- 65
- 807
- 84
अपडेट नंबर 26 आ गया है आप सभी रीडर उसको पढ़ें और अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद
Last edited:
Bahut badhiya updateभाग 3
आरति सुबह उठकर अपने घर का काम करने लगी और राजनाथ भी सुबह उठकर कहीं घूमने के लिए चला गया फिर दोपहर को घर आया तो आरती ने पूछा बाबूजी आप आ गए खाना लगा दूं आपके लिए।
तो राजनाथ ने कहा हां बेटा खाना लगाओ तब तक मैं पैर हांथ धो कर आता हूं।
आरती ठीक है बाबूजी आप पैर हांथ धोकर आईए मैं खाना लगती हूं।
उसके बाद राजनाथ पैर हांथ धो कर आया और नीचे चटाई बिछाया हुआ था उसी पर बैठ गया फिर आरती ने थाली में खाना ला कर दिया और वह खाने लगा।
और आरती वही साइड में खड़ी होकर देख रही थी फिर राजनाथ ने खाना खाते-खाते उसने आरती से कहा बेटा आरती।
तो आरती ने कहा जी बाबूजी।
फिर राजनाथ ने कहा बेटा मैं एक डॉक्टर पता लगा कर आया हूँ जिस किसी को भी बच्चा नहीं होता उसका वह इलाज करता है इसलिए कल सुबह तुम जल्दी से तैयार हो जाना मैं तुमको लेकर जाऊंगा उसके पास।
फिर आरती ने पूछा बाबूजी कितना सुबह जाना है फिर हमको खाना भी तो बनाना पड़ेगा।
तो राजनाथ ने कहा हां तुम सुबह खाना-वाना बना लेना फिर उसके बाद नहा वहां के रेडी होना उसके बाद हम लोग 10:00 बजे के करीब यहां से निकलेंगे।
फिर आरती ने कहा ठीक है कल सुबह मैं जल्दी उठूंगी और घर का सभी काम खत्म करके खाना-वाना बनाकर फ्री हो जाऊंगी।
फिर राजनाथ ने पूछा दादी कहां है तो आरती ने कहा कि दादी खाना- खाकर अपने कमरे आराम कर रही है।
फिर राजनाथ ने आरती से पूछा कि तुमने खाना खाया तो आरती ने जवाब दिया कि नहीं आपको खाने के बाद खाऊंगी।
फिर राजनाथ ने कहा मेरा तो खाना हो गया अब तू जा जल्दी से खाना खा ले और तू मेरा इंतजार मत किया कर मेरा आने में कभी-कभी देर भी हो सकती है इसलिए तू अपने टाइम पर खाना खा लिया कर।
तो फिर आरती ने जवाब दिया कि मैं आपके खाए बगैर मै कैसे खा सकती हूँ।
तो फिर राजनाथ ने कहा क्यों क्यों नहीं खा सकती।
तो फिर आरती ने जवाब दिया कि आप भूखे रहेंगे और मैं खा लूंगी।
तो फिर राजा नाथ ने कहा कि यह तुम कौन से जमाने की बात कर रही है यह बहुत पहले हुआ करता था कि घर की औरतें भूखी रहती थी कि जब तक उसका मर्द नहीं खाएगा तब तक वह नहीं खायेगी और वैसे भी मैं तुम्हारा पति नहीं मैं तुम्हारा बाप हूँ तो तू मेरे लिए क्यों भूखी रहेगी।
तो फिर आरती में जवाब दिया क्या आप मेरे पति नहीं है तो क्या हुआ आप मेरे पिताजी तो हैं और वैसे भी एक लड़की की जिंदगी में उसका पति बाद में आता है पहले तो उसका पिता ही रहता है।
फिर राजनाथ ने मुस्कुराते का ठीक है ठीक है मैं तुमसे जीत नहीं सकता अब मेरा खाना हो गया और तू भी जाकर अब जल्दी से खा ले और मैं भी थोड़ा आराम कर लेता हूं।
फिर राजनाथ वहां से उठकर चला गया और फिर आरती ने भी खाना खाया और फिर इसी तरह पूरा दिन बीत गया।
फिर शाम को आरती ने खाना बनाया और सभी लोगों ने खाना खाया और खाना खाने के बाद राजनाथ अपने रूम में सोने चला गया फिर आरती ने भी अपना घर का काम थोड़ा बहुत था उसे खत्म कर के वह भी सोने गई तो उसने देखा की दादी सो चुकी है फिर वह भी सोने जा रही थी कि तभी उसको याद आया कि कल उसने अपने बापू का पैर दबाया था और वह सोचने लगी कीआज भी जाकर दबा दूँ क्या और मैं उनके पास जाऊंगी तो वह पूछेंगे की दादी ने भेजा है क्या तो मैं क्या जवाब दूंगी दादी तो चुकी है।
फिर कुछ देर सोचने के बाद अपने कमरे से निकल कर अपने बापू की कमरे की तरफ जाने लगी और दरवाजे के पास जाने के बाद उसने धीरे से आवाज लगाई बाबूजी बाबूजी सो गए क्या ।
अंदर राजनाथ भी यही सब सोच रहा था कि आज आरती पैर दबाने के लिए आएगी कि नहीं आएगी तभी उसके कान में आरती की आवाज पड़ी और उसने जवाब दिया की के आरती दरवाजा खुला है अंदर आजाओ फिर आरती अंदर आई तो फिर उसने पूछा कि क्या बात है कोई काम है क्या।
फिर आरती ने मजाकिया अंदाज में कहा क्यों कोई काम रहेगा तभी आ आऊंगी ऐसी नहीं आ सकती क्या।
तो फिर राजनाथ ने कहा की अरे नहीं बेटा मैंने ऐसा कब कहा कि तू ऐसे नहीं आ सकती मैंने तो इसलिए पूछा कि अभी सोने का टाइम हो चुका और तू यहां आई है तो कोई तो काम होगा।
तो फिर आरती ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि मेरा कुछ काम नहीं है आप थक गए होंगे इसलिए आपका पैर दबाने के लिए आई हूँ।
तो फिर राजनाथ ने भी मुस्कुराते हुए कहा अच्छा अच्छा तो आज दादी ने फिर तुमको यहाँ भेज दिया।
तो आरती ने जवाब दिया की मुझे दादी ने नहीं भेजा है मैं अपने से आई हूँ दादी सो चुकी हैं।
तो फिर राजनाथ ने कहा कि क्या दादी सो गई है तो फिर तुम यहां क्यों आई हो तुम भी सो जाति आराम से।
तो फिर आरती ने कहा हां मैं भी सोने जा रही थी फिर मुझे याद आया कि आप थक गए होंगे तो थोड़ा आपका पैर हांथ दबा दूंगी तो आपको आराम मिलेगा।
फिर राजनाथ ने कहा तू मेरा इस तरह से रोज-रोज पैर हाथ दबाओगी और फिर मुझे आदत लग जाएगा और तू यहां से चली जाएगी तो फिर मैं क्या करूंगा।
फिर आरती ने कहा कि आप फिकर मत कीजिए मैं यहां से कहीं नहीं जा रही हूं।
आगे की कहानी अगले भाग में।