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Incest अनोखा करवाचौथ

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ha sahi kaha 1 update bachana chahiye kyunki last me THE END nahi likha tha ..

waise confusion to tha ki kahani end huyi yaa nahi aur sawaal bhi puchha tha us baare me ..aur ek comment me kahani ki ending achchi thi aisa kaha 😁😁..
 

Incestlala

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साहिल और रूबी दोनो कार में बैठे हुए थे और घर की तरफ जा रहे हैं।

साहिल:" मम्मी आपने बताया नहीं कि ये चमत्कार कैसे हो गया ? सुनील जी ने हमारी इतनी खराब क्वालिटी होने के बाद भी हमे टेंडर कैसे दे दिया ?

रूबी ने अपना एक हाथ उठाया और साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:"

" साहिल ध्यान से मेरी पूरी बात सुनना, उसके बाद ही कोई फैसला करना।

रूबी ने इसके बाद साहिल को बताया कि किस तरह सुनील उसका दीवाना हो गया था और मैंने उसे अपने जाल में फांस लिया और उसने वहीं किया जो मैं चाहती थी।

ये सुनकर साहिल का मूड खराब हो गया और बोला:"

" मतलब एक जगह से इज्जत बचाने के लिए आप दूसरी जगह खुद अपनी इज्जत नीलाम कर रहे हो मम्मी।

रूबी ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" पहले मेरी पूरी बात हो जाने दो। मेरे पास उसकी व्हाट्स एप की चैटिंग पड़ी हुई हैं और अब तुम उससे बात करोगे। अगर हम किसी को ये बात बता दे कि उसने टेंडर सिर्फ मेरे चक्कर में आकर मुझे दिया हैं तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी ।
और तुम तो समझते ही हो कि मैं मर जाउंगी लेकिन अपने चरित्र पर दाग नहीं लगने दूंगी।

साहिल को अब जाकर रूबी की पूरी कहानी समझ में अाई और बोला:"

" ओह मम्मी मलतब सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी। ये तो आपने बहुत ही अच्छा किया।

रूबी ने उसे स्माइल दी और बोली:" पत्नी किसकी हूं आखिर मैं अब। दिमाग तो होगा ही।

साहिल ने गाड़ी अपने घर की तरफ घुमा दी और बोला:"

" मम्मी ज्योति को देखा आपने, कितना गुस्सा अा रहा था उसे ?

रूबी:" हान बेटा, देखने में तो वो अच्छी खासी सुंदर हैं। लेकिन हैं वो बहुत खतरनाक।

साहिल:" मम्मी मुझे तो लग रहा है कि वो शांत नहीं बैठने वाली, जिस तरह से वो गुस्से में अाई हैं जरूर कुछ ना कुछ हरकत करेगी वो आज।

रूबी ने अपना सिर सहमति में हिला दिया और दोनो घर अा गए थे और रूबी घर के अंदर घुस गई। साहिल अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाकर आया और देखा कि शांता अंदर खाना बना चुकी थी।

शांता:" क्या हुआ अनूप बेटा टेंडर का आज ? उम्मीद हैं तुम्हे मिल गया होगा।

साहिल:" हान मा जी, आपने आशीर्वाद दिया तो तो मिलना तो था ही।

शांता के चेहरे पर स्माइल अा गई और बोली:"

" चलो ये तो बहुत खुशी की बात है। भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा। अच्छा तुम भी जल्दी से नहा लो, फिर खाना खा लेते हैं।

साहिल बाथरूम में अंदर नहाने के लिए घुस गया। शांता ने इधर उधर देखा और अपने ब्लाउस से एक छोटी सी पुड़िया निकाली और खाने में मिला दिया। तभी रूबी नहाकर बाहर आ गई और उसने शांता की तरफ देखा तो शांता कांप उठी। उसका चेहरा पसीने पसीने हो उठा। उसे लगा मानो उसकी चोरी रंगे हाथो पकड़ ली गई हो। उसके हाथ से खाली पुड़िया छूटकर नीचे गिर गई। रूबी शांता को स्माइल देते हुए अपने कमरे में चली गई और शांता ने सुकून की सांस ली कि वो बच गई है।

शांता ने रोटी बनाईं और खाने को प्लेट में लगा दिया और बोली:"

" अच्छा मेरा तो मन है नहीं खाने का आज। तुम दोनो खा लेना अच्छे से।

इतना कहकर शांता जाने लगी तो रूबी बोली:"

" अरे मा जी बैठो तो आप। चली जाना, आज हमारे लिए खुशी का दिन है, इतना बड़ा टेंडर मिला हैं।

शांता:" हान बेटा मुझे बहुत खुशी हैं टेंडर मिलने की। लगता हैं कि अब हमारे दिन बदल जायेंगे।

तभी साहिल भी अा गया और खाने की टेबल पर बैठ गया। शांता को याद आया कि अंदर नहाने तो अनूप गया था लेकिन बाहर साहिल निकला। है भगवान इसका मतलब अनूप सच में गायब है और साहिल फिर से अनूप बनकर घूम रहा है। मुझे क्या लेकिन आज इनका काम खत्म हो ही जायेगा। साहिल ने देखा कि खाने से बहुत अच्छी खुशबू अा रही है तो बोला:"

" अरे मा जी आपने बहुत अच्छा खाना बनाया हैं आज। आओ साथ में खाना खाते हैं।

शांता के जिस्म पर बेचैनी साफ दिखाई दी और बोली:"

" नहीं बेटा, मेरा मन नहीं हैं। आज ही के दिन मेरी बेटी सपना गायब हुई थी। आज मैं फास्ट रखती हूं।

साहिल अपनी सीट से खड़ा हो गया और ठीक शांता के सामने आकर बोला:"

" मैं जानता हूं कि तुम खाना नहीं खा सकती। क्योंकि सच्चाई ये हैं कि तुमने ये खाना बनाया ही नहीं हैं। ये खाना तो गुप्ता होटल से अाया हूं शांता जी। तुम शायद खाने के पैकेट ठीक से छुपाना भूल गई ज्योति जी।

रूबी और ज्योति दोनो उछल पड़े। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो ज्योति को हुआ और बोली:"

" कौन ज्योति और गुप्ता होटल से कौन खाना लाया हैं ?

इतना कहकर शांता थोड़ी पीछे को हटी और अपने ब्लाउस के अंदर हाथ घुसा दिया लेकिन साहिल पूरी तरह से सावधान था इससे पहले कि ज्योति का हाथ बाहर आता साहिल ने बिजली की गति से उसे पकड़ लिया और ज्योति उसकी पकड़ में कराह उठी और बोली:"

" ये क्या बदतमीजी हैं साहिल, तुम्हे मेरे साथ ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए।

साहिल:" ज्यादा बनने की कोशिश मत करो ज्योति, तुम्हारा खेल खत्म हो गया है। मम्मी आप जल्दी से इसके दोनो पैर बांध दीजिए

रूबी ने तुरंत अपना दुप्पटा उतारा और शांता के पैरो को कसकर बांधने लगी तो शांता ने एक जोरदार लात रूबी को मार दी और रूबी दर्द से तड़प उठी। साहिल ने ज्योति के हाथ को मोड़ दिया तो दर्द के मारे ज्योति भी तड़प उठी और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
साहिल ने अपनी दोनो टांगे रूबी की टांगो पर कस दी और रूबी को फिर से इशारा किया तो रूबी ने सावधानी से आगे आते हुए उसके पैरो को बांध दिया और साहिल ने पूरी ताकत लगाते हुए ज्योति के हाथ को बाहर खींचा तो एक पैकेट उसके हाथ से छूटकर फर्श पर बिखर गया।

फर्श पर छोटे छोटे जहर बुझे हुए पिन पड़े हुए थे जो ज्योति निकालने की कोशिश कर रही थी। साहिल ने ज्योति को पीछे की तरफ खींचा और सोफे पर गिरा दिया और देखते ही देखते उसके हाथ भी बांध दिए गए।

रूबी ज्योति के सामने बैठ गई जबकि साहिल ने धीरे से बहुत ही सावधानी से पिन हटा दिए और वो भी अब ज्योति के सामने बैठा हुआ था। ज्योति की आंखे लाल सुर्ख हो रही थी और गुस्से से उन्हें घूर रही थी।

साहिल:" देखो मैं जानता हूं कि तुम कौन हो और यहां क्यों अाई हो ? मैं चाहूं तो तुम्हे पीट सकता हूं, जान से मार सकता हूं लेकिन मैं अपने दादा द्वारा कि गई गलती नहीं करना चाहता क्योंकि मैं उनके जैसा नहीं हूं।

ज्योति ने ध्यान से साहिल की बात को सुना तो उसे लगा कि साहिल सही कह रहा है क्योंकि मैं इस वक़्त पूरी तरह से मजबूर हूं लेकिन फिर भी ये मुझे मार नहीं रहा जबकि मैंने अभी रूबी को लात भी मार दी थी।

ज्योति:" मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, तुम चाहो तो मुझे मार दो, लेकिन मैं पीछे नहीं हट सकती। लेकिन तुम्हे कैसे पता चला कि मैं शांता नहीं हूं ?

