Ritu patel
New Member
- 98
- 175
- 48
super all update
Superb update ????अगले दिन जैसे ही सुबह पांच बजे अलार्म बजा तो रूबी के साथ साथ अनूप की भी आंख खुल गई और वो गुस्से से झुंझलाते हुए बोला:"
" कितनी बार कहा हैं कि अलार्म मत लगाया करो, रोज मेरी नींद खराब कर देती हो तुम।
रूबी जानती थी कि ये अनूप का रोज का काम हैं इसलिए बोली:"
" देखो ना कैसे तुम्हारा शरीर फैलता जा रहा है, मैं सारी दुनिया को योग और फिटनेस मंत्र देती हूं, चलो तुम भी आज मेरे साथ दौड़ लगाओ।
अनूप का मुड पूरी तरह से उखड़ गया था इसलिए चिल्लाते हुए कहा:" जाओ तुम ही बन जाओ फिटनेस क्वीन, चैन से सोने भी नहीं देती हो।
अनूप की तेज आवाज सुनकर साहिल की नींद खुल गई और उसे हैरानी हुई कि उसका बाप फिटनेस के लिए कितनी लड़ाई कर रहा है जबकि उसकी मम्मी ने कोई गलत बात नहीं की थी।
साहिल उठ गया और बाथरूम में चला गया जबकि दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर बने हुए पार्क में चक्कर लगाने लगी।
साहिल भी पार्क में आ गया और उसे रूबी हल्के अंधेरे में दौड़ती हुई नजर आईं।रूबी ने अपना ट्रैक सूट पहना हुआ था और रूबी का जिस्म पूरी तरह से पसीने से भीग चुका था और तेज दौड़ने कारण उसका दिल तेजी से धड़क रहा था जिससे उसकी चूचिया किसी टेनिस बॉल की तरह उछल रही थी। जैसे जैसे रूबी करीब आती जा रही थी उसकी चूचियों की उछाल देखकर साहिल की आंखे पूरी तरह से खुलती जा रही थी और जैसे ही रूबी पास आई तो उसने साहिल को अपने साथ दौड़ने का इशारा किया और साहिल भी उसके साथ दौड़ पड़ा लेकिन शुरू में रूबी की स्पीड को नहीं पकड़ पाया और रूबी उसके आगे दौड़ रही थी जिससे ना चाहते हुए भी साहिल की नजर रूबी की गांड़ पर चली गई और वो अपनी मम्मी की मस्त मोटी और बाहर की तरफ उभरी हुई गांड़ की थिरकन देखने लगा।
और धीरे धीरे उसके स्पीड पकड़ ली और अब दोनो मा बेटे एक साथ दौड़ रहे थे।
साहिल दौड़ते हुए बोला:" मम्मी वो पापा को क्या हो गया था सुबह सुबह उनके चिल्लाने की आवाज आ रही थी।
रूबी:" अरे बेटा मैंने उन्हें अपने साथ दौड़ने के लिए बोल दिया तो सुबह सुबह हल्ला करने लगे बस।
साहिल:" इसमें हल्ला करने वाली क्या बात हुई, उनकी फिटनेस देखो कितनी खराब हो गई है।
रूबी को अच्छा लगा कि उसका बेटा उसकी बात समझ रहा हैं तो उसे खुशी हुई और बोली:"
" छोड़ बेटा ये तो उनका रोज का काम हैं, उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
साहिल तेजी से दौड़ते हुए बोला:"
" फर्क जरूर पड़ेगा मम्मी क्योंकि आज मै उनसे इस बारे में बात करूंगा।
रूबी जानती थी कि अनूप सुधरने वाला नहीं हैं लेकिन उसने आपके बेटे को ऑल द बेस्ट का इशारा किया और फिर से तेज दौड़ लगा दी। दोनो मा बेटे पूरी तरह से पसीने में भीग चुके थे और पिछले 40 मिनट से दौड़ रहे थे।
रूबी ने साहिल को इशारा किया तो दोनो एक साथ रुक गए और घास पर लेटकर अपनी अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे। साहिल आज सच में अपनी मम्मी के स्टेमिना का कायल हो गया।
दोनो मा बेटे दौड़ लगाने के बाद घर के अंदर घुसे तो उन्हें सीमा घर में झाडू लगाती हुई नजर आईं तो रूबी ने उन्हें एक स्माइल दी और साहिल ने आगे बढ़कर सीमा के पैर छु लिए।
सीमा गदगद हो उठी अपने लिए रूबी का प्यार और साहिल के लिए उसके दिल में कितनी इज्जत हैं ये सोचकर। सीमा उसे आशीर्वाद देते हुए बोली:"
" जीतो रहो बेटा, भगवान तुम्हे लंबी उम्र दे और तुम्हारी ज़िन्दगी खुशियों से भरी रहे।
साहिल ने उन्हें थैंक्स बोला और नहाने के लिए चला गया। दूसरी तरफ रूबी और अनूप भी नहा कर तैयार हो गए थे और रूबी इस वक़्त किचेन में नाश्ता तैयार कर चुकी थी।
तीनो बैठ कर नाश्ता कर रहे थे जबकि सीमा उन्हें नाश्ता सामान ला लाकर दे रही थी। अनूप का मूड अभी तक ठीक नहीं हुआ था इसलिए अटपटे मन से नाश्ता कर रहा था।
साहिल ठीक से अपने बाप का मूड नहीं समझ पाया और बोला:'
" पापा आपको पता हैं मम्मी फिटनेस की कितनी बड़ी गुरु हैं, मेरठ तो छोड़ो दिल्ली तक इनके चर्चे हैं पापा।
अनूप ने एक बुरा सा मुंह बनाया मानो कुनेन की कड़वी गोली खा ली हो और बोला:"
" हान पता हैं मुझे, मैने भी इसका टीवी पर प्रोग्राम देखा था, लेकिन कुछ भी हो ये रामदेव से बड़ी योग गुरु नहीं हो सकती।
रूबी जानती थी कि ऐसा ही होगा लेकिन साहिल चाह रहा था कि वो बातो का सिलसिला जारी रखे ताकि उसकी मम्मी और पापा उसकी बातो में उलझे रहे और रूबी को साहिल को रात हुई बात बताने का मोका ना मिले।
साहिल पूरे आत्म विश्वास के साथ रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" रामदेव नहीं हैं तो क्या हुआ पापा उससे कम भी नहीं है, मैंने इतनी अच्छी दूसरी महिला योग गुरु का नाम नहीं सुना, आपने सुना हो तो बताए।
रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई क्योंकि औरत अक्सर तारीफ की भूखी होती है और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। अनूप ने एक बार घूरकर साहिल की तरफ देखा और फिर से नाश्ता करने लगा।
साहिल ने अपनी मम्मी को अनूप से बचाकर एक स्माइल दी और बोला:"
" वैसे पापा आपको भी जिम और योग अपनाना चाहिए, देखिए ना कैसे आपका वजन बढ़ता जा रहा है अभी से।
अनूप को लगा जैसे साहिल ने उसे सरे बाजार नंगा कर दिया हो । अनूप का मूड फिर से खराब हो गया और गुस्से से साहिल की तरफ देखते हुए बोला:"
" साहिल चुप चाप अपना नाश्ता कर, मुझे कैसे जीना हैं मैं ये अच्छे से जानता हूं, मैं तेरा बाप हूं तू मेरा बाप नहीं ये हमेशा ध्यान रखना तुम आगे से
घर में बिल्कुल सन्नाटा, सभी को मानो सांप सूंघ गया, साहिल को अपने बाप से इस तरह के जवाब की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।उसका मन उदास हो गया और मुंह नीचे किए हुए नाश्ता करने लगा। साहिल को लगा कि उसको अपने बाप को ऐसे मम्मी के सामने नहीं बोलना चाहिए था।अब साहिल ये सोचने लगा कि अपने बाप का दिल कैसे जीता जाए। साहिल की नजर सीमा ताई पर पड़ी। सीमा ताई बेचारी थक चुकी थी लेकिन फिर भी उनके लिए अंदर से सामान धीरे धीरे ला रही थी। ये देखकर साहिल का आंखे चमक उठी एक तो बेचारी बूढ़ी औरत उपर से इतना काम।
साहिल नाश्ता बीच में छोड़कर उठा और बोला:"
" अरे सीमा ताई आप तो इस घर की सदस्य हैं, आओ आप भी हमारे साथ नाश्ता कर लो।
सीमा के दिल को जमाने भर की खुशी महसूस हुई लेकिन अनूप को वो अच्छे से जानती थी इसलिए बोली:"
" नहीं बेटा पहले आप सब कर लो, मैं बाद में कर लूंगी।
साहिल ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती चेयर पर बिठा दिया और बोली:"
