• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest अपनी शादीशुदा बेटी को मां बनाया

695

New Member
67
844
84
अबडेट नंबर 27 आ गया है पेज नंबर 91 मे आप सभी रीडर उसका आनंद ले सकते हैं धन्यवाद!
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Enjoywuth

Raju123

Member
222
124
58
Wonderful update
 
  • Like
Reactions: 695

Aryan s.

Active Member
815
1,489
139
Superb update
 
  • Like
Reactions: 695

Desiboy

Member
257
160
58
अभी तक आप लोगों ने पढ़ा की बाबा आरती से कहतें हैं कि तुमको माँ बनना है तो तुमको अपने पिताजी के साथ संबंध बनाना पड़ेगा।

बाबा की बात सुनकर आरती हैरान हो जाती है कि बाबा ऐसे कैसे कह रहे हैं ।

आरती - बाबा लेकिन यह सब कैसे हो सकता है।


बाबा- हो सकता है अगर तुम चाहोगी तो ।

आरती- बाबा क्या यह गलत नहीं है एक पिता पुत्री का आपस में संबंध बनाना।


बाबा - बिल्कुल भी गलत नहीं है तुम उसे बेटी की नजरिए से नहीं एक स्त्री की नजरिए से देखो और सोचो कि वो वह पुरुष है जो तुमको दुनिया की सबसे अनमोल खुशी दे सकता है जो कोई और पुरुष तुम्हें नहीं दे सकता।

एक स्त्री के लिए माँ बनना उसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है ।


क्या तुम उस खुशी को पाना नहीं चाहोगी अगर तुम यह सोच रही हो कि तुम अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से शादी करके मांँ बन जाओगी तो यह तुम्हारा सोचा भूल है तुम दुनिया के किसी भी मर्द से शादी कर लो फिर भी तुम माँ नही बन पाओगी।

बाबा की बात सुनकर आरती सोंचने लगती है की क्या जवाब दे।

बाबा आरती को चुप देखकर कहते हैं पुत्री तुम आराम से सोच समझ लो उसके बाद तुम अपना निर्णय लो मैं तुमसे अभी तुम्हें निर्णय सुनाने के लिए नहीं कह रहा हूँ तुम जितना भी समय लेना चाहती हो लेलो अभी से लेकर कल सुबह तक अगर तुमको और भी वक्त चाहिए तो तुम वापस घर जाकर भी सोच समझ लेना उसके बाद आना। इसमें मेरा कोई फायदा नहीं है सिर्फ तुम्हारा ही फायदा है हमने तुमको यह सारी बातें साफ-साफ इसलिए बता दी क्योंकि तुम्हारी दादी और हमारा पुराना जान पहचान है इसलिए मैंने सारी बातें साफ-साफ तुमको बता दिया और हाँ यह बात तुम अपने दादी से मत कहना ,इस बारे में सिर्फ तुमको ही निर्णय लेना है अब तुम जाओ।

फिर आरती बाबा के कमरे से बाहर आ जाती है, तो बाहर आते ही उसकी दादी उसे पूछने लगती है कि क्या कहा बाबा ने ,तो आरती को समझ में नहीं आता की दादी को क्या जवाब दें तो वह कहती है कि अभी उन्होंने कुछ बताया नहीं है फिर से देखेंगे उसके बाद बताएंगे।

दादी - फिर कब देखेंगे ।

आरती - अभी कुछ देर बाद देखेंगे इतना बोलकर वह वहाँ से निकाल कर घर के पीछे एकांत में जाकर बैठ जाती है और सोचने लगती है कि बाबा जो कह रहे हैं क्या मुझे वैसा करना चाहिए कि नहीं। अगर मैं ऐसा करती हूँ तो क्या मैं माँ बन जाऊंगी।


अगर बाबा इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी उनकी बातों में और इतने सारे लोग आज यहां आए हुए थे आखिर उनकी बातों में सच्चाई होगी तभी तो आए हुए थे यह सब सोच विचार करने के बाद फिर वह आधा घंटे मे बाबा के पास जाती है ।

तो बाबा उसको देखकर कहते हैं क्या बात है पुत्री।


तो आरती कहती है बाबा मैं आपसे बात करना चाहती हूँ।

बाबा - हाँ बोलो क्या बात करना चाहती हो।


आरती - बाबा आपने जो कहा करने के लिए अगर मैं वैसा करने के लिए तैयार हो जाऊंगी तो क्या मेरे बाबूजी वह सब करने के लिए तैयार होंगे।

बाबा - पुत्रि यह बात तो तुम्हारे पिताजी से मिलने के बाद ही मालूम होगा कि वह तैयार होंगे कि नहीं लेकिन उससे पहले तुमको निर्णय करना होगा कि तुम उसके लिए तैयार हो कि नहीं पहले तुम अपना निर्णय पक्का करो की तुम यह सब करने के लिए तैयार हो।

