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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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UPDATE 25



एक छोटे से Mini Flashback के साथ इस कहानी में हमारे नए हीरो आरव और उसकी माँ (Aarav or Pari) की कहानी यहां से शुरू होती है जिसे आप सब ने ayush01111 भाई की कहानी JUNG Pyar Ke Leye Nafrat Se में पढ़ा था....


जैसा कि आप सब जानते है आरव (Aarav) एक स्टूडेंट है जो स्कूल में पढ़ता है उसके पिता तेज प्रताप सिंह (Tej Pratap Singh) जो कि एक ईमानदार और काबिल पुलिस ऑफिसर है जो ईमानदारी से अपना काम करते है और आरव की मा परी (Pari) जो हाउसवाइफ के साथ एक बिजनेस वूमेन है जो बिजनेस करती है अपने दोस्त रवि मेहता (Ravi Mehta) साथ पार्टनर शिप में साथ में पारी और रवि मेहता एक और भी दोस्त है कॉलेज के वक्त से जिसका नाम है सोनल तलवार (Sonal Talvaar) जो कि एक वकील है , बाकी के कैरेक्टर्स की डिटेल आपको इंट्रोडक्शन (INTRODUCTION) में मिलेगी....


खेर जैसा आप सब ने ayush01111 भाई की कहानी में पढ़ा था आरव एक स्कूल का स्टूडेंट है जो कि पढ़ाई में बहुत होशियार है साथ में एक लड़की पीहू (Pihu) इससे वो बेहद प्यार करता है साथ में आरव ने पीहू से अपने प्यार का इजहार भी किया और फिर अपने बोर्ड के आखिरी एग्जाम देने के बाद अपने दोस्तो के साथ मूवी देखने का प्लान था लेकिन मूवी देखने ना जाके आरव अपने घर आ गया जहां उसे लगा घर में कोई चोर आ गया है जिस वजह से आरव अपनी पिता की पिस्टल लेके कमरे में जाता है लेकिन उसने देखा उसकी मां पारी अपने बिजनेस पार्टनर रवि मेहता के साथ कमरें में दिखी जिसके बाद आरव को उन दोनों की बातों से पता चला उसकी मां का अफेयर पिछले दो सालों से चल रहा है रवि मेहता के साथ फिर बिना कुछ बोले गुस्से में अपने घर से निकल जाता है और रस्ते में एक मन्दिर में उसे एक बाबा मिलते है जो उसे समझते है तब आरव वह से निकलने लगता है तब रस्ते में एक बच्चे की मदद करता है जहा कुछ गुंडे मिल के उस बच्चे की मां और बेटी की इज्जत लूटने में लगे थे उनकी , आरव गुस्से की आग में घर से निकला था उस आग का शिकार वो गुंडे हो जाते है जिसका मतलब आरव उनकी हड्डीया तोड़ देता है लेकिन इस बीच आरव घायल हो जाता है तभी उस इलाके का SSP वहां आ जाता है और आरव को अस्पताल में भर्ती करवा देता है जिसके बाद आरव के पिता तेज प्रताप और पारी को खबर मिलती है जिसके बाद दोनों अस्पताल आते है जहां आरव का ऑपरेशन चलता है , ऑपरेशन होने के बाद डॉक्टर बताता है कि आरव को चौबीस घंटे में होश आएगा....


(नोट – बाकी आगे जिसके बाद आरव को होश आता है तब अपने बहन आकृति से मिलता है उसे सब बताता है साथ में अपने घर आने के बाद तेज प्रताप को किसी काम से बाहर जाना पड़ता है उस दिन परी के घर में आरव को नींद की गोली देके रावी मेहता के साथ रात में सेक्स करती है इस बात से अंजान की उसका बेटा आरव योग करना भी जनता है जिसकी वजह से आरव सोते हुए भी अपनी मां को रवि के साथ सेक्स करता देख लेता है नींद में , उस दिन से आरव की नजर में पारी एक तरह से गिर चुकी होती है लेकिन आरव चुप नहीं बैठता है वो पहले सोनल तलवार की जिंदगी बर्बाद करने में लग जाता है साथ में रावी मेहता की भी लेकिन इस बीच तेज प्रताप की मौत हो जाती है एक मिशन के दौरान और तब आरव के अंदर जाग जाता है उसका भाई डेविल (DEVIL) जिसका गुस्सा बहुत खतरनाक होता है वो किसी के रुके नहीं रुकता है अपने बाप की मौत का बदला लेने लगता है हर किसी को मार कर ताकि अपने बाप के असली कातिल तक पहुंच सके साथ में अपनी मां पारी को भी रोकने की कोशिश करता है ताकि उसकी मां ये सब छोड़ सही रस्ते में आ जाए लेकिन ना पारी रुकती है और न आरव नतीजा परी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का सोच लेती है रवि मेहता से शादी करने के लिए जिसे आरव समझाने और रोकने की कोशिश करता है लेकिन परी नहीं मानती और फिर आरव रवि मेहता को नामर्द बना देता है जिसका पता परी को नहीं चलता है और फिर आरव याने कि डेविल इस बीच जाने कितनो को मार चुका होता है जो उसके बाप के कत्ल में शामिल थे लेकिन असली मुजरिम अभी भी बचा होता है जिसका पता आरव को चल जाता है जो कोई और नहीं रवि मेहता होता है लेकिन तब तक परी की शादी हो जाती है रवि मेहता से , साथ ही आरव के हाथों कई कत्ल होने के बाद आरव को मजबूरन इंडिया से बाहर जाना पड़ता है क्योंकि अब आरव की जान के दुश्मन काफी बन गए थे जिसके बाद अगले दस साल के बाद आरव इंडिया वापस आता है बीते दस सालों में परी ने कई बार कोशिश की आरव से बात करने की लेकिन आरव ने बात नहीं की उल्टा इंडिया आते ही आरव ने रवि मेहता की सारी सच्चाई खोल के रख दी परी के सामने जिसके बाद रवि मेहता तो मारा गया साथ में आरव ने परी से जैसे पूरी तरह से मू मोड़ लिया था नतीजा आरव अपनी मां को अकेला छोड़ निकल गया अपने प्यार के पास जहां अगले कुछ दिन में उसकी शादी हो गई पीहू से और शादी के बाद आरव और पीहू निकल गए अपने हनीमून के लिए शहर से बाहर लेकिन बीच रस्ते में ही आरव की कार का एक्सीडेंट हो गया जिसके बाद मीडिया में न्यूज आ गई जिसमें आरव और पीहू की मौत की खबर मिली परी को जिसे सुनने के बाद परी निकल गई मंदिर की तरफ जहां उसे एक बाबा मिला था कई साल पहले)....


