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Adultery आँचल : एक खूबसूरत हाउसवाइफ की अय्याशियां

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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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अगली सुबह आँचल ने सुनील से कहा की दोपहर के बाद उसको कुछ काम से बाहर जाना है तो आया को सास की देखभाल के लिए बोल दूँगी. सुनील के जाने के बाद आँचल से इंतज़ार बर्दाश्त नही हुआ और वो करिश्मा को फोन करने लगी पर कोई फोन नही उठा रहा था. उसने दो तीन बार ट्राइ किया पर कोई फायदा नही हुआ.
आँचल बहुत फ़्रस्ट्रेटेड हो गयी, कैसी है ये करिश्मा , फोन भी नही उठा रही है.

आख़िरकार दोपहर बाद 1 pm पर आँचल ने फिर से करिश्मा को फोन किया , इस बार करिश्मा ने मीठी आवाज़ में हेलो बोला.

आँचल बोली, यार कबसे फोन कर रही हूँ , फोन नही उठा रही हो.

करिश्मा ने उसे अपने घर का एड्रेस बताया और कहा अभी घर में कोई नही है.

आँचल ने तुरंत ऑटो पकड़ा और करिश्मा के बताए एड्रेस पर पहुँच गयी.

आँचल को अपने घर देखकर करिश्मा खुश हो गयी और उसने आँचल के होठों पर किस करके विश किया.
आँचल ने भी जवाब में करिश्मा के होठों को किस किया और अपनी जीभ उसके होठों के बीच से मुँह में घुसा दी. मादक आँचल को पूरे मूड में देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और अपने बेडरूम में ले गयी.

करिश्मा मन ही मन सोचने लगी आँचल को टीज़ कर करके मज़ा दूँगी , इस सेक्सी औरत को तड़पकर सिसकारियाँ लेते हुए देखने में ज़्यादा मज़ा आएगा.

करिश्मा आँचल को अपने बेडरूम में ले गयी और धीरे धीरे उसकी साड़ी, ब्लाउज, पेटिकोट और ब्रा उतारने लगी. कपड़े उतारते समय वो आँचल के बदन को छू रही थी जिससे आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. फिर आँचल ने भी करिश्मा के कपड़े उतार दिए लेकिन उसको जल्दबाज़ी हो रही थी , इसलिए उसने फटाफट करिश्मा के कपड़े उतार फेंके.

अब दोनो औरतें बिल्कुल नंगी थी. एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराते हुए दोनो होठों का चुंबन लेने लगी. आँचल इतनी ज़्यादा सेक्सुअली एग्ज़ाइटेड हो रखी थी की करिश्मा के किस करने और बदन में हाथ फिराने से उसको खड़े खड़े ही जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो आहह….....ऊऊहह…......उन्न्ञंफफफ़फ़गगगघह करती हुई झड़ गयी. उसने करिश्मा को अपने आलिंगन में जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा दुबली पतली थी उससे आँचल संभाली नही गयी और उसने जैसे तैसे आँचल को बेड में लिटा दिया.

फिर करिश्मा ने आँचल की मस्त बड़ी बड़ी गोरी चूचियों को हाथों में पकड़कर दबाना शुरू किया. आँचल की चूचियों को मसलने से खुद करिश्मा के मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी. फिर उसने आँचल के बड़े निपल को मुँह में भर लिया और एक एक करके दोनो निपल्स को चूसने लगी. आँचल मदहोशी से सिसकारियाँ ले रही थी. आँचल को करिश्मा की चूत को चाटने का मन हुआ, लेकिन करिश्मा उसकी चूचियों को चूसने और मसलने में मगन थी. आँचल भरी पूरी औरत थी और करिश्मा टीनेजर थी , तो आँचल ने करिश्मा को बेड पर धक्का दिया और उसकी टाँगें खींचकर अलग कर दी. और फिर करिश्मा की चूत में मुँह लगाकर जीभ से चाटने लगी. करिश्मा अपने से बड़ी आँचल का मुक़ाबला नही कर पाई और लेटे हुए सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल ने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा और गीली चूत में उंगली घुसाकर अंदर बाहर करने लगी.

करिश्मा अपने हॉस्टिल के लेस्बियन संबंधों में डॉमिनेंट पार्ट्नर रहती थी . आँचल को भी उसने तड़पाते हुए मज़े देने की सोची थी लेकिन यहाँ आँचल के सामने उसकी नही चली और उसे लगा की आँचल उसकी चूत ही खा जाएगी.
“उन्न्ञंह…ऊओह …उफफफफ्फ़… आँचल……” करिश्मा को ओर्गास्म आ गया और वो आँचल के मुँह में चूतरस बहाते हुए झड़ गयी.

फिर आँचल ने उसको अपनी गोद में बिठा लिया और उसके बूब्स को चूसने लगी. और एक उंगली उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी. कुछ देर बाद उसने चूत में दो उंगली डाल दी. आँचल अपनी गोद में करिश्मा को मनमर्ज़ी से चोद रही थी. और करिश्मा सिसकारियाँ ले रही थी.
करिश्मा को एक और ओर्गास्म आ गया.

“ऊओ….करिश्मा , मज़ा आ रहा है नाआआ……….” खुद भी सिसकारियाँ लेते हुए आँचल बोली.
करिश्मा को शुरू में दर्द हुआ था क्यूंकी अनाड़ी आँचल ने उत्तेजना में दो उंगलियों से उसकी टाइट चूत में दर्द करवा दिया था लेकिन आँचल की गोद में टाँगे फैलाए हुए बैठने से और आँचल द्वारा डॉमिनेट किए जाने से उसको बहुत कामतृप्ति मिली.

फिर आँचल ने उंगलियाँ करिश्मा की चूत से बाहर निकाली और उसके मुँह में डाल दी. और अपनी उंगलियाँ उससे चटवाकर साफ़ करवाई. फिर गोद में बिठाये हुए ही अपनी चूचियां उसके मुँह में डालती हुई बोली,” तू ये माँग रही थी ना, चूस मेरे मम्मों को. हाथ से देख कितने भारी हैं, चूस करिश्मा चूस…”

करिश्मा उसके मम्मों को चूसती रही और उत्तेजना से आँचल की चूत से रस बहने लगा.
फिर आँचल ने करिश्मा को गोद से उतारा और खुद बेड में लेट गयी. और बोली,” चूस मेरी चूत को …”
करिश्मा ने आँचल की चिकनी चूत के फूले हुए होठों में अपना मुँह लगा दिया और उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ने लगी.
“आहह…ओह…” आँचल ने सिसकारी ली.
फिर करिश्मा ने आँचल की फड़कती चूत के अंदर जीभ डाल दी और उसे अंदर घुमाने लगी.
“उहह…ऑश…उन्न्नह…उननग्ज्ग……एसस्स्सस्स….ज़ोर से और ज़ोर से ….” आँचल बोली और अपने बड़े नितंबों को उछालकर करिश्मा के मुँह में झटका देने लगी.

“उईईईईईईईईई….माआआअ……” आँचल उत्तेजना में सिसकी लेती रही.
फिर करिश्मा ने आँचल के नितंब पकड़े और एक अंगुली उसकी गांड के छेद में डाल दी.
“ऊओह ……..आहह…मैं मर गयी ………..उन्न्नह………आऐईयईईईई..” आँचल मज़े और दर्द से चिल्लाई और ओर्गास्म से झड़ गयी.

आँचल को ओर्गास्म के मज़े लेते देखकर करिश्मा उत्तेजित हो गयी और अपनी टेबल से वाइब्रेटिंग डिल्डो उठा लाई. फिर डिल्डो को ऑन करके आँचल की क्लिट को छेड़ने लगी. अपनी क्लिट पर वाइब्रेशन से आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा ने डिल्डो को आँचल की चूत में घुसाना शुरू किया. डिल्डो बड़ा था तो आँचल को अपनी चूत स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई. आँचल ने पहले कभी डिल्डो यूज़ नही किया था और इस डिल्डो का सेन्सेशन उसको अच्छा लग रहा था. अब करिश्मा डिल्डो को आँचल की चूत में तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी.

“उईईईईई …..करिश्मा …….” आँचल अपने नितंबों को ऊपर उछालने लगी.
फिर करिश्मा ने डिल्डो रोक दिया ताकि मज़ा लंबा खिच सके. डिल्डो के रुकने से आँचल तड़पने लगी.
“चोद साली करिश्मा…प्लीज़…….. चोद मुझे … “ आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई.

आँचल को अपनी खुशामद करते देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और मन ही मन बोली, तड़पा तड़पा के मज़े दूँगी तुझे. अब वो डॉमिनेंट पार्ट्नर बन चुकी थी और इसमे उसे मज़ा आ रहा था.

फिर उसने डिल्डो एक तरफ रख दिया और आँचल की टाँगें फैलाकर खुद उनके बीच आ गयी. अब दोनो की चूत एक के ऊपर एक थी. करिश्मा ने अपनी गीली चूत को आँचल की रस टपकाती चूत से रगड़ना शुरू किया. दोनो ही सिसकारियाँ लेने लगी. कुछ देर बाद करिश्मा ने आँचल से पेट के बल लेटने को कहा.

करिश्मा अब आँचल के बड़े बड़े नितंबों को पकड़कर मसलने लगी और बीच बीच में उनपर थप्पड़ मारने लगी. और थप्पड़ मारने से नितंबों को हिलते हुए देखकर मज़े लेने लगी. पीछे से आँचल की चूत में भी किसी किसी समय वो उंगली करने लगी.

फिर करिश्मा ने आँचल की मांसल जांघों को मसलना शुरू किया. करिश्मा के मसलने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. अब करिश्मा को भी मज़े की ज़रूरत थी.

“ बहुत मज़े कर लिए तूने…अब उठ और चूस मुझे…” आँचल से अपनी चूत चाटने को कहने लगी.

आँचल उठी और करिश्मा की चूत में जीभ लगाकर चाटने लगी. फिर चूत के अंदर जीभ डालकर करिश्मा को मज़े देने लगी. करिश्मा ने आँचल का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. थोड़ी देर बाद करिश्मा को ओर्गास्मआ गया और आँचल के सर को चूत में दबाए रखकर उसने उसका मुँह अपने चूतरस से भर दिया. कुछ पलों के बाद जब उसका ओर्गास्म ख़तम हुआ तो उसने आँचल का सर छोड़ दिया. आँचल ने चूतरस और लार से भीगा हुआ अपना मुँह ऊपर उठा लिया.

उसके बाद करिश्मा ने अपनी कमर में डिल्डो बेल्ट से बाँध लिया. और डॉगी पोज़ में आँचल की चूत में डिल्डो डालकर चोदने लगी. सपोर्ट के लिए उसने आँचल के हिलते हुए बूब्स पकड़ लिए. आँचल थोड़ी ही देर में झड़ गयी लेकिन करिश्मा रुकी नही और उसे चोदते रही.

“उहह….आअहह….बस करो करिश्मा…..उन्न्नह….दुख़्ता है …बससस्स…” आँचल दर्द से गुस्से में चिल्लाई.
आँचल को दर्द से चिल्लाते देखकर करिश्मा रुक गयी. और आँचल के चेहरे को अपने हाथों में पकड़कर बोली,” आई ऍम सॉरी, आँचल. मुझे पता नही चला की तुम्हें दर्द होने लगा है.”

फिर उसने आँचल के चेहरे को सब जगह चूमकर प्यार जताया और दिखाया कि उसको कष्ट पहुंचाने का उसका कोई इरादा नही था.
दोनो बहुत थक गयी थीं और कुछ देर तक नंगी ही बेड पर लेटी रहीं.

फिर करिश्मा कपड़े पहनते हुए बोली , चलो अब क्लब चलते हैं.

आँचल बहुत थक गयी थी और उसकी सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन भी रिलीज़ हो गयी थी. उसका क्लब जाने का मन नही था पर करिश्मा के कहने पर वो राज़ी हो गयी.

क्लब पहुचने के बाद करिश्मा अपने BF विकी और उसके फ्रेंड्स के साथ बैडमिंटन खेलने लगी. आँचल चेयर में बैठकर उनका खेल देखती रही , थकावट से उसने बैडमिंटन नही खेला.
करिश्मा खेलने के दौरान उसकी तरफ देखकर शरारत से मुस्कुराती रही.

कुछ देर बाद आँचल ने कहा की उसे घर जाना है और करिश्मा से अपनी कार में उसे घर छोड़ देने को कहा.
विकी करिश्मा की कार चलाने लगा और बॅक सीट में आँचल करिश्मा और सैफ के बीच में बैठ गयी. दोनो ही आँचल के बदन को छूने लगे. सैफ पीछे से हाथ डालकर उसकी गर्दन और कंधों पर हाथ फिराने लगा और करिश्मा उसकी जांघों पर हाथ रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगी. आँचल ने उन दोनो को नही रोका उसे जल्दी से घर पहुँचकर गरम पानी से नहाने की पड़ी थी , उसकी चूत भी डिल्डो की रगड़ से थोड़ी दर्द कर रही थी.

आँचल ने देखा सैफ के पैंट में तंबू बनने लगा है . तभी उसका घर आ गया और सबको मुस्कुराते हुए गुडबाय बोलकर वो कार से उतर गयी.

अपने बाथरूम में बाथटब में बैठकर गरम पानी में नहाते समय आँचल के दर्द से आँसू आ गये , करिश्मा ने बड़ी बेरहमी से डिल्डो से उसे चोदा था और गुस्सा करने पर ही वो रुकी थी. आँचल ने चूत में हाथ लगाकर सूजन को महसूस किया.

उस रात सुनील के साथ सोते समय आँचल चुपचाप करवट लेकर सो गयी , सुनील के लिए ये आश्चर्य की बात थी.

आँचल क्लब से शाम को घर पहुँची तो उसका ससुर मुंबई से घर वापस आ चुका था. ससुर और सुनील में केस को लेकर बातचीत हो रही थी. तभी ससुर की नज़र वाइट टीशर्ट और शॉर्ट स्कर्ट पहने हुई आँचल पर पड़ी (आज आँचल ने बैडमिंटन खेला नही था लेकिन अपनी ड्रेस उसने चेंज नही की और उसी में घर आ गयी) , ससुर के लंड में दर्द की लहर उठी. केस के बारे में बात करना भूलकर वो सोचने लगा आख़िर कब इस चिकनी बहू को चोदने की मेरी इच्छा पूरी होगी ? हर बार मेरा प्लान गड़बड़ हो जाता है. काश उसी दिन मैंने इसे चोद दिया होता जब कुक सलीम इसे नंगी छोड़कर भाग गया था. अब देखो कैसे मेरे सामने छोटी स्कर्ट पहने बैठी है , आहा मक्खन जैसी गोरी गोरी चिकनी जांघें हैं इसकी. आँचल सुनील और ससुर के साथ छोटी वाइट स्कर्ट में अपनी टाँगें मिलाए बैठी थी . ससुर की नज़रें उसकी दूधिया जांघों पर ही थी तभी बातों बातों में आँचल ने अपनी टाँगें थोड़ी अलग करी और ससुर को उसकी वाइट पैंटी दिख गयी. आअहह………..साली सामने रसमलाई है और मैं खा नही पा रहा हूँ.

ससुर की मुंबई ट्रिप से कोई खास फायदा नही हुआ था. दोनों भाई गुल्मोहर और अंकुर के खिलाफ बाउन्स चेक का केस कोर्ट में लंबा खिच रहा था. और अब अगली डेट दो महीने बाद की थी तो ससुर वापस देल्ही आ गया.
 
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अब उनकी आर्थिक हालत ख़स्ता थी, बैंक से बहुत लोन ले लिया था. उसका ब्याज और किस्त देने में उनको बहुत परेशानी आ रही थी.

सुनील ने आँचल से कहा,” अपने पापा से 25 लाख रुपये माँग लो , हमारी थोड़ी हेल्प हो जाएगी.”

आँचल ने अपने पापा को फोन किया,” पापा यहाँ हमारी कंडीशन थोड़ी खराब है , आप इधर आ जाओ, कुछ बात करनी है.”

आँचल के पेरेंट्स देल्ही में ही रहते थे , वो दोनों आँचल की ससुराल आ गये. आँचल ने उनको सारी बात बताई की कैसे फैक्ट्री के लोन की किस्त चुकाने में आफ़त आ रही है और जगह जगह डिसट्रिब्युटर्स के पास पैसा अटका पड़ा है.

आँचल के पापा बोले,” देखो बेटा , मैं तो रिटायर्ड आदमी हूँ , 25 लाख कहाँ से लाऊंगा. कुछ प्रॉपर्टी है मेरे पास जिसको बेचकर ज़्यादा से ज़्यादा 15-18 लाख मिल सकते हैं. इसमे भी दो महीने लग ही जाएँगे सौदा करने में. मैं अपनी तरफ से जितना हो सकता है उतनी मदद कर दूँगा . ठीक है बेटा ?”

आँचल बोली,” जैसा आप ठीक समझें वैसा ही कीजिए पापा.”

अब सुनील और ससुर ने डिसाइड किया की बाकी जितने भी डिसट्रिब्युटर्स हैं उन सब के पास जाते हैं और रुका हुआ पेमेंट माँग कर लाते हैं, जिससे जितना भी मिल जाए. इस टूर में उनको दो हफ्ते लग जाएँगे.

