा और प्रिया ये सब एक ही डौर से बंधे हुए हैं और उन्हें सबको अपने इशारे पर ज्योति नचा रही है।

रूबी ने अपना सिर पकड़ लिया और बोली:'

" है भगवान, सबसे मासूम दिखने वाली ही सबसे ख़तरनाक निकली, बेटा मैंने तो तुम्हे पहले ही बता दिया था कि शांता ने जान बूझकर प्रिया को भगाया हैं और वो जरूर शांता के साथ मिली हुई हैं तभी तो उसने ऐसा किया हैं।

साहिल पूरी तरह से सारी कहानी समझ गया था कि उस दिन जो रूबी ने उसे बताया था वो बिल्कुल ठीक था।

साहिल:" सपना ये बताओ तुम्हारी मा कहां हैं ?

लीमा:" मुझे नहीं पता, बस इतना पता है कि वो नीरज के कब्जे में हैं। मेरी मा को बचा लो साहब।

साहिल:" चिंता मत करो, उन्हें कुछ नहीं होगा। अब मैं वो करूंगा कि नीरज खुद तुम्हारी मा को लेकर आएगा। बस कल टेंडर का फैसला हो जाए।

रूबी:" लेकिन बेटा टेंडर तो हमारे हाथ नहीं लग सकता, तुमने बताया था कि वो सब कुछ बदल चुके हैं।

साहिल:" मा तुम्हारा बेटा इतना बेवकूफ नहीं हैं, अभी भी बाज़ी पूरी तरह से मेरे हाथ में हैं।

रूबी:" मैं समझी नहीं कैसे ?

साहिल:" लीमा मुझे तुम्हे वापिस अभी तहखाने में ही बंद करना होगा। लेकिन शांता मा को अब कुछ नहीं होने दूंगा।

साहिल ने फिर से लीमा की वापिस बंद कर दिया और अपनी मा के पास अा गया। दोनो मा बेटे बेड पर लेते हुए थे।

रूबी:" बताओ मुझे तुम कैसे टेंडर हासिल कर लोगे ?

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मा मैं जानता था कि ये सब हो सकता है इसलिए मैंने पहले ही बाहर दूसरी कंपनी से बोंड कर दिया था और टेंडर के असली सैंपल वहां बन गए हैं। ये सारा खेल जान बूझकर खेला गया ताकि उन्हें बेवकूफ बना सकू।


रूबी की आंखे में अपने बेटे के लिए तारीफ साफ दिखाई दी और उसका मुंह चूम कर बोली:"

" सच में कितना तेज निकले तुम, साहिल मुझे तुम पर गर्व हैं। मेरी किस्मत अब तुम मेरे पति हो।

इतना कहकर रूबी ने अपने होंठ साहिल के होंठो पर रख दिए। साहिल ने अपनी मा के होंठो को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। एक बार फिर से दोनो के कपड़े उतरते चले गए और रूबी बिल्कुल नंगी अपने बेटे की बांहों में मचल रही थी।

साहिल ने रूबी की चूत में एक उंगली घुसा दी तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने साहिल का लंड पकड़ कर दबा दिया और अपनी टांगे खोल दी।

साहिल रूबी के उपर अा गया और उसकी चूत के मुंह पर लंड को सेट किया और एक धक्का लगाया तो आधा लंड रूबी की चूत में घुस गया और रूबी के मुंह से फिर से दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगी

" आह उफ्फ साहिल, कितना मोटा लन्ड हैं, हाय मेरी चूत,

साहिल ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया और रूबी का बदन एक बार फिर से दर्द से ऐंठता चला गया।

" आह मार दिया, उफ्फ हाय राम, कितना बेरहम हैं तू और तेरे लॉला। आह पूरा घुस गया

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए और देखते ही देखते रूबी की मजा आंने लगा उसकी सिसकियां फिर से गूंज उठी। साहिल जितनी जोर से धक्का मारता रूबी भी अपनी गांड़ उपर की तरफ उठा देती। दोनो पसीने पसीने हो गए लेकिन कोई हार मानने को तैयार नहीं था।

साहिल ने रूबी की चूत को उंगली से सहला दिया और रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और वो कसकर साहिल से लिपट गई और साहिल ने तक तगड़े धक्के के साथ उसकी चूत को हिला दिया और दोनो मा बेटे एक साथ झड़ते चले गए। साहिल रूबी की चूचियों पर गिर पड़ा और रूबी उसकी कमर सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद दोनों नींद के आगोश में चले गए।

रूबी और साहिल दोनो उठ गए थे और आज उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था क्योंकि आज टेंडर के लिए सैंपल जमा होने थे ताकि आगे काम शुरू किया जा सके।

रूबी:" साहिल बेटा सब कुछ ध्यान से करना, मुझे आज किसी भी कीमत पर जीत चाहिए।

साहिल:" मम्मी आप चिंता मत करो, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि आपको हर कीमत पर जीत चाहिए ?

रूबी:" बेटा मैं चाहती हूं कि जीतकर हम ये सब कुछ को कभी हमारा था ही नहीं उसे फिर से वापिस शांता यानी ज्योति को दे दे और हमारे बड़ों से जो गलती हुई हैं उसका थोड़ा सा प्रायश्चित कर सके।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मुझे खुद भी अच्छा नहीं लगता ये सब। आप बेफिक्र रहे आज मै जीतकर ही वापिस आऊंगा।

दोनो बात कर ही रहे थे कि गेट खुला और शांता अंदर दाखिल हुई। शांता धीरे धीरे चलती हुई उनके पास अा गई और आज उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी, चमक नजर आ रही थी।
साहिल समझ गया कि ये सब इसलिए हैं क्योंकि वो जानती है कि मैं टेंडर हार जाऊंगा।

साहिल और रूबी दोनो ने शांता के पैर छुए और शांता ने उनके सिर पर हाथ रख दिया और बोली:"

" बेटा आज तो शायद तुम्हारा टेंडर का रिजल्ट हैं ना।

साहिल:" जी मा जी, मुझे आश्रीवाद दीजिए ताकि मैं जीत कर अा सकू।

शांता के चेहरे की चमक एकदम से गायब हो गई क्योंकि वो चाहकर भी उसे आशीर्वाद नहीं दे सकती थी लेकिन अब कर भी कहा सकती थीं।

शांता:" भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा।

रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गईं और वो चुपचाप किचेन में चली गई। साहिल अपने कमरे में अा गया और जरूरी काम में लग गया। शांता भी पोचा उठाकर सफाई में लग गई।

रूबी ने नाश्ता तैयार किया और फिर जल्दी ही शांता और रूबी के साथ साथ साहिल भी नाश्ता कर रहा था।

साहिल:" शांता मा आज मम्मी मेरे साथ जाएगी मीटिंग में और आप घर ही रहेगी।

रूबी खुश हो गई लेकिन साथ ही साथ उसे इस बात की फिक्र थी कि कहीं शांता पीछे कुछ गडबड ना कर दे। लेकिन आराम से खाना खाती रही। शांता नाश्ता करने के बाद अपने कमरे में बाहर कि तरफ अा गई और साहिल और रूबी दोनो अंदर तहखाने में चले गए।

अनूप और लीमा दोनो ने नाश्ता किया और अनूप एक बार फिर से रूबी के पैरो में गिर पड़ा और माफी मांगने लगा। लेकिन रूबी उसे नजर अंदाज करते हुए बाहर अा गई।

रूबी ने घर को बाहर से बंद किया और साहिल अपनी गाड़ी निकाल चुका था और रूबी उसमे बैठ गई। शांता अपनी जासूस नजरे गड़ाए हुए दोनों को देख रही थी।

साहिल ने सबसे पहले अपने आपको बदला और अनूप के रूप में अा गया। उसके बाद दोनो दोनो ऑफिस की तरफ चल दिए। रूबी को ऑफिस में देखते ही दुबे जी गदगद हो गए और रूबी ने उनकी उम्र का लिहाज करते हुए प्यार से उनको नमस्कार किया।

साहिल:" दुबे जी मुझे ये सभी सामान चाहिए ताकि हम आज की जंग जीत सके।

दुबे:" बेटा देख लो एक बार मैंने पहले ही सब कुछ तैयार कर दिया है जैसा तुमने कहा था।

साहिल ने सारी चीज़े एक के एक चेक करी और बोला:"

" वाह दुबे जी , आप ने बहुत ही अच्छा काम किया हैं। जब तक आप जैसे अनुभवी साथी मेरे साथ हैं तो मुझे क्या दिक्कत होगी। अच्छा रवि मिश्रा का क्या हुए?

