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Incest अपनी शादीशुदा बेटी को मां बनाया

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अपडेट नंबर 24 आ गया है आप सभी पाठक उसे पढ़कर आनंद ले सकते हैं page number 76 मे धन्यवाद।

हम आप सब से एक आग्रह करना चाहते हैं आप सब कहानी पढ़ते हैं लेकिन कहानी कैसी लगी वह नहीं बताते हैं इसलिए हम आप सब से आग्रह करते हैं कि जो भी पाठक कहानी को पढ़ते हैं वह अपना विचार दो शब्द बोलकर जरूर रखें और जो पाठक ने अपनी आईडी नहीं बनाई है वह अपना आईडी बनाएं और अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद।
 
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Brosislovesex

Devil from the hell
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भाई लोगों हर दिन अपडेट देना भी मुश्किल होता होगा क्या पता कहीं कोई काम आ गया हो या किसी जगह गए हो कि अपडेट ना कर सकें 🫠 थोड़ा सबर रखिए या एक 2 महीने बाद चेक करिए तब तक कहानी में पढ़ने को काफी मैटेरियल आ गया होगा 😍
 
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भाग। १५

फिर राजनाथ दोपहर में वापस घर आता है खाना खाने के लिए तो आरती उसको खाना देती है फिर वह खाना खाकर अपने कमरे में आराम करने के लिए जा रहा था तो आरती उसको मोबाइल देते हुए कहती है बाबूजी मोबाइल ले लीजिए फिर मुस्कुराते हुए कहती है मोबाइल में बहुत अच्छी-अच्छी तस्वीर है किसकी है वह तस्वीर ।

तो फिर राजनाथ कहता तस्वीर कौन सी तस्वीर इसमें तो कोई तस्वीर नहीं है।

यह तो आरती को भी पता है कि मोबाइल में कोई तस्वीर पहले से नहीं थी वह तो उस तस्वीर की बात कर रही जो अभी उसने थोड़ी देर पहले अपनी ब्रा वाली तस्वीर खींची है उसकी बात कर रही है जिसके बारे में राजनाथ को कोई पता नहीं है।

तो आरती कहती है अरे वाह मोबाइल आपका है और आप ही को पता नहीं है कि इसमें तस्वीर है वह किसकी है।


तो राजनाथ उससे पूछता है कि तुम कौन सी तस्वीर की बात कर रही है जो मुझे पता नहीं है। फिर वह अपना मोबाइल चालू करके देखने लगता है ।

तो आरती कहती है ठीक है नहीं बताना चाहते हैं तो मत बताइए जाइए जाकर आराम कीजिए ।

फिर राजनाथ मोबाइल लेकर कमरे में चला जाता है सोने के लिए फिर वह अपना मोबाइल चालू करके देखने लगता है और सोचता है की आरती कौन सी तस्वीर की बात कर रही है जैसे ही वह फाइल खोलता है और वह तस्वीर देखते ही चौंक जाता है और सोचने लगते हैं कि यह सब तस्वीर मेरे मोबाइल में कैसे आया फिर वह उसे तस्वीर को गौर से देखने लगता है कि यह सब तस्वीर किसकी है क्योंकि उसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था सभी तस्वीर को बार-बार गौर से देखने लगता है तभी उसकी नजर तस्वीर की पीछे वाली लोकेशन पर जाती है और वह उसे लोकेशन को गौर से देखने लगता है और देखते ही समझ जाता है कि यह लोकेशन उसी की घर की है लेकिन फिर भी उसका दिल मानने को तैयार नहीं था और बोल रहा था कि नहीं यह नहीं हो सकता फिर वह सभी तस्वीर को बारी-बारी से देखने लगता और तसल्ली करने लगता है कि कहीं मेरी आंख धोखा तो नहीं दे रही फिर वह उस ब्रा को और उस बॉडी को गौर से देखा है और देखने के बाद उसे यकीन हो जाता है कि यह तस्वीर किसी और कि नहीं बलकी मेरी बेटी आरती की है क्योंकि इस तस्वीर में जो सब दिख रहा है सब मैचिंग कर रहा है इसका मतलब यह तस्वीर आरती ने खुद खींची है मेरे मोबाइल से ब्रा की फिटिंग दिखाने के लिए ताकि मैं देख सकूं लेकिन उसने इसमें अपना चेहरा क्यों नहीं दिखाई हो सकता है कि उसको शर्म आ रही होगी या फिर वह यह देखना चाह रही है कि मैं पहचान पाता हूं कि नहीं ।फिर वह सभी तस्वीर को बारी-बारी से देख ही जा रहा था और वह यह सोचकर खुश हो रहा था कि आज मेरी बेटी ने अपनी वो चीज दिखा दी जो मैं कभी सोच नहीं सकता था ।

