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Incest अर्जुन एक महायोद्धा (इंसेक्ट ,मैजिक+रोमेंस+एडल्ट्री फाइट )

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Rohit875

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आप लोग बताइए सेक्स सीन किसके साथ होना चाहिए पहला कमेंट करिए जिसके ज्यादा होंगे उसका स्कैन दूंगा ।
 

Rohit875

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Mai samajhta hu bhai or aapne ek baat Sayad gaur ki ho, Mai kabhi bhi writer ko waiting likh kr post nhi karta... Iske Bahut se karan hai jo story section me Charcha nhi kr sakte, rahi baat response ki to dekho mujhse kuchh ho ska to karta hu kuchh...
Ha sayad apka koi karn ho skta hai
 

Rohit875

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और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।

किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।


मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।


महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।


महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।

में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।

अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।


इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।

वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।

मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।

समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।

काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।

कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।

इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।

चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।


अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।

मुझे देखते ही बोली

वेताली "> आप कहीं गए थे क्या

अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।

धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।

इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था

जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।


आज के लिए इतना ही ।
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।

किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।


मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।


महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।


महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।

में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।

अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।


इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।

वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।

मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।

समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।

काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।

कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।

इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।

चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।


अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।

मुझे देखते ही बोली

वेताली "> आप कहीं गए थे क्या

अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।

धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।

इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था

जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।


आज के लिए इतना ही ।
Durmukhasur ki Bibi ko arjun ki akarshan shakti ne aisa jadu kiya hai ki Vo arjun ki baat manne ke liye utavli ho gyi hai pr arjun ne use kuchh bate bta kr use sochne samajhne ke liye kuchh Samay diya hai, Vahi durmukhasur ko kisi bahri shakti ke Mahal me pravesh karne ka abhas ho gya hai jiske chalte Usne apne bete ko suchna de diya hai ab arjun ko jald hi or savdheni purvak maharani or durmukhasur ki betiyo Ko apni taraf milana hoga... Superb update bhai sandar jabarjast
 

andyking302

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अर्जुन एक महायोद्धा (इंसेट)

हेलो दोस्तो

इस साईट पर नया हु तो वैसे मेने इस साईट पर काफी सारी कहानियां पढ़ी हैं काफी कुछ सीखने को मिला है बहुत कहानियां अच्छी निकली है ।जो मुझे पसंद आई उन्ही से प्रेरणा लेकर मैं एक कहानी लेकर आया हु । ये एक इंसेक्ट कहानी है और पूरी तरह से समाज के खिलाफ जाती है तो धैर्य रखें और कॉमेंट करते समय अपने शब्दो का सही चुनाव करे उम्मीद है आप लोग मेरा पूरा सहयोग करेंगे मैं अपनी खुद की एक कहानी लिखना चाहता हु । उम्मीद है आपको पसंद आएगी । में कोइ प्रोफेशनल राइटर नही हु ना ही मुझे इतनी समझ है अगर कहानी लिखने में कोई गलती हो जाए तो क्षमा चाहता हु । अपना नया और छोटा भाई समझ कर माफ कर देना और जो गलती दिखे उससे जरूर बताना ताकि मैं उससे सुधार सकू । ये कहानी काल्पनिक है इसका किसी भी मृत और जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नही है मेरी कहानी किसी भी धर्म को बढ़ावा या उसको नीचा दिखाने के लिए भी है अगर किसी को ऐसा लगे माफ करना भाई लोग वैसे इसमें किसी धर्म के बारे में कोई बात नही सिर्फ कहानी के आधार के लिए लिया जाएगा ।



फेमिली इंट्रो

अनिल> ये है अर्जुन के डैड है गुड लूकिंग एंड चार्मिंग हैं इनकी एज लगभग पचास साल है लेकिन अभी भी जवान लगते है अपनी बीबी और बच्चो से बहुत प्यार करते है इनकी जान इनके परिवार में बसती है । ये एक बिजनेसमैन है
सरिता > ये है सरिता देवी बहुत ही सुंदर हाउस वाइफ है कभी कभी अपने पति के ऑफिस के काम में भी हाथ बंटा देती है लेकिन ज्यादा तर अपनी फेमिली के साथ टाइम विताती है इन दोनो की लव मैरिज हुई थी ।
अंजली > ये है अपने हीरो की बड़ी बहन है और साथ मैं लवर भी है जिसमे अपने हीरो की जान बसती है इसकी बॉडी क्या कहने इतनी सुंदर है की क्या बताऊं मेनका भी उसके आगे कुछ नही थी क्या फिगर था पतली कमर पीछे उठी हुए बैक बड़े बड़े बूब्स थे वो बीस साल की थी पूरी जवान थी उससे देख कर पानी निकल जाए ऐसा जिस्म था उसका दिखने में एक दम मासूम गोल चेहरा था । अपने परिवार की जान है ये अब कॉलेज है बीटेक कर रही है कॉलेज काफी लड़के ट्राई कर चुके हैं और कर रहे है लेकिन ये तो अपने राजकुमार के सपने संजो कर बैठी हैं ।

