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Incest अलका : एक लम्बी कहानी

alkajaat

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चार जने हो चुके थे वो, लेक्किन लाला सोच रहा था की
क्या फातिमा एक किन्नर से सेक्स के लिए मान जायेगी....??

20241007-025450
चार जने हो चुके थे वो, लेकिन लाला सोच रहा था की क्या फातिमा एक किन्नर से सेक्स के लिए मान जायेगी....??


लाला बोला – लेकिन फातिमा आज तो सामान काफी लेना पड़ेगा तुमको, दो-दो सामान है आज तो यहाँ सोच लो थैला फट न जाये तुम्हारा….? फातिमा- आज तो तमन्ना है की मेरा थैला फाड़ ही दो ना आप लालाजी !! इस तरह उतेजित फातिमा को देखकर लाला का लंड उसकी धोती में तम्बू बनाने लगा, जो फातिमा से छुपा नही और फातिमा ने लाला का लंड धोती के ऊपर से पकड़ लिया,लाला का 6 इंच का लंड जवान फातिमा का हाथ लगते ही फुंकारने लगा...अब लाला भी खुल गया और फातिमा को दबोचकर किस करने लगा,आज फातिमा अच्छे से संवरी हुई थी और मेकअप भी किया हुआ था..इस वजह से भी लाला का मन आ गया था उसपर, तभी लाला को याद आया की ऊपर कमरे में दो छक्के लैला और उसका चेला मोना उसका ही इन्तजार कर रहे है..तो लाला ने फातिमा को ऊपर चलने का बोला,लाला बाहर दुकान का दरवाजा बंद करने चला गया.. फातिमा तो यही चाहती थी और वो जल्दी से सीढ़ियों पर चढ़कर ऊपर गई तो आगे लैला और मोना बिस्तर पर बैठे हुए थे..उसको देखकर लैला तो खुश हुई,, लेकिन मोना सकपका गया..क्यूंकि उसको अभी की कहानी मालूम नहीं थी.. फिर मोना को लैला ने एक इशारा किया तो वो समझ गया कि फातिमा भी मजे लेने आई है..फातिमा और लैला की आँखे मिली दोनों एक-दुसरे को देखकर मुस्कराई... फातिमा खड़ी थी और लैला नीचे बैठी हुई थी इससे फातिमा को लैला के कबूतर यानि बूब्स दिखाई देने लगे जो बहुत ही सेक्सी और बड़े-बड़े थे... तभी लैला ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बोली- मैं लैला हूँ बहन...एक किन्नर, और यह मोना है अभी तो लड़का ही है, लेकिन जल्द ही यह भी किन्नर बने जायेगा..फिर फातिमा एक भरपूर नजर से उस मासूम और कमसिन मात्र 20 साल के खुबसूरत मोना को देखा..उफ्फ्फ मोना के होंठ बड़े ही सेक्सी थे और उसकी पतली कमर और चौड़ी गांड कमाल लग रही थी... मोना ने एक घाघरा-चोली पहना हुआ था...तभी लैला ने फातिमा को हल्का सा बेड पर खिंचा और अपने पास बैठा लिया, आज सेक्स की अगन में चूर फातिमा की हालत बहुत खराब थी, उसकी चूत जेसे कोई हलवाई की भट्टी बन चुकी थी..लैला उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर सहलाने लगी.. फातिमा को उसका हाथ अजीब सा लग रहा था..मानो कोई मर्द का हाथ हो और एक अजीब सा मजा भी आ रहा था, उसको लैला के यूँ सहलाने से मसाज जेसा फील हो रहा था..तभी लाला ऊपर आ गया..उसने आते ही कमरे का दरवाजा बंद किया ताकि कोई आवाज बाहर न जाये, फिर लाला ने फातिमा को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और एक जोरदार चुम्मी ली.. साथ ही एक हाथ से फातिमा के बोबे दबा दिये... बूढ़े लाला को जोश थोड़ा ज्यादा आ गया था इसलिए बोबे थोड़ा जोर से ही दब गये और फातिमा के मुंह से एक हल्की चीख निकल गयी..आज लाला बहुत वक्त बाद दुबारा फातिमा से मिला था..इन दिनों रोजी के घर अच्छे खाने-पीने से फातिमा काफी निखर चुकी थी और उसके बोबे भी कुछ बड़े और टाईट हो गये थे..इससे लाला और भी ज्यादा उतेजित हो गया, उधर लैला भी अब मैदान में आ गया और उसने लाला का लंड ऊसकी धोती के ऊपर से ही पकड़ लिया और बोली= प्यारे लालाजी कपड़े उतारो न और आपके लिंग के दर्शन करवाओ न, इसका प्रसाद मेरे मुंह में दो न...यह कहकर लैला खुद उसकी धोती उतारने लगी...जिसमे फातिमा भी मदद करने लगी...धोती उतरी तो लाला ने निचे एक लम्बा सा कच्छा पहना हुआ था जेसे ग्रामीण लोग पहनते है... कच्छे में लाला का 6 इंच का लंड फनफना रहा था मानो कोई खूंखार सांप हो जैसे.. लाला अब मोना को ताक रहा था, दरअसल लाला को उसका एक दोस्त बताया करता था की लौंडो की गांड मारने में किसी कमसिन चूत से भी ज्यादा मजा आता है..उस दोस्त ने काफी लौंडो की गांड मारी हुई थी, लेकिन वो दोस्त शहर का था, उसकी बातें सून-सुनकर लाला को किसी लौंडे की गांड मारने की बहुत इन्छा हो रखी थी, लेकिन कोई लौंडा मिले तब न, गाँव में दो-तीन बदनाम लड़के थे लेकिन वो सब बेकार थे और लाला को तंग भी कर सकते थे, लेकिन आज उसको किन्नर लैला और यह मोना मिला था..जिसको देखकर लाला का लंड काफी उतेजित था और फुंकार भी रहा था... तभी लैला और फातिमा ने मिलकर लाला का कच्छा और बनियान भी उतार ली,, लाला अब एकदम नंगा था..उसका शरीर अनिल कपूर की तरह किसी रींछ की तरह ही बालों से भरा हुआ था और लंड उसका करीब 6 इंच का तैयार होकर 90 डिग्री के कोण पर खड़ा हुआ था..

तभी लैला ने मोना को बोला—मोना चल आजा और अपने मालिक को खुश कर अच्छे से बेटा कोई शिकायत न रहे मालिक को हमसे ध्यान रखना तूम इसका...अब मोना बेड से कूदकर लाला के गले लग गयी,,,,दोस्तों इस वक्त मोना ने काले रंग की नेट वाला एक घाघरा पहनी हुई थी, ऊपर एकदम कसा हुआ टाइट बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था..इसके अलावा उसने अपने सिर पर लंबे बालों के लिए एक विग पहनी थी हालांकि उसके असली बाल भी काफी बड़े थे...हाथों में ब्लैक कलर की कांच की चूड़ियां पहनी थीं...कानों में बड़े वाले इयरिंग थे....उसने मेहरून कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी और हाई हिल्स पहन रखी थीं.. वो किसी कमसिन दुल्हन जेसी लग रही थी..ऊपर से उसकी पतली कमर और चौड़ी चौड़ी गांड लाला को दीवाना बना रही थी...अब नंगे लाला ने उसकी पतली कमर को अपने दोनों हाथो से थाम लिया और कमर से लाला का हाथ उसकी चौड़ी गांड तक पहुंच गया था...लाला अब दोनों हाथो से उसकी मखमली मुलायम नरम गांड को दबाने लगा.. मोना सेक्सी सिसकिया और आहें भर-भर के लाला को और भी उतेजित करके उकसाने लगी..इसी बीच लैला निचे अपने घुटनों पर बैठ गयी और लाला का खड़ा लंड अपने मुंह में भर लिया और बड़े ही शानदार तरीके से चूसने लगी...

