अगली सुबह आँचल ने सुनील से कहा की दोपहर के बाद उसको कुछ काम से बाहर जाना है तो आया को सास की देखभाल के लिए बोल दूँगी. सुनील के जाने के बाद आँचल से इंतज़ार बर्दाश्त नही हुआ और वो करिश्मा को फोन करने लगी पर कोई फोन नही उठा रहा था. उसने दो तीन बार ट्राइ किया पर कोई फायदा नही हुआ.
आँचल बहुत फ़्रस्ट्रेटेड हो गयी, कैसी है ये करिश्मा , फोन भी नही उठा रही है.
आख़िरकार दोपहर बाद 1 pm पर आँचल ने फिर से करिश्मा को फोन किया , इस बार करिश्मा ने मीठी आवाज़ में हेलो बोला.
आँचल बोली, यार कबसे फोन कर रही हूँ , फोन नही उठा रही हो.
करिश्मा ने उसे अपने घर का एड्रेस बताया और कहा अभी घर में कोई नही है.
आँचल ने तुरंत ऑटो पकड़ा और करिश्मा के बताए एड्रेस पर पहुँच गयी.
आँचल को अपने घर देखकर करिश्मा खुश हो गयी और उसने आँचल के होठों पर किस करके विश किया.
आँचल ने भी जवाब में करिश्मा के होठों को किस किया और अपनी जीभ उसके होठों के बीच से मुँह में घुसा दी. मादक आँचल को पूरे मूड में देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और अपने बेडरूम में ले गयी.
करिश्मा मन ही मन सोचने लगी आँचल को टीज़ कर करके मज़ा दूँगी , इस सेक्सी औरत को तड़पकर सिसकारियाँ लेते हुए देखने में ज़्यादा मज़ा आएगा.
करिश्मा आँचल को अपने बेडरूम में ले गयी और धीरे धीरे उसकी साड़ी, ब्लाउज, पेटिकोट और ब्रा उतारने लगी. कपड़े उतारते समय वो आँचल के बदन को छू रही थी जिससे आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. फिर आँचल ने भी करिश्मा के कपड़े उतार दिए लेकिन उसको जल्दबाज़ी हो रही थी , इसलिए उसने फटाफट करिश्मा के कपड़े उतार फेंके.
अब दोनो औरतें बिल्कुल नंगी थी. एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराते हुए दोनो होठों का चुंबन लेने लगी. आँचल इतनी ज़्यादा सेक्सुअली एग्ज़ाइटेड हो रखी थी की करिश्मा के किस करने और बदन में हाथ फिराने से उसको खड़े खड़े ही जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो आहह….....ऊऊहह…......उन्न्ञंफफफ़फ़गगगघह करती हुई झड़ गयी. उसने करिश्मा को अपने आलिंगन में जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा दुबली पतली थी उससे आँचल संभाली नही गयी और उसने जैसे तैसे आँचल को बेड में लिटा दिया.
फिर करिश्मा ने आँचल की मस्त बड़ी बड़ी गोरी चूचियों को हाथों में पकड़कर दबाना शुरू किया. आँचल की चूचियों को मसलने से खुद करिश्मा के मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी. फिर उसने आँचल के बड़े निपल को मुँह में भर लिया और एक एक करके दोनो निपल्स को चूसने लगी. आँचल मदहोशी से सिसकारियाँ ले रही थी. आँचल को करिश्मा की चूत को चाटने का मन हुआ, लेकिन करिश्मा उसकी चूचियों को चूसने और मसलने में मगन थी. आँचल भरी पूरी औरत थी और करिश्मा टीनेजर थी , तो आँचल ने करिश्मा को बेड पर धक्का दिया और उसकी टाँगें खींचकर अलग कर दी. और फिर करिश्मा की चूत में मुँह लगाकर जीभ से चाटने लगी. करिश्मा अपने से बड़ी आँचल का मुक़ाबला नही कर पाई और लेटे हुए सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल ने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा और गीली चूत में उंगली घुसाकर अंदर बाहर करने लगी.