आरती - बाबा अगर आप इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो मैं आपकी बात मानने के लिए तैयार हूँ लेकिन बाबा अगर यह सब बात दूसरे लोग जानेंगे तो वह क्या सोचेंगे हमारे बारे में।

बाबा - तुम्हारी यह बात तुम दोनों के अलावा और किसी को नहीं मालूम होगा यह बात सिर्फ तुम दोनों के ही बीच में रहेगी। सिर्फ तुम्हें मालूम होगा कि उस बच्चे का पिता कौन है और और यह सब करने से तुम दोनों बाप बेटी का रिश्ता खत्म नहीं होगा जैसे तुम दोनों आज पिता पुत्री हो कल भी तुम दोनों ऐसे ही दुनिया के सामने एक आदर्श पिता पुत्री की तरह ही रहोगी और भले ही उस बच्चे का बाप तुम्हारा पिता होगा लेकिन दुनिया वालों की नजर मे उस बच्चे का बाप तुम्हारा पति ही कहलाएगा ।

और आज तक जो शारीरिक सुख तुम्हें तुम्हारे पति से नहीं मिला वह सुख अब तुम्हारे पिता से तुमको मिलेगा अब और क्या चाहिए तुम्हें।


बाबा की यह बात सुनकर आरती शर्मा जाती है और अपनी नज़रें नीचे कर लेती है और कहती है बाबा अब हमको क्या करना होगा।

बाबा - अब तुमको करना यह है कि तुमको अपने पिताजी को लेकर यहाँ पर आना होगा इसलिए अब तुम यहाँ से जाओऔर अगले हफ्ते अपने पिताजी को साथ में लेकर आना, अब तुम अपने दादी को यहाँ बुलाओ फिर वह अपने दादी को अंदर बुलाती है तो बाबा उसे कहते हैं की माँ जी मैंने इसको अच्छे से देख लिया है और अब अगले हफ्ते इसको फिर से आना होगा इसलिए अब आप लोग जाइए और अगले हफ़्ते इसको अपने पिताजी के साथ भेजें दीजिएगा अब आपके हैरान होने की जरूरत नहीं है।

दादी - बाबा हम जिस काम के लिए आपके पास आए हैं वह काम तो होगा ना

बाबा - क्यों नहीं होगा जरूर होगा आप ऊपर वाले पर भरोसा रखिए।


दादी - बस अब आपके ही ऊपर भरोसा है अब आप ही कुछ कर सकते हैं।

बाबा - आप जिस भरोसे के साथ यहां आई है आपका भरोसा टूटेगा नहीं और आपकी पोती जरूर माँ बनेगी और आप उसके बच्चे को अपनी गोद में खेलाओगी ।

दादी- बाबा मैं कब से चाह रही हूं कि ऐसा हो लेकिन हो तब ना।


बाबा- क्यों नहीं होगा जरूर होगा अब आप बेफिक्र होकर यहां से जाइए।

फिर वह दोनों दादी और पोती वापस घर आ जाती है तो राजनाथ अभी घर में नहीं था कहीं बाहर गया हुआ था फिर शाम हो जाती शाम होने के बाद राजनाथ वापस घर आता है और आते ही अपनी माँ के पास जाता है और वहाँ क्या-क्या हुआ वह सब पूछने लगता है और पूछता है कि बाबा ने क्या कहा।

तो राजनाथ की मां कहती है कि अभी तो कुछ भी नहीं बताया अगले हफ्ते फिर बुलाया है अब तुम इसके साथ में चले जाना।

राजनाथ - ठीक है मैं चला जाऊंगा लेकिन आज उन्होंने कुछ भी नहीं बताया।

राजनाथ की माँ उन्होंने बस इतना ही कहा कि आप लोग जिस काम के लिए आई हो वह काम हो जाएगा।।

राजनाथ - ठीक है जब जाने का होगा मैं इसके साथ चला जाऊंगा इतना बोला और फिर उसने रात का खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चला गया , उसके बाद आरती ने भी खाना खाया और खाना खाने के बाद वह राजनाथ को मालिश करने के लिए जाने ही वाली थी कि , उसके दिमाग में बाबा वाली बात घूमने लगती है और वह सोचने लगती है कि आज तक मैं अपने बाबूजी के सामने एक आदर्श बेटी बनी हुई थी ,और अब कुछ दिनों के बाद में मैं उनके साथ में उनके बिस्तर पर सोऊंगीं वह भी बिना कपड़ों के पूरी नंगी और फिर बाबूजी मेरे साथ वह सब करेंगे जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है।

