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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

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UPDATE 8


इस वक्त गांव की हवेली के बाहर से साहिल और कमल साथ में गांव घूम के वापस आते है तो पाते है रागिनी हवेली के लॉन की बेंच में अकेले बैठी हुई थी जिसे देख के...

कमल – (साहिल से धीरे से) क्या बात है ये चाची अकेले क्यों बैठी है लॉन में...

साहिल – पता नहीं चल चल के बात करते है...

कमल – ना भाई अभी नहीं अभी मै जा रहा हूँ फर्श होने पेट भारी हो गया है मेरा तू जाके बात कर ले...

बोल कमल चला जाता है जबकि साहिल जाता है रागिनी के पास जाते ही...

साहिल – क्या बात है चाची आप अकेले क्यों बैठी हो यहां पर...

रागिनी – (साहिल को देख के) आ गए घूम के गांव आप मजा आया गांव घूम के...

साहिल – हा मजा तो आ गया लेकिन आप अकेले क्यों बैठी हो यहां पर...

रागिनी – कुछ नहीं ये अकेला पन तो हर बार का है मेरे लिए जिससे उम्मीद करी वो भी साथ नहीं देता मेरा...

साहिल – चाची फिर से वही बात आप को कैसे समझाऊं अब मैं...

रागिनी – कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है साहिल मै समझ चुकी हूँ सब कुछ...

इससे पहले साहिल कुछ और बोलता तभी रागिनी की बेटी दौड़ते हुए मा मा करते रागिनी की गोद में आते ही...

रागिनी – (गुस्से में) क्या है क्यों चिल्ला रही हो इतना...

बच्ची – (डर से) वो दादा जी खाने के लिए बोल रहे थे बस यही बताने आई थी दादा जी आपको बुला रहे है...

जिसके बाद रागिनी बच्ची को गोद से उतार के चली गई हवेली के अन्दर जबकि साहिल ने बच्ची को गोद में उठा के...

साहिल – (बच्ची से) क्या हुआ प्रिंसेस आप उदास क्यों हो गए...

बच्ची – वो मा बहुत गुस्से में क्यों है...

साहिल – पता नहीं प्रिंसेस...

बच्ची – आपको पता है मा जब भी गुस्से में होती है किसी से बात भी नहीं करती यहां तक कि पापा भी मा के गुस्से से बहुत डरते है...

बच्ची की बात सुन साहिल इस बात के बारे में सोचने लगता है और चला जा है हवेली के अन्दर जहां दादा जी (धीरेन्द्र) बैठे थे साहिल को देख...

धीरेन्द्र – अरे आओ बेटा घूम लिए गांव कैसा लगा तुम्हे...

साहिल – बहुत अच्छा गांव आपका दादा जी...

धीरेन्द्र – अच्छी बात है चलो जल्दी से फ्रेश हो आओ खाना खाते है साथ में...

थोड़ी देर बाद साहिल फर्श होके आ जाता है सबके साथ हाल में खाना खाने जहां सबके साथ एक नया चेहरा बैठा था निधि के साथ जब सब बैठ जाते है खाने के लिए तब...

निधि – (साहिल और कमल से) इनसे मिलो ये है मेरी दोस्त सविता याद है तुम दोनों को या भूल गए उसे..

साहिल तो गौर से देखने लगता है जबकि कमल देखते ही तुरंत...

कमल – अरे सविता तू (इससे आगे बोलता तभी कमल को बाकी सभी का ध्यान आता है तब) मैडम आप...

सविता – (मुस्कुरा के) हा मै क्यों क्या हुआ...

निधि – (कमल को धीरे से आंख मार के) मेरी सहेली है क्यों नहीं आना चाहिए था यहां पर...

कमल – (हड़बड़ा के) नहीं मै मै मैने ऐसा कब कहा आपकी दोस्त है तो जरूर आएगी शादी जो है आपकी...

धीरेन्द्र – (कमल से) तुम जानते हो इनको...

निधि – हा पिता जी सविता भी टीचर थी उसी स्कूल में जहां मै पढ़ाती थी तभी तो कमल और साहिल जानते है इसे...

धीरेन्द्र – अच्छा बहुत अच्छी बात है तो सविता कैसे है दोनों पढ़ने में...