दोस्तों ग्रामीण इलाको में औरते लंड बहुत ही कम चूसती है और बहुत ज्यादा ही नाटक करती है, लाला ने अपना लंड बहुत ही कम चुसवाया हुआ था, लेकिन आज लैला बिल्कुल ही मस्त और शानदार तरीके से उसका लंड चूस रही थी साथ ही लाला के अंडकोष को सहला रही थी और गांड की मसाज सी कर रही थी.. आज लाला को वाकई में अलग ही मजा आ रहा था..तभी मोना लाला के होंठों को अपने रसीले होंठों से चूमने लगी.... उन दोनों का यह चुम्मन कुछ मिनट तक बेताबी से चला... लाला को उसके कमसिन व रसीले होंठ चूसकर मजा आ गया.. इधर अब फातिमा से भी रुका नही जा रहा था तो वो भी लाला के पीछे से लिपट गयी और लाला की रींछ सी पीठ को चूमने लगी चाटने लगी...फातिमा की बड़ी-बड़ी चुन्चिया लाला की पीठ पर रगड़ खा रही थी..इससे लाला और फातिमा दोनों को ही मजा आ रहा था... फातिमा अपने बड़े बूब्स लाला की पीठ पर रगड़ रही थी..

फिर तभी लाला ने मोना का ब्लाउज अपने हाथों से पकड़ा और उसके कंधे से नीचे खींच दिया...निचे मोना ने एक काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी,फिर लाला उसकी गर्दन को चूमने लगा...इधर लैला लगातार उसका लंड बड़े ही मस्त अंदाज में चूस रही थी और कभी कभी उसकी गोलियां भी चूस रही थी..कमरा हवस की तपन से गरमा सा गया था और कुछ शरीर की गर्मी..सबके बदन तपने लगे थे..तभी लैला ने लाला की गांड को अच्छे से मसलना शुरू कर दिया इससे लाला को बड़ा ही मजा आने लगा था...अब लाला ने जल्द से मोना का ब्लाउज उतार कर फेंक दिया और अपने हाथों से मोना के बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा...लेकिन यह क्या....मोना के तो बूब्स नकली थे ब्रा में कपड़ा डाल के बनाये हुए थे, तो मोना ने वो सब उतार फेंका और फिर लाला को चूमकर बोली—पापाजी आप मेरे बूब अब चुसो न..लाला को पापाजी सुनकर अजीब लगा लेकिन सेक्स के नशे में उसने ध्यान नही दिया..बिल्कुल ही किसी निम्बू जेसे थे उसके बूब्स...लेकिन लाला ने तुरंत उसके बूब्स को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा... लाला का पूरा लंड लैला की लार से सन गया था...और चमकने लगा था,लैला किसी रंडी के जैसे उसके लंड को चाटने लगा था...अब लैला को भी उसका लंड चाटने में मज़ा आने लगा था और वो उसके छोटे लंड पर अपनी जीभ घुमाए जा रहा था...वह भी पागल सा हो गया था... उसे भी सेक्स चढ़ गया था.. लैला अब लाला का लंड चाटते चाटते उसके लंड के टट्टे भी चाटने और चूसने लगा था...इससे लाला को मानो जन्नत का मजा आने लगा था...सच में ही यार बहुत ही मस्त तरीके से चूस रही थी हमारी लैला उस लाला का लंड,अब तक लैला काफी अन्दर तक उसके लंड को लेकर चूसने लगा था...

उधर लाला ने फ्रेंच किस अभी भी किया हुआ था इससे मोना का साँस रुकने लगा तो उसने चुम्बन तोड़ा और गहरी साँस ली, तभी लाला ने फिर से एक झटके से मोना के होंठों को अपने होंठों के बीच में ले लिया और लिपलोक यानि की फ्रेंच किस करने लगे..बस… किसी को इस तरह से फ्रैंच-किस करने वाला मर्द मिल जाए तो सहवास में मिलने वाले आनन्द का ठिकाना ही नहीं रहता..अब सेक्सी कमसिन मोना आनन्द के समंदर में गोते लगाने लगी... हालाँकि वो नाटक ज्यादा कर रही थी क्यूंकि वो काफी बार अपनी गांड मरवा चुकी थी..वे दोनों एक दूजे की जीभ से जीभ टकराते और चूमने लगे थे...फिर लाला ने मोना की जीभ को अपने होंठों के बीच में ले लिया और खींच कर चूसते रहे...वे मोना के मुँह में जीभ फिराते और बाहर निकालते वक्त होंठों को अपने होंठों के बीच में भरकर चूस कर होंठों को रस निचोड़ लेते...अपने एक रात के नये पापाजी के साथ यह सेक्स सुख भोगकर अब तो मोना अब वाकई में ही उत्तेजित होने लगी थी...वो भी लाला के बालों में और पीठ पर हाथ फेरने लगी...सिसकिया लेने लगी..आहे भरने लगी..इससे उतेजित होकर लालाजी उसकी चूचियों पर बुरी तरह टूट पड़े. मोना की चूचियां बड़ी तो नहीं थीं, निम्बू जेसी ही थी पर दबाने लायक मस्त थीं....वे एक हाथ की दो उंगलियों से उसके एक निप्पल को दबाने लगे...निप्पल को वह अपनी उंगलियों और अंगूठे के बीच में भर कर उमेठते, तो बस मोना चिंहुक उठती...इस बीच लैला को पेशाब लगा तो लाला ने उसको छत पर ही मुतने की जगह बतादी तो लैला उसका लंड छोड़कर मुतने चली गयी..तो ऊसकी जगह अब फातिमा ने सम्भाल ली और लाला का लंड चूसने लगी..उसके नाजुक व गरम मुंह में जाकर लाला का लंड और भी फूलने लगा.. लाला के लंड से 2-4 बूंद वीर्य निकल गया और फातिमा के मुंह को मजा आ गया, इसी बीच लाला और मोना का दूसरे बूब और निप्पल को जीभ से चाटते और चूसने लग गया.. जिसको बीच-बीच में दांत से हल्के हल्के काट भी लेते..इससे मोना के मूंह से चीख सी निकल जा रही थी..इधर यह सब देखकर फातिमा की भी चड्डी गीली होने लगी थी..फातिमा और मोना दोनों ही अब पूरी तरह मदहोश होती जा रही थी...सेक्स का नशा होता ही ऐसा ही है दोस्तों...