यह सब सोचते ही आरती का शरीर गन गना जाता है और वह शीहर उठती है फिर वह धीरे-धीरे राजनाथ के कमरे में जाने लगती है और जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचती है तो राजनाथ उसकी पायल की आवाज सुनकर समझ जाता है की आरती आ रही है तो वह सोने का नाटक करने लगता है और आँख बंद करके सो जाता है।

तभी आरती कमरे में जाती है तो देखती है कि बाबूजी सो गए हैं तो वह उसके बीशतर के करीब जाते हुए कहती क्या बात है आज बड़ी जल्दी नींद आ गई और दिन बिना मालिश के नींद नहीं आती थी और आज कैसे बिना मालिश की नींद आ गई।

तभी राजनाथ अपनी आँख खोलते हुए कहता है कहाँ किसे नींद आ गई।

तो आरती कहती है अरे अभी तो आप सो रहे थे फिर जाग कैसे गए।

राजनाथ - सोया हुआ नहीं था सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - क्यों सोने की कोशिश क्यों कर रहे थे।

राजनाथ - मैंने सोचा किया आज तुम थक गई होगी तो शायद मालिश करने के लिए नहीं आओगी तो इसलिए मैं सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - आज मैं आपसे एक बात कह देता हूं मैं कितनी भी थक जाऊं या मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन आपको मेरे रहते हुए बिना मालिश के सोने नहीं दूंगी।

राजनाथ - इतना प्यार करती है तू मुझसे।

आरती- क्यों आपको कोई शक है।

राजनाथ -नहीं मुझे कोई शक नहीं मुझे पता है कि मेरी बेटी मुझसे कितना प्यार करती है और मैं भी उसे उतना ही प्यार करता हूं।

आरती - यह तो कुछ दिन के बाद ही पता चल जाएगा कि आप मुझसे कितना प्यार करते हैं।

राजनाथ - कैसे पता चल जाएगा।

आरती - बस पता चल जाएगा ऐसे ही।

राजनाथ -अच्छा तुमने बताया नहीं की बाबा ने आज क्या कहा।

बाबा - ने आरती से यह सब बात बताने के लिए मना किया था और कहा था कि यह सब बात तुम अपने पिताजी को अभी मत बताना वह जब यहां आएगा तो मैं खुद उसे बता दूंगा।

आरती मन ही मन सोचती है और कहती कि बाबा ने तो बहुत कुछ बताया है लेकिन आपको वह सब नहीं बता सकती और वह कहती है कि बाबा ने अभी कुछ बताया नहीं इस बार जाऊंगी तब बताएंगे।

राजनाथ- तो कब जाना है वहां।

आरती -बाबा ने रविवार को आने के लिए कहा है उसे दिन भीड़ कम रहती है तो उसी दिन आने के लिए कहा।

राजनाथ - तो ठीक है उसी दिन चलेंगे

आरती राजनाथ की मालिश करते हुए उसके पूरे बदन को देखने लगती है अरमान ही मन सोचती है कि बाबूजी का शरीर कितना मजबूत और हट्टा कट्टा है जब यह मेरे ऊपर चढे़गें तो मेरी तो हालात ही खराब हो जाएगी यह इतने तगड़े हैं और मैं इतनी पतली कैसे मैं इनका वजन सह पाऊंगी।


........
Awesome and superb update 👌
 
  • Like
Reactions: 695

asinasin

New Member
72
22
8
Well Done Thumbs Up GIF
 
  • Like
Reactions: 695

Jangali107

Jangali
163
198
43
भाग २६

अभी तक आप लोगों ने पढ़ा की बाबा आरती से कहतें हैं कि तुमको माँ बनना है तो तुमको अपने पिताजी के साथ संबंध बनाना पड़ेगा।


बाबा की बात सुनकर आरती हैरान हो जाती है कि बाबा ऐसे कैसे कह रहे हैं ।

आरती - बाबा लेकिन यह सब कैसे हो सकता है।


बाबा- हो सकता है अगर तुम चाहोगी तो ।

आरती- बाबा क्या यह गलत नहीं है एक पिता पुत्री का आपस में संबंध बनाना।


बाबा - बिल्कुल भी गलत नहीं है तुम उसे बेटी की नजरिए से नहीं एक स्त्री की नजरिए से देखो और सोचो कि वो वह पुरुष है जो तुमको दुनिया की सबसे अनमोल खुशी दे सकता है जो कोई और पुरुष तुम्हें नहीं दे सकता।

एक स्त्री के लिए माँ बनना उसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है ।


क्या तुम उस खुशी को पाना नहीं चाहोगी अगर तुम यह सोच रही हो कि तुम अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से शादी करके मांँ बन जाओगी तो यह तुम्हारा सोचा भूल है तुम दुनिया के किसी भी मर्द से शादी कर लो फिर भी तुम माँ नही बन पाओगी।

