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आँचल चुदाई के आनंद लेते हुए बंसल को भूल ही गयी और कामतृप्त होकर खुशी खुशी अपने मम्मी पापा के घर कार चलाकर चली गयी. घर जाकर आँचल बाथटब में बैठकर , मस्त चुदाई को याद करके गुनगुनाते हुई नहाने लगी.
फिर उसको अपने ससुर का ध्यान आया , कल उसका ससुर वापस आने वाला था. फोन पे उसके ससुर ने उससे जो कामुक बातें कही थी , उन्हे यादकर आँचल सोचने लगी, इस बार तो उसका ससुर मौके को हाथ से जाने नही देगा और उसे चोदकर ही मानेगा क्यूंकी अभी ससुराल में सास भी नही है और सुनील भी नही है.
आँचल अपने ससुर से संबंध बनाने में , सुनील और सास की वजह से, डरती थी , इसीलिए उसने अभी तक अपने आप को ससुर से बचाकर रखा था. लेकिन ससुर उसे चोदेगा इस ख़याल से उसकी चूत गीली भी हो जाती थी. अब जब कल ससुर वापस आएगा तो फिर क्या होगा , यही सोचते हुए वो बाथटब से उठ गयी.
ख़ान और सना के साथ थ्रीसम के बाद रात में आँचल को सेक्सी सपने आए. सपने में उसने देखा ख़ान उसे और सना को चोद रहा है. लेकिन फिर सपना बदल गया और आँचल ने देखा उसका ससुर उसे और सना दोनो को चोद रहा है. आँचल जब सुबह उठी तो उसे रात का सपना याद आया. आज उसका ससुर आने वाला था. ससुर से मुलाकात को लेकर आँचल को डर के साथ एक्साइट्मेंट भी हुआ. आँचल को पूरा यकीन था सुनील के लौटकर आने से पहले घर में उसे अकेला पाकर ससुरजी चोदने में बिल्कुल भी देर नही करेंगे. ससुर से चुदवाने के ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी, लेकिन उसका दिमाग़ कह रहा था ये ग़लत है.
नहाकर फैक्ट्री जाने के लिए तैयार होकर आँचल अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. वो परोठा खा रही थी तभी उसके ससुर का फोन आ गया.
“आज तुम अपना बैग पैक करके रखना. फैक्ट्री से हम साथ साथ तुम्हारे पापा के घर जाएँगे और तुम हमारे साथ अपने घर वापस आओगी. आज की रात तो बहुत रंगीन होगी, तेरी बाँहों में…” ससुर मस्ती में बोला.
ससुर का प्लान सुनकर आँचल को डर लगा , पर उसे उत्तेजना भी हुई, वो केवल “उनन्ं…जी …” ही बोल पाई.
“बस तुम जल्दी से फैक्ट्री आ जाओ, तुम्हें देखने और चूमने का दिल कर रहा है.” ठरकी ससुर ने कहा.
“ज्ज्ज…जी..” आँचल ने धीरे से कहा.
“ये क्या जी… जी लगा रखा है . जल्दी आओ मेरा लंड बहुत तड़प रहा है.” उत्तेजित होते हुए ससुर ने कहा.
“उम्म्म…हाँ, बस अभी आ रही हूँ…” आँचल ने धीरे से जवाब दिया.
“क्यूँ तुझे भी तड़पन हो रही है ? बोलो ना…” ससुर मस्ती में था.
“ज्ज…जी हाँ …” आँचल धीरे से बोली. टेबल पर सामने परोठे खाते हुए उसके मम्मी पापा उसको ही देख रहे थे. आँचल का मुँह शरम से लाल हो गया , उसने सोचा ससुरजी तो फोन रखेंगे नही, ऐसी ही कामुक बातें बोलते रहेंगे. आँचल ने फोन काट दिया.
आँचल की मम्मी ने पूछा , तो आँचल ने बताया की वो दोपहर में फैक्ट्री से लौटते वक़्त ससुरजी के साथ आएगी और फिर अपना सामान पैक करके वापस ससुराल चली जाएगी.