मोना के बूब्स की अब तक की यह सबसे यादगार चुसाई थी. इससे उसको स्त्री होने का संपूर्ण अहसास हो रहा था...अब लाला ने मोना की कमर और पेट को भी जोर से मसलना शुरू कर दिया था.... लाला का साथ देते हुए मोना ने भी उनके सीने पर हाथ फेरना शुरू किया.. तभी फातिमा बोली—लालाजी आप मेरी छाती चुसो न और इससे लंड चुसवाओ न.. लाला भी मोना के मुंह में अपना लंड देना चाहता था, लाला ने मोना को बोला—आओ बेटी पापा का लंड चुसो न अपने.. अब शर्माती हुई(नाटक कर रही थी रोलप्ले के लिए) मोना ने लाला के लंड को पकड़ लिया. लाला ने मोना को अपना लंड चूसने का इशारा किया तो मोना ने झट से उनके 6 इंच के लंड को अपने नाजुक पतले हाथ में ले लिया...उसने फातिमा और लैला के चूसे हुए लौड़े की चमड़ी पीछे करते हुए सुपारे को निकाल लिया...लंड के मुहाने पर प्री-कम की कुछ बूंदें छलक रही थीं...उन्हें मोना ने बड़ी ही अदा से उस वीर्य को अपनी जीभ से चाटा तो लाला आह भरने लगे...(मोना को लंड चूसने वीर्य और पेशाब पीने का बहुत ज्यादा शौक था) अब मोना ने होंठों के बीच में सुपारे को रखकर चूसना शुरू किया..एक हाथ से मोना उनके बॉल्स सहलाने लगी, तो दूसरे हाथ से उनके हिप्स भी मसलने लगी...वे बस ‘आह उहं हम्म … यस मेरी बेटी …’ कहने लगे...लाला को भी अब मोना को बेटी बोलने से मजा आ रहा था...मोना अब धीरे-धीरे लंड को मुँह के अन्दर लेने लगी और 6 इंच का पूरा लंड मेरे गले तक समा गया...हालांकि उनका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था... मोना इससे भी बड़े और मोटे लंड से चुद चुकी थी... लेकिन उस बूढ़े का प्यार करने का तरीका बहुत अच्छा था...वे बिल्कुल उसको अपनी बेटी की तरह ट्रीट कर रहे थे...यह बात मोना को बहुत अच्छी लगी और उसने ने भी लाला को एक सुयोग्य बेटी की तरह पूरा प्यार देने की ठान ली...अब वे मोना के बाल पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगे...कुछ मिनट के बाद उन्होंने स्पीड बढ़ाई तो मोना ने उनको रोकते हुए कहा- पापा जब आपका वीर्य निकलने लगे, तब पूरा गले के अन्दर कर देना ताकि वीर्य की एक बूंद भी व्यर्थ नहीं जाए.,.बस मोना का सिर्फ ये कहना था कि पापा का जोश तो दोगुना हो गया...अब तो वे सौ की स्पीड से मुँह चोदने लगे...तकरीबन 2 मिनट की जोरदार मुँह चुदाई के बाद उन्होंने पूरा गले तक ठूंस दिया तो मोना समझ गई कि अब मेरा गला वीर्य रूपी अमृत से तर होने वाला है...अगले ही पल उनकी जोरदार पिचकारियां मेरे गले को तर करने लगीं... मोना ने अपने मुंह को थोड़ा पीछे खींचा ताकि थोड़ा सा वीर्य जीभ पर भी ले सकूं...लेकिन इससे लाला का काफी दिनों से जमा हुआ वीर्य उसके मुंह और उसकी छाती पर गिर गया .. लेकिन बूढ़े लाला के वीर्य को टेस्ट अच्छा था और वीर्य गाढ़ा भी था..तभी फातिमा मोना के करीब आ गयी और मोना के फेस से वीर्य को किसी कुतियाँ की तरह चाटने लगी, मोना ने जीभ पर लगा वीर्य मुँह में ही रखा और उसे पूरे मुँह में गोल गोल घुमाती रही... लाला के लंड मुंह से निकालने के बाद मोना ने शरारत भरे लहजे में आंख मारते हुए उन्हें अपने मुँह में लगा हुआ वीर्य दिखाया तो वे मेरी इस अदा पर निहाल हो गए....अब मोना की ड्यूटी उनका लंड फिर से खड़ा करने की थी....तभी लैला मुतकर वापस आ गयी और उनका सीन देखकर वो समझ गयी की लाला का पानी छुट गया है, तभी लैला भी मोना के करीब आकर उसकी बॉडी पर लगा हुआ लाला का वीर्य चाटने लगी,, लाला के काफी वीर्य निकला था आज.. यह सब करके लैला सोचने लगी अब इस बूढ़े लाला को फिर से तैयार करना होगा...

उसको एक आईडिया आया और उसने फातिमा के पास जाकर उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया....इससे उन दोनों की छातियाँ आपस में टकराने लगी,लैला की छाती बहुत ज्यादा टाईट थी यह फातिमा को महसूस हो गया था अब..तभी फातिमा को लैला की सलवार में बना हुआ तम्बू महसूस हुआ जो किसी बड़े लंड जेसा लग रहा था..फातिमा मस्त हो गयी उस किन्नर का बड़ा सा लंड महसूस करके.. लैला ने धीरे से फातिमा को बोला की अपने कपड़े उतार दो न फातिमा और जवानी के मजे लो न बहना आ जाओ और लैला ने उसकी सलवार का नाड़ा खोल लिया और सलवार निचे उतारने लगी तो फातिमा भी उसकी कमीज को खोलने लगी..इसी बीच मोना लाला की गोद में आकर बैठ गयी..मोना ने फिर लाला को चूमना शुरू कर दिया..लाला भी उसको चूमने लगा.. इस बीच फातिमा को लैला ने पूरा नंगा कर दिया था..सांवली फातिमा की बड़ी-बड़ी चुन्चिया बड़े ही सेक्सी तरीके से झूले खा रही थी..इधर लैला ऊपर से नंगी थी यानि सिर्फ सलवार ही पहनी हुई थी,उसके बड़े बूब्स भी अब नंगे हो चुके थे.. उन दोनों की छातियाँ देखकर लाला का लंड फिर से मचलने लगा था..यही तो मोना चाहती थी..क्यूंकि अब मोना की गांड में मीठी सी खूजली आने लगी थी, जो कोई लंड ही शांत कर सकता था..मोना ने अब लाला की एक जोरदार चुम्मी ले ली,, लाला का लंड भी अब दुबारा उठने लगा था..लाला ने मोना को पूरा नंगा होने को बोला तो मोना बोली=पापाजी आप ही उतारो न मेरा घाघरा और चड्डी मुझको शरम आती है..मोना के ऐसे नाटक करके बोलने से लाला को बहुत मजा आ रहा था...दरअसल लाला ने आजतक पैसे देकर ही रंडिया चोदी थी जो टांगे चौड़ी करके लेट जाती थी..इस तरह मजा मस्ती और रोलप्ले करके लाला ने कभी चूदाई नहीं की हुई थी, लाला की बीबी भी ठंडी थी और बहुत ज्यादा मोटी भी बस वैसे ही नाम का ही सेक्स करती थी.. आज लाला को ऐसे सेक्स करके बहुत ज्यादा मजा आ रहा था,खासतौर से मोना का पापाजी बोलना.. इससे उसका लंड फिर से खड़ा हो गया था.. अब लाला ने भी किसिंग में मोना का साथ देना शुरू किया और अपने हाथो से उसकी चोड़ी गांड को जोर से दबाया तो मोना चिल्लाई और बोली - आअह उफ्फ पापा… दर्द होता है ऐसे मत करो न पापा उह उह आहा अह्ह्ह्ह...प्लीज धीरे दबाओ न पापा.. लाला ने कहा- हाँ मेरी बच्ची मोनु… आअहह आई लव यू उउम्म … आह्ह्ह … आअहह उफ्फ … उम्म … मुउह्ह्ह्हा! और फिर लाला ने उसका निम्बू जेसे बूब्स चूसने लगा ...!!!!!

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इधर फातिमा और लैला आपस में गुथ्मगुत्था हो चूकी थी, वो दोनों एक दुसरे को चूम रही थी और छातियाँ दबा रही थी, उन दोनों की मस्तिया देखकर लाला और मोना भी मस्त हो रहे थे, मोना किसी बच्ची की तरह लाला की गोद में बैठी थी... उधर अब लैला ने फातिमा को ऊपर से टोपलेस यानि अधनंगा कर दिया फातिमा की पपीते जेसी छातियाँ अब झूल रही थी..जो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. लैला उसकी झूलती जवानी देखकर बोली :- आआह्ह आई लव यू फातिमा… यू आर सो हॉट बेबी! आई वांट फ़क यु लाइक ए बिच! क्या मस्त मम्मे थे उसके.. लैला तो देखती ही रही और सीधा मुँह से पकड़कर उसके निप्पल ही चूसने लगी, लैला उसके निप्पल से दूध चूसने लगी और एक निप्पल हल्का सा काट लिया..

तो फातिमा तेज आवाज में चिल्लाई- धीरे यार..दर्द होता है न.. अब लैला के हाथ फातिमा की पीठ पर घूम रहे थे.. क्या बताऊँ.. कितना मजा आ रहा था फातिमा और लैला को.. अब लाला ने मोना का घाघरा उतार फेंका.. मोना का पूरा शरीर एकदम चिकना था,,एक भी बाल नही था.. निचे मोना ने एक सेक्सी सी पेंटी यानि चड्डी पहनी हुई थी , जिसको भी लाला ने उतार फेंका , मोना का 4 या साढ़े चार इंची का पतला लंड था जो एकदम गोरे रंग का था और ऊसका सूपाड़ा एकदम पिंक था..लाला उसका मुलायम मखमली और कमसिन बदन देखकर पागल हो गया और उसके बदन को चूमने या मानो की जेसे चाटने ही लगा..लाला का आज सम्लेंगिक सेक्स का पहला मौका था.... सेक्स की लज्जत लाला को महसूस हो रही थी.. उधर मोना की गांड भी अब कुलबूलाने लगी थी अब उसका छोटा सा लंड भी खड़ा हो गया था.. जो बहुत ही सेक्सी लग रहा था.. इधर लैला फातिमा के दोनों मम्मों को चूसने के बाद में उसके पेट को अपनी रसीली जीभ से चाटती हुई नीचे की तरफ गई और फातिमा की सलवार खोल दी.. फिर लैला उसकी मदहोश करने वाली सांवली मगर साफ़ सुथरी टाँगों को चाटने लगी..अब फातिमा की चूत से रस सा बहने लगा था...लैला उसकी सुडौल मांसल जांघों को किस करते हुए फातिमा की चूत तक पहुँच गई, फिर उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी मुसलमानी चूत को सूंघने लगी... फातिमा की पनियाई हुई चूत की खुश्बू सूंघ कर तो लैला जेइसे मानो बेहोश होने लगी थी..आह्ह..क्या नशा था उसमें..