दुबे: रवि मिश्रा कल वापिस अा गया हैं लेकिन उसकी तबियत थोड़ी खराब हैं। लगता हैं बेचारे को गोवा की ठंड लग गईं हैं।

साहिल ने होंठो पर स्माइल अा गई और दुबे जी इसका पीछे का रहस्य नहीं जानते थे और सोच में पड़ गए।

साहिल:" ज्यादा सोचिए मत आप, आज आपको ही पूरे दिन सब कुछ देखना होगा। मैं शायद टेंडर के बाद सीधे घर चला जाऊंगा ।

दुबे: ठीक हैं बेटा, आप चिंता ना करे, मैं सब देखा लूंगा।

साहिल और रूबी टेंडर के लिए निकल गए। साहिल ने एक नंबर पर फोन किया और अगले ही मोड़ पर उन्हें एक लड़का जिसे साहिल ने डील करी थी मिल गया और सारे सैंपल साहिल को सौंप दिए।

साहिल:* दोस्त मैं तुम्हारा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता।

लड़का ने एक नजर रूबी पर डाली और :" इसमें एहसान की कोई बात नहीं है अनूप जी, ये तो बिजनेस हैं यहां फायदा दिखता हैं आदमी अपने आप घूम जाता हैं।

साहिल ने उसे स्माइल दी और अपनी गाड़ी अपने लक्ष्य की तरफ दौड़ा दी। रूबी को पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लग रहा था, उस लड़के के देखने का नजरिया बहुत ही गंदा था।

रूबी:" साहिल मुझे ये लड़का अच्छा नहीं लगा, इसकी नजर मुझे बड़ी खराब लगी। हमे इस पर यकीन नहीं करना चाहिए।

साहिल ने रूबी की आंखो में एक पल के लिए देखा और स्माइल करते हुए बोला:"

" मेरी जान रूबी तुम्हारे हुस्न के आगे अच्छे अच्छे की नीयत और नजर खराब हो जाती हैं। फिर ये बेचारा किस खेत की मूली हैं।


रूबी ने साहिल को फीकी सी स्माइल और और तभी उसकी नज़र सामने से अा रही कार पर पड़ी और डरते हुए बोली:"

" साहिल सामने देखो बेटा।

साहिल ने सामने देखा और कार को बिल्कुल अपने पास देखकर बौखला गया और ब्रेक मारते हुए बचने की कोशिश करी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

एक जोरदार आवाज के साथ दोनो गाडियां टकरा गई। साहिल और रूबी को एक झटका सा लगा लेकिन शायद उनका समय अच्छा था और दोनो की जान बच गई।

साहिल हल्का सा घबराते हुए बाहर निकला और देखा कि गाड़ी का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। वहीं सामने वाला भी ठीक था।

दोनो ने एक दूसरे को इज्जत और प्यार से देखा और सोरी बोला और उसके बाद साहिल अपनी गाड़ी में आकर बैठ गया और कार स्टार्ट करने लगा तभी उसकी नज़र पीछे पड़ी और और साहिल को लगा कि जैसे वो कोई सपना देख रहा है और उसके मुंह से हैरानी भरे शब्द निकले

* नहीं भगवान, ये नहीं हो सकता।

रूबी तुरंत पीछे घूम गई और देखा कि उस लड़के ने जो टेंडर सैंपल साहिल को दिए थे वो हल्के से झटके से ही टूट गए थे। रूबी की भी हालत खराब हो गई।

रूबी:" वो कमीना भी धोखा दे गया, अब क्या होगा साहिल।

साहिल के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। उसे समझ में नहीं अा रहा था कि अब क्या किया जाए। साहिल ने अपने निराशा में अपना माथा पकड़ लिया और अपनी आंखे बंद कर ली। उसे कुछ रास्ता नजर नहीं आ रहा था।
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रूबी साहिल को ऐसे उदास देखकर टूट सी गई लेकिन वो जानती थी कि अपने बेटे की आखिरी हिम्मत वहीं हैं इसलिए खुद को संभाल कर बोली:"

" साहिल ऐसे परेशान होने से कुछ नहीं होगा। उठो अभी तो टाइम बाकी हैं हमारे पास, हम अपनी आखरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे।

साहिल ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया और रूबी की तरफ देखा और उसे रूबी की आंखो में दुख के साथ साथ चमक नजर आईं और बोला:"

" हान मम्मी, हम ऐसे हार नहीं मान सकते, हम हर हाल में जीत कर ही दम लेंगे।

रूबी ने साहिल का माथा चूम लिया और उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोद में रख लिया। साहिल ने उस लड़के का नंबर मिलाया जिससे उसने डील करी थी जिसका नाम आबिद था।

साहिल:" ये सब क्यों किया मेरे साथ तुमने ? मैंने तो तुम्हे आधे का पार्टनर भी बना दिया था।

आबिद:" मैं सिर्फ अपना फायदा देखता हूं, तुम मुझे आधा दे रहे थे अच्छे सैंपल के लिए और दूसरी पार्टी ने मुझे पूरा टेंडर दे दिया। अब तुम्हीं बताओ मैं क्या करता।

साहिल समझ गया कि ये सब नीरज का किया धरा हैं इसलिए गुस्से से बोला:"

" तुम्हारे लिए जुबान की कोई कीमत नहीं, अपने वादे कोई मायने नहीं रखते।

आबिद:" आवाज नीचे रखकर बात करो, मुझे सिर्फ पैसा अच्छा लगता हैं। वादे जुबान ये सब बाते किताबो में ही अच्छी लगती है।

साहिल:" तुम एक बेहद ही घटिया और नीच किस्म के इंसान निकले।

आबिद:" बकवास मत करो, बिजनेस में सब चलता हैं। भाड़ में जाओ तुम।

इतना कहकर आबिद ने फोन काट दिया। साहिल का मूड पूरी तरह से खराब हो गया और उसने रूबी को सारी बाते बताई।

रूबी उसे समझाते हुए बोली:"

" बेटा आजकल नीच और बुरे लोगो का ही बोलबाला हैं। लेकिन हर पाप का घड़ा भरता हैं और इनके सब पाप का भी घड़ा भर चुका हैं। कोई ना कोई रास्ता निकाल आएगा। चलो गाड़ी चलाओ।

साहिल ने उदास मन से गाड़ी को आगे बढ़ा दिया और दुबे जी को कॉल किया।

साहिल:" दुबे जी मैं आपको एक लिस्ट भेज रहा हूं। आप उसके हिसाब से सामान लेकर खुद ही अा जाओ।

दुबे:" ठीक हैं बेटा।

साहिल ने फोन काट दिया और टेंडर ऑफिस के बाहर ही दुबे का इंतजार करने लगा। रूबी और साहिल दोनो गाड़ी से बाहर अा गए और दोनो खड़े हुए आपस में बात कर रहे थे।


तभी साहिल का फोन बज उठा और साहिल ने देखा कि आरव का नंबर था इसलिए वो कार के दूसरी तरफ चला गया और बात करने लगा। रूबी वहीं खड़ी हुई कुछ सोच रही थी।


तभी एक कार वहां आकर रूकी और उसका दरवाजा खुला और उसमे से एक करीब चालीस साल का गोरा बिल्कुल सुंदर लेकिन गंजा आदमी बाहर निकला जिसके साथ कुछ गार्ड भी थे।
अंदर जाते जाते उसकी नजर रूबी पर पड़ी और वो एक पल ही में ही पहचान गया कि ये तो वहीं योग के लिए प्रसिद्ध रूबी हैं।

आदमी जिसका नाम सुनील था एक पल के लिए ठिठका और उपर से नजर तक एक भरपूर नजर उसने रूबी के जिस्म पर डाली और रूबी को जैसे ही उसका आभास हुआ तो आदमी हल्का सा सकपका गया और स्माइल करते हुए बोला

" अरे आप रूबी मैडम हैं ना, वही जो योगा के लिए प्रसिद्ध हैं।

रूबी इतना तो समझ गई थी कि ये आदमी उसे जानता हैं। उसके हाव भाव से ही लग रहा था कि ये आदमी जरूर कोई पहुंचा हुआ हैं और खुद ही उससे बात कर रहा है तो रूबी भी स्माइल करते हुए बोली:"

" जी वही हूं। आपकी तारीफ ?

सुनील को रूबी की स्माइल देखकर हिम्मत अा गई और उसने एक बार फिर से रूबी के जिस्म को प्यासी नजरो से घूरा और बोला:"

" बंदे को सुनील कहते हैं। आपकी फिटनेस का दीवाना हूं। अब सिर्फ टीवी और फोटो में देखा था आज आपको देखा तो एहसास हुआ कि वो कुछ भी नहीं था आप ऐसे ज्यादा सुन्दर लगती हैं। सच में कोई भी आपको देख आपकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता। मेरे ख्याल से आप 32 की होगी।

हर औरत को अपनी तारीफ पसंद होती हैं और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। रूबी खुश हो गई और बोली:"

" जी नहीं, मेरी उमर 39 साल हैं। वैसे आप भी धोखा खा गए।

सुनील स्माइल करते हुए बोला:"

" वैसे आप दुनिया की पहली औरत हैं जो अपनी सही उम्र बता रही है नहीं तो औरतें अपने आपको बहुत छोटी बताती हैं वैसे आप यहां क्या कर रही हैं ?

रूबी:" मेरे पति अनूप श्री वास्तव जी का एक टेंडर पास हुआ था जिसके आज सैंपल पास होंगे। उनके जी साथ अाई हूं।

सुनील हैरानी से :" अच्छा आप अनूप जी की पत्नी हैं, जितनी अच्छी किस्मत हैं उनकी जो इतनी अच्छी, सुंदर और बिल्कुल क़यामत, रति जैसी बीवी मिली है।

रूबी समझ गई कि ये आदमी बहुत बड़ा फेंकू और उस पर मोहित हो गया है। रूबी

" थैंक्स, लेकिन ये बहुत ज्यादा तारीफ हो गई। वैसे आप भी यहां किसी टेंडर के लिए आए हैं या फिर कुछ और काम हैं ?