आँचल के पापा बोले, बेटा ये तो अच्छी बात है . तुम बहुत दिनों से मायके में हो. आज अपने घर चली जाओगी.
अब आँचल से परोठा निगला ही नही जा रहा था. वो सोचने लगी , ससुरजी तो कह रहे थे , तेरी बाँहों में आज की रात बहुत रंगीन होगी. आज तो मैं किसी हाल में नही बच सकती. धीरे धीरे उसने नाश्ता खत्म किया और कार लेकर फैक्ट्री आ गयी.
फैक्ट्री पहुँचकर आँचल ने देखा उसका ऑफिस अंदर से बंद था. नॉक किया तो बंसल ने दरवाज़ा खोला और आँचल के अंदर आने के बाद फिर से लॉक कर दिया.
आँचल ने देखा टेबल पर बहुत सारी नोटो की गड्डियां पड़ी हुई हैं और बंसल उनको गिन रहा है.
आँचल ने पूछा तो बंसल ने बताया की ससुरजी अभी कहीं बाहर गये हैं एक दो घंटे में वापस आ जाएँगे.
फिर बंसल रुपये गिनना छोड़कर आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपनी तरफ खींचते हुए बोला,”कल ख़ान और सना के साथ बहुत मज़े किए तुमने ? ”
ब्लाउज के नीचे नंगी कमर पर बंसल के हाथ घूमने लगे. आँचल ने बंसल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की लेकिन बंसल ने उसकी कमर और टाइट पकड़ ली और सोफे पर आँचल को खींच लिया.
“ये क्या कर रहे हो तुम बंसल ? छोड़ो मुझे …” आँचल ने रूखेपन से बंसल को झिड़कते हुए कहा.
“छोडूं या चोदूँ ..” बंसल ज़ोर से हंसते हुए बोला.
फिर एक हाथ से आँचल के खूबसूरत चेहरे को ज़ोर से दबाते हुए बोला,” भूल गयी क्या ? मेरे पास टेप है. तेरी चुदाई का सबूत, तेरे नौकर के साथ….”
फिर उसने और भी ज़ोर से आँचल के गालों को अपने हाथ से पकड़कर दबाया , आँचल दर्द से कसमसाई.
“मेरे साथ अच्छे से पेश आओ मैडम. नही तो मैं वो टेप तुम्हारे ससुर को दे दूँगा. समझी ?”
“ओइईई…….बंसल , प्लीज़ ….दर्द हो रही है ……..मेरा चेहरा तो छोड़ दो ” दर्द से चिल्लाते हुए आँचल बोली.
“प्लीज़ …बंसल जी…ओके ओके , मैं अच्छा व्यवहार करूँगी तुम्हारे साथ…..”
आँचल को दर्द से कसमसाते देखकर बंसल ने उसका चेहरा छोड़ दिया. फिर उसके कंधे में हाथ डालकर उसको अपने पास खींचते हुए बोला,” अब बताओ आँचल जी , मज़ा किया कल तुमने ?”
“हाँ..” आँचल ने धीरे से कहा.
बंसल फुसफुसाया,” बस हाँ ? ये क्या जवाब है आँचल जी ? ज़रा खुलकर बताओ , क्या क्या मस्ती की तुमने ख़ान और सना के साथ ?
“हाँ , बहुत मज़ा आया..” आँचल भी फुसफुसाते हुए बोली.
“क्या तुम दोनो को चोदा ख़ान ने ?” बंसल फिर फुसफुसाया. बंसल ने अब पीछे से आँचल का ब्लाउज खोल दिया था और फिर लेस वाली ब्रा भी उतार दी. ब्लाउज और ब्रा को एक तरफ फेंक दिया. आँचल चुपचाप बैठी रही. बंसल उसको टेप का डर दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था.
