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Incest अनोखा लड़का

राज का घर मे पहली चुदाई किससे करवाये

  • 1 रजनी

    Votes: 24 77.4%
  • कोमल

    Votes: 5 16.1%
  • पायल

    Votes: 5 16.1%
  • पुष्पा

    Votes: 6 19.4%
  • रुचि

    Votes: 9 29.0%
  • राधिका

    Votes: 2 6.5%

  • Total voters
    31
  • Poll closed .

Killerpanditji(pandit)

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पापा प्रमोद सिंह उम्र 49 साल पिता जी एक किसान है ।हमारे पास बहुत जमीन तो नही है पर इतना तो है कि हम सभी लोग आराम से अपना गुजारा कर सके।
माँ रजनी देवी उम्र 46 साल साइज 38 32 40 रंग गोरा अपनी बड़ी बड़ी चुचिया और गांड का दीवाना तो पूरा गांव है

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कुछ इस तरह की दिखती है माँ

बड़ी बहन कोमल उम्र 22 साल साइज 34 28 32 दीदी की चुचिया बड़ी और गांड छोटी है ।इन्होंने इण्टर तक पढ़ाई की है उसके बाद घर पर ही रह कर मा के साथ घर का काम करती है।

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छोटी दीदी पायल उम्र 20 साल साइज 34 28 36 है ।यह भी इण्टर तक पढ़ कर अब घर मे ही रहती है ।
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मैं राज सिंह उम्र 19 साल मैंने 10 तक पढ़ाई की और 2 बार फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दिया और पापा के साथ खेतो में काम करने लगा ।बचपन से कुश्ती का शौक था गांव के अखाड़े में सुबह शाम जम कर कसरत करता और फिर दिन भर खेतो में बैलो की तरह खटता था जिसकी वजह मेरा शरीर गठीला और लम्बा चौड़ा हो गया था ।मुझे देख कर कोई यह नही बोलता था कि मैं अभी 19 साल का हु ।गांव की ना जाने कितनी लड़कियों और ओरतो को चोदा है यह तो मैं खुद भी नही जानता हूं।
चाचा का परिवार
चाचा मोहनलाल सिंह उम्र 46 साल अभी हम सभी लोग एक मे ही है तो यह भी पापा के साथ खेतो में ही काम करते है और यह भी अखाड़े में कुश्ती करते है ।इनको आज तक मेरे सिवा और कोई नही हरा सका है ।
चाची पुष्पा उम्र44 साल साइज 38 32 36 यह भी एक घरेलू महिला है और घर के कामों में हाथ बटाती है ।


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इनकी एक बेटी और एक बेटा है
बेटा राजन सिंह उम्र 24 साल घर मे हम सब भाई बहन में सबसे बड़े है ।जब यह गांव में थे तो यह भी पहलवानी करने जाया करते थे पर घर की माली हालत को देखते हुए यह अपने दोस्त के साथ बाहर चले गए काम करने के लिये जंहा पर यह एक कम्पनी में काम करते है
भाभी रुचि सिंह उम्र 21 साल साइज 34 28 36 बहुत ही खूबसूरत और पढ़ी लिखी है ।


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बेटी राधिका सिंह उम्र 21 साइज 32 26 30 यह भी इण्टर करके घर पर ही है।
अब आते है कहानी पर