(उस मंदिर में आते ही आरव के लिए गुहार लगाने लगी भगवान के सामने और तभी परी के सामने बाबा आया जिसमें परी को बताया कि ये उसके और आरव का दूसरा जन्म है (पिछले जन्म में आरव और परी भाई बहन थे , उस जन्म में दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे लेकिन कुछ ऐसी घटना घाटी जिस वजह से दोनों को श्राप मिला जिसके बाद दोनों ने दोबारा जन्म लिया – इस कहानी के बारे में आगे पता चलेगा)....


खेर उस बाबा ने परी को एक मौका और दिया ताकि वो अपने और आरव के बीच जो हुआ उसे सही कर सके जिसके बाद बाबा ने परी को उस वक्त में पहुंच दिया जब आरव ने पहली बार परी और रवि मेहता को एक साथ देखा था उस दिन एक्सिडेंट के बाद आरव हॉस्पिटल में था उसी रात परी की नींद खुली जहां उसने देखा आरव हॉस्पिटल के बेड में सोया हुआ है उसे देख परी के मन में बाबा की आवाज आई जिसमें बाबा ने कहा जा बदल सकती है तो बदल ले अपनी किस्मत को).....



अब आगे क्या होता है कैसे परी सही करती है अपने और आरव के रिश्ते को देखते है....


सुबह सुबह आरव की नींद खुलती है तो वो देखता है उसकी मां परी बेड के बगल में उसका हाथ पकड़े लेटी हुईं है जिसे देख आरव हल्का मुस्कुरा के लेटा रहता है लेकिन इस बीच आरव के हिलने से परी की नींद टूट जाती है आंख खुलते ही परी तुरंत सिर उठा के आरव को देखती है और तब आरव और परी की नजर मिलती है तब....


परी – (हल्का मुस्कुरा के) उठ गया तू अब कैसा लग रहा है तुझे....


आरव – अब कुछ बेहतर महसूस हो रहा है मॉम....


आरव के मू से मॉम सुन उसे ऐसा लगता है जैसे कई सालों के बाद आरव ने उसे मॉम बोला हो जिस वजह से परी की आंख से आंसू आ जाते है तब....


आरव – क्या बात है मॉम आपकी आंख में आंसू किस लिए....


परी – (मुस्कुरा के आरव की सिर पे हाथ फेर) कुछ नहीं आरु , तुझे होश में देख खुशी से आंसू आ गए खेर मै डॉक्टर को बुलाती हूं....


बोल के परी तुरंत कमरे में लगे स्विच को दबाती है जो हॉस्पिटल के हर कमरों में लगी होती है इमरजेंसी के लिए जिससे डॉक्टर को पता चल जाता है किस रूम में बुलाया जा रहा है खेर कुछ देर में डॉक्टर आ गए आते ही आरव का चेकअप किया जिसके बाद उसे आराम करने का बोल के चले गए तब तक परी बैठी रही आरव के साथ बाते करती रही कुछ देर में पीहू आ गई साथ में अर्चना भी जिसे देख तुरंत गले लग गई दोनों के तब....


अर्चना – (थोड़ा हैरानी से) क्या हुआ परी....


परी – (मुस्कुरा के) कुछ नहीं यार बस ऐसे लगा जैसे बरसों बाद मिली हूँ तेरे से....


अर्चना – (मुस्कुरा के) तू भी न बिल्कुल बच्ची बन जाती है कभी कभी....


परी – (पीहू से) कैसी है तु पीहू....


पीहू – अच्छी हूँ मै मां बिल्कुल फिट....


अब भला अर्चना और पीहू क्या जाने की परी उनसे इस तरह क्यों मिल रही है ये बात तो परी जानती है और रीडर्स 😉 खेर आगे बढ़ते है....


परी – (अर्चना और पीहू से) आरु को होश आ गया है डॉक्टर ने चेक अप करके उसे दवा दी है थोड़ी देर में उठ जाएगा आरु....


अर्चना – ये तो बहुत अच्छी बात है परी (आरव को देख के) इस बदमाश ने तो जान निकाल दी थी हमारी तो...


अर्चना की बात से दोनों मुस्कराने लगते है....


परी – मै तेज को फोन करके बुलाती हूँ उसे अभी तक पता नहीं आरु के लिए....


बोल के परी फोन पर तेज से बात करने लगती है कुछ देर बाद...


परी – तेज आ रहा है थोड़ी देर में....


अर्चना – अच्छी बात है चल अब तू फ्रेश होजा तब तक चाय लेके आती हूं सबके लिए (पीहू से) तू यही रुक मै आती हु.....


बोल के अर्चना निकल जाती है और परी बाथरूम चली जाती है जबकि हॉस्पिटल से कुछ दूर दो आदमी आपस में बात करते है ये आदमी और कोई नहीं मोहन था जिसके भाई को आरव ने मार मार के हॉस्पिटल पहुंचा दिया था इस बात के चलते मोहन गुस्से में अपने आदमी से बात करता है....


आदमी – (मोहन से) भाई उस SSP ने पूरे हॉस्पिटल को जैसे पुलिस का हेड क्वार्टर बना दिया है हॉस्पिटल के हर गेट में मशीन गन लेके तैयार बैठे है पुलिस वाले और छत में भी....