आज लैला काफी दिन बाद किसी चूत को महसूस कर रही थी..उधर सेक्स की हवस में फातिमा मानो जेइसे बेकाबू होते जा रही थी.. हल्की सी सिसकारियाँ ले रही थी..फिर लैला ने उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही एक जोरदार किस किया और पैन्टी को अपने दाँतों से पकड़ कर धीरे से नीचे तक खींच लिया, अब वो मुसलमानी पूरी नग्न थी.. उसका कामुक शरीर.. लैला को बेहाल कर रहा था....लैला ने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक दिया और चूत को किसी कुतियाँ की तरह चाटने लगी.. फातिमा के मुँह से मदमस्त आवाजें आ रही थीं.. जो लैला को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं..लैला का साढ़े 7इंच का लम्बा और मोटा लंड अब अपने फुल मूड में आ चूका था...लैला की सलवार में अब मोटा तम्बू बन गया था... तभी मोना की एक हल्की सी चीख सी सुनाई दी तो फातिमा और लैला ने उनकी तरफ देखा तो लाला ने उसके छोटे बूब्स को मुंह में लिया हुआ था और शायद दांत से काट लिया था..इसलिए मोना चीखा था..लैला अब फातिमा को छोड़कर लाला के पास गयी... फातिमा भी उसके साथ आ गयी..लाला से मोना का बूब छुडवाकर अपना बूब लाला के मुंह में दिया और फातिमा को लाला का लंड चूसने को बोला, फातिमा ने झट से लाला का लंड अपने मूंह में ले लिया व फिर से चूसने लगी,,,इस बीच लाला लैला के बूब्स बूरी तरह चूसने लगा था, आज लाला को इस सामूहिक सेक्स से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था..

लाला का लंड आज बहुत ही उतेजित था और दुबारा तैयार हो चूका था.. फातिमा ने मोना को देखा..मोना की एक चुन्ची बुरी तरह लाल थी शायद लाला ने काट लिया था.. मोना का लंड फातिमा को मस्त लगा और मोना की चौड़ी गांड तो गजब सेक्सी लग रही थी इस वक्त.. तभी लैला ने लाला से अपनी छाती छुड़ाई और फातिमा को हटाकर खुद लाला का लंड चूसने लगी.. लाला ने भी लैला मुँह में ज्यादा से ज्यादा लंड डालकर मुँह में झटके मारने शुरू कर दिए थे..वह अब लैला के मुँह को ही किसी चूत या गांड का छेद समझ कर चोदने लगा था....लाला का प्रिकम निकलने लगा जो लैला पी गयी लेकिन लैला समझ गयी की यही सही वक्त है मोना की गांड में लाला का लंड डलवाने का वरना बूढ़े लाला का दूबारा माल निकल जाएगा..तो लैला ने लाला का लंड छोड़ कर लाला को को मोना की गांड मारने का बोला, लाला तो इन्तजार में था ही..लाला ने 3-4 बार गांड मारी हुई थी लेकिन सिर्फ बड़ी उम्र और ढीली गांड की औरतो की , कभी कमसिन लौंडे की गांड नही मारी थी, यह आज उसका यह पहला ही मौक़ा था... लैला अब मोना से बोली—मोना बेटी अब तैयार हो जाओ अपने पापा का लंड अपनी गांड में लेने को... मोना ने कोई क्रीम अपनी गांड में लगाई और लैला ने लाला को एक निरोध पहना दिय, लैला एकबार फिर से अपने पूरे मनोयोग से लाला का लंड और बॉल्स चूसने में लग गई....कुछ ही देर में उनका लंड फिर मुसल सा तैयार हो गया...

अब लैला ने मोना को घोड़ी बनाया और कंडोम लगा हुआ लाला का लंड को गांड के छेद पर रखा... लेकिन तभी मोना बोली – पापाजी मैंने आपका इतनी देर लंड चूसा है, किस की है और आपने मेरा बूब काट लिया है अब थोड़ा सा तो रिटर्न गिफ्ट मुझको भी दो न पापाजी.. लालाजी मोना की बात को तुरंत समझ गए और उन्होंने फट से अपना मुँह मोना की गांड के छेद पर लगा दिया... लाला को उसका दोस्त बता चूका था की गांड चाटने सी भी चूत चाटने जैसा ही मजा आता है..वे अपनी जीभ को गांड के छेद में गोल गोल घुमाने लगे... मोना की लगाई क्रीम में आम का सा स्वाद था इसलिए लाला को गांड चाटने में कोई दिक्कत नही हो रही थी उल्टे मजा ही आ रहा था इधर मोना तो जेसे बस सातवें आसमान में पहुंच गई थी....कुछ 3-4 मिनट लगातार चूसने के बाद मोना ने गांड ढीली छोड़कर उन्हें लंड को गांड में डालने का इशारा कर दिया... लाला ने देखा की मोना की गांड का छेद भूरे रंग का है जबकि उसके अंदर पिंक दिख रहा था..

गांड का छोटा सा छेद अजीब तरीके से खुल बंद हो रहा था.. उन्होंने बिना देर किए एक झटके में अपना हथियार मोना की चौड़ी गांड में पेल दिया.... लेकिन नया नया होने की वजह से उसका लंड बार बार फिसला जा रहा था... लैला यह देख रही थी..उसने अपने हैण्डबेग से वेसलिन निकाल के लाला को दी और लगाकर गांड मारने को बोला और लैला फातिमा के बूब्स दबाने लगी..लाला लैला का हब्शी साईंज का लंड देखकर हैरान था..लेकिन उसने वैसलीन की डिब्बी ली और काफी सारी वैसलीन अपने लंड पर लगा कर मोना को एकदम उल्टा लेटा दिया...उसने मोना के गांड के छेद पर भी वैसलीन लगाई और अपनी एक उंगली गांड के अन्दर डाल दी... मोना दर्द से चिल्ला उठी (नाटक कर रही थी) ओ..ओ..उ..उईइम्म..माआअ..अम्मा उफ्फ्फ पापाजी में तो मर गयी रे..

लाला घबराया तो लैला बोली कोई नहीं आप इसकी गांड मारो न.. लाला समझ गया कि मोना की गांड अभी कोरी है... उसको क्या पता की मोना 60 से ज्यादा लंड ले
चुकी है...इससे वह ऐसे खुश हो गया मानो किसी कुंवारी कन्या की सील तोड़ने मिल गई हो.
 
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20241007-104352
चूंकि मोना लगातार किसी ना किसी का लंड अपनी गांड में लेती रहती थी, इसलिए ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ.
बस हल्की सी चिरमिराहट सी जरूर लगी...लेकिन उसने अपने पिताजी के सामने दर्द होने का थोड़ा नाटक किया...

आखिर इतना नाटक जो जरूरी था...लाला को लगा की जेसे कोई एकदम टाईट चूत को चोद रहा था वो ..

जब लंड पूरा अंदर चला गया तो लाला को लाइफ में पहली बार इतने टाईट छेद का एहसास हुआ..

