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Incest अनोखा लड़का

राज का घर मे पहली चुदाई किससे करवाये

  • 1 रजनी

    Votes: 24 77.4%
  • कोमल

    Votes: 5 16.1%
  • पायल

    Votes: 5 16.1%
  • पुष्पा

    Votes: 6 19.4%
  • रुचि

    Votes: 9 29.0%
  • राधिका

    Votes: 2 6.5%

  • Total voters
    31
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nilu12

Demon inside me, Want a sex
688
1,958
139
Mast story bhai...ye sanbse alag dikh rahi..
Ghar main sab randiya bhari padi hui hai aur apna hero sharif hai...
Ab dekhate hero ghar ki is harami randiyo ko kaise chodata hai... Ager hate dikha sakte ho toh dikha dena.
 
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Rahulawara

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राधिका दी कि बातो को सुनकर मैं सोचने पर मजबूर हो गया क्यूंकि जो आज मैंने देखा वह इन्हें कैसे बता सकता हूं और यह भी सच था कि घर मे एक यही थी जिनके सामने मैं कभी झूठ नही बोल पाता हूं और अगर कभी बोलता भी हु वह तुरन्त पकड़ लेती है। इसलिए मैं बोला
मैं : दीदी यह सच है कि मैं आज सुबह से काफी परेशान हु और घर का माहौल ऐसा हो गया है कि मैं किसी से बात करना ही नही चाहता हु इसलिए मैं सबसे दूर रहने की कोशिश कर रहा हूं।
राधिका दी : तेरे कहने का मतलब मैं कुछ समझी नही तू कहना क्या चाहता है और अगर कोई समस्या है तो उसे बात करके खत्म किया जा सकता है।
मैं : सच मे दी आप को ऐसा लगता है कि ऐसा हो सकता है । वह बात इतनी छोटी नही है जो कि इतनी आसानी से उसका हल निकाला जा सके । अगर मैंने यह बात सबके सामने बोल दी ना तो घर मे होगा उसकी कल्पना भी आपने नही कि होगी।
मेरी बात को सुनकर राधिका दी को एक झटका लगा और वह बोली
राधिका दी : देख भाई तेरी बातो से मुझे डर लग रहा है ।तू सच सच बता तुझे मेरी कसम क्या बात है । अगर तू मुझे अपना मानता है तो तू मुझसे झूठ नही बोलेगा।
मैं दीदी की बात सुनकर घबरा गया क्यूंकि ना तो मैं उन्हें सच बता कर दुखी करना चाहता था और अब ना ही मैं उनकी कसम को झुठला सकता हूं इसलिए मैंने आखिरी बार बात को संभालने के लिए बोला
मैं : दीदी आप अगर खुश रहना चाहती है तो आप अपनी यह कसम वापस ले लो क्यूंकि मैं नही चाहता हु कि जिस आग में मैं जल रहा हु उस आग को आप भी महसूस करो ।सच जानकर आपको बहुत दुख होगा।
राधिका दी : मुझे उस बात से दुख होगा कि नही यह मैं नही जानता हूं लेकिन मैं इतना जरूर जान गई हूं तेरी नजर में मेरी कोई कीमत नही है वरना तू अपना दुख मुझे बताने में इतना सोच विचार नही करता क्यूंकि मैं कोई तेरी अपनी तो हु नही ।यही बात कोमल दी या पायल ने पूछी होती ना तो तू तुरन्त बता देता क्यूंकि वह तेरी सगी है ना और मैं पराई हु ना।
दी कि बातो को सुनकर मेरा दिल तड़प उठा और मेरी आँखों मे आंसू आ गये । मैं तुरन्त उनके सामने घुटनो के बल बैठ कर बोला
मैं : दी यह आप कैसी बात कर रही है यह बात आप भी जानती है कि मैं आप तीनो में कभी भी कोई भेद भाव नही किया और ना ही आप लोगो ने। आज आप ने यह बोल कर मुझे पराया ही कर दिया है ।अब मैं किसके पास जाऊ एक आप ही थी सोचा था कि आप के सहारे रहूंगा लेकिन आप ने भी मुझे अपना नही माना।
इतना बोल कर मैं उनके गोद मे सर रख कर रोने लगा तो वह मेरे सर पर हाथ फेरती हुई बोली
