Excellent update bhai rubi ko neeraj ke sath relation mat banana
Congratulations for new Thread" रूबी प्लीज़ मान जाओ ना मेरी बात समझने की कोशिश करो "
अनूप ने ये बात लगभग गिड़गिड़ाते हुए कही थीं।
रूबी का गुस्सा तो जैसे आज सातवे आसमान पर था इसलिए वो अनूप की तरह गुस्से से पलटी तो अनूप उसकी जलती हुई लाल आंखे देखकर एक पल के लिए तो बुरी तरह से डर गया और अपने आप दो कदम पीछे हट गया। अनूप को लग रहा था जैसे अभी भगवान शिव की तरह से रूबी की तीसरी आंख खुलेगी और जलाकर भस्म कर देगी।
रूबी गुस्से से अपने मुट्ठी भींचते हुए अपने शब्दो को चबाकर बोली:" तुझे शर्म नाम कि कोई चीज हैं या नहीं, तुम अपनी खुद की पत्नी को दूसरे के नीचे लेटने की सलाह दे रहे हो। दूर हो जाओ मेरी नजरो के सामने से तुम
रूबी का ऐसा खौफनाक रूप देखकर अनूप ने वहां से निकलने में भी अपनी भलाई समझी और चुपचाप अपना बैग उठाकर ऑफिस की तरफ चल पड़ा।
अनूप श्रीवास्तव :" ये हैं अनूप, शक्ल से ही चूतिया लगते हैं और काम भी चूतियो जैसे ही हैं। उम्र करीब 47 साल, एक स्पोर्ट्स कंपनी में डायरेक्टर के पद पर हैं। घमंड तो जैसे इन्हे विरासत में मिला हैं।
रूबी:" अनूप की पत्नी, उम्र 39 साल दोनो को देखते ही लंगूर के हाथ में अंगूर वाली कहावत याद आ जाती हैं, बेहद खूबसूरत, अंग अंग से काम वासना टपकती हैं मानो रति साक्षात स्वर्गलोक से उतर आयी हों
( बाकी सब बाद में पता चलेगा)
साहिल:" दोनो का इकलौता लड़का, जो अभी 19 साल का हुआ हैं और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हैं। कद 5 फीट 11 इंच , वजन, 78 किलो, सुन्दरता में बिल्कुल अपनी मा पर गया हैं। काफी मॉडर्न हैं और अपनी फिटनेस पर बहुत मेहनत करता हैं।
Aapki baat bahut had tak sahi hai, lekin ye bhi sahi hai ki yanha par jitne bhi lekhak hain vo shoukiya hain.यहां आप कितना भी अच्छा लिखे आपको आर्थिक तौर पर कुछ भी नहीं मिलता, कहानी लिखने में जो समय और मेहनत लगती है वो कहीं ना कहीं बाद में मन को कचोटती हैं। उम्मीद हैं जल्दी ही एडमिन टीम इस पर ध्यान केंद्रित करेगी और उनका सकारात्मक रवैया देखने को मिलेगा।
Let's seeमुश्किल है लेकिन इसका समाधान ये होगा कि अगर कोई एक कहानी सबमिट करता है तो उसस ठीक उसी तरह की दूसरी कहानी लिखने के लिए कहा जाए। पुरानी कोई भी कहानी यहां पोस्ट करे तो उसे मान्यता नहीं देनी चाहिए।
एक वोटिंग हो जिसमे कुछ टॉप 50 या 60 जो भी आए सिर्फ उन्हीं को पैसा मिलना चाहिए।
बाकी सब लोग अपनी कहानी लिखते रहे। ऐसा वोटिंग छह महीने बाद या साल में एक बार होना चाहिए इससे लोग अच्छी कहानी लिखने के लिए प्रेरित होंगे। जिस कहानी को जितने व्यू मिले उसके आधार पर ही पैसा निर्धारित करना चाहिए।
Bahut badhiyaशाम हो चुकी थी इसलिए रूबी अपने बेटे साहिल के लिए खाना बनाने के लिए किचेन में घुस गई और उसकी पसंद की चीज़े बनाने में जुट गई। जल्दी ही उसने आलू बनाए और फिर बरतन उठाकर रायते की तैयारी में लग गई।
रायता बनने में ज्यादा देर नहीं लगी और उसने सलाद के लिए सभी सामान जैसे मूली, खीर, प्याज , नींबू सब निकाल कर एक प्लेट में रख दिया ताकि साहिल के आने के बाद ताजा सलाद काट सके।
सभी सामान तैयार हो गया था बस पूड़ी और सलाद उसने ताजा ही बनाना था। उसने अपने बेटे का नंबर डायल किया और उधर से साहिल ने फोन पिक किया और बोला:"
" जी अम्मी कैसी हैं आप ? मैं रास्ते में हूं। आपके बताए अनुसार पहले मै सड़क पर कुत्तों को खाना खिलाऊंगा, फिर अनाथ आश्रम में जाकर आपके पैसे उधर दूंगा, उसके बाद मंदिर में पूजा करने के बाद करीब 30 मिनट बाद घर अा जाऊंगा।