" बचपन से देख रहा हूं आपकी कितनी मेहनत करती हैं, आपके हाथ का खाना खाकर पापा बड़े हुए और मैं खुद कभी कभी आपका बनाया हुआ खाना खाता हूं, आपने हमारी इतनी सेवा करी तो अब हमारा फ़र्ज़ बनता हैं कि हम आपका ध्यान रखे।
सीमा बेचारी कुछ बोलना चाहती थी लेकिन रूबी ने एक प्लेट में खाना निकाल कर उसकी तरफ बढ़ा दिया तो सीमा कांप उठी और उसने डरते हुए एक बार अपनी नजरे अनूप की तरफ उठाई मानो बकरी हलाल होने से पहले कसाई को रहम भरी नजरो से देख रही हो।
अनूप के चेहरे पर तो हवाइयां सी उड़ रही थी, ये तो सीधे सीधे उसके ऊंचे खानदान, उसकी प्रतिष्ठा, स्टैंडर्ड पर एक जोरदार तमाचे की तरह था। गुस्से से उसकी मुट्ठियां भिंची जा रही थी और वो अपने दांतो को जोर जोर से पीस रहा था कि उसके मुंह से निकलती हुई दांतो के टकराने की आवाज रूबी को साफ सुनाई दे रही थी और रूबी के लिए तो तो आज जैसे उसकी ज़िन्दगी का सबसे ज्यादा खुशी भरा दिन था। उसके अंदर खुशी के मारे दीवाली के पटाखे, अनार, फुलझडियां सब एक साथ चल रहे थे लेकिन वो अपने आपको बुरी तरह से काबू में लिए हुए थी।
साहिल:' अरे सीमा ताई खाओ अब पापा का मुंह क्या देख रही हो, सबसे ज्यादा खुशी तो इन्हे हो होगी क्योंकि आपने ही तो इन्हे पाल पोस कर इतना बड़ा किया, मैं सच कह रहा हूं ना पापा।
साहिल ने अनूप की तरफ देखते हुए कहा तो अनूप ने एक बार घूरकर साहिल की तरफ देखा और बोला:"
" हान बेटा, जब छोटा था तो उन्होंने ही खिलाया, उसके बाद तो मैं खुद ही अपना ध्यान रखने लगा था।
साहिल ने सीमा की तरफ देखा कि खाने की तरफ बढ़ रहे उसके हाथ बुरी तरह से कांप रहे है तो साहिल उठा और आपके हाथ से खाने का निवाला बनाया और बोला:"
" चलिए मुंह खोलिए ताई, आज तक आप हमें खिलाती अाई हैं आज हम आपको खिलाते हैं।
सीमा ताई की आंखे छलक उठी तो रूबी ने उनका मुंह साफ किया और सीमा ने धीरे से आंखे नीची करते हुए अपना मुंह खोल दिया और निवाला खाने लगीं।
अनूप को काटो तो खून नहीं, वो किसी पत्थर की बेजान मूर्ति की तरह चुप चाप बैठा हुआ देख रहा था, ज़िन्दगी भर वो जिस मान मर्यादा और घमंड के साथ जिया और हमेशा अपने श्रेष्ठ होने का दम भरता रहा, उसके बेटे ने पल भर में उसका सारा आत्म सम्मान स्टैंडर्ड सब कुछ मिट्टी में मिला दी।
अनूप के मुंह के साथ आंखो नाक, कान यहां तक कि गांड़ से भी धुवां निकल रहा था।
साहिल:" पापा देखिए ना सीमा ताई कितनी भावुक हो गई है हमारा प्यार देखकर, आइए आप भी इन्हे अपने हाथ से एक निवाला खिला दीजिए।
अनूप को लगा जैसे किसी ने सीधे सीधे उसकी इज्ज़त पर हमला कर दिया हो, एक पल के लिए तो उसे कुछ भी समझ नहीं आया लेकिन वो खुद को संभालते हुए बोला:"
" बेटा तुम खिलाओ आज, मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं हैं, मैं चलता हूं !
इतना कहकर वो चेयर से उठा गया तो रूबी बोली:"
" क्या हुआ आपको, रुकिए मैं डाक्टर को फोन करती हूं,
अनूप के लगा जैसे रूबी ने उसके जख्मों पर नमक छिड़क दिया हो, उसने एक बार गुस्से से उसकी तरफ देखा और अपने पैर पटकते हुए बाहर चला गया और जाते जाते उसने उसने एक आखिरी बार पीछे मुड़कर रूबी को देखा तो रूबी ने उसे जान बूझकर प्यारी सी स्माइल दी और अनूप बुरी तरह से जल भुन गया और बाहर चला गया।
साहिल प्यार से सीमा को खाना खिलाता रहा और सीमा आज समझ गई कि साहिल अपने बाप पर बिल्कुल भी नहीं गया हैं।
अनूप अपना बैग उठाकर ऑफिस जाने लगा और उसका मन किया कि एक आखरी बार देखे कि अंदर क्या ड्रामा चल रहा है तो उसने देखा कि सीमा खुशी के मारे उसके बेटे माथा चूम रही थी। उफ्फ एक मामूली सी नौकरानी मेरे बेटे का माथा चूम रही है, है भगवान मुझे अब ये ही दिन देखने बाकी थे।
अनूप चला गया तो रूबी बोली:"
" साहिल बेटा तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ, याद हैं ना तुझे मेरे साथ आज योगा क्लास चलना हैं ।
साहिल:" जी मम्मी।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया तो सीमा खुशी से रूबी का हाथ पकड़ कर बोली:"
" रूबी अपना साहिल तो बिल्कुल भी अपने बाप पर नहीं गया हैं, तुम बहुत किस्मत वाली हो जो ऐसा अच्छा बेटा मिला है।
रूबी के चेहरे पर खुशी उभरी लेकिन फिर गंभीर होते हुए बोली:"
" मा अभी तक साहिल ठीक हैं लेकिन मैं अनूप को अच्छे से जानती हु वो इतनी आसानी से हार नहीं मानेगा। वो जरूर कुछ ना कुछ उल्टी सीधी हरकत करेगा।
सीमा:" लेकिन मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं कि तुम उसकी हर साजिश को नाकाम कर दोगी।
रूबी:" मेरी कोशिश तो ये ही हैं, आप भगवान से मेरे और मेरे बेटे के लिए प्रार्थना करना। ठीक हैं मा आप आराम करो, मैं चलती हूं, करीब दो बजे तक वापिस अा जाऊंगी।
थोड़ी देर बाद ही साहिल और रूबी दोनो घर से निकल गए। कार रूबी खुद ड्राइव कर रही थी।
देखिए आगे क्या होता हैं !!?
Ek no bhaiरूबी कार ड्राइव कर रही थी और साहिल आराम से चुप चाप बैठा हुआ था और सोच रहा था कि मैंने तो अपने बाप का दिल जीतने के लिए सीमा ताई को खाना खिलाया था, फिर उन्हें क्या हुआ जो बीच में ही खाना छोड़कर चले गए थे।
रूबी ने साहिल को सोच में डूबे हुए देखा और बोली:"
" क्या हुआ साहिल, क्या सोच रहे हो बेटा ?
साहिल :" मम्मी सुबह सुबह पापा देखो ना कैसे नखरा कर रहे थे, मैंने तो उनका दिल जीतने के लिए किया था, उल्टा मुझे ही डांट दिया इतनी बुरी तरह से।
रूबी ने अपने बेटे की तरफ प्यार से देखा और समझाते हुए बोली:"
" बेटा मैंने तुम्हे पहले ही मना किया था लेकिन तुम नहीं माने, अब छोड़ो इस बात को क्योंकि उनकी तो आदत सी बन गई है।
साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी बात करने का एक तरीका होता हैं दूसरी तरह से भी तो मना कर सकते थे, ये भला कोई बोलने कि बात थी कि मैं तेरा बाप हू ती मेरा बाप नहीं हैं।
रूबी:" बेटा तेरा पापा आजकल जरा जरा सी बात पर भड़क जाते हैं, गरीब आदमी तो उन्हें सड़क पर रेंगते हुए कीड़े मकोड़े के जैसे लगते हैं।
साहिल:" वो तो देखा मम्मी आज मैने, सीमा ताई को वो किस तरह से घूरकर देख रहे थे।
रूबी:" तुझे लगा होगा कि सीमा मा को खाना खिलाने से तेरे पापा खुश हो जाएंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा।
साहिल:" बिल्कुल ऐसा ही हुआ मम्मी, आपको सीमा ताई को मा क्यों बुलाती हैं ?
रूबी गाड़ी चलाते हुए उसके सिर पर एक हाथ प्यार से फेरती हुई बोली:" क्योंकि वो मुझे एक मा के जैसे ही प्यार करती हैं।
साहिल:" ठीक हैं मैं भी उन्हें आज के बाद मा ही कहकर बुलाऊंगा।
रूबी उसकी तरफ हल्की सी नाराजगी से देखते हुए बोली:"
" अगर उन्हें मा बुलाएगा तो मुझे क्या कहकर बुलाएगा फिर तुम ?
साहिल अपनी मा की उस प्यार भरी नाराजगी को महसूस कर लेता है और बोला:"
" अच्छा ठीक हैं मैं उन्हें दादी अम्मा और आपको मा कहकर बुलाऊंगा, बस अब खुश हो आप!!