उसने जो ब्रा लाया था वह काफी छोटा था इस वजह से आरती के दूध यानी ( बूब्स) पूरा दीख रहा था जिसको देख के राजनाथ को बहुत आनंद आ रहा था और उसके अरमान फिर से जागने लगता है और उसका लंड भी पजामे के अंदर मे अपना सर उठाने लगता है फिर राजनाथ पजामे के ऊपर से ही अपने हाथ से उसको धीरे-धीरे सहलाने लगता है जिससे उसका लंड और कड़क हो जाता है।


फिर वह सोचने लगता है कि अगर मेरी बेटी खुद मुझे मौका दे रही है तो क्यों ना मैं भी थोड़ा बहुत इस मौके का फायदा उठा लूँ अब आगे देखता हूं वह क्या करती है वह जरूर इस तस्वीर के बारे में दोबारा पूछेगी।

उधर आरती यह सोच रही है कि वह सब तस्वीर देख कर बाबूजी मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे क्या वह तस्वीर को पहचान पाएंगे या नहीं अगर नहीं पहचान पाए तो फिर मुझे कुछ करना पड़ेगा।

फिर कुछ देर आराम करने के बाद राजनाथ कुछ काम करने के लिए बाहर चला जाता है और वह फिर शाम को घर आता है तब तक आरती रात का खाना बना ली थी।

फिर वह राजनाथ और दादी को खाना खाने के लिए कहती है फिर राजनाथ खाना खाने के लिए जाकर बैठता है तभी आरती उधर से खाना लेकर आती है उसको देने के लिए जैसे ही वह झुकती है तो राजनाथ उसकी दूध को देखने की कोशिश करता है ताकि थोड़ा बहुत ब्लाउज के ऊपर से उसके दूध दिखाई दे सके उसने जब से मोबाइल वाली तस्वीर देखी है तब से उसके दिमाग से वह दृश्य जाने का नाम नहीं ले रहा है।

फिर राजनाथ खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला जाता है।

फिर आरती भी अपना खाना खाकर वह भी कुछ देर के बाद दूध का गिलास लेकर राजनाथ को देने के लिए उसके कमरे में जाती है अब दूध का गिलास रखते हुए कहती है बाबूजी दूध पी लीजिए ठंडा हो जाएगा फिर वह सरसों का तेल लाने के लिए जाती है मालिश के लिए फिर कुछ देर में वापस आती है तो देखी है कि राजनाथ अभी भी सोया हुआ तो वह दूध का गिलास हाथ में लेकर उसको देने के लिए जाती और कहती है बाबूजी उठीए ना दूध ठंडा हो रहा है जल्दी से पी लीजिए।

तो फिर राजनाथ कहता है हां बेटा रखो ना थोड़ी देर में पी लूंगा।

तभी आरती उसका हाथ पकड़ कर उठाने लगती है और कहती हैं बाद में नहीं अभी पी लीजिए दूध एकदम ठंडा हो गया है ।


फिर राजनाथ को उठना पड़ता है वह आरती के हाथ से दूध का गिलास लेते हुए कहता है तू भी तो अपना दूध पी लो।

तो आरती कहती है हां हां मैं भी पी रही हूं ऐसा भला हो सकता है कि मेरे पिए पबगैर आप पीले मुझे तो पीना ही पड़ेगा और फिर दोनों मुस्कुराने लगते हैं।


फिर दूध पीने के बाद आरती तेल लेकर मालिश करने लगती है और मालिश करते-करते यही सोच रही है कि बाबूजी उस तस्वीर के बारे में कुछ पूछेंगे उधर राजनाथ भी अपने मन मे यह सोच रहा है की आरती उस तस्वीर के बारे में कुछ पूछेगी।

