भाग १९
आरती- कोई जुताई करने वाला है ही नहीं तो साफ किसके लिए करूंगी।
राजनाथ- क्यों दामाद जी जुताई नहीं करते क्या।
आरती- आपके दामाद की जुताई करते तो अब तक उसमें फसल उग गया होता और आप नाना भी बन गए होते और फसल उगाने के लिए खेत की जुताई अच्छे से होनी चाहिए और बीज भी तो अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए तभी तो फसल उगेगा। और जुताई करने के लिए हल भी तो तगड़ा होना चाहिए
राजनाथ- जब मेरी शादी हुई थी तुम्हारी मां के साथ और वह पहली बार मेरे घर आई थी तो मैंने उसकी खेत की ऐसे जुताई की थी कि पहले ही महीने में प्रेग्नेंट हो गई थी और 9 महीने के बाद उसके खेत से फसल भी निकल आया था और वह खूबसूरत फसल थी तुम जो आज खुद अपने खेत से फसल उगाने के लायक हो गई है।
यह बात सुनते हैं आरती शर्मा जाती है अपनी नज़रें नीचे करके बोलती है हर किसी के पास आपके जैसा थोड़ी है।
राजनाथ - को उसकी बात समझ में नहीं आता है तो वह पूछता है मेरे जैसा मतलब।
आरती- फिर से कहती है मतलब आपके जैसा लंबा तगड़ा हल सब के पास थोड़ी है जो पहले ही जुताई में फसल उग जाएगा।
राजनाथ - चौंकते हुए तुम्हें कैसे पता मेरे हाल के बारे में।
आरती - ने तो राजनाथ की हल को देख चुकी थी बाथरूम में पेशाब करते हुए तो वह बात को संभालते हुए कहती है नहीं मैं तो अंदाज से कह रही हूं अभी आपने कहा ना की मम्मी शादी करके आई थी तो पहले ही महीने में प्रेग्नेंट कर दिया था जब लंबा तगड़ा होगा तभी तो पहले ही जुताई में माँ को प्रेग्नेंट कर दिया था।
राजनाथ - यह तो मुझे नहीं पता कि लंबा तगड़ा है कि नहीं लेकिन जो सच था वह मैंने तुमको बताया।
आरती - क्यों आपको अपने हल के बारे में नहीं पता कि वह कैसा है।
राजनाथ - वो तो पता है लेकिन मैं यह थोड़ी कह सकता हूँ कि मेरा सबसे लंबा तगड़ा है हो सकता है किसी के पास मेरे से भी लंबा तगड़ा होगा।
आरती- मुस्कुराते हुए मतलब आप मानते हैं की आपका नंबर तगड़ा है।
राजनाथ - फिर वही बात मैंने कब कहा कि मेरा लंबा तगड़ा हाँ इतना कह सकता हूं कि काम चलाने के लायक है।
आरती - मुस्कुराते हुए फिर से कहती अच्छा आप मुझे बताइए मैं डिसाइड करूंगी की लंबा तगड़ा है कि काम चलाने लायक है।
राजनाथ - चौंकते हुए यह तुम कैसी बात कर रही हो मैं तुम्हें नहीं बता सकता।
आरती - अरे मैं दिखाने के लिए थोड़ी कह रही हूँ मैं तो साइज पूछ रही हूँ साइज़ तो आप बता सकते हैं ना।
राजनाथ- नहीं मैं वह भी नहीं बता सकता।
आरती - लेकिन क्यों क्यों नहीं बता सकते।
राजनाथ- क्योंकि तुम मेरी बेटी हो इसलिए मैं तुम्हें नहीं बता सकता।
आरती - बेटी हूँ तो क्या हुआ मैं कोई बच्ची नहीं हूँ मैं बड़ी हो गई हूं और मेरी शादी भी हो गई है और मुझे पता है ई सबके बारे में।
राजनाथ- फिर भी मैं तुम्हें नहीं बता सकता क्योंकि तुम मेरी बेटी हो बीवी नहीं और यह सब बात अपनी बीवी के साथ की जाती है किसी और के साथ नहीं।
आरती - थोड़ा गुस्सा होते हैं अच्छा आप अपने बारे में नहीं बता सकते लेकिन आपने जो मेरा सब कुछ देख लिया उसका क्या।