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित करने लगी। तभी साहिल फिर से बोला:"
" लेकिन मम्मी एक बात बताओ पापा गरीबों से इतनी नफरत क्यों करते हैं, वो भी हमारी ही तरह इंसान हैं।
रूबी :" बेटा उन्हें लगता हैं कि गरीब लोगों को बात करने, कपडे पहनने और खाना खाने तक की तमीज नहीं होती हैं। और इससे ज्यादा उनसे ही पूछ लेना, देखो मेरा इंस्टीट्यूट अा गया हैं।
साहिल ने देखा सामने एक बड़े से बोर्ड पर उसकी मम्मी की फोटो लगी हुई हैं और सेंटर का नाम " साहिल फिटनेस क्लब" लिखा हुआ है। साहिल को अपना नाम देखकर खुशी हुई, रूबी ने गाड़ी पार्किंग में लगा दी तो साहिल बोला:"
" मम्मी आपने क्लब का नाम मेरे नाम पर क्यों रखा है?
रूबी:" क्योंकि मैं दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करती हूं बस इसलिए।
साहिल मजाक करते हुए:"
" क्या पापा से भी ज्यादा मम्मी ?
अब तक दोनो अंदर रूबी के ऑफिस में घुस गए थे। रूबी उसके गाल प्यार से सहलाते हुए बोली:" हान बेटा तेरे पापा से भी ज्यादा, और बहुत ज्यादा।
इतना कहकर उसने साहिल का गाल चूम लिया तो साहिल ने अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके गाल चूम कर बोला:"
" मम्मी देखना अब मैं आपको बहुत ज्यादा प्यार करूंगा, अपने पापा से भी ज्यादा।
साहिल ने एक बार फिर से रूबी के गाल चूम लिए तो रूबी का रोम रोम खिल उठा। उसे अब लग रहा था कि वो अपने बेटे को अनूप से बचा लेगी और साहिल अपने बाप की तरह घमंडी नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान बनेगा।
बाहर काफी सारे लोग अा चुके थे जिनमें 20 साल से लेकर 60 साल तक की लड़कियां, औरतें, आदमी सब शामिल थे। एक बहुत बड़े मैदान में वो सब बैठे हुए थे। रूबी को देखते ही वो सभी सम्मान की मुद्रा में खड़े हो गए और रूबी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
साहिल वहीं रूबी के पास एक चटाई पर बैठ गया और रूबी ने सबको योग सिखाना शुरू किया। रूबी ने एक ढीला सा लोअर और टी शर्ट पहना हुआ था और वो अपने दोनो हाथ अपनी कमर के पीछे कंधे के उपर से ले गई और एक हाथ से दूसरे को पकड़ लिया।
सभी लोग ऐसा ही करने लगे और साहिल ने भी अपनी अपनी मम्मी के जैसी पोजिशन बना ली और ठीक उसी की तरह अपने एक घुटने को दूसरे पर चढ़ा दिया। रूबी के दोनो हाथ पीछे होने से उसकी मस्त चूचियां पूरी तरह से उभर गई थी लेकिन रूबी के चेहरे पर वो तेज वो औजस्व था कि सामने बैठे हुए लोगो में से किसी की हिम्मत उसकी चूचियों की तरफ देखने की नहीं हुई।
रूबी ने काफी डर तक उसी मुद्रा में रहने के बाद अपने हाथ धीरे धीरे छोड़ दिए और उसके बाद सीधे पेट के बल लेट गई और दोनो हाथ जमीन पर टीका दिए जबकि उसके पैर बिल्कुल सीधे थे। उसके बाद धीरे धीरे उसने आगे के हिस्से को उपर उठाना शुरू किया तो उसकी गांड़ अपने आप उपर उठते हुए बाहर की तरफ निकलने लगी।
साहिल किम करदाशियां की मस्त गांड़ का दीवाना था लेकिन उसे अपनी मम्मी की गांड़ उससे कहीं ज्यादा पसंद अाई और पता नहीं क्यों उसे आज पहली बार अपने बाप से जलन महसूस हुई।
साहिल ने देखा कि सभी लोग रूबी के जैसी पोजिशन में अा गए लेकिन अभी तक किसी ने भी उसकी गांड़ पर एक नजर तक नहीं डाली थी। साहिल को अपने उपर आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा था कि वो रूबी का बेटा हैं। आज उसके दिल में अपनी मम्मी के लिए प्यार और इज्जत कई गुना बढ़ गई।
जल्दी ही योग क्लास खत्म हुई तो रूबी बोली:"
" आप सब लोग मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछते है ना कि मैंने क्यों सेंटर का नाम साहिल रखा तो मिलिए मेरे बेटे से ये है साहिल मेरा बेटा।
साहिल रूबी के पास आकर खड़ा हो गया और सबके सामने हाथ जोड दिए। साहिल ने अपने आपको पूरी तरह से सुडौल बनाकर रखा था, एक दम किसी मॉडल की तरह।
एक प्यारी सी भाभी बोल उठी:"
" मैडम आपके लड़के तो फिटनेस के मामले में बिल्कुल आप पर गए हैं। पूरी तरह से एकदम फिट।
दूसरी:" अरे कमाल करती हैं टीना, जो खुद सारे शहर को योग सिखाती हैं उसका बेटा तो फिट होगा ही।
एक आदमी जिसका पेट काफी बाहर था बोला:"
" मैडम एक बार आप अपने पति से सबको रूबरू करवा दीजिए, मेरे हिसाब से वो फिटनेस की एक ज़िंदा मिशाल होगे, शायद मैं उनसे कुछ सीख सकू।
रूबी जो तक अपनी और अपने बेटे की तारीफे सुनकर खुश हो रही थी पति का जिक्र आते ही उसे लगा जैसे किसी ने उसे बे इज्जत कर दिया हो। रूबी एक पल के खामोश हो गई और साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"
" अंकल आपकी ये इच्छा जरूर पूरी होगी और पापा भी आपसे जल्दी ही मिलेंगे।
सभी लोग खुश हुए और एक एक करके अपने घर की तरफ चल दिए। रूबी का मन उदास हो हुआ था इसलिए ऑफिस में आकर बैठ गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप क्यों दुखी हो रही हैं, आज मैंने देखा लोग मेरी मा को कितना प्यार और इज्जत देते हैं। आपको तो खुश होना चाहिए।
रूबी की रुलाई फूट पड़ी और सुबकते हुए बोली:"
" साहिल बताओ में कैसे तुम्हारे पापा को इनसे मिलवाऊ, मेरी बे इज्जती हो जायेगी कि अपने पति को कुछ सीखा नहीं पाई और योग गुरु बनती फिरती हैं।
साहिल ने अपनी मम्मी को आगे बढ़ कर अपने गले लगा लिया और उनके आंसू पूछते हुए बोला:"
'" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब संभाल लेगा। आप रोटी हुई बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती। चुप हो जाओ।
धीरे धीरे रूबी के आंसू सूखने लगे और थोड़ी देर वो दोनो घर की तरफ लौट पड़े।
अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और जो कुछ आज सुबह हुआ उससे वो बहुत दुखी था। किस तरह मेरी पत्नी ने उस एक मामूली सी नौकरानी के आंसू पूछे, और मेरे बेटे ने भी उसका ही साथ दिया जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ।
वो अपने विचारो में खोया ही हुए था कि उसकी पर्सनल सेक्रेट्री लीमा अंदर दाखिल हुई और सीधे आकर उसकी गोद में बैठ गई और बोली:"
" गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट, क्या हुआ आज कुछ परेशान लग रहे हो आप ?
अनूप ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बोला:"
" अरे वही मेरी बेवकूफ पत्नी, सुबह सुबह फिर से मुझे परेशान किया आज।
लीमा उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली:" छोड़ो उसको मैं हू ना आपका मूड ठीक करने के लिए मेरी जान।
अनूप हल्के हल्के उसकी चूचियां दबाता रहा और लीमा ने उसकी शर्ट के साथ ही उसका बनियान भी उतार दिया और अपनी टी शर्ट अपने गले से उतार दी तो नीचे ना होने के कारण उसकी छोटी छोटी लेकिन ठोस चूचियां छलक पड़ी और लीमा ने अनूप का मुंह पकड़कर अपनी चूचियों में घुसेड़ दिया तो अनूप उसकी चूची चूसने लगा तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर कर उसकी पेंट को खोल दिया और अंडर वियर को नीचे सरका कर लंड बाहर निकाल लिया और बोला:"
" वाव कितना मोटा लन्ड हैं तुम्हारा, उफ्फ मेरी चूत फाड़ देता है ये तो।
इतना कहकर उसने अनूप के मरियल से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। औरत के द्वारा अपने लंड की तारीफ हर मर्द को पसंद होती हैं ये बात लीमा बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए ही वो अनूप के छोटे से लंड की तारीफ किया करती थीं ताकि उससे बाद में पैसे ऐंठ सके।
अनूप:" आह चूस ले, खड़ा कर दे एक बार, फिर देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हूं!!
लीमा उसकी बाल सहलाती हुई बोली:" लगता हैं आज तुम अपनी बीवी का सारा गुस्सा मेरी चूत पर उतार दोगे, उफ्फ क्या होगा आज मेरी चूत का!!