रूबी की हंसी छूट गई और बोली:" बेटा तुमने तो सब कुछ जैसे याद कर लिया हैं।
साहिल:" मम्मी आप जो भी मुझे सिखाती हैं वो मेरे लिए एक गाइड लाइन की तरह से होता हैं जिस पर मुझे अपनी ज़िन्दगी बितानी हैं
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" सच में बेटा तुम दुनिया के सबसे प्यारे बेटे हो, अपनी मा की सभी बाते मानते हो साहिल।
साहिल अपनी तारीफ सुनकर खुश हुआ और बोला:"
" मम्मी आप भी तो मुझे सब कुछ सही से समझाती हैं, मुझे खुशी होती हैं कि मैं आपका बेटा हूं।
साहिल ने ये बात दिल से कहीं थी और उसकी ये बात रूबी के दिल को छू गई और बोली:"
" मेरा बेटा आजकल बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा हैं। लगता हैं जरूरत से ज्यादा समझदार हो गया हैं वक़्त से पहले ही।
साहिल:" मम्मी बिल्कुल आप पर ही तो गया हू मैं, सब कुछ आपसे ही सीखा हैं।
रूबी:" अच्छा चल चल ठीक हैं, जल्दी से अा अब सारे काम खत्म करके मैं तेरा इंतजार कर रही हूं।
इतना कहकर रूबी ने कॉल कट कर दिया और सोचने लगी कि उसका बेटा बिल्कुल अपने बाप पर नहीं गया हैं। रूबी को खुशी हुई कि वो अपने मकसद में कामयाब हो रही है और उसका बेटा एक घमंडी नहीं बल्कि अच्छा इंसान बन रहा हैं ।
साहिल अनाथ आश्रम में गया और उसने सभी बच्चो को चॉकलेट बांटी और फिर आश्रम मालिक को पैसे दिए जो कि हर हफ्ते उसकी मम्मी उसके ही हाथ से दिलाया करती थी।
थोड़ी देर बाद साहिल मंदिर में भगवान की मूर्ति के आगे दोनो हाथ जोड़कर आंखे बंद किए हुए खड़ा था। उसके मन में अपार श्रद्धा थी और मन ही मन बोला:"
" है भगवान, आपने मुझे सब कुछ दिया हैं और मेरी मम्मी गरीबों की इतनी मदद करती हैं, आपसे बस ये ही प्रार्थना हैं कि मैं भी अपनी मम्मी के नक्शे कदम पर चलू और आप मेरी मम्मी की ज़िन्दगी से सब दुख दर्द दूर कर दो है भगवान।
इतना कहकर उसने अपना सिर झुकाया और घर की तरफ चल दिया। जल्दी ही वो घर पहुंच गया और रूबी को देखते ही उसने अपनी मम्मी को प्रणाम किया और उनके पैर छुए! रूबी ने उसे आशीर्वाद दिया और अपने गले लगा लिया।
साहिल अपनी मम्मी की बांहों में समा गया और रूबी अपने बेटे को प्यार से दुलारने लगी।
रूबी:" देख कितना कमजोर सा हो गया है एक हफ्ते के अंदर ही, बेटे तुम वहां ठीक से खाना नहीं खाते हो क्या ?
साहिल उसके सीने से लगे हुए ही बोला :" मम्मी खाता तो हूं लेकिन जो स्वाद और ताकत मा के हाथ के खाने में होती हैं वो बाहर कहां मिलेगी, अब दो दिन तक सिर्फ आपके हाथ का बना खाना खाऊंगा।
रूबी उसके गाल को खींचते हुए बोली:" दो दिन में तू कितना खा जाएगा बेटा, मेरे साथ अच्छी मजाक करता हैं।
साहिल भी स्माइल करते हुए बोला:" मम्मी जितना कमजोर पिछले पांच दिन में हुआ हू इतना तो खा ही सकता हूं।
रूबी अपनी आंखे नचाती हुई बोली:" अच्छा मेरी बात मुझ पर ही मार रहा हैं तू, बड़ा तेज हो गया हैं।
साहिल:" मम्मी देखो ना मैं कहां से कमजोर हू, अच्छा खासा तो दिखता हू, फिर भी आप हर बार ये ही उलाहना देती हो मुझे।
रूबी:" बेटा मा की नजर अपने बेटे को दुनिया का सबसे ताकतवर बेटा बनते हुए देखना चाहती हैं, और मै भी चाहती हूं कि मेरा शक्तिशाली बने।
साहिल समझ गया कि वो बहस में अपनी मा से नहीं जीत सकता इसलिए बोला:"
" ठीक हैं मम्मी, आप खिलाओ मुझे मैं सब खा जाऊंगा।
रूबी खुश हो गई और बोली:"
" ऐसे कैसे खा जाओगे, जाओ पहले नहाकर अा जाओ, इतना तक मैं सलाद काट देती हूं। तुझे पता हैं मैंने क्या बनाया हैं आज ?
साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"
" मेरा पसंदीदा आलू पूड़ी और रायता। बस मैं अभी गया और अभी नहा कर आया।
साहिल ने अपने कपड़े और बाथरूम में घुस गया। थोड़ी देर बाद ही फ्रेश होकर अा गया और देखा कि रूबी सलाद काट रही हैं तो बोला:
" लाओ मम्मी मैं आपकी मदद कर दू
तो रूबी हंसते हुए हुए बोली
" बड़ी जल्दी नहाकर अा गए हैं लगता हैं बहुत भूख लगी हैं, जाओ तुम टेबल पर बैठो, मैं गर्म गर्म पूड़ी लेकर आती हूं।
साहिल सामने ही कमरे में रखी डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और रूबी रायता और आलू की सब्जी के साथ सलाद लेकर अा गई और रायता के भिगोने का ढक्कन हटाकर देखने लगी।
रायता से बहुत अच्छी खुशबू अा रही थी तो सूंघती हुई बोली:"
" वाव कितनी अच्छी खुशबू अा रही है साहिल,
रूबी के बाल उसके खूबसूरत चेहरे के दोनो तरफ बिखरे हुए थे और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। साहिल बोला:"
" मेरी मम्मी बनाएगी तो टेस्टी तो बनेगा ही ना
रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और गर्म हो चुके तेल में पुड़िया तलने लगी। उसने गर्म गर्म पूड़ी साहिल को खिलानी शुरू कर दी तो साहिल एक के बाद एक पूड़ी खाता गया और रूबी खुशी खुशी पूड़ी बनाती गई।
साहिल:" बस मम्मी और मत लाना, मेरा पेट भर गया हैं
रूबी:" अभी तूने ठीक से खाया भी नहीं और बोलता हैं कि पेट भर गया।
रूबी बोलती हुई अाई और दो पूड़ी और उसकी प्लेट में रख गई।साहिल मना करता रह गया जबकि रूबी स्माइल करती हुई फिर से किचेन में घुस गई।
साहिल:" मम्मी देखो ना मैं पहले ही पर भर खा चुका हूं, अब कैसे खाऊ आप ही बताओ।
खा लो बेटा तुम बहुत खुश किस्मत हो जो तुम्हे जबरदस्ती खाना खिलाया जा रहा हैं और एक हम हैं जिन्हें ठीक से खाना खाए बहुत टाइम हो गया है।
अनूप की आवाज सुनकर साहिल ने अपने बाप को नमस्ते किया और बोला:"
" ऐसा क्यों बोलते हो पापा, मम्मी तो देखो कितने प्यार से खाना खिलाती हैं।
अनूप लगभग ताना मारते हुए बोला:" बेटा वो तो तुम्हे खिला रही है, मुझे पता नहीं कब खिलाएगी ?
रूबी अपने बेटे के सामने कोई हंगामा नहीं करना चाहती थी इसलिए बोली:"
" जाइए आप भी हाथ धोकर जल्दी से अा जाइए।
अनूप चेहरे को एक स्माइल लिए बाथरूम चला गया और जल्दी ही फ्रेश होकर साहिल के पास बैठ गया जो एक पूड़ी तो खा चुका था जबकि कभी दूसरी पूड़ी तो कभी अपने पेट को देख रहा था।
रूबी अंदर से अनूप के लिए खाना लेकर अा गई और अनूप ने भी खाना शुरू कर दिया। रूबी साहिल की हालत देखकर मुस्करा उठी और बोली:"
" जल्दी खा ना देर क्यों कर रहा हैं इस उम्र में नहीं खाएगा तो कब खाएगा ?
साहिल ने धीरे से पूड़ी उठाई और रूबी खुश होकर फिर से किचेन में चली गई और कुछ पुड़िया लेकर अा गई और देखा कि साहिल अभी तक हाथ में पूड़ी लिए बैठा हुआ हैं।
रूबी:" रुक बेटे तुझे मैं दिखाती हू कि खाना कैसे खाया जाता हैं?