स्वीटी >ये है अपने हीरो की छोटी बहन है जो बहुत ही सुंदर है चुलबुली और नटखट है सेक्सी बॉडी है कोई भी देखे तो बस देखता ही रह जाए । ये दोनो अपने हीरो की सबसे बड़ी कमजोरी हैं अगर कोई अपने हीरो को बोले की अगर अपनी बहन की जान बचानी है तो अपनी गर्दन काट लो तो महाशय एक सेकेंड का भी टाइम ना लगाएं। ये कॉलेज में पढ़ती है। बीटेक कर रही है

फ्रेंड्स इंट्रो >

रोहित ..एज उन्नीस है सिंपल है अच्छा दिखता है इसके घर मैं इसकी मां और उसकी एक बहन है
सरमिला देवी ...बयालीस साल रंग गोरा नॉर्मल बॉडी है विधवा है उसके पापा का किसी ने मर्डर कर दिया था किसी रंजिश के चलते ।
रीमा .... ये रोहित की छोटी बहन है ये भी अपनी मां की तरह सुंदर दिखती है एक दम आइटम है इसकी एज अठहरा साल है ।
राहुल .... ये इक्कीस साल का है बॉडी अच्छी है लेकिन बहुत ही चालाक है आगे पता चलेगा इसके बारे में इसकी वजह से ही रोहित वो करता है जो वो कभी नही करना चाहता था इसके घर मैं इसकी मां और पापा है । इनका कहानी मैं अभी कोई रोल नहीं है अगर आएगा तो बता दिया जाएगा । अभी किसी न्यू कैरेक्टर की एंट्री नही है अगर होगी तो कहानी के साथ इंट्रो कर दिया जाएगा ।


धन्यवाद ।
Congratulations bhai for new story
 

andyking302

Well-Known Member
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रोहित .... सोच रहा हु तू शरीफ है या सिर्फ बनने की एक्टिंग है उसकी बात सुन कर अर्जुन कहता है
अर्जुन... साफ साफ बोल क्या बोलना चाहता है ।