रूबी:" ज्योति उस दिन मैं तुम्हे हॉस्पिटल लेकर गई तो तुम प्रेगनेंट निकली। बस हमे शक हुआ और फिर तुम्हारे कमरे की तलाशी तो तुम्हारी डायरी मिल गई और हमे सब पता चला कि तुम्हारे साथ कितना गलत हुआ है और इसका मुझे बेहद अफसोस हैं ज्योति ।

ज्योति ने जब अपने प्रेगनेंट होने की बात सुनी तो उसे खुशी हुई और बोली:"

" मैं प्रेगनेंट हूं ये कैसे हो सकता हैं? रिपोर्ट तो कमजोरी की थी।

साहिल:" वो सब मैंने झूठी रिपोर्ट बनवाई थी ताकि तुम्हे सच्चाई का पता ना चल सके।

रूबी:" अच्छा एक बात बताओ क्या नीरज मिश्रा ही तुम्हारा पति हैं जिसके साथ आज तुम टेंडर में गई थी ?

ज्योति कुछ देर चुप रही और बोली:"

" नीरज मिश्रा मेरा पति नहीं है बल्कि मेरे पति का दोस्त हैं।

साहिल:" तो फिर तुम्हारा पति कौन है और प्रिया कौन हैं ?

ज्योति:" मेरा पति कौन हैं ये मैं तुम्हे क्यों बताऊं, अगर तुम अपना भला चाहते हो तो मुझे छोड़ दो नहीं तो शांता को मौत के घाट उतार दिया जायेगा।

साहिल और रूबी को एकदम से शांता की याद अाई और बोली:"

" शांता को कहां छुपा रखा हैं तुमने ? उस बेचारी पर क्यों ज़ुल्म ?

ज्योति:" शांता कहां हैं ये तो तो कभी नहीं समझ पाओगे। मुझे छोड़ दो अगर उसे जिंदा देखना चाहते हो तो।

साहिल:" उसका कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता जब तक तुम मेरे कब्जे में हो। बताओ मुझे शांता कहां हैं ?

ज्योति ने साहिल की तरफ देखा और स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं मर सकती हूं लेकिन मुंह नहीं खोल सकती। चाहे तो आजमा कर देख लो।

साहिल जानता था कि ज्योति सच बोल रही है और फिर दूसरी बात वो पहले ही ज़ुल्म की शिकार ज्योति पर और ज़ुल्म नहीं करना चाहता था। रूबी अपने कमरे में चली गई और और खाना लगाने लगी क्योंकि आते हुए वो खाना खरीद चुके थे।

खाना लग चुका था और साहिल नीचे तहखाने से अनूप और लीमा को भी लेकर अा गया। रूबी ने ज्योति के चेहरे को धो दिया था और वो अब बिल्कुल ज्योति लग रही थी शांता नहीं।

ज्योति को देखते ही लीमा उसके पास गई और उसका गिरेबान पकड़ते हुए बोली:"

" बता ज्योति कहां हैं मेरी मा ?

अनूप पूरी तरह से हैरान था और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। साहिल ने ज्योति को लीमा की पकड़ से आजाद किया और बोला:"

" लीमा तुम चिंता मत करो। तुम्हारी मा को लेकर मैं खुद आऊंगा। तुम उनकी चिंता मत करो।

रूबी:" जब प्रिया शांता की बेटी नहीं थी तो तुमने उसे क्यों भगा दिया था ?

ज्योति:" प्रिया को मैंने इसलिए भगा दिया था ताकि तुम वो तुमसे बच जाए। वो मेरी साथी हैं।

रूबी:" लेकिन फिर उसके कंधे पर निशान कहां से आया था ?

साहिल:" मम्मी वो तो टैटू बना हुआ था । मैंने खुद चेक किया था।

रूबी को अब सारी कहानी समझ में अा गई थी। साहिल और रूबी ने ज्योति को खूब समझाने की कोशिश करी लेकिन उसने समझौता करने से साफ इंकार कर दिया।

सभी लोग खाना खा चुके थे और लीमा कुछ याद करते हुए बोली:"

" मेरी मा को इन्होने नीरज मिश्रा के घर पर रखा हुआ था पहले। अब वो कहां होगी मुझे नहीं पता ?

साहिल:" तुम चिंता मत करो। शांता मा की लेकर खुद नीरज मिश्रा ही आएगा।

साहिल ने अपना मोबाइल निकाला और नीरज का नंबर डायल कर दिया।

साहिल:" नीरज मैं साहिल बोल रहा हूं। ज्योति पकड़ी गई है और मेरे कब्जे में हैं। अगर तुम उसकी जान की सलामती चाहते हो तो चुपचाप शांता को लेकर मेरे घर अा जाओ।

नीरज गुस्से से दहाड़ते हुऐ बोला;"

" अगर ज्योति को एक उंगली भी लगी तो तुम सबकी लाशे बिछा दूंगा। मै अा रहा हूं।

साहिल:" होशियारी मत दिखाना। तुम्हारे साथ प्रिया और रवि मिश्रा भी होना चाहिए।

इतना कहकर साहिल ने कॉल काट दिया और बोला:"

" मम्मी अगले एक घंटे के अंदर नीरज यहां अा जाएगा। अनुप अगर तुम्हे अपनी ज़िन्दगी प्यारी हैं तो नीचे तहखाने में छुप जाओ।

अनूप:' बस साहिल मुझे और जलील मत करो। आज तुम्हे और रूबी को बचाने में मेरी जान भी चली गई तो पीछे नहीं हटूंगा।

साहिल:' तो फिर चलो चलते हैं एक ऐसे किले पर जहां ये आखिरी लड़ाई होगी। ज्योति जी पहले आप खाना खा लीजिए।
सभी लोग ध्यान दे कि ज्योति पर कोई हमला नहीं होगा। हम पहले ही ज्योति की नजरो में गिरे हुए हैं और नहीं गिरना चाहते।

ज्योति हैरान थी कि वो तो साहिल और उसके परिवार को खत्म करना चाहती हैं और ये बोल रहा है कि मुझ पर मली हमला नहीं होगा।

ज्योति;" मुझे कोई भूख नहीं हैं। तुम मुझे हमदर्दी मत दिखाओ। तुम मेरे लिए सिर्फ दुश्मन हो दुश्मन।

साहिल ने ज्योति को स्माइल दी और सारे लोग चुदाई लोक की तरफ चल पड़े। स्क्रीन बंद होने के कारण किसी को भी चुदाई लोक लिखा नजर नहीं आया । जैसे ही चुदाई लोक के दरवाजे पर पहुंचे तो लीमा और ज्योति की आंखे खुली की खुली रह गई।

अद्भुत सौन्दर्य। दोनो को लग रहा था मानो वो कोई सपना देख रही है।

साहिल:" इतनी हैरानी से मत देखो ज्योति। अगर मैं ज़िंदा बच गया तब भी और मर गया तब भी ये सब कुछ तुम्हरा ही होगा।

ज्योति ने साहिल को घूर कर देखा aur फिर से अंदर देखने लगी। सच में ज्योति और लीमा दोनो का मन मोह लिया था चुदाई लोक की अद्भुत सुन्दरता ने। बड़े बड़े पत्थर से बनाए गए पहाड़।

अनूप हैरान था कि साहिल को चुदाई लोक के बारे में कैसे पता चला क्योंकि वो तो सिर्फ रूबी ही जानती थी। वो सब लोगो के सामने चाहकर भी कुछ नहीं पूछ सकता था।

सभी लोगो को वहां छोड़कर साहिल बाहर अा गया और नीराजे के आने का इंतजार करने लगा। तभी एक उसने देखा कि उसके घर के अंदर एक के बाद एक कई गाड़ियां घुस गई और उसमे हथियार बंद गुंडे भरे हुए थे। साहिल ये सब देख कर समझ गया कि नीरज ने उसकी बातो पर कोई ध्यान नहीं दिया।

उसने नीरज का नंबर मिला दिया और बोला:*

" नीरज शायद तुम्हे मेरी बात को ध्यान से नहीं सुना था। इतने सारे गुण्डो के साथ आने की क्या जरूरत थी ? मैंने पहले ही समझाया रहा था तुम्हे।


नीरज ने इधर उधर देखा लेकिन साहिल उसे कहीं दिखाई नहीं दिया तो नीरज समझ गया कि वो घर के अंदर से ही उसे देख रहा हैं इसलिए गुस्से से बोला

" तेरी और तेरे पूरी परिवार की चिता जलाने के लिए आया हूं मैं आज। तेरी मा का वो हाल करूंगा कि औरत कम कुतिया ज्यादा नजर आएगी।

साहिल की आंखों में खून उतर आया और अपने लफ्जो को चबाते हुए कहा

" बस नीरज, अपनी मा की कसम, आज तू यहां से जिंदा नहीं जाएगा क्योंकि मैं तुझे ज़िंदा जला दूंगा।

नीरज ने अपने लोगो को आगे बढ़ाने का इशारा किया और गुण्डो की पूरी फौज घर के अंदर घुस गई। साहिल ने देखा कि नीरज प्रिया और रवि तीनो पीछे थे और एक बूढ़ी औरत भी उनके साथ जो असली शांता थी।