तब तक आँचल सुबह से लेकर लंच टाइम तक फैक्ट्री अटेंड करेगी. लेकिन आँचल की सास अभी भी बीमार थी . इसलिए ये डिसाइड हुआ की सास अपने भाई के घर दो हफ्ते के लिए रहेगी वहाँ उसकी देखभाल हो जाएगी . आँचल अपने पेरेंट्स के घर रहेगी और वहीं से सुबह फैक्ट्री जाएगी.

आँचल ने अपना सामान पैक किया और मम्मी पापा के साथ मायके चली गयी. मायके में नौकर रामू ने मुस्कुराते हुए आँचल का स्वागत किया. मैडम वापस आ गयी है , अब तो मज़ा आएगा चोदने में, बहुत दिन हो गये मैडम को चोदे हुए. हंसते हुए रामू को देखकर आँचल के बदन में झुरजुरी दौड़ गयी , उसको याद आया पिछली बार जबरदस्त चुदाई के बाद सर्वेंट क्वॉर्टर्स से ही ऑटो लेकर ससुराल भागना पड़ा था.

आँचल के मम्मी पापा अपनी लाड़ली बेटी के परिवार की बिगड़ी हुई फाइनेंसियल कंडीशन से दुखी थे , वो दोनों रात में काफ़ी देर तक आँचल के बेडरूम में उससे इस बारे में बात करते रहे फिर चिंता में डूबे सोने चले गये.
अगली सुबह चाय देने आँचल की माँ भी रामू के साथ आई तो आँचल को रामू से अकेले में बात करने का मौका नही मिला. आँचल फटाफट तैयार हुई और कार ड्राइव करके फैक्ट्री पहुँच गयी. फैक्ट्री पहुँचकर उसने देखा स्टाफ और वर्कर्स के चेहरों पर चिंता की लकीरें थी.

आँचल ने सबको मीटिंग के लिए बुलाया और बोली,” अगले दो हफ्ते तक मैं फैक्ट्री का कामकाज़ देखूँगी. चिंता मत करो किसी की भी नौकरी नही जाएगी. जो भी पैसे की परेशानी है उसका कुछ ना कुछ हल हम लोग निकाल लेंगे.”

आँचल ने फैक्ट्री मैनेजर मुकेश बंसल से कहा ,” मेरे केबिन में अकाउंट स्टेट्मेंट्स और बैंक लोन फाइल्स लेकर आओ.”

बंसल लगभग 48 साल की उमर का था , पेट बाहर को निकला हुआ , कद काठी भी साधारण ही थी. पहली बार उसका सामना सुनील की बजाय उसकी खूबसूरत बीवी से हो रहा था. आँचल को फाइल्स दिखाते हुए उसकी नज़र आँचल के खूबसूरत बदन और उसकी क्लीवेज पर पड़ जा रही थी. आँचल ने अकाउंट स्टेट्मेंट्स वगैरह देखे , बंसल को आश्चर्य हुआ ये हाउसवाइफ फटाफट सब कैसे समझ जा रही है. आँचल ने DU से कॉमर्स की डिग्री फर्स्ट क्लास में पास की थी. अपने स्कूल में भी वो मैथ्स और अकाउंटिंग में बहुत अच्छी थी.

आँचल के केबिन में एसी काम नही कर रहा था , गर्मी से उसको पसीना आ रहा था. फैन से देल्ही की गर्मी में कुछ फायदा नही होता. बंसल झुककर आँचल को फाइल्स दिखा रहा था. उसको आँचल के पसीने की गंध आई. आँचल की कांख (armpit) के पास ब्लाउज पसीने से गीला हो गया था. बंसल उस मादक गंध से उत्तेजित होने लगा. खड़े खड़े उसने देखा पसीने की बूंदे आँचल के बूब्स की गहरी खाई में नीचे को लुढ़क रही हैं. बंसल का लंड खड़े होकर पैंट की तंग जगह में दर्द करने लगा.

आँचल के बदन के पसीने की मादक गंध से कामांध होकर बंसल उसके और नज़दीक़ झुककर खुशबू अपनी नाक में भरने लगा. फैक्ट्री की खराब फाइनेंसियल कंडीशन को समझने में आँचल को दो घंटे लग गये. तब तक खड़े खड़े बंसल की टाँगें बैठने लगी लेकिन लंड खड़ा ही था. अब बंसल की भी हिम्मत बढ़ने लगी. फाइल उठाने के बहाने वो उसकी नंगी बाँह (स्लीवलेस ब्लाउज पहने थी) और कंधों से अपने हाथ टच करने लगा और एक बार उसने आँचल के बूब्स से भी हाथ टच कर दिया.

बूब्स पर हाथ टच होते ही आँचल ने नज़र उठाकर बंसल को देखा.

बंसल की साँस अटक गयी, उसने तुरंत माफी माँग ली, “ ग़लती से टच हो गया, मैडम.”

आँचल ने कोई जवाब नही दिया.

आँचल को गुस्सा ना करते देखकर बंसल की जान में जान आई और उसकी हिम्मत और भी बढ़ गयी. वो फाइल्स रखने और उठाने के बहाने उसकी बाँह और कंधों से अपनी बाँह टच करते रहा . औरतें सब समझती हैं , आँचल भी समझ रही थी. ये मोटा अपनी बाँह मुझसे बहाने से रगड़ रहा है. लेकिन उसने अपनी भावनाओ को कंट्रोल में रखा और अकाउंट्स को समझने में ही सारा ध्यान लगाया. ये भी एक नयी बात थी, शायद घर की खराब हालत की वजह से , वरना उसके दिमाग़ की बजाय उस पर दिल ज़्यादा हावी रहता था.

जब आँचल ने सारे अकाउंट्स चेक कर लिए तो उसने बंसल से चेयर पर बैठने को कहा और बोली,” स्टाफ की सैलरी के लिए बैंक से आज पैसे निकालने है. आप चेक बनाओ.”

बंसल आँचल की टेबल के सामने बैठने लगा, आँचल ने उसकी पैंट में बने तंबू को नोटिस किया. मेरी बगल में खड़ा होकर ये तंबू ही बना रहा था कमीना……..

बंसल ने देखा आँचल की नज़र उसके तंबू पर है , वो मुस्कुराया , आँचल झेंप गयी और झट से नज़रें हटा ली .

बंसल मुस्कुराते हुए सोचने लगा,” चुदासी औरत लगती है ये, मेरे छूने से इसको भी कुछ एफेक्ट तो पड़ा ही है……..”

आँचल झेंपते हुए सोचने लगी , मोटे कमीने ने लंड को ताकते हुए पकड़ लिया मुझे.

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फिर झेंप मिटाने के लिए उसने बात बदल दी और बोली,” बैंक में हमारा बैलेंस कितना है ? सैलरी देने के लिए पूरा है की नही ?”

बंसल ने बैलेंस चेक किया और बताया, “ आज सैलरी देने के लिए तो हो जाएगा , मैडम.”
फिर बंसल ने चेक बनाने शुरू किए.

आँचल ने सभी चेक्स में साइन कर दिए. तब तक दोपहर के 1 बज गये.

आँचल ने बंसल से कहा,” आप बैंक से पैसा लाओ और स्टाफ में सैलरी बाँट दो. अभी मैं घर जा रही हूँ और कल कुछ क्रेडिटर्स के साथ मीटिंग करूँगी. “

सुनील ने बैंक के अलावा भी और जगह से लोन लिया हुआ था और वो लोग अब पैसा लौटने को दबाव बना रहे थे. आँचल कल उनके साथ मीटिंग करने वाली थी.

फिर आँचल उठी और ऑफिस से बाहर चली गयी.

बंसल आँचल के बड़े बूब्स और फिर पीछे से उसकी मटकती हुई गांड देखते रहा. साली के नितंब कैसे हिल रहे हैं…….कभी इधर को कभी उधर को …आहह………. सुनील साहब बहुत लकी हैं जो ऐसा मस्त माल उनको मिला है.

घर पहुँचकर आँचल ने मम्मी पापा के साथ लंच किया और अपने बेडरूम में रेस्ट करने चली गयी. थोड़ी देर बाद उसके मम्मी पापा क्लब में कार्ड खेलने चले गये. अब वो शाम को ही लौटेंगे, अपने दोस्तों के साथ कार्ड खेलकर.

आँचल थोड़ी उत्तेजना महसूस कर रही थी, बंसल ने उसे गरम कर दिया था. सोचने लगी मुंबई से आने के बाद एक बार भी ढंग से चुदाई नही हो पाई. ऊपर से घर के रोज़ नये नये टेंशन.

उसने रामू को आवाज़ दी और एक कप कॉफी लेकर आने को कहा. फिर सोचने लगी मम्मी पापा के लौटने तक आज रामू के साथ जमकर चुदाई का मज़ा लेती हूँ. ……….आहहहह……….

आँचल अपने बेडरूम में लेटी हुई थी . उसका नौकर रामू वहाँ आ गया और उसकी ओर ललचाई नज़रों से देखने लगा. आँचल ने देखा उसके निक्कर में लंड ने तंबू बना रखा है. आँचल जैसे ही बेड में उठने को हुई , रामू उसके ऊपर चढ़ गया और उसके गालों और होठों का चुंबन लेने लगा . आँचल ने अपने बदन पर उसके खड़े लंड की रगड़ महसूस की. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर रामू ने अपना निक्कर उतार दिया और गर्व से अपना बड़ा लंड आँचल के खूबसूरत चेहरे के आगे हिलाने लगा.

रामू के बड़े लंड को देखकर आँचल उत्तेजित हो गयी और तुरंत अपना मुँह नज़दीक़ लाकर लंड के सुपाड़े को चूसने लगी. दूसरे हाथ से वो रामू की गोलियों को सहलाने लगी. कुछ ही देर में आँचल लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, रामू मज़े से आहें भरने लगा. आँचल को बड़े लंड पसंद थे , वो मज़े से रामू का लंड चूसती रही.
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थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह से बाहर निकाला और रामू की गोलियाँ चूसने लगी. रामू बर्दाश्त नही कर पाया और उसने वीर्य की धार आँचल के चेहरे और बालों में छोड़ दी. तभी आँचल का फोन आ गया. आँचल का चेहरा वीर्य से भीग चुका था , रामू ने उसे फोन पकड़ा दिया. लेकिन आँचल उत्तेजना में थी , उससे बोला नही जा रहा था.

“ उन्न्ह…बोलो, कौन है ?”

“मैडम , मैं हूँ बंसल.”

तब तक रामू आँचल के बूब्स को नंगा कर चुका था और अब निपल चूस रहा था.

“उन्न्नह…आहह….बोलो, क्या बात है ?”

“मैडम यहाँ बैंक में चेक क्लियर नही हुआ और सैलरी देने के लिए बैलेंस नही है .”

रामू अब आँचल की चूत के होठों पर उंगली फिरा रहा था. फिर उसने गीली चूत के अंदर दो उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.

“उननग्ग…उन्ह..ऊहह…मिस्टर बंसल…”

“मैडम ! मैडम आप ठीक तो हैं ना ?”

“उंगघह…….उफफफफफ्फ़….ऊओह…” आँचल फोन पकड़े हुए सिसकारियाँ लेने लगी. रामू अंगूठे से उसकी क्लिट मसल रहा था और उंगली चूत में अंदर बाहर कर रहा था.

“मैडम बोलिए मैं सैलरी का क्या करुँ ?” मायूस होकर बंसल बोला.

“आआहह…..ऊओह…………..उूउउइईईई म्माआअ…”आँचल को ओर्गास्म आ गया और ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए वो झड़ गयी और फोन उसके हाथ से चूत कर बेड में गिर गया.

जब आँचल को ओर्गास्म आ रहा था तब रामू ने उसकी चूत से अपनी उंगलियाँ निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी.

अपने चूतरस से भीगी हुई रामू की उंगलियाँ मुँह में जाने से आँचल को अपने ही चूतरस का स्वाद आया.
“ये क्या कर रहे हो तुम रामू ?”

रामू ने उंगलियाँ आँचल के मुँह से हटा ली और अब वो आँचल को चोदने के लिए उसके बाकी कपड़े उतारने लगा.

रामू ने ब्लू फिल्म्स में देखा था की उसमे लड़का लड़की बहुत सारे अलग अलग पोज़ बनाकर चुदाई करते हैं. वो सोचने लगा आज मैं भी अपनी सेक्सी मेमसाब के साथ अलग अलग पोज़ में चुदाई करूँगा. पिछली बार तो सर्वेंट क्वॉर्टर में जल्दी जल्दी डर डर के चुदाई करनी पड़ी थी पर इस बार कोई टेंशन नही है, शाम तक का सारा वक़्त पड़ा है चुदाई के लिए. सोचते सोचते उसका लंड झटके मारने लगा.

रामू का लंड फिर से खड़ा होते देख आँचल उत्तेजना से आहें भरने लगी. आज उसने जमकर चुदाई का मज़ा लेने का मन बनाया था. अपने मज़े में उन दोनो का ध्यान फोन से हट गया था.

बंसल फोन में उधर की आवाज़ें सुन रहा था, मैडम चुद रही है सोचकर उसका लंड पैंट में तन गया था. वो सोचने लगा,” सुनील साहब तो बाहर गये हैं, फिर मैडम किससे चुद रही है ? ये रामू कौन है ? क्या मेरा भी नंबर आएगा सेक्सी मैडम को चोदने का ?” उसने जानबूझकर फोन डिसकनेक्ट नही किया और वो चुपचाप सब आवाज़ें सुनता रहा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“ओह्ह …. रामू तुम इतने छोटे दिखते हो , पर तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. ये सब करना तुमने कैसे सीखा ?”

रामू मुस्कुराते हुए बोला,” अरे मेमसाब , अभी तो मैंने कुछ भी नही किया , अभी देखती जाओ मैं तुम्हें कैसे कैसे चोदता हूँ और तुम्हारी तरसी हुई चूत को कैसे कैसे मज़े देता हूँ.”

“ओह्ह …रामुऊऊउ…”

“जैसे मैं छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड बड़ा है. वैसे ही तू मेमसाब इतनी बड़ी और चिकनी है लेकिन तेरी चूत छोटी और पतली है.” आँचल की टाँगों को अपने कंधों पर रखकर उसकी चूत के होठों के बीच अपने लंड को रखते हुए रामू बोला.

“ओह्ह …रामू ….” आँचल अपनी चूत में लंड घुसने का इंतज़ार करते हुए सिसकी.

“अरे देखती क्या है, मेमसाब . लंड पकड़ और अंदर डाल. मैं तुम्हारे मुम्मो की मालिश करता हूँ.”

आँचल ने रामू का लंड पकड़ा और अपनी चूत के छेद में घुसाया , रामू उसके बूब्स को दबाने लगा. एक झटके में रामू ने सुपाड़ा अंदर घुसा दिया.

“आअहह…उननग्ग्घह…”सुपाड़ा अंदर घुसते ही आँचल ने मज़े से सिसकारी ली.

“बहुत टाइट है तेरी चूत, घबरा मत, मैं धीरे धीरे ही लंड घुसाता हूँ.” रामू आँचल की गीली लेकिन टाइट चूत में लंड अंदर घुसाने लगा. फिर धीरे धीरे स्ट्रोक लगाते हुए उसके निपल मसलने लगा.

“उऊहह …रामू …ज़ोर से और ज़ोर से…..बहुत मज़ा आ रहा है …आहह…ऊऊहह…उईईइ..माआ…” आँचल मज़े से अपने नितंबों को ऊपर को उछालती हुई बोली.
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चुदाई करवाने में आँचल को बहुत मज़ा आता था और वो कामोन्माद में मदहोश हो जाती थी.

“मेमसाब तेरी चूत तो बहुत तरस रही है, ये ले ज़ोर से ….ये और ज़ोर से ले …” आँचल की चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए रामू बोला. उसकी गोलियाँ आँचल की गांड से टकरा रही थी.

“ हाय …उउन्न्नह…..चोदो मुझे … चोद मुझे रामू….” उत्तेजना से आँचल चिल्लाई. रामू के ताबड़तोड़ धक्के उसकी चूत को बहुत मज़ा दे रहे थे. उसने उत्तेजित होकर रामू के चेहरे , गालों पर दाँत काट दिया. और फिर उसको जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी.

“आहह….ऊऊहह….ऊऊीीईईईईईई..आऐईईईई…..”

आँचल को ओर्गास्म का आनंद लेते देखकर रामू ने अपना चूतरस से भीगा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और आँचल के चेहरे पर लंड से थप्पड़ मारने लगा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“उन्न…हाँ..मेरे रामू…” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए धीमे से बोली.

आँचल को ओर्गास्म का आनंद लेते देखकर रामू ने अपना चूतरस से भीगा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और आँचल के चेहरे पर लंड से थप्पड़ मारने लगा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“उन्न…हाँ..मेरे रामू…” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए धीमे से बोली.


“उठ जा , अब मैं तुझे खड़े खड़े चोदूँगा “ कहते हुए रामू ने नंगी आँचल को बेडरूम की दीवार के सहारे पीठ टिकाकर खड़ा कर दिया. फिर उसकी एक टांग ऊपर उठा ली और दूसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपना खड़ा लंड उसकी चूत में एक झटके में घुसा दिया.