सुनील के होंठो पर तीखी स्माइल अा और और बोला:"

" बंदा अपनी क्या तारीफ करे मैडम, थोड़ी देर बाद आपको खुद ही पता चल जाएगा। जाते हुए एक बार मिलकर जाना मुझसे आप शाम को।

इतना कहकर स्माइल करते हुए सुनील अंदर घुस गया। रूबी वहीं खड़ी हुई उसे जाते हुए देखती रही। रूबी को लग रहा था कि शायद ये आदमी उसकी मदद कर सके लेकिन वो उस आदमी की नजरे भली भांति समझ गई थी इसलिए साहिल को देखने लगीं ।


साहिल दुबे से बात कर रहा था और एक बार फिर से सभी सैंपल अा गए थे। लेकिन रूबी जानती थी कि ये सभी बिल्कुल नकली सामान हैं और फैल हो जायेगा। दुबे सैंपल देकर वापिस चला गया और रूबी चलते हुए साहिल के पास अाई और बोली:"

" बेटा क्या इससे काम बन जाएगा। ये सब तो बिल्कुल खराब क्वालिटी के है।

साहिल:" मम्मी अब क्या करू, मेरी तो कोई जान पहचान भी नहीं हैं। शायद इससे कुछ जुगाड हो जाए क्योंकि ना होने से कुछ तो होना बेहतर हैं।

रूबी:" चलो देखते हैं जो किस्मत में होगा देखा जाएगा।

दोनो अंदर की तरफ चल दिए और सैंपल जमा करने के बाद नीचे हॉल में अा गए। अभी मीटिंग शुरू होने में करीब 15 मिनट बाकी थीं साहिल जैसे जी अंदर घुसा तो उसकी नजर नीरज पर पड़ी और नीरज के ठीक बराबर में शांता यानी ज्योति बैठी हुई थी बिल्कुल अपने असली रूप में। साहिल के मन में अब कोई शक नहीं रह गया था कि नीरज ज्योति का ही एक मोहरा हैं। साहिल जो कि अनूप बना हुआ था उसने नीरज को स्माइल दी और नीरज रूबी को देखते ही बनती अपनी सीट से उठ गया और साहिल के पास अा गया और बोला:"

" कैसे हो भाई ? उस रात के बाद आए नहीं आप ? सैंपल अच्छे बने है ना आपके ?

साहिल:" सब अच्छे से हो गया हैं। देखो आगे क्या होता हैं

तभी नीरज ने रूबी की तरफ देखने का नाटक किया और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला:"

" प्यारी भाभी जी नमस्कार, कैसी हैं आप ?

रूबी ने उसे खा जाने वाली नजरो से घूरा और फिर अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए बोली:"

" अच्छी हू, आप बताए

नीरज:" बस भाभी आपके दर्शन हो गए तो दिल को सुकून मिल गया। वैसे आप हमेशा की तरह आज भी बेहद खूबसूरत लग रही है सच में।

रूबी :" जी थैंक्स।

तभी सरकारी ऑफिसर आने लगे और नीरज अपन जगह पर जाकर बैठ गया। रूबी साहिल के पास बैठ गई और बोली:"

" कितना नीच कुत्ता हैं ये नीरज, बाहर मिलता तो इसका मुंह तोड़ देती।

साहिल:" मम्मी ध्यान से देखना इसके बराबर में जो औरत बैठी हुई हैं वहीं शांता यानी ज्योति हैं।
लेकिन अपनी उसकी तरफ मत देखना आप। शक हो गया तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" ये भगवान, मतलब हम सही सोच रहे थे। हमारे साथ सब कुछ इसी ज्योति के इशारे पर हो रहा हैं।

रूबी की बड़ी इच्छा हो रही थी कि एक बार गर्दन घुमा कर ज्योति को देखे लेकिन वो मजबुर थी इसलिए सीधे बैठी रही। रूबी अपने दुश्मन को सामने होते हुए भी नहीं देख पा रही थी और उसे अपनी बेबसी पर तरस अा रहा था।

तभी स्पीकर पर एक एक आवाज गूंज उठी

" सभी लोग शांति के साथ बैठ जाएं। टेंडर समिति के अध्यक्ष आपके समक्ष पधार रहे हैं।


तभी सभी ऑफिसर अा गए और अभी भी बाद एक कुर्सी खाली थी जो कि बॉस के लिए थी। दरवाजा खुला और सुनील अंदर दाखिल हुआ और आकर बॉस की कुर्सी पर बैठ गया और एक साथ सारे लोग उसके सम्मान में खड़े हो गए।

रूबी हैरान हो गई कि जिस आदमी से वो बाहर बाते कर रही थी वो कोई और नहीं बल्कि टेंडर समिति का अध्यक्ष था। सुनील अपनी जगह पर बैठ गया और लोगो को उसने बैठने का इशारा किया और सभी लोग एक एक करके बैठ गए। सुनील ने वहां मौजूद सभी लोगो पर नजरे दौड़ाई और उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसकी आंखे खुशी से खिल उठी।

सुनील:" आज की कार्यवाही शुरू की जाए। सबसे पहले आप सभी बारी बारी से आए और अपने सामान का प्रदर्शन करते हुए उसकी अच्छाई बताए।

एक के बाद लोग जाने लगे और अपने सामान की क्वालिटी बताने लगे। रूबी ध्यान से सुन रही थी और साहिल से धीमी आवाज में बोली

" साहिल जब हमारा नंबर आएगा तो मैं स्टेज पर जाऊंगी तुम नहीं।


साहिल:" लेकिन आप तो इसके बारे में कुछ नहीं जानती। आप नहीं बता पाओगी।

रूबी:" मेरी बात मानो और मेरे हिसाब से काम करो। तुम मुझे हमारे सामान की क्वालिटी की फाइल दो ताकि मैं देख सकूं

साहिल:" लेकिन मम्मी उससे कोई फायदा नहीं होगा, फाइल के हिसाब से एक भी क्वालिटी हमारे सामान में नहीं हैं।

रूबी:" तुम ज्यादा मत सोचो और मुझे फाइल दो। बाकी मुझे क्या करना हैं वो मैं खुद देख लूंगी।

साहिल ने चुपचाप फाइल रूबी की तरफ बढ़ा दी और रूबी ध्यान से फाइल देखने लगी। बीच बीच में वो नजर उठा कर सुनील की तरफ देख रही थी। सुनील भी उसे देख रहा था कभी कभी लोगो की नज़रे बचाते हुए और ये बात साहिल से ना छुपी रह सकी। साहिल को ये सब देखकर अच्छा नहीं लगा और उसने धीरे से रूबी को बोला:"

" मम्मी वो अध्यक्ष सुनील बार बार आपकी ही तरफ देख रहे हैं और आप जी उन्हें ही देख रही हो। क्या वो आपको जानते हैं ?

रूबी:" बेटा जब तुम बाहर दुबे जी से बात कर रहे थे तो वोट मुझे बाहर मिले थे और पहचान लिया कि मैं योगा वाली रूबी हूं। बोल रहे थे कि मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।

साहिल:" अच्छा ये तो ठीक हुआ, अब शायद काम बन जाएगा। लेकिन इतना आसान नहीं हैं सब कुछ।

रूबी धीमे से बोली:"

" साहिल अभी तुमने मुझे ठीक से समझा ही कहां हैं, मैं अगर अपनी पर अा जाऊ तो दुनिया हिला दू फिर ये सुनील किस खेत की मूली हैं साहिल।

साहिल:" लेकिन मम्मी वो आपको गलत नजर से देख रहा हैं और ये मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं बिल्कुल भी।

रूबी:' देखने दो, वैसे भी आज कल लड़की को सही नजर से देखता ही कौन हैं ।

इससे पहले कि साहिल कुछ बोलता स्टेज पर उनका नंबर अा गया और रूबी अपनी फाइल लेकर अाई बढ़ गई। साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि उसकी मम्मी क्या करने जा रही है जिससे वो टेंडर हासिल कर सकेगी।

रूबी धीरे धीरे मटकटी हुई स्टेज की तरफ बढ़ गई और उसकी गांड़ अपने पूरे शवाब पर थी, रूबी की नज़रे सुनील के चेहरे पर टिकी हुई थी और बाकी सभी की नजरें रूबी की गांड़ पर।

रूबी जानती थी कि पीछे बैठे सभी उसकी गांड़ को निहार रहे होंगे इसलिए उसने बेफिक्र होते हुए सुनील को एक कातिल मुस्कान दी और स्टेज पर चढ़ गई। सुनील की आंखे खुली की रह गई, जितना उसने रूबी के बारे में सुना था फोटो में देखा था उससे कहीं ज्यादा कमाल का जिस्म था रूबी का। रूबी की कामुक अदाएं देखकर सुनील को महसूस हो रहा था मानो वो उसके लिए ही अपनी गांड़ हिला रही है।