राधिका दी : मैं जानती हूं मेरा भाई मुझे बहुत चाहता है और मेरे लिए कुछ भी कर सकता है । पर तु यह क्यों नही सोचता है कि अगर तू इस तरह कमरे में रहेगा किसी से बात नही करेगा और अपने दुखों को अंदर ही अंदर सहता रहेगा तो इससे तेरी तकलीफ और भी बढ़ेगी और तुझे तकलीफ में देख कर मुझे भी तकलीफ होगी क्या तू यही चाहता है।
मैं : नही दी मैं ऐसा नही चाहता हु बल्कि मैं तो यही चाहता हु कि आप हमेशा खुश रहो और इसलिए ही मैं आपको वह नही बताना चाहता हु ।
राधिका दी : अब तू सीधी तरह से बताता है या मैं जाऊ यंहा से । अगर तुझे बात नही बतानी है तो मैं ही चली जाती हु फालतू में मैं क्यों अपना दिमाग खराब करू।
इतना बोल कर दी नाराज हो कर वंहा से जाने लगी और जाते वक्त उनकी आंखों में आंसू थे जो मेरे दिल पर तेजाब की तरह गिरा तो मैं उन्हें रोकते हुए बोला
मैं : अगर आप जानना ही चाहती है तो रुकिए मैं आपको सब कुछ बताऊंगा लेकिन आपको मेरी कसम है आप किसी से कुछ नही पूछेंगी।
इसके बाद मैंने राधिका दी को सब कुछ बता दिया जो मैंने आज सुबह खेतो में देखा था ।मेरी बात सुनकर दी वही मेरे बेड पर बैठ गयी और अपनी गर्दन नीचे झुका लिया तो मुझे लगा कि कही वह रो तो नही रही है इसलिए मैं बोला
मैं : दी मैं जानता था कि आपको यह बात जानकर बहुत दुख होगा इसलिए मैंने आपको पहले ही मना किया था लेकिन आप तो मेरी बात मानने को तैयार ही नही थी।
मेरी बात को सुनकर दी कुछ नही बोली बस अपनी गर्दन नीचे झुकाये देखती रही मेरे बार बार बोलने पर वह मेरी तरफ देखी और इसके बाद वह जो कुछ बोली वह मेरे लिए भी किसी झटके से कम नही था ।
राधिका दी : तो आखिर कर वही हुआ जिसका मुझे डर था ।उन लोगो ने तुझे भी उस गंदी दलदल में खीचना चाहा ।
मैं उनकी बात सुनकर चकित रह गया और बोला
मैं : दी आप कहना क्या चाहती है मैं कुछ समझा नही।
राधिका दी : इसमे ना समझने वाली बात कंहा से आ गयी बाबू जो तुम आज जाने हो वह बात मैं बहुत पहले से ही जानती हूं लेकिन मैं सब कुछ जानकर भी अनजान बनी रही लेकिन बस अब और नही । अब इसको बन्द करना ही पड़ेगा उन लोगो को मैं अब और ज्यादा बर्दाश्त नही कर सकती हूं इन लोगो को।
मुझे उनकी बात सुनकर झटका लगा और मैं यह सोचने पर मजबूर हो गया कि कहि यह भी तो उन खेलो में शामिल तो नही है ना ।उधर राधिका दी मुझे इस तरह सोच में डूबा देख कर बोली
राधिका : मैं जानती हूं तू क्या सोच रहा है। घबरा मत मैं अभी उस गन्दगी से दूर हु पर अब उन लोगो ने अपनी सीमा पार कर दी है ।अब और नही उन लोगो ने तुझे उसमे घसीटने की कोशिश करके बहुत बड़ी गलती कर दी है।
वही दूसरी तरफ बाहर चाची और माँ आपस में बात कर रही थी
चाची : दीदी आप देख रही हो ना जबसे वह खेतो से लौट कर आया है तबसे वह हम सबसे कटा हुआ सा है कहि ऐसा ना हो कि हमारा बेटा ही हमसे दूर हो जाये ।
माँ : तू क्यों चिंता करती है जब तक मैं हु तू फिकर मत कर । अभी वह नाराज है लेकिन मैं जल्द ही उसे मना लुंगी।
चाची : दी कहि ऐसा तो नही है ना कि हम इस सरीर की आग बुझाने के चक्कर मे अपने ही हाथों अपना घर बर्बाद कर दे । आप तो जानती ही है कि एक बेटी तो इस चक्कर मे पहले से ही हमसे दूर हो गयी है और अगर बेटा भी दूर हो गया तो ।
माँ : शुभ शुभ बोल ऐसा कुछ नही होगा और वैसे भी वह कौन सा कम है ।गांव की आधी से ज्यादा औरतो और लड़कियो को तो चोद ही चुका है तो हममे क्या बुराई है।
चाची : बुराई तो नही है दीदी लेकिन हमारा रिश्ता ऐसा है कि कहीं वह नाराज ना हो जाए।।