सविता – (कमल को एक नॉटी मुस्कान से) बहुत अच्छे है पढ़ने में ये अंकल और बहुत तेज है हर मामले में दोनों (साहिल और कमल से) क्यों सही कहा ना मैने...

सविता की बात सुन दोनों मुस्कुरा के सिर नीच कर लेते है तब रागिनी खाना रखती है और तभी धीरे से साहिल को इशारा करती है जिसे देख साहिल समझ तो जाता ही लेकिन ध्यान नहीं देता है साथ ही कमल भी देख लेता है रागिनी के इशारे को जो साहिल को कर रही थी जिसके बाद रागिनी तो चली जाती है रसोई में जबकि...

कमल – (धीरे से साहिल से) देखले बेटा कैसे इशारे कर रही है तुझे , लगता है जब तक ये तुझे चख न ले चैन नहीं मिलेगा चाची को...

बोल के कमल धीरे से हंसने लगता है जिसे देख...

साहिल – (धीरे से) ज्यादा दांत मत निकाल भोंसड़ी के मै नहीं आने वाला इस औरत के चक्कर में...

अभी ये बात साहिल ने बोली थी कमल को तभी रागिनी आई आते ही...

रागिनी – (धीरेन्द्र से) बाबू जी रसोई में तेल खत्म हो गया है वो रसोई के ऊपर की दराज स निकलना पड़ेगा वो काफी ऊपर के खाने में रखा है...

धीरेन्द्र – अच्छा रुको मै चलता हूँ...

साहिल – (जब देखा दादा जी खाने के बीच से उठ के जा रहे है तब) दादा जी आप परेशान मत होइए मै चला जाता हु (रागिनी से) चाची कहा प रखा है तेल का डब्बा...

रागिनी – आओ मेरे साथ...

बोल के रागिनी अपने साथ साहिल को ले जाती है रसोई में जैसे ही रसोई के अन्दर आती है तभी...

रागिनी – साहिल मुझे तुमसे एक बात कहनी है पहले मेरी बात सुन लेना फिर बोलना...

साहिल – क्या बात करनी है आपको...

रागिनी – देखो साहिल मैने जो कुछ भी तुमसे कहा करने के लिए बस उसे अपने तक रखना किसी से जिक्र मत करना इस बात का मै नहीं चाहती कि...

साहिल – (बीच में) मै इतना भी बेवकूफ नहीं हूँ चाची की लोगो से गाता फिरू ऐसी बाते और वैसे भी निधि बुआ को तो सब पता है ना इस बारे में की चाचा आपको खुश नहीं रख पाते इसीलिए निधि और अपने ये रास्ता अपनाने की बात कही थी मुझे...

रागिनी – (हड़बड़ा के) हा हा हा निधि को सब पता है इस बात के बारे में लेकिन आप उनसे कुछ मत बोलिए गा वर्ना वो बुरा मान जाएगी...

साहिल – (रागिनी को इस तरह से हड़बड़ाना के बोलना बहुत अजीब लगा जिसके बाद) आप घबराए मत चाची मै किसी को नहीं बोलूंगा ये बात बस आप चाचा का अच्छे से इलाज कराइए क्योंकि आज तो आपने मुझे कही ये बात कही कोई और होता और वो आपका गलत फायदा उठाता तो सोचो चाची कितनी बदनामी होती परिवार की सोचो चाची इस बात को...

रागिनी – (साहिल की बात को समझने के बजाए उल्टा गुस्सा होके) तुम बार बार ये जो मेरी बदनामी की बात कर रहे हो ना ये अच्छा नहीं लग रहा तुम्हारे मू से साहिल जब देखो बस ज्ञान देते हो , (फुल गुस्से में) मुझे तो लगता है औरत को खुश करना तुम्हारे बस में नहीं है तुम भी अपने चाचा की तरह पूरे नामर्द हो जो बाते सिर्फ बड़ी करता लेकिन कर कुछ नहीं पता नामर्द कही के...

