wah! kya likhte hai aapne yaar,zabardast aur mast update!Update 6
ज्योति और उसकी मम्मी चलते हुए अब्बास और उसके पापा के पास जा रही थी...ज्योति को अब्बास तिरछी नजरों से देख के स्माइल कर रहा था ....ज्योति के मन में हजार सवाल चल रहे थे...ये क्या चल रहा है ?? पापा और अंकल साथ में क्यू है?? क्या अब्बास अंकल ने कुछ चक्कर चलाया है??? ज्योति ने एक स्कर्ट और टॉप पहना था उसमे वो और भी सेक्सी लग रही थी...
दोनो पहुंची उनको देख ज्योति के पापा बोल पड़े...."अरे भावना (ज्योति के मम्मी का नाम) हमारी गाड़ी का रेडिएटर खराब हो गया है गाड़ी को हमे यही छोड़ना पड़ेगा कल ड्राइवर ले आएगा... मैं दूसरी गाड़ी का इंतजाम कर रहा था उतने में अब्बास भैया मिल गए...वो कहने लगे की वो हमे छोड़ देंगे...और वो आगे अपने शहर चले जायेंगे...""
भावना:- लेकिन ऐसे कैसे खराब हो गया??
P:- पता नही...शायद कोई पत्थर लग गया होगा आते हुए...
अब्बास:- अरे भावना छोड़ो ना ये सब...कितने दिनों बाद मिले है थोड़ा और टाइम साथ मिल जायेगा...3 घंटे का सफर है हम कुछ पुरानी यादें ताजा कर लेंगे... क्यू जयकांत?? तुम बैठो अंदर शबनम अंदर बैठी है सामान दो ड्राइवर को...
B:- जी भैया...ज्योति चलो...
समान रखने के बाद ज्योति सबसे पीछे किं सीट पे बैठी थी बीच में शबनम आंटी भावना और जयकांत बैठ गया और सामने अब्बास बैठा था ....सब सेटल होने के बाद वो निकल पड़े....
ज्योति मन ही मन सोच रही थी"" जरूर ये अब्बास अंकल ने ही कुछ किया होगा...और किया है तो कुछ और भि प्लान होगा...लेकिन वो तो सामने बैठे है...देखते है क्या होता है""
सब लोग आपस में बात कर रहे थे है मजाक चल रहा था...धीरे धीरे फिर सब ऊंघने लगे...शादी की भागदौड़ में सब थक गए थे।
45 मिन बीते होंगे ....गाड़ी अब हाईवे पे रफ्तार से चल रही थी....अब्बास ने ड्राइवर को गाड़ी रोकने के लिए बोला...ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी साइड में लगा ली....
A:- बहोत थक गया हु...पैर पूरे अकड़ गए है...ज्योति बिटिया तुम सामने आकर बैठ जाओ मैं पीछे थोड़ा पैर लंबे करके बैठ जाता हु....
(गाड़ी स्कॉर्पियो थी ...जिसकी पिछली सीट आमने सामने होती है)
ज्योति समझ गई की अब्बास पीछे आने का बहाना बना रहा है...वो मन ही मन खुश हुई....
J:- अंकल मैं यही बैठूंगी मेरे पैर भी अकड़ गए है ...और यहा लंबे पैर करके अच्छा लग रहा है....
A:- अरे बेटी पर...
तभी जयकांत बीच में बोल पड़ा..."भैया वो नही मानेगी...आप जाओ पीछे दो सीट है ना आराम से दोनो बैठ सकते हो...मैं सामने चला जाता हु... यहां भाभी और भावना भी आराम से सो पाएंगी...""
अब्बास ने ज्योति की और देखा...ज्योति शर्मा के स्माइल कर रहिंथी...
अब्बास पीछे किं सीट पे चला गया और जयकांत आगे ड्राइवर के पास बैठ गया...
जनवरी का महीना था रात के 8 बज गए थे ठंड बढ़ना शुरू हो गई थी... पर सिर्फ बाकी लोगो के लिए ज्योति और अब्बास तो वासना की आग में जल के गरम हो रहे थे.....
थोड़ी देर में गाड़ी में सन्नाटा हो गया ड्राइवर छोड़ के सब को नींद आने लगी थी सब थक जो गए थे।
पीछे ज्योति और अब्बास का कुछ और ही खेल चल रहा था।
पीछे जाते ही अब्बास ने सामने की सीट पे पैर रखा और ज्योति की जांघें सहलाने लगा...ज्योति उसको देख के स्माइल करने लगी....जब अब्बास को लगा कि सब सो गए है तब उसने अपना पैर उठा के ज्योति के दोनो जांघो के बीच पैर रखा ज्योति समझ गई अब्बास क्या करना चाहता था...उसने भी उसकी सहूलियत के लिए अपने पैर खोल दिए.....