गुण्डो को घर में घुसते देखकर साहिल घबरा गया क्योंकि उसे इसका कोई अंदाजा नहीं था। अगर यहां गोलियां चली तो सबको पता चल जाएगा।

साहिल अपने दिमाग पर जोर डालने लगा और तभी एक विचार उसके मन में आया और उसकी आंखे चमक उठी।
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Incestlala

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साहिल तेजी से दौड़ता हुआ चुदाई लोक में घुस गया और उसने एक पानी का पाइप लिया और धीरे धीरे सारे में पानी फैलता चला गया। चुदाई लोक के आधे से ज्यादा हिस्से में पानी भर गया था करीब एक एक इंच। ये देख कर साहिल समझ गया कि उसकी योजना काम कर रही है।

सभी लोग हैरानी ने उसे देख रहे थे कि तभी साहिल ने रूबी को बोला:"

" मम्मी जल्दी से आप ज्योति का मुंह बांध दीजिए।

रूबी और लीमा ने बला की फुर्ती दिखाते हुए ज्योति का मुंह बंद कर दिया और अब वो चाह कर भी चिल्ला सकती थी।

गुंडे उसको नीचे ढूंढने के बाद उपर की तरफ आने लगे की तरफ आने लगे और साहिल जानता था कि उसे अब क्या करना हैं । उसने गुण्डो को अपनी हलकी सी झलक दिखा दी और बोला:

" मुझे मारना तो दूर तुम छू भी नहीं सकते।

इतना कहकर साहिल ने चुदाई लोक की तरफ दौड़ लगा दी और गुंडे एक के बाद एक उसके पीछे दौड़ पड़े। चुदाई लोक में घुसते ही गुण्डो की आंखे खुली की खुली रह गई। वो पूरी तरह से अचंभित थे ये अद्भुत सौंदर्य देखकर।
साहिल उन्हें उपर खड़ा हुए नजर आया और उनका सरदार बोला:"

" बच्चे क्यों आंख मिचौली खेल रहा है, आजा तेरा खेल खत्म।

साहिल:" खेल किसका खत्म हुआ होगा अभी पता चल जाएगा तुम्हे।

तभी साहिल ने अपना हाथ आगे बढाया और एक स्विच ऑन किया और तभी सरदार को बिजली की तार नजर आईं लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और पानी में करंट उतर गया और सारे गुंडे एक साथ कांप उठे। उनके जिस्म को झटके पर झटके लग रहे थे और देखते ही देखते सारे एक के बाद एक ढेर होते चले गए। बेचारे ढ़ंग से चींखं भी नहीं सके।

ज्योति कांप उठी और जोर जोर से कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी और अपने हाथ पैर को पटक रही थी क्योंकि वो जानती थी कि उसके बाकी बचे हुए साथी भी अंदर आते ही मौत कि बली चढ़ जाएंगे। रूबी, लीमा ज्योति और अनूप ये सब देख कर हैरान हो गए कि साहिल ने एक ही झटके में सभी गुण्डो को मौत के घाट उतार दिया और उनकी बंदूक भी पानी में गिरकर अब खराब हो गई।

ज्योति की हालत देखते हुए साहिल ने बिजली का स्विच बंद कर दिया और ज्योति के चेहरे पर कुछ सुकून दिखाई दिया।

नीरज और रवि मिश्रा साहिल की आवाज सुनकर चुदाई लोक की तरफ आए और अंदर घुसते ही उन्हें अपने सारे गुण्डो की लाशे नजर आईं तो उनकी आंखे हैरानी से खुल रह गई।

साहिल सामने नजर आया और बोला:"

" देख लो नीरज तुम्हारे सारे कुत्तों की लाशे पड़ी हुई हैं। मेरे सिर्फ एक बटन दबाने पर तुम भी जल जाओगे।

नीरज और रवि ने देखा तो उन्हें एहसास हुआ कि वो पानी में अंदर खड़े हुए हैं तो डर उनके चेहरे पर साफ नजर आया और पीछे हटने लगे और नीरज का हाथ उसकी जेब की तरफ बढ़ा तो साहिल की आवाज गूंज उठी

" वहीं रुक जाओ, अगर एक कदम भी पीछे हटे तो मैं स्विच ऑन कर दूंगा।

नीरज का हाथ अपने आप रुक गया और मौत का खौफ उनके सभी के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।

साहिल:" प्रिया तुम आगे आओ और इनकी बंदूके निकाल कर पानी में डाल दो। अगर चालाकी की तो इन सबकी मौत के जिम्मेदार तुम होगी।

प्रिया मजबुर थी इसलिए आगे बढ़ी और बंदूक पानी में डाल दी। नीरज और रवि दोनो जानते थे कि उनका खेल खत्म हो गया है।

साहिल:" प्रिया अब तुम शांता मा को लेकर उपर अा जाओ। नीरज और रवि तुम अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिलोगे।

प्रिया शांता को लेकर उपर की तरफ अा गई और लीमा अपनी मा से कसकर लिपट गई। साहिल ने उनके पानी से बाहर निकलते ही साहिल ने स्विच ऑन किया और नीरज और रवि दोनो को झटके लगे और ज्योति उन्हे मौत के मुंह में जाते देखकर बेहोश हो गई।

साहिल ने अपने ही पल स्विच को बंद किया और नीरज और रवि अभी तक खड़े हुए कांप रहे थे। उन्हें अभी तक बिजली के झटके महसूस हो रहे थे। प्रिया दौड़ कर ज्योति के पास गई और उसे झिंझोड़ते हुए बोली:"

" ज्योति दीदी अपनी आंखे खोलो, आपके पति ज़िंदा हैं प्लीज़ दीदी।

ज्योति ने हिम्मत करके अपनी आंखे खोल दी और उसने रवि मिश्रा की तरफ देखा और उसके चेहरे पर राहत दिखाई दी।

साहिल:" ओह तो ज्योति तुम्हारे पति रवि मिश्रा हैं। मुझे आज पता चला कि रवि ने मुझे धोखा क्यों दिया।

रवि:' मैंने तुम्हे कोई धोखा नहीं दिया। मैंने अपनी पत्नी का साथ दिया हैं ताकि उसके बाप और भाई के हथियारों से बदला ले सकू।

साहिल:" लेकिन वो सब तो मेरे दादा केहर सिंह ने किया इसमें हम सब का क्या कुसूर। मुझे जब ये पता चला तो बहुत दुख हुआ।

ज्योति:" लेकिन तुम्हारी रगो में भी उनका ही गंदा खून दौड़ रहा है साहिल।

साहिल लगभग गुस्से से चिल्ला उठा और बोला:"

" नहीं ज्योति नहीं, मेरी रगो में सिर्फ मेरी मा को खून दौड़ रहा है। तभी तो तुम सभी जिंदा हो नहीं तो अभी तक सबको मौत के घाट उतार दिया होता। लेकिन मैं अपने बाप और दादा जैसा कमीना नहीं हू।

ज्योति:" मार दो ना, फिर हम मौत से क्यों डरा रहे हो तुम, अगर मैं ज़िंदा रही तो तुम ज़िंदा रही रह सकते।

शांता अपनी दबी हुई और कमजोर हो गई आवाज में बोली:"

" मेरी खून खराबा किसी चीज का हाल नहीं होता। साहिल अपने बाप और दादा से अलग हैं। ये तुम्हे नहीं मार रहा है जबकि तुम सबके इसकी जान के दुश्मन बने हुए हो।

साहिल:" शांता मा मुझे ये माल दौलत कुछ नहीं चाहिए। मैं तो सब कुछ तुम्हारे हवाले करके तुमसे माफी चाहता हूं।

ज्योति और रवि साहिल की बात सुनकर सोचने पर मजबूर हो गए। उनकी समझ में नहीं अा रहा था कि क्या किया जाए।

शांता:" ज्योति तुमने मुझे पिछले 10 साल से कैद में रखा और मेरी बेटी को अपनी उंगलियों पर नचाया लेकिन मै फिर भी तुम्हे माफ़ करने के लिए तैयार हूं बताओ मेरी क्या गलती थी इसमें , क्यों किया तुमने मेरे साथ ऐसा ? कोई जवाब हैं तुम्हारे पास
तुम्हे अपने बदले की आग में मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी।

ज्योति का सिर नीचे झुक गया और तभी रूबी बोली:"

" ज्योति तुम मा बनने वाली हो। दुनिया की सबसे बड़ी खुशी तुम्हे हासिल हो रही हैं। मै और साहिल तुम्हे ये सब माल पैसा और घर देने के लिए तैयार है। तुम्हारे पैर पकड़कर अपने बड़ों द्वारा किए गए पापो का प्रायश्चित करना चाहते हैं।

ज्योति को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। वो जानती थी साहिल और रूबी जब चाहे उसे मार सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ये पता होने के बाद भी की मैं ज्योति हू मेरा ख्याल रखा ।

तभी चुपचाप खड़ा हुआ अनूप जोर से बोला:"

" तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया साहिल, ये सारी दौलत मेरी हैं और तुम्हे कोई हक नहीं हैं उसे बांट देने का।