बाबा की बात सुनकर आरती सोंचने लगती है की क्या जवाब दे।

बाबा आरती को चुप देखकर कहते हैं पुत्री तुम आराम से सोच समझ लो उसके बाद तुम अपना निर्णय लो मैं तुमसे अभी तुम्हें निर्णय सुनाने के लिए नहीं कह रहा हूँ तुम जितना भी समय लेना चाहती हो लेलो अभी से लेकर कल सुबह तक अगर तुमको और भी वक्त चाहिए तो तुम वापस घर जाकर भी सोच समझ लेना उसके बाद आना। इसमें मेरा कोई फायदा नहीं है सिर्फ तुम्हारा ही फायदा है हमने तुमको यह सारी बातें साफ-साफ इसलिए बता दी क्योंकि तुम्हारी दादी और हमारा पुराना जान पहचान है इसलिए मैंने सारी बातें साफ-साफ तुमको बता दिया और हाँ यह बात तुम अपने दादी से मत कहना ,इस बारे में सिर्फ तुमको ही निर्णय लेना है अब तुम जाओ।

फिर आरती बाबा के कमरे से बाहर आ जाती है, तो बाहर आते ही उसकी दादी उसे पूछने लगती है कि क्या कहा बाबा ने ,तो आरती को समझ में नहीं आता की दादी को क्या जवाब दें तो वह कहती है कि अभी उन्होंने कुछ बताया नहीं है फिर से देखेंगे उसके बाद बताएंगे।

दादी - फिर कब देखेंगे ।

आरती - अभी कुछ देर बाद देखेंगे इतना बोलकर वह वहाँ से निकाल कर घर के पीछे एकांत में जाकर बैठ जाती है और सोचने लगती है कि बाबा जो कह रहे हैं क्या मुझे वैसा करना चाहिए कि नहीं। अगर मैं ऐसा करती हूँ तो क्या मैं माँ बन जाऊंगी।


अगर बाबा इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी उनकी बातों में और इतने सारे लोग आज यहां आए हुए थे आखिर उनकी बातों में सच्चाई होगी तभी तो आए हुए थे यह सब सोच विचार करने के बाद फिर वह आधा घंटे मे बाबा के पास जाती है ।

तो बाबा उसको देखकर कहते हैं क्या बात है पुत्री।


तो आरती कहती है बाबा मैं आपसे बात करना चाहती हूँ।

बाबा - हाँ बोलो क्या बात करना चाहती हो।


आरती - बाबा आपने जो कहा करने के लिए अगर मैं वैसा करने के लिए तैयार हो जाऊंगी तो क्या मेरे बाबूजी वह सब करने के लिए तैयार होंगे।

बाबा - पुत्रि यह बात तो तुम्हारे पिताजी से मिलने के बाद ही मालूम होगा कि वह तैयार होंगे कि नहीं लेकिन उससे पहले तुमको निर्णय करना होगा कि तुम उसके लिए तैयार हो कि नहीं पहले तुम अपना निर्णय पक्का करो की तुम यह सब करने के लिए तैयार हो।

आरती - बाबा अगर आप इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो मैं आपकी बात मानने के लिए तैयार हूँ लेकिन बाबा अगर यह सब बात दूसरे लोग जानेंगे तो वह क्या सोचेंगे हमारे बारे में।

बाबा - तुम्हारी यह बात तुम दोनों के अलावा और किसी को नहीं मालूम होगा यह बात सिर्फ तुम दोनों के ही बीच में रहेगी। सिर्फ तुम्हें मालूम होगा कि उस बच्चे का पिता कौन है और और यह सब करने से तुम दोनों बाप बेटी का रिश्ता खत्म नहीं होगा जैसे तुम दोनों आज पिता पुत्री हो कल भी तुम दोनों ऐसे ही दुनिया के सामने एक आदर्श पिता पुत्री की तरह ही रहोगी और भले ही उस बच्चे का बाप तुम्हारा पिता होगा लेकिन दुनिया वालों की नजर मे उस बच्चे का बाप तुम्हारा पति ही कहलाएगा ।

और आज तक जो शारीरिक सुख तुम्हें तुम्हारे पति से नहीं मिला वह सुख अब तुम्हारे पिता से तुमको मिलेगा अब और क्या चाहिए तुम्हें।


बाबा की यह बात सुनकर आरती शर्मा जाती है और अपनी नज़रें नीचे कर लेती है और कहती है बाबा अब हमको क्या करना होगा।

बाबा - अब तुमको करना यह है कि तुमको अपने पिताजी को लेकर यहाँ पर आना होगा इसलिए अब तुम यहाँ से जाओऔर अगले हफ्ते अपने पिताजी को साथ में लेकर आना, अब तुम अपने दादी को यहाँ बुलाओ फिर वह अपने दादी को अंदर बुलाती है तो बाबा उसे कहते हैं की माँ जी मैंने इसको अच्छे से देख लिया है और अब अगले हफ्ते इसको फिर से आना होगा इसलिए अब आप लोग जाइए और अगले हफ़्ते इसको अपने पिताजी के साथ भेजें दीजिएगा अब आपके हैरान होने की जरूरत नहीं है।