अब्बास थोड़ा झुका और ज्योति का एक पैर पकड़ के अपने लंड पे रखवा लिया...दोनो एक दूसरे को देख मंद मंद मुस्कुरा रहे थे....ज्योति धीरे धीरे अपने पैर से अब्बास का लंड सहला रही थी...
अब्बास भी ज्योति की चूत को पैर के अंगूठे से दबा रहा था...
ज्योति की चूत गीली होने लगी थी....अब्बास ने अपने पैंट का झिप खोला और लंड का टोपा अंडरवेयर से बाहर निकाल लिया...ज्योति उसके लंड के टोपे को सहला रही थी....
उसके नंगे लंड को छूने से ज्योति काफी उत्तेजित हो गई थी....उसने भी अब्बास को थोड़ा मजा देने की सोची और अपना स्कर्ट ऊपर करके वापस अब्बास का पैर अंदर रखवा लिया...अब अब्बास का पैर सीधा ज्योति के पैंटी के ऊपर से ज्योति की चूत को सहला रहा था....ज्योति की पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी...जिसका एहसास अब्बास को हो रहा था..अब्बास का लंड भी प्रीकम से गीला हो रहा था ज्योति का पैर आसानी से उसके लंड पे फिसल रहा था....
अब्बास ने ज्योति को इशारा किया थोड़ा झुके...ज्योति समझ नही पाई की क्या कहना चाह रहा था....वो सामने की और झुकी...अब्बास भी थोड़ा सामने झुका और कान में धीरे से कहा..."पैंटी उतार के मुझे दे दो प्लीज"" और फिर झट से उसके गाल को चूमा...ज्योति कुछ समझ पाती अब्बास ने झट से उसके कोमल होठों को अपने होठों में में जकड़ा और 2 सेकंड के लिए किस किया और वापस...बैठ गया...ज्योति इस अचानक हुए किस से थोड़ी घबरा गई मगर उसे मजा भी आया...उसने देखा की सब सो रहे है...उसने हिम्मत करके धीरे से पैंटी उतारी और अब्बास को दे दी....
ये सब करते हुए वो अब्बास की आखों में देख रही थी...अब्बास भी उसे देखते हुए पैंटी जहा गीली थी वहा सूंघा और फिर चाटने लगा....ज्योति को ऐसा लगा जैसे वो उसकी चूत चाट रहा हो....उसने अब्बास का पैर अपनी चूत पे दबाया...
अब्बास ज्योति की नंगी चूत को अंगूठे से सहला रहा था और उसकी आखों में देख के पैंटी को चाट रहा था...
फिर उसने पैंटी को लंड के टोपे पे रगड़ने लगा अपने प्रीकम से उसे और गीला करने लगा... और फिर उसने पैंटी को ज्योति को दे दिया...ज्योति भी अब थोड़ी खुल गई थी...वो उसे हाथ में लिया और सूंघा...वो भी उसे चाटने लगी...."उफ्फ कितना मस्त लग रहा है उम्मम्म... बहोत मस्त टेस्ट है...काश लंड को चाट के ये टेस्ट ले पाती...""
दोनो काफी उत्तेजित हो गए थे....ज्योति ने अब्बास का पैर पकड़ा और उसका अंगूठे को चूत की छेद पे सेट किया...अब्बास को समझ गया उसने अंगूठा जितना हो सकता है चूत में डालने की कोशिश की....लेकिन बस थोड़ा ही जा सका...लेकिन ज्योति के लिए उतना भी काफी था....अब्बास धीरे धीरे जैसे हो सकता है अपना अंगूठा andr बाहर करने लगा....ज्योति आंखे बंद करके मजे ले रही थी..... इनसब चीजो में वो कब अपने शहर पहुंच गई पता ही नही चला....
दोनो ठीक से बैठ गए और सोने का नाटक करने लगे...जब घर पहूंचे तो सब उतर गए...ज्योति काफी मायूस हो गई थी क्यों की उसे लगा जो भी था यही तक था....
समान उतारने के बाद अब्बास बोला " चलो जयकांत हम निकलते है काफी लेट हो रहा है"
J:- भैया रुक जाइए ना आज की रात... वैसे भी आपको जाते जाते 1 बज जाएगा...कल सुबह चले जाना....
भावना को भी लगा की जयकांत ठीक बोल रहा है...
B:- हा भैया रूक जाइए...भाभी की तबियत भी ठीक नहीं लग रही है...
अब्बास ने शबनम को देखा..." क्या करना है बेगम?"