इतना कहकर उसने साहिल के हाथ से पूड़ी ली और निवाला बनाकर उसके मुंह में लगभग ठूस दिया तो साहिल जैसे तैसे करके खाने लगा और मदद भरी नजरो से अपने बाप की तरफ देखा तो आज उसकी हालत देख कर अनूप भी मुस्कुरा उठा, पता नहीं कितने सालों के बाद उसके होंठो पर स्माइल अाई थी।
अनूप:" बस भी करो रूबी, उसका पेट भर गया हैं!!
रूबी:" आप खाना खाईए आराम से, आपको तो जैसे इसकी चिंता बिल्कुल भी नहीं है, देखो ना कितना कमजोर हो गया है।
अनूप की दूसरी बार बोलने की हिम्मत नहीं हुई और आराम से खाना खाने लगा। साहिल को जब कोई रास्ता नहीं मिला तो थक हार कर जैसे तैसे उसने वो आखिरी पूड़ी भी खा ली।
दोनो को खाना खिलाने के बाद रूबी ने भी खाना खाया और अनूप अपना लैपटॉप लेकर काम करने लगा।
साहिल:" मम्मी मैं थोड़ी देर छत पर टहल कर आता हूं, आपने इतना ज्यादा खिला दिया हैं अब घूमकर ही पचाना पड़ेगा।
रूबी जो किचेन में बर्तन धो रही थी बोली:" अच्छा तुम चलो, मैं भी थोड़ी देर बाद आती हूं उपर।
साहिल छत पर अा गया और उसे उपर बहुत ही ठंडी ठंडी हवा लग रही थी क्योंकि छत का पीछे वाला हिस्सा खुला हुआ था और उधर से हवाएं अा रही थी।
साहिल दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में रह रहा था और सप्ताह में दो दिन के लिए मेरठ आता था। दिल्ली में दोस्तो के साथ रह रह कर वो सेक्सी मूवी देखना, लड़कियों के जिस्म के बारे में सब कुछ सीख गया था।
ठंडी ठंडी हवाएं अपना जादू दिखाने लगी और साहिल के अंदर तरंगे उठने लगी। तभी साहिल के दोस्त आरव का फोन आ गया तो उसने उठाया और बोला:"
" हा भाई कैसा हैं तू ?
आरव:" पूछ मत यार आज मैं बहुत खुश हूं,
साहिल:" अरे ऐसा क्या हो गया भाई, कुछ बता तो यार मुझे भी ?
आरव:" अरे वो सामने वाली भाभी हैं ना हमारे कमरे के सामने ?
साहिल को भाभी की याद अा गई और बोला:"
" अच्छा तो रेखा भाभी , हां तो क्या हुआ ?
आरव:" तू तो जानता ही है कि मैं उस पर लाइन मारता था, आज उसने मुझे अपने घर बुलाया था
साहिल को आरव से जलन महसूस हुई क्योंकि चोरी छिपे वो भी रेखा पर लाइन मारता था, साहिल बोला:"
" फिर क्या हुआ भाई ?
आरव की खुशी में डूबी हुई आवाज गूंजी:"
" होना क्या था मैं गया उसके घर, उसने बोला कि मैं उसके बेटे को ट्यूशन पढ़ा दू, ।
साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और उसके लंड ने एक हल्का सा झटका खाया और बोला:"
" वो तो गई काम से, भाई तेरे जैसे कमीने को मैंने जानता हूं, तू उसके बेटे को कम और उसे ज्यादा पढ़ाएगा वो भी सेक्सोलॉजी
आरव:" भाई ये तारीफ थी या बेइज्जती कुछ समझ नहीं आया !!
साहिल:" जो तेरा मन करे समझ ले भाई।
उसके बाद दोनो दोस्त एक साथ जोर जोर से हंसने लगे। साहिल अपनी हंसी रोकते हुए बोला:"
" तो फिर पढ़ाई शुरू करी या नहीं तूने रेखा भाभी की ?
आरव:" अरे भाई वो तो मेरे से भी ज्यादा तेज निकली, बार बार मेरे सामने ही अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा रही थी।
साहिल की सांसे थोड़ी तेज होने लगी और बोला:"
" फिर तो तूने खूब अपनी आंखे गरम करी होगी उसकी गोलाईयों को देखकर !!
आरव:" हान भाई, सच में बड़े गोरी गोरी, गोल गोल कबूतर हैं उसके साहिल।
साहिल को आरव के स्वर में उत्तेजना साफ महसूस हुई जिसका असर साहिल पर साफ हुआ और उसके लोअर में एक अच्छा खासा तम्बू बन गया और वो बोला:"
" आगे क्या हुआ, बोल ना भाई रुक क्यों गया ?
आरव समझ गया कि उसकी बाते सुनकर साहिल गरम हो गया है इसलिए स्माइल करते हुए बोला:"
" क्या हुआ लंड खड़ा हो गया तेरा कमीने?
