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Incest अपनी शादीशुदा बेटी को मां बनाया

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अपडेट नंबर 24 आ गया है आप सभी पाठक उसे पढ़कर आनंद ले सकते हैं page number 76 मे धन्यवाद।

हम आप सब से एक आग्रह करना चाहते हैं आप सब कहानी पढ़ते हैं लेकिन कहानी कैसी लगी वह नहीं बताते हैं इसलिए हम आप सब से आग्रह करते हैं कि जो भी पाठक कहानी को पढ़ते हैं वह अपना विचार दो शब्द बोलकर जरूर रखें और जो पाठक ने अपनी आईडी नहीं बनाई है वह अपना आईडी बनाएं और अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद।
 
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Raj0410

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
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कम से कम दो बच्चों की माँ बनाना
 
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rajeshsurya

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Mast update tha. Maza aagaya Baap beti ki vaarthalaap mein. Aise hi ek dusre ko apni apni body ki tasveer kheenchke indirectly dikhayenge tho aur maza aayega. Dheere dheere mein hi zyada maza aayega.
 
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भाग १६

आरती राजनाथ से कहती है वह सब छोड़ी और यह बताइए की फिटिंग कैसी है।

तो राजनाथ कहता है की फिटिंग के बारे में तो मैं तुमको पहले ही बता दिया कि कैसी है।

आरती पहले जो आपने बताया वो तो किसी दूसरे के फिटिंग के बारे में बताएं उस टाइम आपको थोड़ी पता था कि यह तस्वीर मेरी है अब आपको मालूम हुआ कि यह तस्वीर मेरी है इसलिए अब आप फिर से बताइए की फिटिंग कैसी है।

राजनाथ अच्छा ऐसी बात है तो सुनो फिटिंग बहुत बढ़िया और लाजवाब है लेकिन उसका साइज थोड़ा छोटा है और बड़ा होना चाहिए।

आरती अभी तो आप कर रहे थे की फिटिंग लाजवाब है और फिर कह रहे हैं कि साइज छोटा है ए क्या बात हुई।

तो फिर राजनाथ मुस्कुराते हुए कहता है अरे मैं उसकी साइज की बात नहीं कर रहा हूं मैं दूसरे वाले की साइज की बात कर रहा हूं।

आरती आप कौन से दूसरे वाले की साइज की बात कर रहे हैं मैं कुछ समझी नहीं यहां तो सिर्फ ब्रा की साइज की बात हो रही।

राजनाथ मैं ब्रा की बात नहीं कर रहा मैं बात कर रहा हूं ब्रा के अंदर में जो रहता है मैं उसकी बात कर रहा हूं।

अब आरती समझ जाती है कि बाबूजी किसकी साइज की बात कर रहे हैं बाबूजी मेरे दूध की साइज की बात कर रहे हैं कर रहे हैं कि मेरे दूध का साइज छोटा है यह बात समझते ही आरती शर्मा जाती है और फिर अनजान बनते हुए कहती है ब्रा के अंदर में तो कुछ भी नहीं रहता मैंने तो उसमें और कुछ नहीं देखा था।

फिर राजनाथ अपना मोबाइल चालू करके उसमें ब्रा वाली तस्वीर निकाल के उसको देता है कहता है देख कर बताओ कि इसके अंदर में क्या है।

फिर आरती उस तस्वीर को देखती हैं और कुछ देर के बाद फिर से अनजान बनते हुए कहती है कहां है इसमें तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है ऊपर से कैसे दिखेगा उसको खोल कर देखना पड़ेगा ना के अंदर में क्या है।

तो फिर राजनाथ हल्का गुस्सा होते हुए कहता है अरे बेवकूफ लड़की तुमको इतना भी समझ में नहीं आ रहा है अब मैं तुमको कैसे समझाऊं तू रहने दे तुमको समझ में नहीं आएगा।

आरती- कैसे समझ में नहीं आएगा आप अच्छे से समझाइए तो सही थोड़ा खुलकर बताएंगे तभी तो समझ में आएगा।

राजनाथ-- समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है मैं इससे ज्यादा खुलकर नहीं बता सकता अगर तुमको अभी समझ में नहीं आ रहा है तो मैं तुम्हें बाद में समझा दूंगा।


अब राजनाथ के दिमाग के दिमाग में भी अपनी जवान बेटी की जवानी देखकर असर करने लगा था अब उसका अरमान भी धीरे-धीरे जाग रहा था अपनी बेटी की जवानी का मजा लेने के लिए लेकिन उन दोनों के बीच आड़े आ रहा था उनका बाप बेटी का रिश्ता और यही सब सोंच कर राजनाथ हर बार अपने आप को आगे बढ़ने से रोक लेता था लेकिन आज ना चाहते हुए भी आगे बढ़ने की कोशिश करने लगता है और मन ही मन सोचता है कि अगर इसने मुझे ब्रा की फिटिंग दिखाई है तो क्या पैंटी की भी फिटिंग दिखा सकती है कोशिश करके देखता हूं अगर दिखा देगी तो तो फिर तो मजा ही आ जाएगा।