“आहह…उनन्नग्घह…रामुऊऊउ…..” आँचल की चूत में रामू का बड़ा लंड घुसते ही आँचल ने सिसकारी ली.
रामू अब खड़े खड़े आँचल की चूत में धक्के लगाने लगा. आँचल की छाती में उसके बड़े बड़े बूब्स धक्कों के साथ ही ऊपर नीचे हिलने लगे.

आँचल उत्तेजना से सिसकारियाँ लेती रही ,” आहह…उंगघह ….ऊओिईईईई म्म्माआअ…”

अब रामू तेज तेज धक्के लगाने लगा. आँचल की पीठ और गांड पीछे दीवार से टकराने लगे. आँचल के उछलते बूब्स को रामू अपने मुँह में भरकर चूसने लगा.

आँचल के बूब्स पसीने और रामू की लार से पूरी तरह भीग गये. अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से मज़े लेती हुई आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकते हुए झड़ गयी.

“आहह…..मेरे राजाआअ…………..ऊओह……….आआहह……………”

रामू ने मेमसाब को झड़ते देखा तो उसको अपना प्रेशर भी बनता महसूस हुआ,” मेमसाब मैं तेरी चूत को भरने वाला हूँ, क्या मस्त है तेरी चूत मेमसाब….” कहते हुए उसने आँचल की चूत अपने गाड़े वीर्य से भर दी.

झड़ने के बाद रामू का मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकल आया . रामू ने आँचल की टांग नीचे रख दी और उसकी कमर से अपना हाथ हटा लिया. आँचल के पास खड़े होने की भी ताक़त नही थी, थकान से वो दीवार के सहारे फिसलती हुई नीचे फर्श पर ही लेट गयी और अपनी साँसों पर काबू पाने का प्रयास करने लगी. उसको फर्श पर लेटा देखकर रामू भी उसी के साथ ठंडे फर्श पर लेट गया.

कुछ देर बाद आँचल उठी और बेड के पास पहुँची. उसकी नज़र अपने फोन पर पड़ी , फोन उठाया तो देखा कॉल चालू थी. आँचल बोली,” हेलो ..?”

“मैडम ….मैडम हेलो , मैं बंसल बोल रहा हूँ.”

बंसल ने सब सुन लिया था की कोई रामू मैडम को चोद रहा है और मेमसाब कह रहा है. बंसल समझ गया की ये कोई नौकर होगा.
“मैडम , आप ठीक तो हैं ना ? मुझे आपकी चीखने की आवाज़ आ रही थी .”

आँचल समझ गयी , इस कमीने ने उसकी और रामू की चुदाई की आवाज़ें सब सुन ली हैं. उसको एम्बरस्सेमेंट फील हुई.
हिचकिचाते हुए बोली,” मैं वो ….टीवी में मूवी देख रही थी, उसकी आवाज़ आ रही होगी. बोलो क्या बात है ?”

बंसल को मालूम था आँचल झूठ बोल रही है मूवी वाली बात, वो मज़े लेते हुए बोला,” मैं घबरा गया था मैडम. मैंने समझा की कोई आपका रेप कर रहा है, तभी आप चीख रही हैं.”

आँचल को गुस्सा आ गया. वो नाराज़गी से बोली,” ये क्या बकवास कर रहे हैं आप ? काम की बात बोलो…”

बंसल फिर भी मज़े लेते रहा,” सॉरी मैडम, पर मुझे लगा कोई सच में आपका रेप कर रहा है, मैं तो वाक़ई घबरा गया था मैडम.”

फिर बोला,” मैडम मैंने इसलिए आपको फोन किया था की जो चेक हमने डाला था वो अभी तक क्लियर नही हुआ है.”

आँचल झल्लाते हुए बोली,” आप इसका हल खुद ही निकालिए मिस्टर बंसल.”

बंसल बोला,” मैडम, वो तो मैंने बैंक वालों को मनाकर सैलरी के पैसे निकाल लिए हैं. पर कल तक अगर चेक क्लियर नही हुआ तो हमें पैसे भरने होंगे.”

आँचल अब ज़्यादा बात करने के मूड में नही थी,” ठीक है, कल बात करूँगी, बाइ..” कहकर उसने फोन काट दिया.

बंसल के साथ बात करके आँचल का मूड ऑफ हो गया. जो चुदाई का मज़ा वो रामू के साथ ले रही थी वो भी खराब हो गया. वो सोचने लगी , इस बंसल कमीने ने फोन पर सब सुन लिया है , अब कहीं कुछ नुकसान ना पहुँचा दे.

तभी रामू भी बेड पर आ गया और आँचल के बूब्स को मसलने लगा.

आँचल का अब मूड नही था , “ अभी नही सताओ मुझे रामू…”

लेकिन रामू नही माना . आँचल का हाथ अपने फिर से तन चुके लंड पर रखते हुए बोला,” देखो मेरा लंड फिर से खड़ा है. अब तो मैं तेरी गांड मारूँगा मेमसाब.”

आँचल की एक ही बार गांड मारी थी , वो कुक सलीम ने ज़बरदस्ती से . उसमे आँचल को इतना दर्द हुआ था की वो अब डरती थी.

“नही रामू ….प्लीज़ , गांड में नही…” आँचल ने उसे मना किया.

लेकिन रामू ने उसे पेट के बल लिटा दिया और बोला,” डरो मत मेमसाब, मज़ा आएगा.”

फिर उसने अपनी उंगलियों पर थूक लगाकर , आँचल की गांड के छेद में उंगलियाँ घुसाई.

आँचल चिल्लाने लगी ,”ऊऊीईईईईईईईईईईईई…………माआआआअ…”

आँचल की टाइट गांड देखकर और उसके चिल्लाने से रामू बोला,” क्या मेमसाब, ये तो बहुत टाइट है…..क्या सुनील साब ने कभी भी आपकी गांड नही मारी ?”

“नही …आ…आईईए….रामू…” आँचल आगे होने वाले दर्द को सोचकर चिल्लाई.

रामू ने देखा मेमसाब तो बहुत डरी हुई है , इसको कष्ट पहुँचाना ठीक नही होगा. उसने गांड मारने का इरादा टाल दिया और बोला,” अच्छा ठीक है. पर इस खड़े लंड का कुछ तो सोचो मेमसाब.”

फिर रामू ने आँचल के नितंब पकड़े और लंड गांड में ना डालकर उसकी चूत में पीछे से घुसा दिया. और डॉगी पोज़ में आँचल को चोदने लगा.

“उउउफफफ्फ़…” आँचल सिसकी.

रामू के पीछे से जोरदार धक्कों से आँचल का पूरा बदन हिलने लगा.

“उन्न्ह….उफफफ्फ़……रामू….उफफफ्फ़…”

आँचल का मन अब चुदाई में नही था, उसकी चूत सूख चुकी थी. रामू के धक्कों से उसकी चूत दर्द करने लगी.
“बस करो रामू, मुझे दर्द हो रहा है. बस रामू बस….”

लेकिन रामू ने उसकी बात उनसुनी करदी और उसे पीछे से चोदता रहा. उसको अपने मज़े की पड़ी थी.

थोड़ी देर बाद उसको अपना पानी निकलता महसूस हुआ. वो आँचल की बड़ी गांड में थप्पड़ मारते हुए उसकी चूत में झड़ गया. झड़ने के बाद खुशी खुशी कपड़े पहनकर कमरे से बाहर चला गया.

आँचल थोड़ी देर तक वैसे ही बेड में लेटी रही. रामू की बेरहमी से की गयी चुदाई से उसकी चूत दुखने लगी थी. मना करने पर भी वो नही माना था और झड़कर पूरा मज़ा लेने के बाद ही वो गया था.

आँचल कुछ देर तक बेड में मुंह छुपाये हल्के हल्के सुबकती रही.
 
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IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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आँचल अगली सुबह 8 बजे फैक्ट्री पहुँच गयी. बंसल वहाँ पहले से ही मौजूद था. वो आँचल के केबिन में विश करने आया. फिर उसको कल बैंक से पैसा निकालने में आई परेशानी के बारे में बताने लगा. बात करते हुए आँचल के बदन को ललचाई नज़रों से घूर भी रहा था. उसे मालूम था कल ये सेक्सी औरत अपने नौकर से चुदाई के मज़े ले रही थी. वो अब खुद भी मैडम को चोदना चाहता था.

आँचल ने हल्के नीले कलर की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था , जिसके अंदर उसकी ब्लैक ब्रा दिख रही थी. उसके बड़े बूब्स उस छोटे ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे , उससे बंसल को आँचल की काफ़ी क्लीवेज दिख जा रही थी. आँचल को मालूम था बंसल की नज़रें कहाँ कहाँ हैं, उसे अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन वो चुप रही. कल फोन पर बंसल ने सब सुन लिया था , इस बात से वो वैसे भी अपसेट थी.

फिर बंसल बोला,” फैक्ट्री के कुछ बिल जैसे इलेक्ट्रिसिटी वगैरह भी देने हैं और कुछ लोन देने वाले भी परेशान कर रहे हैं. सुनील साहब पैसा लेकर कब तक आएँगे.”

आँचल ने बताया,” उनको तो अभी कम से कम 2 हफ्ते और लगेंगे वापस आने में.”

बंसल बोला,” तब तक बिना पैसे के कैसे काम चलेगा?”

फिर बंसल ने अकाउंट्स लेजर आँचल की टेबल में रख दिया और खुद आँचल की चेयर के पीछे आकर जो जो भी पेमेंट्स तुरंत करने हैं, उनके बारे में बताने लगा. बहाने से आँचल की बाँहों को छूने लगा और उंगली को फाइल में लगाकर बताने के बहाने अपने गाल उसके गाल के पास ले आया. आँचल का ध्यान उसकी हरकतों से फाइल से हट जा रहा था. फिर जब वो अपना चेहरा पीछे से उसके चेहरे के पास ले आया तो वो सोचने लगी , कमीना अपना चेहरा मुझसे चिपका रहा है.

अब बंसल ने अपना हाथ आँचल की पीठ में रख दिया और उसको अकाउंट्स समझाते रहा. कुछ देर बाद ब्लाउज के उपर नीचे की नंगी पीठ पर वो अपने हाथ फिराने लगा. आँचल सोचने लगी, आज इसकी हिम्मत कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी है.

आज क्रेडिटर्स के साथ आँचल की मीटिंग थी. आँचल के केबिन में एक एक करके क्रेडिटर्स को बुलाया गया. बंसल भी वहीं बैठा था. आँचल के लिए वो मीटिंग बहुत ही अपमानजनक साबित हुई. लोन देने वाले , पेमेंट ना होने से गुस्से में थे. सुनील की जगह उसकी जवान बीवी को देखकर वो उस पर हावी हो गये और उसे खूब खरी खोटी सुना दी. आँचल ने उन्हे शांत करने का प्रयास किया , लेकिन वो जानती थी की पैसों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. मीटिंग में सबकी डांट खाने से आँचल का मूड ऑफ हो गया. सुनील होता तो थोड़ा संभाल लेता पर आँचल को इन सब चीज़ों का अनुभव नही था.

तभी बैंक से फोन आ गया कि तुरंत 5 लाख अकाउंट में जमा कराओ , जो सैलरी चेक क्लियर नही हुआ था उसके. सब जगह से पैसों की डिमांड से परेशान होकर आँचल की आँखों में आँसू आ गये.

बंसल बोला,” बैंक मैनेजर मिस्टर सेठी आजकल छुट्टी पर हैं, इसलिए कोई राहत की उम्मीद भी नही की जा सकती . बैंक में किसी भी हालत में आज ही पैसा जमा करना होगा.”

आँचल को रुआंसी देखकर अपना हाथ उसकी पीठ के पीछे से दूसरी बाँह तक डालकर बंसल बोला,” मैडम आप परेशान मत हो. मेरा एक पुराना बॉस है मिस्टर साजिद ख़ान जो पैसा उधार देता है. ये फैक्ट्री ज्वाइन करने से पहले मैं उसी के यहाँ काम करता था. शायद हमें उससे बात करनी चाहिए पैसों के लिए.”

आँचल को जैसे उम्मीद की किरण दिखाई दी, वो तुरंत राज़ी हो गयी.

आँचल ने सुनील को फोन किया और उसे फैक्ट्री के हालात के बारे में बताया,” तुम तो चले गये और यहाँ मुझे लोन वाले खाने को आ रहे हैं. हर तरफ से पैसों की डिमांड आ रही है. दुनिया भर के बिल भरने हैं. एक कोई बंसल का पुराना बॉस है मिस्टर ख़ान, जो पैसा उधार देता है. उससे बात करूँ क्या ?”

सुनील बोला,” अभी तक हम यहाँ डिसट्रिब्युटर्स से सिर्फ़ थोड़ा बहुत ही पैसा निकलवा पाए हैं. हो सके तो तुम मिस्टर ख़ान से 20 लाख रुपये माँग लेना , अभी के लिए काम चल जाएगा.”

आँचल अपने पति से फोन पर बात कर रही थी और बंसल उसके कंधों और पीठ पर हाथ फिरा रहा था. अब उसकी हिम्मत बढ़ते जा रही थी.

आँचल अनकंफर्टबल फील कर रही थी , मोटा मुझसे मज़े ले रहा है. लेकिन वो पैसों की समस्या से परेशान थी इसलिए बंसल की हरकतों को इग्नोर करके फोन पे बात करते रही.

बंसल के लिए अपने पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था. मादक आँचल की गोरी चिकनी पीठ पर हाथ फिराते हुए उसका मन कर रहा था यहीं केबिन में इसे चोद डालूं.

सुनील से बात करने के बाद आँचल ने बंसल से मिस्टर ख़ान से कांटेक्ट करने को कहा. बंसल ने आँचल की पीठ से मजबूरी में हाथ हटाया और अपने केबिन में जाकर ख़ान का नंबर ढूंढने लगा.

आधे घंटे बाद बंसल बुझे मन से आँचल के केबिन में आया और बोला,” मिस्टर ख़ान के पास आज हमारे साथ मुलाकात के लिए वक़्त नही है, कल दोपहर को ही वो हमसे मिल सकता है.”

फिर बोला,” अब मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा फिनांसर बन गया है. आजकल फिल्म फाइनान्स करने में उसका ज़्यादा इंटेरेस्ट है. वैसे फैक्ट्री के लिए भी लोन देता है. आप उससे खुद बात करो तो ज़्यादा ठीक रहेगा क्यूंकी अभी तो यहाँ की बॉस आप ही हो.”

आँचल बोली,” ठीक है. आप मिस्टर ख़ान का नंबर मुझे दे दो. मैं सीधे उनसे ही बात कर लेती हूँ.”

आँचल ने ख़ान को फोन करके रिक्वेस्ट करी की 5 लाख आज ही दे दीजिए , पेपरवर्क कल कर लेंगे. और ये भी बताया की 20 लाख और भी चाहिए.

ख़ान बड़ा फिनांसर था सबको मुँह नही लगाता था. लेकिन आँचल की मादक आवाज़ सुनकर और उसके मिन्नतें करने से वो मान गया .

आँचल ने बंसल से कहा कि ख़ान से 5 लाख लेकर बैंक में तुरंत जमा करा दो.

लेकिन ख़ान ने कहा कि 20 लाख देने के लिए तो वो उनकी फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स देखेगा और ब्याज़ और पैसा लौटाने की शर्तों के बारे में बात करने के लिए उससे अपने ऑफिस में मुलाकात करेगा. तभी डिसाइड करेगा कि रूपिया देना है की नही.

आँचल ने कहा,” मैं फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स आज शाम को ही भिजवा दूँगी और पर्सनल मीटिंग के लिए जब भी आपको टाइम होगा मैं आ जाऊँगी.”

खान बोला ,” मेरे ऑफिस से कॉल आ जाएगी मीटिंग के लिए .”

तब तक दोपहर के 1 बज गये थे. आँचल फैक्ट्री से घर चली गयी. वो थोड़ा सॅटिस्फाइड फील कर रही थी की चलो सैलरी का पैसा तो बैंक में आ जाएगा. अब मुझे कैसे भी ख़ान को कन्विंस करके 20 लाख निकलवाने हैं. वो सोचने लगी ख़ान कैसा आदमी होगा ? वो फिल्म फाइनान्स करता है तो फिल्म स्टार्स से उसके कांटेक्ट होंगे. फिल्म इंडस्ट्री का ग्लैमर आँचल को आकर्षित करता था और वो सोचने लगी , थैंक गॉड मुझे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े फिनांसर से मिलने का मौका मिल रहा है.

अपने मम्मी पापा के साथ लंच करने के बाद आँचल ने सुनील को फोन किया और ख़ान के साथ जो कुछ बातें हुई उसके बारे में बताया. सुनील ने राहत की सांस ली और बोला की जब तुम ख़ान से पैसों का इंतज़ाम कर लोगी तो मैं वापस आ जाऊंगा क्यूंकी डिसट्रिब्युटर्स तो पैसा दे नही रहे हैं. फिर आँचल को समझाने लगा की ख़ान की लोन देने की शर्तों को मान लेना क्यूंकी हमारे पास अभी कोई और चारा नही है.

उसके बाद आँचल ने बंसल को फोन किया की ख़ान के पास आज शाम को फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स ले जाओ.

आँचल अपने बेडरूम मे आराम करने लगी. उसके मम्मी पापा रोज़ की तरह कार्ड्स खेलने क्लब चले गये. अब वो रामू के साथ घर में अकेली थी लेकिन आज उसका चुदाई का मन नही था. पैसों की समस्या से वो परेशान थी और उसको बिल्कुल भी उत्तेजना नही आ रही थी. इसीलिए जब उसको ऑफिस में बंसल पीठ पर हाथ फेरकर परेशान कर रहा था तो उसको बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था.