मादक आँचल को ऊपर से नंगा करके बंसल उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियों का हाथ लगाकर वजन तौलने लगा. फिर उसने ज़ोर से चूची का निपल उंगलियों से दबा दिया.
“ओइईई……आआहह..” आँचल दर्द से चिल्लाई.
“बोलो आँचल जी , सारी की सारी कहानी बताओ . चुप मत रहो , नही तो ..” कहते हुए बंसल ने फिर से उसके निपल को ज़ोर से दबाकर दर्द कर दी.
“अच्छा अच्छा ….प्लीज़ ऐसे दर्द मत करो. सब कुछ बताती हूँ प्लीज़…” बेचारी आँचल अपनी चुदाई का किस्सा बंसल को बताने लगी.
बंसल उसकी बात सुनते हुए उसकी चूचियों और निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा.
आँचल अपना किस्सा सुना रही थी और बंसल उसकी चूचियों को मसल रहा था , चूस रहा था. अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी और किस्सा सुनाते हुए बीच बीच में सिसकारियाँ लेने लगी. बंसल समझ गया , साली गरम कुतिया उत्तेजित होने लगी है.
उसने आँचल को सोफे से खड़ा कर दिया और बोला,” फटाफट साड़ी पेटीकोट उतार दो.”
“कोई आ जाएगा बंसल जी..” आँचल उत्तेजना से काँपती आवाज़ में बोली , लेकिन कपड़े उतारने लगी.
“दरवाजा बंद है. घबराओ नही.” बंसल भी फटाफट अपने कपड़े उतारते हुए बोला.
नंगी आँचल को डेस्क के पास ले जाकर बंसल ने झुका दिया और एक हाथ से उसकी पीठ को नीचे दबाते हुए पीछे से उसकी चूत में उंगली घुसा दी.
“सना की चूत चाटने में तुझे बहुत मज़ा आया लगता है …”
आँचल की चूत गीली देखकर बंसल खुश हो गया. सोचने लगा , ये साली गरम कुतिया हमेशा चुदाई को तैयार रहती है. साली बहुत कामुक है.
बंसल ने अपना छोटा लेकिन मोटा लंड पीछे से आँचल की चूत में पेल दिया. और धक्के मारने लगा.
“आह ओह्ह …ऊऊ……” आँचल सिसकने लगी.
आँचल की बड़ी चूचियां डेस्क के उपर लगे ठंडे ग्लास में दबी हुई थी और उसकी बड़ी गांड ऊपर को उठी हुई थी.
बंसल आँचल को धीरे धीरे चोदने लगा और आँचल से अपना किस्सा जारी रखने को कहा.
आँचल चुदते हुए किस्सा सुनाने लगी. तभी उसको लगा की ओर्गास्म आने वाला है.
“आअहह…..बंसल जी……..ओइईईईईईई………..”
बंसल धीरे धीरे इसलिए चोद रहा था ताकि चुदाई का मज़ा देर तक आए .
जब वो दोनो ही झड़ने को हुए तो किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटा दिया.
“दरवाजा खोलो बंसल ”, मिस्टर जोशी (आँचल का ससुर ) तेज आवाज़ में बोला.
बंसल का लंड तुरंत मुरझाकर आँचल की चूत से बाहर आ गया. वो फटाफट अपने कपड़े पहनने लगा.
आँचल डेस्क पर झुकी हुई चुदाई की मदहोशी में थी लेकिन ससुरजी की कड़क आवाज़ सुनकर उसका ओर्गास्म गायब हो गया . वो सीधी खड़ी हो गयी और फटाफट पेटीकोट पहनने लगी.
बंसल ने तो फटाफट पैंट कमीज़ पहन ली पर आँचल को तो साड़ी ब्लाउज पहनना था. उसने बिना ब्रा के ही ब्लाउज पहन लिया और बंसल की मदद से साड़ी बाँध ली.
बंसल ने फर्श पर पड़ी ब्रा को अपनी जेब में छुपा लिया और टेबल से बहुत सारे नोट फर्श पर गिरा कर बिखेर दिए.
