साहिल और रूबी दोनो कार में बैठे हुए थे और घर की तरफ जा रहे हैं।
साहिल:" मम्मी आपने बताया नहीं कि ये चमत्कार कैसे हो गया ? सुनील जी ने हमारी इतनी खराब क्वालिटी होने के बाद भी हमे टेंडर कैसे दे दिया ?
रूबी ने अपना एक हाथ उठाया और साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:"
" साहिल ध्यान से मेरी पूरी बात सुनना, उसके बाद ही कोई फैसला करना।
रूबी ने इसके बाद साहिल को बताया कि किस तरह सुनील उसका दीवाना हो गया था और मैंने उसे अपने जाल में फांस लिया और उसने वहीं किया जो मैं चाहती थी।
ये सुनकर साहिल का मूड खराब हो गया और बोला:"
" मतलब एक जगह से इज्जत बचाने के लिए आप दूसरी जगह खुद अपनी इज्जत नीलाम कर रहे हो मम्मी।
रूबी ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" पहले मेरी पूरी बात हो जाने दो। मेरे पास उसकी व्हाट्स एप की चैटिंग पड़ी हुई हैं और अब तुम उससे बात करोगे। अगर हम किसी को ये बात बता दे कि उसने टेंडर सिर्फ मेरे चक्कर में आकर मुझे दिया हैं तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी ।
और तुम तो समझते ही हो कि मैं मर जाउंगी लेकिन अपने चरित्र पर दाग नहीं लगने दूंगी।
साहिल को अब जाकर रूबी की पूरी कहानी समझ में अाई और बोला:"
" ओह मम्मी मलतब सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी। ये तो आपने बहुत ही अच्छा किया।
रूबी ने उसे स्माइल दी और बोली:" पत्नी किसकी हूं आखिर मैं अब। दिमाग तो होगा ही।
साहिल ने गाड़ी अपने घर की तरफ घुमा दी और बोला:"
" मम्मी ज्योति को देखा आपने, कितना गुस्सा अा रहा था उसे ?
रूबी:" हान बेटा, देखने में तो वो अच्छी खासी सुंदर हैं। लेकिन हैं वो बहुत खतरनाक।
साहिल:" मम्मी मुझे तो लग रहा है कि वो शांत नहीं बैठने वाली, जिस तरह से वो गुस्से में अाई हैं जरूर कुछ ना कुछ हरकत करेगी वो आज।
रूबी ने अपना सिर सहमति में हिला दिया और दोनो घर अा गए थे और रूबी घर के अंदर घुस गई। साहिल अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाकर आया और देखा कि शांता अंदर खाना बना चुकी थी।
शांता:" क्या हुआ अनूप बेटा टेंडर का आज ? उम्मीद हैं तुम्हे मिल गया होगा।
साहिल:" हान मा जी, आपने आशीर्वाद दिया तो तो मिलना तो था ही।
शांता के चेहरे पर स्माइल अा गई और बोली:"
" चलो ये तो बहुत खुशी की बात है। भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा। अच्छा तुम भी जल्दी से नहा लो, फिर खाना खा लेते हैं।
साहिल बाथरूम में अंदर नहाने के लिए घुस गया। शांता ने इधर उधर देखा और अपने ब्लाउस से एक छोटी सी पुड़िया निकाली और खाने में मिला दिया। तभी रूबी नहाकर बाहर आ गई और उसने शांता की तरफ देखा तो शांता कांप उठी। उसका चेहरा पसीने पसीने हो उठा। उसे लगा मानो उसकी चोरी रंगे हाथो पकड़ ली गई हो। उसके हाथ से खाली पुड़िया छूटकर नीचे गिर गई। रूबी शांता को स्माइल देते हुए अपने कमरे में चली गई और शांता ने सुकून की सांस ली कि वो बच गई है।
शांता ने रोटी बनाईं और खाने को प्लेट में लगा दिया और बोली:"
" अच्छा मेरा तो मन है नहीं खाने का आज। तुम दोनो खा लेना अच्छे से।
इतना कहकर शांता जाने लगी तो रूबी बोली:"
" अरे मा जी बैठो तो आप। चली जाना, आज हमारे लिए खुशी का दिन है, इतना बड़ा टेंडर मिला हैं।
शांता:" हान बेटा मुझे बहुत खुशी हैं टेंडर मिलने की। लगता हैं कि अब हमारे दिन बदल जायेंगे।
तभी साहिल भी अा गया और खाने की टेबल पर बैठ गया। शांता को याद आया कि अंदर नहाने तो अनूप गया था लेकिन बाहर साहिल निकला। है भगवान इसका मतलब अनूप सच में गायब है और साहिल फिर से अनूप बनकर घूम रहा है। मुझे क्या लेकिन आज इनका काम खत्म हो ही जायेगा। साहिल ने देखा कि खाने से बहुत अच्छी खुशबू अा रही है तो बोला:"
" अरे मा जी आपने बहुत अच्छा खाना बनाया हैं आज। आओ साथ में खाना खाते हैं।
शांता के जिस्म पर बेचैनी साफ दिखाई दी और बोली:"
" नहीं बेटा, मेरा मन नहीं हैं। आज ही के दिन मेरी बेटी सपना गायब हुई थी। आज मैं फास्ट रखती हूं।
साहिल अपनी सीट से खड़ा हो गया और ठीक शांता के सामने आकर बोला:"
" मैं जानता हूं कि तुम खाना नहीं खा सकती। क्योंकि सच्चाई ये हैं कि तुमने ये खाना बनाया ही नहीं हैं। ये खाना तो गुप्ता होटल से अाया हूं शांता जी। तुम शायद खाने के पैकेट ठीक से छुपाना भूल गई ज्योति जी।
रूबी और ज्योति दोनो उछल पड़े। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो ज्योति को हुआ और बोली:"
" कौन ज्योति और गुप्ता होटल से कौन खाना लाया हैं ?