करिश्मा अपने हॉस्टिल के लेस्बियन संबंधों में डॉमिनेंट पार्ट्नर रहती थी . आँचल को भी उसने तड़पाते हुए मज़े देने की सोची थी लेकिन यहाँ आँचल के सामने उसकी नही चली और उसे लगा की आँचल उसकी चूत ही खा जाएगी.
“उन्न्ञंह…ऊओह …उफफफफ्फ़… आँचल……” करिश्मा को ओर्गास्म आ गया और वो आँचल के मुँह में चूतरस बहाते हुए झड़ गयी.
फिर आँचल ने उसको अपनी गोद में बिठा लिया और उसके बूब्स को चूसने लगी. और एक उंगली उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी. कुछ देर बाद उसने चूत में दो उंगली डाल दी. आँचल अपनी गोद में करिश्मा को मनमर्ज़ी से चोद रही थी. और करिश्मा सिसकारियाँ ले रही थी.
करिश्मा को एक और ओर्गास्म आ गया.
“ऊओ….करिश्मा , मज़ा आ रहा है नाआआ……….” खुद भी सिसकारियाँ लेते हुए आँचल बोली.
करिश्मा को शुरू में दर्द हुआ था क्यूंकी अनाड़ी आँचल ने उत्तेजना में दो उंगलियों से उसकी टाइट चूत में दर्द करवा दिया था लेकिन आँचल की गोद में टाँगे फैलाए हुए बैठने से और आँचल द्वारा डॉमिनेट किए जाने से उसको बहुत कामतृप्ति मिली.
फिर आँचल ने उंगलियाँ करिश्मा की चूत से बाहर निकाली और उसके मुँह में डाल दी. और अपनी उंगलियाँ उससे चटवाकर साफ़ करवाई. फिर गोद में बिठाये हुए ही अपनी चूचियां उसके मुँह में डालती हुई बोली,” तू ये माँग रही थी ना, चूस मेरे मम्मों को. हाथ से देख कितने भारी हैं, चूस करिश्मा चूस…”
करिश्मा उसके मम्मों को चूसती रही और उत्तेजना से आँचल की चूत से रस बहने लगा.
फिर आँचल ने करिश्मा को गोद से उतारा और खुद बेड में लेट गयी. और बोली,” चूस मेरी चूत को …”
करिश्मा ने आँचल की चिकनी चूत के फूले हुए होठों में अपना मुँह लगा दिया और उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ने लगी.
“आहह…ओह…” आँचल ने सिसकारी ली.
फिर करिश्मा ने आँचल की फड़कती चूत के अंदर जीभ डाल दी और उसे अंदर घुमाने लगी.
“उहह…ऑश…उन्न्नह…उननग्ज्ग……एसस्स्सस्स….ज़ोर से और ज़ोर से ….” आँचल बोली और अपने बड़े नितंबों को उछालकर करिश्मा के मुँह में झटका देने लगी.
“उईईईईईईईईई….माआआअ……” आँचल उत्तेजना में सिसकी लेती रही.
फिर करिश्मा ने आँचल के नितंब पकड़े और एक अंगुली उसकी गांड के छेद में डाल दी.
“ऊओह ……..आहह…मैं मर गयी ………..उन्न्नह………आऐईयईईईई..” आँचल मज़े और दर्द से चिल्लाई और ओर्गास्म से झड़ गयी.
आँचल को ओर्गास्म के मज़े लेते देखकर करिश्मा उत्तेजित हो गयी और अपनी टेबल से वाइब्रेटिंग डिल्डो उठा लाई. फिर डिल्डो को ऑन करके आँचल की क्लिट को छेड़ने लगी. अपनी क्लिट पर वाइब्रेशन से आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा ने डिल्डो को आँचल की चूत में घुसाना शुरू किया. डिल्डो बड़ा था तो आँचल को अपनी चूत स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई. आँचल ने पहले कभी डिल्डो यूज़ नही किया था और इस डिल्डो का सेन्सेशन उसको अच्छा लग रहा था. अब करिश्मा डिल्डो को आँचल की चूत में तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी.