साहिल आगे बढ़ा और उसने एक जोरदार थप्पड़ अनूप के गाल पर जड़ दिया और बोला:"

" थू है कमीने तेरे उपर, तू बाप के नाम पर सिर्फ एक कलंक हैं। मैं तुझे मार दूंगा


इतना कहकर साहिल ने उसे लात और घुसो से मारना शुरू कर दिया और यही उससे गलती हो गई। नीरज पानी से बाहर अा गया और उसने अपनी जेब में रखे हुए चाकू को बाहर निकालते हुए साहिल पर हमला कर दिया । लेकिन तभी शांता बीच में कूद पड़ी और चाकू उसके पेट में घुसता चला गया और उसके मुंह में एक दर्द भरी चींखं निकल पड़ी।

साहिल ये देखकर गुस्से से पागल हो गया और उसने नीरज पर हमला कर दिया। सभी लोग खड़े हुए थे और दोनो के बीच लड़ाई शुरू हो गई। तभी प्रिया ने एक पत्थर उठा कर साहिल पर हमला किया लेकिन उसका निशाना चूक गया और देखते ही देखते रूबी उसके उपर टूट पड़ी।

थोड़ी देर पहले बदला और मारने की बात करने वाले रवि और ज्योति को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।

लीमा अपनी मा के कटे हुए पेट को अपने दुप्पटे से बांध रही थी और रोए जा रही थी।

प्रिया ने रूबी के सिर के बाल पकड़ कर जोर से खींच लिया और रूबी दर्द से तड़प उठी। साहिल अपनी मा की दर्द भरी आवाज सुनकर पागल हो गया और एक झटके से नीरज के हाथ से चाकू छीन लिया और जोरदार घुस्सा उसके पेट में जड़ दिया।

नीरज दर्द से दोहरा होता चला गया और साहिल ने उसे बिना मौके दिए पत्थर पर पटक दिया और उसकी रीढ़ की हड्डी चटक गई और उसकी दर्द भरी आह निकल पड़ी।

साहिल अब रूबी की तरफ बढ़ा और रूबी ने खुद ही प्रिया को पटक दिया और उसके मुंह पर लात घुसे बरसाने लगी। तभी जैसे रवि मिश्रा और ज्योति नींद से जागे और उन्होंने रूबी पर हमला कर दिया।

साहिल ने रवि मिश्रा को पकड़ लिया और लीमा भी अपनी मा को छोड़कर ज्योति पर टूट पड़ी। सिर्फ रूबी प्रिया को थप्पड़ मार रही थी जबकि साहिल ने रवि को सिर्फ पकड़ा हुआ था वहीं लीमा ने भी ज्योति को सिर्फ काबू किया हुआ था जबकि रूबी प्रिया को थप्पड़ मारे जा रही थी।

रवि:" रूबी मत मारो उसे, छोड़ दो वो मेरी बहन हैं।

रवि के मुंह से ये सब सुनते ही रूबी के हाथ अपने आप ही रुक गए लेकिन तब तक प्रिया का मुंह लाल हो गया था।

ज्योति:" ये मेरे पति की छोटी बहन हैं और ये नीरज से प्यार करती हैं। छोड़ दो उसे।

साहिल अब सब कुछ समझ गया था और वो दौड़ते हुए शांता के पास गया जोकि बेहोश हो गई थी। साहिल उसे आवाज देता रहा लेकिन शांता खामोश रही।

तभी एक कोने में पड़ा हुआ अनूप खड़ा हुआ और उसने देखा कि किसी कि नजर उस पर नहीं थी इसलिए उसने धीरे से नीरज के पास पड़ा हुआ चाकू उठाया और आंखो में खूनी भाव लिए हुए आगे बढ़ा और नीरज के मुंह पर हाथ रखते हुए उसकी गर्दन काट दी। नीरज तड़प कर रह गया और बेचारा चींखं भी नहीं सका।


अनूप आंखो में खूनी भाव लिए हुए आगे बढ़ा और उसके निशाने पर था रवि मिश्रा क्योंकि वो जानता था कि रवि मिश्रा ने ही उसकी कंपनी को बर्बाद किया है।

रवि मिश्रा और ज्योति दोनो प्रिया के पास थे तभी अनूप ने अपना हाथ उपर उठाया और साहिल की नजर चाकू पर पड़ी और वो बीच में कूद गया और चाकू उसकी पीठ में घुसता चला गया।

साहिल दर्द से तड़प उठा और ज्योति और प्रिया ये देखकर हैरान हो गई कि साहिल ने रवि को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी है। अनूप ने एक झटके से चाकू साहिल की पीठ से बाहर निकाला और उसने फिर से रवि पर हमला किया लेकिन ज्योति ने बचा लिया। लेकिन इसी बीच प्रिया के हाथ में एक बड़ा सा पत्थर अा गया और उसने पत्थर को अनूप के सिर में जोर से मार दिया और अनूप दर्द से तड़प उठा और उसने चाकू का भरपूर वार प्रिया पर किया और उसकी गर्दन एक झटके के साथ कट गई और नीरज की कटी हुई गर्दन के पास जा गिरी।

रूबी साहिल को छोड़कर अनूप की तरफ झपटी और अनूप सिर में चोट के कारण गिर पड़ा और रूबी ने उसके हाथ से चाकू लेते हुए उसके पेट में घुसा दिया।

पेट में चाकू घुसते हुए अनूप ने तड़पते हुए एक बार रूबी की तरफ देखा और अपना दम तोड़ दिया।

रूबी साहिल के पास बैठी हुई रों रही थी जबकि लीमा शांता को हिला रही थी और ज्योति और रवि प्रिया का कटे हुए जिस्म के पास बैठ कर रों रहे थे।

रूबी:" लीमा हमे शांता और साहिल को हॉस्पिटल ले जाना होगा।

रवि को जैसे होश आया और ज्योति भी उठी और दोनो साहिल की तरफ लपके। साहिल बेहोश हो गया था।

रूबी ने चाकू ज्योति की तरफ बढ़ा दिया और उसके पैरो में अपनी गर्दन झुका दी और रोते हुई बोली:"

" ज्योति मेरा बेटा बेहोश और मेरा सिर तुम्हारे क़दमों में हैं, ले लो अपना बदला तुम।

ज्योति ने चाकू हाथ में पकड़ लिया और लीमा और रवि मिश्रा दोनो उसकी आंखो में खूनी भाव देखकर कांप उठे और तभी ज्योति का हाथ चाकू सहित उपर उठा और फुर्ती के साथ नीचे आते हुए पास मरे पड़े अनूप की छाती में घुसता चला गया।

लीमा और रवि ने सुकून की सांस ली और ज्योति ने एक एक बाद कई वार मरे हुए अनूप पर किए और जोर जोर से चिल्ला उठी

" मैंने तुम्हारे मुजरिम से बदला ले लिया है पापा। देखो मैंने आज उसके पूरे परिवार को तबाह कर दिया। साहिल और रूबी को अगर मारा तो मैं जानती हूं आपको दुख होगा क्योंकि ये बेचारे मासूम और निर्दोष है पापा।

रवि आगे बढ़ा और उसने ज्योति के हाथ से चाकू फेंक दिया और बोला:"

" बस करो ज्योति, साहिल और शांता को हॉस्पिटल ले जाना होगा नहीं तो वो दम तोड देंगे।

ज्योति जैसे अपने पागलपन से बाहर अाई और बोली:"

" हान तुम जल्दी से गाड़ी निकालो। मैं उन्हें लेकर आती हूं।

रवि आगे बढ़ा और बाहर चला गया जबकि लीमा रूबी और ज्योति मिलकर साहिल और शांता को बाहर लाए और जल्दी ही सभी लोग हॉस्पिटल के अंदर थे। साहिल और शांता दोनो का ऑपरेशन हुआ और कामयाब रहा।

रूबी तो जैसे पत्थर की बन गई थी और ज्योति उसके पास गई और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोली:"

" मुझे माफ़ कर दो बहन। मैंने तुम्हे बहुत गलत समझा और दुख दिए। आज तुम्हारे और साहिल की वजह से ही मेरे पति जिंदा हैं।

रूबी जैसे होश में आई और उसने भी ज्योति के आगे हाथ जोड़ दिए और बोली:"

" माफी तो मुझे मांगनी चाहिए क्योंकि केहर सिंह की वजह से तुम्हारा परिवार बर्बाद हो गया था।

रवि भी उनके पास अा गया और ज्योति ने रूबी का एक हाथ अपने पेट पर टिका दिया और बोली:"

" हान लेकिन आज तुम्हारी वजह से ही मेरा परिवार फिर से बस गया हैं रूबी। तुम सच में एक महान औरत हो। क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी।

रूबी पलटी और ज्योति के गले लग गई।ज्योति ने भी उसे अपनी बाहों में कस लिया और दोनो एक दूसरे से ऐसे लिपट रही थी मानो सगी बहन सदियों के बाद मिली हो।

लीमा और रवि ये देख कर भावुक हो गए और उनकी आंखे भी बह चली। साहिल को होश अा गया और उसने जब दोनो को ऐसे गले मिलता देखा तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और उसने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली।