साहिल को लगा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो और एक हाथ अपने लंड पर रखकर दिया और उसे छुपाने लगा, फिर उसे एहसास हुआ कि वो तो फोन पर बात कर रहा है और छत पर कोई नहीं हैं तो साहिल अपने आपको संभालते हुए लड़खड़ाती आवाज में बोला:"
"ना न न नहीं नहीं भाई,
आरव की हंसी साहिल को साफ सुनाई पड़ी और बोला:'
" चल झूठा कहीं का, दाई से पेट का हाल नहीं छुपता बे।
साहिल को खुद पर खीज महसूस हुई और बोला:" भाई वो थोड़ा थोड़ा खड़ा हुआ हैं। फिर आगे क्या हुआ तुम बताओ !!
आरव:" होना क्या था साली पक्की चालू निकली और अपना रुमाल उठाने के लिए ठीक मेरी आंखो के सामने झुकी!!
साहिल का हाथ आपके आप लोअर के अंदर घुस गया और अपने कड़क हो चुके लंड को पकड़ लिया मानो अपने बेकाबू हो चुके घोड़े को काबू करने की कोशिश कर रहा हो।
" ओह माय गॉड, फिर वो उसके कबूतर फड़फड़ा उठे होंगे!!
आरव:" भाई बस चोंच को छोड़कर बाकी सब पंख बिखर कर फड़फड़ा उठे थे ठीक वैसे ही जैसे तेरा घोड़ा हिनहिना रहा हैं।
साहिल को तभी छत पर किसी के आने की आवाज हुई और बोला:"
" आरव छत पर कोई आ रहा हैं मैं तुझे बाद में कॉल करता हूं।
साहिल का लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो चुका था और तभी छत पर रूबी की एंट्री हुई तो साहिल को डर के मारे अपने माथे पर पसीना साफ महसूस हुआ है
और वो घूमकर खड़ा हो गया। मतलब अब रूबी की तरफ उसकी पीठ थी , जैसे ही साहिल ने रूबी को देखा तो रूबी ने उसे एक स्माइल दी और साहिल ने आज पहली बार अपनी मम्मी को ठीक से उपर से नीचे तक देखा और तो उसका लंड बेकाबू होने लगा।
रूबी ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसकी साड़ी का पल्लू ठीक उसके ब्लाऊज के बीच से होता हुआ नीचे पेटीकोट में धंसा हुआ था और उसका गोरा पेट और बिल्कुल अंदर को घुसी हुई गहरी नाभि साफ नजर आ रही थी। ब्लाउज काफी टाइट लग रहा था जो इस बात को साफ दर्शा रहा था कि इसके पीछे कितनी बड़ी बड़ी ठोस चूंचियां कैद है।
रूबी:" क्या हुआ साहिल, कहां हो गया बेटे?
साहिल जैसे नींद से बाहर आया और बोला:" कहीं नहीं मम्मी, बस यहीं हूं।
रूबी:" तो फिर उधर कोने में क्यों खड़े हुए हो ?
साहिल:" वो मम्मी इधर हवा अच्छी लग रही थी आओ आप भी इधर ही अा जाओ ना,
रूबी साहिल के पास जाकर खड़ी हो गई तो साहिल की सांसे तेजी से चलने लगी। इसे समझ नहीं अा रहा था कि आज उसे अचानक से क्या हो रहा हैं,
रूबी ने साहिल के माथे पर छलक रहे पसीने को देखा और साड़ी के पल्लू से साफ करती हुई बोली:"
" क्या हुआ साहिल, इतना पसीना क्यों अा रहा है, तेरा तो माथा भी गर्म हो रहा हैं, तू ठीक तो हैं बेटा !
साहिल की आवाज जैसे गुम सी हो गईं और फिर मुश्किल से बोला:"
" कुछ नहीं, मम्मी मैं ठीक हूं,
रूबी:" अा फिर ठीक हैं तो मेरे साथ घूम चल, तेरा खाना भी हजम हो जाएगा।
साहिल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, अगर वो मम्मी के साथ घूमता हैं तो उनकी नजर लंड पर जरूर पड़ेगी इसलिए वो कोई बहाना ढूंढने लगा लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया तो रूबी बोली:"
" चल आजा मेरे साथ घूम अब, नहीं तो तेरे पापा की तरह तेरा भी पेट अभी से बाहर निकल जाएगा।
इतना कहकर रूबी ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया तो साहिल ना चाहते हुए भी रूबी की तरफ पलट गया और उसके साथ चलने लगा।
रूबी की नजर एक पल के लिए उसके लोअर में बने हुए तम्बू पर पड़ गई लेकिन अगले ही पल उसने मारे शर्म के अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया और छत के चक्कर लगाने लगी।
साहिल ने अपनी दोनो जेबो में अपने हाथ डाल लिए और रूबी के साथ चक्कर लगाने लगा।
रूबी:" और बता बेटा कैसी चल रही हैं तुम्हारी तैयारी ?