मोहन – (मुस्कुरा के) ये डर होना चाहिए पुलिस को , वो अच्छा से जानते है ये बात की उस लड़के ने किसपर हाथ डाला है....


आदमी – भाई आरव पुलिस वाले का बेटा है और हमारे उसूल कहते है कि पुलिस और उसकी फैमिली में हाथ नहीं डालते है....


मोहन – मुझे कोई मतलब नहीं इस बात से , सबसे पहले उस लौंडे ने मेरे भाई पर हाथ डाला था....


आदमी – लेकिन भाई आपका भाई है तो हमारी बिरादरी का ही ना....


मोहन – अब तू मुझे बताएगा हमारे बिरादरी के उसूल के बारे में...


इससे पहले मोहन कुछ बोलता उसका फोन बजने लगा जिसे देख के....


मोहन – हेलो सलाम भाई....


इल्यासी – मोहन कहा है तू....


मोहन – भाई मै मुंबई में हूँ....


इल्यासी – वाह बेटा वहा तुझे SSP और तेज पागल कुत्ते की तरह ढूंढ रहे है और तू अभी तक वही पर है....


मोहन – भाई बस इस आरव को ठिकाने लगा दूं उसके बाद मै आपके पास आता हु....


इल्यासी – तेरा दिमाग तो खराब नहीं हो गया , पुलिस की फैमिली पर हाथ डालेगा जनता है इसका क्या नतीजा होगा....


मोहन – लेकिन भाई उस आरव ने मेरे भाई को हॉस्पिटल पहुंचा दिया में उसका बदला भी ना लूं....


इल्यासी – मेरी बात ध्यान से सुन ले तेरे पास सिर्फ बारह घंटे है उसके बाद तू मुझे यहां दुबई में चाहिए वर्ना समझ लेना....


बोल के इल्यासी फोन ने काट दिया जिसके बाद उसने किसी को फोन मिलाया....


इल्यासी – (फोन पर) तेज सींग मैंने तेरा एहसान चुका दिया है सिर्फ बारह घंटे है उसके पास फिर वो मुंबई छोड़ देगा....


तेज – याद रहे अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो तुझे और तेरे गैंग का नामो निशान मिट दूंगा मै दुनिया से....


इल्यासी – तेज सींग तेरा एहसान था मेरे ऊपर उसे मैने आज उतार दिया है और अब से ना तू मुझे जनता है और ना में तुझे....


बोल के इल्यासी फोन काट देता है जिसके बाद इल्यासी कुछ सोचने लगता है तब....


इल्यासी – (अपने एक आदमी से) चौबीस घंटे है तेरे पास अगले चौबीस घंटे में मुझे तेज सींग के बेटे आरव की पूरी जन्म कुंडली चाहिए और याद रहे छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी उसकी सारी बाते मुझे जाननी है.....


जिसके बाद आदमी निकल गया वहां से उसके जाने के बाद....


इल्यासी – (अपने आप से) आखिर ये लौंडा है क्या चीज....


इधर फोन कटने के बाद....


SSP – (तेज से) इल्यासी था फोन पर....


तेज – हम्ममम , बारह घंटे बाद मोहन मुंबई छोड़ देगा....


तेज और SSP दोनों मिल के आपस में बात कर रहे होते है तभी वहां कमिश्नर आता है आते ही तेज और SSP दोनों उसे सेल्यूट करते है तब....


कमिश्नर – (तेज से) आरव तुम्हारा बेटा है तो मेरा भी पोता है वो , तुम्हे फिक्र करने की जरूरत नहीं तेज मैं सब संभाल लूंगा (SSP से) क्या रिपोर्ट है....


SSP – Everything is fine sir हॉस्पिटल के अन्दर आने के लिए हर किसी को सिक्योरिटी से होके ही आने दिया जा रहा है....


कमिश्नर – मेरा वो मतलब नहीं है , मै ये बात तो जनता हूँ मोहन के भाई का किया धारा है ये सब मुझे मुझे मोहन के बारे में बताओ क्या पता चला....


SSP – मोहन अगले बारह घंटे में मुंबई छोड़ देगा ऐसी खबर मिली है....


कमिश्नर – हम्ममम बारह घंटे में छोड़ेगा वो मुंबई , इसका मतलब अगले बारह घंटे में मोहन जरूर हमला करेगा आरव पर....


SSP – सर क्यों न हम आरव को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करदे....


तेज – नहीं सर जितना मै जानता हु मोहन को उसे हमारी चाल के बारे में पता चलते ही वो जरूर कोई कदम उठाएंगा, ऐसे में हम एक जान के खातिर हॉस्पिटल में कई लोगों की जान को खतरे में नहीं डाल सकते है....


SSP – तो तुम क्या अपने बेटे को चारा बना के मोहन का शिकार करना चाहते हो....


कमिश्नर – जरा सम्भल के तेज अगर परी को पता चल गया तो हमारी कब्र बना देगी हॉस्पिटल के अन्दर....


बोल के तीनों हंसने लगे तभी एक हवलदार दौड़ते हुए उनके पास आया आते ही....


हवलदार – सर गजब हो गया किसी ने आरव पर हमला किया है....


आरव पर हमले की बात सुन तीनों तेजी से आरव के कमरे में दौड़ के चले गए कमरे में आते ही देखते है आरव एक तरफ सोफे में बैठा है दीवार पर अपना सिर लगाए उसके बगल में पीहू खड़ी थी जबकि बेड में डॉक्टर की पोषक में एक आदमी आधा बेड में और आधा जमीन में था और दूसरा आदमी वार्ड बॉय की ड्रेस में जमीन में पड़ा दर्द से कर्राहा था जिसे देख के....


SSP – (आरव से) यहां पर क्या हुआ आरव....


आरव – कुछ नहीं अंकल किसी के चिल्लाने की आवाज से मेरी आंख खुली देखा एक आदमी ने पीहू पर गन तान रखी है और दूसरे के हाथ से खून बह रहा है तभी मैने तुरंत फ्रूट बॉक्स फेक के मारा उसे और फिर उस आदमी को उठा के पटक दिया जिससे उसकी हड्डी टूट गई....