राजनाथ- वो तो मैंने गलती से देखा है जानबूझकर थोड़ी देखा है और उसके लिए मैंने तुमसे माफी भी मांगी है।
आरती - गलती से देखे हो या जानबूझकर देखे हो लेकिन देखी तो है ना इसलिए आप बच नहीं सकते मैं जो पूछ रही हूँ आपको बताना पड़ेगा।
राजनाथ - नहीं बिल्कुल भी नहीं मैं कुछ नहीं बताऊंगा।
आरती - गुस्सा होते हुए ठीक है आप नहीं बताएंगे तो मत बताइए और वह चुपचाप मालिश करने लगती है।
राजनाथ- आरती को चुपचाप देखकर उसको निहारने लगता है और मन ही मन कहता है कि बहुत जिद्दी लड़की जब तक इसको नहीं बताऊंगा यह नहीं मानेगी फिर वह आरती से कहता है देखो बेटा तुम जो कह रही हो वह सही नहीं है मैं तुम्हें वह सब नहीं बता सकता।
आरती - मैं आपसे कहां कुछ पूछ रही हूँ मुझे पता है आप कुछ नहीं बताएंगे इसीलिए मैं आपसे अब कुछ नहीं पूछूंगी।
राजनाथ- अच्छा ठीक है जब तुम नहीं मान रही हो तो मैं बता दूंगा लेकिन मैं जो तुमसे पूछूंगा वह तुमको बताना पड़ेगा।
आरती- क्या चीज पूछेंगे।
राजनाथ- वही जो तुम मझसे पूछ रही हो वही सब के बारे में पूछूंगा।
आरती - ठीक है पूछीए।
राजनाथ-- दामाद जी का साइज कितना है।
आरती - आपको तो पता है उसके साइज के बारे में जब मैं डॉक्टर को बता रही थी तो आपने तो सुनी थी हमारी बात।
राजनाथ - मुझे याद नहीं है फिर से बाताओ।
आरती - यही करीब 5 इंच का होगा।
राजनाथ - अब तुम मेरा शायज जानना चाहती हो तो सुनो मेरा साइज उससे थोड़ा बड़ा है 8 या 9 के करीब होगा।
आरती - इतनी सी बात बताने के लिए आपने मुझे इतना परेशान किया अब आपको दिखाना भी पड़ेगा।
राजनाथ- नहीं यह नहीं हो सकता तुमने मुझे साइज पूछी थी अब यह दिखाने वाली बात कहां से आ गई।
आरती- इसलिए कि आपने मुझे इतना परेशान किया उसके लिए आपको दिखाना पड़ेगा।
राजनाथ - अब तुम मुझे ब्लैकमेल कर रही हो यह सही नहीं है।
आरती - आप जो भी समझ लीजिए।
राजनाथ - ठीक है दिखाऊँगा लेकिन अभी नहीं बाद में।
आरती- मुस्कुराते हुए बाद में दिखाएंगे पक्का।
राजनाथ- हाँ पक्का।
आरती - तो ठीक है।
राजनाथ- मैंने तुमको एक बात बताना तो भूल ही गया आज तुम्हारे मामा का फोन आया था।
आरती - क्या शेखर मामा ने फोन किया था क्या कह रहे थे ।
राजनाथ - कह रहे थे की उनकी बेटी खुशबू की शादी फिक्स हो गई है।
आरती - क्या खुशबू की शादी फिक्स हो गई कब है शादी।
राजनाथ - कह रहे थे अगले महीने शादी है और हम सबको बुलाया है।
आरती - क्या सब जाएंगे तो यहां घर में कौन रहेगा।
राजनाथ - हाँ रघु नहीं आया तो एक आदमी को यहाँ रहना पड़ेगा तो दादी रह जाएगीऔर हम दोनों चलेंगे।
आरती- कुछ सोचने के बाद कहती हैं नहीं मैं नहीं जाऊंगी आप लोग चले जाइए मैं यहीं रहूंगी।
राजनाथ- क्यों तू क्यों नहीं जाएगी।
आरती - नहीं मैं नहीं जाऊंगी वहां हमारे सभी रिश्तेदार आएंगे और देखेगें तो क्य कहेंगे और मेरे पास कपड़े भी अच्छे नहीं हैं।