फिर वह आरती से कहता है कि तुमने इसकी फिटिंग तो दिखा दी लेकिन दूसरे वाले की फिटिंग तो नहीं दिखाई।

तो फिर आरती पूछती है कौन से दूसरे वाले की फिटिंग नहीं दिखाई ए
आप क्या बोल रहे हैं मैं कुछ समझी नहीं।

तो फिर राजनाथ कहता है की अरे मैं उसी के बारे में बोल रहा हूं जो मैंने तुमको इससे पहले ला कर दिया था।

तो आरती समझ जाती है कि बाबूजी पैंटी की बात कर रहे हैं और वह सोचती है कि इनको पैंटी की फिटिंग देखनी है लेकिन ए उसका नाम नहीं बोल पा रहे हैं मैं भी देखती हूं कब तक उसका नाम नहीं लेते।

फिर वह बोलती है बाबूजी आप किसके बारे में बात कर रहे हैं मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूँ और इससे पहले आपने मुझे क्या ला कर दिया था वो भी मुझे याद नहीं आ रहा अगर आपको याद है तो उसका नाम बता दीजिए ।
फिर राजनाथ ना चाह कर भी बोल ही देता है और कहता है क्या बेटा तू भी कमाल करती है 2 दिन पहले ला कर दिया और आज भूल गई मैं पैंटी के बारे में बोल रहा हूंँ।

तो आरती मुस्कुराते हुए कहती है अच्छा तो आप पैंटी की भी फीटिंग देखना चाहते हैं।

तो राजनाथ बात को बदलते हुए कहता हैं अरे मैंने कब कहा कि मैं उसकी फिटिंग देखना चाहता हूँ वह तो मैं ऐसे ही बोल रहा था कि कि तुमने उसकी फिटिंग नहीं दिखाई तो आज तुमने ब्रा की फिटिंग क्यों दिखाई।


तो आरती कहती की अच्छा तो आप यह कहना चाह रहे हैं कि मैंने ब्रा की फिटिंग दिखाइए इसलिए आप पैंटी की भी फीटिंग देखना चाहते हैं।

राजनाथ-- अरे यार तुम मेरी बात का उल्टा ही मतलब निकालती हो वह तो मैंने ऐसे ही पूछ लिया था और तुम मेरे ही ऊपर डाल रही कि मैं देखना चाह रहा हूं मुझे नहीं देखनी है किसी की भी फिटिंग।

तो आरती को लगता है कि बाबूजी धीरे-धीरे गुस्सा हो रहे हैं तो फिर वह बोलती है अच्छा तो आपको पैंटी की फिटिंग नहीं देखनी है।

तो राजनाथ कहता है कि नहीं मुझे नहीं देखनी है किसी की फिटिंग वीटिंग।

तो आरती मुस्कुराते हुए कहती है की आप गुस्सा क्यों हो रहे हैं।

तो राजनाथ कहता है गुस्सा नहीं होउंगा तो और क्या करूंगा तुम मेरे ऊपर इल्जाम लगा रही कि मैं तुमको ब्रा और पैंटी में देखना चाहता हूं।

आरती- अच्छा सॉरी बाबा मुझसे गलती होगी हमको ऐसा नहीं बोलना चाहिए मुझे माफ कर दीजिए आगे से ऐसा नहीं कहूंगी।

राजनाथ मुस्कुराते वह कहता है अच्छा-अच्छा ठीक है माफ किया अब यह सब नाटक बंद कर फिर दोनों एक दूसरे को देखते और हंसने लगते हैं।

फिर कुछ देर के बाद आरती मालिश करते-करते बोलती है अच्छा बाबूजी अगर मैं अपनी मर्जी से दिखाऊंगी तो क्या आप देखेंगे।

तो राजनाथ उसकी बात सुनकर एकक्षण के लिए चौक जाता है और पूछता है कि क्या चीज दिखाओगी।

तो आरती कहती है वही जिसकी फिटिंग आप कुछ देर पहले देखना चाह रहे थे।

तो फिर राजनाथ करता है कि हां अगर तुम अपनी मर्जी से दिखाओगी तो देख लूंगा।

तो आरती कहती है की ठीक है जब मेरी मर्जी होगी तो दिखाऊंगी नहीं होगी तो नहीं दिखाऊंगी इतना बोलकर फिर वह सोने के लिए चली जाती है।

आरती के जाने के बाद राजनाथ सोचने लगता है कि क्या आरती मुझे पैंटी वाली तस्वीर दिखाइएगी कि नहीं यह सब सोचते सोचते उसे नींद आ जाती है।