रूबी स्टेज के बीच में खड़ी हुईं थीं और उसने एक बार सब पर नजर डाली और उसने पहली बार ज्योति का चेहरा ध्यान से देखा। ज्योति सुंदर तो थी ही लेकिन उसकी आंखे बहुत खतरनाक लग रही थी।

रूबी ने सिर्फ एक पल के लिए उसे देखा और अपनी नजरे हटा ली और अगले ही पल अपने आपको बोलने के लिए तैयार करने लगी। रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और चेहरे पर एक गजब का आत्म विश्वास साफ झलक रहा था।

रूबी ने अपने दोनो हाथ अभिवादन की मुद्रा में जोड़ दिए और बोली

:" सबसे पहले तो तो आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मैं अध्यक्ष सुनील सर और दूसरे अधिकारियों की बहुत बहुत आभारी हूं कि आपने पहली बार देश में टेंडर का आयोजन किया और देश के आत्म निर्भर बनाने में एक बहुत ही बड़ा सहयोग दिया हैं। मैं आपको बताना चाहती हूं कि हमारी कंपनी पिछले 20 सालो से अपनी अच्छी गुणवत्ता के लिए एक अलग पहचान रखती हैं और उसी को आधार मानते हुए हमने कुछ सैंपल बनाए हैं जो मैं आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं।


इतना कहकर रूबी ने सभी अधिकारियों के आगे बल्ले, गेंद, और पूरी क्रिकेट किट रख दी। सबसे आखिर में उसने सुनील के आगे एक बड़ा सा बल्ला रखा दिया जो कि फुल साइज था।

रूबी ने स्माइल देते हुए बेहद धीमे से कहा:"

" सर ये बिल्कुल आपके साइज का बल्ला हैं, इससे आम बेहद आराम से चौके छक्के जड़ सकते हैं वो भी पूरी पारी खेलते हुए। बस इस बल्ले की मार झेलने के लिए आपको मोटी और मजबूत गेंद की जरुरत होगी।

रूबी ये बोलकर अपनी गांड़ मटकाए हुए फिर से चल दी और सुनील के दिमाग में धमाका सा हुआ। वो समझ गया था कि रूबी उसे सीधे सीधे ऑफर दे गई है। अपनी लंड की तुलना बड़े बल्ले से किए जाने पर वो गदगद हो उठा और वो पूरी तरह से रूबी पर फिदा हो गया।

स्टेज पर लगी बड़ी स्क्रीन पर रूबी के द्वारा दिया गया सभी सामान दिखाया जा रहा था और रूबी जानती थी कि उसका खेल खत्म होने वाला हैं तभी उसने एक नई चाल और चल दी।

रूबी ने बल्ले को हाथ में उठाया और हत्थे को थोड़ा नीचे से पकड़ते हुए बोली:"

" देखिए सर ये वजन में ही बहुत ही हल्का हैं लेकिन इसकी मजबूती अपने आप में शानदार हैं और मैं एक औरत होने के बाद इसे बिल्कुल आसानी से उठा सकती हूं और इससे खेल सकती हूं।

इतना कहकर रूबी बल्ले को हवा में उठाने लगी और अलग अलग मुद्रा में फोटो देने लगी। स्क्रीन पर क्या चल रहा हैं सभी अधिकारी भूल गए और सब रूबी को ही देख रहे थे।

टाइम पूरा हो गया तो रूबी स्टेज से नीचे उतर गई और उसी अंदाज में चलते हुए अपनी सीट पर अा गई। साहिल पूरी तरह से खुश हो गया था और वो बोला:"

" वाव मम्मी आपने तो कमाल कर दिया, सच में बहुत ही अच्छा काम किया आपने। देखो आगे क्या होता हैं ।

रूबी:" होना क्या है साहिल ये टेंडर हमे मिल जाएगा आराम से तुम खुश हो जाओ।

साहिल:" हान मम्मी लगता हैं ऐसा ही हैं। अच्छा आप बैठो मैं वॉशरूम से होकर आता हूं।

साहिल उठा और बाहर की तरफ चला गया तो उसके जाते ही रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और सुनील का कार्ड भी को उसने बाहर बात करते हुए दिया था। रूबी ने नंबर को सेव किया और व्हाट्स एप पर सुनील की डीपी देखते ही मेसेज किया

" सर प्यार भरा नमस्कार, आप बहुत सेक्सी लग रहे हैं। कैसी रही मेरी परफॉर्मेंस ?

सुनील का मोबाइल बीप किया और उसने देखा कि एक नए नंबर से मेसेज था लेकिन रूबी की डीपी पर लगी फोटो देखते ही वो सब समझ गया और लिखा

" सेक्सी तो आप लग रही है रूबी जी, दीवाना बना दिया आपने, सच में आपकी परफॉर्मेंस सबसे अच्छी थी, मैं तो ये कहूंगा कि सामान से कहीं ज्यादा मुझे आप आपका अंदाज, आपकी बाते, आपके चलना पसंद आया।

रूबी समझ गई कि तीर सजी निशाने पर लगा हैं इसलिए आगे लिखा:'

" सर मेरी खुश किस्मती की आपको ये सब पसंद अाया। सर क्या मुझे टेंडर मिल जाएगा ?

सुनील समझ गया कि रूबी उसे रिझाकर अपना काम करवाना चाहती है इसलिए सुनील ने लिखा

" टेंडर पास तो हो जाएगा लेकिन एक दिक्क्त हैं रूबी जी, बल्ला ज्यादा भारी और मजबूत हैं जबकि गेंद हल्की हैं शायद झेल ना पाए।

इतना कहकर सुनील के अपने लंड के उभार का एक फोटो रूबी को भेज दिया और रूबी यही सब तो चाह रही थी। रूबी ने लिखा

" सर आपका बल्ला सच में बहुत भारी हैं लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं हूं। आराम से इस बल्ले से खेल सकती हूं। वैसे भी मेरी पास गेंदों की कोई कमी हैं। बस आप एक बार मुझे टेंडर दीजिए, बाल आपकी।

इतना कहकर रूबी फोन को अपने मुंह के पास रखा और दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को उभारते हुए एक फोटो खींच लिया और सुनील को भेज दिया

सुनील के तो जैसे होश ही उड़ गए। वो समझ गया कि रूबी उससे आराम से चुद जाएगी। साहिल आकर अपनी सीट पर बैठ गया और दोनो की बाते रुक गई।

एक एक करके सभी नंबर अा गए और सभी ने अपना सामान दिखा दिया। लंच का समय हो गया और सभी लोग खाना खाकर फिर से हॉल में बैठ गए और सभी अधिकारी लोग अपने अपने ऑफिस में जा चुके थे।

रूबी और साहिल भी अंदर अा रहे थे कि तभी रूबी की नजर सुनील के ऑफिस पर पड़ी और बोली:"

" साहिल तुम चलो मैं एक बार सुनील सर से मिलकर आती हूं।

साहिल ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और इससे पहले की वो कुछ बोलता रूबी अंदर घुस गई। साहिल चुपचाप अपनी सीट पर आकर बैठ गया।

रूबी को अपने ऑफिस में घुसते देखकर सुनील घबरा उठा और बोला:'

" क्या गजब कर रही हो रूबी जी, किसी ने आपको यहां देख लिया तो मुसीबत अा जाएगी।

रूबी आगे बढ़ी और पेंट के उपर के उपर से ही उसका लंड सहलाते हुए बोली:"

" सर आपका बल्ला सच में बहुत तगड़ा हैं, मेरे पास गेंद की
कोई कमी हैं, देखो ना उपर भी है और नीचे भी।

अपनी चुचियों का उभार दिखाते हुए रूबी पलट गई और झुक कर सुनील के लंड के आगे अा गई। सुनील की हालत खराब हो गई और उसकी गांड़ को ललचाई नज़रों से देखते हुए बोला:"

" रूबी जी टेंडर अापका, बस मुझे गेंद देनी होगी जी भर कर खेलने के लिए।

रूबी ने एक हाथ पीछे लाते हुए अपनी गांड़ को सहलाया और सिसक उठी

" आह सर, ये गांड़ आपके बल्ले के नाम, बस आज आप मुझे खुश कीजिए फिर देखिए मै बार बार आपको खुश करूंगी ।


सुनील:" ठीक हैं, अपना वादा याद रखना तुम। अब जाओ बाद में कॉल करूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका काम हो गया है इसलिए वो बाहर निकल गई और हॉल में बैठ गई। साहिल ने अपनी मा को देखकर राहत की सांस ली और थोड़ी देर बाद ही सभी अधिकारी अा गए और सभी लोग दम साधे टेंडर का इंतजार का रहे थे।

सुनील:" आप सभी का मैं आभारी हूं कि आपने यहां आकर टेंडर में भाग लिया। सभी के सामान एक से बढ़कर एक अच्छी गुणवत्ता के हैं। मैं जानता हूं कि हमारे देश में लड़कियो के खेलने का लेवल इतना अच्छा नहीं हैं। और आज जिस तरह से रूबी की ने हमे समझाया हैं उससे एक बात तो साफ हो गई हैं कि लकड़ियां इनकी बातो पर ध्यान देगी और खेल का स्तर ऊंचा होगा। सामान भी इनका बहुत अच्छा है। मैं ये टेंडर रूबी जी को देता हूं