और दोनों इसी असमंजस में रहते हैं की आरती सोचती है पहले बाबूजी पूछेंगे और राजनाथ सोचता है कि पहले आरती पूछेगी और इसी चक्कर में दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे ।

फिर राजनाथ को लगता है की आरती शायद बोलने में शर्म आ रही है तो फिर वह आरती से कहता है बेटा तुमने वह बात अभी तक नहीं बताई।

तो फिर आरती कहती है कौन सा बात।


तो फिर राजनाथ कहता है वही ब्रा वाली बात जो तुमने कल कहा था कि सुबह बताऊंगी और सुबह से शाम होगई लेकिन अभी तक तुमने बताई नहीं।

तो फिर आरती कहती है कि अच्छा वो वाली बात वह तो मैं बता दूंगी लेकिन उससे पहले आपको मुझे बताना पड़ेगा जो मैंने आपसे पूछी थी।

तो फिर राजनाथ कहता है कि तुमने मुझसे कौन सी बात पूछी थी।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है की याद कीजिए आज दोपहर में मैं आपसे क्या पूछी थी।

तो फिर राजनाथ अनजान बनते हुए बोलता है कहीं तुम मोबाइल वाली तस्वीर की बात तो नहीं कर रही हो।


तो फिर आरती कहती है की आपको सब पता है फिर भी आप मेरे सामने नाटक कर रहे हैं कौन सी तस्वीर क्या तस्वीर।

तो फिर से राजनाथ अनजान बनते हुए कहता है बेटा मुझे सच में उसे तस्वीर के बारे में नहीं पता की वह तस्वीर मेरे मोबाइल में कहां से आई।

तो फिर आरती कहती है की क्या आपको सच में पता नहीं है की तस्वीर किसकी है।

राजनाथ को तो सब पता है कि यह तस्वीर आरती है लेकिन वह मजे लेने के लिए अनजान बन रहा है और वह चाह रहा है की आरती खुद अपने मुंह से बोले कि यह तस्वीर उसकी है।

तो फिर राजनाथ कहता है बेटा मुझे सच में पता नहीं कि यह तस्वीर किसकी अगर मुझे पता होता कि यह तस्वीर किसकी है तो मुझे बताने में क्या दिक्कत थी मैं बता देता।

तो फिर आरती कहती है कि ठीक है अगर आपको पता नहीं है तो फिर रहने दीजिए।

फिर आरती कहती है कि मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं उसी तस्वीर के बारे उसमें जो ब्रा पहनी हुई है उसकी फिटिंग कैसी है।

तो राजनाथ अभी भी अनजान बनते हुए कहता है कि पता नहीं मैंने ठीक से देखा नहीं है तस्वीर को।

तो फिर आरती कहचती है कि ठीक से देखा नहीं है तो अभी देख लीजिए और देख कर मुझे बताइए की कैसी है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि लेकिन क्यों उसकी फिटिंग देखने से क्या होगा।

राजनाथ आरती के सामने दिखावा कर रहा है कि वह तस्वीर को देखना नहीं चाहता है ताकि आरती को लगे की उसका बाप एक शरीफ आदमी है जो उसके सामने वह सब तस्वीर देखने में शरमा रहा है।

और मैं उसकी फिटिंग देखकर क्या करूं तुम खुद ही देखो लो।

तो फिर आरती कहती कि पहले आप देख कर बताइए तो सही उसके बाद में आपको बताऊंगी की क्यों आपको देखने के लिए बोल रही हूं।

तो राजनाथ कथा अच्छा ठीक है कहां है मेरा मोबाइल ला देखकर बता देता हूँ।

फिर आरती मोबाइल उठा कर देती है उसको देखने के लिए आरो मोबाइल चालू करके तस्वीर देखने लगता है और कुछ देर देखने के बात बोलता है कि फिटिंग तो बहुत अच्छी है। दोनों अच्छी है फिटिंग भी और वो भी।

तो फिर आरती कहती है कि दोनों अच्छी है मतलब मैं समझी नहीं क्या दोनों अच्छी है।

तो राजनाथ कहता है वही दोनों ब्रा और उसकी बॉडी दोनों की फिटिंग अच्छी है तस्वीर को देखकर लग रह है कि यह तस्वीर किसी कुंवारी लड़की का है इसकी उम्र 18 19 की लग रही है।