इसी बीच बीच में सुनील का रूबी को फोन आता रहा और रूबी ने इसे बता दिया कि उसके एक सड़क दुर्घटना में उसके पति की मौत हो गई और उसका बेटा अस्पताल में भर्ती हैं। सुनील उससे मिलने के लिए अस्पताल अाया और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। रूबी जानती थी कि सुनील ये सब क्यों कर रहा हैं इसलिए वो चुप थी।

दूसरी तरफ अब तक रवि मिश्रा सभी लाशों को ठिकाने लगा चुका था और उसने नीरज और अपनी बहन की लाश का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया था।

रूबी ने अनूप की लाश का अंतिम संस्कार करने से भी साफ इनकार कर दिया तो रवि ने आखिर में अनूप का भी अंतिम संस्कार कर दिया।

करीब चार दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद आज साहिल और शांता दोनो अपने घर लौट रहे थे। घर में बेहद खुशियां थी और साहिल और शांता के स्वागत के लिए रूबी से ज्यादा ज्योति खुश नजर आ रही थी।

साहिल और शांता जैसे ही घर के अंदर आए तो ज्योति दौड़ती हुई थाली लेकर घर के दरवाजे पर अा गई और उसकी आरती उतारने लगी।

साहिल ये सब कर कर सच में बहुत खुश था क्योंकि वो समझ गया था कि अब जाकर उसके दादा के द्वारा किए गए पापो का प्रायश्चित हुआ है।

साहिल ने जैसे ही पहला कदम घर के अंदर रखा तो ज्योति ने माथा चूम कर उसका स्वागत किया और बोली:"

" भाई भगवान तुम्हारी ज़िन्दगी खुशियों से भर दे। इस बहन की दुआ तुम्हारे साथ हैं।

साहिल के बस ज्योति ने शांता की थी आरती उतारी और उसके पैरो पर सिर रखकर अपने किए के लिए माफी मांगी। शांता ने उसको उठाया और गले लगा लिया।

सच में ये सब देख कर रूबी और लीमा के साथ रवि मिश्रा की भी आंखे खुशी के मारे गीली हो गई थी। ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए और साहिल अब पूरी तरह से ठीक हो गया था।

साहिल काम और रवि दोनो काम के लिए ऑफिस गए और शाम को रवि घर अा गया जबकि साहिल किसी काम की वजह से रुक गया था।

करीब आधे बाद साहिल घर के अंदर दाखिल हुआ और उसके साथ वकील भी था। ज्योति ये देखकर सोच में पड़ गई और हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी।

साहिल:" वकील साहब आप और ज्योति जी आप आगे अा जाए।

ज्योति हैरानी में डूबी हुई आगे बढ़ी और वकील ने कोर्ट का लैटर पढ़ना शुरू किया।

" हम साहिल और रूबी दोनो अपने पूरे होशो हवास में अपना ये घर और अपनी कंपनी ज्योति सिंह के नाम कर रहे हैं। आज एक बाद इस प्रॉपर्टी से या कंपनी से हमारा कोई लेना देना नहीं होगा।

ज्योति की आंखे भीग गई और उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। उसने भीगी आंखो से साहिल की तरफ देखा और साहिल ने उसे प्यार से मुस्कान दी और ज्योति रोती हुई उसके गले लग गई।

ज्योति:" नहीं साहिल, मुझे ये सब नहीं चाहिए। तुम जैसा भाई मुझे मिल गया तो लग रहा हैं कि मुझे सब कुछ वापिस मिल गया।

साहिल ने उसके आंसू साफ किए और बोला:"

" चुप हो जाए आप। भाई भी कहती हो और भाई का फर्ज निभाने से भी मना कर रही हो। ये सब मेरी बहन के लिए उसके भाई की तरफ से तोहफा हैं।

ज्योति:" नहीं मुझे ये सब नहीं चाहिए। मुझे बस तुम्हरा साथ चाहिए ज़िन्दगी भर के लिए।

साहिल ने ज्योति का हाथ पकड़ा और बोला:"

" मैं वादा करता हूं कि जब भी ज़िन्दगी में तुम्हे मेरी जरूरत होगी मैं हमेशा तुम्हरा साथ दूंगा । ये एक भाई का वादा हैं।

ज्योति ने रूबी की तरफ देखा और रूबी ने भी स्माइल देते हुए उसे इशारा किया कि वो सब उसे ले लेना चाहिए।

ज्योति को आखिरी उम्मीद शांता से थी और शांता बोली:"

" देख बेटी, तुम्हे ये सब ले लेना चाहिए नहीं तो हमेशा साहिल और रूबी के दिल पर एक बोझ रहेगा।

ज्योति सबके आगे हार गई और ना चाहते हुए भी उसने कागज पर साइन कर दिया। कागज पर साइन होते ही रूबी और साहिल ने एक दूसरे की तरफ देखा और दोनो के ही चेहरे पर सुकून साफ दिखाई दिया।

वकील जानता था कि उसका काम हो गया है इसलिए अपना बैग उठाकर वो बाहर चला गया।

रूबी जानती थी कि अब पूरी तरह से इस कंपनी की मालिक ज्योति हैं इसीलिए उसे मिला टेंडर अपने आप कैंसल हो जाएगा और सुनील से भी उसे मुक्ति मिल जाएगी।

ज्योति साइन करने के बाद बोली:"

" अच्छा मैंने आप सब का कहा मान लिया। अब मै चाहती हूं कि आपने जो पैसा टेंडर के लिए आशा मैडम से लिया था उसे मैं चुका दू ताकि आप आराम से अपनी ज़िन्दगी जी सके।

साहिल और रूबी दोनो चौंक उठे और साहिल बोला:"

" आपको कैसे मालूम कि हमने आशा से पैसा लिया था ?

ज्योति:" मुझे सब कुछ पता था कि तुम लोगो के पास कोई पैसा नही था। इसलिए तुमने आशा से पैसा लिया था ताकि टेंडर हासिल कर सकोे। मुझे लगा था कि तुम लोग शायद पैसा कमाने के लिए ये सब कर रहे थे लेकिन बाद में मुझे रवि मिश्रा ने बताया कि तुमने गरीब मजदूरों के लिए ये सब किया हैं।

रूबी:" इसका मतलब आपको सब कुछ पता था कि हम कब क्या कर रहे हैं ?

ज्योति:" हान मुझे ये भी पता था कि अनूप बनकर साहिल घूम रहा है लेकिन बस एक ही बात नहीं था कि नीरज तुम्हे हासिल करना चाहता था। मैंने खुद एक औरत हूं और दूसरी औरत का सम्मान करती हूं। लेकिन मुझे ये बात साहिल के द्वारा कि गई रिकॉर्डिंग से पता चली। उसने जैसा किया वैसा भरा।

साहिल और रूबी चुप थे। रूबी अंदर चली गई और अपना बैग लेकर बाहर अा गई।

रूबी:" अच्छा मुझे आप आज्ञा दीजिए। मैं और साहिल अब दिल्ली जा रहे हैं। अब से मैं सिर्फ लोगो को योग सिखाया करूंगी।

ज्योति:" अरे ऐसे कैसे चले जाओगे तुम। मैंने आशा को पैसा वापिस कर दिया है।

साहिल और रूबी उसकी बात सुनकर हैरान हो गए और ज्योति आगे बोली:"

" मैंने तुम्हारे लिए एक नए योगा सेंटर का निर्माण कर दिया है। आज से तुम वहां लोगो को योग की दीक्षा दोगी।

रूबी:" बस करो आप ज्योति जी। मैं अब अपने दम पर कुछ बनना चाहती हूं। मैं ये सब नहीं ले सकती।

ज्योति:" अरे मैं कौन सा फ्री में दे रही हूं। आप घर का किराया और जो पैसा योगा से आएगा उसका आधा मुझे देती रहेगी।

रूबी इससे पहले कुछ बोलती शांता बोल पड़ी:"

" अब मना मत करना बेटी आप। मेरी भी यही इच्छा हैं। फिर इसमें कोई एहसान नहीं भी नहीं हैं। तुम्हारी अपनी मेहनत होगी।

साहिल और रूबी दोनो ने शांता के पैर छुए और घर से बाहर चल दिए। सभी की आंखे भीगी हुई थी और हर कोई अपने आंसू रोक रहा था। लेकिन जाने वालो को आज तक कोई रोक नहीं सकता हैं इसलिए रूबी और साहिल दोनो अपनी गाड़ी में बैठकर दिल्ली की तरफ रवाना हो गए ।


उनके जाने के बाद शांता और लीमा सभी के साथ घर के अंदर अा गए। लीमा अंदर से अपना बैग लेकर अा गई और शांता उसके साथ चल पड़ी।

ज्योति और रवि अपने कमरे में थे और उन्हें इसका बिल्कुल भी एहसास नहीं रहा था कि लीमा और शांता घर छोड़कर जा रहे है। लीमा ने बहुत धीरे से गेट खोला और अपनी मा के साथ बाहर की तरफ निकल गई।

पिछले काफी सालों से जासूस की ज़िन्दगी जी रही ज्योति के कान हल्की सी आवाज सुनकर ही खड़े हो गए और वो तेजी से बाहर लपकी और जैसे ही उनकी नजर शांता और लीमा पर पड़ी तो वो पागलों कि तरह उनकी तरफ दौड़ पड़ी और उनसे लिपट गई।

ज्योति लगभग भवावेश में पूरी तरह से भरे हुए गले से बोली:"

" मा जी और लीमा आप क्यों जा रहे हो मुझे छोड़ कर ? क्या गलती हो गई मुझसे जो आप ऐसे बिना बताए जा रहे हैं मुझसे मुंह मोड़कर ?