अब आँचल के दिमाग़ में एक ही बात थी की कैसे भी ख़ान से 20 लाख लोन मिल जाए तो सुनील घर वापस आ जाए और फिलहाल के लिए तो उनकी पैसों की समस्या हल हो जाए. सुनील उसे बिस्तर पर शीघ्र पतन की बीमारी की वजह से खुश नही रख पाता था लेकिन था तो वो अच्छा इंसान और आँचल का पूरा ख़याल रखता था. आँचल भी उसे पसंद करती थी और उसके बिना अकेलापन महसूस करने लगी थी.

आँचल सोचने लगी इस बार तो मैं सुनील से बात करूँगी और उसे पक्का किसी डॉक्टर को दिखाऊंगी ताकि उसकी बीमारी का इलाज़ हो सके. आँचल एक स्वस्थ और जवान औरत थी और उसका पति उसकी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा नही कर पा रहा था. अगर आँचल को नॉर्मल सेक्सुअल लाइफ चाहिए तो उसके पति का ठीक होना ज़रूरी था. वो अपनी शारीरिक ज़रूरतों को कब तक दूसरे मर्दों से पूरा करते रहेगी.

अगले दिन आँचल फैक्ट्री पहुँची. उसने अपने केबिन में बंसल को बुलाया और उससे पूछा , “ख़ान से लोन मिलने के क्या चान्सेस हैं ? कैसा आदमी है वो ? इतना लोन देगा की नही ?”

बंसल ने देखा की आँचल लोन के लिए बहुत उतावली है. वो बोला,” मैडम , मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा आदमी है . मुझे नही मालूम की वो आपको लोन देगा की नही. आजकल वो फिल्म इंडस्ट्री में बिज़ी है. हमें उसकी कॉल का इंतज़ार नही करना चाहिए क्यूंकी पता नही इसमे कितने दिन लग जाए . इससे बढ़िया ये है की हम सीधे उसके ऑफिस चलते हैं , क्या पता वहाँ उससे मुलाकात हो जाए. चान्स लेने में हर्ज़ ही क्या है ?”

आँचल को बंसल की बात ठीक लगी , ख़ान बिज़ी आदमी है , हम कब तक उसकी कॉल का वेट करेंगे सीधे ही मिलने की कोशिश करते हैं.
फिर वो दोनो ख़ान के ऑफिस चले गये.

आँचल और बंसल फैक्ट्री से ख़ान के ऑफिस को चले. रास्ते में बंसल आँचल से कहते रहा की फैक्ट्री के लिए ख़ान से लोन लेना बहुत ज़रूरी है. जब वो दोनो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो आँचल काफ़ी चिंतित दिख रही थी.

ऑफिस में उनको एक छोटे कमरे में बैठाया गया. आँचल ने अपायंटमेंट नही लिया था इसलिए उसे इंतज़ार करने को कहा गया. बगल में एक बड़ा कमरा था जिसमे बहुत सारे लोग बैठे हुए थे.

आँचल ने ख़ान के टॉप क्लास ऑफिस में इतने सारे लोगों को इंतज़ार करते देखा तो वो इंप्रेस हुई. सोफे में बंसल उससे सट के बैठा था और एक बाँह उसने आँचल के कंधों पर रख दी. और फिर आँचल के कंधों पर उंगलियाँ फिराने लगा. आँचल के साथ अकेले उस छोटे कमरे में बैठने से वो खुश हो रहा था.

तभी उस कमरे में एक साँवली सेक्सी लड़की आई और उनके सामने सोफे में बैठ गयी. उसने एक टाइट ब्लाउज और छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी. आँचल ने देखा उस सेक्सी लड़की ने ब्रा नही पहनी हुई है और उसके बूब्स ब्लाउज को बाहर को धक्का दे रहे हैं.

बंसल अपना मुँह आँचल के गाल से चिपकाते हुए धीरे से बोला,” ये लड़की **** हिन्दी फिल्म में एक्टिंग कर चुकी है. सना ख़ान नाम है इसका. बहुत सेक्सी लग रही है. आपको क्या लगता है मैडम ?”

आँचल को बंसल का अपने से चिपकना अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन लड़की ठीक सामने बैठी थी इसलिए उसने भी धीमे से जवाब दिया,” हाँ उस मूवी में ये बारिश वाले सांग में आइटम गर्ल थी.”

बंसल आँचल से और भी चिपटते हुए बोला,” मैडम ये बहुत सेक्सी लग रही है, आपको नही लगता ?”

“उननग्ज्ग…हाँ है. लेकिन ये यहाँ क्या कर रही है ?” आँचल ने पूछा.

तभी उस लड़की ने अपनी टाँगे जोकि एक के उपर एक चढ़ा रखी थी , अलग अलग कर दी. जिससे उसकी चिकनी जांघें और ब्लैक पैंटी दिखने लगी.
बंसल की नज़रें उसकी पैंटी पर ही थी.

वो आँचल के कान में बोला,” मैडम, देखो कितनी छोटी स्कर्ट पहन के आई है.”
फिर बोला,” ये ज़रूर ख़ान के पास उन फिल्मों में रोल माँगने आई होगी, जिनमे वो पैसा लगा रहा है.”

“इसने ब्रा भी नही पहनी है, साफ़ दिख रहा है.” फुसफुसाते हुए अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी थी.

“हाँ मैडम , ये ब्रा तो नही पहनी है. लेकिन इसके छोटे हैं, आपके जैसे बड़े नही. ….. हेहेहे…..” बंसल कमीना मुस्कुराने लगा.

“उम्म्म….हूँ…..” आँचल थोड़ा झेंप गयी.

अब बंसल की हिम्मत बढ़ गयी. वो आँचल के कंधे से हाथ ले जाकर उस तरफ के बूब को साइड से दबाने लगा. आगे से साड़ी का पल्लू होने के कारण उस लड़की को ये सब नही दिख रहा था.

फिर आँचल को थोड़ा और अपनी तरफ दबाते हुए बोला,” फिल्म में रोल के लिए ये लड़की ख़ान के साथ सोएगी. पक्का है. कास्टिंग काउच मैडम…”और आँचल की क्लीन शेव कांख (armpit) और बूब पर हाथ फेरते हुए मज़े लेते रहा.

बंसल के हाथ फेरने और सेक्सी बातों से आँचल अब सिसकने लगी थी. पिछले तीन दिनसे उसकी हरकतें जारी थी. आँचल के रेजिस्टेंस को इन तीन दिनों में धीरे धीरे कम करने में बंसल सफल हो गया था.

“उम्म्म…..तुम्हारा मतलब रोल के लिए सना , ख़ान के साथ सेक्स करेगी?” बंसल के बूब्स दबाने से आँचल अब हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी.

“हाँ मैडम, ख़ान इसे चोदेगा, बिल्कुल चोदेगा …” आँचल को सिसकियाँ लेते देख बंसल उत्तेजना से गंदे शब्द बोला. और खुश होते हुए सोचने लगा अपनी मादक बॉस का रेजिस्टेंस मैंने तोड़ ही दिया . अब ये सिसकारी लेने लगी है. धीरे धीरे गरम हो रही है. अब मैं इसे चोद पाऊँगा.

बंसल के मुँह से चोदेगा सुनकर आँचल की पैंटी गीली होने लगी.

“मैडम , उस दिन जब मैंने आपको फोन किया तो आप कौन सी मूवी देख रही थी ? उसमे भी तो चुदाई हो रही थी, मैंने समझा की आपका रेप हो रहा है….” आँचल के कान में बंसल बोला.

तभी ख़ान का सेक्रेटरी वहाँ आया और सना को बुला ले गया.
अब उस रूम में वो दोनो फिर से अकेले रह गये.

बंसल ने इसका पूरा फायदा उठाया और आँचल के बूब्स को दबाने लगा. उसके पतले ब्लाउज के बाहर से तने हुए निपल पर अंगूठा फेरते हुए बोला,” बोलो ना मैडम, वो कौन सी मूवी थी ?”

“ओह्ह …मिस्टर बंसल…..” अब आँचल थोड़ा ज़ोर से सिसकी क्यूंकी बंसल उसके निपल को चिकोट रहा था. फिर झूठ बोलते हुए बोली,” वो….उन्ह…एक ब्लू फिल्म थी……”

“मैडम पर उसमे तो मेमसाब कह रहा था कोई …” बंसल अपने पैंट में बने तंबू पर आँचल का हाथ रखते हुए बोला.

“उन्न्नह….बंसल…उहह…ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा….छोड़ दो मुझे…” आँचल सिसकी लेती हुई बोली.

बंसल आँचल के बूब्स दबा रहा था और आँचल ने पैंट के बाहर से बंसल का लंड पकड़ा हुआ था.
“अरे साली, तुम्ही ने तो मेरा लंड पकड़ रखा है और बोलती है मैं छोड़ दूं…” बंसल बोला.

आँचल के लंड पकड़ने से बंसल खुश हो रहा था की अब तो ये पट गयी है. अब चुद ही जाएगी.

तभी उस रूम में ख़ान आया , सना भी उससे चिपकी हुई थी.

बंसल और आँचल एक दूसरे से अलग होते हुए झेंपते हुए खड़े हो गये. ख़ान और सना ने सब देख लिया था लेकिन ख़ान आँचल की खूबसूरती में डूब गया और बोला,” आई ऍम सॉरी, मिसेज जोशी. मैं थोड़ा बिज़ी था इसलिए आपकी फैक्ट्री के डॉक्युमेंट्स देख नही पाया. शायद आज शाम को डिनर के टाइम , अगर आप फ्री हैं तो …”

आँचल के जवाब देने से पहले ही बंसल बीच में बोल पड़ा,” हाँ सर, ज़रूर सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

फिर आँचल को भी यही बोलना पड़ा,” हाँ सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

आँचल ने देखा , ख़ान लंबा चौड़ा , करीब 45 साल की उमर का , आकर्षक व्यक्तित्व का आदमी है. उसकी आवाज़ भी गहराई लिए हुए थी. आँचल को वो बहुत सेक्सी लगा. वो सना से ईर्ष्या करने लगी, इतने पावरफुल आदमी का इसे साथ मिल रहा है और मज़े से चुदाई भी करवाती होगी ख़ान से.

उधर ख़ान भी आँचल से बहुत प्रभावित था. क्या खूबसूरत औरत है, गोरी , लंबी है. बड़े बड़े बूब्स, शानदार गांड है. ये मोटे बंसल के साथ क्या कर रही है. इसको तो किसी अच्छे आदमी के साथ होना चाहिए. इस मादक औरत को चोदने में तो मज़ा ही आ जाएगा.

आँचल ने जब ख़ान को अपनी तरफ एकटक देखते पाया तो वो शरमा गयी. वो जानती थी ये भी मेरे उपर फिदा हो गया है. कोई मर्द नही बचा उसके रूप के जादू से.

फिर उन्होने रात 8:30 बजे एक 5 स्तर होटेल में डिनर का टाइम फाइनल किया. ख़ान सना के साथ वहाँ से चला गया और बंसल और आँचल भी ऑफिस से बाहर आ गये.

ऑफिस से बाहर आकर कार की तरफ जाते समय बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डालकर चलना चाहा लेकिन आँचल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया. बंसल गाल सहलाते हुए सोचने लगा, अब इसे क्या हुआ.

आँचल अब अपने ऊपर काबू पा चुकी थी और उसने बंसल को उसकी जगह बता दी की बॉस कौन है.

बंसल का मूड ऑफ हो गया. कहाँ तो वो मैडम हाथ में आ गयी है सोच रहा था यहाँ कमर में हाथ डालते ही थप्पड़ पड़ गया.

आँचल कार चलाने लगी. बंसल चुपचाप बैठा था. बंसल को फैक्ट्री में उतारकर वो अपने पापा के घर चली गयी.
घर आने के बाद अपने बेडरूम में पहुँचकर उसे बंसल पर बहुत गुस्सा आया. उसकी हिम्मत कैसे हुई अपनी बॉस पर हाथ डालने की.

उस दिन शाम को बंसल 7:30 पर आँचल के पापा के घर पहुँच गया. वहाँ से आँचल को उसके साथ 5 स्तर होटेल जाना था जैसा की ख़ान के साथ डिसाइड हुआ था.

आँचल अपने कमरे में तैयार हो रही थी. बंसल ड्राइंग रूम में उसके मम्मी पापा के साथ बैठा था.

तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ लगाई ,” रामू यहाँ आओ.” और फिर उससे बंसल के लिए चाय लाने को कहा.

बंसल ने मन ही मन सोचा, तो ये है मैडम का नौकर रामू जिससे उस दिन मैडम चुदवा रही थी. अगर उसका नौकर उसे चोद सकता है तो फिर मैं क्यूँ नही चोद सकता. बंसल के मन में आँचल को चोदने की इच्छा बढ़ने लगी.

बंसल चाय पी रहा था तभी वहाँ आँचल आ गयी. उसे देखकर बंसल का मुँह खुला रह गया वो कयामत लग रही थी. उसने गहरे नीले रंग की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्ट्रैप वाला ब्लाउज पहन रखा था. साड़ी उसने नाभि से थोड़ा नीचे पहनी थी. जब वो बंसल के सामने सोफे पर बैठी तो उसके बड़े बूब्स ब्लाउज से झाँकने लगे. उसने ब्रा नही पहनी थी.

बंसल सोचने लगा, आहा…आज की शाम तो बहुत मज़ेदार होने वाली है.

कार में बैठते समय बंसल बोला,” मैडम आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हैं.”

आँचल मुस्कुराते हुए “ थैंक यू “ बोली और कार चलाने लगी.

इससे बंसल की हिम्मत बढ़ गयी और उसने अपना हाथ आँचल के कंधे में रख दिया. लेकिन आँचल ने उसको घूरा तो उसने अपना हाथ हटा लिया.

वो टाइम से थोड़ा पहले होटेल पहुँच गये. वहाँ एक सोफे में बैठने के बाद बंसल ने अपने लिए व्हिस्की मंगाई. और वो दोनो ख़ान का इंतज़ार करने लगे. आँचल ने अपने लिए एप्पल जूस ऑर्डर किया.

थोड़ा ड्रिंक करने के बाद बंसल की हिम्मत बढ़ने लगी वो आँचल से सटते हुए बोला,” मैडम आपने बताया नही उस दिन आप कौन सी ब्लू फिल्म देख रही थीं.”

आँचल ने झल्लाकर गुस्से मे जवाब दिया,” अब बस भी करो मिस्टर बंसल , हर बार वही बात…”

“ज्यादा चालाक मत बनो मैडम , मुझे सब पता है की कौन सी ब्लू फिल्म थी और कौन सा रामू …” कहते हुए बंसल ने अपने बाँह आँचल के कंधों में डाल दी और उसको अपने नज़दीक खींचा. आहा…साली ने क्या मादक परफ्यूम लगाया है.

आँचल ने उसको घूरा लेकिन बंसल पर कोई असर नही हुआ.

“मैंने सब टेप कर लिया है, तेरी चुदाई की आवाज़ें, रामू के साथ. अगर तूने मेरे को भाव नही दिया तो मैं वो टेप सुनील साब को दे दूँगा.” बंसल ने झूठ बोलते हुए कहा.

आँचल डर गयी , सुनील को पता लग गया तो ….
वो धीमे से बोली,” नही नही , प्लीज़ मिस्टर बंसल ऐसा मत करना.”

“ये ले थोड़ा व्हिस्की पी, डर मत, मैं हू ना तेरे साथ.” कहते हुए बंसल ने गिलास उसके होठों पर लगा दिया.
“प्लीज़ नही, मैं नही पीती.” आँचल ने गिलास अपने होठों से हटाया.

“अरे नखरे छोड़ और पी, नही तो …” बंसल ने धमकाते हुए गिलास फिर से उसके होठों पर लगाया.

आँचल ने एक घूँट पिया और गंदा सा मुँह बनाया. अब बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डाल दिया और उसको एक एक घूँट करके व्हिस्की पिलाता रहा.

फिर बंसल अपना चेहरा आँचल के चेहरे के नज़दीक़ लाया ओए उसके चिकने गालों को काटते हुए बोला,” कभी हमें भी तो मौका दो मैडम , हम भी आपकी प्यास बुझा सकते हैं. आपका पति बाहर गया हुआ है इसलिए आपकी चूत में तड़पन आ रही होगी.”

फिर आँचल का हाथ अपने पैंट के उपर रखते हुए बोला,” ये पकड़ो और देखो की मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाने के लिए कितना तड़प रहा है.”

फिर बंसल ने एक और व्हिस्की लाने के लिए वेटर को ऑर्डर दिया और आँचल का हाथ अपने तंबू में दबाए रखा.

आँचल ने वेटर की नज़रें अपने हाथ पर देखी तो उसको ह्युमिलिटेड फील हुआ.
बंसल और कुछ करता तभी ख़ान आ गया.

आँचल को मौका मिल गया. उसने झट से खड़े होकर ख़ान को विश किया और उसके बगल वाली सीट में बैठ गयी.

बंसल ने उसको घूरा लेकिन ख़ान के सामने अब उसकी कुछ चलने वाली नही थी.