लीमा की बाते सुनकर अनूप के लंड में हल्की हल्की जान पड़ने लगी लेकिन वो कड़कपन नहीं आ पाया जो चूत कर अंदर जाने के लिए चाहिए होता हैं।
अनूप ने उसकी गान्ड को नंगा कर दिया और चूत को सहलाते हुए बोला:" ठीक से चूस ना लीमा, कर दे मेरे लन्ड को आज पत्थर जैसा, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।
लीमा लौड़े को चूसते चूसते थक गई थी और उसे बेहद गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे आज अनूप से कुछ पैसे चाहिए थे इसलिए लगी हुई थी। लीमा अब उसके पूरे लौड़े को मुंह में भरकर आराम से चूस रही थी और बॉल को हाथ से सहला रही थी जिससे अनूप के लंड में पहले से ज्यादा तनाव आ गया था और उसने वहीं टेबल पर लीमा को घोड़ी बना दिया और बोला:"
" आज तुझे घोड़ी बना कर ठोकुंगा मेरी रण्डी,
अनूप अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लीमा की चूत में भी आग लग गई और अपनी चूत उसने जोर से लंड पर दबा दी और अनूप चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया तो उसने जोर से लीमा की गांड़ को कस लिया और वीर्य की दो चार बूंदे उसकी चूत पर जा गिरी।
" आह साली कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ गया मेरा लन्ड तो ।
लीमा की चूत जल रही थी और वो अच्छे से चुदना चाहती थी लेकिन रोज की तरह आज भी अनूप का लंड जवाब दे गया और वो अपना मन मसोस कर रह गई तो अनूप बोला:"
" थोड़ी देर रुक जा, इस बार लंड खड़ा हो जाने दे, तेरी चूत मार मार कर लाल ना कर दी तो बात करना।
लीमा जानती थी कि अब दो तीन दिन से उसका लंड शायद ही खड़ा हो पाए । आगे कोई कुछ कुछ बोलता उससे पहले ही ऑफिस का लैंड लाइन नंबर बज उठा तो लीमा ने पिक किया तो दूसरी तरफ से रिसेप्शन से आवाज आई
" मैडम वो मिस्टर नीरज मिश्रा आए हैं, उन्हें अनूप साहब से काम हैं कुछ।
लीमा ने अनूप को सब बताया तो अनूप बोला ने लीमा को इशारा किया तो लीमा बोली:*'
" ठीक है आप जल्दी से उन्हे अंदर भेज दीजिए!!
अनूप अपने कपडे ठीक करके बैठ गया और लीमा वहीं लैपटॉप पर काम करने लगी। नीरज अंदर दाखिल हुआ।
नीरज करीब एक 41 साल का आदमी, लंबाई ठीक ठाक, गहरे पक्के सांवले से रंग का, मोटी सी नाक, सिर के आधे से ज्यादा बाल उड़ चुके थे और जो बचे थे वो भी पूरी तरह से सफेद होकर अपनी आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वो अंदर दाखिल हुआ तो अनूप ने उसको हाथ जोड़कर नमस्कार किया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।
नीरज आराम से उसकी कुर्सी पर बैठ गया और बोला:"
" क्या हुआ अनूप आज कुछ उदास लग रहे हो , तबियत ठीक हैं तुम्हारी?
अनूप:" जी सर, बस आपकी दुआ हैं सब ठीक है।
नीरज:" मुझे तुमसे अकेले में कुछ जरूरी बात करनी थी अनूप।
अनूप ने लीमा को बाहर जाने का इशारा किया तो वो बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप उठाकर बाहर चली गई।
अनूप:" जी मिश्रा जी बोलिए, क्या सेवा की जाए आपकी?
नीरज गौर से उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" आप तो जानते ही हैं अनूप भाई कि हमे क्या चाहिए ?
अनूप के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि वो जानता था नीरज रूबी को कुछ भी करके हासिल करना चाहता था, अनूप का मुंह शर्म से लाल हो गया और अपने आप नजरे नीचे झुक गई और बोला:"
" मिश्रा साहब मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन रूबी मानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टा मुझे ही बुरा भला कहने लगी। और तो और मेरा बेटा भी उसके कहे पर ही चल रहा है।
नीरज हैरानी से चौंकता हुआ बोला:" बेटा मतलब मैं कुछ समझा नहीं!!
अनूप की आंखे गुस्से से लाल हो गई और उसने एक एक करके आज सुबह हुआ सब कुछ मिश्रा को बताया तो मिश्रा बोला:"
" अनूप ये तो बहुत गलत किया रूबी ने, वो औरत तुम्हे बर्बाद कर देगी ऐसे तो, उसका घमंड तोड़ना बहुत जरूरी हैं।
अनूप अपनी मुट्ठियां भिंच कर बोला:" लेकिन कैसे भाई, मैं कुछ उसे तमीज सिखाना चाहता हूं। उसने एक नौकरानी के सामने मेरा अपमान किया हैं।
मिश्रा के होंठो पर एक क्रूर मुस्कान थिरक उठी और बोला:"
" जब तक वो मेरे नीचे नहीं लेटेगी उसका घमंड नहीं टूटेगा, एक बार मुझसे चुद गई तो शर्म के मारे ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने मुंह नहीं खोल पाएगी।
अनूप को थोड़ा सा बुरा तो लगा लेकिन अपमान की जिस आग में वो खुद को जलता हुआ महसूस कर रहा था वो कहीं ज्यादा बड़ी थी। अनूप बोला:"
" भाई लेकिन कैसे होगा ये सब , कोई रास्ता तो बताओ मुझे,
नीरज:" देख भाई जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली को टेढ़ा करना पड़ता हैं।
अनूप पहले से ही परेशान था इसलिए बौखलाते हुए बोला:"
" भाई जो भी कुछ कहना हैं साफ साफ़ कहो, पहेलियां मत बुझाओ।
नीरज ने उसे एक स्माइल दी और अपनी जेब से एक छोटी सी शीशी निकाली और बोला:"
" इस शीशी के अंदर वो दवा हैं जो किसी देवी समान औरत की आग को इतना भड़का सकती हैं कि वो रण्डी बनने पर मजूबर हो जाएगी, तुम उसे किसी भी तरह से ये एक गोली रोज खिलाते रहो और फिर देखना वो कैसे खुद अपने कपड़े फाड़ देगी, लेकिन ध्यान रखना उसकी प्यास नहीं बुझनी चाहिए।
अनूप की आंखे चमक उठी और बोला:" बहुत बढ़िया, लेकिन भाई मैं उसको दवा कैसे खिला पाऊंगा।
नीरज:" वो सब तो तुझे खुद सोचना होगा अनूप, अगर उसका घमंड नहीं टूटा तो वो औरत तुझसे तेरा घर, इज्जत बेटा सब कुछ छीन लेगी।
" नहीं नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा चाहिए मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, लेकिन सिर्फ एक बार ही मैं उसे तुमसे चुदने दूंगा क्योंकि आखिरकार वो जैसी भी है मेरी पत्नी हैं।
अनूप सारी बाते बिना रुके एक ही सांस में बोलता चला गया। नीरज की आंखो में आज एक अलग ही चमक जाग उठी और बोला:"
" घमंड तोडने के लिए तो बस एक ही रात काफी हैं दोस्त।
अनूप अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:" एक बात और आपका जितना भी मुझ पर बकाया हैं आप सब भूल जाएंगे।
नीरज:" ठीक हैं मुझे मंजूर हैं।अच्छा मैं चलता हूं।
नीरज चल गया तो लीमा बिना बुलाए अपने आप ही अंदर अा गई उसे अनूप से बोली:"
" सर वो आज मुझे थोड़ा जल्दी जाना था, कुछ जरूरी काम हैं।
अनूप :" अभी से कहां जाने की बात कर रही हो, अभी तो तुम्हे अपने लंड का दम दिखाना बाकी हैं लीमा।
लीमा उसके लंड को सहलाती हुई बोली:" आपके इस तगड़े लंड ने तो मेरी चूत की दीवारों को फैला दिया है, पति भी शक करता है मुझ पर कभी कभी।
अनूप उसकी चूची दबाते हुए बोला:" हम श्री वास्तव हैं, दुनिया की सबसे ऊंची जाति, हम ऐसे ही चूत का भोसड़ा बना देते हैं, अच्छा जाओ लेकिन ध्यान रखना कल अच्छे से चुदाई होगी।
लीमा बोली:" जी सर, आपके लिए मेरी चूत हमेशा हाज़िर रहेगी, ऐसा मोटा लंड मुझे और कहां मिलेगा ,। सर मुझे वो कुछ पैसे चाहिए थे।
अनूप:" कितने दू बोल मेरी जान?
लीमा:" 10000 मिल जाते तो ठीक रहता।
अनूप ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक नोटों की गड्डी निकाल करी उसके हाथ में रखते हुए बोला:"
" ले रख ले पूरे 20000 हैं, तुम्हारे काम अा जाएंगे,!!