दादी - बाबा हम जिस काम के लिए आपके पास आए हैं वह काम तो होगा ना

बाबा - क्यों नहीं होगा जरूर होगा आप ऊपर वाले पर भरोसा रखिए।


दादी - बस अब आपके ही ऊपर भरोसा है अब आप ही कुछ कर सकते हैं।

बाबा - आप जिस भरोसे के साथ यहां आई है आपका भरोसा टूटेगा नहीं और आपकी पोती जरूर माँ बनेगी और आप उसके बच्चे को अपनी गोद में खेलाओगी ।

दादी- बाबा मैं कब से चाह रही हूं कि ऐसा हो लेकिन हो तब ना।


बाबा- क्यों नहीं होगा जरूर होगा अब आप बेफिक्र होकर यहां से जाइए।

फिर वह दोनों दादी और पोती वापस घर आ जाती है तो राजनाथ अभी घर में नहीं था कहीं बाहर गया हुआ था फिर शाम हो जाती शाम होने के बाद राजनाथ वापस घर आता है और आते ही अपनी माँ के पास जाता है और वहाँ क्या-क्या हुआ वह सब पूछने लगता है और पूछता है कि बाबा ने क्या कहा।

तो राजनाथ की मां कहती है कि अभी तो कुछ भी नहीं बताया अगले हफ्ते फिर बुलाया है अब तुम इसके साथ में चले जाना।

राजनाथ - ठीक है मैं चला जाऊंगा लेकिन आज उन्होंने कुछ भी नहीं बताया।

राजनाथ की माँ उन्होंने बस इतना ही कहा कि आप लोग जिस काम के लिए आई हो वह काम हो जाएगा।।

राजनाथ - ठीक है जब जाने का होगा मैं इसके साथ चला जाऊंगा इतना बोला और फिर उसने रात का खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चला गया , उसके बाद आरती ने भी खाना खाया और खाना खाने के बाद वह राजनाथ को मालिश करने के लिए जाने ही वाली थी कि , उसके दिमाग में बाबा वाली बात घूमने लगती है और वह सोचने लगती है कि आज तक मैं अपने बाबूजी के सामने एक आदर्श बेटी बनी हुई थी ,और अब कुछ दिनों के बाद में मैं उनके साथ में उनके बिस्तर पर सोऊंगीं वह भी बिना कपड़ों के पूरी नंगी और फिर बाबूजी मेरे साथ वह सब करेंगे जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है।

यह सब सोचते ही आरती का शरीर गन गना जाता है और वह शीहर उठती है फिर वह धीरे-धीरे राजनाथ के कमरे में जाने लगती है और जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचती है तो राजनाथ उसकी पायल की आवाज सुनकर समझ जाता है की आरती आ रही है तो वह सोने का नाटक करने लगता है और आँख बंद करके सो जाता है।

तभी आरती कमरे में जाती है तो देखती है कि बाबूजी सो गए हैं तो वह उसके बीशतर के करीब जाते हुए कहती क्या बात है आज बड़ी जल्दी नींद आ गई और दिन बिना मालिश के नींद नहीं आती थी और आज कैसे बिना मालिश की नींद आ गई।

तभी राजनाथ अपनी आँख खोलते हुए कहता है कहाँ किसे नींद आ गई।

तो आरती कहती है अरे अभी तो आप सो रहे थे फिर जाग कैसे गए।

राजनाथ - सोया हुआ नहीं था सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - क्यों सोने की कोशिश क्यों कर रहे थे।

राजनाथ - मैंने सोचा किया आज तुम थक गई होगी तो शायद मालिश करने के लिए नहीं आओगी तो इसलिए मैं सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - आज मैं आपसे एक बात कह देता हूं मैं कितनी भी थक जाऊं या मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन आपको मेरे रहते हुए बिना मालिश के सोने नहीं दूंगी।

राजनाथ - इतना प्यार करती है तू मुझसे।


आरती- क्यों आपको कोई शक है।

राजनाथ -नहीं मुझे कोई शक नहीं मुझे पता है कि मेरी बेटी मुझसे कितना प्यार करती है और मैं भी उसे उतना ही प्यार करता हूं।


आरती - यह तो कुछ दिन के बाद ही पता चल जाएगा कि आप मुझसे कितना प्यार करते हैं।

राजनाथ - कैसे पता चल जाएगा।


आरती - बस पता चल जाएगा ऐसे ही।

राजनाथ -अच्छा तुमने बताया नहीं की बाबा ने आज क्या कहा।


बाबा - ने आरती से यह सब बात बताने के लिए मना किया था और कहा था कि यह सब बात तुम अपने पिताजी को अभी मत बताना वह जब यहां आएगा तो मैं खुद उसे बता दूंगा।