लेकिन आँचल के लिए एक से पीछा छूटा तो दूसरा आ गया वाली बात साबित हुई. बातचीत करते हुए ख़ान ने अपनी बाँह उसके कंधों पर रख दी. और कहने लगा,” मुझे मिस्टर ख़ान मत कहो साजिद कहो और मैं तुम्हे मिसेज जोशी की बजाय आँचल कहूँगा.”

आँचल की मादकता का असर ख़ान पर होने लगा और वो बातों बातों में उसकी गर्दन और पीठ में हाथ फिराते हुए उसके बदन को छूने लगा.

दिन में आँचल से मुलाकात के बाद ख़ान ने सना को चोदा था पर उस समय भी उसके मन में आँचल ही समाई हुई थी. सना को तो वो जब चाहे तब चोद सकता था. सना सेक्सी थी लेकिन मॉडलिंग और एक्टिंग के लिए फिगर फिट रखने के लिए वो डाइटिंग करती थी. ख़ान सोचने लगा आजकल की ये लड़कियाँ फिल्मों में तो अच्छी लगती हैं लेकिन चोदते समय हड्डी जैसी लगती हैं , लेकिन आँचल तो गदरायी हुई मांसल बदन वाली है , इसको चोदने में तो बहुत ही मज़ा आएगा.

सामने बैठ बंसल आँचल को और उसके बदन को देखने के सिवा कुछ नही कर पा रहा था. ख़ान मज़े मज़े से इसको टच कर रहा है पीठ गर्दन पर हाथ फेर रहा है. बंसल कुढ़ता रहा. जो व्हिस्की उसने आँचल को पिलाई थी अब उसका भी कुछ असर होने लगा था, तभी वो ख़ान की हरकतों का कुछ विरोध नही कर पा रही थी.
बंसल ने सबके लिए एक पैग ड्रिंक और मंगवा ली , आँचल को भी पीनी पड़ी.

उस होटेल में एक बैंड अपना म्यूज़िक दे रहा था.
आँचल को ख़ान ने पकड़ा और डांस फ्लोर पर ले गया. आँचल को अपने से चिपकाए ख़ान उसके साथ डांस करने लगा. आँचल को महसूस हुआ ख़ान अपना खड़ा लंड उसके चिकने पेट में रगड़ रहा है. उसके हाथ आँचल की पीठ और नितंबों पर घूम रहे थे.

पहले बंसल के और अब ख़ान के अपने बदन में इतना ज़्यादा हाथ फिराने से अब आँचल भी गरम होने लगी. ख़ान तो वैसे भी हाइ सोसाइटी की औरतों के ही संपर्क में रहता था उसे मालूम था कैसे और कहाँ टच करना है. डांस करते हुए उसने अपने दोनो हाथ आँचल के उभरे हुए नितंबों में रख दिए और उन्हे मसलने लगा. उत्तेजना से आँचल को अपनी पैंटी चूतरस से गीली होती महसूस हुई.

फिर ख़ान ने अपना चेहरा झुकाया और आँचल के नरम रसीले होठों का हल्का सा चुंबन ले लिया. आँचल की सिसकारी निकल गयी. आँचल को सिसकारी लेते देखकर ख़ान ने अब अपने होंठ उसके होठों से चिपका दिए और उन्हे ज़ोर से चूसने लगा. और फिर जीभ आँचल के मुँह में घुसाकर उसे चूमने लगा.

तभी बैंड ने अपना म्यूज़िक बंद कर दिया. ख़ान आँचल को वापस टेबल पर ले आया.
बंसल ये सब देख देखकर कुढ़ रहा था और अपनी बारी के लिए मरा जा रहा था. उसने एक और पैग ड्रिंक मंगाया और आँचल की हालत देखकर ख़ान को आँख मारी.

ख़ान आँचल के पतले ब्लाउज के बाहर से उसके बूब्स को मसल रहा था और आँचल हल्की सिसकारियाँ ले रही थी.

तभी वेटर ड्रिंक लाया और सोचने लगा पहले तो इस सेक्सी औरत से सामने वाला आदमी मज़े ले रहा था और ये उसका लंड पैंट के बाहर से पकड़े हुए थी. अब ये नया आदमी इसके बूब्स खुलेआम दबा रहा है. शायद ये दोनो इस रंडी को शेयर कर रहे हैं .

तब तक बैंड ने फिर से म्यूज़िक शुरू कर दिया. इस बार बंसल उठा और आँचल को डांस फ्लोर में ले गया. उसने भी डांस के बहाने आँचल से खूब मज़े लिए . आँचल को किस किया उसके नितंबों को मसला और पीठ पर हाथ फिराया. आँचल पर व्हिस्की और उत्तेजना का पूरा असर हो चुका था. उसकी चूत से रस टपक रहा था और उसने बंसल की हरकतों का कोई विरोध नही किया. अब वो चुदाई के लिए तड़प रही थी.

बंसल उसे वापस टेबल पर लाया तो देखा ख़ान बिल का पेमेंट कर रहा है और अपने पीछे आने का इशारा कर रहा है.

होटेल की लॉबी में आने के बाद वो रिसेप्शनिस्ट के पास गये और खान ने एक रूम बुक कराया.

रूम बुक करने के बाद ख़ान ने रिसेप्शन से चाबी ली और वो तीनो लिफ्ट में आ गये. लिफ्ट में उस समय उन तीनो के अलावा और कोई नही था. बंसल ने लिफ्ट में आँचल के ब्लाउज के बाहर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.

“उफ़फ्फ़…उम्म्म…मिस्टर बंसल…” आँचल सिसकी.

“बंसल ज़रा ठहर जाओ. क्या जल्दी है ? कोई देख लेगा.” ख़ान ने बंसल के उतावलेपन को देखते हुए थोड़ा नाराज़गी से कहा. रूम मे अंदर जाने के बाद दोनो ने मादक आँचल के कपड़े उतारने में ज़रा भी देर नही की और जल्दी ही वो दोनो भी अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गये.

ख़ान ने आँचल की चूत में हाथ लगाया, चूत को बहुत गीली देखकर उसे आश्चर्य हुआ. आँचल की चूत उभरी हुई थी और उसकी चूत के होंठ फूले और खुले हुए थे. ख़ान ने उसके तने हुए क्लिट को अपनी उंगलियों से छुआ.

“ओह्ह ….प्लीज़ चोदो ….चोदो मुझे…” आँचल ज़ोर से सिसकी.

आँचल को गीली और चुदाई के लिए तैयार देखकर ख़ान ने फोरप्ले में टाइम वेस्ट नही किया. वो सोफे में बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में मुँह आगे को करके बिता दिया. आँचल की पीठ उसकी छाती की तरफ थी. फिर उसने आँचल की दोनो टाँगे आपस में मिलाकर ऊपर को उठा दी. और अपने खड़े लंड को आँचल की तड़पती चूत में डाल दिया. आँचल को घुटनो से पकड़कर उसने थोड़ा ऊपर को उठाया और अपना लंड चूत के अंदर घुसाया.

“आहह…उहह……” आँचल चिल्लाई , ख़ान के मोटे लंड ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को पूरा स्ट्रेच कर दिया.

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“उफफफ्फ़…..चोदो ज़ोर से चोदो …मिस्टर ख़ान……” आँचल सिसकी. ड्रिंक के असर से अब उसकी शरम हया बिल्कुल खत्म हो चुकी थी.

फिर उसने आँख खोली तो देखा बंसल उसे चुदते देखकर लार टपका रहा है और अपने लंड में मूठ मार रहा है.
बंसल को अपनी चुदाई देखकर , मूठ मारते देख आँचल बहुत ही उत्तेजित हो गयी और उसे एक के बाद एक जबरदस्त ओर्गास्म आ गये. और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी.
“आहह……ओह्ह …..ऊऊहह….उूउउन्न्नगगगगगग…..ऊऊहह………..”

आँचल को ओर्गास्म के आनंद में डूबकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान थोड़ी देर रुक गया. जब उसका ओर्गास्म खत्म हो गया तो फिर ख़ान ने तेज तेज स्ट्रोक लगाने चालू किए. चूत में पड़ते तेज धक्कों से आँचल के बड़े बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे. आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की जबरदस्त चुदाई देखकर और उसकी सिसकारियों को सुनकर बंसल उत्तेजना से भर उठा और मूठ मारते हुए उसने अपना सारा वीर्य आँचल के बूब्स में गिरा दिया.

तभी आँचल को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया और सिसकारियाँ लेते हुए वो एक बार और झड़ गयी.
“आहह…..आअहह….ऊओह…………आअहह…”

आँचल की सिसकारियों से ख़ान ने उत्तेजित होकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. और झड़ने के बाद ख़ान ने आँचल की टाँगों को नीचे उतार दिया.

फिर ख़ान ने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल की चूत से बाहर निकाल लिया और गाड़ा वीर्य आँचल की चूत से निकलकर उसकी जांघों में बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को गोद में उठाया और बेड में लिटा दिया,” साली की चूत बहुत टाइट और मस्त है.”

“साजिद भाई , जब आप इसे चोद रहे थे , तो ये मुझे किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी. इसके साथ तो आपको कोई पॉर्न मूवी बनानी चाहिए.” बंसल ने कहा.

फिर आँचल की जांघों और चूत से वीर्य को उसके बूब्स और चेहरे में मलते हुए बोला,”देखो साली क्या मादक चीज़ लगती है, इसके अंग अंग से मादकता छलकती है. अगर अभी कैमरा होता तो ज़रूर इसका फोटो लेता.”
[उन दिनों कैमरा वाले मोबाइल फोन नही थे.]

“हाँ बंसल , इसे तो ज़रूर पॉर्न मूवी में लेना चाहिए , पर फिर कभी. अभी तो इसकी चूत का सारा रस निकालना है.” ख़ान बोला.

फिर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल के मुँह में लगाया और बोला, “ चूस इसे.”

आँचल ने तुरंत अपना मुँह खोलकर उस मुरझाए हुए लंड को अंदर ले लिया. लंड चूसने में वो अब माहिर हो चुकी थी. कुछ ही देर में चूस चूसकर उसने ख़ान का लंड फिर से खड़ा कर दिया. और लंड चूसते हुए वो ख़ान की गोलियों को हाथ से सहलाने लगी.

“आहह…ओह्ह ….साली क्या चूसती है…आअहह…” मज़े लेते हुए ख़ान सिसका.

ख़ान को मज़े से सिसकारियाँ लेते हुए देखकर आँचल रोमांचित हुई और फिर वो उसको गोलियों को चूसने लगी.

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“क्या तेरे पति ने तुझे ऐसा मस्त चूसना सिखाया है ?” ख़ान ने पूछा.

आँचल ने फिर से ख़ान के लंड को मुँह में लेते हुए धीरे से कुछ अस्पष्ट सा जवाब दिया जिसे कोई सुन नही पाया. उसे लंड चूसना और बड़े लंड से चुदवाना अच्छा लगता था. और वो मज़े से ख़ान का लंड चूसते रही.
आँचल को मज़े से ख़ान का लंड चूसते देखकर बंसल का झड़ा हुआ लंड भी तनने लगा. वो आँचल की चुदाई करने को मरा जा रहा था पर ख़ान के सामने उसकी कोई औकात नही थी.

ख़ान भी दोबारा झड़ने के करीब था. उसने आँचल के मुँहसे अपना लंड हटा लिया और आँचल की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली.
और एक हाथ से लंड पकड़कर आँचल की चूत के होठों पर रगड़ते हुए बोला,” चोदूँ तुझे ?”

आँचल चूत से रस बहाते हुए बोली,” हाँ साजिद , ज़ोर से चोदना, बहुत मज़ा आएगा.”

उसकी बात सुनकर ख़ान ज़ोर से हंसा और अपने लंड से चूत के होठों पर थप्पड़ मारने लगा.

और उसे तड़पाने लगा. आँचल ने लंड अंदर लेने के लिए अपनी गांड ऊपर को उठाई. ख़ान उसे तड़पाते रहा.

“साजिद…उन्हउन्ह …..तड़पाओ नही प्लीज़…….चोदो ना मुझे…..ज़ोर से चोदो …प्लीज़ साजिद…” आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई. ख़ान अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ता रहा पर अंदर नही डाला.

“देख बंसल , कैसे लंड अंदर लेने को गांड उठा रही है .” ख़ान उसे तड़पाते हुए बोला.

बंसल भी अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़कर आँचल के मुँह के पास आ गया. आँचल ने देखा बंसल अपना छोटा लेकिन मोटा लंड उसके मुँह के पास ले आया है. वो उत्तेजना से तड़प रही थी उसने अपना मुँह खोल दिया. और छप छप करके मोटे बंसल का लंड चूसने लगी. और ख़ान का लंड लेने को अपनी गांड भी ऊपर को उछालती रही.

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बंसल अब आँचल को अपना लंड चूसते देख बहुत खुश था. साली को पटाते पटाते आफ़त आ गयी. थप्पड़ भी खाना पड़ा. लेकिन आख़िर में जीत तो मेरी हुई. आख़िर जाल में तो फँस ही गयी ये साली. ये सब सोचते हुए वो आँचल के खूबसूरत चेहरे और बालों पर हाथ फिराने लगा.

बंसल को मज़े लेते देख ख़ान ने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.

“आहह…..उम्म्म…ओइईईई…माआअ…” आँचल का पूरा बदन झटके से हिल गया और बंसल का छोटा लंड उसके मुँह से फिसल कर बाहर आ गया.

फिर ख़ान उसे जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
“हाँ साजिद … ओह्ह माआ…..चोदो मुझे…ऐसे ही ज़ोर से चोदो….” जोरदार चुदाई से खुश होकर आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल का सब मज़ा खराब हो गया. उसने फिर से आँचल के मुँह में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन ख़ान आँचल को इतनी ज़ोर से चोद रहा था की उसका पूरा बदन ऊपर नीचे हिल जा रहा था. इससे बंसल का लंड आँचल के मुँह में जा ही नही पा रहा था. बंसल ने मन मसोस कर सोचा थोड़ा इंतज़ार और सही , कभी ना कभी तो मेरी बारी भी आएगी.

“ये ले साली , ये ले और ले.” ख़ान ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाता रहा और आँचल का पूरा बदन हिलते हुए उसके बड़े बूब्स भी उसकी छाती में हर धक्के के साथ आगे पीछे को हिलने लगे.

“उहह…माआ…बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो और ज़ोर से …उईईई…माआ…” जबरदस्त चुदाई के मज़े लेती हुई आँचल झड़ने लगी.

बंसल अपने लंड में मूठ मारते हुए आँचल की जबरदस्त चुदाई देख रहा था. उसके लिए ये सब सपने जैसा था की कैसे उसकी बॉस इतना मज़े से चुदवा रही है , वो पूरी तरह से कामोन्माद में डूबी हुई थी और मज़े ले रही थी. अपनी बॉस को इतने मज़े में चुदवाते देखकर कुछ देर के लिए वो मंत्रमुग्ध सा हो गया. फिर उसने मूठ मारना बंद कर दिया , एक बार और झड़ गया तो फिर चुदाई के मज़े नही ले पाऊँगा.

अब ख़ान आँचल को हवा में उठा कर चोदने लगा. सिर्फ़ आँचल का सर और थोड़ी सी पीठ का हिस्सा बेड को छू रहे थे. ख़ान तेज़ी से धक्के लगाने लगा.

“आहह…ओह्ह …उईईईईईईईईई…” आँचल चूत पर पड़ते धक्कों की मार से सिसकी.

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ख़ान पसीने से लथपथ हो चुका था, मांसल गदरायी हुई आँचल को उठाकर चोदने से उसकी बहुत ताक़त लग रही थी. उसने आँचल की टाँगे छोड़ दी और उसे बेड पर गिरा दिया. ख़ान का खड़ा लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया. थकान से चूर होकर ख़ान आँचल के बगल में गहरी साँसे लेते हुए गिर पड़ा.

ख़ान के आँचल के बगल में लेटने के बाद बंसल को मौका मिल गया. उसने आँचल को बेड के किनारे तक खींचा और उसकी टाँगे उठाकर अपना छोटा लेकिन मोटा लंड आँचल की चूत के फूले हुए होठों के अंदर डाल दिया और उसे चोदने लगा.

आँचल ख़ान की जबरदस्त चुदाई से थक चुकी थी. वो मदहोशी में बंसल को अपनी चुदाई करते देखती रही. बंसल के छोटे लंड से चुदाई में उसे कुछ मज़ा नही आ रहा था. लेकिन बंसल आँचल को चोदने में बहुत खुश था और कुछ ही देर में झड़ गया. अपने लंड से वीर्य की कुछ बूंदे आँचल की चूत में गिराकर वो मोटा आँचल के ऊपर ही ढेर हो गया. आँचल मोटे के वजन से दब गयी. उसने धक्का देकर बंसल को अपने ऊपर से हटा दिया.

ख़ान अपना लंड धीरे धीरे हिलाते हुए मज़े से ये सब देख रहा था. बंसल के झड़ने के बाद वो उठने लगा.
ख़ान को फिर से अपने ऊपर आते देख आँचल बोली,” बस …अब और नही…..मेरी फट जाएगी…”

ख़ान ने आँचल के विरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया और बेड में बैठकर आँचल को अपनी तरफ खींचा. उसने आँचल को पेट के बल लिटाकर उसके नितंबों को अपनी गोद में रख लिया.