आज सुबह जब मैं सो कर उठा तो देखा कि दिन निकल आया है तो मैं जाकर माँ से बोला
मैं
माँ मैने तुझे कल ही रात में बोला था कि सुबह जल्दी उठा देना फिर क्यों नही उठाया तुमने अब पापा मुझे डांटेंगे। आज तो अखाड़े पर भी नही जा सका इसलिए तुझे मैं बोला था कि मैं वंहा नही जाऊंगा आने में देर हो जाएगी लेकिन तू मेरी बात को मानती ही कंहा पर है ।तुझे तो बस अपना काम दिखता है बाकि कोई कुछ भी कहे वह तो तुझे दिखता ही नही है ।
माँ मेरी बातों को सुनकर चूल्हे से उठते हुए बोली
माँ
तू हर बात के लिए दूसरों को दोष क्यों देता है मैंने तुझे वंहा भेजा था अगर तुझे इतना ही जरूरी काम था तो कुछ देर में लौट आना चाहिए था पर नही तुझे तो वंहा पर उस समय तो ख्याल आया नही अब आ कर मुझपर चिल्ला रहा है और वैसे भी सुबह से तुझे बहु और पायल दोनो को जगाने के लिए भेजा था लेकिन तू उनके उठाने पर उठा नही तो हमने भी छोड़ दिया और अब जा जल्दी से फ्रेश होकर आ अब भी कोई देर नही हुई है समय से खेतों पर पहुच ही जायेगा ।वैसे तेरे बापू और चाचा बोल कर गए है कि आज कुछ ज्यादा काम नही है तो अगर तू चाहे तो आखाड़े चले जाना बाद में खेतों पर आ जाना ।
माँ कि बात सुनकर मेरी हालत पतली हो गयी क्यूंकि रात में जब मैं सोया था तो केवल बरमूडा पर ही सोया था । रात में सोते वक्त मैं अंडरवियर तो पहनता ही नही हु और सुबह सुबह बाबूराव अपना फन पूरे गुस्से में उठाये खड़े थे ।इसका मतलब भाभी और दीदी ने मुझे उस हालत में देख लिया । तब मैंने चोरी से उन दोनों लोग की तरफ देखा तो जो चोरी से मुझे देखे जा रही थी और हस रही थी तो मैं चुप चाप वंहा से निकल लिया।
इसके बाद मैं फ्रेश होकर जब घर आया तो पता चला कि माँ पापा और चाचा के लिए नाश्ता लेकर खेतो को चली गयी और चाची खाना बना रही थी मुझे देख कर चाची बोली
चाची
जा उधर खाट पर बैठ जा मैं तेरे लिए नाश्ता भेजती हु और उसके बाद अखाड़े चले जाना ।दीदी बोल कर गयी है वह वंहा पर जा रही है तू आराम से आना।
इसके बाद चाची भाभी से दूध और चना भेज दिया जो कि अखाड़े जाने से पहले मैं यही खाता हूं । वह मेरे पास लेकर आई और मुझे देते हुए बोली
भाभी
लो देवर जी जल्दी से नास्ता कर लो।वैसे सब ठीक तो है ना अगर कोई दिक्कत हो तो बता देना मैं हेल्प कर दूंगी । वैसे आज बहुत देर तक सोते रहे है लगता है रात में कही किसी के खेत मे ज्यादा मेहनत किया है क्या आपने।
मैं उनकी बात सुनकर हस्ते हुए बोला
मैं
अब क्या करूँ भाभी रात में देर से सोया तो नीद नही खुली और वैसे मदद की जरूरत तो है पर डरता हूँ कि कही आप नाराज ना हो जाए और क्या करूँ घर के खेतों में खेती करने को मिलती नही है तो बाहर ही खेती कर लेता हूं।
भाभी
घर की खेती में हल से जोतने के लिए पूछना नही पड़ता है वह तो बाहर वालो को पूछना पड़ता है खेती करनी है तो कभी कभी बिना पूछे हल लगा देना चाहिए क्या पता कहि बात बन जाये ।वैसे खेत सामने से तो आकर नही बोलेगा कि खेती करो वह तो उस खेत मालिक या घर वालो को समय के हिसाब से खेती करनी पड़ती है वरना घर के खेतों पर दूसरे का कब्जा हो जाता है
मैं उनकी बात सुनकर चौक गया क्यूंकि आज से पहले उन्होंने कभी इस तरह से बात नही की थी तब मैं उनकी तरफ देखा तो वह यह बोल कर हस रही थी फिर चाची की आवाज आई वह भाभी को बुला रही थी तो वह जाने के लिए मुड़ी फिर अचानक मेरी तरफ देखती हुई बोली
भाभी
वैसे कुछ कहे देवर जी हल बहुत तगड़ा है और अब चलता कैसा है यह तो ट्राय करने पर ही पता चलेगा ना ।


Nice introduction
&
Nice start 👍👍👍
 

Killerpanditji(pandit)

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मैं भाभी की बात सुनकर एक बार इधर उधर और जब मुझे आस पास कोई नही दिखा तो मैं बोला
मैं -
अब आप जब मुझे अपना हल चलाने की इजाजत दे तो मैं आपको निराश नही करूँगा । इस बात का तो आप भरोशा कर सकती है भाभी जी।