फिर दूसरे दिन सुबह आरती उठकर अपने काम में लग जाती है और राजनाथ भी उठकर कहीं बाहर घूमने के लिए चला जाता फिर वह 9:00 के करीब बाहर से आता है नाश्ता पानी करने के लिए नाश्ता करने के बाद वह फिर किसी काम से कहीं बाहर जाने लगता है तो आरती कहती है बाबूजी बाहर जा रहे हैं तो मोबाइल हमको देखकर जाईएगा कुछ काम है फिर राजनाथ उसको मोबाइल देकर के कहीं चला जाता है राजनाथ के जाते ही आरती गेट बंद करके नहाने के लिए चली जाती है फिर नहा के आने के बाद नाश्ता करती है नाश्ता करने के बाद फिर वह थोड़ा बहुत मेकअप करती है मेकअप करने के बाद अपना साड़ी ब्लाउज खोल के रख देती है और वह ब्रा और पैंटी पहन लेती है और पहनने के बाद मोबाइल से अपनी तस्वीर निकालने लगती है फिर अलग-अलग एंगल से कई तरह की तस्वीर निकालती है और निकालने के बाद सभी तस्वीर को मोबाइल में सेव करके रख देती है।

फिर दोपहर को राजनाथ घर आता है खाना खाने के लिए तो आरती मोबाइल उसको दे देती है खाना खाने के बाद मोबाइल लेकर राजनाथ अपने कमरे में चला जाता है। कमरे में जाने के बाद अपना मोबाइल चालू करके देखने लगता है और नंबर चेक करने लगता है कि किसके साथ बात करने के लिए मोबाइल रखी थी फिर वह देखता है कि उसने कहीं क किसी से बात नहीं की है तो फिर उसने मोबाइल क्यों रखी थी फिर उसके दिमाग में आता है कि कहीं आज भी कोई तस्वीर खींचने के लिए तो नहीं रखी थी फिर वह तस्वीर वाली फाइल खोलकर देखना लगता है तो देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं क्योंकि जैसे ही वह फाइल खोलता है उसके सामने उसकी जवान बेटी ब्रा और पैंटी में खड़ी थी ऊपर से नीचे तक सिर्फ दो ही कपड़े थे उसके बदन पर वह भी सिर्फ नाम के फिर वह सभी तस्वीर को बार-बार इधर-उधर करके देखने लगता है फिर उसकी नजर एक जगह पर जाकर टिकी जाती है और वह जगह थी उसकी दोनों जांघों के बीच और ठीक उसकी कमर के नीचे वाली जगह जो सफेद पैंटी के अंदर में छिपा हुआ था जिसको देखकर यह लग रह था कि किसी ने उसके अंदर पांव रोटी छुपा के रख दी है जिसका मुंह ठीक उसके बीचो-बीच नजर आ रहा है बिल्कुल उसी तरह से आरती की फूली हुई चूत (बूर) नजर आ रही थी जब कोई लड़की पूरी तरह से जवान हो जाती है तब उसकी बदन का हर एक अंग खील के पूरी तरह से दिखने लगता है आज आरती के बदन का हर एक अंग उसी तरह से खील कर नजर आ रहा था उसकी बुर की आकर तो पैंटी के ऊपर से साफ-साफ दिख रहा था क्योंकि सफेद कलर की पैंटी थी इस वजह से पूरा क्लियर दिख रहा था उसकी बुर की दोनों होंठ बीच में हल्का सा गड्ढा जिसको देखकर राजनाथ की हालत और खराब हो रहा था और उसका लंड तो पजामे के अंदर में तूफान मचा के रखा था फिर उसने अपने पजामे का नारा खोल दिया और उसको बाहर निकाल दिया और बाहर आते ही वह पूरी तरह से अपने आकार में आ चुका था


और उसको देखकर ऐसा लग रह रहा था अगर इस वक्त उसको चींटी के बिल में भी घुसने के लिए कह दिया जाए तो वह उसमे भी तोड़ फाड़ के घुस जाएगा फिर राजनाथ उसको अपनी मुट्ठी में कस के पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और राजनाथ को लगने लगा कि आज वह अपने आप को नहीं रोक पाएगा आज वह अपनी बेटी के नाम का मुठ मार के अपना बेस कीमती माल बाहर गिरा देगा लेकिन फिर उसने अपनी बेटी की तस्वीर देखी और उसकी चूत को देखा और फिर फिर उसने अपने आप से कहा कि नहीं मैं अपने इस अनमोल और कीमती चीज को ऐसे ही बाहर गिरा के बर्बाद नहीं होने दूंगा अगर मैं इसे गिराऊंगा तो अपनी बेटी की चूत में ही गिराऊंगा वरना नहीं गिराऊंगा फिर वह किसी तरह से अपने लंड को शांत कर देता है।

फिर कुछ देर आराम करने के बाद वह कहीं बाहर जाने के लिए निकलता है जैसे ही आंगन में जाता है तो आरती उधर बाथरूम की तरफ से आ रही थी तभी दोनों की नजरे एक दूसरे से मिलती है तो आरती शर्मा जाती है और राजनाथ उसको देखकर मुस्कुराने लगता है और आरती से कहता मैं कहीं बाहर जा रहा हूं शाम को वापस लौटूंगा।

राजनाथ के जाने के बाद आरती सोचने लगती है की बाबूजी ने वह तस्वीर देखी कि नहीं।



(अगला अपडेट पेज नंबर 31 में मिलेगा)

 
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