लीमा बहुत खुश हुई और उसका लंड बाहर निकाल कर एक किस किया और अपनी गांड़ मटकाती हुई बाहर चली गई।
दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो घर अा गए थे। रूबी खाना बनाने में जुट गई एयू सीमा उसकी मदद करने लगी। जल्दी ही खाना बन गया और तीनो एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।
जल्दी ही उन्होंने खाना खाया और उसके बाद सीमा नीचे चली गई जबकि साहिल और रूबी दोनो आराम करने लगे। थकी होने के कारण रूबी की आंख लग गई और जल्दी ही वो गहरी नींद में चली ।
दूसरी तरफ साहिल सोच रहा था कि वो अब बच जाएगा और उसकी मम्मी रात हुई बात अब उसके बाप को नहीं बताएगी। लेकिन आज जिस तरह से बड़े बड़े लोग उसकी मम्मी की इज्जत कर रहे थे वो सब देखकर साहिल को रात के बारे में सोच कर बहुत बुरा लगा और उसने सोच लिया कि आज के बाद वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।
धीरे धीरे उसकी भी पलके भारी होने लगी और वो भी नींद के आगोश में चला गया।
शाम को रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि साहिल उससे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक कर सोया हुआ हैं और अपनी एक टांग साहिल ने उसके उपर रखी हुई थी।
रूबी को अपने बेटे की मासूमियत पर बड़ा प्यार आया और प्यार से उसका माथा चूम लिया और धीरे से बेड दे उतर गई और खाना बनाने की तैयारी में जुट गई।
रात के करीब 8 बजे तक खाना बन गया तो रूबी साहिल को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गई तो देखा कि साहिल उठा गया है तो रूबी बोली "
" बेटा जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ, मैंने खाना बना दिया हैं।
साहिल:" मम्मी वो पापा को भी अा जाने दो, साथ ही खा लेंगे सब।
रूबी:" बेटा तो अधिकतर बाहर से ही खाकर आते हैं, अच्छा होगा तुम खा लो।
साहिल:" नहीं मम्मी मैं पापा का वेट करूंगा और उनके साथ ही खाना खाऊंगा।
रूबी:" ठीक हैं बेटा जैसे तुम्हे अच्छे लगे।
थोड़ी देर बाद ही अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और सबको हाय बोलकर अपने कमरे में चला गया। साहिल उठा और अनूप के कमरे में चला गया और बोला:"
" पापा कैसा आज रहा ऑफिस ?
अनूप अपनी टाई खोलते हुए बोला:" कुछ खास नहीं बेटा, बस वो ही रोज की तरह काम और भागदौड़। तुम आओ कभी मेरे साथ, आखिर एक दिन ये सब तुम्हे ही तो देखना है।
साहिल :" आऊंगा पापा, लेकिन अभी मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकू।
अनूप को अन्दर ही अन्दर गुस्सा तो बहुत आया और सोचने लगा कि सुबह तो बड़ी बड़ी बाते का रहा था, अब काम के नाम से फट गई इसकी।
साहिल:" पापा मम्मी ने खाना बना दिया हैं बस आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ ।
अनूप:" मैं बाहर जी खाना खाकर अा गया हूं, तुम खा लो अपनी मा के साथ और हान सीमा ताई को भी बुला लेना क्योंकि उसके बिना तुम दोनों मा बेटो मा मन नहीं लगता हैं ना।
साहिल को अपने बाप की बाते सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई ड्रामा नहीं करना चाहता था इसलिए आराम से खाना खाने बैठ गया और रूबी को सारी बाते बता दी।
रूबी:" बेटा तुम्हारे पापा तो पता नहीं कौन सी दुनिया में गुम रहते हैं, जब देखो उल्टी सीधी बाते, आओ चलो खाना खाते हैं।
उसके बाद दोनो मा बेटे खाना खाने लगे और जल्दी ही साहिल खाना खाकर आपके कमरे में चला गया जबकि रूबी बरतन साफ करने के लिए किचेन में घुस गई और आराम से बर्तन धोने लगी।
अनूप ने जेब से शीशी निकाल ली और सोचने लगा कि इसे किस तरह से रूबी को खिलाया जाए, क्या मैं उसे दूध में पिला दू लेकिन मैंने तो आज तक अपने हाथ से दूध नहीं दिया कहीं वो मुझ पर शक कर बैठी तो। मुझे कोई दूसरा रास्ता सोचना होगा, अगर में पानी की बोतल में डाल दी तो, लेकिन बॉटल तो फ्रिज में होती है अगर वहां से साहिल ने पी ली तो ड्रामा हो जाएगा।
नहीं नहीं मुझे और और सोचना होगा, वो अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र सामने रखी एक विटामिन सिरप पर पड़ी जिसे सोने से पहले रूबी रोज पिया करती थी।
अनूप की आंखे चमक उठी और वो एक बार कमरे से बाहर निकला और देखा कि साहिल अपने कमरे में लैपटॉप पर मूवी देख रहा हैं तो वो उसे किचेन से आती हुई बरतनों की आवाज सुनाई दी तो वो आश्वस्त हो गया और तेजी से अपने कमरे में आया और कुछ गोलियां विटामिन सिरप की बॉटल में डालकर घोलने लगा। उसकी निगाहें बाहर से आने वाली किसी भी आवाज पर टिकी हुई थी और वो जल्दी जल्दी बॉटल घुमा रहा था। डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म कमरे में एसी चलने के बाद भी पसीने पसीने हो रहा था।
आखिरकार अनूप की मेहनत रंग लाई और जल्दी ही गोलियां पूरी तरह से घुल गई। उसने बॉटल को ध्यान से वापिस रख दिया और धड़कते दिल के साथ रूबी के आने का इंतजार करने लगा।
थोड़ी देर के बाद रूबी अंदर दाखिल हुई और अपने कपड़े बदलने लगीं। उसने अपनी सारी उतार का एक सफेद रंग की झीनी सी नाइटी पहन ली जो उसे बेहद पसंद थी। हालाकि ये काफी पुरानी थी लेकिन रूबी की पसंदीदा थी इसलिए वो उसे अक्सर पहन लिया करती थी।
अनूप अपनी आंखे हल्की सी खोलकर रूबी को देख रहा था कि वो इतनी देर क्यों लगा रही हैं सिरप पीने में।
थोड़ी देर के बाद रूबी बेड पर लेट गई तो उसे अनूप के मुंह से आती हुई शराब की बदबू महसूस हुई तो उसका मूड खराब हो गया और चिल्लाने लगी
" अनूप तुम आज फिर दारू पीकर आए हो, तुम्हे कितनी बार मना किय हैं लेकिन तुम मानते ही नहीं हो।
अनूप सोने के ड्रामा करता रहा और उसका मन हल्का सा उदास हो गया कि आज रूबी शायद सिरप पीना भूल गई है। उसे अपना प्लान ध्वस्त होता नजर आया। वहीं रूबी उसके मुंह से उठती हुई दारू की बदबू से परेशान थी
" उफ्फ कितनी गंदी बदबू आती हैं अनूप के मुंह से, पता नहीं ये आदमी कब सुधरेगा।
रूबी गुस्से से बड़बड़ाती हुई दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तभी उसकी नज़र सिरप पर पड़ी तो उसे याद अा गया कि आज उसने दवा तो पी नहीं हैं, वो उठी और पूरी एक चम्मच दवा पी गई। अनूप तो ये सब देखकर खुशी से झूम उठा। आखिर उसका प्लान कामयाब हुआ, अब बस उसे रूबी पर इस दवा का असर देखना था जो कि जल्दी ही शुरू होने वाला था।
सिरप पीने के बाद रूबी ने बॉटल को वापिस फ्रिज पर रख दिया और उसे याद आया कि आज उसने अपने बेटे को गुड नाईट किस तो करी ही नहीं है इसलिए वो साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।
Superb updateरूबी कार ड्राइव कर रही थी और साहिल आराम से चुप चाप बैठा हुआ था और सोच रहा था कि मैंने तो अपने बाप का दिल जीतने के लिए सीमा ताई को खाना खिलाया था, फिर उन्हें क्या हुआ जो बीच में ही खाना छोड़कर चले गए थे।
रूबी ने साहिल को सोच में डूबे हुए देखा और बोली:"
" क्या हुआ साहिल, क्या सोच रहे हो बेटा ?
साहिल :" मम्मी सुबह सुबह पापा देखो ना कैसे नखरा कर रहे थे, मैंने तो उनका दिल जीतने के लिए किया था, उल्टा मुझे ही डांट दिया इतनी बुरी तरह से।
रूबी ने अपने बेटे की तरफ प्यार से देखा और समझाते हुए बोली:"
" बेटा मैंने तुम्हे पहले ही मना किया था लेकिन तुम नहीं माने, अब छोड़ो इस बात को क्योंकि उनकी तो आदत सी बन गई है।
साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी बात करने का एक तरीका होता हैं दूसरी तरह से भी तो मना कर सकते थे, ये भला कोई बोलने कि बात थी कि मैं तेरा बाप हू ती मेरा बाप नहीं हैं।
रूबी:" बेटा तेरा पापा आजकल जरा जरा सी बात पर भड़क जाते हैं, गरीब आदमी तो उन्हें सड़क पर रेंगते हुए कीड़े मकोड़े के जैसे लगते हैं।
साहिल:" वो तो देखा मम्मी आज मैने, सीमा ताई को वो किस तरह से घूरकर देख रहे थे।
रूबी:" तुझे लगा होगा कि सीमा मा को खाना खिलाने से तेरे पापा खुश हो जाएंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा।
साहिल:" बिल्कुल ऐसा ही हुआ मम्मी, आपको सीमा ताई को मा क्यों बुलाती हैं ?