S:- हा थक तो मैं बहुत गई हु..अगर आपको कल कोई काम न हो तो रुक जाते है..
A:- काम तो है पर आपकी तबियत से बढ़कर थोड़ी है...लेकिन अभी भूख भी लगी है... टाइम भी बहुत हो गया है...एक काम करता हु मै सबके लिए कुछ लेके आता हु तब तक आप फ्रेश हो जाइए...
J:- भैया मैं चला जाता हु आप आराम कीजिए...
A:- नहीं नही कोई बात नही जाओ तुम मैनौर ड्राइवर लेबाते है कुछ...
सबलोग फ्लैट में चले गए और अब्बास खाना लाने चला गया...ज्योति ये देख खुश हो गई की अब्बास रुकने वाला है..."हम्म्म लगता है आज मेरी इच्छा पूरी हो जायेगी..."
अब्बास खाना ले आया तबतक सब फ्रेश हो गए थे...सब ने मिलके खाना खाया...अब्बास सबके लिए वहा का फेमस केसरवका दूध भी लाया था....सब ने दूध पिया लेकिन अब्बास ने ये बोल के टाल दिया की उसने लेते वक्त दो ग्लास pi लिया था...और ज्योति को इशरेंसे बता दिया की पीना मत.... ज्योति को कुछ समझा नहीं लेकिन उसने पीने का नाटक किया और किचन में जा के फेक दिया..
सब अपने अपने कमरे में जाने लगे...
अब्बास ज्योति के पापा और ड्राइवर ज्योति के भाई के रूम में सोने वाले थे शबनम और भावना उनके बेडरूम में और ज्योति अकेली उसके रूम में....
ज्योति जानती थी कि अब्बास रात को जरूर आएगा... वो सोच रही थी की बस अब्बास सो न जाय...बस थोड़ी देर के लिए ही आ जाय...उसके आने के बाद वो उसका लन्ड उसकी चूत में डालेगा ये सोच सोच के ज्योति की चूत पानी छोड़ें जा रही थी....ज्योति बार बार चूत सहला रही थी..
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."आह्ह्ह्ह्ह उफ्फ कितना पानी छोड़ेगी...अब्बास अंकल आते ही होंगे आज तुझे लंड जरूर मिलेगा उम्म्म्म""
करीब करीब 12.30 बजे ज्योति को दरवाजे पे दस्तक सुनाई दी...वो उठी और दरवाजा खोला...सामने अब्बास ही था...वो अंदर आया और दरवाजा बंद कर लिया....ज्योति खड़ी हुई स्माइल कर रही थी...अब्बास जैसे पलटा उसने ज्योति को बाहों में भर लिया...पीठ से होते हुए उसके हाथ कमर और फिर गांड पे आके रूक गए उसने गांड को धीरे से दबाया और ज्योति को अपनी और खींचा...." सो गई थी क्या मेरी गुड़िया??"
J:- नहीं...
A:- क्यू नही सोई?? क्या कर रही थी?? मेरा इंतजार?
J:- हा...
अब्बास की हाइट ज्योति के हाइट जितनी ही थी...अब्बास ने ज्योति गांड को भींचा और अपना लन्ड चूत के दबाया...और अपने होठ ज्योति के होठों के पास ले गया और धीरे से कहा...
A:- मेरा या मेरे लंड का??
J:- दोनो का....
A:- आह्ह्ह मेरी बच्ची को लंड चाहिए?? क्या करोगी ?
J:- अपनी चूत में लूंगी... ज्योति का उत्तेजना चरम पर थी...
A:- अच्छा...मतलब मुझसे चुदवाओगी?
J:- उम्मम्म ha...
अब्बास ने ये सुनते ही ज्योति के होठों पे अपने होठ रख दिए और चूसने लगा...ज्योति भी उसका साथ देने लगी...अब्बास ने अपनी जुबान ज्योति के मुंह में दे
दी...ज्योति उसे चूसने लगी...
अब्बास उसकी गांड़ सहलाता कभी उसकी चूचियां दबाता...थोड़ी देर बाद जब वो रुके....ज्योति जोर जोर से हाफ रही थी...उसकी जिंदगी का पहला किस था....
A:- आह्ह्ह ज्योति कितने प्यारे होठ है तुम्हारे....कितना टेस्टी रस है तुम्हारे होठों का...बिल्कुल चूत के रस जैसा जो मैने गाड़ी में टेस्ट किया था....और फिर से किस करने लगा और इसबर हाथ ज्योति के पजामे के अंदर डाल दिया और उसकी चिकनी चूत सहलाने लगा....