आरव की कही बात पर सब उसे घूरने लगे तभी....


तेज – (पीहू से) बेटी यहां क्या हुआ था....


पीहू – वो पापा जी मम्मी वॉशरूम गई थी और चाची चाय लेने और मैं यहां थी तभी ये दोनों आए बोलने लगे ड्रिप बदलनी है तभी मैं आदमी को देखा जिसने वार्ड बॉय के कपड़े पहने है लेकिन जब मैंने उसके पैर में जूते कि जगह चप्पल को देखा मुझे लगा कुछ गड़बड़ है तब मैं मदद के लिए बाहर देखने लगी थी और तभी वार्ड बॉय वाले आदमी ने मेरे सिर पर बंदूक तान दी तब मैंने पास पड़े फ्रूट बॉक्स से चाकू से उसके हाथ की नस काट दी जिससे वो आदमी चिल्लाने लगा उसे देख दूसरे आदमी ने गन निकाल के मेरे ऊपर तानी थी , उसके बाद जैसा आरु ने बताया आपको....


पीहू की बात सुन कमिश्नर ने पहले तेज को देखा फिर पीहू को फिर आरव को देखा जिसके बाद SSP को देख के....


कमिश्नर – (SSP से) जैसा बाप वैसा बेटा और अब साथ ये पीहू भी , कुछ नहीं हो सकता है इनका यार....


जिसके बाद तेज ने दोनों आदमी के चेहरे से मास्क हटाया जिसे देख दोनों चौक गए क्योंकि ये कोई और नहीं बल्कि मोहन था जिसके बारे में कुछ देर पहले ये लोग आपस में बात कर रहे थे तभी कमिश्नर ने अपने लोगों को बोल के बॉडी हटाने को बोला तभी पीहू ने SSP से पूछा कौन है ये जैसे ही SSP ने बताया कि ये मोहन है जिसके भाई को आरव ने मारा था उसी का बदला लेने आया था ये यहां तभी पीहू के बगल में खड़े एक ऑफिसर की गन निकाल के पीहू ने मोहन के दोनों हाथों पर गोली चला दी और आराम से ऑफिसर को उसकी गन वापस दे दी ये नजारा देख सभी पीहू को देखने लगे तभी....


पीहू – आप सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे है अगर बाहर किसी को ये बात पता चल जाती की आरव ने मारा है मोहन को तो फिर से कोई ना कोई आता आरव पर अटैक करने लेकिन अब जब बाहर मीडिया को पता चलेगा कि क्रॉस फायर में पुलिस के हाथों मोहन मारा गया तो इससे पुलिस का नाम रोशन होगा साथ में अंकल का प्रमोशन हो जाएगा और इनाम भी मिलेगा....


पीहू की बात सुन कर तेज ने पीहू को गले लगा के कहा....


तेज – वाह मेरी बच्ची , मै वादा करता हूँ तुझे IPS OFFICER बनाऊंगा मै....


पीहू – (मुस्कुरा के) जी पापा जी...


SSP – (पीहू से) बेटा आपको गन चलाना आती है....


पीहू – अंकल मै उत्तर प्रदेश से हूँ मेरी सिटी में मेरी उम्र की लड़कियां बम बनाती है...


पीहू की बात सुन SSP चौक गया जिसके बाद...


SSP – (आरव से) आरव बेटा सुन रहे होना अभी भी वक्त है सोच ले बाद में मत कहना बोला नहीं था....


बोल के सब मुस्कुराने लगे साथ में आरव भी मुस्कुरा रहा था लेकिन बोला कुछ नहीं क्योंकि दोनों गुंडों से लड़ने के चक्कर में आरव की सिर में लगे टाके खुल गए थे जिससे उसका खून बहने लगा था जिस वजह से आरव बेहोश हो गया तब तेज ने डॉक्टर को बुलाया जिसने आके आरव की ड्रेसिंग की इस बीच परी आ गई थी आते ही उसने आरव के कमरे के बाहर सभी को खड़ा देखा इससे पहले परी कुछ बोलती पीहू ने उसे सब बता दिया जिसके बाद तेज चुपके से वहां से जाने लगा था तभी....


परी – (तेज से) मुझे कुछ जरूरी बात करनी है....


तेज – (लगने लगा शायद परी फिर से सुनाएगी बाते उसे जो अभी आरव के कमरे में हुआ उसे लेके तब) देखो परी मै अभी.....


परी – (बीच में बात काट के) मै तुम्हारा ज्यादा वक्त नहीं लूंगी बस थोड़ी देर के लिए मेरी बात सुनलो....


परी की इस तरह से कही बात सुन तेज को अजीब लगने लगा था तब....


SSP – (तेज से) जाके परी से बात करो तेज शायद कुछ जरूरी बात करनी हो उसे वैसे भी परिवार पहले है यार....


तेज – हम्ममम (परी के पास आके) बताओ परी क्या बात है....


परी – यहां नहीं अकेले में बात करनी है मुझे (पीहू से) पीहू तुम यही रहना आरव के साथ मै आती हु थोड़ी देर में....


जिसके बाद परी निकल गई अपने साथ तेज को लेके एक कोने में जहां उन दोनों के इलावा दूर तक कोई नहीं था वहां आते ही....


तेज – क्या बात है परी....


परी – आरु के साथ जो कुछ भी हुआ वो मेरी वजह से हुआ है....


तेज – (हैरानी से) क्या मतलब है तुम्हारा....


परी – क्या तुम्हे लगता है इंसान को अपनी जिंदगी में अपनी की हुई गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है....


तेज – ये तो उस इंसान पर निर्भर करता है परी की वो अपनी गलती को सच में सुधारना चाहता हो तो हा मौका उसे जरूर मिलना चाहिए....