आँचल को अपनी जांघों में ख़ान का तना लंड रगड़ ख़ाता महसूस हुआ, उसकी समझ में नही आया ख़ान करना क्या चाहता है ?

तभी ख़ान ने उसके एक नितंब पर ज़ोर का थप्पड़ मारा , फिर कुछ पल रुककर दूसरे नितंब पर थप्पड़ मारा. ऐसे करके वो बारी बारी से दोनो नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा.

“आअहह….ओह…ओइईईईईईईईईई………मुझे क्यूँ मार रहे हो ? ….ओइईई…” आँचल ज़ोर से चिल्लाई.
उसके नितंबों में थप्पड़ मारने से लाल निशान पड़ गये थे.

“आँचल जी , आपको इसलिए मार रहा हूँ की अगर आपने मेरा ब्याज़ लेट दिया या लोन टाइम पर वापस नही किया तो मैं आपको आपके पति के सामने ऐसे ही मारूँगा. समझी आँचलजी…” ख़ान ने जवाब दिया.

दर्द से आँचल की आँखो में आँसू आ गये. ख़ान थप्पड़ मारते हुए बीच बीच में उसकी क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलने लगा.

आँचल दर्द से चिल्लाती रही. उसने देखा की बंसल उसे मार खाते हुए देख रहा है. इससे अचानक उसको उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी. और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी. बंसल को अपनी तरफ देखते हुए पाकर आँचल को ह्युमिलिटेड फील हुआ लेकिन वो एक अजीब से रोमांच भरे आनंद में नितंबों पर थप्पड़ खाते हुए अपना बदन हिलाने लगी.

“साली को इसमे भी मज़ा आ रहा है. लगता है इसके पति ने इसे बहुत तडपाया है.” बंसल की तरफ देखते हुए ख़ान बोला.

“आ…..आहह…..चोदो मुझे साजिद…..प्लीज़ चोदो….” आँचल सिसकी. अब उत्तेजना से उसकी चूत गीली होकर लंड के लिए तड़प रही थी.

ख़ान ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी तड़पती चूत में डाल दिया.

“आहह…….” ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत के स्ट्रेच होते ही आँचल सिसकी.

अब ख़ान ने आँचल के नितंबों को टाइट से पकड़ा और आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. इस पोज़ में लंड आँचल की चूत में बहुत गहराई तक घुस जा रहा था.

“आहह…………..उन्न्ञनह….ऊऊहह……” आँचल दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी. उसके नितंब थप्पड़ मारे जाने से दर्द कर रहे थे और ख़ान उनको टाइट पकड़कर उसे लंड पर उछालकर चोद रहा था.

चोदते हुए ख़ान आँचल के बूब्स को दाँतों से काटने लगा.

“उहह…..साले ….आअहह……चोद मुझे……..” आँचल उत्तेजना में सिसकते हुए ख़ान को गालियाँ देने लगी. फिर उसको एक के बाद एक कई ओर्गास्म आ गये और वो ख़ान की गोद में उछलते हुए झड़ गयी.



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अब आँचल में बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी और वो ख़ान की छाती में सर टिकाकर पस्त पड़ गयी. जितने मज़े उसने लेने थे वो ले चुकी थी अब वो चाहती थी कि ख़ान झड़ जाए और उसकी चूत की बेरहम रगड़ाई बंद हो.

लेकिन ख़ान लगातार उसे चोदता रहा. आँचल को अब चूत में दर्द होने लगा था. वो चिल्लाई,” आह …बस करो…..ख़ान अब और नही…प्लीज़…..बस करो…” और वो निढाल होकर ख़ान के ऊपर लुढ़क गयी.

ख़ान को रोकने के लिए वो बोली,” अब मैं चूसूंगी …”

आँचल के निढाल पड़ जाने से ख़ान को अब उसे गोद में उछालना मुश्किल हो गया. उसने आँचल को सामने लिटा दिया और उसकी छाती के दोनो तरफ पैर रखकर आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया.आँचल थक चुकी थी लेकिन ख़ान को झड़ाने के लिए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया. वरना वो फिर उसकी दर्द करती चूत चोदने लग जाएगा. थोड़ी ही देर में आँचल ने चूस चूसकर ख़ान का पानी निकाल दिया.

ख़ान ने आँचल का सर पकड़े रखा और पूरा वीर्य उसके मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुँह में वीर्य भर जाने से आँचल को अपना दम घुटता महसूस हुआ. वीर्य उसके होठों से बाहर निकलकर बहने लगा. और वो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी
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फिर ख़ान बेड से उठा और फर्श से आँचल की साड़ी उठाकर , उस साड़ी से अपने लंड और बदन को पोछकर कपड़े पहनने लगा.

उसके बाद बंसल से बोला,” इस गरम कुतिया को घर तक पहुँचा देना.” और रूम से बाहर चला गया.

बंसल आँचल को बेड से उठाने लगा. आँचल इतना थक चुकी थी की उससे हिला भी नही जा रहा था.
वो बोली,” नही , मैं इस हालत में घर नही जा सकती. थोड़ी देर ठहर जाओ बंसलजी …” और फिर पीछे को बेड पर लुढ़क गयी और कुछ ही देर में उसे नींद आ गयी.

बंसल ने देखा, आँचल बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी है. उसकी चूत, जांघों, चेहरे सब जगह वीर्य लगा हुआ था. मादक आँचल को ऐसे नंगी हाथ पैर फैलाए बेड पर पड़ी देखकर बंसल का मन हुआ इस चिकनी को फिर से चोद डाले, अभी तो ये विरोध कर पाने की हालत में भी नही है.

लेकिन दो बार झड़ जाने से इस उमर में उसका लंड भी जवाब दे गया था. वो अपने कपड़े पहनकर, वहीं पर सोफे में बैठकर आँचल के नंगे बदन को देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसने आँचल को नींद से जगाया और बेड में बिठाया.

फिर आँचल की तुड़ी मुड़ी साड़ी और कपड़े लाकर उसे दिए. आँचल ने कपड़े पहने और बंसल कार चलाकर उसे घर पहुँचा आया.

चुदाई के आनंद से तृप्त होकर आँचल रात में खूब मज़े से सोई. नींद में उसको ख़ान और उसके साथ चुदाई के सपने आए. उसने सपने में सना को भी देखा और सना और ख़ान के साथ थ्रीसम चुदाई के मज़े लिए.
 
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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बड़ी जबरदस्त कहानी है
THANKS FOR COMMENT
 
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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सुबह जब आँचल की मम्मी उसको चाय देने आई तो उसने देखा आँचल नींद में कामुक सिसकारियाँ ले रही है. मम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उसने सोचा आँचल नींद में अपने पति सुनील को याद कर रही है , जिसे टूर पर गये हुए एक हफ्ते से ज़्यादा हो गया था.

मम्मी ने आँचल को हिलाया,” उठो आँचल.”

आँचल ने आँखे खोली , सामने मम्मी खड़ी थी. आँचल सपने में ख़ान और सना से थ्रीसम के मज़े ले रही थी , मम्मी ने उठा के मज़ा खराब कर दिया.
आँचल ने मुँह बनाया.

मम्मी समझ गयी , मैंने इसका सपना तोड़कर मज़ा खराब कर दिया है.
वो बोली,” आँचल तुम सुनील को फोन करके वापस क्यूँ नही बुला लेती ? ऐसा लग रहा है की तुम सुनील को मिस कर रही हो. तुम्हारा अकेले रहना ठीक नही है ख़ासकर की जब तुम्हारी शादी को ज़्यादा टाइम नही हुआ है.”

आँचल मम्मी को देखकर मुस्कुरायी और सोचने लगी, आप क्या जानो सच्चाई क्या है. मैं सुनील के नही किसी और के सपने देख रही हूँ.

आँचल ने अंगड़ाई लेते हुए सोचा, थैंक गॉड , आज सनडे है. आँचल को आराम की ज़रूरत थी. जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत और बदन दर्द कर रहा था.

आँचल ने बाथरूम में बाथटब में बैठकर देर तक गरम पानी से नहाया.
उसके बाद आँचल ने सुनील को फोन किया,” सुनील अच्छी खबर है की हमें ख़ान से 20 लाख का लोन मिल गया है. शायद वो कल मुझे चेक दे देगा.”

सुनील ने राहत की सांस ली और बोला,” आँचल तुमने ख़ान से लोन निकलवा लिया. ये तो बहुत अच्छा हुआ. जब चेक मिल जाए तो मुझे फोन कर देना. मैं वापस आ जाऊंगा.”

आँचल ने पूरा दिन टीवी देखने, सोने, खाने पीने और अपने मम्मी पापा के साथ बात करने में बिताया. आज उसका मूड बहुत अच्छा था. उसको सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन भी पूरा मिला था और लोन मिलने से पैसे की परेशानी भी दूर हो जाने वाली थी.

दोपहर बाद रामू उसके बेडरूम में आया तो आँचल ने उसे लौटा दिया. आज उसका रामू के साथ चुदाई का मन नही था. वो अपनी टाँगों के बीच तकिया डालकर , ख़ान और सना के बारे में सपने देखते हुए सोती रही.

अगली सुबह आँचल अच्छे मूड से फैक्ट्री पहुँची. अपने केबिन में चाय पीते हुए वो सना के बारे में सोचने लगी. सना सिर्फ़ एक फिल्म में हीरोइन बनी थी. उसके बाद की कुछ फिल्म्स में वो साइड हीरोइन बनी थी और अब उसको सिर्फ़ आइटम सॉंग्स ही मिल रहे थे. फिल्मों से ज़्यादा वो अपनी पर्सनल लाइफ से चर्चा में रहती थी. सुरू में एक बड़े हीरो के साथ रंगरेलियों के लिए और अब ख़ान जैसे बड़े फिनांसर और इंडस्ट्री के पैसे वाले लोगों के साथ रात बिताने के लिए वो चर्चा में रहती थी.

आँचल को सना और उसकी स्टाइल सेक्सी लगती थी. ख़ान से चुदते हुए सना कैसी लगेगी,इस ख्याल से आँचल को उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली हो गयी.
आँचल अपने केबिन में बैठकर यही सब सपने देखकर उत्तेजित हो रही थी की तभी बंसल उसके केबिन में आया.

“मैडम ये आपकी गोल्ड चैन , रात को मैं आपको पहनाना भूल गया था.”

आँचल एकदम से झेंप कर शरमा गयी. उसे याद आया की बंसल ने रात में कपड़े पहनने में उसकी मदद की थी. अब उसे उस बात को याद करके बहुत शरम आई.

आँचल को शरमाकर लाल होते देखकर बंसल बोला,” मैडम, कैसा लगा आपको ख़ान ? बहुत बड़ा है ना ?”

“उंगग….हाँ …” ख़ान के बड़े लंड और उससे अपनी चूत की रगड़ाई को याद करते हुए आँचल ने जवाब दिया.

“मैडम, उसने बहुत सी औरतों को चोदा है. कई एक्ट्रेस को भी.” बंसल आँचल के करीब बैठते हुए बोला और आँचल के चेहरे को अपने हाथों से सहलाने लगा.
आँचल ने बंसल की हरकतों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कोई विरोध नही किया. वो जानती थी भले ही बंसल उसका मैनेजर है लेकिन अब वो उसे पहले जैसे डांट नही सकती.
बल्कि अभी अपने केबिन में बैठकर वो ख़ान और सना के ही बारे में सोचकर उत्तेजित हो रही थी. वो बंसल से ख़ान के कारनामो के बारे में और जानना चाहती थी.

“उनन्नज्ज्ग…..…बंसल जी सच कह रहे हो आप ? बहुत सी हीरोइन्स के साथ…?” आँचल ने झिझकते हुए पूछा.

आँचल के गोरे गाल पर चिकोटी काटते हुए बंसल बोला,” हाँ मैडम, उस दिन आपके सामने तो ख़ान उस एक्ट्रेस सना के साथ था.”

“तो क्या उसने…….उसने सना को चोदा है…..उनन्नज्ग….क्या वो….” आँचल अब बंसल की चुदाई की बातों सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित होने लगी.

“हाँ मैडम, सना को तो ख़ान ने उसी समय चोद दिया होगा.” बंसल ने और आग भड़काई. वो सब समझ रहा था की ये सेक्सी आँचल भी सना के नाम से उतनी ही उत्तेजित हो जाती है जितना वो खुद हो जाता था.

“आहह……..ओह…” बंसल के मुँह से सना की चुदाई की बात सुनकर आँचल ने सिसकारी ली.

अब बंसल ने आँचल के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों को चूसते हुए अपनी जीभ आँचल के मुँह में डाल दी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर उसने आँचल के होंठ दाँत से काट दिए और जीभ उसके मुँह में घुमाकर उसे चूसने लगा. फिर आँचल के चेहरे , उसके गुलाबी गालों को जीभ से चाटने लगा.

“ओह्ह …. बंसल जी …” आँचल सिसकी. बंसल उसे पागलों की तरह चूम रहा था , आँचल को सांस लेने में परेशानी हुई.

बंसल ने अपनी लार से आँचल का पूरा मुँह गीला कर दिया. उत्तेजना से आँचल भी बंसल की गर्दन आगे को खींचकर उसके होठों पर चुंबन लेने लगी. और अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर घुमाने लगी.

बंसल आँचल को अपने को चूमते देखकर बहुत खुश हुआ , उसको विश्वास ही नही हो रहा था की आँचल जैसी मादक औरत उसे चूम रही है.


आँचल बंसल का चुंबन ले रही थी. फिर उसने अपने होठों को बंसल के होठों से अलग किया और सिसकारी ली,” ओह्ह …. बंसल जी…”

आँचल को उत्तेजित देखकर बंसल ने सोचा , आज इसे अकेले चोदने का अच्छा मौका है. वो फटाफट जाकर केबिन का दरवाज़ा लॉक कर आया. फिर आँचल को चेयर से उठाकर उसने टेबल पर बैठा दिया. आँचल ने बंसल के पैंट की ज़िप खोल दी और अंडरवियर के बाहर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी.

बंसल आँचल का ब्लाउज उतारने लगा और उसकी ब्रा के स्ट्रैप्स निकालकर आँचल के बूब्स को फ्री कर दिया. आँचल के गोरे गोरे बड़े बूब्स को देखकर लार टपकाते हुए बंसल उनपर टूट पड़ा. आँचल के बूब्स को चूसने , मसलने और काटने लगा. आँचल अब ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल ने ज़ोर से उसके बूब्स मसलते हुए कहा,” तेरे मुममे तो बहुत चिकने और बड़े बड़े हैं. मज़ा आ रहा है इन्हे मसलने और चूसने में.”
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“ओइइ……….ओह….उननगज्गग……आआहह….” आँचल अपने बूब्स मसले जाने से ज़ोर से सिसकी.

आँचल की सिसकारियों से बंसल बहुत कामोत्तेजित हो गया , उसे लगा जल्दी से इसे नही चोदा तो पैंट में ही झड़ जाऊंगा. उसे मालूम था ज़्यादा देर तक वो ठहर नही पाएगा. उसने अपने सपने में भी कभी ऐसी सेक्सी औरत को चोदने की कल्पना नही की थी. ये उसकी खुशकिस्मती थी की आँचल जैसे खूबसूरत औरत से उसकी मुलाकात हो गयी.

बंसल ने आँचल को टेबल से उतारा और जल्दी जल्दी उसकी साड़ी और पेटिकोट उतारने लगा. उत्तेजना और जल्दी मचाने से उसकी सांस फूल रही थी. आँचल को नंगी करके बंसल ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और दो उंगलियाँ चूत में घुसा दी.

आँचल की चूत रस से इतनी गीली हो रखी थी की बंसल की उंगलियाँ भीग गयी. बंसल ने आँचल को दुबारा टेबल में बैठने का इशारा किया. और अपना पैंट उतारने लगा. उसके खड़े लंड से प्रीकम निकल रहा था.

फिर उसने आँचल को टेबल पर लिटा दिया और उसकी टाँगे अलग करके गीली चूत में अपना लंड घुसा दिया.
“उंग़ग्ग….ओह्ह ….” चूत में लंड घुसते ही आँचल सिसकी.

मोटा बंसल धक्के मारकर चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा. टेबल के ऊपर ग्लास (काँच) था, उससे आँचल को अपनी नंगी पीठ और नितंबों पर ठंडी लग रही थी. लेकिन उसकी गरम चूत में बंसल का लंड रगड़कर और गर्मी पैदा कर रहा था. बंसल के धक्कों से ग्लास के ऊपर उसका पूरा बदन हिल रहा था.

“आहह…ओह…बंसल जी…” चुदाई के मज़े लेते हुए आँचल सिसकी.

लेकिन बंसल ज़्यादा देर नही रुक पाया और आँचल की चूत में कुछ बूँद वीर्य गिराकर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फटाफट पैंट पहन लिया. टेबल पर आँचल सिसकारियाँ ले रही थी. उसको अभी ओर्गास्म नही आया था. उसका आधे में मज़ा खराब हो गया.

बंसल को कपड़े पहनते देख वो बोली,” उंग़ग्ग…….बंसल जी चोदो ना……चोदो प्लीज़…” और फ्रस्ट्रेशन में अपनी गांड ऊपर को उछालने लगी.