फिर वो दरवाजा खोलने लगा और आँचल से कहा फर्श पर पड़े नोट उठाने का नाटक करे.
जब बंसल ने ऑफिस का दरवाज़ा खोला तो मिस्टर जोशी (ससुर) अंदर आए. बंसल बिना पूछे तुरंत सफाई देने लगा की बहुत सारा पैसा टेबल से गिरकर बिखर गया है , हम उसी को उठा रहे थे.
ससुर ने देखा आँचल झुकी हुई है और फर्श से नोट उठा रही है. उसने ब्रा नही पहनी थी जिससे उसकी बड़ी चूचियां साफ दिख रही थी क्यूंकी झुके होने से साड़ी का पल्लू हटा हुआ था. ससुर ने ऊपर से झाँका तो उसको निपल भी दिखाई दिए.
ससुर दरवाज़ा खोलने में हुई देरी से नाराज़ था और बंसल से जवाब तलब करना चाह रहा था लेकिन मादक आँचल की चूचियों को देखकर उसका गुस्सा काफूर हो गया. वो आँचल के पास गया और उसके स्लीवलेस ब्लाउज के थोड़ा नीचे उसकी बाँह पकड़कर उसे उठाने लगा. ससुर की अंगुलियां आँचल की कांख को टच कर रही थी. और उसकी नज़र आँचल की बिना ब्रा की चूचियों पर थी. आँचल को उठाने के बहाने ससुर ने उसकी कांख पर अंगुलियां फेरते हुए , कांख से आ रही खुशबू को अपनी नाक में भर लिया. …आहह…..क्या मादक गंध है…मैं कितना तड़प रहा हूँ , इस सेक्सी बहू को चोदने के लिए.
आँचल ने देखा उसका ससुर उसे कांख के पास बाँह पकड़कर उठा रहा है. आँचल उठी और एक नर्वस स्माइल के साथ ससुर को विश किया. वो अभी भी घबराई हुई थी. चुदाई की मदहोशी में उसे ओर्गास्म आने ही वाला था की ससुर ने दरवाज़ा भड़भड़ा दिया था. उसकी साँसे अभी भी भारी थी और बदन कांप रहा था.
ससुर ने देखा बहू गहरी साँसे ले रही है और उसकी बड़ी चूचियां सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रही हैं, आँचल का चेहरा भी चुदाई के आनंद से थोड़ा लाल हो रखा था. ससुर ने सोचा बहू मुझे देख के उत्तेजित हो रही है. शायद ये भी मेरे लिए उतना ही तड़प रही है, जितना मैं इसके लिए.
तब तक बंसल ने गिराए हुए सारे नोट उठा लिए थे.
बंसल बोला, “ सर , मैं इन रूपयों को बैंक में जमा कर दूं.”
ससुर बोला,” हाँ बंसल जी , ये पैसा बैंक में जमा कर दो और मेरे सेक्रेटरी से कहना , कोई मुझे डिस्टर्ब ना करे.”
बंसल के जाने के बाद ससुर आँचल को देखकर मुस्कुराया.
“बहुत दिन हो गये तुम्हें देखे. बहुत सुंदर लग रही हो.”
फिर ससुर आँचल का हाथ पकड़कर उसी सोफे पर बैठ गया जहाँ थोड़ी देर पहले बंसल ने आँचल को नंगा किया था. सोफे पर बैठकर ससुर ने आँचल को अपने पास बैठा लिया और उसके कंधे पर अपनी बाँह रख दी. फिर वो आँचल की खूबसूरती की तारीफ करने लगा और आँचल के गालों को सहलाते हुए कहने लगा की ख़ान से लोन निकलवाकर तुमने बहुत अच्छा काम किया.
आँचल ससुर की बाँहों में घबराहट और उत्तेजना से काँपने लगी. उसकी चुदाई अधूरी रह जाने से ओर्गास्म निकल नही पाया था. ससुर के बदन को सहलाने से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. वो चुदकर अपने ओर्गास्म को बाहर निकालने को तड़प रही थी.