तो फिर आरती शरमाते हुए पूछती है की
आपको कैसे पता की यह किसी कुंवारी लड़की की तस्वीर है।

तो राजनाथ कहता है की इसकी बॉडी देखकर तो यही लग रहा है की यह कुंवारी है।

तो आरती फिर से पूछती है की इसकी बॉडी में ऐसा क्या देख लिया आपने जो आपको लग रहा है कि यह कुंवारी है।

तो फिर राजनाथ कहता है की इसकी बॉडी और इसकी दोनों छाती को देखकर लग रह है कि यह कुंवारी है अगर यह शादीशुदा होती तो इसकी दोनों छाती के साइज बड़े-बड़े होते।

तो आरती अपनी छाती का साइज सुनते ही शर्मा जाती हैं
और कहती है कि ऐसे आप कैसे कह सकते हैं क्या किसी कुंवारी लड़की के साइज बड़े नहीं होते हैं क्या।

तो फिर राजनाथ कहता ह कि हां कुंवारी लड़की के साइज बड़े हो सकते हैं लेकिन एक शादीशुदा औरत की छाती की साइज इतनी छोटी नहीं हो सकती क्योंकि इसकी साइज तभी बढ़ती है जब इसके ऊपर किसी दूसरे का हाथ लगता है और जब किसी लड़की की शादी हो जाती है उसकी सारी संपत्ति उसके हस्बैंड यानी उसके पति के हाथ में चली जाती है और फिर उसके बाद उसका पति उसके साथ क्या करता है यह सभी को पता है। हां अगर कोई लड़की अपने पति को हांथ न लगाने दे तो अलग बात है फिर मैं नहीं कह सकता।

तो आरती कहती है अच्छा ठीक है मैं आपकी बात को मान लेती हूं की यह कुंवारी लड़की है। अब आप इस तस्वीर को दोबारा गौर से देखिए और इसके पीछे की लोकेशन देखकर बताइए कि यह कहां की।

फिर राजनाथ अनजान बनते हुए उस तस्वीर को देखने लगता है और पहचान की कोशिश करता है कि यह लोकेशन कहां की है कुछ देर देखने के बाद कहता की यह तो अपने घर की लोकेशन लग रहा है लेकिन इसमें कैसे आया।

तो फिर आती कहती है कि यह तो ठीक है की आपने इस लोकेशन को पहचान लिया अब आप यह बताइए की इस ब्रा को आप पहचानते हैं कि नहीं।


फिर राजनाथ ब्रा को देखते हुए कहता है कि यह तो वही ब्रा लग रहा है जो मैंने तुमको ला कर दिया था।

तो फिर आरती कहती है की
इसकी लोकेशन हमारे घर की है और यह ब्रा भी वही है जो आपने मुझे ला कर दिया था अब आप मुझे यह बताइए कि इस ब्रा को पहनने वाली इस घर में और कौन है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि तुम यह कहना चाह रही हो कि यह तस्वीर तुम्हारी है।


तो फिर आरती कहती है कि आपको क्या लग रहा है किया तस्वीर मेरी नहीं है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि मुझे कैसे पता चलता है की यह तस्वीर तुम्हारी है तुमने इसमें अपना चेहरा ही नहीं दिखाया है तो मैं कैसे बताता की तस्वीर तुम्हारी है ।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है कि आप अपनी बेटी को ही नहीं पहचान पाए तो मैं आपसे और क्या कहूंगी।

तो फिर राजनाथ भी मुस्कुराते हुए कहता हैं अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे कि मैं तुमको पहले भी इस रूप में देखा है ।

तो आरती फिर से मुस्कुराते हुए कहती है इस रूप में नहीं देखा है तो क्या हुया लेकिन आप मुझे हर रोज तो देखते हैं ना।

तो राजनाथ भी मजे लेते हुए कहता है रोज देखता हूं तो साड़ी ब्लाउज में देखता हूं की ब्रा पैंटी में देखता हूं।