वो समझ गया की वाकई में गांड का मजा ही अलग है.. अब उसने मोना को पेलना शुरू किया...पूरा कमरा फचाफच की आवाजों से गूंज गया... मोना दर्द का नाटक कर रही थी और लैला लाला की गांड की मसाज कर रही थी.. लैला कभी कभी लाला के गांड के छेद को भी अंगुली से छेड़ देती थी इससे लाला को एक अलग ही मजा आता था ... लाला बीच-बीच में मोना के मोटे नितंबों पर चांटे भी मारते थे, इससे मोना को तो मजा आ जाता तो लाला का भी जोश बढ़ जाता...अब उन्होंने मोना को चित लेटा दिया और उसकी टांगें अपनी कमर पर रख कर मेरी टांगों को आगे-पीछे करने लगे और कमर से झटके देने लगे... फातिमा अब लैला के पास आ गयी और उसकी सलवार खोलने लगी, लैला ने तुरंत अपनी सलवार उतार दी... चड्डी के अंदर लैला का लंड फनफना रहा था.. फातिमा ने उसकी लाल चड्डी भी उतार दी , फातिमा ने देखा की लैला का लंड कटा हुआ यानि खतना किया हुआ था.. फातिमा समझ गयी की लैला मुस्लिम है..लैला ने नंगा होकर फातिमा को अपना लंड चूसने को बोला तो फातिमा घुटनों पर बैठकर ऊसका मस्त लंड चूसने लगी.. फातिमा ने गौर किया की लैला के अंडकोष एकदम छोटे थे..लंड बहुत ही मस्त था लैला का..फातिमा को बहुत मजा आ रहा था लैला का मोटा तगड़ा लंड चूसने में.. उधर करीब 10 मिनट तक डौगी-स्टाइल में चुदाई के बाद लालाजी मोना की गांड में झड़ने को हुए... मोना उनका मजा नहीं खराब करना चाहती थी, इसलिए उन्हें अपनी मस्त गांड में झड़ने से रोका नहीं...वैसे भी तो कंडोम लगा हुआ था...रही बात वीर्य पीने की, तो वह तो मोना कंडोम में से निकाल कर भी पी सकती थी... मोना को वीर्य और पेशाब पीने का पागलपन की हद तक शौक था.... खैर … मोना के पिताजी ने कुछ झटकों के बाद अपना झरना उसकी चोडी गांड में खोल दिया, फिर निढाल होकर बेड पर ही गिर से गए.. इस उम्र में दो बार वीर्य निकलना बहुत ही बड़ी बात है ना दोस्तों , अब मोना ने उनके ढीले हो चुके लंड से कंडोम हटाया और उसे अपना मुँह खोलकर उल्टा कर लिया... उस कंडोम से लाला का सारा वीर्य निचोड़ लिया और पूरा ही पी गई...लाला यह देखकर बहुत ही हैरान था... इधर अब फातिमा की चूत गीली हो चूकी थी और लैला का लंड भी तैयार हो चूका था...लैला का हब्शी लंड खतरनाक तरीके से हिल रहा था.. अपना वीर्य पीते देख लाला को अब मोना पर प्यार आ गया और उसको फिर से अपनी गोद में ले लिया और किसी बच्ची की तरह उसको प्यार करने लगा...आखिर मोना ने अपनी मस्त गांड जो दी थी उसको..

अब लैला का लंड भी तैयार हो चूका था.. फातिमा को उसने पीछे से जाकर अपनी बाँहों में ले लिया..और लैला अपने दोनों हाथो से फातिमा के बड़े बूब्स दबाने लगी, बहुत दिनों बाद फातिमा को ऐसे मर्दाना हाथो ने निचोड़ा था.. लाला ने मोना को अपनी बाँहों में लिया और बिस्तर पर अधलेटा होकर.. लैला किन्नर और मुसलमानी की मस्तियाँ देखने लगा.. आज लैला जमकर फातिमा की चूत चोदना चाहती थी..और इसके लिए फातिमा बिल्कुल तैयार थी.. दरअसल उसको लैला का बदन और लंड दोनों ही पसंद आ गया था.. फातिमा का एक हाथ बार-बार उसका हाथ अपनी चूत पर जा रहा था, जिसको दबा दबा कर वह अपनी सुलगी हुई वासना को दबाने का असफल प्रयास कर रही थी, अतः उपयुक्त अवसर जानते हुए लैला ने एक दुस्साहस किया और उसको अपनी और खींचते हुए बाहों में ले लिया और उसके नर्म, नाजुक, रसीले होठों पर, अपने गर्म, शहद भरे होंठ रख दिए, फिर दोनों एक दूसरी के होठों का रस चूसने लगी.. लैला का बड़ा लंड अब उसकी चूत से सटा हुआ था जिसका मोटापन और गर्मी फातिमा को महसूस हो रही थी..फिर लैला अपने दाहिने हाथ से उसके बाएं स्तन को सहलाने, दबाने लगी, इससे फातिमा की वासना और भड़की, उसने अपने आप को वासना के दरिया में बहने के लिए खुला छोड़ दिया और भावावेश में लैला का हाथ जबरन अपनी पानी छोड़ती हुई चूत पर ले गई, लैला भी अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत के रस में भिगोई और उसे, उसकी झांटें साफ करी हुई चिकनी चूत तथा भगांकुर पर फिराने लगी,, फातिमा का शरीर उत्तेजना के मारे थिरक रहा था..फिर लैला अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत में डाल के अंदर बाहर करने लगी..

फातिमा ने उससे बड़बड़ाते हुए कहा- ओ लैला , दो उंगली डालो, दो उंगली डालो! अह्ह्ह्ह..उह्हह्हह्हह्हह्ह...ओ..अलाह..फिर लैला ने अपनी दोनों बीच वाली उंगलियां उसकी चूत में डाली और रगड़ने लगी, *** आगे की कहानी फातिमा की जुबानी****

लैला हल्के से अपनी जीभ से मेरे चुत के दाने को रगड़ने लगीं.
उनकी इस कामुक हरकत की वजह से मेरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई और मैं कराहने लगी.

मैं- आंह लैला, ये क्या कर दिया आपने! आह आंह जोर से चूसो लैला … स्स्स्स ओह मेरी अम्मी… और जोर से लैला प्लीज … ओह्ह्ह अल्लाह
लैला ने अपनी जीभ से जोर से मेरी चुत को ऊपर से नीचे तक चूसना चालू कर दिया,

मैं- लैला अल्लाह के वास्ते और जोर से चूस लो … आह ऐसे ही चूसती रहो … स्सस्स स्स स्स...
उस मर्दाना हिंजड़े की इस जोरदार चुसाई की वजह से मेरे पैर कांपने लगे थे.

मुझे नहीं लग रहा था कि मैं खड़ी रह पाऊंगी... मैं धीरे से नीचे बैठने लगी....मैंने दोनों पैरों के घुटनों के पीछे से हाथ लेकर पैरों को सर तक खींच लिया और इस तरह से बैठने से लैला के सामने मेरी पूरी चुत खुल गई... लैला अब अपना पूरा सिर मेरी खुली चुत पर घुमाने लगीं...
मैं- आह लैला ओह ओह … पूरी अन्दर तक जीभ डालो न … बहुत मजा आ रहा है...मैंने बड़े प्यार से लैला के सिर पर हल्के से हाथ रख दिया.
मुझे उसपर पर बहुत प्यार आ रहा था.. अब मैं चाहती थी कि वो और जोर से मेरी चुत चूसें.
तो मैं धीरे से लैला के सिर को अपनी आग उगलती चुत पर दबाने लगी... अब उसने मेरी चुत खोल कर पूरी जीभ अन्दर तक डाल दी और जोर से जीभ को अन्दर बाहर करने लगीं...

मजे के मारे मैं अब थरथराने लगी थी और पूरी हिल रही थी. मेरे पूरा शरीर अकड़ने लगा था.
मैंने लैला का सिर जोर से अपनी चुत पर दबा दिया और मैं जोर से झड़ने लगी.

बहुत सारा पानी चुत से निकलने लगा था लेकिन वो सारा टेस्टी पानी लैला के मुँह में जाने लगा.
उन्होंने भी वो सारा पानी पी लिया, इससे मैं बहुत संतुष्ट हो गई...फिर उसने अच्छे से चूत के आसपास लगा हुआ पूरा पानी चाट लिया था और उसका मुँह मेरी चूत के स्वादिस्ट पानी से सना हुआ था... मैंने अपने पैर छोड़ दिए और फिर लैला को बहुत प्यार किस करने लगी...उसके मुँह पर लगा, अपनी ही चुत का पानी मैंने चाट लिया...

