रेखा और शीतल
रेखा: तो तुझे तेरा प्यार मिल ही गया। है ना?
शीतल: हाँ रे। आखिर कार बापू को मैं ने मना ही लिया। अब देख सुनीता, बबली भी शादी कर चुकी है।
रेखा: अरे यह तो मैं ने नहीं सुना। सुनीता का सुना था। लेकिन बबली?
शीतल: हाँ रे रेखा। अब तो गावँ में शायद ही कोई कुँवारी लड्की होगी जो अपने भाई या बाप से शादी ना की हो।
रेखा: पता नहीं मेरा बाप मुझे कब अपनी दुलहन बनाएगा! मैं तो कब से उसकी राह में लगी हूँ।
शीतल: अरे चिंता मत कर। अब देख जब तेरे बापू मेरी शादी में आयेंगे तो उनका भी मन बन जायेगा के तुझे अपनी दुल्हन बना ले।
रेखा: हाँ यह तो हो सकता है। पर मुझे अपने लिए ज्यादा फिक्र नहीं है। मुझे यकीन है आज नहीं तो कल मैं पापा की दुल्हन जरुर बनूँगी। चिंता मुझे अपने भाई रघु को लेकर है। तुझे तो पता है वह माँ से कितना प्यार करता है। गावँ में काफी लड़कियाँ उस पे लाईन भी मारती है। लेकिन उसका दिल तो माँ के उपर आया हुया है। मुझे अपने भाई और माँ को मिलाना है। मैं चाह्ती हूँ जिस तरह मैं बापू की दुल्हन बनूँगी उसी तरह माँ को भी भाई की दुल्हन बनाऊंगी।
शीतल: तो क्या मौसी राजी नहीं है क्या?
रेखा: पता नहीं। कुछ मालुम नहीं पड्ता। वैसे राजी आज नहीं कल हो ही जायेगी। लेकिन मैं चाह्ती हूँ यह काम जल्द से जल्द हो।
शीतल: फिर तू अपनी माँ या बापू से बात क्यों नहीं करती?
रेखा: हाँ यार। अब लगता है करना ही पड़ेगा। नहीं मेरे भाई को बहुत तकलीफ होग।
शीतल: वैसे मेरी माँ और भाई में लगभग सब फायनल हो चुका है। मेरी शादी के बाद वह दौनों यहीं रहने वाले हैं। और जब एक ही घर में एक ही छत के नीचे रहने लगेंगे तो क्या उन के बीच कुछ करने को बाकी रहेगा क्या? मेरे भाई रामू का बस चले तो वह मुझे ही चोद के माँ बना दे।
रेखा: क्यों रे इतना चुदककर है तेरा भाई?
शीतल: और नहीं तो क्या! पता है खेतों में कुछ औरतों को काम पे लगाया था बापू ने। काम चाहे पुरा हो या ना हो रामू की चुदाई किसी भी दिन मिस नहीं हुई। मुझे तो कईबार उसने पकड़ लिया था। लगभग चोद ही डालता मुझे। अगर मैं मना ना करती तो। वैसे तेरा भाई बहुत अच्चा है। उसने कभी भी मुझपर जबरदस्ती नहीं की। मैं जब भी खेतों में जाती हूँ मेरे बड़े प्यार से पूछता है शीतल अगर काम ना होतो क्या मेरे झोपड़ी में थोड़ी देर के लिए आयेगी?
मैं ने कभी भी उसको निराश नहीं किया। करना ही क्या होता है बेचारे को। बस लण्ड चुस्के पानी गिरा दो।
रेखा: हाँ वह तो मुझे भी पता भी है।
बाहर से कोमल चाची ने आवाज दी। अरी शीतल चल बेटी! घर का बहुत सारा काम पड़ा है। कल तो रेखा आ ही जायेगी। तब जी भर कर बात कर लेना।