परी – मैने बहुत बड़ी गलती की है तेज जिसे जान के शायद तुम और आरु मुझे कभी माफ नहीं कर पाओगे....


तेज – परी ये पहेलियां मत बुझाओ बात क्या है वो बताओ....


परी – तेज तुम्हे याद होगा कुछ साल पहले एक मिशन के दौरान तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया था जिसमें तुमने अपनी...


तेज – (बीच में बात काट के) हा याद है मुझे अच्छे से परी आगे बताओ...


परी – उसके बाद से मै अपने बिजनेस और आरु पर ज्यादा ध्यान देने लगी थी उस बीच एक दिन मै और सोनल लंच कर रहे थे रेस्टोरेंट में तब हमारी मुलाक़ात रवि मेहता से हुई मै , रवि और सोनल शुरू से कॉलेज से अच्छे फ्रेंड्स रहे थे फिर शादी के बाद रवि से मेरी कोई मुलाक़ात नहीं हुई उस दिन काफी साल बाद हम मिले उसके बाद कभी कभी हमारी मुलाक़ात हुई फिर हम बिज़नस पार्टनर बन के बिजनेस करने लगे थे उस बीच हमारी मुलाक़ात बढ़ने लगी और फिर एक दिन हमारे शारीरिक संबंध बन गए उसके बाद रवि ने अपने प्रेम का इजहार किया मुझसे लेकिन उसके बाद भी मै आगे नहीं बढ़ पाई क्योंकि मै आरु को खोना नहीं चाहती थी तेज....


बोल के परी रोने लगी जिसे देख तेज ने उसके आंसू पोछे तब....


परी – (तेज को अपने आंसू पोछते देख तेज का हाथ पकड़ के) मुझे माफ करदो तेज , मै जानती हूँ मेरी गलती माफी के काबिल नहीं है लेकिन मै कसम खा के बोलती हु मै हमारे आरु के बिना नहीं रह सकती , और नाही कभी आरु और तुम्हे धोखा दूंगी....


बोल के रोते हुए तेज के गले लग गई तब....


तेज – (परी के सिर पर हाथ फेरते हुए) मै जानता हूँ परी तुम आरु से बहुत प्यार करती हो और आरु के लिए तुम दुनिया को धोखा दे सकती हो लेकिन आरु को कभी नहीं , लेकिन एक सच तो ये भी है कि मै पहले से सब कुछ जानता था....


तेज की बात सुन परी अलग होके तेज को देखने लगी जिसकी आंख में आंसू थे ये देख....


परी – (तेज के आंख से आंसू पोछते हुए बोली) तुम्हे सब पता था का मतलब....


तेज – एक्सीडेंट के काफी वक्त बाद मैने देखा था तुम काफी खुश रहने लगी थी मुझे लगा शायद तुमने अपने आप को ढाल लिया है लेकिन एक दिन मैने तुम्हे रवि के साथ देखा था होटल में जाते हुए मुझे लगा शायद लंच के लिए आए होगे तब मै मिलने आया था वहां पर तुम दोनों से लेकिन तब मुझे पता चला तुम दोनों रूम में गए हो वहां जाके रूम के बाहर से मुझे जो आवाजें सुनाई दी उसके बाद मै वहां से निकल गया चुप चाप क्योंकि मै जानता था मै तुम्हे जिस्मानी सुख नहीं दे सकता हूँ लेकिन किस मूसे तुम्हे रोकता मेरी कमी के बाद भी तुमने घर और आरव को अच्छे से संभाला लेकिन कभी कुछ नहीं मांगा मुझसे ना कोई शिकायत की लेकिन मेरी तरह तुम भी इंसान हो तुम्हारी भी कुछ जरूरतें है इसीलिए मैं चुप चाप दिल पे पत्थर रख के निकल गया वहां से , बस अपनी ड्यूटी के साथ बिजी रहने लगा और कभी कभी सोचता था कही आरव को सच पता चल गया तो क्या होगा लेकिन तुमने सब मैनेज पहले से करके रखा था तो मैने भी कोई दिलचस्पी नहीं ली इन बातों पर....


परी – (रोते हुए) जब जानते थे तो एक बार तो रोकते मुझे तुम....


तेज – प्यार करता हूँ तुमसे परी , मेरी एक कमी को भी तुमने अपना लिया था बिना किसी शिकायत के , तो क्या मै इतना भी नहीं कर सकता तुम्हारे लिए....


परी – (गले लग के) मुझे माफ कर दो तेज , माफ कर दो मुझे , मै कसम खाती हूँ अपने आरु की , मर जाऊंगी लेकिन धोखा कभी नहीं दूंगी तुम्हे और आरु को....


तेज – (परी को गले लगाए हुएं) परी आज मै सच मूच बहुत खुश हु क्योंकि आज मुझे मेरा प्यार मेरी परी मुझे वापस मिल गई , अब मुझे मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं....


परी – (तेज के मूपे अपना हाथ रख के) प्लीज़ तेज ऐसा मत बोलो मेरी उमर लग जाए तुम्हे....


तेज – (मुस्कुरा के) अरे नहीं पगली ऐसा मत बोल मैने तो ऐसे ही बोल दिया था , खेर एक बात बताओ तुमने कहा आरव के साथ जो हुआ वो तुम्हारे वजह से हुआ है इसका क्या मतलब था....


परी – जिस दिन आरु का एक्सीडेंट हुआ था उस दिन आरु एग्जाम के बाद सीधे घर में आया था और उस वक्त रवि घर में था मेरे साथ और आरु ने सब कुछ देख सुन लिया....


तेज – हम्ममम तो ये है वो वजह जिसके कारण आरव का BP घट बढ़ रहा था....


परी – हा तेज मै अब सब कुछ सही करना चाहती हूँ , मै किसी को खोना नहीं चाहती....


तेज – ऐसा कुछ नहीं होगा परी मै बात करूंगा आरव से....


परी – नहीं नहीं तुम बात मत करना वर्ना वो क्या सोचेगा....


तेज – लेकिन परी बात तो करनी पड़ेगी ना किसी को....