वही दूसरी तरफ सूरजगढ़ में शाम को कल्लू पहलवान के अखाड़े में वह अपने बेटे शंकर के साथ दांव लड़ रहा था ।उसका बेटा उसे पांच मिनट में ही थका देता है तो कल्लू पहलवान बोलता है
कल्लू : वाह बेटा तू तो शहर से बहुत ही अच्छा सिख कर आया है । अब देखता हूं वह सब कैसे जीतते है । उस मुकाबले से पहले यह हार उनके मनोबल को तोड़ कर रख देगी और तुझे भी उन दोनों के ताकत का पता चल जाएगा।
शंकर : बापू एक बात मुझे समझ में नही आई कि मुकाबले से पहले आपने यह कुश्ती क्यों रखवा दी। इससे कही हमको ही नुकसान ना हो जाये।
कल्लू ,: अरे बेटा तू नही जानता वह भीमा अपने आप को दादा समझता है हर बार वह मुकाबला उसी के अखाड़े के लड़के जीतते आ रहे है इसलिये मुकाबले से पहले ही उसके साथ कुश्ती का मुकाबला रखावा कर मैं उनकी मजबूती और कमजोरी जानना चाहता हु ताकि हम तैयारी कर सके।
शंकर : पर बापू इस बात की क्या गैरन्टी है कि वही लड़के आएंगे जो उस मुकाबले में लड़ेंगे।
अपने बेटे की बात सुनकर कल्लू हस्ता हुआ बोला
कल्लू : बेटा तू तो जानता ही है कि दोनों गांव की दुश्मनी चली आ रही है और दोनों गांव का कोई साधारण सा मुकाबला भी कोई हारना नही चाहता है और भीमा तो कभी हारना सीखा ही नही इसलिए मैं इस बात की गैरंटी ले सकता हु।
 

Rahulawara

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भाई सरीफ वह केवल घर के लिए है अभी तक आगे देखते है क्या होता है
 
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Napster

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बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट है
अगले अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Naik