रवि भी अा गया था और उसने भी शांता और लीमा के आगे हाथ जोड़ दिए और बोला:"

" मा जी बड़ी मुश्किल से मुझे आप के रूप में एक मा और लीमा के रूप में फिर से मेरी बहन प्रिया वापिस मिली हैं। हमे छोड़कर मत जाइए मा जी आप।

शांता और लीमा दोनो बिल्कुल चुप चाप खड़े हुए थे और उन्हें एहसास हो हो रहा था कि ज्योति सच में पूरी तरह से बदल गई हैं।

ज्योति शांता के पैरो में गिर पड़ी और रोते हुए उनके पैरो को आंशू से धोने लगी। शांता ये देखकर पूरी तरह से पिघल गई और उसकी भी आंखे भर आई।

ज्योति:" मा जी रूबी ने तो अपने बड़ों के द्वारा किए गए पापो का प्रायश्चित कर लिया लेकिन मैंने जो पाप किए है उनका प्रायश्चित करने से मुझे मत रोको। मैनें अपनी दुश्मनी के चलते आपको कैद करके रखा, एक मा को उसकी लड़की से दूर रखा। मा जी मैंने बहुत बड़ा गुनाह किया हैं।

शांता ने उसे उठाया और अपने गले लगा लिया और उसकी पीठ थपथपाने लगी और बोली:"

" बस करो ज्योति, तुम्हारे सारे पाप तुम्हारे कोमल आंशूओ से धूल गए हैं। मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है बेटी।

ज्योति:" बेटी भी कह रहीं हो और मुझे बेटी का फ़र्ज़ निभाने भी नहीं दे रही हो। मा जी प्लीज़ मुझ पर रहम करो, मत जाओ मुझे छोड़कर आप कहीं ।

रवि:" मा जी रूबी और साहिल ने तो अपने पापो का प्रायश्चित कर लिया लेकिन आप हमसे ये हक मत छीनिए। मत जाओ आप हमें छोड़कर।

रवि भी शांता के पैरो के गिर पड़ा। शांता ने उसे उपर उठाया और दोनो को अपने गले लगा लिया और शांता भी बिलख उठी क्योंकि आखिरकार वो भी एक औरत थी।

शांता:" नहीं जाऊंगी, कहीं नहीं जाऊंगी मैं तुम्हे छोड़कर। बस अब रोनार बंद करो आप।

ज्योति शांता की बात सुनकर चुप होने की बजाय और ज्यादा जोर से रो पड़ी और शांता उसकी पीठ सहलाती रही। बड़ी मुश्किल से ज्योति के आंसू रुक गए।

रवि ने लीमा से बैग किया और अंदर की तरफ अा गया। पीछे पीछे ज्योति और शांता भी अंदर अा गए।

ज्योति शांता की गोद में अपना सिर रखे हुए थी और बोली:"

" मा मुझे आप मिल गई तो लगता हैं जैसे सब कुछ मिल गया। दुनिया में आज भी अच्छे लोगो की कमी नहीं हैं। मैं जिस रूबी और साहिल को मिटाने के लिए दिन रात कोशिश करती रही उसी साहिल ने मेरे पति को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी और रूबी ने तो सच्चाई का साथ देने के लिए अपने पति को ही मौत के घाट उतार दिया। सच में मा वो दोनो इंसान नहीं देवता हैं इस धरती पर।

शांता उसके बालो में उंगली करते हुए बोली:" बेटी सच में ये धरती ऐसे ही लोगों की वजह से चल रही है। मा बाप जो संस्कार अपने छोटे बच्चे को देते हैं उनके आधार पर ही उसकी आगे की ज़िन्दगी पूरी होती है। रूबी को उसके घर से अच्छे संस्कार मिले और उसने वहीं संस्कार अपने बेटे साहिल को दिए। अनूप को उसके बाप केहर सिंह से संस्कार मिले और उसका नतीजा तुमने देखा ही हैं।

शांता एक पल के लिए रुकी और फिर से बोली:"

" तुम अपने संस्कार देखो, बेशक बदले की आग ने तुम्हे पागल कर दिया था लेकिन आखिर में तुम्हारे संस्कार उस आग पर भारी पड़े और तुमने सब कुछ भूल कर रूबी और साहिल को गले लगा लिया।

ज्योति:" नहीं मा, मेरे संस्कार तो रूबी के मुकाबले कुछ नहीं, मैं सिर्फ उनकी वजह से ही बदली हूं। मेरे बारे में सब कुछ जानने के बाद भी उन्होंने कभी मुझसे नफरत नहीं बल्कि मेरी जैसी पत्थर दिल औरत को पिघला दिया। सच में रूबी जैसे लोग धरती पर बहुत कम होते हैं।

शांता ने उसकी हान में हान मिला दी और लीमा खाना बना चुकी थी और सभी लोगो ने खाना खाया और उसके बाद सोने के लिए चले गए। लीमा और शांता दोनो सो गई जबकि ज्योति और रवि दोनो आज चुदाई लोक में घुस गए और थोड़ी देर बार ज्योति की मस्ती भरी सिसकारियो से चुदाई लोक महक उठा।

आज चुदाई लोक को उसके असली वारिस मिल गए थे और चांद भी अपने नूर पर था। छोटे छोटे पेड़ पौधे मस्ती से झूम रहे थे मानो वो खुशी मना रहे हो।
Superb Updated
 

Kapil Bajaj

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दोस्त बहुत ही गजब की कहानी थी ऐसे ही दूसरी कहानी भी लिखेगा नौकरी अपडेट देखेंगे इसका कहानी का आपका दोस्त🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
 

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दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो दिल्ली की तरफ जा रहे रहे थे और रात के लगभग 10 बज गए थे।

रूबी:" साहिल मुझे भूख लगी हैं बहुत तेज।

साहिल:" रूबी बस थोड़ी देर और आगे कोई होटल या ढाबा देखकर मैं गाड़ी रोक लूंगा।

रूबी ने अपनी बेटे को गर्दन हिला कर सहमति दी और दोनो एक बार फिर से चुप हो गए। साहिल थोड़ी देर बाद बोला:"

" अच्छा एक बात हैं रूबी , देखो ना ज्योति पूरी तरह से बदल गई हैं। सच में अगर इंसान चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता।

रूबी:" साहिल ये सब तुम्हारी वजह से हुआ हैं बेटा। तुमने जो कहा मैंने वो किया।

साहिल:" हान मम्मी, अच्छा हुआ जो उसका गुस्सा शांत हो गया, मैं तो चाह कर भी उस पर हाथ नहीं उठा सकता था। अच्छा एक बात बताओ क्या तुम्हे अनूप के मरने का दुख तो नहीं हैं ?

रूबी ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" कैसी बाते कर रहे हो तुम, मुझे क्या दुख होगा मैंने ही तो खुद उसे चाकू से मारा हैं साहिल।

साहिल:" अच्छा, अरे हां याद आया। लेकिन ये सब मेरी वजह से हुआ कि आपको अपने हाथ से अपने पति को मारना पड़ा।

रूबी:" बस करो तुम, वो पति नहीं पाप का एक बोझ था, मेरे पति सिर्फ तुम हो समझे।

साहिल ने अपनी मा का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" हान रूबी मैं ही अब तुम्हारा पति हूं। अब तो हमनें करवा चोद भी मना लिया।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" उफ्फ बुद्धू उसे करवा चोद नहीं करवा चौथ कहते हैं।

साहिल ने अपनी मा का हाथ हल्का सा दबा दिया और बोली:"

" करवा चौथ कहो या करवा चोद हुई तो चुदाई ही ना मम्मी।

रूबी ने उसके कान पकड़ लिए और बोली:"

" कमीने शर्म नहीं आती तुझे, मम्मी भी बोल रहा हैं और करवा चोद भी मना रहा हैं मेरे साथ।

साहिल:" आह मम्मी थोड़े प्यार से दबाओ, उफ्फ मेरा कान दुखता है। देखो ना एक बेटे ने अपनी मा के साथ करवा चोद मनाया इसलिए ही तो हमारा " अनोखा करवाचौथ" हुआ।

रूबी ने उसका कान छोड़ दिया और उसके होंठ चूमकर बोली:"

" हान बेटा बिल्कुल सच कहा तूने, मा बेटे का " अनोखा करवाचौथ" बस अब खुश।

इसके बाद एक साथ दोनो खिलखिला कर हंस पड़े और थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी एक ढाबे के सामने रुक गई और दोनो मा बेटे ने खाना खाया और उसके बाद फिर से दिल्ली की तरफ चल दिए। साहिल ने मस्ती में आते हुए कहा :"

" मम्मी एक बात कहूं वैसे आपकी गांड़ मटकती बहुत ज्यादा है।

रूबी:" पागल कहीं का, अब क्या तेरी नजर मेरी गांड़ पर भी अा गई है।

साहिल:" ओह मम्मी , सच कहूं तो एक बार आपकी गांड़ मारने का मन हैं बहुत।

रूबी के गाल सुर्ख हो गए और अदा के साथ बोली:"

" जा फालतू के सपने मत देख, मैं नहीं मराने वाली तुझसे अपनी गांड़ वांड। बड़ी आया हीरो तू।
वैसे गांड़ से याद आया सुनील बेचारा।

साहिल:" हान मम्मी, उसका क्या होगा अब, उसके तो सारे सपने अधूरे ही रह जाएंगे।

रूबी ने साहिल को चुप रहने का इशारा किया और मोबाइल से सुनील का नंबर मिला दिया और फोन का स्पीकर ऑन कर दिया ।
सुनील रूबी का कॉल देखते ही गदगद हो उठा और बोला:"

" हेल्लो रूबी जी कैसी हैं आप ?
मेरी खुशनसीबी कि आपने मुझे याद किया। आपका बेटा कैसा हैं अब ?