ससुर उसके गालों को सहलाकर उसकी तारीफ करता रहा. आँचल के बदन को काँपते देखकर वो बोला,”डरो नही मेरी जान. मैं तुम्हें बहुत कुछ सिखाऊंगा. कैसे मज़ा मिलता है और कैसे मज़ा देते हैं. डरती क्यूँ हो, आज की रात तुम्हारी अब तक की सबसे रंगीन रात होगी.”
फिर ससुर ने आँचल के होठों पर चुंबन ले लिया.
“ओह्ह …ससुरजी…” आँचल सिसकी.
ससुर आँचल के रसीले होंठो को चूसने लगा. आँचल ने अपने होंठ अलग कर दिए और ससुर की जीभ को अपने मुँह के अंदर आने दिया , आँचल के मुँह की मिठास पाकर ससुर खुश हो गया. आँचल ने अपने को पूरी तरह से ससुर के हवाले कर दिया. उत्तेजना से उसकी चूत से रस बहने लगा. आँचल ने अपने ससुर को लंबे समय तक टीज़ किया था , वो जानती थी उसका ससुर उसको चोदने का कोई मौका नही छोड़ेगा.
ससुर आँचल को चूमता रहा. आँचल आँखे बंद किए ससुर की बाँहो में सिसकते रही. ससुर का लंड पैंट में खड़ा हो गया था. उसने आँचल के होठों से अपने होंठ हटा लिए और बोला,” देखो मेरा लंड कितना तड़प रहा है , तुम्हारी चूत में जाने के लिए.”
आँचल ने ससुर के पैंट में बने हुए तंबू को देखा. वो वासना से तड़प उठी.
सेक्सी आँचल को खुले हुए कंपकंपाते होठों से अपने लंड के उभार को देखते हुए पाकर ससुर सुध बुध खो बैठा. उसने आँचल को घर में रात भर आराम से चोदने का प्लान बनाया था. पर आँचल को उत्तेजना से काँपते हुए चुदने को तैयार देखकर वो कंट्रोल खो बैठा. उसने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.
आँचल ने देखा ससुरजी का लंड बहुत बड़ा और मोटा है. लाल रंग का मोटा सुपाड़ा था. आँचल ने लंड को हाथ से पकड़ लिया और सुपाड़े को चाट लिया.
“ओह….” आँचल की जीभ का स्पर्श अपने सुपाड़े पर लगते ही ससुर सिसका.
आँचल सुपाड़े को चाटने लगी और गोलियों को हाथ से सहलाने लगी. मादक आँचल को अपने लंड को चाटते देखकर ससुर सिसकारियाँ लेने लगा. अपनी बहू से लंड चुसवाने की उसकी बहुत इच्छा थी . वो काबू नही कर पाया और उसकी गोलियाँ टाइट होने लगी. फिर उसने आँचल के बाल पकड़ लिए और उसके होठों में वीर्य की धार छोड़ दी.
आँचल ने अपने होठों पर जीभ फिराकर ससुर का वीर्य चखा. वो ससुर के इतनी जल्दी झड़ने से हैरान थी. अभी तो उसने लंड को मुँह में भी नही लिया था और ये झड़ गया. जैसा बेटा वैसा बाप , वो सोचने लगी. उसका ओर्गास्म अभी निकल नही पाया था.
ससुर ने देखा आँचल अपने होठों से उसका वीर्य चाट रही है और उसके मुरझाए हुए लंड को मुँह में लेने की कोशिश कर रही है. बहू बहुत उत्तेजना में है. ससुर भी आँचल की उत्तेजना देखकर फिर से उत्तेजित होने लगा.
अपने मुँह में ससुर के मुरझाए हुए लंड को फिर से बढ़ते देखकर आँचल को हैरानी हुई क्यूंकी उसके पति सुनील का एक बार झड़कर फिर खड़ा नही होता था . वो लंड चूसकर और बड़ा करने लगी. ससुर का लंड तनकर फिर से बहुत बड़ा हो गया. आँचल बहुत खुश हो गयी. ससुर में अभी बहुत जान है. बेटे का जैसा बुद्धू नही है.