“उईईईईई …..करिश्मा …….” आँचल अपने नितंबों को ऊपर उछालने लगी.
फिर करिश्मा ने डिल्डो रोक दिया ताकि मज़ा लंबा खिच सके. डिल्डो के रुकने से आँचल तड़पने लगी.
“चोद साली करिश्मा…प्लीज़…….. चोद मुझे … “ आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई.
आँचल को अपनी खुशामद करते देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और मन ही मन बोली, तड़पा तड़पा के मज़े दूँगी तुझे. अब वो डॉमिनेंट पार्ट्नर बन चुकी थी और इसमे उसे मज़ा आ रहा था.
फिर उसने डिल्डो एक तरफ रख दिया और आँचल की टाँगें फैलाकर खुद उनके बीच आ गयी. अब दोनो की चूत एक के ऊपर एक थी. करिश्मा ने अपनी गीली चूत को आँचल की रस टपकाती चूत से रगड़ना शुरू किया. दोनो ही सिसकारियाँ लेने लगी. कुछ देर बाद करिश्मा ने आँचल से पेट के बल लेटने को कहा.
करिश्मा अब आँचल के बड़े बड़े नितंबों को पकड़कर मसलने लगी और बीच बीच में उनपर थप्पड़ मारने लगी. और थप्पड़ मारने से नितंबों को हिलते हुए देखकर मज़े लेने लगी. पीछे से आँचल की चूत में भी किसी किसी समय वो उंगली करने लगी.
फिर करिश्मा ने आँचल की मांसल जांघों को मसलना शुरू किया. करिश्मा के मसलने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. अब करिश्मा को भी मज़े की ज़रूरत थी.
“ बहुत मज़े कर लिए तूने…अब उठ और चूस मुझे…” आँचल से अपनी चूत चाटने को कहने लगी.
आँचल उठी और करिश्मा की चूत में जीभ लगाकर चाटने लगी. फिर चूत के अंदर जीभ डालकर करिश्मा को मज़े देने लगी. करिश्मा ने आँचल का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. थोड़ी देर बाद करिश्मा को ओर्गास्मआ गया और आँचल के सर को चूत में दबाए रखकर उसने उसका मुँह अपने चूतरस से भर दिया. कुछ पलों के बाद जब उसका ओर्गास्म ख़तम हुआ तो उसने आँचल का सर छोड़ दिया. आँचल ने चूतरस और लार से भीगा हुआ अपना मुँह ऊपर उठा लिया.
उसके बाद करिश्मा ने अपनी कमर में डिल्डो बेल्ट से बाँध लिया. और डॉगी पोज़ में आँचल की चूत में डिल्डो डालकर चोदने लगी. सपोर्ट के लिए उसने आँचल के हिलते हुए बूब्स पकड़ लिए. आँचल थोड़ी ही देर में झड़ गयी लेकिन करिश्मा रुकी नही और उसे चोदते रही.
“उहह….आअहह….बस करो करिश्मा…..उन्न्नह….दुख़्ता है …बससस्स…” आँचल दर्द से गुस्से में चिल्लाई.
आँचल को दर्द से चिल्लाते देखकर करिश्मा रुक गयी. और आँचल के चेहरे को अपने हाथों में पकड़कर बोली,” आई ऍम सॉरी, आँचल. मुझे पता नही चला की तुम्हें दर्द होने लगा है.”
फिर उसने आँचल के चेहरे को सब जगह चूमकर प्यार जताया और दिखाया कि उसको कष्ट पहुंचाने का उसका कोई इरादा नही था.
दोनो बहुत थक गयी थीं और कुछ देर तक नंगी ही बेड पर लेटी रहीं.
फिर करिश्मा कपड़े पहनते हुए बोली , चलो अब क्लब चलते हैं.