परी – मै बात करूंगी आरु से , मै नहीं चाहती उसे ये लगे कि तुम्हे सब पता है....


तेज – ठीक है परी अगर तुम्हे लगता है ये रास्ता सही है तो मै तुम्हारे साथ हूँ....


परी – मेरी एक बात मानोगे तुम....


तेज – बोलो क्या बात है परी....


परी – मै रवि के साथ पार्टनर शिप खत्म कर दूंगी और तुम भी पुलिस की नौकरी छोड़ दो हम दोनों मिलके अपना बिजनेस कर लेगे एक साथ....


तेज – (मुस्कुरा के) परी मै जानता हूँ की मेरी परी ने एक बार जो सोच लिया तो वो करके दिखाती है इसीलिए तुम अपना बिजनेस बेफिक्र होके करती रहो रवि के साथ पार्टनर शिप में और रही मेरी पुलिस की नौकरी की बात तो मै बता दूं आरव के १८ वे जन्मदिन के बाद मै रिटायरमेंट ले लूंगा उसके बाद अपना पूरा वक्त सिर्फ फैमिली के साथ बिताऊंगा और रही बिजनेस की बात , यार अभी कुछ नहीं कह सकता मै उसके लिए बस तुम आराम से अपना काम करती रहो और एक बात परी , तुम ये मत सोचो कि मुझे तुम पर भरोसा नहीं है , अपने आप से ज़्यादा भरोसा करता हूँ मै तुम पर....


परी – ठीक है मत करो बिजनेस तुम वो मै देख लूंगी , बस अब तुम खाओ मेरी कसम की आरव के १८ वे जन्म दिन के बाद तुम पुलिस से रिटायरमेंट ले लोगे....


तेज – हा बाबा कसम खा के बोलता हु अब खुश होना तुम....


परी – हा बहुत खुश....


तेज – हम्ममम चलो ठीक है वैसे भी आज मेरे लिए बहुत बड़ी खुशी का दिन है आज मुझे मेरी परी जो वापस मिल गई , बस तुम अब आरव से बात कर के जल्दी से इस किस्से को खत्म कर दो....


परी – हम्ममम मै करती हूँ बात....


बोल के तेज खुश होते हुए निकल जाता है SSP के साथ तेज को खुश होते जाता देख....


परी – (अपने मन में – मुझे माफ कर देना बाबा , आपने कहा था जो होना है उसे बदल तो नहीं सकती हूँ मै , लेकिन कोशिश तो कर सकती हूँ आखिर कैसे मै अपने आरु और तेज को अपनी आंखों से दूर होने दूं , बाबा हो सके तो अपनी इस बच्ची की इस छोटी सी कोशिश के लिए उसे क्षमा करना)....


मन में सोचते हुए परी आरव के कमरे में चली जाती है जहा पीहू चम्मच से जूस पिला रही होती है आरव को वही परी भी पीहू के पास आ आरव के पास बैठ के जूस पिलाने लगती है तभी कमरे में लक्की आता है आरव को जूस पिता हुआ देख....


लक्की – (परी से) चाची इसे जूस नहीं थप्पड़ लगाओ , ताकि इसकी सारी हीरोपंती निकल जाय....


आरव – (हस्ते हुए लक्की से) क्या करू यार सबको आती नहीं मेरी जाती नहीं....


लक्की – (गुस्से में) देख तू ना मुझे और गुस्सा मत दिला , वर्ना तेरी टांगे तोड़ दूंगा , क्या जरूरत थी हीरो बनने की....


परी – (बीच में) एक बात बता लक्की अगर आरु को जगह तू होता और उनलोगों की जगह मै , रिया या पीहू होते तब तू चुप रहता , नहीं ना , याद रखना लक्की....


"रणभूमी मे विजय या वीरगति पाओ , दबना हारना , सयमित होना ठाकुरो के खून मे नही , अगर हो तो उसपर धिक्कार है , वह असल क्षत्रिय कहलाने लायक नही”


परी – और आरु ने उस वक्त अपना धर्म निभाया है बस , खेर तूने खान खाया....


लक्की – अभी नहीं ताई जी बस जा रहा हूँ घर खाने....


बोल के गुस्से में आरव को घूरते हुए निकल जाता है लक्की....


कमरे में आने से पहले परी ने जो कुछ किया ये जानते हुए भी कि किस्मत में लिखे को बदला नहीं जा सकता है फिर भी , कोई कैसे ये जानते हुए भी कि आगे उसके अपनो के साथ क्या बुरा होने वाला है उसे वो कैसे होने दे सकता है , बस इसी वजह से परी ने ये कदम उठाया ताकि शायद किस्मत में लिखे को बदल सके....

लेकिन परी इन सब में बाबा की कही एक बात भूल गई जब बाबा ने परी को मौका दिया था अपने और आरव के बीच सब सही करने का उस वक्त ये भी कहा था कि आगे जो होना है उसे वो बदल नहीं सकती है और अगर ऐसा किया तो अनर्थ होगा , लेकिन अब अनजाने में परी ने जो किया है उसके बाद जाने आगे क्या होगा...


अब इस बात से अंजान परी चली गई आरव के कमरे में जहां लक्की आया था आरव पर गुस्सा निकालने लेकिन परी और पीहू के होते कुछ नहीं कर पाया और चला गया वापस , उसके जाने के कुछ देर बाद डॉक्टर ने आरव को नींद का इंजेक्शन दिया जिस वजह से आरव गहरी नींद में सो गया....

जबकि आज जो हादसा हुआ उसके बाद परी को देख के आरव की आंखे कुछ ज्यादा ही नाच रही थी लेकिन आरव को ये नहीं पता था कोई और भी था उस कमरे में जो ये सब देख रहा था लेकिन बोला कुछ नहीं उसने....


खेर अगले दिन आरव की नींद खुली जब नर्स ड्रिप बदलने आई कमरे में तब उस कमरे में परी सोफे पर बैठे सो रही थी वहीं आरव परी को देख के कुछ सोच रहा था....