सारा हॉल तालियों से गूंज उठा और साहिल और रूबी के चेहरे खुशी से चमक गए।

सुनील:" लेकिन मेरी एक शर्त हैं रूबी जी, जब भी हमें कहीं खेल को बढ़ावा देना होगा खासतौर से लड़कियो के खेल को तो आपको आना पड़ेगा। आप युवाओं के लिए मॉडल हैं। योगा आप अच्छा सिखा सकती हैं जिससे खिलाड़ी रोगमुक्त हो जायेंगे।

रूबी समझ गई कि सुनील अपनी चाल चल गया हैं इसलिए रूबी अपनी सीट से खड़ी हुई और बोली:"

" सर मैं वादा करती हूं कि सभी को योगा सिखाना मेरी जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही साथ में खुद युवाओं के बीच जाऊंगी और उन्हें खेल के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

सुनील:" धन्यवाद रूबी जी। आज का कार्यकर्म यहीं खत्म होता है।

साहिल और रूबी खुश थे वहीं दूसरी तरफ नीरज और ज्योति को लग रहा था कि मानो उनकी दुनिया की उजाड़ दी गई है। ज्योति की आंखो में अंगारे साफ चमक रहे थे और वो जानती थी कि आज उसके हाथ से एक बहुत बड़ा मौका निकल गया है। रूबी ने अपना जादू दिखाकर टेंडर हासिल कर लिया और उसकी सारी योजना धरी की धरी रह गई।

नीरज ने ज्योति को शांत रहने का इशारा किया और साहिल यानि अनूप के पास अा गया।

नीरज:" बहुत बहुत मुबारक हो दोस्त। मैंने कहा था ना कि मैं ये टेंडर तुम्हे हर हाल में दिलवा दूंगा।

साहिल:" सच में यार तुमने अपना कहा पूरा किया। दोस्त हो तो तुम्हारे जैसा।

नीरज:" लेकिन मैं तुमसे नाराज हू भाई। तुमने अपना वादा पूरा नहीं किया, तुम्हे याद हैं ना।

साहिल की आंखे में थोड़ा पल के लिए उभर अाया लेकिन अगले ही पल की खुद को काबू करते हुए बोला

" आप फिक्र मत करो, देखना मैं कैसे अपना वादा पूरा करता हूं।

तभी स्टेज पर साहिल का नाम पुकारा गया और वो आगे बढ़ तो नीरज ने अपने दोनो हाथ फिर से रूबी के आगे जोड़ दिए और बोला:"

" भाभी आपके फिगर का जवाब नहीं। हमे भी थोड़ा योगा सिखा दो तुम।

रूबी:" मैं तुम्हे खूब समझती हू नीरज और तुम्हारी नज़र को भी। लेकिन तुम्हे कुछ हाथ नहीं लगने वाला हैं। अपने आपको सुधार लो तो तुम्हारे लिए बेहतर होगा।

नीरज:" अरे भाभी जी आप तो बुरा मान गई। थोड़ी लचक हमे भी दिखा दीजिए ना।

रूबी ने उसे घूरकर देखा और तभी रूबी का नाम स्टेज पर बोला गया तो रूबी सीधे आगे बढ़ गई और साहिल के साथ मिलकर कागजी कार्रवाई पूरी करने लगी।

वहीं ज्योति और नीरज के बीच बहस चल रही थी। नीरज उसे कुछ समझाने कि कोशिश कर रहा रहा जबकि ज्योति बहुत ज्यादा गुस्से ने दिखाई दे रही थी। वो उसकी कोई बात नहीं सुन रही थी और गुस्से से अपने कदम पटकती हुई बाहर की तरफ चली गई। उसकी आंखो में ज्वाला साफ नजर आ रही थी मानो वो उसमे आज सबको जलाकर भस्म कर देगी।

रूबी सुनील के साथ मिलकर कागज पूरे कर रही थी और सुनील जानता था कि आज की रात शायद रूबी उससे चुद जाएगी नहीं तो उसने साइन किया ही हैं कि जबकि रूबी जी की जरूरत होगी उसे आना ही होगा इसलिए उसे कोई दिक्कत नहीं थी। साहिल ने ध्यान से ज्योति को जाते हुए देख रहा था और समझ गया था कि आज ये जरूर कुछ ना कुछ कांड करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ सुनील और रूबी व्यस्त थे और सुनील बोला:'

" रूबी जी अगर आपकी आज की रात फ्री हो तो क्या मेरे फार्म हाउस पर अा सकती हो

रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" आज तो नहीं कर लेकिन एक या दो दिन बाद मैं पक्का अा जाऊंगी। वैसे भी आपने शर्त ही ऐसी लगा दी हैं कि आपसे मुलाकात होती ही रहेगी।

सुनील ने स्माइल दिया और बोला:"

" बस आपके दर्शन होते रहेंगे इसी बहाने।

थोड़ी देर बाद सभी कागज पूरे हो गए और साहिल रूबी के साथ घर की तरफ लौट पड़ा जहां शांता यानी रूबी उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थी।
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रूबी साहिल को ऐसे उदास देखकर टूट सी गई लेकिन वो जानती थी कि अपने बेटे की आखिरी हिम्मत वहीं हैं इसलिए खुद को संभाल कर बोली:"

" साहिल ऐसे परेशान होने से कुछ नहीं होगा। उठो अभी तो टाइम बाकी हैं हमारे पास, हम अपनी आखरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे।

साहिल ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया और रूबी की तरफ देखा और उसे रूबी की आंखो में दुख के साथ साथ चमक नजर आईं और बोला:"

" हान मम्मी, हम ऐसे हार नहीं मान सकते, हम हर हाल में जीत कर ही दम लेंगे।

रूबी ने साहिल का माथा चूम लिया और उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोद में रख लिया। साहिल ने उस लड़के का नंबर मिलाया जिससे उसने डील करी थी जिसका नाम आबिद था।

साहिल:" ये सब क्यों किया मेरे साथ तुमने ? मैंने तो तुम्हे आधे का पार्टनर भी बना दिया था।

आबिद:" मैं सिर्फ अपना फायदा देखता हूं, तुम मुझे आधा दे रहे थे अच्छे सैंपल के लिए और दूसरी पार्टी ने मुझे पूरा टेंडर दे दिया। अब तुम्हीं बताओ मैं क्या करता।

साहिल समझ गया कि ये सब नीरज का किया धरा हैं इसलिए गुस्से से बोला:"

" तुम्हारे लिए जुबान की कोई कीमत नहीं, अपने वादे कोई मायने नहीं रखते।

आबिद:" आवाज नीचे रखकर बात करो, मुझे सिर्फ पैसा अच्छा लगता हैं। वादे जुबान ये सब बाते किताबो में ही अच्छी लगती है।

साहिल:" तुम एक बेहद ही घटिया और नीच किस्म के इंसान निकले।

आबिद:" बकवास मत करो, बिजनेस में सब चलता हैं। भाड़ में जाओ तुम।

इतना कहकर आबिद ने फोन काट दिया। साहिल का मूड पूरी तरह से खराब हो गया और उसने रूबी को सारी बाते बताई।

रूबी उसे समझाते हुए बोली:"

" बेटा आजकल नीच और बुरे लोगो का ही बोलबाला हैं। लेकिन हर पाप का घड़ा भरता हैं और इनके सब पाप का भी घड़ा भर चुका हैं। कोई ना कोई रास्ता निकाल आएगा। चलो गाड़ी चलाओ।

साहिल ने उदास मन से गाड़ी को आगे बढ़ा दिया और दुबे जी को कॉल किया।

साहिल:" दुबे जी मैं आपको एक लिस्ट भेज रहा हूं। आप उसके हिसाब से सामान लेकर खुद ही अा जाओ।

दुबे:" ठीक हैं बेटा।

साहिल ने फोन काट दिया और टेंडर ऑफिस के बाहर ही दुबे का इंतजार करने लगा। रूबी और साहिल दोनो गाड़ी से बाहर अा गए और दोनो खड़े हुए आपस में बात कर रहे थे।


तभी साहिल का फोन बज उठा और साहिल ने देखा कि आरव का नंबर था इसलिए वो कार के दूसरी तरफ चला गया और बात करने लगा। रूबी वहीं खड़ी हुई कुछ सोच रही थी।


तभी एक कार वहां आकर रूकी और उसका दरवाजा खुला और उसमे से एक करीब चालीस साल का गोरा बिल्कुल सुंदर लेकिन गंजा आदमी बाहर निकला जिसके साथ कुछ गार्ड भी थे।
अंदर जाते जाते उसकी नजर रूबी पर पड़ी और वो एक पल ही में ही पहचान गया कि ये तो वहीं योग के लिए प्रसिद्ध रूबी हैं।

आदमी जिसका नाम सुनील था एक पल के लिए ठिठका और उपर से नजर तक एक भरपूर नजर उसने रूबी के जिस्म पर डाली और रूबी को जैसे ही उसका आभास हुआ तो आदमी हल्का सा सकपका गया और स्माइल करते हुए बोला

" अरे आप रूबी मैडम हैं ना, वही जो योगा के लिए प्रसिद्ध हैं।

रूबी इतना तो समझ गई थी कि ये आदमी उसे जानता हैं। उसके हाव भाव से ही लग रहा था कि ये आदमी जरूर कोई पहुंचा हुआ हैं और खुद ही उससे बात कर रहा है तो रूबी भी स्माइल करते हुए बोली:"

" जी वही हूं। आपकी तारीफ ?