आरती मन ही मन सोचती है और कहती कि बाबा ने तो बहुत कुछ बताया है लेकिन आपको वह सब नहीं बता सकती और वह कहती है कि बाबा ने अभी कुछ बताया नहीं इस बार जाऊंगी तब बताएंगे।

राजनाथ- तो कब जाना है वहां।

आरती -बाबा ने रविवार को आने के लिए कहा है उसे दिन भीड़ कम रहती है तो उसी दिन आने के लिए कहा।

राजनाथ - तो ठीक है उसी दिन चलेंगे

आरती राजनाथ की मालिश करते हुए उसके पूरे बदन को देखने लगती है अरमान ही मन सोचती है कि बाबूजी का शरीर कितना मजबूत और हट्टा कट्टा है जब यह मेरे ऊपर चढे़गें तो मेरी तो हालात ही खराब हो जाएगी यह इतने तगड़े हैं और मैं इतनी पतली कैसे मैं इनका वजन सह पाऊंगी।


........
कहानी स्टेप byस्टेप आगे बढ़ रही है सम्भोग तो अन्त में होगा ही पर अभी ये रिझाने एक दूसरे को बहुत ही कामुक है mast update diya hai kahani me romanch bana rahna chahiye keep going 👍👍👍👍👍👍👍👍💃💃💃💃💃💃💃🤰🤰🤰🤰🤰🤰🤰🤰💯💯💯💯💯
 
  • Like
Reactions: 695

695

New Member
67
844
84
अपडेट नंबर 26 आ गया है आप सभी रीडर उसको पढ़ें और अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद
 
Last edited:
11,835
23,873
228
Awesome update
 
  • Like
Reactions: 695

Motaland2468

Well-Known Member
3,337
3,486
144
भाग २६

अभी तक आप लोगों ने पढ़ा की बाबा आरती से कहतें हैं कि तुमको माँ बनना है तो तुमको अपने पिताजी के साथ संबंध बनाना पड़ेगा।


बाबा की बात सुनकर आरती हैरान हो जाती है कि बाबा ऐसे कैसे कह रहे हैं ।

आरती - बाबा लेकिन यह सब कैसे हो सकता है।


बाबा- हो सकता है अगर तुम चाहोगी तो ।

आरती- बाबा क्या यह गलत नहीं है एक पिता पुत्री का आपस में संबंध बनाना।


बाबा - बिल्कुल भी गलत नहीं है तुम उसे बेटी की नजरिए से नहीं एक स्त्री की नजरिए से देखो और सोचो कि वो वह पुरुष है जो तुमको दुनिया की सबसे अनमोल खुशी दे सकता है जो कोई और पुरुष तुम्हें नहीं दे सकता।

एक स्त्री के लिए माँ बनना उसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है ।


क्या तुम उस खुशी को पाना नहीं चाहोगी अगर तुम यह सोच रही हो कि तुम अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से शादी करके मांँ बन जाओगी तो यह तुम्हारा सोचा भूल है तुम दुनिया के किसी भी मर्द से शादी कर लो फिर भी तुम माँ नही बन पाओगी।

बाबा की बात सुनकर आरती सोंचने लगती है की क्या जवाब दे।

बाबा आरती को चुप देखकर कहते हैं पुत्री तुम आराम से सोच समझ लो उसके बाद तुम अपना निर्णय लो मैं तुमसे अभी तुम्हें निर्णय सुनाने के लिए नहीं कह रहा हूँ तुम जितना भी समय लेना चाहती हो लेलो अभी से लेकर कल सुबह तक अगर तुमको और भी वक्त चाहिए तो तुम वापस घर जाकर भी सोच समझ लेना उसके बाद आना। इसमें मेरा कोई फायदा नहीं है सिर्फ तुम्हारा ही फायदा है हमने तुमको यह सारी बातें साफ-साफ इसलिए बता दी क्योंकि तुम्हारी दादी और हमारा पुराना जान पहचान है इसलिए मैंने सारी बातें साफ-साफ तुमको बता दिया और हाँ यह बात तुम अपने दादी से मत कहना ,इस बारे में सिर्फ तुमको ही निर्णय लेना है अब तुम जाओ।

फिर आरती बाबा के कमरे से बाहर आ जाती है, तो बाहर आते ही उसकी दादी उसे पूछने लगती है कि क्या कहा बाबा ने ,तो आरती को समझ में नहीं आता की दादी को क्या जवाब दें तो वह कहती है कि अभी उन्होंने कुछ बताया नहीं है फिर से देखेंगे उसके बाद बताएंगे।