रूबी:" जी आपकी दया से वो अब बिल्कुल ठीक हैं।

सुनील की हलकी बेचैनी में डूबी हुई आवाज गूंजी:"

" तो फिर अब हमे भी थोड़ा ठीक कर दीजिए। सोते जागते हर समय आपकी गांड़ की मटकाती हुई नजर आती हो। आज अा रही हों ना फिर पक्का आप ?

साहिल ने रूबी की तरफ देखा और दोनो के होंठ मुस्करा उठे और रूबी बोली:"

" माफ कीजिए मैं नहीं अा पाऊंगी,

सुनील:" क्या हुआ कोई काम हैं क्या ? आप कल अा सकती हैं

रूबी:" नहीं मुझे कोई काम नहीं हैं, मैं कल तो क्या कभी नहीं अा सकती सुनील जी ।


सुनील:" रूबी तुम शायद भूल रही हो कि अगर तुम नहीं आओगी तो मैं टेंडर कैंसल कर सकता हूं।



रूबी:" सुनील जी ये मैंने आपको फोन इसलिए किया था मैंने अपनी कंपनी ज्योति जी के नाम कर दी है और वही अब इसकी असली मालिक हैं।


सुनील के सिर पर जैसे बम फाड़ दिया गया हो, वो पूरी तरह से बौखला गया और बोला:"

" नहीं नहीं ये नहीं हो सकता। तुम मेरे आज ऐसा नहीं कर सकती रूबी।

रूबी और दोनो सुनील की हालत देखकर स्माइल कर दिए और रूबी बोली:"

" ऐसा हो चुका हैं मिस्टर सुनील। इसलिए आज के बाद मेरे सपने देखना बंद कीजिए और अपने परिवार को समय दीजिए।
बाय बाय।


इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और साहिल के होंठ चूम लिए। साहिल हंसते हुए बोला:"

" मम्मी आपने तो बेचारे सुनील की दुनिया ही लूट ली, क्या किसी पर इतना ज़ुल्म करना अच्छा हैं ?

रूबी भी हंसते हुए बोली:"

" कोई भी इंसान अगर अपनी औकात से ज्यादा सपने देखता हैं तो उसके यहीं हाल होता हैं।

साहिल ने एक बारे रूबी की गांड़ की तरफ देखा और एक आह भरी और बोला:"

" ओह मम्मी, जो सपने सुनील ने देखा था वहीं मुझे भी दिख रहा हैं अब, क्या मेरा पूरा होगा या नहीं ?

रूबी समझ गई कि साहिल उसकी गांड़ के बारे में बात कर रहा हैं तो अदा दिखाते हुए बोली:_

" कुछ सपने ऐसे होते हैं जो पहली बार देखे जाते हैं, सपनों में दम होना चाहिए और उन्हें पूरा करने की मजबूत इच्छा शक्ति, फिर तो सभी सपने पूरे हो ही जाते हैं।

रूबी ने साहिल को अपनी तरफ से ग्रीन सिग्नल दे दिया था और साहिल सब समझ गया और बोला:"

" रूबी तुम मेरी इच्छा शक्ति के बारे में क्या जानो, देखना मै कुछ भी करके अपना सपना पूरा कर लूंगा।

रूबी अपने बेटे पर अपना सब कुछ लुटाने के लिए तैयार थी इसलिए कामुक स्माइल करते हुए बोली:"

" बेटा कोई मदद चाहिए तो बता देना, मैं हमेशा तेरे साथ हूं।

साहिल:" ओह मम्मी, एक आप ही तो हैं जो मेरा सपना पूरा कर सकती हैं।

रूबी:" अच्छा हम दिल्ली में अा गए हैं और आगे से लेफ्ट ले लेना, उधर ही हमे जाना हैं।

साहिल:" अरे मम्मी आप चिंता मत कीजिए, आपका बेटा दिल्ली में तो रहा हैं, इसलिए आप आप आराम से बैठिए।


साहिल की साड़ी थोड़ी देर बाद ही एक आलीशान घर के सामने खड़ी हुई थी। साहिल ने नाम प्लेट पर अपनी मा का नाम देखा और समझ गया कि उन्हें आगे से इसी घर में रहना है। साहिल ने गाड़ी अंदर घुसा दी।

साहिल और रूबी दोनो ने घर को ध्यान से देखा, बहुत बड़ा तो नहीं था, बस नीचे दो कमरे, हॉल और बाथरूम था लेकिन सभी कुछ बहुत अच्छे से बना हुआ था। उनके पहले घर के सामने कुछ भी नहीं था लेकिन दोनो अभी भी बहुत खुश थे क्योंकि उनके सिर से एक बहुत बड़ा बोझ उतर गया था। गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो अंदर अा गए।

रूबी:" बेटा घर तो ठीक हैं। आराम से हम इसमें रह सकते है कोई दिक्कत नहीं होगी।

साहिल:" हान मम्मी, सब कुछ हैं घर में अंदर और इससे ज्यादा क्या चाहिए।

रूबी:" हान बेटा, अच्छा मैं थक गई हूं, मैं नहा लेती हूं। तब तक तुम आराम करो।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी आप नहाकर आओ तब तक मै हॉल में ही बैठा हूं।

रूबी नहाने के लिए घुस गई और थोड़ी देर में ही वो नहाकर बाहर निकली। हल्के गुनगुने पानी से नहाने के बाद रूबी और भी ज्यादा कामुक लग रही थी और अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल लपेटकर बाहर अा गई और साहिल उसे देखते ही दीवाना हो गया।

रूबी:" ऐसे क्या देख रहे हो तुम, नजर लगाओगे क्या?

इतना कहकर रूबी अपनी गांड़ को मटकाती हुई जाने लगी और साहिल आण्हे भरते हुए बोला:"

" हाय मम्मी, आशिक की नजर थोड़े हो लगती है, आपकी गांड़ आज बहुत ज्यादा मटक रही हैं। कुछ स्पेशल हैं क्या आज ?

रूबी:" है भगवान, तुम अपनी ही मा के आशिक बन गए हो, अच्छा सुनो आशिक जी आज नए घर में आए हैं तो इसलिए खुशी हो रही हैं मुझे।

साहिल:" अच्छा मतलब मेरे साथ आज कुछ अच्छा होने वाला है। मैं बस अभी नहाकर आया।

रूबी:" ज्यादा सपने मत देख, जा जल्दी नहाकर अा।

साहिल बाथरूम में घुस गया और रूबी कमरे में अा गई और उसने अपने बैग से अपना मेक अप किट निकाला और खुद को सजाने लगी।

पूरे कमरे को उसने परफ्यूम से महका दिया और एक मैक्सी पहन कर साहिल का इंतजार करने लगी। साहिल जैसे ही बाहर आया तो परफ्यूम की महक ने उसे दीवाना बना दिया और वो तेजी से रूबी के कमरे की तरफ आया और अपने मा को देखते ही जोश में अा गया और टॉवेल उसके हाथ से अपने आप ही छूट गया और उसके खड़ा हुआ लंड रूबी की आंखो के आगे लहरा गया और रूबी के मुंह से एक आह निकल गई।

दोनो मा बेटे एक दूसरे की तरफ बढ़े और देखते ही देखते दोनो के होंठ आपस में मिल गए। किस करते करते ही रूबी ने साहिल के लंड को पकड़ लिया और हाथ से सहलाने लगी। साहिल ने रूबी की गांड़ को अपने दोनो हाथो में भर लिया और मसलने लगा।

रूबी से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने नीचे झुकते हुए साहिल के लंड को चूम लिया और साहिल के मुंह से आह निकल पड़ी। साहिल ने रूबी को बेड पर लिटा कर और रूबी ने उसके लंड के मोटे सुपाड़े को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। साहिल की आंखे मस्ती से बंद हो गई और साहिल अपनी मा की गांड़ दबाते हुए बोला:"