रूबी गाड़ी चलाते हुए उसके सिर पर एक हाथ प्यार से फेरती हुई बोली:" क्योंकि वो मुझे एक मा के जैसे ही प्यार करती हैं।
साहिल:" ठीक हैं मैं भी उन्हें आज के बाद मा ही कहकर बुलाऊंगा।
रूबी उसकी तरफ हल्की सी नाराजगी से देखते हुए बोली:"
" अगर उन्हें मा बुलाएगा तो मुझे क्या कहकर बुलाएगा फिर तुम ?
साहिल अपनी मा की उस प्यार भरी नाराजगी को महसूस कर लेता है और बोला:"
" अच्छा ठीक हैं मैं उन्हें दादी अम्मा और आपको मा कहकर बुलाऊंगा, बस अब खुश हो आप!!
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित करने लगी। तभी साहिल फिर से बोला:"
" लेकिन मम्मी एक बात बताओ पापा गरीबों से इतनी नफरत क्यों करते हैं, वो भी हमारी ही तरह इंसान हैं।
रूबी :" बेटा उन्हें लगता हैं कि गरीब लोगों को बात करने, कपडे पहनने और खाना खाने तक की तमीज नहीं होती हैं। और इससे ज्यादा उनसे ही पूछ लेना, देखो मेरा इंस्टीट्यूट अा गया हैं।
साहिल ने देखा सामने एक बड़े से बोर्ड पर उसकी मम्मी की फोटो लगी हुई हैं और सेंटर का नाम " साहिल फिटनेस क्लब" लिखा हुआ है। साहिल को अपना नाम देखकर खुशी हुई, रूबी ने गाड़ी पार्किंग में लगा दी तो साहिल बोला:"
" मम्मी आपने क्लब का नाम मेरे नाम पर क्यों रखा है?
रूबी:" क्योंकि मैं दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करती हूं बस इसलिए।
साहिल मजाक करते हुए:"
" क्या पापा से भी ज्यादा मम्मी ?
अब तक दोनो अंदर रूबी के ऑफिस में घुस गए थे। रूबी उसके गाल प्यार से सहलाते हुए बोली:" हान बेटा तेरे पापा से भी ज्यादा, और बहुत ज्यादा।
इतना कहकर उसने साहिल का गाल चूम लिया तो साहिल ने अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके गाल चूम कर बोला:"
" मम्मी देखना अब मैं आपको बहुत ज्यादा प्यार करूंगा, अपने पापा से भी ज्यादा।
साहिल ने एक बार फिर से रूबी के गाल चूम लिए तो रूबी का रोम रोम खिल उठा। उसे अब लग रहा था कि वो अपने बेटे को अनूप से बचा लेगी और साहिल अपने बाप की तरह घमंडी नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान बनेगा।
बाहर काफी सारे लोग अा चुके थे जिनमें 20 साल से लेकर 60 साल तक की लड़कियां, औरतें, आदमी सब शामिल थे। एक बहुत बड़े मैदान में वो सब बैठे हुए थे। रूबी को देखते ही वो सभी सम्मान की मुद्रा में खड़े हो गए और रूबी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
साहिल वहीं रूबी के पास एक चटाई पर बैठ गया और रूबी ने सबको योग सिखाना शुरू किया। रूबी ने एक ढीला सा लोअर और टी शर्ट पहना हुआ था और वो अपने दोनो हाथ अपनी कमर के पीछे कंधे के उपर से ले गई और एक हाथ से दूसरे को पकड़ लिया।
सभी लोग ऐसा ही करने लगे और साहिल ने भी अपनी अपनी मम्मी के जैसी पोजिशन बना ली और ठीक उसी की तरह अपने एक घुटने को दूसरे पर चढ़ा दिया। रूबी के दोनो हाथ पीछे होने से उसकी मस्त चूचियां पूरी तरह से उभर गई थी लेकिन रूबी के चेहरे पर वो तेज वो औजस्व था कि सामने बैठे हुए लोगो में से किसी की हिम्मत उसकी चूचियों की तरफ देखने की नहीं हुई।
रूबी ने काफी डर तक उसी मुद्रा में रहने के बाद अपने हाथ धीरे धीरे छोड़ दिए और उसके बाद सीधे पेट के बल लेट गई और दोनो हाथ जमीन पर टीका दिए जबकि उसके पैर बिल्कुल सीधे थे। उसके बाद धीरे धीरे उसने आगे के हिस्से को उपर उठाना शुरू किया तो उसकी गांड़ अपने आप उपर उठते हुए बाहर की तरफ निकलने लगी।
साहिल किम करदाशियां की मस्त गांड़ का दीवाना था लेकिन उसे अपनी मम्मी की गांड़ उससे कहीं ज्यादा पसंद अाई और पता नहीं क्यों उसे आज पहली बार अपने बाप से जलन महसूस हुई।
साहिल ने देखा कि सभी लोग रूबी के जैसी पोजिशन में अा गए लेकिन अभी तक किसी ने भी उसकी गांड़ पर एक नजर तक नहीं डाली थी। साहिल को अपने उपर आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा था कि वो रूबी का बेटा हैं। आज उसके दिल में अपनी मम्मी के लिए प्यार और इज्जत कई गुना बढ़ गई।
जल्दी ही योग क्लास खत्म हुई तो रूबी बोली:"
" आप सब लोग मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछते है ना कि मैंने क्यों सेंटर का नाम साहिल रखा तो मिलिए मेरे बेटे से ये है साहिल मेरा बेटा।
साहिल रूबी के पास आकर खड़ा हो गया और सबके सामने हाथ जोड दिए। साहिल ने अपने आपको पूरी तरह से सुडौल बनाकर रखा था, एक दम किसी मॉडल की तरह।
एक प्यारी सी भाभी बोल उठी:"
" मैडम आपके लड़के तो फिटनेस के मामले में बिल्कुल आप पर गए हैं। पूरी तरह से एकदम फिट।
दूसरी:" अरे कमाल करती हैं टीना, जो खुद सारे शहर को योग सिखाती हैं उसका बेटा तो फिट होगा ही।
एक आदमी जिसका पेट काफी बाहर था बोला:"
" मैडम एक बार आप अपने पति से सबको रूबरू करवा दीजिए, मेरे हिसाब से वो फिटनेस की एक ज़िंदा मिशाल होगे, शायद मैं उनसे कुछ सीख सकू।
रूबी जो तक अपनी और अपने बेटे की तारीफे सुनकर खुश हो रही थी पति का जिक्र आते ही उसे लगा जैसे किसी ने उसे बे इज्जत कर दिया हो। रूबी एक पल के खामोश हो गई और साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"
" अंकल आपकी ये इच्छा जरूर पूरी होगी और पापा भी आपसे जल्दी ही मिलेंगे।
सभी लोग खुश हुए और एक एक करके अपने घर की तरफ चल दिए। रूबी का मन उदास हो हुआ था इसलिए ऑफिस में आकर बैठ गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप क्यों दुखी हो रही हैं, आज मैंने देखा लोग मेरी मा को कितना प्यार और इज्जत देते हैं। आपको तो खुश होना चाहिए।
रूबी की रुलाई फूट पड़ी और सुबकते हुए बोली:"
" साहिल बताओ में कैसे तुम्हारे पापा को इनसे मिलवाऊ, मेरी बे इज्जती हो जायेगी कि अपने पति को कुछ सीखा नहीं पाई और योग गुरु बनती फिरती हैं।
साहिल ने अपनी मम्मी को आगे बढ़ कर अपने गले लगा लिया और उनके आंसू पूछते हुए बोला:"
'" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब संभाल लेगा। आप रोटी हुई बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती। चुप हो जाओ।
धीरे धीरे रूबी के आंसू सूखने लगे और थोड़ी देर वो दोनो घर की तरफ लौट पड़े।
अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और जो कुछ आज सुबह हुआ उससे वो बहुत दुखी था। किस तरह मेरी पत्नी ने उस एक मामूली सी नौकरानी के आंसू पूछे, और मेरे बेटे ने भी उसका ही साथ दिया जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ।
वो अपने विचारो में खोया ही हुए था कि उसकी पर्सनल सेक्रेट्री लीमा अंदर दाखिल हुई और सीधे आकर उसकी गोद में बैठ गई और बोली:"
" गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट, क्या हुआ आज कुछ परेशान लग रहे हो आप ?