A:- ज्योति उफफ्फ बेटी कितनी गीली हो गई है...जब गाड़ी में पैर से सहला रहा था तब थोड़े बाल थे अब एकदम चिकनी लग रही है एसएसएसएस
J:- आह्ह्ह हा...अभी थोड़ी देर पहले साफ किए....
A:- उम्मम्म मेरे लिए साफ किया ना?? उफ्फ बेटी कितनी समझदार है तू....अंकल के लिए अपनी चूत एकदम चिकनी कर दी ssss ahhhh जरा देखूं तो सही कैसी लगती है कमसिन चूत??
ज्योति को अब्बास ने बेड पे बिठाया और उसका पजामा उतार दिया...और ज्योति को देखा...ज्योति समझ गई...ज्योति ने अपने पैर खोले और अब्बास को अपनी चूत दिखाने लगी....अब्बास बेड के नीचे बैठ गया और अपना चेहरा चूत के पास ले गया...ज्योति की कमसिन कुंवारी चिकनी चूत को अब्बास बस देखता ही रहा...फिर धीरे से अपनी उंगलियां चूत की दरार में घुमाई...."ज्योति उफ्फ बेटी क्या मस्त चूत है तुम्हारी ऐसी चूत तो आजतक नही देखी.... उम्मम्मम एकदम गोरी अंदर से गुलाबी उफ्फ ये पतले लिप्स और ये उठावदार चूत का दाना अःह्ह्ह् जन्नत है उम्मम्मम इसे तो खा जाऊंगा उफ्फ "
ज्योति अब्बास के मुंह से अपनी चूत की तारीफ सुन के खुश हो गई और जिसतरह से छु रहा था उसे बेकाबू कर रहा था
J:- अंकल उम्मम्मम्म उफ्फफ तो खा जाए ना....जल्दी कीजिए कोई जाग गया तो प्रॉब्लम हो जायेगा....
अब्बास ने धीरे से उसकी चूत के ऊपर लिप्स रखे और उसका चुप्पा लगाया...चूत को उंगलियों से सहलाते हुए ज्योति की आखों में देखते हुए कहा "चिंता मत करो बिटिया कोई नही उठेगा...मैंने दूध में नींद की दवाई मिला दी थी कल सुबह तक कोई नही उठेगा....आज तो पूरी रात तसल्ली से इस कमसिन कुंवारी चूत के मजे लुटूंगा...आराम से पूरी रात चोदूंगा उम्मम्मम्म आह्ह्ह्ह्ह ""
J:- सच अंकल उफ्फ्फ wow... ज्योति ये सुन के बहुत खुश हुई और अब्बास की आखों में देखते हुए उसका सर पे हाथ रख के अपनी चूत की और दबाने लगी...
अब्बास उसकी ये अदा देख के पागल हो गया....और उसकी चूत पे लिप्स रख के चूमने लगा....धीरे से जुबान निकाली और नीचे से ऊपर तक धीरे से घुमाई...5 6 बार ऐसेही किया और फिर उसकी चूत के दाने को मुंह में लेके चूसने लगा...ज्योति उसकी इस हरकत से पागल सी हो गई...वो नीचे से अपनी गांड़ उठा के उसका सर अपनी चूत पे दबाने लगी. ...और बेड पे गिर गई और ऊपर सरकने लगी....अब्बास भी उसकी चूत में मुंह दबाए उसके पीछे पीछे बेड पे चढ़ गया और जोर जोर से चूत चाटने लगा चूसने लगा.....
J:- aaaahhhhhh अंकल उफफफफ्फफ wow oh my god yessssss yessssss
अब्बास पागलों की तरह ज्योति की चूत चाट रहा था...
A:- aahhhh ज्योति कितना मस्त पानी है तेरी चूत का उम्मम्मम
अब्बास ने धीरे से अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसाई...ज्योति की आह्ह्ह्ह निकल गई....वो धीरे धीरे चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा और चूत के दाने को होठों में लेके चूसने लगा....कभी जुबान से चाटता तो हल्के हल्के दातो से कटता....ज्योति पागल सी हो गई ऐसा सुख उसे पहली बार मिल रहा था...
J:- अंकल उफ्फफ्फ बहोत मज़ा आ रहा है उम्मम्म्म ऐसेही येस्सस्स्स अंकल और चाटिए आआह्ह्हह्ह....
और अगले ही पल ज्योति का बदन अकड़ गया और वो झड़ने लगी....अब्बास ज्योति का सारा रस पी गया... ज्योति जोर जोर से सांसे ले रही थी....अब्बास उसकी बगल में लेट गया और टॉप के अंदर हाथ डाल के उसकी अविकसित चूचियां सहलाने लगा....