भाभी-
हा देवर जी आपको पूछने की जरूरत नही है बस मौक़ा देख कर चौका मार दीजिये ।जब खेती मैंने आपको शौप ही दिया है तो इसमें इतना सोचने की क्या जरूरत है।
इसके बाद मैं नाश्ता करके अखाड़े के लिए चला गया ।जंहा पर मैंने जी तोड़ मेहनत करने के बाद घर वापस चला आया । घर आने पर पता चला कि माँ अभी तक घर नही आई हुई है तब चाची बोली
चाची -
बेटा तेरा चाचा ने फोन करके बोला है कि जल्दी से खेतों पर आजा उनको तुझसे कुछ जरूरी काम है।
मैं-
क्या बात है चाची क्या काम है बताया है उन्होंने ।
चाची -
नही बेटा कुछ बोला तो नही बस बोले कि भेज देना अब तू तो जानता ही है कि अगर मैंने कुछ ज्यादा बोला तो वह गुस्सा हो जाएंगे और बात अगर तेरी हो तो वह फिर तो किसी की नही सुनते है ।
चाची की बात सुनकर मैं हस्ते हुए बोला
मैं-
ठीक है चाची आप चिंता मत करो मैं देख लूंगा ।उन्होंने मुझे क्यों बुलाया है आप मेरे लिए खाना लगाओ तब तक मैं नहा कर आता हूं ।
इसके बाद मैं अपने कमरे में गया और अपने कपड़े निकाल कर नहाने के लिये नल के पास जाने लगा ।जब मैं रूम से बाहर निकला तो देखा कि भाभी और पायल दीदी दोनों की आपस में बात कर रही थी और साथ में मुझे देखकर हंस भी हंसी भी रही थी तो मैं बोला
मैं -
क्या बात है भाभी जी आप आज सुबह से आपको हंसी आ रही है ऐसा क्या देख लिया आपने जो आपको इतनी खुशी मिल रही है कि संभाले नहीं संभल रही है।
मेरी बात सुनकर भाभी बोली
भाभी -
क्या करें सर जी आज सुबह-सुबह नाग देवता के दर्शन हो गए 2 दिन सबसे बहुत ही अच्छा जा रहा है बस यही सोच रहे हैं कि नाग देवता के दर्शन तो कर लिया पूजा करने का सौभाग्य कब मिलेगा दो-दो पुजारिन पड़ी हुई है लेकिन मैं नागदेवता बिल घुसने को तैयार ही नहीं है। इसलिए हम दोनों मिलकर यही सोच रहे हैं कि नाग देवता के कैसे मनाया जाए ।
मैं -
इसमें कौन सी बड़ी बात है अरे नाग देवता को बिल का दर्शन करा दीजिए वह जाने के लिए कुछ भी तैयार हो जाएंगे और हो सकता है कुछ प्रसाद भी मिले ।
भाभी -
अरे नहीं इतना बड़ा जुल्म ना करें नाग देवता अभी प्रसाद की जरूरत नहीं है जब हमें तो साथ चाहिए होगा तो हम नागदेवता से हम ले लेंगे। क्यों पायल सही बोल रही हु ना।
पायल दी मेरे तरफ देखते हुए बोली कि
पायल -

आपके बारे में तो मैं नहीं जानती भाभी लेकिन मैंने तो निश्चय कर लिया है कि अब अपने बिल में सबसे पहले इसी नाग देवता को लेना है । वैसे भी मेरी कई सहेलियां इस नाग की बहुत ही प्रशंसा करती हैं । बोलती हैं कि इस नाग की सवारी करने में बहुत ही मजा आती है वह मैं भी सोच रही हूं कि घर का नाग मजा जब दूसरे ले रहे हैं तो मुझे लेने में क्या दिक्कत है वैसे भी आज नहीं तो कल किसी का नाग तो ईस बिल में जाएगा ही पता नहीं उसका नाग कैसा होगा मजा आएगा कि नहीं आएगा हो सकता है जैसा नाग आप को मिला है सिर्फ दिखाने का शेर हो काम का नही।
अभी मैं इस बात का कुछ जवाब देता की सामने रसोई घर से बाहर आकर चाची बोली
चाची ,-
अभी तक तैयार नहीं हुआ वहां पर तेरे चाचा तेरा इंतजार कर रहे हैं और तू यहां पर इन दोनों के साथ बातें कर रही है दोनों को तो कोई काम है नहीं उल्टे तेरे को भी लेट करा कर के या दोनों तुझे भी डांट सुनवा देंगी और तुम दोनों को मैंने जो काम बोला वह करने की जगह सिर्फ बाते कर रही हो जाओ जल्दी से काम को खत्म करो नही तो ठीक नही होगा समझी।
मैं भी चाची की बात सुनकर चुपचाप निकल लेने में ही अपनी भलाई समझा वरना हो सकता था अगला नम्बर मेरा ही लग जाये।इसके बाद मैं नहा कर खाना खाया और खेतो को निकल लिया ।मैं अपनी ही धुन में चला जा रहा था इस बात से अनजान कि वंहा जाने के बाद मेरी दुनिया ही बदल जाने वाली है ।जो लड़का आज तक घर की औरतों के साथ सिर्फ हसी मजाक था वह अब उनके साथ वह करेगा जो उसने कभी सोचा नही था ।