तो फिर आरती कहती है कि अच्छा तो आप मुझे ब्रा और पैंटी में देखना चाहते हैं।

तो फिर राजनाथ कहता है कि अरे मैंने कब कहा कि मैं तुम्हें ब्रा पैंटी मे देखना चाहता हूं वह तो मैं एग्जांपल दे रहा था कि अगर साड़ी ब्लाउज वाली तस्वीर होती तो मैं पहचान लेता।

तो फिर आरती कहती है कि वह सब छोड़िए और आप यह बताइए की फिटिंग कैसी है।

आगे की कहानी अगले भाग में।

(अगला भाग पेज नंबर 25 में मिलेगा)
 
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भाग। १५

फिर राजनाथ दोपहर में वापस घर आता है खाना खाने के लिए तो आरती उसको खाना देती है फिर वह खाना खाकर अपने कमरे में आराम करने के लिए जा रहा था तो आरती उसको मोबाइल देते हुए कहती है बाबूजी मोबाइल ले लीजिए फिर मुस्कुराते हुए कहती है मोबाइल में बहुत अच्छी-अच्छी तस्वीर है किसकी है वह तस्वीर ।

तो फिर राजनाथ कहता तस्वीर कौन सी तस्वीर इसमें तो कोई तस्वीर नहीं है।

यह तो आरती को भी पता है कि मोबाइल में कोई तस्वीर पहले से नहीं थी वह तो उस तस्वीर की बात कर रही जो अभी उसने थोड़ी देर पहले अपनी ब्रा वाली तस्वीर खींची है उसकी बात कर रही है जिसके बारे में राजनाथ को कोई पता नहीं है।

तो आरती कहती है अरे वाह मोबाइल आपका है और आप ही को पता नहीं है कि इसमें तस्वीर है वह किसकी है।


तो राजनाथ उससे पूछता है कि तुम कौन सी तस्वीर की बात कर रही है जो मुझे पता नहीं है। फिर वह अपना मोबाइल चालू करके देखने लगता है ।

तो आरती कहती है ठीक है नहीं बताना चाहते हैं तो मत बताइए जाइए जाकर आराम कीजिए ।

फिर राजनाथ मोबाइल लेकर कमरे में चला जाता है सोने के लिए फिर वह अपना मोबाइल चालू करके देखने लगता है और सोचता है की आरती कौन सी तस्वीर की बात कर रही है जैसे ही वह फाइल खोलता है और वह तस्वीर देखते ही चौंक जाता है और सोचने लगते हैं कि यह सब तस्वीर मेरे मोबाइल में कैसे आया फिर वह उसे तस्वीर को गौर से देखने लगता है कि यह सब तस्वीर किसकी है क्योंकि उसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था सभी तस्वीर को बार-बार गौर से देखने लगता है तभी उसकी नजर तस्वीर की पीछे वाली लोकेशन पर जाती है और वह उसे लोकेशन को गौर से देखने लगता है और देखते ही समझ जाता है कि यह लोकेशन उसी की घर की है लेकिन फिर भी उसका दिल मानने को तैयार नहीं था और बोल रहा था कि नहीं यह नहीं हो सकता फिर वह सभी तस्वीर को बारी-बारी से देखने लगता और तसल्ली करने लगता है कि कहीं मेरी आंख धोखा तो नहीं दे रही फिर वह उस ब्रा को और उस बॉडी को गौर से देखा है और देखने के बाद उसे यकीन हो जाता है कि यह तस्वीर किसी और कि नहीं बलकी मेरी बेटी आरती की है क्योंकि इस तस्वीर में जो सब दिख रहा है सब मैचिंग कर रहा है इसका मतलब यह तस्वीर आरती ने खुद खींची है मेरे मोबाइल से ब्रा की फिटिंग दिखाने के लिए ताकि मैं देख सकूं लेकिन उसने इसमें अपना चेहरा क्यों नहीं दिखाई हो सकता है कि उसको शर्म आ रही होगी या फिर वह यह देखना चाह रही है कि मैं पहचान पाता हूं कि नहीं ।फिर वह सभी तस्वीर को बारी-बारी से देख ही जा रहा था और वह यह सोचकर खुश हो रहा था कि आज मेरी बेटी ने अपनी वो चीज दिखा दी जो मैं कभी सोच नहीं सकता था ।