बंसल ने एक हाथ से आँचल का बांया नितंब टाइट पकड़ा और दूसरे हाथ की दो उंगलियाँ उसकी तड़पती चूत में डालकर बोला,” साली मैं ख़ान तो नही हूँ, जो इतनी देर तक तुझे चोदते रहा, वो भी उस सना को दोपहर में चोदने के बाद.”

फिर वो अंगूठे से आँचल की क्लिट को मसलते हुए उसकी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा. और उसको ओर्गास्म दिलाने की कोशिश करने लगा.

“हाँ हाँ ….उईईईईई…ऐसे ही करते रहो……ओह्ह …मज़ा आ रहा है……” बंसल की उंगलियों से चुदाई के जवाब में अपनी गांड ऊपर को उछालते हुए आँचल सिसकी.

कुछ ही देर में आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी.
बंसल ने अपनी उंगलियाँ चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करवाई.

फिर आँचल टेबल से उतर गयी और अपने कपड़े उठाकर केबिन से लगे हुए बाथरूम में चली गयी.

बाथरूम से आकर उसने बंसल को फोन पर बात करते हुए देखा.
बंसल ख़ान से फोन पर बात कर रहा था,” हाँ , और उस सना को भी बुला लेना. मैं तो बोलता हूँ की दोनो को ही साथ साथ चोदो ख़ान भाई. और साथ में कैमरा भी ऑन रखो.”

आँचल को बाथरूम से बाहर आते देखकर बंसल फोन पर बोला,” हम कल दोपहर में आ जाएँगे.” और फिर फोन बंद कर दिया.

आँचल ने बंसल की बात नही सुनी थी. उसे नही मालूम था की ख़ान और बंसल ने कैमरा लगाकर सना और आँचल को साथ साथ चोदने का प्लान बनाया है.

आँचल ने बंसल से पूछा,” किससे बात हो रही थी ?”

बंसल बोला,” ख़ान के कल दोपहर को अपने ऑफिस बुलाया है. वहाँ लोन पेपर्स पर साइन करने होंगे और लोन का चेक मिल जाएगा.”

फिर बंसल आँचल की कमर में हाथ डालते हुए बोला,” मैडम, आपकी सारी प्यास कल ख़ान भाई बुझायेँगे. बस आप कल ब्रा या पैंटी मत पहनना.”

आँचल ख़ान के साथ एक और चुदाई का मज़ा लेने के ख्याल से उत्तेजित हो गयी. उसने सोचा कल तो ऐसे तैयार होकर जाऊँगी की बिल्कुल कयामत ढा दूँगी.


ऑफिस से लौटते समय आँचल ब्यूटी पार्लर गयी. वहाँ उसने वैक्सिंग और फेशियल करवाया. और अपनी कांख भी शेव करवाई. कल ख़ान को वो अपनी खूबसूरती से और भी इंप्रेस करना चाहती थी.

रात में अपने बेडरूम में लेटे हुए उसने सुनील को फोन किया और उसे बताया की कल साजिद ने उसे लोन डॉक्युमेंट्स साइन करने के लिए अपने ऑफिस बुलाया है. एक्साइट्मेंट में उसने ख़ान की तारीफ भी कर दी की वो कितना हैंडसम और आकर्षक़ पर्सनालिटी वाला है और कितने लोग उससे अपायंटमेंट लेने के लिए उसके ऑफिस में घंटो वेट करते हैं.

सुनील लोन मिलने की बात से खुश हुआ. लेकिन उसने महसूस किया की आँचल ख़ान से बहुत प्रभावित लग रही है और उसकी बड़ी तारीफ किए जा रही है. अपनी बीवी को दूसरे आदमी की तारीफ करते देखकर सुनील को ख़ान से जलन हुई. सुनील ने ये भी गौर किया की पहले तो आँचल मिस्टर ख़ान कहती थी , आज साजिद कह रही है. उसे अच्छा नही लगा , लेकिन उसने आँचल के उत्साह को देखते हुए उससे इस बारे में कुछ नही कहा. सुनील ने कहा की लोन का चेक मिलते ही मुझे फोन कर देना फिर मैं वापस आने की तैयारी करूँगा.

रात में आँचल को ठीक से नींद नही आई. वो ख़ान के ख़यालो में ही डूबी रही. ख़ान जैसे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े आदमी से वो बहुत प्रभावित हो गयी थी. आँचल ख़ान की तरफ आकर्षित थी. ख़ान पैसेवला था, अच्छी पर्सनालिटी थी, रोबदार आवाज़ थी और सबसे बड़ी बात आँचल को उसने जी भरकर कामतृप्त किया था. आँचल की चूत ख़ान का लंड एक बार फिर लेने के लिए तड़प रही थी. ख़ान के मजबूत हाथों का अपने बूब्स पर स्पर्श, उसके चूत पर पड़ते जोरदार धक्के और आँचल के नितंबों पर उसका थप्पड़ मारना , ये सब आँचल को याद आता रहा. वो कब रात खत्म हो और सुबह आए इसका इंतज़ार करने लगी.

सुबह उठकर आँचल ने बाथटब में सुगंधित साबुन से नहाया और फिर तौलिए से बदन पोछकर बेडरूम में आई. फिर उसने गुलाबी ब्लाउज के साथ जीन्स पहनी. उसने ब्रा नही पहनी थी. गुलाबी ब्लाउज में उसके निपल साफ़ साफ़ दिख रहे थे. आँचल ने मिरर में अपने को देखा , उसे लगा ये कुछ ज़्यादा हो गया. उसके मम्मी पापा क्या सोचेंगे , ऑफिस को ऐसे जा रही है.



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उसने ब्लाउज उतारकर एक लेसी ब्रा पहाँ ली जो उसके बड़े बूब्स को आधा ढक रही थी. फिर उसने एक गुलाबी लो नेक वाली टीशर्ट पहाँ ली जिससे उसकी अच्छे से क्लीवेज दिख रही थी. इन सब में उसे देर हो गयी और वो फटाफट कार चलाकर ऑफिस पहुँच गयी. ऑफिस के रुटीन काम में आज उसका बिल्कुल मन नही लग रहा था. वो बार बार टाइम देख रही थी.

बंसल आँचल के केबिन में आया. आँचल को टीशर्ट और जीन्स में देखकर बोला,” मैडम आज तो आप बहुत ही खिली खिली लग रही हो , बहुत ही खूबसूरत.”

फिर उसका ध्यान आँचल के बूब्स पर गया और उसने देखा की मना करने के बावजूद आँचल ने ब्रा पहनी है.
“मैडम , मैने आपको कहा था ना की ख़ान भाई आपको बिना ब्रा के देखकर खुश हो जाएँगे, फिर क्यों आप अपने इतने मस्त मुममे बाँधकर रखती हैं.”
फिर वो आँचल के पास आकर एक हाथ से उसका खूबसूरत चेहरा सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका एक बूब दबाने लगा.

आँचल बंसल की बात का कोई जवाब देती उससे पहले ही उसके फोन की घंटी बजने लगी. उसके ससुर का फोन था. सुनील ने उसे बता दिया था की आँचल ने ख़ान से लोन निकलवा लिया है. ससुर ने आँचल को बधाई देने के लिए फोन किया था.

“थैंक यू ससुरजी , लेकिन चेक अभी मिला नही है, आज मिलने वाला है.” आँचल ने शरमाते हुए जवाब दिया. बंसल अब उसकी चेयर के पीछे खड़ा था और उसके बूब्स दबाते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था.

ससुर ने आँचल की शारीरिक ज़रूरतों की तरफ इशारा किया,” और तू तो पति के बिना तड़प रही होगी.”

“”ओह्ह …हाँ, सुनील कह रहा था की वो एक दो दिन में वापस आ जाएगा.” ससुर की बात में छिपे मतलब को नज़रअंदाज़ करते हुए आँचल ने जवाब दिया.

“अरे मेरी जान, मैं कल आ रहा हूँ, तेरी प्यास बुझाने. सुनील तो दो दिन बाद आएगा . मुझे तेरी बहुत याद आ रही है.” ठरकी ससुर बोला.

“उम्म्म्म…….हाँ ससुरजी ठीक है, तो कल मिलेंगे.” आँचल ने जवाब दिया. अब बंसल ने उसकी टीशर्ट उतार दी थी और ब्रा को उतारने की कोशिश कर रहा था.

ससुर : “बोल सच बोल, तुझे भी मेरी याद आ रही है ?”

“उम्म्म्म…..हाँ ससुरजी….मैं फोन रख रही हूँ …ओह्ह …” आँचल के मुँह से सिसकी निकल गयी. क्यूंकी बंसल ने अब उसकी ब्रा भी उतारकर , उसके बड़े बूब्स को नंगा कर दिया था और उसके निपल्स को मसलने में लगा हुआ था.

ससुर : “ क्या……क्या ? फोन मत रख , अभी तो तेरे से बहुत बातें करनी है, और कल आते ही मैं तुझे दिखाऊँगा की औरत को असली मर्द कैसे चोदता है.”

“ओह…..क्या…आआअहह….?” आँचल ने सिसकी ली , बंसल अब उसके आगे आकर उसके निपल को मुँह में भरकर चूस रहा था.

ससुर : “ देख मैं ठीक बोलता था, तू कितनी तड़प रही है. तेरी तड़पन सुनकर तो मेरा लंड खड़ा हो गया है, मेरी जान” . ससुर सोच रहा था की उसकी बहू कल उसके साथ चुदाई को लेकर एक्साइट हो रही है और तभी फोन पर सिसकारियाँ ले रही है.

ससुर की बातों से आँचल भी समझ गयी की ससुर उसकी सिसकारियों को अपने लिए समझ रहा है. बंसल की हरकतों और ससुर की ठरकी बातों से उत्तेजित होकर आँचल की चूत गीली हो गयी. उसने फोन पर ज़ोर से सिसकारी ली.
…आआअहह……………..ऊऊहह……उन्न्नननगगगगगगग……………..

बंसल भी फोन पर ससुर की बातें सुन रहा था. आँचल के बूब्स को चूसते हुए उसने सुना की ससुर भी आँचल के पीछे पड़ा है और उसे चोदना चाहता है.

आँचल को फोन पर ज़ोर से सिसकारी लेते देखकर ससुर बोला,” साली , तू तो बड़ी मस्त चीज़ है रे…मेरा लंड तो तेरी सिसकारी सुनकर तड़प रहा है, तेरी चूत में घुसने के लिए. पर पहले तो मैं तेरे से चुसवाऊँगा …..चूसेगी ना मेरा लंड ?”

“हाँ……उउउऊऊहह…..उम्म्म्मम….” आँचल ने फोन पर सिसकारी ली.

ससुर की लंड चूसने की बात से अब वो पूरी उत्तेजित हो चुकी थी. उसने फोन बंद कर दिया. और बंसल के पैंट की ज़िप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.

बंसल आँचल की हरकत से आश्चर्यचकित रह गया. फिर मादक आँचल को अपना लंड चूसते देखकर वो मज़े से सातवे आसमान में उड़ने लगा.

आँचल ने बंसल के लंड को चूसते हुए उसकी गोलियों को हाथ से सहलाया. बंसल जल्दी ही झड़ गया और उसने आँचल के मुँह में वीर्य गिरा दिया. आँचल सब वीर्य निगल गयी.
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होश में आने के बाद आँचल को अपनी हरकत पर खुद भी आश्चर्य हुआ लेकिन उत्तेजित होकर वो अपने ऊपर काबू नही रख पाती थी. उत्तेजित होने पर उसे कैसे भी हो, लंड चाहिए होता था.

झड़ने के बाद खुश होकर बंसल ने अपना पैंट ऊपर किया. आँचल ने भी अपनी टीशर्ट पहन ली लेकिन अबकी बार ब्रा नही पहनी.
ख़ान उसके बड़े बूब्स को बिना ब्रा के टीशर्ट में बाउन्स करते देखेगा और उसके निपल भी टीशर्ट में बाहर को तने हुए दिख रहे थे , ये सोचकर आँचल रोमांचित हो गयी.

आँचल बंसल से बोली,” अब चलते हैं. बंसल जी मैं अब और इंतज़ार नही कर सकती.”

बंसल और आँचल कार में ख़ान के ऑफिस के लिए चले. रास्ते भर बंसल ,सना और आँचल की एक साथ चुदाई के ख़याल से एक्साइटेड होता रहा.

आँचल को सना के बारे में पता नही था , वो ख़ान के साथ चुदाई को लेकर एक्साइटेड हो रही थी.

दोनो अपने अपने ख़यालो में मगन चुपचाप बैठे रहे. जब वो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो उन्हे 1 घंटा वेटिंग रूम में इंतज़ार करना पड़ा क्यूंकी ख़ान ऑफिस नही पहुँचा था.

जब ख़ान ऑफिस आया तो उसको पता चला की आँचल पिछले 1 घंटे से उसका वेट कर रही है. ख़ान खुद वेटिंग रूम में उनको विश करने आया और दोनो को अपने केबिन में ले गया.

आँचल ने देखा ख़ान का केबिन बहुत बड़ा है और उसके बगल में उसका प्राइवेट रेस्टरूम भी है. आँचल बड़े मन से बन ठन के आई थी लेकिन ख़ान ने उसके लुक्स पर कोई कॉंप्लिमेंट नही दिया और सीधे काम पर लग गया. आँचल को बड़ी निराशा हुई. ख़ान ने अपने केबिन में सेक्रेटरी को बुलाया और उससे लोन डॉक्युमेंट्स लाने को कहा. डॉक्युमेंट्स आने पर ख़ान ने उनको पढ़ने लगा. आँचल ने देखा की ख़ान उसके ऊपर बिल्कुल ध्यान ही नही दे रहा. इग्नोर फील करने से आँचल के आँसू आ गये. फिर ख़ान ने आँचल से डॉक्युमेंट्स पर साइन करने को कहा. आँचल सर झुकाकर चुपचाप साइन करने लगी.

इस काम में 20 मिनिट लग गये. उसके बाद आँचल बाथरूम जाने के लिए उठ गयी. ख़ान उसको अपने बगल वाले कमरे में ले गया वहाँ बाथरूम था. बाथरूम में ठन्डे पानी से मुँह धोकर आँचल ने अपने को सम्हालने की कोशिश की लेकिन उसके आँसू बहने लगे और उसको रोना आ गया. वो ख़ान को इंप्रेस करने के लिए अच्छे मूड से आई थी और ख़ान आज उसको बिल्कुल मुँह नही लगा रहा था और उससे एक दूरी बनाए हुए था. सिर्फ़ एक बिज़नेस क्लाइंट की तरह उसे ट्रीट कर रहा था.

“ओह शीट ….ये मुझे क्या हो रहा है, मैं इतनी इमोशनल क्यूँ हो रही हूँ…” मिरर में अपने चेहरे को देखती हुई आँचल अपने को शांत करने का प्रयास करने लगी. 10 मिनिट बाद वो थोड़ा शांत हुई तो बाथरूम से बाहर आकर उसने देखा, ख़ान के प्राइवेट रूम में एक बड़ा बेड है. बेड के ऊपर सीलिंग में मिरर लगे हुए थे और एक तरफ की कमरे की दीवार पर भी सब जगह मिरर लगे हुए थे. आँचल एक पल वहाँ पर रुककर सोचने लगी , इस बड़े बेड में ख़ान ने ना जाने कितनी औरतों को चोदा होगा.

फिर आँचल ख़ान के केबिन में आ गयी. ख़ान किसी से फोन पर बात करने में बिज़ी था. आँचल को देखकर उसने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया. ऑफिस केबिन में उस समय ख़ान अकेला था. फोन पर बात करते हुए ख़ान आँचल को देखकर मुस्कुरा देता , आँचल भी जवाब में मुस्कुरा देती. आँचल ख़ान के चेहरे , उसकी चौड़ी छाती , आकर्षक़ पर्सनॅलिटी को देखती रही , मन ही मन सोचती रही कितना हैंडसम दिखता है ख़ान. वो पूरी तरह से ख़ान की तरफ आकर्षित थी , इसीलिए जब ख़ान ने उसकी तरफ ध्यान नही दिया था और उसके लुक्स, उसकी खूबसूरती के लिए दो शब्द भी नही कहे , तो उसे रोना आ गया था. लेकिन अब ख़ान उसकी तरफ ध्यान दे रहा था वरना उसकी तरफ देखकर मुस्कुराता क्यूँ ?

फोन पर बात खत्म करके ख़ान उठा और आँचल से सटकर सोफे में बैठ गया. उसने बताया की बंसल लोन डॉक्युमेंट्स को फॉरमॅलिटीस पूरा करने के लिए नोटरी के पास ले गया है और 1 घंटे में वापस आ जाएगा.
फिर बोला,” आँचल आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो. होटेल की उस रात , तुम्हारे साथ बिताए समय के बाद से मैं तुम्हारे ही बारे में सोचते रहा हूँ.”

ख़ान से अपनी तारीफ सुनकर आँचल का चेहरा खिल उठा और उसने अपनी जांघें ख़ान से और सटा दी.

अपनी बाँह को आँचल के कंधे पर डालकर आँचल को अपनी ओर खींचते हुए ख़ान बोला,” मुझे बहुत लंबे समय से इतना आनंद नही मिला जितना तुमसे मिला. आँचल वास्तव में तुम बहुत सेक्सी हो , बहुत…”, ख़ान का इशारा उस रात की चुदाई की तरफ था.