अब आगे>
रोहित... रोहित मुस्कराते हुए बोला सीधी सी बात है जब मैडम तुझे देख कर इस्माइल करती है तो तू ऐसा मुंह बनाता है जैसे तू बहुत मासूम है और कुछ भी नही जानता है और जब मैडम क्लास से बाहर जाने के लिए मुड़ती है या तेरी तरफ नही देखती तब तू उसकी गांड़ को घूरता है और स्माइल करता है सारा दिन मैडम को देख कर आंहए भरता रहता है उसकी बात सुन कर अर्जुन मुस्करा देता है और तभी दोनो की तरफ एक चोक का टुकड़ा आकार रोहित के सर पे लगता है जिससे रोहित हड़वा जाता है पीछे बैठे हुये राहुल की हसी छूट जाती है
सोनाली ... स्टंड अप इतना सुनते ही तीनो खड़े हो जाते है गेट आउट ऑफ माई क्लास अब अर्जुन की तो लॉटरी लग गई थी इतना सुनते है वो उठा और बाहर जाने लगा और पीछे पीछे उसकी सेना जाने लगी । बाहर जाते ही अर्जुन बोला ।
अर्जुन... थैंक्स रोहित रोहित इतना सुन कर उसकी तरफ ऐसे देखता है जैसे अर्जुन कोई एलियन हो
अर्जुन... ऐसे क्या देख रहा है अब जब सामने से खान मिलेगा तो कोन मना करेगा वो देख मैडम की गांड़ क्या मस्त है और मन करता है अभी पटक के चोद दूं ।
रोहित .. अबे सुधार जा तू कब तक ऐसी हरकतें करेगा तू किसी दिन अंजली ने देख लिया तो तू मैडम की मारे या ना मारे अंजली तेरी जरूर मरेगी समझ गया उसकी बात सुन कर अर्जुन के चेहरे पर बारह बज जाते है उसे पता था अगर गलती एस भी उससे पता चला तो वो उसको कच्चा खा जायेगी अभी ये बाते कर रहे है करने देते है यहां दूर एक जंगल में एक ऋषि ध्यान में बैठे हुए थे जिनका नाम था ऋषि भेरू अचानक से उनको स्वपन्न आता है की जल्द ब्रहमांड के लिए एक महाविनाशक खतरा आने वाला है क्योंकि पहले से ही असुरों ने पृथ्वी हाहाकार मचा रखा था और अब एक कल्पना से भी परे था जिसके बारे में पता चलते है उनके चेहरे पर चिंता उमड़ आती है तभी उन्हें किसी की आवाज उनके मन में सुनाई देती है।
आवाज ... चिंतित ना हो ऋषि श्रेष्ठ सब मंगल होगा ।
ऋषि ... कैसे चिंतित ना ही प्रभु आप से तो कुछ भी छुपा नही हैं और अब तो कलयुग है आप में से कोई भी अवतार भी ले सकता है फिर भी आप कह रहे हैं में चिंतित ना होऊं ।
प्रभु .... हम आपकी चिंता समझते है ऋषिश्रेष्ठ आपको एक काम करना होगा ऋषि श्रेष्ठ
ऋषि श्रेष्ठ ... आज्ञा कीजिए प्रभु ।
जी हा वे प्रभु थे जो ऋषि श्रेष्ठ से टेलीपेथी के जरिए बात कर रहे थे ।
प्रभु ...ऋषि श्रेष्ठ आपको एक ऐसे बच्चे को डुंडना होगा जिसका जन्म रोहिणी नक्षत्र में महापूर्णिमा की रात्रि को हुआ हो ।
ऋषि श्रेष्ठ .... उससे क्या होगा प्रभु और हम उसे कैसे डूंडेंगे कोई रास्ता बताइए प्रभु ।
प्रभु... आप भली भांति जानते है ऋषि श्रेष्ठ आपको क्या करना है फिर इस भी ये पूछने का क्या कारण है और प्रभु की हसने की आवाज आती है आपको उस दिशा में जाना हैं जहां अपने तपस्या की थी समझ गए ना हम क्या कहना चाहते है ऋषि श्रेष्ठ
ऋषि श्रेष्ठ..जी प्रभु एक बात और है हमारे मन में
प्रभु .. कहिए क्या बात है ।
ऋषि श्रेष्ठ ...प्रभु आप जानते है ना उसके अकेले के बस का कुछ नही है क्योंकि वो उसे रोक तो सकता है किंतु उसका अंत करने के लिए उसकी दोनों शक्तियां उसके साथ हो तब ही वो उससे खत्म कर सकता है क्योंकि उसने शैतान को प्रसन्न किया था जिसके कारण उससे मरना मुस्किल था और अब तो देवों से मिले वरदान ने उससे लगभग अमर बना दिया है क्योंकि वो ये जानता है कि पृथ्वी पर कोई भी देव इस युग में जन्म नही लेगा और देव और देवियां एक साथ जन्म नही ले सकती हैं जिसका बो पूरा लाभ उठा रहा है ।
प्रभु .... हम जानते हैं ऋषि श्रेष्ठ पहले आप उस बच्चे का पता लगाइए आगे हम आपको बाद में बताएंगे और हा जब तक वो उससे लड़ने के लिए तैयार नहीं हो जाता किसी को भी उसके बारे में पता नही चलना चाहिए इस बात का खास ध्यान रहे ।
ऋषि... जो आज्ञा प्रभु ऐसा ही होगा ।
ऋषि भेरू ....अब मुझे निकालना होगा क्योंकि बहुत जल्दी वो विनाश के लिए आने वाला है ऐसा सोचते ही ऋषि भेरू अपनी कुटिया की ओर चले देते है और कुछ सामान पोटली में रख कर कुटिया को बंद करके पूर्व दिशा की ओर बड़ जाते हैं । इधर अर्जुन इन सन बातों से दूर अपनी ही मस्ती में अपनी जिंदगी का आनंद एल रहा था इधर जब अर्जुन की क्लास से सोनाली निकल कर बाहर गई तो अर्जुन अंदर गया और अपनी शीट पर बैठा गया उसके साइड बाली आगे की शीट पर अंजली बैठी हुई थी और उससे घुर रही थी उसे देखते ही अर्जुन समझ कुछ तो लोचा है आज तो खैर नहीं परसों तो एक गलतवाहमी की वजह से इसने बहुत मारा था और सोचने लगता है जब उसमे दबादब मुक्के कोहनी और थापड़ पड़ रहे थे और फिर पीटने के बाद खुद ही अंजली रोने लगती है अर्जुन की हालत देख कर और खुद को मारने लगती है तुरंत ही अर्जुन उसका हाथ पकड़ लेता है और कहता है ।