उसने जो ब्रा लाया था वह काफी छोटा था इस वजह से आरती के दूध यानी ( बूब्स) पूरा दीख रहा था जिसको देख के राजनाथ को बहुत आनंद आ रहा था और उसके अरमान फिर से जागने लगता है और उसका लंड भी पजामे के अंदर मे अपना सर उठाने लगता है फिर राजनाथ पजामे के ऊपर से ही अपने हाथ से उसको धीरे-धीरे सहलाने लगता है जिससे उसका लंड और कड़क हो जाता है।


फिर वह सोचने लगता है कि अगर मेरी बेटी खुद मुझे मौका दे रही है तो क्यों ना मैं भी थोड़ा बहुत इस मौके का फायदा उठा लूँ अब आगे देखता हूं वह क्या करती है वह जरूर इस तस्वीर के बारे में दोबारा पूछेगी।

उधर आरती यह सोच रही है कि वह सब तस्वीर देख कर बाबूजी मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे क्या वह तस्वीर को पहचान पाएंगे या नहीं अगर नहीं पहचान पाए तो फिर मुझे कुछ करना पड़ेगा।

फिर कुछ देर आराम करने के बाद राजनाथ कुछ काम करने के लिए बाहर चला जाता है और वह फिर शाम को घर आता है तब तक आरती रात का खाना बना ली थी।

फिर वह राजनाथ और दादी को खाना खाने के लिए कहती है फिर राजनाथ खाना खाने के लिए जाकर बैठता है तभी आरती उधर से खाना लेकर आती है उसको देने के लिए जैसे ही वह झुकती है तो राजनाथ उसकी दूध को देखने की कोशिश करता है ताकि थोड़ा बहुत ब्लाउज के ऊपर से उसके दूध दिखाई दे सके उसने जब से मोबाइल वाली तस्वीर देखी है तब से उसके दिमाग से वह दृश्य जाने का नाम नहीं ले रहा है।

फिर राजनाथ खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला जाता है।

फिर आरती भी अपना खाना खाकर वह भी कुछ देर के बाद दूध का गिलास लेकर राजनाथ को देने के लिए उसके कमरे में जाती है अब दूध का गिलास रखते हुए कहती है बाबूजी दूध पी लीजिए ठंडा हो जाएगा फिर वह सरसों का तेल लाने के लिए जाती है मालिश के लिए फिर कुछ देर में वापस आती है तो देखी है कि राजनाथ अभी भी सोया हुआ तो वह दूध का गिलास हाथ में लेकर उसको देने के लिए जाती और कहती है बाबूजी उठीए ना दूध ठंडा हो रहा है जल्दी से पी लीजिए।

तो फिर राजनाथ कहता है हां बेटा रखो ना थोड़ी देर में पी लूंगा।

तभी आरती उसका हाथ पकड़ कर उठाने लगती है और कहती हैं बाद में नहीं अभी पी लीजिए दूध एकदम ठंडा हो गया है ।


फिर राजनाथ को उठना पड़ता है वह आरती के हाथ से दूध का गिलास लेते हुए कहता है तू भी तो अपना दूध पी लो।

तो आरती कहती है हां हां मैं भी पी रही हूं ऐसा भला हो सकता है कि मेरे पिए पबगैर आप पीले मुझे तो पीना ही पड़ेगा और फिर दोनों मुस्कुराने लगते हैं।


फिर दूध पीने के बाद आरती तेल लेकर मालिश करने लगती है और मालिश करते-करते यही सोच रही है कि बाबूजी उस तस्वीर के बारे में कुछ पूछेंगे उधर राजनाथ भी अपने मन मे यह सोच रहा है की आरती उस तस्वीर के बारे में कुछ पूछेगी।

और दोनों इसी असमंजस में रहते हैं की आरती सोचती है पहले बाबूजी पूछेंगे और राजनाथ सोचता है कि पहले आरती पूछेगी और इसी चक्कर में दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे ।

फिर राजनाथ को लगता है की आरती शायद बोलने में शर्म आ रही है तो फिर वह आरती से कहता है बेटा तुमने वह बात अभी तक नहीं बताई।