Nice update bro
 

Rahulawara

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जब मैं खेतो के पास पहुचा और देखा कि खेतो में काम करने वाले मजदूर तो काम कर रहे थे परन्तु माँ पापा और चाचा जी दिखाई नही दे रहे थे तो मैं काम करने वाले एक आदमी से बोला
मैं - काका पापा और चाचा कंहा है वो लोग दिखाई नही दे रहे है । माँ भी यही पर आई हुई थी लेकिन वह भी दिखाई नही दे रही है ।
तब मेरी बात सुनकर वह आदमी बोला
आदमी : बेटा वह लोग तुम्हारी माँ के आने के बाद उधर ही चले गए है ।शायद आराम करने या नास्ता करने के लिए गए होंगे और बताओ बेटा आज कल खेतो में काम करने कम ही आ रहे हो क्या बात है ।
मैं उनकी बात को सुनकर वही उनके पास बैठते हुए बोला
मैं : अरे नही काका ऐसी कोई बात नही है बस इस समय काम थोड़ा कम ही रहता है तो मैं अखाड़े में कुछ ज्यादा समय बीतने लगा हु आप तो जानते ही है कि अगले महीने होने वाले अखाड़े की दंगल में हर साल हमारा ही गांव जीतता आया है और इस बार सुना है कि ईनाम काफी बड़ा रखा जा रहा है जिसके लिए बहुत लोग तैयारी कर रहे है तो उसी में कुछ ज्यादा समय बिता रहा हु ताकि गांव का नाम खराब ना हो । अब पापा और चाचा खेतो की देखभाल कर ही रहे है और अभी ज्यादा काम भी नही है बस थोड़ी बहुत मदद कर देता हूं।
मैं उनसे बाते करते हुए इधर उधर देख रहा था कि तभी मेरी नजर खेत मे बने कमरे की तरफ चली गयी जंहा गांव की ही एक लड़की खिड़की से देखते हुए पाया और वह लड़की अंदर देखते हुए अपनी चूची को दबा रही थी जो मुझे बहुत अजीब लगा क्यूंकि वहां तो तीनों लोग थे तो ऐसे में वह ऐसा क्या देख ली कि जो इस तरह की हरकतें कर रही है। मैंने सोचा चल कर देखता हूं कि वह क्या देख रही है और वह है कौन ।मैं यही सोच कर उस तरफ बढ़ चला ।इस बात से अनजान कि आज के बाद मेरी सोच ही बदल जाएगा । जब मै उसके पास पहुचा तो उसे पता भी नही चला कि कब उसके पास आ गया वह अंदर देखने मे वह लड़की कोई और नही बल्कि मेरे ही खेत मे काम करने वाले कि बीवी थी जो शायद खाना देने के लिये आयी हुई थी ।मैंने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा तो वह चौक उठी उसने किसी तरह अपने आप को चिल्लाने से रोकी और मेरी तरफ देखने लगी और उसके बाद उसने मेरे लन्ड को ऊपर से पकड़ लिया तो मैं उसे घूर कर देखा तो मुझे शांत रहने को बोल कर अंदर देखने को बोली और उसके ऐसा करने से मुझे खयाल आया कि अंदर हो सकता है माँ और पापा हो सकते है तो मैं उससे धीरे से बोला
मैं :अरे रंडी अंदर क्या देख रही है घर मे हम सबके होने के कारण मा पापा को टाइम नही मिलता होगा तो वह यंहा पर कर रहे है ।इसमें क्या गलत है।
लड़की : अरे यार एक बार देख तो सही कैसे मा बेटी एक साथ चुद रही है और चोद भी कौन रहा है उसका बाप और चाचा
उसकी बात सुनकर मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया और जब मैंने अंदर का नजारा देखा तो मेरा दिमाग ही हिल गया क्यूंकि अंदर जो लोग थे उसपर मुझे यकीन ही नही हो रहा था क्यूंकि अंदर माँ और कोमल दीदी दोनो ही बिस्तर पर लेटी हुई थी वह भी नंगी और चाचा और पापा दोनो की चूत चाट रहे थे