" आह मम्मी, कितना अच्छा लग रहा है,आज अपनी ये मस्त गांड़ दे दे मुझे रूबी।

रूबी ने लंड मुंह में लिए लिए ही साहिल को देखा और इशारे से सहमति दे दी। बस फिर तो साहिल में रूबी को उल्टा घुमा दिया और दोनो अब 69 की मुद्रा में अा गए। साहिल ने दोनो हाथो से रूबी की गांड़ को खोलते हुए उसकी गांड़ के छेद पर अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा। रूबी को आज पहली बार ये सुखद हुआ था इसलिए उसने अपना मुंह खोलते हुए लंड को आधे से ज्यादा मुंह में घुसा लिया और चूसने लगी।

साहिल ने अपनी एक उंगली को रूबी की गीली चूत में उतार दिया और उसकी गांड़ को चाटने लगा। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और लंड पुरा उसके मुंह में घुस गया और रूबी आइस क्रीम की तरह उसे चूसने लगी।

साहिल ने रूबी को गांड़ को एक हाथ से दबाया और अपनी जीभ को पूरा बाहर कर सीधे किया और रूबी की गांड़ के छेद पर दस्तक दी तो रूबी का पुर जिस्म कांप उठा और लंड अपने आप मुह से बाहर निकल गया और उत्तेजना से कांपती हुई रूबी सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ मेरा कब से सपना था कि कोई मेरी गांड़ चाटे, आह बेटे आखिर तू ही मेरे काम आया।

रूबी ने अपनी गांड़ के छेद को बाहर की तरफ खोल दिया और साहिल ने अपनी जीभ का दबाव दिया तो साहिल की जीभ उसकी गांड़ में घुस गई और रूबी का समूचा वजूद लहरा उठा और उसकी चूत एक झटके से साथ झड़ गई और रूबी सिसकते हुई बेड पर गिर गई

'" आह साहिल, हाय उफ्फ तेरी जीभ का लोला, उफ्फ मेरी गांड़ मार ली, आह जीभ से इतना मजा आया तो लंड से कितना आएगा।

साहिल ने फिर से अपनी मा की टांगो को खोल दिया तो रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए एक उंगली को अपने मुंह में घुसा लिया और पूरी तरह से गीली करते हुए अपनी गांड़ को चिकना करने लगीं।

साहिल का लंड झटके पर झटके खाने लगा और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड और रूबी की गांड़ पर लगाया और पूरी तरह से चिकनी हो गई गांड़ पर लंड का सुपाड़ा रख दिया।

रूबी बेड पर पेट के बल लेटी हुई थी और साहिल ठीक उसके उपर। साहिल ने हाथ आगे करते हुए अपने हाथो को रूबी के कंधे से निकालते हुए पकड़ लिया और अपनी दोनो टांगो से उसकी टांगो को कस लिया। रूबी पूरी तरह से अब साहिल के कब्जे में थी और थोड़ा सा चाहकर भी नहीं हिल सकती थी।

साहिल ने अपने लंड को उसकी चूत से लेकर गांड़ तक रगड़ना शुरू किया और रूबी मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल उफ्फ, बेटा कर दे आज अपनी मा की गांड़ का उद्घाटन, उफ्फ प्यार से बहुत मोटा हैं तेरा लंड।

साहिल ने लंड को गांड़ के छेद पर रखते हुए हल्का सा दबाव दिया और रूबी को अपनी गांड़ खुलती हुई महसूस हुई और दर्द की तेज लहर उसके जिस्म में दौड़ गई। साहिल ने अपने होंठ रूबी के होंठो पर टिका दिए और हल्का सा धक्का दिया तो लंड का सुपाड़ा गांड़ में घुस गया। रूबी तड़प उठी और अपनी गांड़ को हिलाने लगी लेकिन साहिल की मजबूत पकड़ के आगे वो मजबूर थी। साहिल ने रूबी को इशारा किया कि अपने गांड़ को बाहर की तरफ दबाए और रूबी ने जैसे ही बाहर की तरफ दबाव दिया तो साहिल ने पूरी ताकत से एक जोरदार धक्का लगाया और उसका पुरा लंड एक ही धक्के में रूबी की गांड़ में उतर गया और रूबी दर्द से तड़प उठी


" आह साहिल मेरी मा की चूत, आह मेरी गांड़ फाड़ दी, आह भोसडी के।

रूबी उसके नीचे से निकलने के लिए इधर उधर हिलने लगी लेकिन साहिल की मजबूत पकड़ के चलते हिल भी नहीं पाई। रूबी की आंखों से आंसू निकल पड़े और साहिल ने अपने मा के आंसू साफ किए और एक हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत को सहलाने लगा।चूत पर हाथ लगते ही रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने अपने लंड लंड को बाहर की तरफ खींच लिया और रूबी के मुंह से फिर से अा निकल पड़ी। साहिल ने फिर से अपने लंड को अंदर घुसा दिया और रूबी फिर से दर्द से तड़प उठी और साहिल ने अपनी मा के होंठो को चूसने हुए धीरे धीरे हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किए। लंड का सुपाड़ा सिर्फ अंदर रहता और साहिल फिर से लंड को धीरे से घुसा देता। रूबी का दर्द धीरे धीरे कम होता चला गया और उसकी दर्द भरी आह मस्ती भरी सिसकारियां में बदल और उसने खुद ही अपने बेटे का मुंह चूम लिया तो साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से एक तेज झटका दिया और लंड फिर से पूरा अंदर घुस गया और रूबी फिर से दर्द से कराह उठी

" आह साहिल, उफ्फ धीरे कर दर्द होता है बेटा, आह मा,

साहिल ने बिना रुके तेजी से रूबी की गांड़ को मारना शुरू किया और देखते ही देखते साहिल का लंड आराम से उसकी गांड़ में घुसने लगा। रूबी भी अब मस्ती में अा गई क्योंकि दर्द कम और मजा उससे कहीं ज्यादा अा रहा था और सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ मार ले मेरी गांड़ बेटा। आह जी भरकर मार अपनी मा की गांड़।

रूबी की तरफ से इशारा मिलते ही साहिल ने पूरी तरह से अपनी मा की गांड़ को पेलना शुरू कर दिया और रूबी की सिसकियां तेज होती चली गई। कमरे में तूफान सा अा गया था और रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां गूंज रही थी।

रूबी ने अपनी एक उंगली को चूत में घुसा दिया और अपनी चूत में पहले से ही घुसी हुई साहिल की उंगली को अंदर ही पकड़ लिया और अपनी उंगली साहिल की उंगली से रगड़ने लगीं। साहिल भी अपनी उंगली को रूबी की उंगली से रगड़ने लगा और रूबी की चूत अब उंगली पर उछल रही थी। साहिल ने पूरी तेजी से गांड़ में धक्के लगाए और रूबी मस्ती से आण्हे भरती रही।

तभी साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाल कर एक आखिरी तगड़ा धक्का लगाया और रूबी की चूत इसके साथ ही झड़ती चली गई और वो सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ मैं गई बेटी, आह मेरी गांड़ भी चुद गई।

इतना कहकर रूबी ने अपनी गांड़ के छेद को जोर से भींच लिया और साहिल का लंड भी जवाब दे गया और उसने अपनी मा की गांड़ को वीर्य से भर दिया।

साहिल अपनी मा की पीठ पर ही गिर पड़ा और रूबी ने अपनी आंखें बंद कर ली। थोड़ी देर के बाद दोनों की सांसे नॉर्मल हो तो रूबी बोली:"

" साहिल बेटा, आज तुमने मेरी गांड़ भी मार ली मेरी जान।

साहिल रूबी की गर्दन चूमते हुए बोला:" आह मम्मी, आज मैंने आपको पूरी तरह से पा लिया। आई लव यू रूबी।

रूबी ने साहिल को एक झटका दिया और सिकुड़ कर लंड उसकी गांड़ से बाहर निकल गया और रूबी उसके उपर आ गई और उसके होंठ चूमते हुए बोली

" साहिल मेरे बेटे मैं सिर्फ तेरी हूं, हर तरह से, पूरी तरह से, मेरे जिस्म , मेरी आत्मा तक पर सिर्फ तुम्हारा हक है। लव यू टू बेटा।

साहिल ने अपनी मा को अपनी बांहों में कस लिया और लंड खड़ा होते हुए फिर से चूत के छेद पर अा लगा। रूबी ने साहिल की आंखो में देखा और साहिल ने एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड फिर से उसकी मा की चूत में उतर गया, मा की चूत यानी साहिल और उसके लंड का असली घर।


समाप्त।
 
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Tyler herro

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Shukriya bhai, mai ab kahani padhna shuru karunga kyunki main kaafi samay baad aaya tha aapke thread par aur kahani khatam hone ka wait kar raha tha , khair ab agli kahani kya hogi aapki ? Kya "maa ka deewana beta" story ke shahdab naam ke character ke dost ki story hogi kyunki aapne kaha tha us story me ki uski story aap jaldi likhoge, mujhe us character ka naam yaad nahi aa raha , vo maa ka dewana beta me shahdab ka bahot accha dost tha jisne uski bahot help ki thi

Good luck for next story
 
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