अर्जुन ....ऐसी गलती कभी मत करना क्योंकि तुम्हे कुछ होने से पहले में इस संसार में आग लगा दूंगा ।उसका गुस्सा देख कर अंजली उसे देखने लगती है और कहती है ।

अंजली ... तू ऐसा क्यों करता है जिससे मुझे तुझ पर हाथ उठाना पड़ जाता है और में खुद इसकी सजा भी भी डी सकती हु ।

अर्जुन... लेकिन ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह एस अपने मेरी रुई की तरह धुलाई कर दी उसकी बात सुनकर अंजली बोलती है ।

अंजली... तुझे सच में भी पता तूने क्या किया है सुकर मना मेने ये बात स्वीटी को नही बताई वरना आज तेरा मर्डर पक्का था । उसकी बात सुनकर अर्जुन उसे कन्फ्यूजन के साथ देखने लगता है क्योंकि उसे कुचब्बी समझ नही आ रहा था ।

अर्जुन... बात क्या है दीदी कुछ बताएंगी तो कुछ पता चलेगा और उसको बताने की जरूरत भी भी है वरना वो निचोड़ डालेगी ।
अंजली ... ये बता तू उस दिन स्वेता के साथ क्या कर रहा था ।
नया इंट्रो

स्वेता> इसका नाम स्वेता है अच्छी दिखती है टाइट कपड़े पहनने का सोक है इसके घर में इसकी मां पापा और एक छोटा भाई है पापा प्राइवेट जॉब करते है सीधे साधे आदमी हैं ।छोटा भाई वो स्कूल में पढ़ता है
स्वेता अंजली की क्लासमेंट है स्कूल की उसके ज्यादा क्लोज तो नही लेकिन फ्रेंड्स अच्छे है दोनो और स्वीटी की पहचान उससे कालेज में हुए क्योंकि दोनो अलग अलग स्कूल में पढ़ती थी और स्वेता कभी घर नही आई इन दोनो के
अंजली और स्वीटी की कॉमन फ्रेंड है स्कूल में तो स्वेता अंजली के साथ पड़ती थी और स्वीटी की जान पहचान कॉलेज में मिलने के बाद हुए है ।उसकी बात सुन कर अर्जुन कोना आ जाता है जब वो स्वेता से बात कर रहा था ।
स्वेता > हेलो मिस्टर क्या नाम है आपका स्वेता की आवाज सुन कर अर्जुन पीछे मुड़ जाता है तो देखता है के एक खूबसूरत लड़की उसके सामने खड़ी है ।
अर्जुन .... हेलो मिस

स्वेता ... स्वेता

अर्जुन .. .. मिस स्वेता मेरा नाम अर्जुन है कहिए कोई काम ही आपको ।

स्वेता ....नही तो आप सामने पड़ गए तो आपको आवाज दे दी ।

अर्जुन .... ओके मिस स्वेता जी अब में चलता हु मुझे क्लास के लिए लेट हो रहा है और कहते हुए क्लास की और बड़ने के लिए मुड़ गया तो सामने उसको अंजली दिख गई जिसे देखते ही उसकी गांड़ फट के हाथ में गई उसने देखा अंजली उससे घुर रही है जिसके कारण अर्जुन के पैर उसी जगह जम गए पीछे स्वेता बोली

स्वेता ...क्या हुआ मिस्टर अर्जुन आप रुक क्यों गए ।

अर्जुन... कुछ नही बो में कुछ सोच रहा था ओक बाय कहते हुए आगे बड़ जाता है स्वेता को कुछ भी समझ नही आता बो भी अपनी क्लास की तरफ बड़ जाती है (उसने सब्जेक्ट अलग लिया इसलिए )

अभी के लिए इतना ही बाकी अगले एपिसोड में ।
Nice
 

parkas

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और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।

किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।


मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।


महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।


महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।

में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।

अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।


इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।

वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।

मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।

समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।

काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।

कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।

इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।

चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।


अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।

मुझे देखते ही बोली

वेताली "> आप कहीं गए थे क्या

अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।

धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।

इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था

जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।


आज के लिए इतना ही ।
Nice and excellent update....
 
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The king

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और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।

किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।


मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।


महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।


महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।

में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।

अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।


इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।

वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।

मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।

समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।

काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।

कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।

इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।

चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।


अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।

मुझे देखते ही बोली

वेताली "> आप कहीं गए थे क्या

अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।

धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।

इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था

जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।


आज के लिए इतना ही ।
Nice update bhai waiting for next update
 
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