उसके बाद उसके मुँह में मैंने अपनी जीभ डाल दी और किस करने लगी.
तभी उसने हल्के से अपनी दो उंगलियां भी मेरे मुँह में डाल दीं और उसे गले तक उतार दिया...फिर उंगलियां निकाल कर अपने मुँह में डाल लीं व चूसने लगीं...
लैला के सर को को मैंने दोनों हाथो से जकड़ा और फिर से किस करने लगी...मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया था. मैं उन्हें जोर जोर से किस कर रही थी,

उसने अपनी उन्हीं दो उंगलियों को मेरी चुत में डाल दीं और हल्के हल्के से अन्दर बाहर करने लगीं... इससे मेरी चूत में फिर से उतेजना आने लगी थी,

फिर भी मैंने उसको नहीं रोका और अपना किस चालू ही रखा,
लैला ने अब दो उंगलियों की जगह तीन उंगलियां अन्दर डाल दीं...मैं रुक गई और उसका मुँह फिर से अपनी चुत पर लगवा दिया.
उस बेहद सेक्सी हिंजड़े ने मेरा हाल बेहाल कर दिया था...
वो मेरी चुत के दाने को अपनी जीभ से कुरेद रही थीं और नीचे चुत में उंगलियों से गर्मी बढ़ा रही थीं...इस वजह से मैं सातवें आसमान पर थी.
मैंने पैर फिर से पीछे ले लिए ताकि वो और ज्यादा जोर से उंगलियां चुत में डाल सकें...मैं- हां लैला… फ़क मी… डाल दो सारी उंगलियां … स्सा स्साह स्सास्स..

अब उसने अपना एक हाथ बढ़ा कर मेरे दायें चुचे को पकड़ लिया और उसके निप्पल को अपनी दो उंगलियों से मींजने लगीं...
मैंने अपने पैर हवा में उठा दिए और अपने स्तनों को पकड़ लिया... मैं खुद से अपने मम्मों को दबाने लगी... सेक्स के नशे में चूर अब मैं बेकाबू हो रही थी,,

मेरी कमर पूरी उठ चुकी थी लेकिन बीच बीच में वो मादरचोद लैला एकदम से चुत चूसना छोड़ देती थीं.,
उस वजह से मैं बहुत कसमसा उठती थी,उसी बीच में वो मेरी चुदास चुत पर चमाट भी मार देती थीं.....
मैं- आंह लैला, प्लीज बीच में ऐसे मत छोड़ो … और जोर से मारो इस निगोड़ी चुत को… ये ख्यालों में बहुत पानी छोड़ती है…

सारा वक्त गीली रहती है. आह आज से इसे तुम्हारे हवाले कर रही हूँ … खा जाओ पूरी की पूरी … निचोड़ दो पूरा इसका पूरा पानी... आओ न लैला..

मैंने अब उसका हाथ हटाया और जितना हो सका, उतनी जोर से मैं खुद अपनी चुत पर चमाट मारती रही,
मैं- प्लीज लैला, मेरी चुत को चोदो … बहुत फुदक रही है साली … प्लीज कुछ तो घुसा दो इसमें!

अब उसने जोर से मेरी चुत को खोल दिया और अन्दर अपनी जीभ घुसा दी....वो जीभ से मेरी चुत को चोदने लगीं...

मैंने उसका सर पकड़ लिया और अपनी कमर हिलाने लगी....उसने जितनी हो सकता था, अपनी जीभ बाहर निकाल रखी थी और मैं अपनी चुत को उनकी जीभ पर घिसने लगी.

साथ ही मैं बहुत जोर-जोर से आहें भर रही थी....
मैं- यस यस फ़क मी…. फ़क मी… चोदो ऐसे ही … आह घुसा दो अपनी जीभ … प्लीज … साली कुतिया फ़क मी प्लीज आह...मादरचोद...

आज एक अलग ही अहसास मुझे हो रहा था, हालाँकि पहले भी काफी चुदवाई हुई थी मैं, लेकिन आज का मजा और अहसास अलग ही था...अब बीच-बीच में मैं अपनी कमर भी उचका रही थी.
मछली की तरह मेरा शरीर ऐंठ रहा था, वो बहुत जोर से ये सब कर रही थीं... तभी उसने एकदम से अपनी तीन उंगलियां अन्दर घुसा दीं और जोर से अन्दर बाहर करने लगीं... तभी उसने अपना हाथ हटा लिया और मुझको बेड पर आने को कहा जहाँ मोना और लाला नंगे ही चिपक के लेटे हुए थे, उसने बेड पर मुझको बैठाया और खुद मेरे सामने खड़ी हो गयी...अब उसका बड़ा और मोटा लंड मेरे चेहरे के सामने था.. उसका तना हुआ लण्ड ठीक मेरे मुंह के सामने हवा में लहराने लगा,मैं एकटक उनके मस्त लण्ड को देख रही थी।
लण्ड पूरी तरह टाइट और खड़ा था जिससे उसका मोटा और फूला हुआ गुलाबी सुपारा आधा खुला हुआ था,
उत्तेजना में उसके लण्ड से थोड़ा-थोड़ा पानी रिस रहा था जो उसके सुपारे पर फैल गया था जिससे उसका गुलाबी सुपारा चमक रहा था...लण्ड और वीर्य की मिश्रित खुशुबू जो सीधा मेरे नाक में घुस रही थी...उससे एक बार फिर मेरे ऊपर नशा छाने लगा था,वहीं इतने दिन और एक बेहद शानदार लण्ड को देखते ही मेरे मुंह में पानी आ गया और चूत में भी कुलबुलाहट फिर से शुरू हो गयी..

उसने एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ा और दूसरे हाथ को मेरे सिर पर रखा और अपने लण्ड की तरफ दबाते हुए धीरे से बोली- इसे मुंह में लेकर ढंग से चूसो फातिमा !

मैंने चेहरा उठाकर एक बार उसकी तरफ देखा और फिर दोबारा लण्ड को देखने लगी,उसके बाद बिना देर किये मैंने लण्ड को एक हाथ से पकड़ा सुपारे को मुँह में भरकर चूसने लगी... उसके हब्शी लण्ड से थोड़ा-थोड़ा निकल रहे पानी के नमकीन टेस्ट ने मेरे वासना के नशे को और बढ़ा दिया था,,मैं अब मुंह को आगे पीछे कर उनके लण्ड को चूसने लगी,

वहीं उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ लिया और हल्का-हल्का अपनी कमर हिलाते हुए अपना लण्ड चुसवाने लगी, जेसे की वो मेरे मुंह को चोद रही थी.. तभी मोना पास आई और मेरे बूब चूसने लगी... मेरे लंड चूसने से उत्तेजना में लैला के मुंह से सिसकारियां भी निकल रही थीं- आआ आआआह हह हहहह … हाँ आआ आआआ आआ … .. फातिमा आआआ आआ … चूसो … और तेज चूसो न… आआआ आआआह हहह! करीब 5-7 मिनिट चूसकर मैंने उस हब्शी लण्ड को मुंह से निकाला और हाथ से पकड़कर उसे सहलाने लगी..

मेरे थूक से उसका मोटा लण्ड एकदम चिकना और गीला हो गया था और मस्ती में उसका अब लण्ड ठुमक भी रहा था,वहीं मेरी चूत में एक बार फिर से खुजली मचने लगी थी।

मैंने मोना को अपनी चूची चूसने से रोका और फिर लैला के टाइट लण्ड को एक हाथ से पकड़ा और आगे झुक कर लण्ड के सुपारे को अपनी एक चूची की निप्पल से रगड़ने लगी, इससे उसकी मस्ती की सीमा नहीं थी, वो अब मेरी दूसरी चूची की निप्पल को उंगलियों से पकड़कर मसलने लगी और चूची को दबा और सहला रही थी..