सुनील को रूबी की स्माइल देखकर हिम्मत अा गई और उसने एक बार फिर से रूबी के जिस्म को प्यासी नजरो से घूरा और बोला:"

" बंदे को सुनील कहते हैं। आपकी फिटनेस का दीवाना हूं। अब सिर्फ टीवी और फोटो में देखा था आज आपको देखा तो एहसास हुआ कि वो कुछ भी नहीं था आप ऐसे ज्यादा सुन्दर लगती हैं। सच में कोई भी आपको देख आपकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता। मेरे ख्याल से आप 32 की होगी।

हर औरत को अपनी तारीफ पसंद होती हैं और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। रूबी खुश हो गई और बोली:"

" जी नहीं, मेरी उमर 39 साल हैं। वैसे आप भी धोखा खा गए।

सुनील स्माइल करते हुए बोला:"

" वैसे आप दुनिया की पहली औरत हैं जो अपनी सही उम्र बता रही है नहीं तो औरतें अपने आपको बहुत छोटी बताती हैं वैसे आप यहां क्या कर रही हैं ?

रूबी:" मेरे पति अनूप श्री वास्तव जी का एक टेंडर पास हुआ था जिसके आज सैंपल पास होंगे। उनके जी साथ अाई हूं।

सुनील हैरानी से :" अच्छा आप अनूप जी की पत्नी हैं, जितनी अच्छी किस्मत हैं उनकी जो इतनी अच्छी, सुंदर और बिल्कुल क़यामत, रति जैसी बीवी मिली है।

रूबी समझ गई कि ये आदमी बहुत बड़ा फेंकू और उस पर मोहित हो गया है। रूबी

" थैंक्स, लेकिन ये बहुत ज्यादा तारीफ हो गई। वैसे आप भी यहां किसी टेंडर के लिए आए हैं या फिर कुछ और काम हैं ?

सुनील के होंठो पर तीखी स्माइल अा और और बोला:"

" बंदा अपनी क्या तारीफ करे मैडम, थोड़ी देर बाद आपको खुद ही पता चल जाएगा। जाते हुए एक बार मिलकर जाना मुझसे आप शाम को।

इतना कहकर स्माइल करते हुए सुनील अंदर घुस गया। रूबी वहीं खड़ी हुई उसे जाते हुए देखती रही। रूबी को लग रहा था कि शायद ये आदमी उसकी मदद कर सके लेकिन वो उस आदमी की नजरे भली भांति समझ गई थी इसलिए साहिल को देखने लगीं ।


साहिल दुबे से बात कर रहा था और एक बार फिर से सभी सैंपल अा गए थे। लेकिन रूबी जानती थी कि ये सभी बिल्कुल नकली सामान हैं और फैल हो जायेगा। दुबे सैंपल देकर वापिस चला गया और रूबी चलते हुए साहिल के पास अाई और बोली:"

" बेटा क्या इससे काम बन जाएगा। ये सब तो बिल्कुल खराब क्वालिटी के है।

साहिल:" मम्मी अब क्या करू, मेरी तो कोई जान पहचान भी नहीं हैं। शायद इससे कुछ जुगाड हो जाए क्योंकि ना होने से कुछ तो होना बेहतर हैं।

रूबी:" चलो देखते हैं जो किस्मत में होगा देखा जाएगा।

दोनो अंदर की तरफ चल दिए और सैंपल जमा करने के बाद नीचे हॉल में अा गए। अभी मीटिंग शुरू होने में करीब 15 मिनट बाकी थीं साहिल जैसे जी अंदर घुसा तो उसकी नजर नीरज पर पड़ी और नीरज के ठीक बराबर में शांता यानी ज्योति बैठी हुई थी बिल्कुल अपने असली रूप में। साहिल के मन में अब कोई शक नहीं रह गया था कि नीरज ज्योति का ही एक मोहरा हैं। साहिल जो कि अनूप बना हुआ था उसने नीरज को स्माइल दी और नीरज रूबी को देखते ही बनती अपनी सीट से उठ गया और साहिल के पास अा गया और बोला:"

" कैसे हो भाई ? उस रात के बाद आए नहीं आप ? सैंपल अच्छे बने है ना आपके ?

साहिल:" सब अच्छे से हो गया हैं। देखो आगे क्या होता हैं

तभी नीरज ने रूबी की तरफ देखने का नाटक किया और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला:"

" प्यारी भाभी जी नमस्कार, कैसी हैं आप ?

रूबी ने उसे खा जाने वाली नजरो से घूरा और फिर अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए बोली:"

" अच्छी हू, आप बताए

नीरज:" बस भाभी आपके दर्शन हो गए तो दिल को सुकून मिल गया। वैसे आप हमेशा की तरह आज भी बेहद खूबसूरत लग रही है सच में।

रूबी :" जी थैंक्स।

तभी सरकारी ऑफिसर आने लगे और नीरज अपन जगह पर जाकर बैठ गया। रूबी साहिल के पास बैठ गई और बोली:"

" कितना नीच कुत्ता हैं ये नीरज, बाहर मिलता तो इसका मुंह तोड़ देती।

साहिल:" मम्मी ध्यान से देखना इसके बराबर में जो औरत बैठी हुई हैं वहीं शांता यानी ज्योति हैं।
लेकिन अपनी उसकी तरफ मत देखना आप। शक हो गया तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" ये भगवान, मतलब हम सही सोच रहे थे। हमारे साथ सब कुछ इसी ज्योति के इशारे पर हो रहा हैं।

रूबी की बड़ी इच्छा हो रही थी कि एक बार गर्दन घुमा कर ज्योति को देखे लेकिन वो मजबुर थी इसलिए सीधे बैठी रही। रूबी अपने दुश्मन को सामने होते हुए भी नहीं देख पा रही थी और उसे अपनी बेबसी पर तरस अा रहा था।

तभी स्पीकर पर एक एक आवाज गूंज उठी

" सभी लोग शांति के साथ बैठ जाएं। टेंडर समिति के अध्यक्ष आपके समक्ष पधार रहे हैं।


तभी सभी ऑफिसर अा गए और अभी भी बाद एक कुर्सी खाली थी जो कि बॉस के लिए थी। दरवाजा खुला और सुनील अंदर दाखिल हुआ और आकर बॉस की कुर्सी पर बैठ गया और एक साथ सारे लोग उसके सम्मान में खड़े हो गए।

रूबी हैरान हो गई कि जिस आदमी से वो बाहर बाते कर रही थी वो कोई और नहीं बल्कि टेंडर समिति का अध्यक्ष था। सुनील अपनी जगह पर बैठ गया और लोगो को उसने बैठने का इशारा किया और सभी लोग एक एक करके बैठ गए। सुनील ने वहां मौजूद सभी लोगो पर नजरे दौड़ाई और उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसकी आंखे खुशी से खिल उठी।

सुनील:" आज की कार्यवाही शुरू की जाए। सबसे पहले आप सभी बारी बारी से आए और अपने सामान का प्रदर्शन करते हुए उसकी अच्छाई बताए।

एक के बाद लोग जाने लगे और अपने सामान की क्वालिटी बताने लगे। रूबी ध्यान से सुन रही थी और साहिल से धीमी आवाज में बोली

" साहिल जब हमारा नंबर आएगा तो मैं स्टेज पर जाऊंगी तुम नहीं।


साहिल:" लेकिन आप तो इसके बारे में कुछ नहीं जानती। आप नहीं बता पाओगी।

रूबी:" मेरी बात मानो और मेरे हिसाब से काम करो। तुम मुझे हमारे सामान की क्वालिटी की फाइल दो ताकि मैं देख सकूं

साहिल:" लेकिन मम्मी उससे कोई फायदा नहीं होगा, फाइल के हिसाब से एक भी क्वालिटी हमारे सामान में नहीं हैं।

रूबी:" तुम ज्यादा मत सोचो और मुझे फाइल दो। बाकी मुझे क्या करना हैं वो मैं खुद देख लूंगी।

साहिल ने चुपचाप फाइल रूबी की तरफ बढ़ा दी और रूबी ध्यान से फाइल देखने लगी। बीच बीच में वो नजर उठा कर सुनील की तरफ देख रही थी। सुनील भी उसे देख रहा था कभी कभी लोगो की नज़रे बचाते हुए और ये बात साहिल से ना छुपी रह सकी। साहिल को ये सब देखकर अच्छा नहीं लगा और उसने धीरे से रूबी को बोला:"

" मम्मी वो अध्यक्ष सुनील बार बार आपकी ही तरफ देख रहे हैं और आप जी उन्हें ही देख रही हो। क्या वो आपको जानते हैं ?