अनूप ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बोला:"
" अरे वही मेरी बेवकूफ पत्नी, सुबह सुबह फिर से मुझे परेशान किया आज।
लीमा उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली:" छोड़ो उसको मैं हू ना आपका मूड ठीक करने के लिए मेरी जान।
अनूप हल्के हल्के उसकी चूचियां दबाता रहा और लीमा ने उसकी शर्ट के साथ ही उसका बनियान भी उतार दिया और अपनी टी शर्ट अपने गले से उतार दी तो नीचे ना होने के कारण उसकी छोटी छोटी लेकिन ठोस चूचियां छलक पड़ी और लीमा ने अनूप का मुंह पकड़कर अपनी चूचियों में घुसेड़ दिया तो अनूप उसकी चूची चूसने लगा तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर कर उसकी पेंट को खोल दिया और अंडर वियर को नीचे सरका कर लंड बाहर निकाल लिया और बोला:"
" वाव कितना मोटा लन्ड हैं तुम्हारा, उफ्फ मेरी चूत फाड़ देता है ये तो।
इतना कहकर उसने अनूप के मरियल से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। औरत के द्वारा अपने लंड की तारीफ हर मर्द को पसंद होती हैं ये बात लीमा बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए ही वो अनूप के छोटे से लंड की तारीफ किया करती थीं ताकि उससे बाद में पैसे ऐंठ सके।
अनूप:" आह चूस ले, खड़ा कर दे एक बार, फिर देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हूं!!
लीमा उसकी बाल सहलाती हुई बोली:" लगता हैं आज तुम अपनी बीवी का सारा गुस्सा मेरी चूत पर उतार दोगे, उफ्फ क्या होगा आज मेरी चूत का!!
लीमा की बाते सुनकर अनूप के लंड में हल्की हल्की जान पड़ने लगी लेकिन वो कड़कपन नहीं आ पाया जो चूत कर अंदर जाने के लिए चाहिए होता हैं।
अनूप ने उसकी गान्ड को नंगा कर दिया और चूत को सहलाते हुए बोला:" ठीक से चूस ना लीमा, कर दे मेरे लन्ड को आज पत्थर जैसा, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।
लीमा लौड़े को चूसते चूसते थक गई थी और उसे बेहद गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे आज अनूप से कुछ पैसे चाहिए थे इसलिए लगी हुई थी। लीमा अब उसके पूरे लौड़े को मुंह में भरकर आराम से चूस रही थी और बॉल को हाथ से सहला रही थी जिससे अनूप के लंड में पहले से ज्यादा तनाव आ गया था और उसने वहीं टेबल पर लीमा को घोड़ी बना दिया और बोला:"
" आज तुझे घोड़ी बना कर ठोकुंगा मेरी रण्डी,
अनूप अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लीमा की चूत में भी आग लग गई और अपनी चूत उसने जोर से लंड पर दबा दी और अनूप चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया तो उसने जोर से लीमा की गांड़ को कस लिया और वीर्य की दो चार बूंदे उसकी चूत पर जा गिरी।
" आह साली कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ गया मेरा लन्ड तो ।
लीमा की चूत जल रही थी और वो अच्छे से चुदना चाहती थी लेकिन रोज की तरह आज भी अनूप का लंड जवाब दे गया और वो अपना मन मसोस कर रह गई तो अनूप बोला:"
" थोड़ी देर रुक जा, इस बार लंड खड़ा हो जाने दे, तेरी चूत मार मार कर लाल ना कर दी तो बात करना।
लीमा जानती थी कि अब दो तीन दिन से उसका लंड शायद ही खड़ा हो पाए । आगे कोई कुछ कुछ बोलता उससे पहले ही ऑफिस का लैंड लाइन नंबर बज उठा तो लीमा ने पिक किया तो दूसरी तरफ से रिसेप्शन से आवाज आई
" मैडम वो मिस्टर नीरज मिश्रा आए हैं, उन्हें अनूप साहब से काम हैं कुछ।
लीमा ने अनूप को सब बताया तो अनूप बोला ने लीमा को इशारा किया तो लीमा बोली:*'
" ठीक है आप जल्दी से उन्हे अंदर भेज दीजिए!!
अनूप अपने कपडे ठीक करके बैठ गया और लीमा वहीं लैपटॉप पर काम करने लगी। नीरज अंदर दाखिल हुआ।
नीरज करीब एक 41 साल का आदमी, लंबाई ठीक ठाक, गहरे पक्के सांवले से रंग का, मोटी सी नाक, सिर के आधे से ज्यादा बाल उड़ चुके थे और जो बचे थे वो भी पूरी तरह से सफेद होकर अपनी आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वो अंदर दाखिल हुआ तो अनूप ने उसको हाथ जोड़कर नमस्कार किया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।
नीरज आराम से उसकी कुर्सी पर बैठ गया और बोला:"
" क्या हुआ अनूप आज कुछ उदास लग रहे हो , तबियत ठीक हैं तुम्हारी?
अनूप:" जी सर, बस आपकी दुआ हैं सब ठीक है।
नीरज:" मुझे तुमसे अकेले में कुछ जरूरी बात करनी थी अनूप।
अनूप ने लीमा को बाहर जाने का इशारा किया तो वो बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप उठाकर बाहर चली गई।
अनूप:" जी मिश्रा जी बोलिए, क्या सेवा की जाए आपकी?
नीरज गौर से उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" आप तो जानते ही हैं अनूप भाई कि हमे क्या चाहिए ?
अनूप के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि वो जानता था नीरज रूबी को कुछ भी करके हासिल करना चाहता था, अनूप का मुंह शर्म से लाल हो गया और अपने आप नजरे नीचे झुक गई और बोला:"
" मिश्रा साहब मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन रूबी मानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टा मुझे ही बुरा भला कहने लगी। और तो और मेरा बेटा भी उसके कहे पर ही चल रहा है।
नीरज हैरानी से चौंकता हुआ बोला:" बेटा मतलब मैं कुछ समझा नहीं!!
अनूप की आंखे गुस्से से लाल हो गई और उसने एक एक करके आज सुबह हुआ सब कुछ मिश्रा को बताया तो मिश्रा बोला:"
" अनूप ये तो बहुत गलत किया रूबी ने, वो औरत तुम्हे बर्बाद कर देगी ऐसे तो, उसका घमंड तोड़ना बहुत जरूरी हैं।
अनूप अपनी मुट्ठियां भिंच कर बोला:" लेकिन कैसे भाई, मैं कुछ उसे तमीज सिखाना चाहता हूं। उसने एक नौकरानी के सामने मेरा अपमान किया हैं।
मिश्रा के होंठो पर एक क्रूर मुस्कान थिरक उठी और बोला:"
" जब तक वो मेरे नीचे नहीं लेटेगी उसका घमंड नहीं टूटेगा, एक बार मुझसे चुद गई तो शर्म के मारे ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने मुंह नहीं खोल पाएगी।
अनूप को थोड़ा सा बुरा तो लगा लेकिन अपमान की जिस आग में वो खुद को जलता हुआ महसूस कर रहा था वो कहीं ज्यादा बड़ी थी। अनूप बोला:"
" भाई लेकिन कैसे होगा ये सब , कोई रास्ता तो बताओ मुझे,
नीरज:" देख भाई जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली को टेढ़ा करना पड़ता हैं।
अनूप पहले से ही परेशान था इसलिए बौखलाते हुए बोला:"
" भाई जो भी कुछ कहना हैं साफ साफ़ कहो, पहेलियां मत बुझाओ।
नीरज ने उसे एक स्माइल दी और अपनी जेब से एक छोटी सी शीशी निकाली और बोला:"
" इस शीशी के अंदर वो दवा हैं जो किसी देवी समान औरत की आग को इतना भड़का सकती हैं कि वो रण्डी बनने पर मजूबर हो जाएगी, तुम उसे किसी भी तरह से ये एक गोली रोज खिलाते रहो और फिर देखना वो कैसे खुद अपने कपड़े फाड़ देगी, लेकिन ध्यान रखना उसकी प्यास नहीं बुझनी चाहिए।
अनूप की आंखे चमक उठी और बोला:" बहुत बढ़िया, लेकिन भाई मैं उसको दवा कैसे खिला पाऊंगा।
नीरज:" वो सब तो तुझे खुद सोचना होगा अनूप, अगर उसका घमंड नहीं टूटा तो वो औरत तुझसे तेरा घर, इज्जत बेटा सब कुछ छीन लेगी।
" नहीं नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा चाहिए मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, लेकिन सिर्फ एक बार ही मैं उसे तुमसे चुदने दूंगा क्योंकि आखिरकार वो जैसी भी है मेरी पत्नी हैं।
अनूप सारी बाते बिना रुके एक ही सांस में बोलता चला गया। नीरज की आंखो में आज एक अलग ही चमक जाग उठी और बोला:"
" घमंड तोडने के लिए तो बस एक ही रात काफी हैं दोस्त।
अनूप अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:" एक बात और आपका जितना भी मुझ पर बकाया हैं आप सब भूल जाएंगे।
नीरज:" ठीक हैं मुझे मंजूर हैं।अच्छा मैं चलता हूं।
नीरज चल गया तो लीमा बिना बुलाए अपने आप ही अंदर अा गई उसे अनूप से बोली:"
" सर वो आज मुझे थोड़ा जल्दी जाना था, कुछ जरूरी काम हैं।
अनूप :" अभी से कहां जाने की बात कर रही हो, अभी तो तुम्हे अपने लंड का दम दिखाना बाकी हैं लीमा।
लीमा उसके लंड को सहलाती हुई बोली:" आपके इस तगड़े लंड ने तो मेरी चूत की दीवारों को फैला दिया है, पति भी शक करता है मुझ पर कभी कभी।
अनूप उसकी चूची दबाते हुए बोला:" हम श्री वास्तव हैं, दुनिया की सबसे ऊंची जाति, हम ऐसे ही चूत का भोसड़ा बना देते हैं, अच्छा जाओ लेकिन ध्यान रखना कल अच्छे से चुदाई होगी।
लीमा बोली:" जी सर, आपके लिए मेरी चूत हमेशा हाज़िर रहेगी, ऐसा मोटा लंड मुझे और कहां मिलेगा ,। सर मुझे वो कुछ पैसे चाहिए थे।
अनूप:" कितने दू बोल मेरी जान?