दादी - फिर कब देखेंगे ।

आरती - अभी कुछ देर बाद देखेंगे इतना बोलकर वह वहाँ से निकाल कर घर के पीछे एकांत में जाकर बैठ जाती है और सोचने लगती है कि बाबा जो कह रहे हैं क्या मुझे वैसा करना चाहिए कि नहीं। अगर मैं ऐसा करती हूँ तो क्या मैं माँ बन जाऊंगी।


अगर बाबा इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी उनकी बातों में और इतने सारे लोग आज यहां आए हुए थे आखिर उनकी बातों में सच्चाई होगी तभी तो आए हुए थे यह सब सोच विचार करने के बाद फिर वह आधा घंटे मे बाबा के पास जाती है ।

तो बाबा उसको देखकर कहते हैं क्या बात है पुत्री।


तो आरती कहती है बाबा मैं आपसे बात करना चाहती हूँ।

बाबा - हाँ बोलो क्या बात करना चाहती हो।


आरती - बाबा आपने जो कहा करने के लिए अगर मैं वैसा करने के लिए तैयार हो जाऊंगी तो क्या मेरे बाबूजी वह सब करने के लिए तैयार होंगे।

बाबा - पुत्रि यह बात तो तुम्हारे पिताजी से मिलने के बाद ही मालूम होगा कि वह तैयार होंगे कि नहीं लेकिन उससे पहले तुमको निर्णय करना होगा कि तुम उसके लिए तैयार हो कि नहीं पहले तुम अपना निर्णय पक्का करो की तुम यह सब करने के लिए तैयार हो।

आरती - बाबा अगर आप इतना विश्वास के साथ कह रहे हैं तो मैं आपकी बात मानने के लिए तैयार हूँ लेकिन बाबा अगर यह सब बात दूसरे लोग जानेंगे तो वह क्या सोचेंगे हमारे बारे में।

बाबा - तुम्हारी यह बात तुम दोनों के अलावा और किसी को नहीं मालूम होगा यह बात सिर्फ तुम दोनों के ही बीच में रहेगी। सिर्फ तुम्हें मालूम होगा कि उस बच्चे का पिता कौन है और और यह सब करने से तुम दोनों बाप बेटी का रिश्ता खत्म नहीं होगा जैसे तुम दोनों आज पिता पुत्री हो कल भी तुम दोनों ऐसे ही दुनिया के सामने एक आदर्श पिता पुत्री की तरह ही रहोगी और भले ही उस बच्चे का बाप तुम्हारा पिता होगा लेकिन दुनिया वालों की नजर मे उस बच्चे का बाप तुम्हारा पति ही कहलाएगा ।

और आज तक जो शारीरिक सुख तुम्हें तुम्हारे पति से नहीं मिला वह सुख अब तुम्हारे पिता से तुमको मिलेगा अब और क्या चाहिए तुम्हें।


बाबा की यह बात सुनकर आरती शर्मा जाती है और अपनी नज़रें नीचे कर लेती है और कहती है बाबा अब हमको क्या करना होगा।

बाबा - अब तुमको करना यह है कि तुमको अपने पिताजी को लेकर यहाँ पर आना होगा इसलिए अब तुम यहाँ से जाओऔर अगले हफ्ते अपने पिताजी को साथ में लेकर आना, अब तुम अपने दादी को यहाँ बुलाओ फिर वह अपने दादी को अंदर बुलाती है तो बाबा उसे कहते हैं की माँ जी मैंने इसको अच्छे से देख लिया है और अब अगले हफ्ते इसको फिर से आना होगा इसलिए अब आप लोग जाइए और अगले हफ़्ते इसको अपने पिताजी के साथ भेजें दीजिएगा अब आपके हैरान होने की जरूरत नहीं है।

दादी - बाबा हम जिस काम के लिए आपके पास आए हैं वह काम तो होगा ना

बाबा - क्यों नहीं होगा जरूर होगा आप ऊपर वाले पर भरोसा रखिए।


दादी - बस अब आपके ही ऊपर भरोसा है अब आप ही कुछ कर सकते हैं।

बाबा - आप जिस भरोसे के साथ यहां आई है आपका भरोसा टूटेगा नहीं और आपकी पोती जरूर माँ बनेगी और आप उसके बच्चे को अपनी गोद में खेलाओगी ।

दादी- बाबा मैं कब से चाह रही हूं कि ऐसा हो लेकिन हो तब ना।


बाबा- क्यों नहीं होगा जरूर होगा अब आप बेफिक्र होकर यहां से जाइए।

फिर वह दोनों दादी और पोती वापस घर आ जाती है तो राजनाथ अभी घर में नहीं था कहीं बाहर गया हुआ था फिर शाम हो जाती शाम होने के बाद राजनाथ वापस घर आता है और आते ही अपनी माँ के पास जाता है और वहाँ क्या-क्या हुआ वह सब पूछने लगता है और पूछता है कि बाबा ने क्या कहा।