साहिल – (रागिनी की बात सुन गुस्से से रागिनी की गर्दन पकड़ उसे दीवार से लगा के) साली कमिनी तुझ जैसी औरत को प्यार की भाषा समझ कहा आती है तेरी जैसे औरतों को सिवाय अपने जिस्म की भूख के आगे किसी का प्यार नहीं दिखता है और तू मुझे नामर्द बोलती है साली मै बताऊंगा तुझे मर्द किसे कहते है...

बोल के रागिनी का गला छोड़ गुस्से में हॉल में चला जाता है खाने की टेबल की तरफ कुर्सी में बैठ के चुप चाप सिर नीचे करके हाथ की मुट्ठी को कस के दबाए रहता है जबकि रसोई में रागिनी अपने गले में हाथ रख के खांसती है और पानी पीती है इस तरफ साहिल गुस्से में बैठा रहता है तभी धीरेन्द्र की नजर पड़ती है साहिल पर जो खाना नहीं खा रहा था तभी...

धीरेन्द्र – (साहिल के कंधे पे हाथ रख) क्या बात है साहिल खाना अच्छा नहीं बना है क्या...

लेकिन साहिल का कोई जवाब नहीं आता तब फिर से धीरेन्द्र बोलता है साहिल को लेकिन फिर भी जवाब नहीं आता तब कमल की नजर पड़ती है साहिल पे उसे गौर से देखता है मन में कुछ सोच के...

कमल – (साहिल के कंधे पे हाथ रख हिलाता है) साहिल , साहिल , साहिल...

तभी साहिल अचानक कमल की तरफ टेढ़ा हो उसके कंधे पे गिरता है जिसे देख कमल को बात समझ आ जाती है...

कमल – (साहिल को संभालते हुए धीरेन्द्र से) दादा जी साहिल को अटैक आया है...

तभी कमल तुरंत अपनी गोद में साहिल को उठा के सोफे पर लेता देता है , निधि और सविता भी साहिल को देख के अपना खाना छोड़ देती है तब...

धीरेन्द्र – (हैरान होके) कमल कैसे हो गया ये सब...

कमल – पता नहीं दादा जी महीने में एक बार आता है ये अटैक साहिल को और अभी 3 दिन पहले ही आया था ये अटैक लेकिन आज फिर से जाने क्या बता हैं...

निधि – मै डॉक्टर को बुलाती हूँ...

कमल – नहीं बुआ डॉक्टर को बुला के कोई फायदा नहीं होगा अगले 10 मिनिट में ठीक हो जाएगा साहिल...

सविता – (कमल से) क्या अभी तक साहिल का इलाज नहीं हुआ इस बीमारी का...

कमल – नहीं , दादी ने कई बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया साहिल को लेकिन कोई नहीं जान पाया साहिल की इस बीमारी के बारे में सभी डॉक्टर का यही कहना है कि साहिल को कोई बीमारी नहीं है...

धीरेन्द्र – तो ये अटैक कैसे आते है...

कमल – जब भी गुस्सा हद से ज्यादा बढ़ जाता है इसका या खून देख लेता है या फिर गोली की आवाज से ऐसा होता है अक्सर साहिल के साथ इसीलिए हमलोग कभी मूवी देखने नहीं जाते थे अपने रूम में भी हमने टीवी नहीं लगाई कभी दिवाली तक में फ़टाके नहीं जलाते थे हम लोग...

असल में धीरेन्द्र को जानकारी थी पहले से साहिल के बारे में जो उसकी बड़ी बहन सरला देवी (दादी) ने बताया था लेकिन आज कमल के जरिए धीरेन्द्र को पूरी जानकारी मिली साहिल पे आने वाले अटैक की वजह का खेर कुछ ही देर में 10 मिनिट बीत गए जिसके बाद साहिल झटके से उठ गया और उठते ही...

साहिल – (डर से घबरा के) दादा जी (बोल के जोर से सास लेते हुए डर से) मार दिया उसने , मार दिया उसने दादा जी को वो वो वो मुझे भी मार देगा...

इस वक्त साहिल डर और घबराहट से बोलने लगता है जिसे देख...

कमल – (साहिल को संभालते हुए) कुछ नहीं हुआ साहिल सब ठीक है कोई नहीं मरेगा तुझे....

साहिल – (उसी डर और घबराहट से लंबी सास लेते हुए) नहीं वो मार देगा मुझे भी मार देगा वो कमल मार देगा मुझे...