तभी किसी ने दरवाजा नॉक कर दिया. ससुर जल्दी से खड़ा होकर , झुंझलाते हुए बोला,” कौन है ? मैंने कहा था ना की डिस्टर्ब मत करना.”
बाहर से उसका सेक्रेटरी बोला,”सर, एक क्रेडिटर आया है, आपसे अर्जेंट्ली मिलना चाहता है.”
ससुर बोला,” ठीक है , 10 मिनिट बाद भेज दो उसको.”
फिर आँचल को देखकर मजबूरी जताने लगा,” ओह्ह मेरी जान, थोड़ा सबर करो. आज रात को पूरा मज़ा दूँगा.”
फिर उसने आँचल के चेहरे पर लगा वीर्य टॉवल से पोंछ दिया और उसके कपड़े ठीक करने में मदद करने लगा. आँचल की प्यास एक बार फिर अधूरी रह गयी.
जब क्रेडिटर अंदर आया तो आँचल ने देखा की ये वही आदमी ने जिसने पहले दिन मीटिंग में अपने पैसों के लिए , बंसल के सामने उसे डांट पिला दी थी और बहुत खरी खोटी सुना दी थी, जिससे आँचल की आँखों में आँसू आ गये थे. आज वही आदमी उसके ससुर के सामने भीगी बिल्ली बना बैठा था और यस सर, यस सर …… कर रहा था. ससुरजी की पावर से आँचल इंप्रेस हो गयी. ये आदमी मेरे सामने शेर बन रहा था आज चूहा बन गया है. आँचल सोचने लगी , ससुरजी के सामने बंसल भी चूहा बन जाता है. ससुरजी सुनील के जैसे नही है जो सभी मायनो में चूहा है. छोटा लंड है, एक बार झड़ के फिर खड़ा नही होता. इतनी खूबसूरत बीवी होकर भी उसकी चुदाई की इच्छा ही नही होती है.
अपने ससुर की पावरफुल पर्सनॅलिटी को बाहर के लोगो के सामने आँचल ने आज देखा. वाह… ससुर जी के सामने तो सब चूहे बन जाते हैं. आँचल ने एक्साइटेड फील किया. अंजाने में वो साड़ी के अंदर एक पैर के ऊपर रखे हुए दूसरे पैर को हिलाने लगी, जिससे उसकी तनी हुई क्लिट रगड़ खाने लगी. आँचल सामने बैठी अपने ससुर को देख रही थी , और ससुर के साथ चुदाई की कल्पना करते हुए, अपनी ऊपर वाली टांग हिलाते रही और क्लिट रगड़कर मूठ मारती रही. वो इतनी उत्तेजित थी की उन दोनो आदमियों के सामने ही कुछ ही देर में उसको रुका हुआ ओर्गास्म आ गया और गर्मी बाहर निकलने से उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया. अपने होठों को दांतो से काटकर उसने सिसकारी निकलने से रोका. उसकी आँखे मदहोशी में डूबी हुई थी. उन दोनो आदमियों को पता ही नही चला की उनके सामने बैठे बैठे टाँगे रगड़कर आँचल को ओर्गास्म आ गया है.
अपने पैसे वापस मिलने की बात से संतुष्ट होकर जब क्रेडिटर गया तब तक 2 pm हो चुका था.
आँचल अपने ससुर के साथ कार चलाकर अपने मायके से सामान लाने चली गयी. आँचल का ससुर रास्ते भर उसके गालों, उसके कंधों को सहलाता रहा. आँचल कार चलाने पर ध्यान दे रही थी, पर ससुर का स्पर्श उसे उत्तेजित कर दे रहा था.