तो राजनाथ की मां कहती है कि अभी तो कुछ भी नहीं बताया अगले हफ्ते फिर बुलाया है अब तुम इसके साथ में चले जाना।

राजनाथ - ठीक है मैं चला जाऊंगा लेकिन आज उन्होंने कुछ भी नहीं बताया।

राजनाथ की माँ उन्होंने बस इतना ही कहा कि आप लोग जिस काम के लिए आई हो वह काम हो जाएगा।।

राजनाथ - ठीक है जब जाने का होगा मैं इसके साथ चला जाऊंगा इतना बोला और फिर उसने रात का खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चला गया , उसके बाद आरती ने भी खाना खाया और खाना खाने के बाद वह राजनाथ को मालिश करने के लिए जाने ही वाली थी कि , उसके दिमाग में बाबा वाली बात घूमने लगती है और वह सोचने लगती है कि आज तक मैं अपने बाबूजी के सामने एक आदर्श बेटी बनी हुई थी ,और अब कुछ दिनों के बाद में मैं उनके साथ में उनके बिस्तर पर सोऊंगीं वह भी बिना कपड़ों के पूरी नंगी और फिर बाबूजी मेरे साथ वह सब करेंगे जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है।

यह सब सोचते ही आरती का शरीर गन गना जाता है और वह शीहर उठती है फिर वह धीरे-धीरे राजनाथ के कमरे में जाने लगती है और जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचती है तो राजनाथ उसकी पायल की आवाज सुनकर समझ जाता है की आरती आ रही है तो वह सोने का नाटक करने लगता है और आँख बंद करके सो जाता है।

तभी आरती कमरे में जाती है तो देखती है कि बाबूजी सो गए हैं तो वह उसके बीशतर के करीब जाते हुए कहती क्या बात है आज बड़ी जल्दी नींद आ गई और दिन बिना मालिश के नींद नहीं आती थी और आज कैसे बिना मालिश की नींद आ गई।

तभी राजनाथ अपनी आँख खोलते हुए कहता है कहाँ किसे नींद आ गई।

तो आरती कहती है अरे अभी तो आप सो रहे थे फिर जाग कैसे गए।

राजनाथ - सोया हुआ नहीं था सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - क्यों सोने की कोशिश क्यों कर रहे थे।

राजनाथ - मैंने सोचा किया आज तुम थक गई होगी तो शायद मालिश करने के लिए नहीं आओगी तो इसलिए मैं सोने की कोशिश कर रहा था।

आरती - आज मैं आपसे एक बात कह देता हूं मैं कितनी भी थक जाऊं या मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन आपको मेरे रहते हुए बिना मालिश के सोने नहीं दूंगी।

राजनाथ - इतना प्यार करती है तू मुझसे।


आरती- क्यों आपको कोई शक है।

राजनाथ -नहीं मुझे कोई शक नहीं मुझे पता है कि मेरी बेटी मुझसे कितना प्यार करती है और मैं भी उसे उतना ही प्यार करता हूं।


आरती - यह तो कुछ दिन के बाद ही पता चल जाएगा कि आप मुझसे कितना प्यार करते हैं।

राजनाथ - कैसे पता चल जाएगा।


आरती - बस पता चल जाएगा ऐसे ही।

राजनाथ -अच्छा तुमने बताया नहीं की बाबा ने आज क्या कहा।


बाबा - ने आरती से यह सब बात बताने के लिए मना किया था और कहा था कि यह सब बात तुम अपने पिताजी को अभी मत बताना वह जब यहां आएगा तो मैं खुद उसे बता दूंगा।

आरती मन ही मन सोचती है और कहती कि बाबा ने तो बहुत कुछ बताया है लेकिन आपको वह सब नहीं बता सकती और वह कहती है कि बाबा ने अभी कुछ बताया नहीं इस बार जाऊंगी तब बताएंगे।

राजनाथ- तो कब जाना है वहां।

आरती -बाबा ने रविवार को आने के लिए कहा है उसे दिन भीड़ कम रहती है तो उसी दिन आने के लिए कहा।

राजनाथ - तो ठीक है उसी दिन चलेंगे

आरती राजनाथ की मालिश करते हुए उसके पूरे बदन को देखने लगती है अरमान ही मन सोचती है कि बाबूजी का शरीर कितना मजबूत और हट्टा कट्टा है जब यह मेरे ऊपर चढे़गें तो मेरी तो हालात ही खराब हो जाएगी यह इतने तगड़े हैं और मैं इतनी पतली कैसे मैं इनका वजन सह पाऊंगी।


........
Lajawaab update.plz next update jaldi Dena
 
  • Like
Reactions: 695
Top