“साजिद, ऐसा तो आप उन सभी लड़कियों से कहते होगे, जो हमेशा आपको घेरे रहती हैं” आँचल मुस्कुराते हुए बोली. वो ख़ान से अपनी और तारीफ सुनने के मूड में थी. उसने एक हाथ ख़ान की जाँघ पर रख दिया.

ख़ान ने आँचल का हाथ अपनी जाँघ से हटाकर पैंट के बाहर से लंड पर रखते हुए कहा,” आँचल मेरी आँखो में देखो. आँखे झूठ नही बोलती. तुम्हे पता चल जाएगा की मैं सच कह रहा हूँ.”

आँचल ने ख़ान की आँखो में देखा. हैंडसम ख़ान की आँखो में अपने लिए तारीफ के भाव देखकर आँचल को एक्साइट्मेंट हुई. उसने एक हाथ बढ़ाकर ख़ान के चेहरे को प्यार से सहलाया.

और बोली,” ओह साजिद, यू मेक मी फील सो गुड.” वो अपना चेहरा उसके चेहरे के नज़दीक़ लाई . आँचल ख़ान को किस करना चाह रही थी, लेकिन औरत होने की वजह से पहल करने में वो झिझक रही थी.

ख़ान ने देखा आँचल फिर से उसके साथ चुदाई के लिए तैयार है. आँचल ने एक हाथ उसके लंड के ऊपर रखा हुआ था और वो अपना चेहरा उसके नज़दीक़ ले आई थी. ख़ान भी अपना चेहरा उसके नज़दीक़ लाया, उसने देखा , किस को एक्सपेक्ट करते हुए आँचल ने अपने होंठ खोल दिए हैं. ख़ान ने आँचल के रसीले होठों को चूमते हुए चुंबन ले लिया.

“ओह साजिद…” होठों का चुंबन लेते ही आँचल सिसकी. अब उसने पहल करते हुए ख़ान के मुँह में जीभ घुसा दी और अंदर जीभ घुमाने लगी.

ख़ान को आँचल की पहल से थोड़ा आश्चर्य हुआ. वो आँचल की जीभ का अपने मुँह में आनंद लेते रहा. और अपने हाथों से आँचल के बूब्स दबाने लगा. ख़ान अपने हाथों से आँचल के निपल दबाने लगा, आँचल चुंबन लेते हुए उत्तेजना से सिसकने लगी. और फिर उसने ख़ान के मुँह से जीभ निकाल ली.

आँचल की चूत से रस बहने लगा , वो ख़ान से चुदाई को उतावली हो रही थी. फिर आँचल ख़ान का चुंबन लेने को आगे आई तो ख़ान ने अपना चेहरा पीछे हटा लिया और बगल के रेस्ट रूम में चलने को कहा. आँचल सोफे से उठी और रूम में जाने लगी. तभी ख़ान का फोन आ गया.

ख़ान फोन पर बात करने लगा तभी केबिन का दरवाज़ा खुला और सना अंदर आ गयी. अंदर आते ही सना ख़ान से लिपट गयी और उसका चुंबन ले लिया . आँचल ने रेस्टरूम से सना को ख़ान का चुंबन लेते देखा. उसको जलन हुई पर साथ ही साथ एक्साइट्मेंट भी हुई. चुंबन लेते समय ख़ान सना के नितंबों को मसल रहा था.

चुंबन के बाद सना खुश होकर बोली,” थैंक यू साजिद, मुझे “मैं तेरी बनूँगी” फिल्म में रोल मिल गया है. थैंक यू माय डार्लिंग.”

तभी सना की नज़र दूसरे रूम में आँचल पर पड़ी , उसने ख़ान की ओर सवालिया निगाहों से देखा.
ख़ान आँचल के पास आया और उसकी कमर में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए बोला,” सना , ये है आँचल. मेरी नयी फिल्म की हीरोइन. “ फिर आँचल को आँख मारते हुए उसका हाथ दबाया और अपने झूठ का साथ देने का इशारा किया.

सना का चेहरा एकदम से उतर गया , वो आँचल को ऊपर से नीचे तक देखते हुए घूरने लगी , ये मेरी कॉम्पिटिटर कहाँ से आ गयी.

“लेकिन साजिद वो रोल तो तुमने मुझे देने का वादा किया था.” आँचल से जलन महसूस करते हुए नाराज़गी से सना बोली.

ख़ान ने आँचल की कमर से हाथ हटाया और सना को अपनी बाहों में लेते हुए बोला,” तुमको वो रोल ज़रूर मिलेगा डार्लिंग. देखो फिल्म में दो हीरोइन्स हैं. एक तुम स्लिम सेक्सी लड़की का रोल करोगी और आँचल मादक सेक्सी औरत का. फिल्म की स्क्रिप्ट सिर्फ़ तुम दोनो सेक्सी औरतों के इर्द गिर्द घूमेगी. “

फिर ख़ान ने सना के होठों को चूम लिया और उसके बूब्स दबाने लगा.

“तुम दुबली पतली हो तो मॉडर्न लड़की का रोल करोगी , आँचल गदरायी हुई बड़े बूब्स वाली है , ये मादक काम की देवी जैसी लगेगी, तुम दोनो को फिल्म में एक साथ देखकर दर्शक तो पागल हो जाएँगे. “ ख़ान खुद भी उत्तेजित होते हुए बोला.

सना अब खुश थी , ख़ान के चेहरे को अपने हाथों में लेकर आँचल की ओर देखते हुए बोली, “हाँ डियर , अब मैं तुम्हारी बात समझ गयी हूँ. आँचल लगती तो बिल्कुल मादक है.”

ख़ान और सना से अपनी मादकता की बात सुनकर आँचल खुश हुई पर थोड़ी कन्फ्यूज़ सी हुई की ये दोनो मेरी इतनी तारीफ क्यूँ कर रहे हैं. लेकिन फिल्म एक्ट्रेस से कॉम्पलिमेंट मिलने से उसे एक्साइट्मेंट भी हो रही थी.

ख़ान मन ही मन खुश हो रहा था , आजकल इन सेक्सी औरतों को पटाना कितना आसान है. वो जानता था की ऐसी कोई फिल्म बनाने का उसका कोई प्लान नही है. वो तो सना को सिर्फ़ बहला रहा था ताकि वो खुश हो जाए. जब तक उसका दिल करेगा वो सना को चोदेगा, उससे अपना मन बहलाएगा, फिर उसे छोड़ देगा और उसकी जगह कोई नयी एक्ट्रेस ले लेगी.

इन दोनो सेक्सी औरतों को साथ साथ चोदने के लिए ख़ान पूरी तरह तैयार था और सना को पकड़े हुए ही उसने अपना दूसरा हाथ आँचल की कमर में डाला और दोनो को अपने बेड की तरफ ले गया.

जब ख़ान , सना और आँचल को अपने रेस्टरूम में ले गया तो आँचल समझ गयी की आज ख़ान का थ्रीसम का प्लान है. आँचल का , फिल्म एक्ट्रेस सना को ख़ान से चुदते हुए देखने का सपना आज पूरा होने वाला था , इस ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी.

रेस्टरूम में ख़ान बेड पर बैठ गया और सना को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा.

आँचल ने देखा सना सिसकारी लेने लगी है और ख़ान की शर्ट के बटन खोलने की कोशिश कर रही है. ख़ान ने सना के मुँह में जीभ डाल दी और उसके मुंह को चूमने लगा.

आँचल अकेले खड़ी होकर ख़ान और सना को एक दूसरे का चुंबन लेते देख रही थी. ख़ान ने सना का ब्लाउज खोल दिया और सना की चूचियों के निपल को उंगलियों से दबाने लगा. फिर सना के होठों का चुंबन खत्म करके उसने अपना मुँह सना की चूचियों पर लगा दिया. सना ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए अधमुंदी आँखो से आँचल को देख रही थी. आँचल ने देखा सना की तनी हुई चूचियों को ख़ान ने चूस चूसकर अपनी लार से गीला कर दिया. ख़ान दोनो चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा. सना आनंद और दर्द से मचलते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. उन दोनो की कामक्रीड़ा देखकर आँचल की साँसे भारी हो गयी, उसकी चूचियां तन गयी और चूत से रस बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को अकेली खड़े देखा. उसने आँचल को पास बुलाया,” यहाँ आओ, ज़रा सना के बदन पर हाथ तो फिराओ. देखो ये कितनी सेक्सी है.”

आँचल पास आई और सना के चेहरे को हाथों से सहलाने लगी. फिर झुककर, उसने सिसकारियाँ लेती सना के रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी. दोनो एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाने लगी.

आँचल को सना के होठों का चुंबन अच्छा लगा और वो उसे चूमती रही. ख़ान झुकी हुई आँचल की चूचियों को दबाने लगा. फिर ख़ान ने आँचल को खींचकर सना से अलग कर दिया क्यूंकी वो आँचल की टीशर्ट को उतारकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों से मज़े लेना चाह रहा था. उसने आँचल के सर के ऊपर से खींचकर टीशर्ट निकाल दी. आँचल ने ब्रा नही पहनी थी. उसकी बड़ी गोरी चूचियां आज़ाद हो गयी.

सना ने आँचल की चूचियों को देखा तो उसने हाथ लगाकर उनका वज़न तौलने की कोशिश की . फिर ख़ान की गोद से उतरकर दोनो हाथों से आँचल की चूचियों को दबाने लगी और अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. आँचल आँखे बंद करके सिसकारियाँ लेने लगी. अब सना की सेक्सी गांड ख़ान की तरफ थी. ख़ान ने सना की स्कर्ट और फिर पैंटी उतार दी. अब सना पूरी नंगी हो गयी थी.

सना के चूचियों को चूसने से आँचल अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. ख़ान उठकर आँचल के पीछे आ गया और उसका जीन्स खोलकर उसकी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. और आँचल को उठाकर बेड पर लिटा दिया.

आँचल की टाँगों को सना ने अलग कर दिया और आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया. आँचल की तनी हुई क्लिट को सना जीभ से छेड़ने लगी और आँचल की गीली चूत में दो उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगी.

“उनह……आअहह…..ओह्ह …” आँचल सिसकने लगी.

फिर सना ने आँचल की चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जो चूतरस से पूरी भीग चुकी थी और अब उसने आँचल की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसका चूतरस चाटने लगी. अपनी नाज़ुक चूत में सना की रफ जीभ के घूमने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी गांड को सना के मुँह पर उछालने लगी. कुछ ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और उसने सना का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया. सना को अपना दम घुटता सा महसूस हुआ.
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“आअहह………….ओह………उफफफफफफफफफफफफफ्फ़…………ओइईईईईईईईई” करते हुए आँचल झड़ गयी और उसकी चूत से निकले रस ने सना का मुँह भिगो दिया. अब जाकर आँचल ने सना के सर से अपनी पकड़ ढीली की.

तब तक ख़ान अपने कपड़े उतारकर लंड को हाथ में लिए हिला रहा था और उन दोनो की काम लीला देखकर मज़े ले रहा था. आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर ख़ान से अब रुका नही गया. उसने सना को बाल पकड़कर आँचल की चूत से हटा दिया और आँचल की दोनो टाँगे पकड़कर फैला दी.

ख़ान ने अपने मोटे और बड़े लंड को आँचल की फूली हुई चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड अंदर घुसा दिया.

“आहह…उन्न्ह…ओइईई…म्म्माआअ…” अपनी गीली , पर टाइट चूत में ख़ान का मोटा लंड घुसते ही आँचल चिल्लाई.

ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत की दीवारों को स्ट्रेच होते महसूस कर आँचल कामोन्माद में डूब गयी. ख़ान उसकी चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा , उन धक्कों से आँचल का बदन और उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. ख़ान आँचल की मांसल जांघों को पकड़े हुए उसकी चूत की ठुकाई करते रहा.

सना आँचल की चुदाई देखकर कामवासना से बेहाल हो गयी , वो अपनी चूत में खुद ही उंगली करके अपना ओर्गास्म लाने की कोशिश करने लगी. फिर सना आँचल के खूबसूरत चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गीली चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल ने सना की बिना बालों वाली चूत में जीभ घुसाकर उसे चाटना शुरू किया. अपने हाथों से उसने सना की पतली जांघों को पकड़ लिया और अपने सर को थोड़ा उठाकर सना की चूत चाटने लगी.

आँचल ने सना की चूत को इतना मज़ा दिया की जल्दी ही सना को ओर्गास्म आ गया
“ऊऊओ…ओह…..आआअहह….” सिसकारियाँ लेते हुए सना झड़ गयी और उसकी चूत ने रस बहाते हुए आँचल का मुँह भिगो दिया. जबरदस्त ओर्गास्म से सना अपने को सम्हाल नही पाई और सिसकते हुए बेड पर आँचल के बगल में गिर गयी. आँचल ने अपने ऊपर से सना की टाँगे हटाकर साइड में कर दी.

इधर ख़ान आँचल को पेले जा रहा था , अपने को झड़ते हुए महसूस करके ख़ान ने आँचल की चूत में धक्के तेज कर दिए.

मोटे लंड के धक्कों की मार से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी …..ऊओह…….ओइईईई…..आआहह…

तभी ख़ान ने आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपना लंड आँचल की चूत से निकाल लिया. जबरदस्त चुदाई से थककर ख़ान भी आँचल के बगल में लेट गया.

वो तीनो बेड पर लेटे हुए अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगे. आँचल बेड पर नंगी अपनी टाँगे फैलाए लेटी हुई थी. उसकी चूत से वीर्य और चूतरस निकलकर चादर पर गिर रहा था. अभी तक की चुदाई का आँचल ने जी भरकर आनंद लिया. ख़ान और सना के साथ चुदाई से उसे भरपूर कामतृप्ति मिल गयी.

थोड़ी देर आराम करने के बाद आँचल ने देखा सना उठ बैठी है. फिर सना आँचल के ऊपर आ गयी. अब दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी और हाथ फिराने लगी. फिर आँचल ने अपने ऊपर झुकी हुई सना की चूचियों को मुँह में भर लिया और उन्हे चूसने लगी. सना ने आँचल की चूत में तीन उँगलियाँ डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी. दोनो ही औरतें सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल और सना को सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान अपना लंड हिलाने लगा. फिर उसने आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया. आँचल ख़ान का लंड चूसने लगी और उसकी गोलियों को सहलाने लगी. आँचल अब लंड चूसने में माहिर हो चुकी थी. उसके लंड चूसने से जल्दी ही ख़ान सिसकने लगा.
“उउउ…ओह्ह …आँचल…..हाँ हाँ ऐसे ही चूसो ….. चूसती रहो….”

आँचल ख़ान का लंड भी चूस रही थी और अपनी गांड भी बीच बीच में ऊपर को उछाल रही थी क्यूंकी सना उसकी चूत को उंगलियों से तेज तेज चोद रही थी.

तभी ख़ान को लगा की वो अब झड़ने वाला है. उसने जल्दी से आँचल के मुँह से अपना लंड निकाल लिया. अब वो सना को चोदना चाह रहा था.

ख़ान ने सना को बेड में उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड हवा में उठाकर अपना लंड सना की चूत में घुसा दिया.

“आअहह….उफफफ्फ़…ओह” ख़ान का मोटा लंड अपनी चूत में घुसते ही सना सिसकी.
ख़ान अब सना की चूत में धक्के मारने लगा. दुबली पतली सना उसके धक्कों से पूरी तरह से हिल जा रही थी.

“आअहह….ओह…उननगज्गग…..आआआआ…..ओइईईई….” सना चिल्लाने लगी.
ख़ान सना को अब पीछे से तेज़ी से चोदने लगा.

आँचल लेटे हुए ही सना को डॉगी पोज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर चुदते हुए देखने लगी. चुदते हुए सना को अलग अलग तरह का मुँह बनाते देखकर आँचल रोमांचित हो गयी. और अपनी फूली हुई क्लिट को उंगलियों से मसलने लगी. कुछ ही देर में सना की चुदाई देखकर अपनी क्लिट को मसलते हुए आँचल झड़ गयी.

ख़ान ने सना को चोदना जारी रखा. दुबली पतली सना के नितंब आँचल की तरह भरे हुए सुडौल नही थे. ख़ान उत्तेजना मे सना को चोदते हुए सना के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. सना उत्तेजना और दर्द से चिल्लाती रही.

कुछ देर बाद ख़ान ने सना की चूत से अपना लंड निकाल लिया और सना को उठाकर उसके सेक्सी मुँह में डाल दिया. सना के मुँह में लंड घुसाकर ख़ान उसका सर टाइट पकड़कर उसे रफ तरीके से चोदने लगा. और जल्दी ही उसने सना का मुँह अपने वीर्य से भर दिया.

जब ख़ान ने सना के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला तो आँचल ने देखा की सना के मुँह के किनारे से वीर्य बाहर निकल रहा है. आँचल ने सना के मुँह का चुंबन ले लिया और दोनो औरतें मज़े से ख़ान के वीर्य को निगल गयी.

थोड़ी देर बाद ख़ान बेड से उठा. सना और आँचल के नितंबों पर हल्के से एक एक थप्पड़ लगाकर ख़ान ने उन्हे उठने को कहा. ख़ान को एक बिज़नेस मीटिंग के लिए देर हो रही थी. आँचल और सना दोनो बेड से उठ खड़ी हुई और चादर से अपने चेहरे और नंगे बदन से वीर्य और चूत रस पोछने लगी. फिर दोनो ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए.
 
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