आरव – (परी को देख अपने मन में – ऐसी भी क्या मजबूरी की अपने पति और बेटे को धोखा देना पड़े , आखिर क्या बात हो सकती है , अगर डैड को पता चलेगा तो क्या होगा जाने क्या बीतेगी उनपर , लेकिन ऐसी भी क्या मजबूरी थी कि सालों के प्यार को भूल जाएं कोई , समझ नहीं आ रहा है क्या करूं मै)....


तभी कमरे में पीहू आती है उसे देख के....


आरव – कहा थी तुम....


पीहू – बाथरूम गई थी , अब कैसा लग रहा है तुम्हे....


आरव – ठीक लग रहा है अब (गाल पे हाथ फेरते हुए) अपने गुस्से पर थोड़ा काबू रखा करो क्या जरूरत थी गोली चलाने की....


पीहू – मुझे कुछ बोले मुझे प्रॉब्लम नहीं लेकिन तुम्हारी तरफ आंख उठा के देखे तो जान लेलूगी उसकी...


तभी परी की आंख खुल जाती है तब.....


परी – (बीच में आरव के सिर चूम के) कैसे हो आरु....


आरव – हम्ममम जिंदा हूँ.....


परी – (आरव की बात को समझते हुए भी हल्का मुस्कुरा के) तुझे तो मेरी भी उम्र लग जाएं (पीहू से) तू यही रुक मै अभी आती हु....


बोल के मुस्कुराते हुए परी कमरे से बाहर चली गई , बाहर आते ही डॉक्टर मिला परी से तब....


डॉक्टर – (परी से) अच्छा हुआ आप मिल गई देखिए वैसे तो सब ठीक है लेकिन आरव का BP कंट्रोल नहीं हो रहा है अगर ऐसा रहा तो आगे और भी परेशानी आ सकती है आरव को , मेरी मानिए आप आरव को एक अच्छे फिजिशियन को दिखाए…..


परी – ठीक है डॉक्टर मै कुछ करती हूँ....


जिसके बाद डॉक्टर चला गया वहां से जबकि परी अपने मन में कुछ सोचने लगी....


परी – (मन में – मै अच्छे से जानती हूँ तेरे दिमाग में क्या चल रहा है आरु लेकिन अब मैं वैसा कुछ नहीं होने दूंगी और मैं जानती हूँ इसमें मेरी मदद कौन करेगा)....


अभी परी मन में सब सोच रही थी तभी उसके मोबाइल में किसी का फोन आने लगा जिसे देख परी की हाथ को मुट्ठी कस गई और आँखें जैसे गुस्से में लाल लेकिन तभी....


परी – (मन में – शांत होजा परी ये वक्त जोश में होश खोने का नहीं बल्कि होश से काम लेने का है)....


अपने आप को शांत करते हुए परी ने फोन उठा लिया....


परी – (फोन में) हेलो रवि....


रवि मेहता – हेय परी कैसी हो तुम और आरु कैसा है....


परी – (हल्का गुस्से में) देखो रवि एक बात गलती से भी भूलना मत आरव को आरु सिर्फ मै बुलाती हूँ यहां तक कि तेज भी उसे इस नाम से नहीं पुकारता क्योंकि उसे अच्छे नहीं लगता है दूसरी बात मैने अपनी लाइफ का एक जरूरी डिसीजन लिया है और मै तुमसे उस बारे में बात करना चाहती हूँ लेकिन पहले मेरे एक सवाल का जवाब देना होगा तुम्हे.....


रवि मेहता – (खुश होते हुए) परी बेफ्रिक होके पूछ सकती हो तुम....


परी – क्या तुम मेरा हर कदम पर साथ दोगे....


रवि – (खुश होके) तुम्हारे हर कदम पे क्या , मैं तुम्हारे जिंदगी के हर फैसले में तुम्हारे साथ हूँ....


रवि की कही बात से परी के चेहरे पर एक हल्की जीत की मुस्कान आ जाती है....


परी – (शांति से) ठीक है रवि मै समझ गई , अभी फिलहाल मैं कुछ वक्त तक ऑफिस नहीं आ सकती हूं जब तक आरु पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है , तब तक ऑफिस का कोई काम हो तो मैं घर से करूंगी....


रवि – (खुशी में) परी तुम बिल्कुल बेफ्रिक रहो ऑफिस का काम मै संभाल लूंगा , तुम बस आरव का ध्यान रखो और जल्दी मिलना मुझसे....


परी – हम्ममम ठीक है रवि....


बोल के दोनों फोन काट देते है जिसके बाद....


परी – (मन में – मेरी जिंदगी के फैसले की बात सुन बहुत खुशी हो रहे हो ना लेकिन इस बार मै तुझे अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करने दूंगी क्योंकि इस बार मै तेरी ज़िन्दगी नर्क से बत्तर बना दूंगी रवि मेहता , रही सोनल तलवार की बात उसकी शुरुवात मेरा आरु वैसे भी करने वाला है).....


इस तरफ....


रवि मेहता – (फोन काट के मन में – अरे वाह लगता है किस्मत मेरी जोरो में है , तेज एक बार तो तूने मुझसे मेरी परी को छीन लिया था लेकिन अब तू देखता रह जाएगा जल्द ही हमेशा के लिए मेरी परी मेरी बाहों में होगी और आरव भी और साथ में मेरे पास होगी पूरे २०० करोड़ की प्रॉपर्टी)....


बोल के मन ही मन खुश हो रहा था रवि मेहता इस बात से अंजान की इस बार आरव नहीं बल्कि परी उसके साथ खेलने वाली है जिससे रवि मेहता कही का नहीं रहेगा....