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और वह दोनो मस्ती में अपनी बुर चटवा रही थी ।मैं घर के इस रंडी बाजी को देख कर मुझसे खड़ा भी रहा नही जा रहा था तो मैं उसके बाद वंहा से तुरन्त घर की तरफ निकल लिया ।
वही मेरे घर से जाने के बाद भाभी चाची के पास गई और बोली
चाची : माँ जी आपने देवर जी को झूठ बोल कर क्यों भेजा ।पापा जी का फोन आया तो मैंने भी सुना था कि वह तो बोल रहे थे कि आज उनको खेत पर ना भेजे और आपने उन्हें भेज दिया।
चाची जब भाभी की बात सुनी तो वह बोली
चाची : बहु ज्यादा दिमाग मत लगाओ मैंने अगर उसे भेजा है तो कुछ काम होगा तभी तो भेजा है ।वैसे भी वह घर पर क्या करेगा खेतो में जायेगा तो उन लोगो की कुछ मदद ही करेगा । अब तुम जाओ और जो काम बोला है वह करो समझी मेरी बात को
भाभी के जाने के बाद चाची अपने मन मे सोची
चाची ( दीदी आपने जो बोला था वह तो मैंने कर दिया पर डरती हु की हमने जो सोचा है अगर वैसा नही हुआ तो क्या होगा ।)
इधर मैं खेतो से चलता हुआ तेजी से घर पर लौट आया और घर आकर सीधे अपने कमरे में दरवाजा बंद करके बैठ गया और सोचने लगा ।
साला यह सब चल क्या रहा है इधर भाभी और पायल ऐसी बात करके मुझे भड़का रही है और उधर मा और दीदी उन लोगो के साथ लगी हुई है वह भी एक दूसरे के सामने । ऐसी तो रंडिया भी नही करती है ।साला पूरा घर ही चौपट है ।
वही छत पर भाभी और पायल आपस में बाते कर रही थी
पायल - भाभी आपको लगता है कि वह हमारा इशारा समझ रहा होगा ।कहि ऐसा ना हो कि हम लोग कोशिश ही करते रह जाए और कुछ फायदा ही ना हो।
भाभी उसकी बात सुनकर बोली
भाभी : अरे ननद रानी क्यों चिंता करती हो जब मैंने बोल दिया है कि जैसा मैं बोलू वैसा करती रहो तुम्हारी बुर जरूर फटेगी वह भी तुम्हारे ही भाई के लन्ड से ।फिर चुदती रहना हमेशा भाई के लन्ड से और वैसे भी काफी मोटा और लम्बा है बहुत मजा देगा पर पहली बार मे जान भी निकाल लेगा ।
पायल : अरे भाभी पहली बार हो तो जान निकलेगी ना अपने तो पहले ही फड़वा दी है अपने भाई से मेरी।
भाभी : हा मेरी रानी मैं यह जानती हूं पर उसका लन्ड तो इसके आधा होगा तो तेरे भाई के लिए तो तू कुवारी ही रहेगी ।
पायल : बाप रे तब तो मैं मर ही जाउंगी उसका ही लेने में मेरी जान निकल गयी थी तो भाई से तो मैं सच मे मर जाउंगी।
भाभी : अरे यह कैसी बाते कर रही है।क्या यह बात तू नही जानती की तेरे भाई ने गांव की आधी से ज्यादा लड़कियों की बुर को फाड़ चुका है तो क्या आज तक कोई मरी है जो तू मरेगी ।चल अगर तुझे डर है तो तुझसे पहले मैं ही चुद लुंगी फिर तू कर लेना।
पायल : मतलब कि मौका मिला नही और टांग फैलाने को तैयार हो जाती हो सच मे किसी दिन ना आपकी बुर में डंडा डाल दूंगी ।
भाभी : मेरी छोड़ तू अपनी चिंता कर की तेरा क्या होगा जब तू उसका लेगी क्यूंकि लेने के बाद तो तू किसी काम की नही रहेगी
 