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भीमा काका की बात को सुनकर मैं बोला
मैं : काका जब आपने अखाड़े की चुनौती को स्वीकार कर ही लिया है तो अब पीछे हटने का तो सवाल ही नही उठता है । अब तो हम लड़ेंगे भी और जीत कर भी आएंगे ।
हमारी बात सुनकर गांव का ही एक लड़का जो उम्र में मुझसे बड़े थे वह बोले
लड़का : भीमा काका आपकी बात तो ठीक है लेकिन आप तो जानते ही है कि सूरजगढ़ वाले कभी भी ईमानदारी से खेल नही खेलते है और इस बार तो मैंने सुना है कि उनके गांव का एक लड़का काफी समय बाद सहर से आया है और उसे कोई भी हरा नही पाया है । कुछ लोगो को तो वह हॉस्पिटल तक पहुचा चुका है क्या ऐसे में हम लोगो का लड़ना ठीक होगा।
भीमा प : अरे बेटा मोहित क्यों इतना चिंता करता है हम लोग अपनी पूरी तैयारी से लड़ेंगे और वैसे भी अगल बगल के कई गांव में तुम दोनों के जैसा पहलवान और कोई तो है नही जो तुम दोनों को टक्कर दे सके तो इसमें डरने की कोई बात नही है और वैसे भी इसको तुम लोग एक प्रेक्टिश मैच की तरह ही देखो जो अगले महीने होने वाले दंगल से पूर्व अभ्यास मैच की तरह होगा इसलिए पूरा जी जान लगा कर तैयारी करो बाकि सब मुझपर छोड़ दो और हाँ आज से तुम दोनों को अपनी अभ्यास के समय को बढ़ाना होगा क्यूंकि अगले महीने होने वाले दंगल में जितने वाले को सरकार की तरफ से काफी बड़ा इनाम मिलने वाला है और सुनने में आया है कि जितने वाले को सरकारी जॉब भी मिलेगी ।इससे अच्छा मौका नही मिलेगा अपनी जिंदगी सवारने का ।
मैं उनकी बात सुनकर बोला
मैं : काका आपकी बात तो ठीक है लेकिन यह तो आप भी अच्छी तरह से जानते है कि घर पर भी काम देखना होता है तो ज्यादा समय देना मुश्किल हो जाएगा ।
भीमा प : बेटा तू चिंता मत कर मैंने तेरे पापा से बात कर ली है और उन्होंने इसकी इजाजत भी दे दी है और अगर कोई परेशानी होती भी है तो तेरे चाचा तो है ही संभालने के लिए इसलिए तू निश्चिन्त हो कर पहलवानी कर । अब जा अंदर थोड़ी कसरत कर ले और हा कल सुबह जल्दी आना समझा।
इसके बाद मैं और मोहित भैया दोनो लोग अखाड़े में एक दूसरे पर दांव आजमाने लगे तो बाकि सब हम लोगो को देखने लगे ।करीब दो घण्टे तक युही पसीना बहाने के बाद जब हम लोग थक कर चूर हो गए तो वही बैठ गए इसके बाद भीमा काका के बोलने पर गांव के ही कुछ लड़को ने हम दोनों की मालिश की जिसकी वजह से हमारी थकान दूर हो गयी । आज काफी देर हो गई थी जिसकी वजह से चाचा भी अखाड़े पर आ गए ।उनको देख कर सभी लड़को ने उनसे आशीर्वाद लिए क्यूंकि वह भी कभी कभी समय निकाल कर पहलवानी के कुछ दांव पेंच सिखाते ही रहते थे ।अगर आज सुबह जो देखा उसे छोड़ दिया जाए तो यह कहने में कही भी गलत नही होगा कि यह बहुत अच्छे ही इन्शान है और मुझसे बहुत ही प्यार करते है । उनको देख कर भीमा काका बोले
भीमा प : वाह आज तो अखाड़े की किस्मत खुल गयी जो हमारे साहब यंहा पर आए है बोलिये साहब आज यंहा पर कैसे आना हुआ कोई आदेश था तो मुझे बुला लिया होता गुलाम हाजिर हो जाता आपकी सेवा में ।
भीमा काका की बात सुनकर चाचा हस्ते हुए बोले
चाचा : तू कभी नही सुधरेगा तेरी यह मजाक करने की आदत पता नही कब जाएगी । अच्छा यह सब छोड़ यह बता आज कल क्या चल रहा है और आज मेरा बेटा इतना लेट तक यही पर है क्या बात है ।