इतना कहकर शांता थोड़ी पीछे को हटी और अपने ब्लाउस के अंदर हाथ घुसा दिया लेकिन साहिल पूरी तरह से सावधान था इससे पहले कि ज्योति का हाथ बाहर आता साहिल ने बिजली की गति से उसे पकड़ लिया और ज्योति उसकी पकड़ में कराह उठी और बोली:"
" ये क्या बदतमीजी हैं साहिल, तुम्हे मेरे साथ ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए।
साहिल:" ज्यादा बनने की कोशिश मत करो ज्योति, तुम्हारा खेल खत्म हो गया है। मम्मी आप जल्दी से इसके दोनो पैर बांध दीजिए
रूबी ने तुरंत अपना दुप्पटा उतारा और शांता के पैरो को कसकर बांधने लगी तो शांता ने एक जोरदार लात रूबी को मार दी और रूबी दर्द से तड़प उठी। साहिल ने ज्योति के हाथ को मोड़ दिया तो दर्द के मारे ज्योति भी तड़प उठी और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
साहिल ने अपनी दोनो टांगे रूबी की टांगो पर कस दी और रूबी को फिर से इशारा किया तो रूबी ने सावधानी से आगे आते हुए उसके पैरो को बांध दिया और साहिल ने पूरी ताकत लगाते हुए ज्योति के हाथ को बाहर खींचा तो एक पैकेट उसके हाथ से छूटकर फर्श पर बिखर गया।
फर्श पर छोटे छोटे जहर बुझे हुए पिन पड़े हुए थे जो ज्योति निकालने की कोशिश कर रही थी। साहिल ने ज्योति को पीछे की तरफ खींचा और सोफे पर गिरा दिया और देखते ही देखते उसके हाथ भी बांध दिए गए।
रूबी ज्योति के सामने बैठ गई जबकि साहिल ने धीरे से बहुत ही सावधानी से पिन हटा दिए और वो भी अब ज्योति के सामने बैठा हुआ था। ज्योति की आंखे लाल सुर्ख हो रही थी और गुस्से से उन्हें घूर रही थी।
साहिल:" देखो मैं जानता हूं कि तुम कौन हो और यहां क्यों अाई हो ? मैं चाहूं तो तुम्हे पीट सकता हूं, जान से मार सकता हूं लेकिन मैं अपने दादा द्वारा कि गई गलती नहीं करना चाहता क्योंकि मैं उनके जैसा नहीं हूं।
ज्योति ने ध्यान से साहिल की बात को सुना तो उसे लगा कि साहिल सही कह रहा है क्योंकि मैं इस वक़्त पूरी तरह से मजबूर हूं लेकिन फिर भी ये मुझे मार नहीं रहा जबकि मैंने अभी रूबी को लात भी मार दी थी।
ज्योति:" मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, तुम चाहो तो मुझे मार दो, लेकिन मैं पीछे नहीं हट सकती। लेकिन तुम्हे कैसे पता चला कि मैं शांता नहीं हूं ?