जब वो दोनो आँचल के मायके पहुँचे तो वहाँ लंच टेबल पर मेहमान आए हुए थे. आँचल ने देखा उसकी कज़िन रिया अपने मम्मी पापा के साथ आई हुई है. रिया ने आँचल को देखते ही खुश होकर उसे अपने आलिंगन में भर लिया और दोनो ने एक दूसरे के गालों को चूमकर विश किया.
मिस्टर जोशी को आँचल के मम्मी पापा ने रिया के मम्मी पापा से मिलवाया. और रिया को आँचल अपने बेडरूम में ले गयी.
रिया ने आँचल को बताया की उसकी शादी तय हो गयी है और वो शादी के लिए शॉपिंग करने देल्ही आई है. आँचल ने जब उसकी शादी की खबर सुनी तो रिया को बाँहों में भर लिया और उसके दोनो गालों को चूमकर पप्पी दे दी. रिया आँचल से एक साल छोटी थी और अपने मम्मी पापा के साथ चंडीगढ़ में रहती थी. एक ही औलाद होने से वो अपने मम्मी पापा के खूब मुँह लगी थी. आँचल से उसकी खूब बनती थी.
जब रिया को पता चला की उसके जीजाजी सुनील बाहर गये हैं तो उसने आँचल से कहा की मैं तुम्हारे ही साथ रहूंगी और तुम मुझे देल्ही में शॉपिंग करवा देना.
आँचल रिया की बात से खुश हो गयी की वो 2 दिन उसके साथ रहेगी. हम दोनो खूब जमकर शॉपिंग करेंगे. आँचल ने खुशी खुशी अपना सामान पैक किया और दोनो लंच के लिए टेबल पर आ गयी.
लंच करते वक़्त रिया ने अपनी मम्मी से कहा की आप लोग यहाँ रुक रहे हो , लेकिन मैं आँचल के घर जा रही हूँ और वहीं रहूंगी. वो मुझे शॉपिंग करवा देगी. रिया की कोई बात उसके मम्मी पापा टालते नही थे , वो तुरंत राज़ी हो गये.
आँचल के साथ रिया के रहने की बात सुनकर ससुर का मुँह एकदम से लटक गया, बहू को चोदने का ये सुनहरा मौंका भी गया हाथ से. लेकिन वो क्या कर सकता था. चुपचाप लंच करते रहा. उसने एक नज़र आँचल की ओर डाली. आँचल ने ससुर का लटका हुआ चेहरा देखा. वो समझ गयी ससुर उसको चोदने का मौका निकल जाने से निराश हो गये है. उसने ससुर को टीज़ करने के लिए उसकी तरफ देखकर बड़ी सी मुस्कान बिखेर दी………साली मादक आँचल.
शाम को आँचल अपने ससुर और रिया के साथ अपनी ससुराल आई. वहाँ पहुँचकर उसने देखा की उसकी सास भी आ गयी है. सास अब बेड पर अपने रूम में ही पड़ी रहती थी. बीमारी की वजह से वो ज़्यादा चलने फिरने में सक्षम नही थी. आँचल ने देखा की उसकी सास ने एक बड़ी उमर के आदमी को कुक रखा हुआ है और अपने रोज़ के काम में सहायता के लिए और अपनी देखभाल के लिए एक नौकरानी रखी हुई है. नौकरानी जिसका नाम सुनीता था, एक जवान लड़की थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां थी.
आँचल के बेडरूम में आने के बाद रिया मुस्कुराते हुए बोली,” आँचल डार्लिंग, ध्यान रखना. ये तुम्हारी नौकरानी सुनीता तो बहुत सेक्सी लग रही है. उस पर नज़र रखना कहीं जीजाजी को फंसा ना ले.”
फिर थोड़ा सीरीयस होकर बोली,” घर में ऐसी सेक्सी नौकरानी नही रखनी चाहिए. यू नो , ये लड़कियाँ थोड़े बहुत पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं , घर के मर्दों को फंसा सकती हैं.”