करीब एक मिनट तक बारी-बारी से दोनों चूचियों की निप्पल से लण्ड के सुपारे को रगड़ने के बाद मैं सीधी हुई .. तभी लैला ने मुझको खड़ा कर दिया और मेरी जगह मोना को बैठा दिया.. अब मेरी गांड मोना के मुंह की तरफ थी .. तभी मेरे सामने लैला बैठ गयी और मेरी चूत फिर से चाटने लगी करीब एक मिनट तक इसी तरह चूत चाटने के बाद ससुर जी ने चूत से मुंह हटाते हुए बोले- घूम जाओ फातिमा.. मैं घूमकर अपनी गांड लैला की तरफ करके खड़ी हो गयी, जिसके बाद पहले तो कुछ देर तक वो मेरी गांड को सहलाते रही और उसके बाद गांड और उसकी दरार को भी अपनी जीभ से चाटने लगी ,मैं आगे की तरफ फर्श पर दोनों हाथ टिका कर पैरों को हल्का सा फैलाते हुए झुककर घोड़ी सी हो गयी और उसको आराम से गांड चाटने की पूरी जगह दे दी,

अब उस हिंजड़े ने मेरी गांड को फैलाकर सीधा गांड की छेद पर अपनी जीभ रखी और उसे चाटने लगे,मैं आंखें बंद किये कामुकता के समंदर में गोते लगाने लगी और कमर हिलाती हुई अपनी गांड चटवाने लगी.. यह बहुत ही मस्त एहसास होता है जब किसी की जीभ आपकी गांड के छेद में जाती है..करीब एक मिनट तक इसी तरह गांड से लेकर चूत तक चाटने के बाद उसने अपना मुंह हटाया।
उसके बाद उसने मुझको खड़ा कर दिया मैं समझ गयी कि अब वो किन्नर अपने लण्ड की प्यास बुझाने के लिए मुझको खड़े कर रही हैं।

उसने मुझको बिस्तर पर लिटा दिया और तभी उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी कमर को पकड़ा और फिर कुछ ही सेकेण्ड बाद मेरी चूत पर गर्म गर्म महसूस हुआ।

पहले तो वो एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ कर मेरी चूत पर ऊपर नीचे कर रगड़ने लगी और बीच-बीच में वे लण्ड को गांड की छेद पर भी रखकर रगड़ने लगती थी,

एक मिनट तक इसी तरह चूत और गांड पर लण्ड को रगड़ने के बाद वो रुकी और फिर अपने लण्ड के मोटे से सुपारे को मेरी चूत के मुहाने पर रखकर हल्का सा दबाव बनाया,
फिर दोनों हाथों से मेरी कमर को जोर से पकड़ा और एक तेज धक्का लगाया,इससे मेरे मुंह से तेज ‘आआआ आआह हहह हहह …’ की सिसकारी निकल गयी, उसका लगभग आधा लण्ड मेरी चूत में घुस गया था,वहीं लण्ड के चूत में जाते ही ऊसके मुंह से भी एक सिसकारी निकली- आआ आआ आआह हह हहह … फातिमा! फिर कुछ सेकेण्ड रुकने के बाद लैला ने एक बार फिर एक तेज धक्का मारा और इस बार उनका पूरा लण्ड जड़ तक मेरी चूत में चला गया..जैसे गर्म चाकू को मक्खन पर रखते वह आराम से अंदर चला जाता है, वैसे ही ऊसका गर्म लण्ड मेरी चूत को मक्खन की तरह काटता हुआ अंदर घुसता चला गया,, मेरे मुंह से तेज सिसकारी निकल गयी- आआ आआआ हह हहह …लैला आ आआआ! अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे किसी ने गर्म लोहे की रॉड चूत में डाल दी हो क्यूंकि काफी दिन हो गये थे किसी लंड से चुदाई करवाए ..कुछ देर रुकने के बाद ऊसने हल्का हल्का कमर हिलाते हुए चूत की चुदाई शुरू कर दी।

मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगीं- आआ आआआ हह हहह …आ आआआ … हाँआ आआआआ … आआआ आआआ.. आआ आआआह हहहह!

मोना फिर से मेरे पास आ गयी थी और मेरा शरीर छेड़ने लगी थी, उसका छोटा सा लंड अब भी खड़ा हुआ था..मैं भी अपनी गांड हिलाते हुए चुदाई में लैला का साथ देने लगी।
उस सन्नाटे में थप-थप की आवाज से कमरा गूंज रहा था...हम दोनों ही हवस और सेक्स से भरे हुए थे तो जल्दी झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे...

करीब 9-10 मिनट तक जमकर चुदाई के बाद अचानक मेरा शरीर एकदम गर्म होने लगा और ऐसा लगा जैसे मेरे शरीर का सारा खून चूत के पास इकट्ठा हो गया और नसें फटनें को बेताब हों।

मेरे मुंह से तेज सिसकारियां निकलने लगीं और मैं तेजी से गांड हिलाते हुए चुदवाने लगी..

आआ आआआहह हहह … लैला आ आआ … और तेज … आआआ … प्लीज … तेज …आहा आहा आआ … आआ आआआआ हहह!

उधर वो भी शायद झड़ने वाली ही थी और उसने भी अपनी कमर की स्पीड बढ़ी दी...
उनके मुंह से भी सिसकारियां निकल रहीं थी- हाँआ आआआ फातिमा आ … बस … सशस्स … आआ आआआह हहह!

और फिर अचानक उन्होंने मेरी कमर को जोर से पकड़कर एक तेज झटका दिया और लण्ड को पूरा जड़ तक चूत में डालकर रुक गयी
उसका शरीर मानो की जैसे अकड़ सा गया था.... तभी मुझको अपनी मुझे चूत में गर्म-गर्म वीर्य महसूस हुआ...और फिर तीन-चार तेज झटका देते हुए लैला ने मेरी चूत में अपने लण्ड का सारा पानी निकाल दिया..उसका वीर्य बहुत ही नीकला था ... इतना की मेरी चूत से निकल कर जांघ पर भी फैल गया था ...वहीं मेरे मुंह से भी तेज सिसकारी निकली- आआ आआआह हहह हहह!
मेरे मुंह से अब तेज सिसकारियां निकल रही थीं- आआ आआ … आआआ … आआआ … आआआह … हहह … हह … हहहह … ओ लैला … लैला … आआआ आआआआ … .औ और रररर तेज मारोमेरी चूत को न आ आआ आआ … हाँ हांहा हहाँ आआआ आआ … ऐसे ही चोद मुझको लैला … और तेज … आआ आआआह हहह!

अब मैं झड़ने की कगार पर थी... और मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया......हम दोनों करीब-करीब साथ ही झड़े।
 