लीमा:" 10000 मिल जाते तो ठीक रहता।
अनूप ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक नोटों की गड्डी निकाल करी उसके हाथ में रखते हुए बोला:"
" ले रख ले पूरे 20000 हैं, तुम्हारे काम अा जाएंगे,!!
लीमा बहुत खुश हुई और उसका लंड बाहर निकाल कर एक किस किया और अपनी गांड़ मटकाती हुई बाहर चली गई।
दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो घर अा गए थे। रूबी खाना बनाने में जुट गई एयू सीमा उसकी मदद करने लगी। जल्दी ही खाना बन गया और तीनो एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।
जल्दी ही उन्होंने खाना खाया और उसके बाद सीमा नीचे चली गई जबकि साहिल और रूबी दोनो आराम करने लगे। थकी होने के कारण रूबी की आंख लग गई और जल्दी ही वो गहरी नींद में चली ।
दूसरी तरफ साहिल सोच रहा था कि वो अब बच जाएगा और उसकी मम्मी रात हुई बात अब उसके बाप को नहीं बताएगी। लेकिन आज जिस तरह से बड़े बड़े लोग उसकी मम्मी की इज्जत कर रहे थे वो सब देखकर साहिल को रात के बारे में सोच कर बहुत बुरा लगा और उसने सोच लिया कि आज के बाद वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।
धीरे धीरे उसकी भी पलके भारी होने लगी और वो भी नींद के आगोश में चला गया।
शाम को रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि साहिल उससे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक कर सोया हुआ हैं और अपनी एक टांग साहिल ने उसके उपर रखी हुई थी।
रूबी को अपने बेटे की मासूमियत पर बड़ा प्यार आया और प्यार से उसका माथा चूम लिया और धीरे से बेड दे उतर गई और खाना बनाने की तैयारी में जुट गई।
रात के करीब 8 बजे तक खाना बन गया तो रूबी साहिल को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गई तो देखा कि साहिल उठा गया है तो रूबी बोली "
" बेटा जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ, मैंने खाना बना दिया हैं।
साहिल:" मम्मी वो पापा को भी अा जाने दो, साथ ही खा लेंगे सब।
रूबी:" बेटा तो अधिकतर बाहर से ही खाकर आते हैं, अच्छा होगा तुम खा लो।
साहिल:" नहीं मम्मी मैं पापा का वेट करूंगा और उनके साथ ही खाना खाऊंगा।
रूबी:" ठीक हैं बेटा जैसे तुम्हे अच्छे लगे।
थोड़ी देर बाद ही अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और सबको हाय बोलकर अपने कमरे में चला गया। साहिल उठा और अनूप के कमरे में चला गया और बोला:"
" पापा कैसा आज रहा ऑफिस ?
अनूप अपनी टाई खोलते हुए बोला:" कुछ खास नहीं बेटा, बस वो ही रोज की तरह काम और भागदौड़। तुम आओ कभी मेरे साथ, आखिर एक दिन ये सब तुम्हे ही तो देखना है।
साहिल :" आऊंगा पापा, लेकिन अभी मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकू।
अनूप को अन्दर ही अन्दर गुस्सा तो बहुत आया और सोचने लगा कि सुबह तो बड़ी बड़ी बाते का रहा था, अब काम के नाम से फट गई इसकी।
साहिल:" पापा मम्मी ने खाना बना दिया हैं बस आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ ।
अनूप:" मैं बाहर जी खाना खाकर अा गया हूं, तुम खा लो अपनी मा के साथ और हान सीमा ताई को भी बुला लेना क्योंकि उसके बिना तुम दोनों मा बेटो मा मन नहीं लगता हैं ना।
साहिल को अपने बाप की बाते सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई ड्रामा नहीं करना चाहता था इसलिए आराम से खाना खाने बैठ गया और रूबी को सारी बाते बता दी।
रूबी:" बेटा तुम्हारे पापा तो पता नहीं कौन सी दुनिया में गुम रहते हैं, जब देखो उल्टी सीधी बाते, आओ चलो खाना खाते हैं।
उसके बाद दोनो मा बेटे खाना खाने लगे और जल्दी ही साहिल खाना खाकर आपके कमरे में चला गया जबकि रूबी बरतन साफ करने के लिए किचेन में घुस गई और आराम से बर्तन धोने लगी।
अनूप ने जेब से शीशी निकाल ली और सोचने लगा कि इसे किस तरह से रूबी को खिलाया जाए, क्या मैं उसे दूध में पिला दू लेकिन मैंने तो आज तक अपने हाथ से दूध नहीं दिया कहीं वो मुझ पर शक कर बैठी तो। मुझे कोई दूसरा रास्ता सोचना होगा, अगर में पानी की बोतल में डाल दी तो, लेकिन बॉटल तो फ्रिज में होती है अगर वहां से साहिल ने पी ली तो ड्रामा हो जाएगा।
नहीं नहीं मुझे और और सोचना होगा, वो अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र सामने रखी एक विटामिन सिरप पर पड़ी जिसे सोने से पहले रूबी रोज पिया करती थी।
अनूप की आंखे चमक उठी और वो एक बार कमरे से बाहर निकला और देखा कि साहिल अपने कमरे में लैपटॉप पर मूवी देख रहा हैं तो वो उसे किचेन से आती हुई बरतनों की आवाज सुनाई दी तो वो आश्वस्त हो गया और तेजी से अपने कमरे में आया और कुछ गोलियां विटामिन सिरप की बॉटल में डालकर घोलने लगा। उसकी निगाहें बाहर से आने वाली किसी भी आवाज पर टिकी हुई थी और वो जल्दी जल्दी बॉटल घुमा रहा था। डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म कमरे में एसी चलने के बाद भी पसीने पसीने हो रहा था।
आखिरकार अनूप की मेहनत रंग लाई और जल्दी ही गोलियां पूरी तरह से घुल गई। उसने बॉटल को ध्यान से वापिस रख दिया और धड़कते दिल के साथ रूबी के आने का इंतजार करने लगा।
थोड़ी देर के बाद रूबी अंदर दाखिल हुई और अपने कपड़े बदलने लगीं। उसने अपनी सारी उतार का एक सफेद रंग की झीनी सी नाइटी पहन ली जो उसे बेहद पसंद थी। हालाकि ये काफी पुरानी थी लेकिन रूबी की पसंदीदा थी इसलिए वो उसे अक्सर पहन लिया करती थी।
अनूप अपनी आंखे हल्की सी खोलकर रूबी को देख रहा था कि वो इतनी देर क्यों लगा रही हैं सिरप पीने में।
थोड़ी देर के बाद रूबी बेड पर लेट गई तो उसे अनूप के मुंह से आती हुई शराब की बदबू महसूस हुई तो उसका मूड खराब हो गया और चिल्लाने लगी
" अनूप तुम आज फिर दारू पीकर आए हो, तुम्हे कितनी बार मना किय हैं लेकिन तुम मानते ही नहीं हो।
अनूप सोने के ड्रामा करता रहा और उसका मन हल्का सा उदास हो गया कि आज रूबी शायद सिरप पीना भूल गई है। उसे अपना प्लान ध्वस्त होता नजर आया। वहीं रूबी उसके मुंह से उठती हुई दारू की बदबू से परेशान थी
" उफ्फ कितनी गंदी बदबू आती हैं अनूप के मुंह से, पता नहीं ये आदमी कब सुधरेगा।
रूबी गुस्से से बड़बड़ाती हुई दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तभी उसकी नज़र सिरप पर पड़ी तो उसे याद अा गया कि आज उसने दवा तो पी नहीं हैं, वो उठी और पूरी एक चम्मच दवा पी गई। अनूप तो ये सब देखकर खुशी से झूम उठा। आखिर उसका प्लान कामयाब हुआ, अब बस उसे रूबी पर इस दवा का असर देखना था जो कि जल्दी ही शुरू होने वाला था।
सिरप पीने के बाद रूबी ने बॉटल को वापिस फ्रिज पर रख दिया और उसे याद आया कि आज उसने अपने बेटे को गुड नाईट किस तो करी ही नहीं है इसलिए वो साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।