धीरेन्द्र , निधि और सविता इस तरह से साहिल की ऐसी हालत देख उन्हें भी चिंता होने लगती है धीरेन्द्र को तो समझ नहीं आ रहा था जिस साहिल से पहले मिला क्या ये वही साहिल है जो इस वक्त एक छोटे बच्चे की तरह डरा सहमा सा है तब...

निधि – (साहिल के पास बैठ गले लगा के) कुछ नहीं होगा साहिल सब ठीक है कोई तुझे कुछ नहीं करेगा हम सब है तेरे साथ डरो मत तुम...

बोल के साहिल को गले लगाए रहती है जिसके कुछ मिनिट बाद साहिल शांत हो गया तब धीरेन्द , कमल , निधि और सविता मिल के साहिल को कमरे में ले जाके बेड में लेटा दिया थोड़ी देर में साहिल को नींद आ गई जिसके बाद...

धीरेन्द्र – (कमल से) रात बीरात अगर कोई दिक्कत हो तो बता देना कमल...

निधि – कोई बात नहीं पिता जी आप आराम करिए इससे पहले भी मैने और कमल ने मिल के साहिल को सम्भाल चुके है स्कूल में जब उसे अटैक आता था आज हम तीनों साहिल के साथ रहेंगे...

धीरेन्द्र – ठीक है...

जिसके बाद धीरेन्द्र जाते जाते साहिल के बारे में सोचते हुए चला गया अपने कमरे में आराम करने लेकिन जब ये सब हो रहा था तब रागिनी सब देख रही थी उसने भी साहिल की ऐसी हालत देख ली थी लेकिन वो बीच में नहीं आई...
.
.
.
जारी रहेगा✍️✍️
बहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये रागिनी ने साहिल की मर्दानगी को ललकारा तो उसे फिर एक बार जबरदस्त अटॅक आया अब सब उसे संभाल रहें हैं सिर्फ रागिनी सामने तो नहीं आयी पर देख जरुर रही थी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

vihan27

Be Loyal To Your Future, Not Your Past..
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Are Darbar thoda Abhay ki taraf bhi aa jao yr, jab tak wo complete nhi hogi adhura sa hi lagega yrrr
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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UPDATE 9


शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...

रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...

सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...

रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...

सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...

सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...

सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...

सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...

सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...

रामू – जी काकी...

बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...

रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...

सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...

रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...

सुमन – (गुस्से में) दीदी...

रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...

बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...

SAPNE ME

साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...

सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...

परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...

तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...

साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...

जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...

साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...

सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...

साहिल – (रात की बात याद करके) I M Sorry मेरी वजह से आपको भी तकलीफ हुई...

सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...

तभी निधि बात बदलते हुए...

निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) छोड़ो ना बुआ उस बात को...

निधि – (साहिल को इस तरह से मुस्कुराता देख) ओह हो अब तो नहीं छोड़ने वाली हूँ मै बता तो क्या सपना देखा तूने कौन थी सपने में तेरे...

साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...

सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...

साहिल – उसका नाम परी था...

कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...

कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...

साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...

सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...

कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...

सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....

कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...

निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...

सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...

निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...

सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...

बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...

निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...

साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...

निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...

ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...


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साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...

निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...

साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...

निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...

साहिल – क्या...

निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...

साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...

निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...

साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...

निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...

साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...

बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...

साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...

निधि – किसने मारा था दादा जी को...

साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...

निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...

साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...

निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...

साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...

निधि – क्या मतलब इस बात का...

साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...

निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...

निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...

तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...

निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...

निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...

निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...

निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...

साहिल – किसकी बहन है वो...

निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....

साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...

निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...

साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...

निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...

साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...

निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...

साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...

निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...

साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...

निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...

साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...

निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...

साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...

निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...

साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...

निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...

साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...

निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...

साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...

निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...

साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...

निधि – हा साहिल....

साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...

निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...

इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में



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जारी रहेगा✍️✍️
 
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