आँचल मन ही मन हँसी , तेरे जीजाजी का जब लंड खड़ा होगा तभी तो कोई लड़की उसे फँसायेगी.
वो बोली,” अरे यार रिया, नौकरानी को छोड़ो. अपनी सगाई और अपने मंगेतर के बारे में मुझे डिटेल में बता.”
“मेरा मंगेतर डॉक्टर है. रवि नाम है उसका. बहुत हैंडसम है यार. लंबा चौड़ा है. तू देखेगी ना उसको , तो तू भी उस पर मर मिटेगी. इतना खूबसूरत है वो.” रिया गर्व से बोली.
रिया को खुश देखकर आँचल ने भी खुशी महसूस की. और उसे बधाई दी की तुझे इतना हैंडसम पति मिलने वाला है.
आँचल सोचने लगी की जब मेरी शादी हुई थी तब तो रिया वर्जिन थी लेकिन अब मालूम नही. उसने पूछा,”क्या रिया, तुमने रवि के साथ कुछ किया तो नही है अभी तक ?”
रिया बिना शरमाये बोली,” आँचल डार्लिंग, वो इतना खूबसूरत है की मैं तो उसे रोक ही नही सकी.”
फिर रिया डिटेल में बताने लगी की कैसे सगाई के अगले ही दिन रवि ने अपने दोस्त के घर में उसे सिड्यूस कर लिया था और फिर दोस्त के बेडरूम में उसे चोदा था. रिया ने ये भी डिटेल में बताया की रवि ने उस रात जमकर उसकी चुदाई की थी.
रिया बिंदास होकर अपने कौमार्यभंग होने का किस्सा सुनाती रही, आँचल भी उसकी बातों से गरम हो गयी.
रिया उत्तेजित होते हुए बोली,” मुझे इतना मज़ा आया ना आँचल, की मुझे तो लत ही लग गयी . अब जब भी हम मिलते हैं तो चुदाई कर लेते हैं. मुझसे तो शादी का भी इंतज़ार नही हो रहा, जल्दी से शादी हो तो फिर हम जब चाहे और जितना चाहे चुदाई कर सकते हैं. सच में, बहुत मज़ा आता है.”
फिर उसने अपनी बात जारी रखी,” मैं देल्ही आने से पहले तीन दिन से रवि से नही मिल पाई और अब दो दिन यहाँ रुकना है. गॉड, उसके बिना तो मैं रह ही नही पाती हूँ.”
आँचल रिया की बिंदास बातों से शरमा गयी. ये रिया तो बहुत ही बोल्ड हो गयी है. शादी से पहले ही खुल्लमखुल्ला चुदाई कर रही है.
रिया बोली,” अरे यार तू बता, तुझे जीजाजी के साथ कैसे मज़ा आता है. तू तो बहुत तड़प रही होगी, वो इतने दिन से बाहर जो गये हुए हैं.”
फिर हंसने लगी,” जीजाजी को सोचकर तू मूठ मार रही होगी , है ना बेचारी आँचल.”
आँचल मुस्कुरा कर रह गयी. रिया उसके बहुत क्लोज़ थी फिर भी उसने अपनी दुख भरी कहानी रिया को नही बताई की सुनील तो शुरू होने तक झड़ जाता है. शायद वो सुनील की बेइज़्ज़ती नही करना चाहती थी. ये राज़ , ये दुःख उसने अपने सीने में ही दबाये रखा किसी को नही बताया. रिया को भी नही जो उसकी पक्की सहेली थी.
कुछ देर आँचल के बेडरूम में आराम करने के बाद वो दोनो शॉपिंग के लिए चली गयी. रिया ने जमकर शॉपिंग की. घर लौटने में उन्हे बहुत देर हो गयी.
उधर ससुर का मूड ऑफ हो गया था जिस रात को वो आँचल के साथ रंगीन बनाने की सोच रहा था , वो रात उसे अकेले काटनी पड़ रही थी. आँचल तो मिली नही अब उसने अपना ध्यान नौकरानी सुनीता की तरफ लगाया.