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tpk

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जब मैं खेतो के पास पहुचा और देखा कि खेतो में काम करने वाले मजदूर तो काम कर रहे थे परन्तु माँ पापा और चाचा जी दिखाई नही दे रहे थे तो मैं काम करने वाले एक आदमी से बोला
मैं - काका पापा और चाचा कंहा है वो लोग दिखाई नही दे रहे है । माँ भी यही पर आई हुई थी लेकिन वह भी दिखाई नही दे रही है ।
तब मेरी बात सुनकर वह आदमी बोला
आदमी : बेटा वह लोग तुम्हारी माँ के आने के बाद उधर ही चले गए है ।शायद आराम करने या नास्ता करने के लिए गए होंगे और बताओ बेटा आज कल खेतो में काम करने कम ही आ रहे हो क्या बात है ।
मैं उनकी बात को सुनकर वही उनके पास बैठते हुए बोला
मैं : अरे नही काका ऐसी कोई बात नही है बस इस समय काम थोड़ा कम ही रहता है तो मैं अखाड़े में कुछ ज्यादा समय बीतने लगा हु आप तो जानते ही है कि अगले महीने होने वाले अखाड़े की दंगल में हर साल हमारा ही गांव जीतता आया है और इस बार सुना है कि ईनाम काफी बड़ा रखा जा रहा है जिसके लिए बहुत लोग तैयारी कर रहे है तो उसी में कुछ ज्यादा समय बिता रहा हु ताकि गांव का नाम खराब ना हो । अब पापा और चाचा खेतो की देखभाल कर ही रहे है और अभी ज्यादा काम भी नही है बस थोड़ी बहुत मदद कर देता हूं।
मैं उनसे बाते करते हुए इधर उधर देख रहा था कि तभी मेरी नजर खेत मे बने कमरे की तरफ चली गयी जंहा गांव की ही एक लड़की खिड़की से देखते हुए पाया और वह लड़की अंदर देखते हुए अपनी चूची को दबा रही थी जो मुझे बहुत अजीब लगा क्यूंकि वहां तो तीनों लोग थे तो ऐसे में वह ऐसा क्या देख ली कि जो इस तरह की हरकतें कर रही है। मैंने सोचा चल कर देखता हूं कि वह क्या देख रही है और वह है कौन ।मैं यही सोच कर उस तरफ बढ़ चला ।इस बात से अनजान कि आज के बाद मेरी सोच ही बदल जाएगा । जब मै उसके पास पहुचा तो उसे पता भी नही चला कि कब उसके पास आ गया वह अंदर देखने मे वह लड़की कोई और नही बल्कि मेरे ही खेत मे काम करने वाले कि बीवी थी जो शायद खाना देने के लिये आयी हुई थी ।मैंने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा तो वह चौक उठी उसने किसी तरह अपने आप को चिल्लाने से रोकी और मेरी तरफ देखने लगी और उसके बाद उसने मेरे लन्ड को ऊपर से पकड़ लिया तो मैं उसे घूर कर देखा तो मुझे शांत रहने को बोल कर अंदर देखने को बोली और उसके ऐसा करने से मुझे खयाल आया कि अंदर हो सकता है माँ और पापा हो सकते है तो मैं उससे धीरे से बोला
मैं :अरे रंडी अंदर क्या देख रही है घर मे हम सबके होने के कारण मा पापा को टाइम नही मिलता होगा तो वह यंहा पर कर रहे है ।इसमें क्या गलत है।
लड़की : अरे यार एक बार देख तो सही कैसे मा बेटी एक साथ चुद रही है और चोद भी कौन रहा है उसका बाप और चाचा
उसकी बात सुनकर मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया और जब मैंने अंदर का नजारा देखा तो मेरा दिमाग ही हिल गया क्यूंकि अंदर जो लोग थे उसपर मुझे यकीन ही नही हो रहा था क्यूंकि अंदर माँ और कोमल दीदी दोनो ही बिस्तर पर लेटी हुई थी वह भी नंगी और चाचा और पापा दोनो की चूत चाट रहे थे