रूबी:" ज्योति उस दिन मैं तुम्हे हॉस्पिटल लेकर गई तो तुम प्रेगनेंट निकली। बस हमे शक हुआ और फिर तुम्हारे कमरे की तलाशी तो तुम्हारी डायरी मिल गई और हमे सब पता चला कि तुम्हारे साथ कितना गलत हुआ है और इसका मुझे बेहद अफसोस हैं ज्योति ।
ज्योति ने जब अपने प्रेगनेंट होने की बात सुनी तो उसे खुशी हुई और बोली:"
" मैं प्रेगनेंट हूं ये कैसे हो सकता हैं? रिपोर्ट तो कमजोरी की थी।
साहिल:" वो सब मैंने झूठी रिपोर्ट बनवाई थी ताकि तुम्हे सच्चाई का पता ना चल सके।
रूबी:" अच्छा एक बात बताओ क्या नीरज मिश्रा ही तुम्हारा पति हैं जिसके साथ आज तुम टेंडर में गई थी ?
ज्योति कुछ देर चुप रही और बोली:"
" नीरज मिश्रा मेरा पति नहीं है बल्कि मेरे पति का दोस्त हैं।
साहिल:" तो फिर तुम्हारा पति कौन है और प्रिया कौन हैं ?
ज्योति:" मेरा पति कौन हैं ये मैं तुम्हे क्यों बताऊं, अगर तुम अपना भला चाहते हो तो मुझे छोड़ दो नहीं तो शांता को मौत के घाट उतार दिया जायेगा।
साहिल और रूबी को एकदम से शांता की याद अाई और बोली:"
" शांता को कहां छुपा रखा हैं तुमने ? उस बेचारी पर क्यों ज़ुल्म ?
ज्योति:" शांता कहां हैं ये तो तो कभी नहीं समझ पाओगे। मुझे छोड़ दो अगर उसे जिंदा देखना चाहते हो तो।
साहिल:" उसका कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता जब तक तुम मेरे कब्जे में हो। बताओ मुझे शांता कहां हैं ?
ज्योति ने साहिल की तरफ देखा और स्माइल करते हुए बोली:"
" मैं मर सकती हूं लेकिन मुंह नहीं खोल सकती। चाहे तो आजमा कर देख लो।
साहिल जानता था कि ज्योति सच बोल रही है और फिर दूसरी बात वो पहले ही ज़ुल्म की शिकार ज्योति पर और ज़ुल्म नहीं करना चाहता था। रूबी अपने कमरे में चली गई और और खाना लगाने लगी क्योंकि आते हुए वो खाना खरीद चुके थे।
खाना लग चुका था और साहिल नीचे तहखाने से अनूप और लीमा को भी लेकर अा गया। रूबी ने ज्योति के चेहरे को धो दिया था और वो अब बिल्कुल ज्योति लग रही थी शांता नहीं।
ज्योति को देखते ही लीमा उसके पास गई और उसका गिरेबान पकड़ते हुए बोली:"
" बता ज्योति कहां हैं मेरी मा ?
अनूप पूरी तरह से हैरान था और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। साहिल ने ज्योति को लीमा की पकड़ से आजाद किया और बोला:"
" लीमा तुम चिंता मत करो। तुम्हारी मा को लेकर मैं खुद आऊंगा। तुम उनकी चिंता मत करो।
रूबी:" जब प्रिया शांता की बेटी नहीं थी तो तुमने उसे क्यों भगा दिया था ?
ज्योति:" प्रिया को मैंने इसलिए भगा दिया था ताकि तुम वो तुमसे बच जाए। वो मेरी साथी हैं।
रूबी:" लेकिन फिर उसके कंधे पर निशान कहां से आया था ?
साहिल:" मम्मी वो तो टैटू बना हुआ था । मैंने खुद चेक किया था।
रूबी को अब सारी कहानी समझ में अा गई थी। साहिल और रूबी ने ज्योति को खूब समझाने की कोशिश करी लेकिन उसने समझौता करने से साफ इंकार कर दिया।
सभी लोग खाना खा चुके थे और लीमा कुछ याद करते हुए बोली:"
" मेरी मा को इन्होने नीरज मिश्रा के घर पर रखा हुआ था पहले। अब वो कहां होगी मुझे नहीं पता ?