A:- उम्मम्मम बेटी मजा आया??
ज्योति ने उसकी आखों में देखा और उसके होठ पे होठ रख दिए....और किस करने लगी...
J:- उफ्फ अंकल बहोत मजा दिया आपने उम्मम्म
A:- अभी तो सुरवात है अभी तो पूरी रात मजे करने है.....ज्योति का हाथ पकड़ के अपने लंड पे ले गया....ये भी बोल रहा है की इसे तुम्हारे कोमल होठों से छू लो.... जुबान से चाट लो....
J:- हा अंकल मुझे भी इसका स्वाद चखना है....ऐसा बोल के ज्योति उठी और अब्बास का टी शर्ट उतार दिया....और उसका पजामा भी उतार फेंका दोनो अब नंगे थे....ज्योति की कमसिन जवानी देख अब्बास पागल सा हो गया....उसकी छोटी छोटी कड़क चूचियां छोटे छोटे पिंकिश निप्पल्स....पतली सी कमर और और मुकाबले में थोड़ी गोल घुमावदार गांड....
A:- आह ज्योति मेरी जान क्या मस्त माल है तू....आज तुझे चोदके तो मजा ही आ जायेगा....
J:- अंकल उम्मम्म हा आज पूरी रात मुझे चोदो अपने इस तगड़े लंड से उम्मम्म कितनी तड़प रही थी मैं..... ऐसा बोल के ज्योति उसकी आखों में देखते हुए लंड को निचेसे ऊपर तक चाटा.....लंड के टोपे पे प्रीकम की बूंदे चमक उठी....उसने उसे जुबान से चाटा और चट्टट ऐसी आवाज करके एक चटकारा लगाया.....और फिर टोपा मुंह में लेके चूसने लगी.....ज्योति की ये अदाएं देख के अब्बास का लंड लोहे के रॉड जैसा टाइट हो गया था.....
A:- आह्ह्ह्ह ज्योति उफ्फफ्फ कितना मस्त चूसती हो तुम लंड मजा आ गया....पूरा चूसो बेटी.... उसका तो मन किया की लंड पूरा गले तक उतार दे पर उसने कंट्रोल किया...ज्योति पहली बार ये सब कर रही थी और उसे पता था कि पहली बार में चुदाई कैसी की जाती है....फिर भी वो धीरे धीरे नीचे से गांड उठा के लंड को ज्योति के मुंह में धक्के दे रहा था....बेटी थोड़ा मेरे बॉल्स को भी सहलाओ ना....और उन्हें भी चाटो...चूसो ना ...मुझे बहोत पसंद है....
ज्योति ने उसकी और देखा और स्माइल की...और लंड को चूसते हुए उसके आंडो को सहलाने लगी....फिर धीरे से लंड को ऊपर नीचे करते हुए जुबान से अब्बास के आंडो को चाटने लगी....फिर धीरे से मुंह में लिया और चूसने लगी....
A:- आह्ह्ह्ह वाह मेरी जान उफ्फ बहोत अच्छा उम्मम्म कहा से सीखा ये सब तुमने...
J:- उम्मम्म बस सिख लिया अंकल....
A:- उम्म्म अभी से इतनी एक्सपर्ट हो गई हो आगे तो लोगो को बस चूस के ही पानी निकलवा देगी....
ज्योति खुद की तारीफ सुन के खुश हो गई....
A:- उफ्फ बस बेटी वरना तेरे मुंह में ही पानी निकल जायेगा मेरा....
अब्बास ने ज्योति को अपने ऊपर खींचा....
A:- ज्योति तयार हो न अब तुम मेरा लन्ड अपनी कुंवारी चूत में लेने के लिए???
J:- आह्ह्ह ha अंकल....
अब्बास ने ज्योति को सुलाया...और उसके कमर के नीचे एक तकिया लगाया....और बीच में जाके बैठ गया....
ज्योति कब से इस पल का इंतजार कर रही थी....अब्बास ज्योति की आखों में देखते हुए लंड को पकड़ के चूत के पास ले गया और धीरे से टोपा चूत की फाकों के बीच रखा....ज्योति उस स्पर्श से गदगद हो उठी...गरम गरम लंड उसकी गीली चूत पे अब्बास धीरे धीरे रगड़ रहा था....ज्योति उसको देख के aaahhhhh आह्ह्ह्ह कर रही थी....
A:- उफ्फ ज्योति कितनी गरम चूत है तुम्हारी.... उम्म्म्म
J:- अंकल sssss aahhhh
अब्बास ने धीरे से अपने लंड का टोपा ज्योति की चूत में घुसाया....चूत बहोत गीली थी....और टोपा भी...वो आसानी से थोड़ा चला गया...लेकिन अब्बास जानता था आगे ज्योति को दर्द होगा....वो वैसे ही ज्योति के ऊपर आया और एक किस किया...