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और वह दोनो मस्ती में अपनी बुर चटवा रही थी ।मैं घर के इस रंडी बाजी को देख कर मुझसे खड़ा भी रहा नही जा रहा था तो मैं उसके बाद वंहा से तुरन्त घर की तरफ निकल लिया ।
वही मेरे घर से जाने के बाद भाभी चाची के पास गई और बोली
चाची : माँ जी आपने देवर जी को झूठ बोल कर क्यों भेजा ।पापा जी का फोन आया तो मैंने भी सुना था कि वह तो बोल रहे थे कि आज उनको खेत पर ना भेजे और आपने उन्हें भेज दिया।
चाची जब भाभी की बात सुनी तो वह बोली
चाची : बहु ज्यादा दिमाग मत लगाओ मैंने अगर उसे भेजा है तो कुछ काम होगा तभी तो भेजा है ।वैसे भी वह घर पर क्या करेगा खेतो में जायेगा तो उन लोगो की कुछ मदद ही करेगा । अब तुम जाओ और जो काम बोला है वह करो समझी मेरी बात को
भाभी के जाने के बाद चाची अपने मन मे सोची
चाची ( दीदी आपने जो बोला था वह तो मैंने कर दिया पर डरती हु की हमने जो सोचा है अगर वैसा नही हुआ तो क्या होगा ।)
इधर मैं खेतो से चलता हुआ तेजी से घर पर लौट आया और घर आकर सीधे अपने कमरे में दरवाजा बंद करके बैठ गया और सोचने लगा ।
साला यह सब चल क्या रहा है इधर भाभी और पायल ऐसी बात करके मुझे भड़का रही है और उधर मा और दीदी उन लोगो के साथ लगी हुई है वह भी एक दूसरे के सामने । ऐसी तो रंडिया भी नही करती है ।साला पूरा घर ही चौपट है ।
वही छत पर भाभी और पायल आपस में बाते कर रही थी
पायल - भाभी आपको लगता है कि वह हमारा इशारा समझ रहा होगा ।कहि ऐसा ना हो कि हम लोग कोशिश ही करते रह जाए और कुछ फायदा ही ना हो।
भाभी उसकी बात सुनकर बोली
भाभी : अरे ननद रानी क्यों चिंता करती हो जब मैंने बोल दिया है कि जैसा मैं बोलू वैसा करती रहो तुम्हारी बुर जरूर फटेगी वह भी तुम्हारे ही भाई के लन्ड से ।फिर चुदती रहना हमेशा भाई के लन्ड से और वैसे भी काफी मोटा और लम्बा है बहुत मजा देगा पर पहली बार मे जान भी निकाल लेगा ।
पायल : अरे भाभी पहली बार हो तो जान निकलेगी ना अपने तो पहले ही फड़वा दी है अपने भाई से मेरी।
भाभी : हा मेरी रानी मैं यह जानती हूं पर उसका लन्ड तो इसके आधा होगा तो तेरे भाई के लिए तो तू कुवारी ही रहेगी ।
पायल : बाप रे तब तो मैं मर ही जाउंगी उसका ही लेने में मेरी जान निकल गयी थी तो भाई से तो मैं सच मे मर जाउंगी।
भाभी : अरे यह कैसी बाते कर रही है।क्या यह बात तू नही जानती की तेरे भाई ने गांव की आधी से ज्यादा लड़कियों की बुर को फाड़ चुका है तो क्या आज तक कोई मरी है जो तू मरेगी ।चल अगर तुझे डर है तो तुझसे पहले मैं ही चुद लुंगी फिर तू कर लेना।
पायल : मतलब कि मौका मिला नही और टांग फैलाने को तैयार हो जाती हो सच मे किसी दिन ना आपकी बुर में डंडा डाल दूंगी ।
भाभी : मेरी छोड़ तू अपनी चिंता कर की तेरा क्या होगा जब तू उसका लेगी क्यूंकि लेने के बाद तो तू किसी काम की नही रहेगी
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