साहिल:" तुम चिंता मत करो। शांता मा की लेकर खुद नीरज मिश्रा ही आएगा।
साहिल ने अपना मोबाइल निकाला और नीरज का नंबर डायल कर दिया।
साहिल:" नीरज मैं साहिल बोल रहा हूं। ज्योति पकड़ी गई है और मेरे कब्जे में हैं। अगर तुम उसकी जान की सलामती चाहते हो तो चुपचाप शांता को लेकर मेरे घर अा जाओ।
नीरज गुस्से से दहाड़ते हुऐ बोला;"
" अगर ज्योति को एक उंगली भी लगी तो तुम सबकी लाशे बिछा दूंगा। मै अा रहा हूं।
साहिल:" होशियारी मत दिखाना। तुम्हारे साथ प्रिया और रवि मिश्रा भी होना चाहिए।
इतना कहकर साहिल ने कॉल काट दिया और बोला:"
" मम्मी अगले एक घंटे के अंदर नीरज यहां अा जाएगा। अनुप अगर तुम्हे अपनी ज़िन्दगी प्यारी हैं तो नीचे तहखाने में छुप जाओ।
अनूप:' बस साहिल मुझे और जलील मत करो। आज तुम्हे और रूबी को बचाने में मेरी जान भी चली गई तो पीछे नहीं हटूंगा।
साहिल:' तो फिर चलो चलते हैं एक ऐसे किले पर जहां ये आखिरी लड़ाई होगी। ज्योति जी पहले आप खाना खा लीजिए।
सभी लोग ध्यान दे कि ज्योति पर कोई हमला नहीं होगा। हम पहले ही ज्योति की नजरो में गिरे हुए हैं और नहीं गिरना चाहते।
ज्योति हैरान थी कि वो तो साहिल और उसके परिवार को खत्म करना चाहती हैं और ये बोल रहा है कि मुझ पर मली हमला नहीं होगा।
ज्योति;" मुझे कोई भूख नहीं हैं। तुम मुझे हमदर्दी मत दिखाओ। तुम मेरे लिए सिर्फ दुश्मन हो दुश्मन।
साहिल ने ज्योति को स्माइल दी और सारे लोग चुदाई लोक की तरफ चल पड़े। स्क्रीन बंद होने के कारण किसी को भी चुदाई लोक लिखा नजर नहीं आया । जैसे ही चुदाई लोक के दरवाजे पर पहुंचे तो लीमा और ज्योति की आंखे खुली की खुली रह गई।
अद्भुत सौन्दर्य। दोनो को लग रहा था मानो वो कोई सपना देख रही है।
साहिल:" इतनी हैरानी से मत देखो ज्योति। अगर मैं ज़िंदा बच गया तब भी और मर गया तब भी ये सब कुछ तुम्हरा ही होगा।
ज्योति ने साहिल को घूर कर देखा aur फिर से अंदर देखने लगी। सच में ज्योति और लीमा दोनो का मन मोह लिया था चुदाई लोक की अद्भुत सुन्दरता ने। बड़े बड़े पत्थर से बनाए गए पहाड़।
अनूप हैरान था कि साहिल को चुदाई लोक के बारे में कैसे पता चला क्योंकि वो तो सिर्फ रूबी ही जानती थी। वो सब लोगो के सामने चाहकर भी कुछ नहीं पूछ सकता था।
सभी लोगो को वहां छोड़कर साहिल बाहर अा गया और नीराजे के आने का इंतजार करने लगा। तभी एक उसने देखा कि उसके घर के अंदर एक के बाद एक कई गाड़ियां घुस गई और उसमे हथियार बंद गुंडे भरे हुए थे। साहिल ये सब देख कर समझ गया कि नीरज ने उसकी बातो पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उसने नीरज का नंबर मिला दिया और बोला:*
" नीरज शायद तुम्हे मेरी बात को ध्यान से नहीं सुना था। इतने सारे गुण्डो के साथ आने की क्या जरूरत थी ? मैंने पहले ही समझाया रहा था तुम्हे।
नीरज ने इधर उधर देखा लेकिन साहिल उसे कहीं दिखाई नहीं दिया तो नीरज समझ गया कि वो घर के अंदर से ही उसे देख रहा हैं इसलिए गुस्से से बोला
" तेरी और तेरे पूरी परिवार की चिता जलाने के लिए आया हूं मैं आज। तेरी मा का वो हाल करूंगा कि औरत कम कुतिया ज्यादा नजर आएगी।
साहिल की आंखों में खून उतर आया और अपने लफ्जो को चबाते हुए कहा
" बस नीरज, अपनी मा की कसम, आज तू यहां से जिंदा नहीं जाएगा क्योंकि मैं तुझे ज़िंदा जला दूंगा।
नीरज ने अपने लोगो को आगे बढ़ाने का इशारा किया और गुण्डो की पूरी फौज घर के अंदर घुस गई। साहिल ने देखा कि नीरज प्रिया और रवि तीनो पीछे थे और एक बूढ़ी औरत भी उनके साथ जो असली शांता थी।
गुण्डो को घर में घुसते देखकर साहिल घबरा गया क्योंकि उसे इसका कोई अंदाजा नहीं था। अगर यहां गोलियां चली तो सबको पता चल जाएगा।
साहिल अपने दिमाग पर जोर डालने लगा और तभी एक विचार उसके मन में आया और उसकी आंखे चमक उठी।