A:- ज्योति सुरू में थोड़ा दर्द होगा...
J:- अंकल हां मैं जानती हूं....मैं सह लूंगी...
A:- उम्मम्म तुम बहुत समझदार बच्ची हो....
उसने फिर से किस किया और लंड को थोड़ा अंदर धकेला...ज्योति को दर्द महसूस हो रहा था पर वो सहन कर रही थी.... ऐसेही धीरे धीरे करके अब्बास ने पूरा लन्ड ज्योति की चूत में घुसा दिया....अब्बास ने देखा ज्योति के आखों में पानी आ गया था...
A:- बेटी दर्द हो रहा है क्या???
J:- हा अंकल आह्ह्ह्ह....
A:- बस बेटी थोड़ी देर फिर बस मजा ही मजा है...वो वैसेही लेता रहा और हल्का हल्का अंदर बाहर करने लगा..."आह्ह्ह्ह क्या चूत है साली की एकदम टाइट मजा आ गया आज तो"
कुछ देर बाद ज्योति का दर्द कम हुआ...उसने देखा आईने में...अब्बास के नीचे लेटी एकदम छोटीसी लग रही थी....अब्बास एकदम तगड़ा मर्द और वो कमसिन कली जो अब अब्बास का लंड चूत में लिए औरत बन गई थी....वो अब्बास की गांड़ को सहला रही थी और थोड़ा अपनी और दबा रही थी...अब्बास समझ गया की ज्योति को अब मजा आने लगा है....
A:- आह्ह्ह गुड़िया मज़ा आ रहा है ना अब...
J:- आह्ह्ह्ह हा अंकल...
अब्बास अब थोड़ा जादा अपना लन्ड बाहर निकाल रहा था और फिर अंदर डाल रहा था....ज्योति को किस करते हुए...ज्योति भी नीचे से गांड उठा के उसे सपोर्ट कर रही थी....अब्बास अब ऐसेही धीरे धीरे हर बार अपनी स्पीड बढ़ा रहा था...
A:- उम्मम्म बेटी कैसा लग रहा है?
J:- बहुत अच्छा अंकल उफ्फ...कब से चाह रही थी की कोई मुझे चोदे.. आज आप से चुद रही हु बहोत मजा आ रहा है....
A:- हा बेटी आज से तुम मेरी हो गई हो...मेरी प्यारी रंडी बन गई हो तुम...
J:- आह्ह्ह अंकल प्लीज ये ऐसा क्यों बोल रहे हो...
अब्बास धीरे धीरे अपना लन्ड ज्योति की चूत में पेल रहा था...
A:- क्यू बेटी अच्छा नहीं लगा क्या?? अरे मेरी जान तुम अब अंकल से ऐसेही चुदोगी...अंकल तुम्हे बहोट मजे करवाएंगे....तुम्हारी चूत को खुश करेंगे...और ये सब चाहिए न तुम्हे??
J:- आह्ह्ह ha अंकल...
A:- to बेटी उसके लिए तुम्हे अंकल की रंडी बनना पड़ेगा...छोटीसी रंडी उम्मम्मम बोलो बनोगी ना??
अब्बास का स्पीड अब काफी बढ़ गया था...ज्योति उसका लन्ड अपनी चूत में महसूस कर रही थी...उसकी चूत का कोना कोना अब्बास के लंड से रगड़ रहा था...उसकी उत्तेजना चरम पर थी...
J:- आह्ह्ह हा...
A:- पूरा बोलो बेटी...
J:- आह्ह्ह येस्सस्स अंकल बनूंगी मैं आपकी रंडी...मुझे बस ऐसेही चोदो....
A:- आह्ह्ह्ह बोलो कोन हो तुम मेरी??
J:- आपकी रंडी हु अंकल...
A: हाआह्हह येसस्सस्स ज्योति आह्ह्ह मेरी जान...
अब्बास अब फास्ट फास्ट अपना लन्ड ज्योति की चूत में अंदर बाहर कर रहा था....
J:- आह्ह्ह अंकल यूफफ्फ धीरे ना उम्मम्म आह्ह्ह्ह हा... हा... ऐसेही येस्सस्सस चोदिए उफ्फ
अब्बास से अब कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था...वो वैसेही थोड़े धक्के दिए और ...
A:- आह्ह्ह्ह ज्योति उम्म्म मेरा निकलने वाला है उफ्फफ्फ....