भीमा प : अरे कुछ नही यार परसो सूरजगढ़ में कुश्ती का मैच है ना तो बस उसकी ही तैयारी में लगे हुए है और कुछ खास नही है । अब तू तो जानता ही है कि सूरजगढ़ वाले कैसे है इसलिए थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ना ।
चाचा : अच्छा ऐसी बात है तो अगर मेरी कुछ मदद चाहिए होगी तो बिना किसी संकोच के बोलना मैं उसके लिए पूरी तरह तैयार हूं और हां बात अगर सूरजगढ़ की है तो तूने मुखिया जी को इसकी खबर दी या नही क्यूंकि अगर वह सब कुछ समस्या करेंगे तो एक वही है जो सब कुछ संभाल सकते है ।।
भीमा प : अरे नही अभी तो नही बोला है लेकिन कल जाऊंगा उनके पास इसके लिए मैं आज तेरे पास आने वाला था क्यूंकि अगर तू साथ मे रहेगा तो और अच्छी बात होगी ।
चाचा : हा तू चिंता मत कर मैं हु ना कल सुबह ही चलते है और मुखिया जी से भी मिल लेंगे (फिर मेरी तरफ देखते हुए ) बेटा अगर तेरा हो गया हो तो चल घर सब लोग तेरा ही इन्तजार कर रहे है ।
उनकी बात सुनकर मैं भीमा काका की तरफ देखा तो वह बोले
भीमा प : राज बेटा अब तुम घर जाओ और हां कल सुबह जल्दी आना तुझे कुछ नया दांव सिखाऊंगा जो कि तेरे बहुत काम आएगी और बाकि तुम सब लोग भी जाओ (मोहित की तरफ देखते हुए) तुम भी जल्दी आना मोहित बेटा समझे।
फिर हम सब लोग घर की तरफ चल दिये । चाचा और भीमा काका भी एक साथ चल दिए । जब हम भीमा काका के घर के पास पहुचे तो भीमा काका बोले
भीमा : मोहन चल बैठ कुछ नास्ता कर ले फिर घर जाना और राज बेटा तू भी आजा।
इसपर चाचा बोले
चाचा : नही भाई आज नही फिर कभी क्यूंकि आज लेट हो गया है और घर पर सभी लोग इन्तजार कर रहे होंगे ।मैं तो सिर्फ इसको बुलाने के लिए आया था और जानता है जब मैं आने लगा तो तेरी भाभी बोली कि इनको मत भेजो वरना यह भी उधर ही रह जायेंगे और अब तो वैसे ही काफी लेट हो चुका अगर और लेट किया तो घर पर अच्छी खासी क्लास लग जाएगी। अब मैं चलता हूं कल सुबह मिलते ही फिर मुखिया के यंहा चलेंगे।
वैसे तू मिलेगा कंहा अखाड़े पर या घर।
भीमा प : नही कल घर पर तो मिलूंगा नही क्यूंकि मुझे परसो की तैयारी जो करवानी है इसलिए तू अखाड़े ही आ जाना वही से मुखिया के घर चलेंगे।
इसके बाद हम दोनों लोग घर चल दिये रास्ते मे चाचा मुझसे मेरी तैयारियों के विषय मे ही बात कर रहे थे तो मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया ।सुबह जो दिमाग मे गुस्सा था वह ऐसा नही था कि अब उतर गया था बल्कि मैंने इस बारे में काफी सोचा और फिर इस बात की पूरी सच्चाई पता लगने के बाद ही कुछ कहूंगा। जब मैं घर पहुचा तो देखा कि पापा माँ और पायल दी बैठ कर बाते कर रहे थे और भाभी और कोमल दी खाना बनाने में लगी हुई थी । वही राधिका दी और चाची बैठी हुई कुछ बाते कर रही थी तो मैं सभी लोगो को अनदेखा करते हुए अपने कमरे में चला गया । इसके बाद नहा कर अपने कमरे में अभी बैठा ही था कि राधिका दी कमरे में दूध ले कर आ गयी और बोली
राधिका दी : क्या बात है छोटे आज देख रही हु सुबह से ही तू सबसे कटा हुआ सा है और कुछ परेशान से दिख रहा है कोई बात है क्या।
मैं : नही दी कोई बात नही है ।बस थोड़ा थक गया था इसलिए आराम करने के लिए आ गया और कोई बात नही है ।
राधिका दी : देख तुझे सच नही बोलना है मत बोल कम से कम झूठ तो मत बोल तू जानता है कि तेरा झूठ मेरे सामने नही चलता है।
Bahot zaberdast shaandaar mazedaar lajawab update dost
 
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