रूबी:" बेटा जब तुम बाहर दुबे जी से बात कर रहे थे तो वोट मुझे बाहर मिले थे और पहचान लिया कि मैं योगा वाली रूबी हूं। बोल रहे थे कि मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।

साहिल:" अच्छा ये तो ठीक हुआ, अब शायद काम बन जाएगा। लेकिन इतना आसान नहीं हैं सब कुछ।

रूबी धीमे से बोली:"

" साहिल अभी तुमने मुझे ठीक से समझा ही कहां हैं, मैं अगर अपनी पर अा जाऊ तो दुनिया हिला दू फिर ये सुनील किस खेत की मूली हैं साहिल।

साहिल:" लेकिन मम्मी वो आपको गलत नजर से देख रहा हैं और ये मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं बिल्कुल भी।

रूबी:' देखने दो, वैसे भी आज कल लड़की को सही नजर से देखता ही कौन हैं ।

इससे पहले कि साहिल कुछ बोलता स्टेज पर उनका नंबर अा गया और रूबी अपनी फाइल लेकर अाई बढ़ गई। साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि उसकी मम्मी क्या करने जा रही है जिससे वो टेंडर हासिल कर सकेगी।

रूबी धीरे धीरे मटकटी हुई स्टेज की तरफ बढ़ गई और उसकी गांड़ अपने पूरे शवाब पर थी, रूबी की नज़रे सुनील के चेहरे पर टिकी हुई थी और बाकी सभी की नजरें रूबी की गांड़ पर।

रूबी जानती थी कि पीछे बैठे सभी उसकी गांड़ को निहार रहे होंगे इसलिए उसने बेफिक्र होते हुए सुनील को एक कातिल मुस्कान दी और स्टेज पर चढ़ गई। सुनील की आंखे खुली की रह गई, जितना उसने रूबी के बारे में सुना था फोटो में देखा था उससे कहीं ज्यादा कमाल का जिस्म था रूबी का। रूबी की कामुक अदाएं देखकर सुनील को महसूस हो रहा था मानो वो उसके लिए ही अपनी गांड़ हिला रही है।

रूबी स्टेज के बीच में खड़ी हुईं थीं और उसने एक बार सब पर नजर डाली और उसने पहली बार ज्योति का चेहरा ध्यान से देखा। ज्योति सुंदर तो थी ही लेकिन उसकी आंखे बहुत खतरनाक लग रही थी।

रूबी ने सिर्फ एक पल के लिए उसे देखा और अपनी नजरे हटा ली और अगले ही पल अपने आपको बोलने के लिए तैयार करने लगी। रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और चेहरे पर एक गजब का आत्म विश्वास साफ झलक रहा था।

रूबी ने अपने दोनो हाथ अभिवादन की मुद्रा में जोड़ दिए और बोली

:" सबसे पहले तो तो आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मैं अध्यक्ष सुनील सर और दूसरे अधिकारियों की बहुत बहुत आभारी हूं कि आपने पहली बार देश में टेंडर का आयोजन किया और देश के आत्म निर्भर बनाने में एक बहुत ही बड़ा सहयोग दिया हैं। मैं आपको बताना चाहती हूं कि हमारी कंपनी पिछले 20 सालो से अपनी अच्छी गुणवत्ता के लिए एक अलग पहचान रखती हैं और उसी को आधार मानते हुए हमने कुछ सैंपल बनाए हैं जो मैं आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं।


इतना कहकर रूबी ने सभी अधिकारियों के आगे बल्ले, गेंद, और पूरी क्रिकेट किट रख दी। सबसे आखिर में उसने सुनील के आगे एक बड़ा सा बल्ला रखा दिया जो कि फुल साइज था।

रूबी ने स्माइल देते हुए बेहद धीमे से कहा:"

" सर ये बिल्कुल आपके साइज का बल्ला हैं, इससे आम बेहद आराम से चौके छक्के जड़ सकते हैं वो भी पूरी पारी खेलते हुए। बस इस बल्ले की मार झेलने के लिए आपको मोटी और मजबूत गेंद की जरुरत होगी।

रूबी ये बोलकर अपनी गांड़ मटकाए हुए फिर से चल दी और सुनील के दिमाग में धमाका सा हुआ। वो समझ गया था कि रूबी उसे सीधे सीधे ऑफर दे गई है। अपनी लंड की तुलना बड़े बल्ले से किए जाने पर वो गदगद हो उठा और वो पूरी तरह से रूबी पर फिदा हो गया।

स्टेज पर लगी बड़ी स्क्रीन पर रूबी के द्वारा दिया गया सभी सामान दिखाया जा रहा था और रूबी जानती थी कि उसका खेल खत्म होने वाला हैं तभी उसने एक नई चाल और चल दी।

रूबी ने बल्ले को हाथ में उठाया और हत्थे को थोड़ा नीचे से पकड़ते हुए बोली:"

" देखिए सर ये वजन में ही बहुत ही हल्का हैं लेकिन इसकी मजबूती अपने आप में शानदार हैं और मैं एक औरत होने के बाद इसे बिल्कुल आसानी से उठा सकती हूं और इससे खेल सकती हूं।

इतना कहकर रूबी बल्ले को हवा में उठाने लगी और अलग अलग मुद्रा में फोटो देने लगी। स्क्रीन पर क्या चल रहा हैं सभी अधिकारी भूल गए और सब रूबी को ही देख रहे थे।

टाइम पूरा हो गया तो रूबी स्टेज से नीचे उतर गई और उसी अंदाज में चलते हुए अपनी सीट पर अा गई। साहिल पूरी तरह से खुश हो गया था और वो बोला:"

" वाव मम्मी आपने तो कमाल कर दिया, सच में बहुत ही अच्छा काम किया आपने। देखो आगे क्या होता हैं ।

रूबी:" होना क्या है साहिल ये टेंडर हमे मिल जाएगा आराम से तुम खुश हो जाओ।

साहिल:" हान मम्मी लगता हैं ऐसा ही हैं। अच्छा आप बैठो मैं वॉशरूम से होकर आता हूं।

साहिल उठा और बाहर की तरफ चला गया तो उसके जाते ही रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और सुनील का कार्ड भी को उसने बाहर बात करते हुए दिया था। रूबी ने नंबर को सेव किया और व्हाट्स एप पर सुनील की डीपी देखते ही मेसेज किया

" सर प्यार भरा नमस्कार, आप बहुत सेक्सी लग रहे हैं। कैसी रही मेरी परफॉर्मेंस ?

सुनील का मोबाइल बीप किया और उसने देखा कि एक नए नंबर से मेसेज था लेकिन रूबी की डीपी पर लगी फोटो देखते ही वो सब समझ गया और लिखा

" सेक्सी तो आप लग रही है रूबी जी, दीवाना बना दिया आपने, सच में आपकी परफॉर्मेंस सबसे अच्छी थी, मैं तो ये कहूंगा कि सामान से कहीं ज्यादा मुझे आप आपका अंदाज, आपकी बाते, आपके चलना पसंद आया।

रूबी समझ गई कि तीर सजी निशाने पर लगा हैं इसलिए आगे लिखा:'

" सर मेरी खुश किस्मती की आपको ये सब पसंद अाया। सर क्या मुझे टेंडर मिल जाएगा ?

सुनील समझ गया कि रूबी उसे रिझाकर अपना काम करवाना चाहती है इसलिए सुनील ने लिखा

" टेंडर पास तो हो जाएगा लेकिन एक दिक्क्त हैं रूबी जी, बल्ला ज्यादा भारी और मजबूत हैं जबकि गेंद हल्की हैं शायद झेल ना पाए।

इतना कहकर सुनील के अपने लंड के उभार का एक फोटो रूबी को भेज दिया और रूबी यही सब तो चाह रही थी। रूबी ने लिखा

" सर आपका बल्ला सच में बहुत भारी हैं लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं हूं। आराम से इस बल्ले से खेल सकती हूं। वैसे भी मेरी पास गेंदों की कोई कमी हैं। बस आप एक बार मुझे टेंडर दीजिए, बाल आपकी।

इतना कहकर रूबी फोन को अपने मुंह के पास रखा और दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को उभारते हुए एक फोटो खींच लिया और सुनील को भेज दिया

सुनील के तो जैसे होश ही उड़ गए। वो समझ गया कि रूबी उससे आराम से चुद जाएगी। साहिल आकर अपनी सीट पर बैठ गया और दोनो की बाते रुक गई।

एक एक करके सभी नंबर अा गए और सभी ने अपना सामान दिखा दिया। लंच का समय हो गया और सभी लोग खाना खाकर फिर से हॉल में बैठ गए और सभी अधिकारी लोग अपने अपने ऑफिस में जा चुके थे।

रूबी और साहिल भी अंदर अा रहे थे कि तभी रूबी की नजर सुनील के ऑफिस पर पड़ी और बोली:"

" साहिल तुम चलो मैं एक बार सुनील सर से मिलकर आती हूं।

साहिल ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और इससे पहले की वो कुछ बोलता रूबी अंदर घुस गई। साहिल चुपचाप अपनी सीट पर आकर बैठ गया।