J:- आह्ह्ह्ह्ह येस्सस्स्स अंकल मेरा भी होने वाला है चोदिये yesssss yesssss अंकल...
अब्बास ने आखरी धक्का दिया ...लंड को चूत में दबा के रख दिया और फच फच करके ज्योति की चूत में झड़ने लगा....वो दोपहर से भरा पड़ा था....लघबघ 1 मिनट तक वो झड़ता रहा...ज्योति की चूत को अपने गाढ़े सफेद पानी से लबालब भर दिया....ज्योति भी उसके लंड से निकलती गरम पिचकारी को अपने अंदर तक महसूस कर रही थी....गरम गरम वीर्य की धार का अहसास जैसे ज्योति को हुआ वो भी झड़ने लगी...उसने कस के अब्बास को अपने ऊपर खींचा और पैरो से उसकी कमर और गांड को अपनी चूत पे जकड़ लिया..
जब आवेग उतरा तो बिना कुछ कहे दोनो छत को देखते हुए पड़े रहे...
कुछ देर बाद अब्बास ने ज्योति को देखा....ज्योति उससे चिपक गई...
A:- उफ्फ ज्योति ऐसा मजा कभी नहीं आया....
J:- अंकल आप बहोत अच्छे हो ....
अब्बास उठा और ज्योति को गोद में उठा के बाथरूम ले गया...दोनो साथ में नहाए और वापस आ गए....
ज्योति टॉवल से अपना बदन पोंछ रहीं थी...अब्बास पीछे से जा के चिपक गया....और गर्दन पे चूमते हुए उसकी छोटी चूचियां मसलने लगा....
A:- बस ऐसेही मुझसे चुदती रहना कुछ ही दिनों में तुम्हारी चूचियां एकदम बड़ी कर दूंगा....
J:- आह्ह्ह हा अंकल...और पीछे मुड़ के अब्बास को किस करने लगी....
एकदूसरे के बदन को सहलाते हुए दोनो फिर से गरम होने लगे....
दोनो बेड पे आ गए ज्योति का मन हुआ तो वो फिर से अब्बास का लंड चूसने लगी....अब्बास ने उसे पकड़ के अपने मुंह पे बिठा लिया और उसकी गांड़ दबाते हुए उसकी चूत चाटने लगा....दोनो पूरे जोश में थे....
फिर अब्बास ने ज्योति को बेड पे झुकाया और खुद पीछे आके उसकी चूत चाटने लगा...चाट चाट के एकदम गीली कर दी....ज्योति भी मस्त हो गई थी...
J:- अंकल बस अब डाल दो ना अपना लन्ड मेरी चूत में उफफ्फ
अब्बास घुटनों पे आया और ज्योति की चूत पे लंड सटा दिया और धीरे धीरे पूरा लन्ड चूत में डाल दिया....उसकी कमसिन टाइट गांड को दबाते हुए चोदने लगा...
A:- आह्ह्ह ज्योति मस्त गांड है तुम्हारी...बिल्कुल तुम्हारे मम्मी जैसी....शादी करके आई थी तब बिल्कुल तुम्हारे जैसी ही थी तुम्हारे पापा ने चोद चोद के मस्त बड़ी कर दी....मैं भी तुम्हारी गांड को मस्त बड़ी कर दूंगा एकदम तुम्हारे मम्मी जैसी.....
अपने मम्मी के बारे में ऐसी बाते सुन के उसे थोड़ा अजीब लगा....
A:- पता है तुम्हे जब वो शादी करके आई थी ना तब पूरा गांव उसके नाम की मुठ मरता था....मैं भी सोचता था काश एक बार चोदने मिल जाय...
J:- आह्ह्ह अंकल ये आप क्या बोल रहे हो??
A:- हा मेरी जान... तेरी मम्मी थी ही ऐसी... लेकिन उसने कभी किसी को घास नहीं डाली..तेरे पापा उसे बहुत खुश रखते थे न...उसका लन्ड तो मुझसे भी बड़ा और मस्त हो था...
ज्योति को ये सब सुन के अजीब तो लग रहा था पर मजा भी आ रहा था...
J:- आपको कैसे पता अंकल??
A:- अरे बेटी उसकी चोदी हुई एक गांव की लड़की को मैने भी चोदा था वो बता रही थी....इसी वजह से तो तेरी मम्मी को कभी किसी और से चुदवाने की जरूरत नहीं पड़ी... और आज भी उसकी जवानी में कोई कमी नहीं है....शादी में तो उसे देख के मेरा लन्ड सलामी देने लगा था... कोई बात नही वो तो नहीं मिली पर उससे सेक्सी उसकी बेटी तो मिल गई....