साहिल :" मम्मी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं, उम्मीद हैं इस बार एग्जाम क्लियर हो जाएगा।
रूबी:" बेटा तुम क्यों जॉब के चक्कर में पड़े हुए हो ? अपना कोई बिजनेस शुरू करो, पैसे मैं तुम्हे दूंगी।
साहिल:" मम्मी आपकी बात ठीक हैं लेकिन मैं अपने पैरो पर खुद खड़े होना चाहता हूं,
रूबी:" पता हैं मुझे तुम्हारी बहुत याद आती हैं, जब तुम आते हो तो पूरा घर खुशियों से भर जाता हैं बेटा। अब मेरे साथ ही रहो।
रूबी जानती थी कि अगर साहिल घर पर रहेगा तो अनूप की उल्टी सीधी हरकते अपने आप बंद हो जाएगी और घर का माहौल पहले की तरह ठीक हो जाएगा।
साहिल:" मम्मी बस एक आखिरी कोशिश करने दो, देखना इस बार में पक्का कामयाब हो जाऊंगा।
रूबी:" बेटा मुझे तुम पर पूरा यकीन हैं, तुम आराम से एग्जाम पास कर लोगे।
साहिल:" थैंक्स मम्मी, आप बताओ आपकी योगा और फिटनेस क्लास कैसी चल रही हैं?
रूबी:" बेटा काफी कच्छी चल रही है, अब तक 2000 से ज्यादा लोग ज्वाइन कर चुके हैं।
साहिल:" मम्मी मैंने अापका एक प्रोग्राम देखा था टीवी पर, मुझे बहुत खुशी हुई थी कि मेरी मम्मी अब काफी प्रसिद्ध हो गई है।
रूबी:" बेटा लेकिन इसमें मेहनत बहुत लगती हैं, अपने आपको फिट रखना बहुत बड़ी बात हैं, और तुझे पता हैं मेरे पास अधिकतर 35 से 45 साल की औरतें आती है ताकि वो अपने आपको जवान लड़कियों की तरह फिट रख सके।
साहिल को हल्की सी हैरानी हुई और बोला;" क्या सचमुच मम्मी ?
रूबी:" हान बेटा, बोलती हैं कि हमारे मोटापे के कारण हमारे पति झगड़ा करते हैं, बेटा एक औरत ने तो मुझे 2 करोड़ का ऑफर दिया और बोली बस अपने जैसी फिटनेस बनवा दे मेरी।
साहिल एक नजर अपनी मम्मी के पूरे शरीर पर डालता हैं और सच में उसे एहसास हो गया कि उसकी मम्मी की फिटनेस हीरोइनों से भी कहीं ज्यादा अच्छी हैं, भरा हुआ जिस्म लेकिन चर्बी का कहीं नामो निशान तक नहीं, सामने की तरफ निकला हुआ सीना, पेट जैसे बिल्कुल अंदर, पतली सी कमर और पिछ्वाड़ा तो मानो किम करदाशियां को भी मात दे रहा था।
साहिल:" मम्मी सच में आपकी फिटनेस बहुत जबरदस्त हैं, आप को देखकर कोई भी औरत यहां तक की लड़कियां भी जलन महसूस कर सकती हैं।
रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा लेकिन इसमें मेहनत बहुत लगती है, वैसे बॉडी तो तुमने भी अच्छी खासी बना की हैं साहिल।
रूबी उसके जिस्म पर नजर घुमाते हुए बोलती हैं। साहिल बोला:_
" मम्मी लेकिन आपसे कम हैं, आपको पता हैं दिल्ली में लड़कियां घंटो जिम में पसीना बहाती हैं ऐसी फिगर पाने के लिए लेकिन नहीं हासिल कर पाती।
रूबी:" अच्छा तू तुम दिल्ली में लड़कियों का फिगर देखते हो !!
साहिल शर्मा गया और मुंह नीचे किए हुए बोला:"
" वो वो मम्मी जब जिम में जाता हूं तो दिख जाती हैं, ।
रूबी उसकी हालत देखकर हंस पड़ी और बोली:"
" चल कोई बात नहीं बेटा, अब लड़की सामने से निकलेगी तो नजर तो पड़ेगी ही लेकिन अपनी मर्यादा का ध्यान रखना।
साहिल अपनी मम्मी की बात सुनकर थोड़ा रिलैक्स हुआ और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे, मैं बिल्कुल ध्यान रखूंगा। वैसे मम्मी आप अगर कभी मेरे साथ चले तो कोई भी आपको अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन के लिए रख लेगा!!