आँचल बहुत थक गयी थी और उसकी सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन भी रिलीज़ हो गयी थी. उसका क्लब जाने का मन नही था पर करिश्मा के कहने पर वो राज़ी हो गयी.
क्लब पहुचने के बाद करिश्मा अपने BF विकी और उसके फ्रेंड्स के साथ बैडमिंटन खेलने लगी. आँचल चेयर में बैठकर उनका खेल देखती रही , थकावट से उसने बैडमिंटन नही खेला.
करिश्मा खेलने के दौरान उसकी तरफ देखकर शरारत से मुस्कुराती रही.
कुछ देर बाद आँचल ने कहा की उसे घर जाना है और करिश्मा से अपनी कार में उसे घर छोड़ देने को कहा.
विकी करिश्मा की कार चलाने लगा और बॅक सीट में आँचल करिश्मा और सैफ के बीच में बैठ गयी. दोनो ही आँचल के बदन को छूने लगे. सैफ पीछे से हाथ डालकर उसकी गर्दन और कंधों पर हाथ फिराने लगा और करिश्मा उसकी जांघों पर हाथ रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगी. आँचल ने उन दोनो को नही रोका उसे जल्दी से घर पहुँचकर गरम पानी से नहाने की पड़ी थी , उसकी चूत भी डिल्डो की रगड़ से थोड़ी दर्द कर रही थी.
आँचल ने देखा सैफ के पैंट में तंबू बनने लगा है . तभी उसका घर आ गया और सबको मुस्कुराते हुए गुडबाय बोलकर वो कार से उतर गयी.
अपने बाथरूम में बाथटब में बैठकर गरम पानी में नहाते समय आँचल के दर्द से आँसू आ गये , करिश्मा ने बड़ी बेरहमी से डिल्डो से उसे चोदा था और गुस्सा करने पर ही वो रुकी थी. आँचल ने चूत में हाथ लगाकर सूजन को महसूस किया.
उस रात सुनील के साथ सोते समय आँचल चुपचाप करवट लेकर सो गयी , सुनील के लिए ये आश्चर्य की बात थी.
आँचल क्लब से शाम को घर पहुँची तो उसका ससुर मुंबई से घर वापस आ चुका था. ससुर और सुनील में केस को लेकर बातचीत हो रही थी. तभी ससुर की नज़र वाइट टीशर्ट और शॉर्ट स्कर्ट पहने हुई आँचल पर पड़ी (आज आँचल ने बैडमिंटन खेला नही था लेकिन अपनी ड्रेस उसने चेंज नही की और उसी में घर आ गयी) , ससुर के लंड में दर्द की लहर उठी. केस के बारे में बात करना भूलकर वो सोचने लगा आख़िर कब इस चिकनी बहू को चोदने की मेरी इच्छा पूरी होगी ? हर बार मेरा प्लान गड़बड़ हो जाता है. काश उसी दिन मैंने इसे चोद दिया होता जब कुक सलीम इसे नंगी छोड़कर भाग गया था. अब देखो कैसे मेरे सामने छोटी स्कर्ट पहने बैठी है , आहा मक्खन जैसी गोरी गोरी चिकनी जांघें हैं इसकी. आँचल सुनील और ससुर के साथ छोटी वाइट स्कर्ट में अपनी टाँगें मिलाए बैठी थी . ससुर की नज़रें उसकी दूधिया जांघों पर ही थी तभी बातों बातों में आँचल ने अपनी टाँगें थोड़ी अलग करी और ससुर को उसकी वाइट पैंटी दिख गयी. आअहह………..साली सामने रसमलाई है और मैं खा नही पा रहा हूँ.
ससुर की मुंबई ट्रिप से कोई खास फायदा नही हुआ था. दोनों भाई गुल्मोहर और अंकुर के खिलाफ बाउन्स चेक का केस कोर्ट में लंबा खिच रहा था. और अब अगली डेट दो महीने बाद की थी तो ससुर वापस देल्ही आ गया.