तो फिर आरती कहती है कौन सा बात।


तो फिर राजनाथ कहता है वही ब्रा वाली बात जो तुमने कल कहा था कि सुबह बताऊंगी और सुबह से शाम होगई लेकिन अभी तक तुमने बताई नहीं।

तो फिर आरती कहती है कि अच्छा वो वाली बात वह तो मैं बता दूंगी लेकिन उससे पहले आपको मुझे बताना पड़ेगा जो मैंने आपसे पूछी थी।

तो फिर राजनाथ कहता है कि तुमने मुझसे कौन सी बात पूछी थी।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है की याद कीजिए आज दोपहर में मैं आपसे क्या पूछी थी।

तो फिर राजनाथ अनजान बनते हुए बोलता है कहीं तुम मोबाइल वाली तस्वीर की बात तो नहीं कर रही हो।


तो फिर आरती कहती है की आपको सब पता है फिर भी आप मेरे सामने नाटक कर रहे हैं कौन सी तस्वीर क्या तस्वीर।

तो फिर से राजनाथ अनजान बनते हुए कहता है बेटा मुझे सच में उसे तस्वीर के बारे में नहीं पता की वह तस्वीर मेरे मोबाइल में कहां से आई।

तो फिर आरती कहती है की क्या आपको सच में पता नहीं है की तस्वीर किसकी है।

राजनाथ को तो सब पता है कि यह तस्वीर आरती है लेकिन वह मजे लेने के लिए अनजान बन रहा है और वह चाह रहा है की आरती खुद अपने मुंह से बोले कि यह तस्वीर उसकी है।

तो फिर राजनाथ कहता है बेटा मुझे सच में पता नहीं कि यह तस्वीर किसकी अगर मुझे पता होता कि यह तस्वीर किसकी है तो मुझे बताने में क्या दिक्कत थी मैं बता देता।

तो फिर आरती कहती है कि ठीक है अगर आपको पता नहीं है तो फिर रहने दीजिए।

फिर आरती कहती है कि मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं उसी तस्वीर के बारे उसमें जो ब्रा पहनी हुई है उसकी फिटिंग कैसी है।

तो राजनाथ अभी भी अनजान बनते हुए कहता है कि पता नहीं मैंने ठीक से देखा नहीं है तस्वीर को।

तो फिर आरती कहचती है कि ठीक से देखा नहीं है तो अभी देख लीजिए और देख कर मुझे बताइए की कैसी है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि लेकिन क्यों उसकी फिटिंग देखने से क्या होगा।

राजनाथ आरती के सामने दिखावा कर रहा है कि वह तस्वीर को देखना नहीं चाहता है ताकि आरती को लगे की उसका बाप एक शरीफ आदमी है जो उसके सामने वह सब तस्वीर देखने में शरमा रहा है।

और मैं उसकी फिटिंग देखकर क्या करूं तुम खुद ही देखो लो।

तो फिर आरती कहती कि पहले आप देख कर बताइए तो सही उसके बाद में आपको बताऊंगी की क्यों आपको देखने के लिए बोल रही हूं।

तो राजनाथ कथा अच्छा ठीक है कहां है मेरा मोबाइल ला देखकर बता देता हूँ।

फिर आरती मोबाइल उठा कर देती है उसको देखने के लिए आरो मोबाइल चालू करके तस्वीर देखने लगता है और कुछ देर देखने के बात बोलता है कि फिटिंग तो बहुत अच्छी है। दोनों अच्छी है फिटिंग भी और वो भी।

तो फिर आरती कहती है कि दोनों अच्छी है मतलब मैं समझी नहीं क्या दोनों अच्छी है।

तो राजनाथ कहता है वही दोनों ब्रा और उसकी बॉडी दोनों की फिटिंग अच्छी है तस्वीर को देखकर लग रह है कि यह तस्वीर किसी कुंवारी लड़की का है इसकी उम्र 18 19 की लग रही है।

तो फिर आरती शरमाते हुए पूछती है की
आपको कैसे पता की यह किसी कुंवारी लड़की की तस्वीर है।

तो राजनाथ कहता है की इसकी बॉडी देखकर तो यही लग रहा है की यह कुंवारी है।

तो आरती फिर से पूछती है की इसकी बॉडी में ऐसा क्या देख लिया आपने जो आपको लग रहा है कि यह कुंवारी है।