खेर जैसा की रीडर्स जानते है की रवि मेहता एक लालची किस्म का इंसान है उसने महक की मा , जो की विधवा थी उससे शादी सिर्फ उसकी करोड़ों की दौलत के खातिर की थी लेकिन जब महक का जन्म हुआ तब उसकी मां को रवि की हरकतों के बारे में पता चला तो उसने तुरंत ही अपनी सारी प्रॉपर्टी को महक के नाम कर दीया , उसके कुछ समय के बाद महक की मां की मौत हो गई लेकिन कुछ लोगों को लगता था की उसे रवि ने मारा है तो कुछ कहते थे की वो बीमार थी जबकि सच कोई नहीं जानता था लेकिन मरने से पहले महक की मां ने रवि को महक का केयर टेकर बना दिया था और अपने वकील से बोल के वकील को हर महीने ऑडिट का अधिकार दिया क्योंकि वो वकील महक की मां को सबसे अच्छी दोस्त थी....


खेर इस तरफ हॉस्पिटल में कुछ देर के बाद आरव की टेस्टिंग चल रही थी इस वक्त सिर्फ पीहू कमरे में थी आरव के साथ बाकी परी , अर्चना , लक्की और रिया कमरे के बाहर बैठे थे , उसी वक्त हॉस्पिटल में एक लड़की की एंट्री होती है जिसने सफेद टीशर्ट नीली जींस काले लंबे खुले बाल , दूधसा गोरा चेहरा जैसे दूध छलक रहा हो 36 24 36 का फिगर चलते हुए एक कमरे की ट्रेड जा रही थी जिसे हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ बस देखे जा रहा था लेकिन वो लड़की अदा से चलते हुए आरव के कमरे की तरफ आई उसके आते ही परी , अर्चना , रिया देखते रह गई जबकि लक्की उसे देखते ही कुर्सी से खड़ा हो गया तब उस लड़की ने एक चाटा मारा लक्की को जिसके बाद.....


लक्की – (लड़की से) मुझे क्यों चिपकाया मेरी क्या गलती थी , हीरो पंती उसने की और सजा मुझे....


लड़की – हा क्योंकि उसकी जिम्मादारी तेरी थी , तू उसके साथ क्यों नहीं था जब ये सब हुआ , आशिकी का भूत क्या चढ़ा तुम्हे , तू अपने भाई को भूल गया , भूल गया क्या सिखाया था मैने , साथ मानी छोड़ना ना हाथ छोड़ना , अरे वो तो पागल है लेकिन तू तो मेरा समझदार भाई है ना, उस बच्चे को अकेले जाने दिया तूने.....


लक्की – मैने कहा जाने दिया , वो खुद घर बोल के गया था मुझे और मंदिर में जाके कांड कर आया मुझे बताता तो उसके साथ अपना भी इंतजाम कर लेता यहां पर...


लड़की – ज्यादा जबान मत चला मेरे सामने समझा ना....


लक्की – सॉरी अक्कू दीदी पर मेरी गलती नहीं है इसमें....


तो ये लड़की कोई और नहीं बल्कि आकृति दबे है जिसके मा बाप के मरने के बाद उसे तेज और परी ने संभाला क्योंकि आकृति के मा बाप के इलावा उसका दुनिया में कोई नहीं था साथ ही आकृति ने ही आरव और लक्की को पढ़ाया है शुरू से जिस वजह से शुरू से दोनों आकृति के ज्यादा करीब रहे है लेकिन सबसे ज्यादा आरव रहा करीब आकृति के जिसे आकृति अपनी जान से भी ज़्यादा चाहती है उसके लिए कुछ भी कर गुजरने को हमेशा तैयार रहती है जिस वजह से परिवार के सभी आकृति को प्यार से अक्कू बुलाते है....


खेर अब आगे....


परी – ए लड़की ज्यादा हाथ नहीं चल रहे है तेरे , मेरे सामने मेरे बेटे को मार रही है रुक तुझे अभी बताती हूँ मै...


लक्की – नहीं चाची ये तो दीदी के प्यार जताने का तरीका है , आप नाराज मत हो....


अक्कू – मिस परी तेज प्रताप सिंह , आप को कितनी बार कहा है मेरे और मेरे भाइयों के बीच मत आया करो लेकिन नहीं आपको तो मेरी बात माननी कहा है....


और तभी अक्कू की चीख निकल गई जिसका कारण ये था कि अर्चना ने अक्कू का एक कान खींच लिया अपने हाथों से जिसके बाद....


अर्चना – कुछ ज्यादा नहीं बोल रही है तू अक्कू....


अक्कू – सॉरी चाची (परी से) सॉरी चाची , आआ दर्द हो रहा है , मै मजाक कर रही थी , अब तो छोड़ दो न प्लीज़...


जैसे ही अर्चना कान छोड़ती है वैसे ही अक्कू परी के पास जाती है....


अक्कू – (परी से) आप ठीक हो ना चाची....


इतना बोलना था अक्कू का की परी तुरंत अक्कू के गले लग के रोने लगती है....


परी – अक्कू अगर आरु को कुछ हो जाता तो मै भी नहीं जी पाती , अक्कू उसे समझा प्लीज़ ये हीरो बनना छोड़ दे , इतना सब करते हुए भी उसने पीहू के बारे में नहीं सोचा....


अक्कू – पीहू अब ये कौन है....


फिर लक्की ने सारी बात बताई अक्कू को (नोट – इस बारे में जानने के लिए ayush01111 भाई की स्टोरी पढ़े JUNG PYAR KE LEYE NAFRAT SE)....


अब आगे....


लक्की से सारी बाते जानने के बाद अक्कू को एक शरारत सूझी उसने लक्की के कान में कुछ कहा जिसे सुन लक्की ने ना में सिर हिलाया जिसके बाद अक्कू ने लक्की को आंख दिखाई जिसे देख लक्की मान गया और तब डॉक्टर आरव के कमरे से बाहर निकले जहां डॉक्टर ने अपने साथ परी और अर्चना को साथ आने को कहा तो परी और अर्चना चले गए डॉक्टर के साथ उनके जाते ही अक्कू हस्ते हुए आरव के कमरे में दाखिल हुईं....
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जारी रहेगा ✍️ ✍️
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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