रूबी:" कहां बेटा, मेरी किस्मत में कहां घूमना, मैं तो यहां मेरठ में ही खुश हूं।, वैसे मुझे क्यों कोई विज्ञापन के लिए रखेगा?
साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि अपनी मम्मी को कैसे बताए कि उनका फिगर कितना जबरदस्त है, रूबी फिर से बोली:"
" अब कुछ बोलेगा भी क्या तू?
साहिल की सांसे तेज होने लगी और उसने डरते हुए कहा:"
" म म मम्मी वो आपका फि फिगर...
साहिल की जुबान बीच में ही लड़खड़ा गई और रूबी को हैरानी हुई कि उसका सुशील बेटा उसके फिगर के बारे में बोल रहा है। रूबी बोली:"
"बोल बोल ना फिगर क्या ?
साहिल की जुबान को जैसे लकवा मार गया और बहुत कोशिश के बाद भी उसका मुंह खुला तो बोला:"
" मम्मी वो मुझे नींद आ रही है, नीचे चले!!
रूबी समझ गई कि उसका बेटा अभी बिगड़ा नहीं है इसलिए शर्मा रहा हैं और बोली:_
" चल ठीक हैं चलते है, मैं भी थक गई हूं। आज बड़ी अच्छी नींद आएगी।
साहिल नीचे अा गया और अपने कमरे में घुस गया। उसका लंड अभी तक खड़ा हुआ था जिसे उसने बड़ी मुश्किल से अपनी मा की नजरो से छुपाया था। आते ही वो बाथरूम में घुस गया और पेशाब करने लगा।
पेशाब करने के बाद उसे कुछ सुकून मिला और वो आराम से लेट गया। वो अभी तक यकीन नहीं कर पा रहा था वो अपनी मम्मी से उनका फिगर पूछ रहा था, है भगवान मैं कितना बिगड़ गया हू, उसने अपने लंड को हल्की सी चपत लगाई और बोला साले तू अपनी औकात में रहा कर, कहीं भी खड़ा हो जाता है।
वो जानता था कि उसकी मम्मी उसे गुड नाईट किस करने जरूर आएगी इसलिए उसने अपने उपर एक चादर डाल ली और लेट गया। अभी कुछ पल ही बीते थे कि रूबी अंदर दाखिल हुई।
रूबी चलते हुए उसके पास बेड पर बैठ गई और बोली:"
" नींद नहीं आ रही हैं क्या बेटा?
साहिल:" मम्मी आप तो जानती हैं कि आप मुझे सुलाने आती है उसके बाद ही मुझे नींद पड़ती है
रूबी अपना चेहरा उसके पास ले गई और उसके बाल सहलाती हुई बोली:"
"अब तुम बड़े हो गए हैं साहिल, अब किस के बिना सो जाया करो
साहिल मासूम सी सूरत बनाते हुए बोला:" कहां बड़ा हुआ हूं मम्मी अभी तो देखो कितना मासूम सा बच्चा हूं।
रूबी उसके कान पकड़कर खींचते हुए बोली:"
" ना तो अब बच्चे हो और ना ही मासूम, अपनी हरकते देखो कितनी बड़ी बड़ी करने लगे हो।
साहिल समझ गया कि उसकी मम्मी की उसके फिगर वाली बात को बहाना बना कर बोल रही हैं, इसलिए वो फिर से चुप हो गया तो रूबी बोली:"
" चल छोड़ अपना गाल इधर ला मेरे पास, तुझे किस कर देती हूं।
साहिल अपना गाल आगे कर देता हैं तो रूबी उसके गाल पर एक प्यारा सा चुम्बन कर देती है जिससे साहिल की आंखे मस्ती से बंद हो गई।
रूबी :" बस अब खुश हो, चलो अब आराम से अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ।
साहिल हल्का सा स्माइल करते हुए हान में अपनी गर्दन हिला देता है और रूबी कमरे से बाहर जाने लगी। साहिल की नजर उसकी गांड़ पर अपने आप ही चली गई तो उसे यकीन हुआ कि उसकी मां की गांड़ सचमुच जानलेवा हैं।
रूबी दरवाजे के पास जाकर पलटी लेकिन उससे पहले ही साहिल ने अपनी नजरे घुमा ली थी तो रूबी को उसकी नज़रों का एहसास नहीं हुआ। रूबी साहिल की तरफ़ देखते हुए मुस्कुराई।
रूबी:"साहिल अपनी किस तो तूने ले ली और तुझे याद भी हैं तू कुछ भूल गया हैं आज।
साहिल सोच में पड़ गया तो रूबी अपने शब्दो में जमाने भर की मिठास घोलते हुए बोली:"
" भुल्लकड़ कहीं का, मुझे गुड नाईट किस कौन करेगा बेटा, चल जल्दी आ मेरे पास।
इतना कहकर रूबी ने एक बहुत ही प्यारी स्माइल करते हुए अपने दोनो हाथ उसकी तरफ फैला दिए ।