तो फिर राजनाथ कहता है की इसकी बॉडी और इसकी दोनों छाती को देखकर लग रह है कि यह कुंवारी है अगर यह शादीशुदा होती तो इसकी दोनों छाती के साइज बड़े-बड़े होते।

तो आरती अपनी छाती का साइज सुनते ही शर्मा जाती हैं
और कहती है कि ऐसे आप कैसे कह सकते हैं क्या किसी कुंवारी लड़की के साइज बड़े नहीं होते हैं क्या।

तो फिर राजनाथ कहता ह कि हां कुंवारी लड़की के साइज बड़े हो सकते हैं लेकिन एक शादीशुदा औरत की छाती की साइज इतनी छोटी नहीं हो सकती क्योंकि इसकी साइज तभी बढ़ती है जब इसके ऊपर किसी दूसरे का हाथ लगता है और जब किसी लड़की की शादी हो जाती है उसकी सारी संपत्ति उसके हस्बैंड यानी उसके पति के हाथ में चली जाती है और फिर उसके बाद उसका पति उसके साथ क्या करता है यह सभी को पता है। हां अगर कोई लड़की अपने पति को हांथ न लगाने दे तो अलग बात है फिर मैं नहीं कह सकता।

तो आरती कहती है अच्छा ठीक है मैं आपकी बात को मान लेती हूं की यह कुंवारी लड़की है। अब आप इस तस्वीर को दोबारा गौर से देखिए और इसके पीछे की लोकेशन देखकर बताइए कि यह कहां की।

फिर राजनाथ अनजान बनते हुए उस तस्वीर को देखने लगता है और पहचान की कोशिश करता है कि यह लोकेशन कहां की है कुछ देर देखने के बाद कहता की यह तो अपने घर की लोकेशन लग रहा है लेकिन इसमें कैसे आया।

तो फिर आती कहती है कि यह तो ठीक है की आपने इस लोकेशन को पहचान लिया अब आप यह बताइए की इस ब्रा को आप पहचानते हैं कि नहीं।


फिर राजनाथ ब्रा को देखते हुए कहता है कि यह तो वही ब्रा लग रहा है जो मैंने तुमको ला कर दिया था।

तो फिर आरती कहती है की
इसकी लोकेशन हमारे घर की है और यह ब्रा भी वही है जो आपने मुझे ला कर दिया था अब आप मुझे यह बताइए कि इस ब्रा को पहनने वाली इस घर में और कौन है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि तुम यह कहना चाह रही हो कि यह तस्वीर तुम्हारी है।


तो फिर आरती कहती है कि आपको क्या लग रहा है किया तस्वीर मेरी नहीं है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि मुझे कैसे पता चलता है की यह तस्वीर तुम्हारी है तुमने इसमें अपना चेहरा ही नहीं दिखाया है तो मैं कैसे बताता की तस्वीर तुम्हारी है ।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है कि आप अपनी बेटी को ही नहीं पहचान पाए तो मैं आपसे और क्या कहूंगी।

तो फिर राजनाथ भी मुस्कुराते हुए कहता हैं अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे कि मैं तुमको पहले भी इस रूप में देखा है ।

तो आरती फिर से मुस्कुराते हुए कहती है इस रूप में नहीं देखा है तो क्या हुया लेकिन आप मुझे हर रोज तो देखते हैं ना।

तो राजनाथ भी मजे लेते हुए कहता है रोज देखता हूं तो साड़ी ब्लाउज में देखता हूं की ब्रा पैंटी में देखता हूं।

तो फिर आरती कहती है कि अच्छा तो आप मुझे ब्रा और पैंटी में देखना चाहते हैं।

तो फिर राजनाथ कहता है कि अरे मैंने कब कहा कि मैं तुम्हें ब्रा पैंटी मे देखना चाहता हूं वह तो मैं एग्जांपल दे रहा था कि अगर साड़ी ब्लाउज वाली तस्वीर होती तो मैं पहचान लेता।

तो फिर आरती कहती है कि वह सब छोड़िए और आप यह बताइए की फिटिंग कैसी है।

आगे की कहानी अगले भाग में।

Gajab ...Superb update
 
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