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फातिमा स्कुल से तो बाहर आ गयी.. लेकिन आज उसकी चूत बहुत ही खूंखार रूप से गरम हो चुकी थी..क्या करे वो बेचारी..उधर जब घर की तरफ गयी तो स्कुल से घर के रास्ते के बीच में सड़क पर एक गधा और गधी दोपहर में ही चुदाई में लगे हुए थे, गधा अपने डेढ़ फिट का पूरा लम्बा और काला लौड़ा डालकर उस गधी को चौद रहा था..भरी दोपहर में बड़ा ही खतरनाक नजारा था वो..फातिमा अब धीरे चलने लगी ताकि वो इस लम्बे मोटे और काले लंड से गधी की लाइव चुदाई को अच्छे से देख सके..इस खतरनाक लंड से चुदती हुई गधी बिल्कुल शांति से चुदवा रही थी..गधे का बड़ा लंड बुरी तरह से उसकी चूत से अंदर-बाहर हो रहा था..वो दोनों पता नहीं कितनी देर से चुदाई में लगे हुए थे..फातिमा के देखते-देखते ही उस गधे का वीर्य छुट गया..बहुत सारा वीर्य गधी की चूत में ही निकल गया जो अब बह-बहकर निकलने लगा..फातिमा इस खतरनाक चुदाई को देखकर और भी गरमा गयी थी..अब उसकी चूत बहुत ही भयानक तरीके से खुजाने लगी थी..अपनी चूत की खुजली का क्या इलाज करें अब वो यही सोच रही थी... तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया और वो लाला की दूकान की तरफ बढ़ गयी...दोपहर का वक्त था..गाँव की गलियां एकदम सुनसान थी..फातिमा लाला से दो बार पहले भी चुदवा चुकी थी.. लेकिन उस बात को काफी वक्त हो गया था..तब लाला ने सिर्फ 20रूपये में ही उसका बाजा बजा दिया था..लेकिन लाला के छोटे से लंड से फटाफट की चुदाई में ज्यादा मजा नहीं आया था, फातिमा को फिर लाला ने कई बार उसको बहलाया लेकीन फातिमा लाला से नहीं चुदी..लेकिन आज खुद ही वो लाला से चुदने के चक्कर में जा रही थी...सोचा कुछ तो मजा देगा हरामी लाला उसको..ऐसा सब सोचकर वो लाला की दूकान की तरफ जा रही थी..रास्ता एकदम सुनसान ही पड़ा हुआ था..चलते-चलते वो लाला की दुकान के पास की गली में पहुंच गयी..तभी उसने लाला की दुकान की तरफ जाते हुए दो हिंजड़ो को देखा..यह हिंजड़े अक्सर शहर से गांव में पैसे उगाहने और बधाई लेने आया करते थे..उन हिंजडो में एक गुरु और एक चेला था..गुरु करीब चालीस साल का था, जबकि चेला मुश्किल से ही 20 साल का ही होगा..गुरु काफी दिनों से गाँव में आता-जाता था जबकि उसका चेला नया ही था..गुरु देखने में ठीकठाक था,लेकिन यह नया चेला काफी सुंदर था..गुरु का शरीर थोड़ा सा भारी था,देखने में वो सोनाक्षी सिन्हा जैसा लगता था..बूब्स बिल्कुल सन्नी लियोनि जेसे ही बड़े थे..गांड करीना कपूर जैसी.. जबकि उसका चेला नया था..उसके बूब अभी विकसित नहीं हुए थे..एकदम छोटे ही थे..लेकिन गांड उसकी भी भारी ही थी..चेला गौरा था और चिकना भी..चेले का कद और बोडी बिल्कुल किसी स्कूली लड़की की तरह था और बहुत सेक्सी शक्ल थी उसकी...गुरु का नाम लैला था जबकि चेले का नाम मोना...फातिमा ने देखा की वो दोनों हिंजड़े लाला की दूकान में चले गये है.. फातिमा ने इधर-उधर देखा गली एकदम सुनसान थी..वो वहीं खड़ी हो गयी..फातिमा जानती थी की इस टाइम लाला की दूकान में ग्राहक कम और रंडिया ज्यादा आती है ..और आज वो इन हिंजड़ो को लाला की दुकान जाते देख हैरान थी..हालाँकि फातिमा ने सुना हुआ था की लोग इन हिंजड़ो से भी सेक्स करते है लेकिन लोग इन हिंजड़ो से सेक्स कैसे करते है यह फातिमा को नहीं पता था...फातिमा ने देखा की वो दोनों हिंजड़े लाला की दुकान में चले गये तो 2-4मिनिट के बाद्द फातिमा भी धीरे से लाला की दूकान में घुसी..लाला की दूकान चूँकि एक घर ही में बनी हुई थी..आगे एक गेट था फिर तीन अलग-अलग कमरों में परचून का सामान था, सबसे पहले कमरे में लाला की बैठक थी..और छत पर एक कमरा लाला का चुदाई के लिए रखा हुआ था..फातिमा इस दुकान को अच्छे से जानती थी..क्यूंकि वो लाला के पास हफ्ते भर अनाज की साफ सफाई का काम कर चुकी थी..तभी लाला ने उसको चोदा था..अब फातिमा लाला की बैठक में हो रही बातचीत को छुपकर सुन रही थी.. वो गुरु हिंजड़ा…लाला से बोल रहा था:- लालाजी आपको जो मजा मोना दे सकता है वो कोई लड़की नहीं दे पायेगी, यह लिख लो आप, दुसरे यह एकदम साफ सुथरा है, हमेशा निरोध लगाकर ही कुछ करता है..अब आपको हम दोनों मिलकर वो वाला मजा देंगे जो आप कभी भूल नहीं पाओगे लालाजी, बस आप हमारी मदद कर दीजिये..आपका मकान तीन महीने रहने हमको दे दीजिये न..हम दोनों तो आपको मजा देंगे ही साथ ही गाँव में घूम-घूमकर आपके लिए नई-नई भाभियाँ और ओरतें पटा देंगे..! लाला=हम्म्म..लेकिन लैला..यार मैंने कभी किसी हिंजड़े को चोदा नहीं है..और गांड बहुत ही कम मारी हुई है..यार केसे होगा..?? लैला- लालाजी वो आप हमपर छोड़ दीजिये..शहर में आजकल समझदार लोग लड़कियों से ज्यादा हम जैसे हिंजड़ो से सेक्स करना पसंद करने लगे है..और आपको ऐसा मजा मिलेगा की आप इस गाँव की भाभियों की चूत भूलकर रोज हमको बुलाओगे लालाजी..आप चाहो तो एक बार मौका देकर देखलो हम दोनो को..?? लाला= लेकिन लैला..यह तुम्हारा चेला ले तो लेगा न मेरा लंड..नोटंकी तो नहीं न करेगा..क्यूंकि पीछे गांड में बहुत लोग लेने में डरते है और चिल्लाते है..देखो मेरे पास अभी एक-डेढ़ घंटा है बस...?? लैला- अरे लालाजी एक मौका तो हमको फिर देखो इस लैला का कमाल..कैसे आपको खुश करती हूँ मैं... लाला= रुको तुम दोनों इन सीढियों से छत के कमरें में जाओ में बाहर बंद करके आता हूँ..फिर वो दोनों छत पर चले जाते है और लाला बाहर का गेट बंद करने को खड़ा होता है, ठीक तभी फातिमा अंदर घुस जाती है..लाला उसको देखकर चौंकता है..लेकिन वो समझता है की फातिमा कोई सामान लेने आई होगी..लेकिन आज फातिमा तो लाला का सामान लेने आई थी..फातिमा बैठक में गयी तो उसको लैला ने देख लिया और अब वो लाला और फातिमा की बातें सुनने लगा.. दरअसल लैला एक असली किन्नर यानि हिंजड़ा था..उसके सब कुछ लड़की जैसा ही था..लेकिन चूत की जगह उसके लंड था.. पुरे 7इंच का हब्सी लंड था लैला के..लैला को जितना मजा अपनी गांड मरवाने में आता था उतना ही मजा गांड और चूत मारने में भी आता था..और वो चुदवाने और चोदने में एक्सपर्ट भी थी..काफी दिन से लैला ने कोई चूत नहीं चोदी थी..इसलिए फातिमा को देख उसके लंड में करंट आ गया था... मन ही मन लैला फातिमा को चोदना ही शुरू कर चुकी थी ...

फातिमा लाला के सामने जाकर मुस्कराती है और बोलती है—कैसे हो लालाजी आप?? लाला= अरे आओ फातिमा, आज बहुत दिन बाद आई सामान लेने तुम?? फातिमा—हाँ लाला आज बहुत ज्यादा जरूरत है आपके सामान की मुझको इसलिए इस टाइम दोपहर में आई हूँ..किसी और को तो सामान लेने नहीं बुलाया हुआ है आपने लालाजी आज ??? यूँ खुलेआम फातिमा के यह सब बोलने से लाला सकपका गया, लेकिन आखिर वो भी तो बहुत बड़ा शिकारी था न.. लाला-तुम आ गयी हो न अब मेरा सामान तुम लेलो फातिमा आज तो ! फातिमा--- हाँजी लालाजी आज मैं उसी लिए आई हूँ, आपका सामान लेने...! अब लाला चौंक गया..ऊपर के कमरे में लैला और मोना थे और यह फातिमा भी आ गयी अब केसे होगा...? लेकिन फातिमा तो आज किसी कुतियाँ की तरह गरम हुई पड़ी थी उसको आज लंड लेना ही था...उधर लाला का लंड उसकी धोती में किसी खतरनाक सांप की तरह फुंकार रहा था जो उसकी धोती के बाहर से ही पता लग रहा था,

20240920-193413
जो उसकी धोती के बाहर से ही पता लग रहा था, अब लाला से रुका नहीं जा रहा था, आज उसने फैसला किया की फातिमा को भी साथ लेकर वो सामूहिक चूदाई करेगा, बहुत दिन हो गये थे उसको सामूहिक चूदाई किये हुए.... वो अब चार जने हो चुके थे....
Gajab ka update hai.story kuchh hat kar lag rahi hai.plz story par update regular dete rehna or story complete karna
 
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