हाथ उपर उठाने से रूबी की चूचियां पूरी तरह से उभर आई, और पेट की नाभि भी साफ नजर आने लगी। रूबी ने इतने प्यार से आवाज लगाई कि मंत्र मुग्ध सा हुआ साहिल ये भी भूल गया कि उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ है उसे तो बस अपनी का प्यारा सा चेहरा नजर आया और वो दौड़ता हुआ उसकी बांहों में समा गया।
रूबी ने भी अपनी बांहे साहिल पर लपेट दी और भावावेश में आकर उसे जोर से कस लिया। साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की टांगो के बीच घुस गया जिसका एहसास होते ही रूबी को झटका सा लगा लेकिन किसी पत्थर की मूर्ति की तरह खड़ी रही जबकि साहिल अपनी मम्मी को शाम की तरह अपनी बांहों में कसना चाह रहा था लेकिन बीच में लंड आ जाने के कारण गैप पैदा हो रहा था।
साहिल ने अपनी मम्मी के चेहरे को अपने हाथो में थाम लिया और एक के बाद एक करके उसके दोनो गाल चूम लिए तो रूबी की आंखे एक अनोखे एहसास से बंद हो गई और उसकी जांघें अपने आप थोड़ी सी खुल गई जिससे लंड अपने आप पूरी तरह से उसकी टांगो के बीच घुस गया और उनके बीच की दूरी बिल्कुल समाप्त हो गई।
रूबी को काटो तो खून नहीं, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, जबकि साहिल पूरी तरह से उससे चिपका हुआ था। रूबी उसके कान में धीरे से बोली:"
" बस का बेटा, हो गया गुड नाईट किस, अब छोड़ मुझे और आराम कर।
अपनी मम्मी की बात सुनकर साहिल जैसे सपनो से जागा और अपनी मम्मी का माथा चूम लिया और बोला:"
" सचमुच आप दुनिया की सबसे प्यारी मम्मी हैं,
साहिल इतना कहकर पीछे हटा तो उसका लंड एक बार फिर से रूबी को जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा तो साहिल को अपनी हालत का एहसास हुआ और उसकी गांड़ फट गई। उसने धीरे से लंड को बाहर निकाल लिया और मुंह नीचे झुकाए पलट गया और बेड की तरफ चल पड़ा।
उसे डर लग रहा था कि उसकी मम्मी उसे डांटेगी लेकिन दूसरी तरफ रूबी को तो जैसे अभी तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
आखिर कार अपने अंदर ताकत समेट कर वो बोली: गुड नाईट बेटा, कल सुबह जल्दी उठ जाना, तुझे मेरे साथ योगा और फिटनेस क्लास में चलना हैं। मुझे अब नींद आ रही है।
इतना कहकर रूबी कमरे से बाहर निकाल गई। रूबी अपने कमरे में आ गई और देखा कि अनूप रोज की तरह सो गया था। रूबी ने चैन की सांस ली और बेड पर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई। उसे अपने बेटे की बाते याद आ रही थीं, आज उसे एहसास हुआ कि उसका बेटा अब जवान हो गया हैं।
धीरे धीरे रूबी की पलके भारी होने लगी और वो गहरी नींद के आगोश में चली गई जबकि साहिल की तो जैसे नींद ही उड़ चुकी थी और वो अपनी नजरो के खुद को गिरा हुआ महसूस कर रहा था।
" उफ्फ ये क्या पाप हो गया मुझसे, क्या मम्मी को मेरे लंड का एहसास हुआ होगा, पक्का नहीं हुआ होगा नहीं तो वो मुझसे जरूर डांट देती। लेकिन जिस तरह से लंड उनकी जांघो में से फस फस कर निकल रहा था तो उन्हें जरूर एहसास हुआ होगा।
अब क्या होगा, कहीं उन्होंने पापा को बोल दिया तो मेरी क्या हालत होगी, ये सब सोचते हुए साहिल का पूरा जिस्म पसीने पसीने हो उठा। उसका गला पूरी तरह से सूख चुका था और जिस्म डर के मारे कांप रहा था। साहिल के डरने की वजह से उसका लंड किसी मरे हुए सांप की तरह सिकुड़ कर छुप सा गया था।
साहिल ने सोचा कमीना ये लंड भी देखो अब कितने आराम से ठंडा पड़ गया है, बेशर्म कहीं का ।
साहिल पड़ा पड़ा बचने के उपाय सोचता रहा और आखिर में वो भी दिन भर का थका होने के कारण सो गया।