राजनाथ- बस इतनी सी बात कितने कपड़े चाहिए तुम्हें कल मार्केट चलना जितना कपड़ा चाहिए तुम्हें दिला दूंगा और रही बात रिश्तेदारों की तो मैं तुम्हें दावे के साथ कह रहा हूँ की हमारे रिश्ते में कोई भी लड़की तुमसे ज्यादा खूबसूरत नहीं है जो भी तुमको देखेगा वह सब तुम्हारी तारीफ करेंगे ठीक है अब बहुत टाइम हो गया है अब तुम भी जाकर सो जाओ।
फिर आरती सोने के लिए चली जाती है और राजनाथ भी सो जाता है एक-दो दिन इसी तरह गुजर जाता है फिर दोनों शादी में जाने के लिए तैयारी करने लगते हैं।
एक दिन राजनाथ आरती को मार्केट लेकर जाता है कपड़े दिलाने के लिए और एक बड़ा शोरूम में लेकर जाता है जहां आरती अपने पसंद के बहुत सारा कपड़ा लेती है तो राजनाथ पूछता है कि सब हो गया की और कुछ बाकी है तो आरती कहती है कि नहीं अब हो गया और कुछ नहीं लेना है अब चलिए फिर राजनाथ काउंटर पर जाकर पेमेंट करता है और दोनों बाहर जाने लगते हैं जैसे ही शोरूम से बाहर आते हैं तो राजनाथ कहता है सब कुछ लिया लेकिन जो असल चीज है वो तो तुमने लिया ही नहीं।
आरती- कहती है कौन सी असल चीज।
राजनाथ- वही अंदर मे जो पहनती हो ब्रा और पैंटी तो तुमने लिया ही नहीं।
आरती - शरमाते हुए कहती है अंदर में आपने उस टाइम याद दिलाया नहीं अब चलिए बाद में ले लेंगे अभी बहुत भीड़ है।
राजनाथ - अरे भीड़ है तो क्या हुआ चलो अभी ले लेंगे।
आरती - नहीं मैं नहीं जाऊंगी मुझे शर्म आएगी।
राजनाथ - ठीक है तुम मत मांगना मैं मांग लूंगा साथ में चलो फिर दोनों अंदर जाते हैं और ब्रा और पैंटी के काउंटर पर जाते हैं जहां एक लड़की खड़ी हुई थी फिर वह दोनों को देखकर बोलती है बोलिए मैम क्या चाहिए आपको।
आरती शरम के मारे कुछ नहीं बोलती तो राजनाथ कहता है की ब्रा और पैंटी दिखाइए।
तो लड़की पूछती है कौन सी साइज की चाहिए आपको।
राजनाथ- 32 की दे दीजिए।
लड़की - कौन से कलर में चाहिए और कितनी फीस चाहिए।
राजनाथ- आपके पास जितना कलर है उसमें से एक-एक पीस दे दीजिए।
फिर वह सभी कलर की एक-एक पीस निकाल कर ब्रा और पैंटी दे देती है।
ब्रा और पैंटी लेकर दोनों शोरूम से बाहर आ जाते हैं।
आरती राजनाथ से कहती है कि इतना सारा लेने की क्या जरूरत थी दो-चार पीस ले ते, तो हो जाता।
राजनाथ - तुमको कोई टेंशन ना हो इसलिए जब तुम कोई भी कलर की साड़ी और ब्लाउज पहनो तो तुमको कलर मैचिंग करने में दिक्कत ना हो इसलिए।
फिर दोनों वापस घर आ जाते हैं।
फिर रात में खाना-वाना खाने के बाद आरती जब मालिश करने के लिए जाती है तो राजनाथ पूछता है कपड़ा जो खरीद के लाई है उसको पहन के फाइटिंग चेक किया कि नहीं।
आरती - नहीं अभी ब्लाउज सिलवाया कहां है ब्लाउज सिलवाना पड़ेगा और लहंगा का ऊपर वाला चोली भी सिलवाना पड़ेगा।
राजनाथ- अरे मैं उस कपड़े की बात नहीं कर रहा हूँ मैं अंदर वाले कपड़े की बात कर रहा हूँ उसकी फिटिंग चेक की कि नहीं।
आरती -नहीं उसकी फिटिंग क्या चेक करूंगी 32 साइज का है मेरा हो जाता है।
राजनाथ- फिर भी चेक कर लेना चाहिए उतना सारा है बाद में बड़ा छोटा हो गया तो।
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