रूबी को अपने ऑफिस में घुसते देखकर सुनील घबरा उठा और बोला:'

" क्या गजब कर रही हो रूबी जी, किसी ने आपको यहां देख लिया तो मुसीबत अा जाएगी।

रूबी आगे बढ़ी और पेंट के उपर के उपर से ही उसका लंड सहलाते हुए बोली:"

" सर आपका बल्ला सच में बहुत तगड़ा हैं, मेरे पास गेंद की
कोई कमी हैं, देखो ना उपर भी है और नीचे भी।

अपनी चुचियों का उभार दिखाते हुए रूबी पलट गई और झुक कर सुनील के लंड के आगे अा गई। सुनील की हालत खराब हो गई और उसकी गांड़ को ललचाई नज़रों से देखते हुए बोला:"

" रूबी जी टेंडर अापका, बस मुझे गेंद देनी होगी जी भर कर खेलने के लिए।

रूबी ने एक हाथ पीछे लाते हुए अपनी गांड़ को सहलाया और सिसक उठी

" आह सर, ये गांड़ आपके बल्ले के नाम, बस आज आप मुझे खुश कीजिए फिर देखिए मै बार बार आपको खुश करूंगी ।


सुनील:" ठीक हैं, अपना वादा याद रखना तुम। अब जाओ बाद में कॉल करूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका काम हो गया है इसलिए वो बाहर निकल गई और हॉल में बैठ गई। साहिल ने अपनी मा को देखकर राहत की सांस ली और थोड़ी देर बाद ही सभी अधिकारी अा गए और सभी लोग दम साधे टेंडर का इंतजार का रहे थे।

सुनील:" आप सभी का मैं आभारी हूं कि आपने यहां आकर टेंडर में भाग लिया। सभी के सामान एक से बढ़कर एक अच्छी गुणवत्ता के हैं। मैं जानता हूं कि हमारे देश में लड़कियो के खेलने का लेवल इतना अच्छा नहीं हैं। और आज जिस तरह से रूबी की ने हमे समझाया हैं उससे एक बात तो साफ हो गई हैं कि लकड़ियां इनकी बातो पर ध्यान देगी और खेल का स्तर ऊंचा होगा। सामान भी इनका बहुत अच्छा है। मैं ये टेंडर रूबी जी को देता हूं

सारा हॉल तालियों से गूंज उठा और साहिल और रूबी के चेहरे खुशी से चमक गए।

सुनील:" लेकिन मेरी एक शर्त हैं रूबी जी, जब भी हमें कहीं खेल को बढ़ावा देना होगा खासतौर से लड़कियो के खेल को तो आपको आना पड़ेगा। आप युवाओं के लिए मॉडल हैं। योगा आप अच्छा सिखा सकती हैं जिससे खिलाड़ी रोगमुक्त हो जायेंगे।

रूबी समझ गई कि सुनील अपनी चाल चल गया हैं इसलिए रूबी अपनी सीट से खड़ी हुई और बोली:"

" सर मैं वादा करती हूं कि सभी को योगा सिखाना मेरी जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही साथ में खुद युवाओं के बीच जाऊंगी और उन्हें खेल के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

सुनील:" धन्यवाद रूबी जी। आज का कार्यकर्म यहीं खत्म होता है।

साहिल और रूबी खुश थे वहीं दूसरी तरफ नीरज और ज्योति को लग रहा था कि मानो उनकी दुनिया की उजाड़ दी गई है। ज्योति की आंखो में अंगारे साफ चमक रहे थे और वो जानती थी कि आज उसके हाथ से एक बहुत बड़ा मौका निकल गया है। रूबी ने अपना जादू दिखाकर टेंडर हासिल कर लिया और उसकी सारी योजना धरी की धरी रह गई।

नीरज ने ज्योति को शांत रहने का इशारा किया और साहिल यानि अनूप के पास अा गया।

नीरज:" बहुत बहुत मुबारक हो दोस्त। मैंने कहा था ना कि मैं ये टेंडर तुम्हे हर हाल में दिलवा दूंगा।

साहिल:" सच में यार तुमने अपना कहा पूरा किया। दोस्त हो तो तुम्हारे जैसा।

नीरज:" लेकिन मैं तुमसे नाराज हू भाई। तुमने अपना वादा पूरा नहीं किया, तुम्हे याद हैं ना।

साहिल की आंखे में थोड़ा पल के लिए उभर अाया लेकिन अगले ही पल की खुद को काबू करते हुए बोला

" आप फिक्र मत करो, देखना मैं कैसे अपना वादा पूरा करता हूं।

तभी स्टेज पर साहिल का नाम पुकारा गया और वो आगे बढ़ तो नीरज ने अपने दोनो हाथ फिर से रूबी के आगे जोड़ दिए और बोला:"

" भाभी आपके फिगर का जवाब नहीं। हमे भी थोड़ा योगा सिखा दो तुम।

रूबी:" मैं तुम्हे खूब समझती हू नीरज और तुम्हारी नज़र को भी। लेकिन तुम्हे कुछ हाथ नहीं लगने वाला हैं। अपने आपको सुधार लो तो तुम्हारे लिए बेहतर होगा।

नीरज:" अरे भाभी जी आप तो बुरा मान गई। थोड़ी लचक हमे भी दिखा दीजिए ना।

रूबी ने उसे घूरकर देखा और तभी रूबी का नाम स्टेज पर बोला गया तो रूबी सीधे आगे बढ़ गई और साहिल के साथ मिलकर कागजी कार्रवाई पूरी करने लगी।

वहीं ज्योति और नीरज के बीच बहस चल रही थी। नीरज उसे कुछ समझाने कि कोशिश कर रहा रहा जबकि ज्योति बहुत ज्यादा गुस्से ने दिखाई दे रही थी। वो उसकी कोई बात नहीं सुन रही थी और गुस्से से अपने कदम पटकती हुई बाहर की तरफ चली गई। उसकी आंखो में ज्वाला साफ नजर आ रही थी मानो वो उसमे आज सबको जलाकर भस्म कर देगी।

रूबी सुनील के साथ मिलकर कागज पूरे कर रही थी और सुनील जानता था कि आज की रात शायद रूबी उससे चुद जाएगी नहीं तो उसने साइन किया ही हैं कि जबकि रूबी जी की जरूरत होगी उसे आना ही होगा इसलिए उसे कोई दिक्कत नहीं थी। साहिल ने ध्यान से ज्योति को जाते हुए देख रहा था और समझ गया था कि आज ये जरूर कुछ ना कुछ कांड करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ सुनील और रूबी व्यस्त थे और सुनील बोला:'

" रूबी जी अगर आपकी आज की रात फ्री हो तो क्या मेरे फार्म हाउस पर अा सकती हो

रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" आज तो नहीं कर लेकिन एक या दो दिन बाद मैं पक्का अा जाऊंगी। वैसे भी आपने शर्त ही ऐसी लगा दी हैं कि आपसे मुलाकात होती ही रहेगी।

सुनील ने स्माइल दिया और बोला:"

" बस आपके दर्शन होते रहेंगे इसी बहाने।

थोड़ी देर बाद सभी कागज पूरे हो गए और साहिल रूबी के साथ घर की तरफ लौट पड़ा जहां शांता यानी रूबी उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

Ab to aisa Lagta hai ki 2-3 Din me RUBI ke BALL ki SUNIL ke BAT se Jabardast THUKAI hone wali hai. :hehe:

Qki Jis Tender ko lene ke liye itne Papad bale hai, wo Tender SUNIL Kabhi bhi Cancel kar sakta hai, RUBI ke uske pas na aane ka karan dikha kar,

To ab RUBI ka SUNIL se CHUDNA to tai hi lag raha hai. :sex: SAHIL ko pata hi nahi ki RUBI Apni BALL ki THUKAI ka Deal bhi kar li hai. :hehe:

1 Project ke liye THUKAI Karwani hi thi to NIRAJ hi kya Kharab tha. :angrywife:
 
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Robins

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mood to kharab ho gya rubi ki bakchodiyan dekh ke....but fir b dekhte h.....kyuki kabhi kbhi rubi ki harkate b mujhe sahi nhi lgti.....jese sahil k bare me ye sochna k use control krke rkhna hoga....
 
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Neha tyagi

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Ab to aisa Lagta hai ki 2-3 Din me RUBI ke BALL ki SUNIL ke BAT se Jabardast THUKAI hone wali hai. :hehe:

Qki Jis Tender ko lene ke liye itne Papad bale hai, wo Tender SUNIL Kabhi bhi Cancel kar sakta hai, RUBI ke uske pas na aane ka karan dikha kar,

To ab RUBI ka SUNIL se CHUDNA to tai hi lag raha hai. :sex: SAHIL ko pata hi nahi ki RUBI Apni BALL ki THUKAI ka Deal bhi kar li hai. :hehe:

1 Project ke liye THUKAI Karwani hi thi to NIRAJ hi kya Kharab tha. :angrywife:


Totally agree with you, jab izzat neelam hi karni thi to neeraj me kaun se kante lage the ? Pehle itni charitr wan aur ab bilkul character less
 
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