अब्बास फुल स्पीड में ज्योति को चोदे जा रहा था....
थोड़ी देर बाद अब्बास ने ज्योति को अपने लंड पे बिठाया और ज्योति उसके लंड पे उछलने लगी...
J:- आह्ह्ह्ह अंकल उफ्फ बहोत मस्त लंड है आपका आह्ह्ह.
A:- आह्ह्ह ha मेरी रण्डी उफ्फफ्फ उछल मेरे लन्ड पे उम्मम्म काश तेरी मां भी मेरे लंड पे ऐसे उछलती.. तुम दोनो मां बेटी को एकसाथ चोदने में मजा आता....
J:- आह्ह्ह अंकल उफ्फ....
अब्बास उसकी चूचियां मसलते हुए नीचे से अपना लन्ड उसकी चूत में पेले जा रहा था....
ज्योति एक बार झड़ चुकी थी....अब्बास भी अपने चरम पर था...
उसने वापस ज्योति को लिटाया और उसके ऊपर आ के उसे चोदने लगा....
A:- ज्योति की आखों में देखते हुए....ज्योति मेरी रण्डी uffffff मेरी छिनाल आह्ह्ह्ह मेरा होने वाला है उम्मम्म बोल कहा लेगी इस बार मेरा पानी...
J:- आअह्ह्ह अंकल मेरे मुंह में डालिए उफ्फ आपका पानी पीना चाहती हु....
अब्बास उठ के अपना लुंड उसकी मुंह में घुसा दिया और उसका मुंह चोदने लगा...और अगले ही पल अपना माल ज्योति के मुंह में खाली कर दिया...ज्योति बड़े चाव से पूरा चाट गई....
उस रात अब्बास ने एक बार और उसको चोदा और अपने कमरे में चला गया....
उसके बाद ये सिलसिला 2साल तक चला अब्बास महीने में एक या दो बार आके ज्योति को चोदता था...चुदाई के सारे पैंतरे उसने ज्योति को सिखा दिया थे.... ज्योति अब्बास से चुद चुद के और भी मस्त माल बन गई थी....फिर अब्बास दुबई चला गया...लेकिन ज्योति ने अपने लिए नए 2 और लनदो का इंतजाम कर लिया था....
ये सारी बाते सोचते हुए ज्योति को पता ही नही चला की कब शाम हो गई...मालती के आने की वजह से वो अपने ख्यालों से बाहर आई और गौरव के आने का वेट करते हुए घर के कामों में लग गई....
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Yaar kash ye story incest hoti to meri fevorite story main no 1 par hotiUpdate7
रात का खाना खाने के बाद अपने सब काम निपटा के ज्योति बेडरूम में आई तो उसने देखा गौरव बालकनी में खड़ा कुछ सोच रहा था....ज्योति वहा गई और पिचेसे हग करते हुए पूछा "क्या सोच रहे हो जानू?"
गौरव ने पलट के देखा" कुछ नही बस ऐसेही....
J:- बताओ भी... ऑफिस बिजनेस का कुछ टेंशन है क्या?"
G:- अरे नही नही...
J:- तो फिर??
G:- पलट के ज्योति को कमर से पकड़ के अपनी और खींचा...अरे वो जफर की बातो के बारे में सोच रहा था...
J:- (खुश हो गई उसे लगा की कल रात की तरह आज भी मजे करने के बारे में सोच रहा है...और उसे आज वैसे भी दिनभर से बहोत उत्तेजना महसूस हो रही थी) उसके बारे में क्या??
गौरव ने देखा ज्योति की आखों में चमक सी आ गई थी।
G:- वहीं मेरी जान की तुम शादी से पहले बहुत चूदी हो...
ज्योति थोड़ा सहम गई...
J:- क्या आप भी कुछ भी सोचते हो...
G:- ज्योति बताओ ना किसने चोदा था तुम्हे?? अब हम इतना खुल गए है... और सच कहूं तो... सुबह से सोच रहा हु की मेरी बीवी को किसने किसने और कैसे कैसे चोदा होगा उफ्फ मेरा लन्ड तो सोच सोच के टाइट हो रहा है की (नाइटी के ऊपर से ज्योति की चूत को सहलाते हुए) मेरी बीवी की चूत में कितने लंड गए होंगे?
J:- aaahhh गौरव क्या आप भी ना... ज्योति ने गौरव के लंड को पकड़ा... हा ये तो सच में बहुत टाइट हो रखा है...
G:- हा मेरी जान... बताओ ना प्लीज मुझे सुनना तुम्हारे मुंह से की कितने लंड का पानी गिरा है तुम्हारी चूत में...(होठों को सहलाते हुए)
और कितने लंड चूसे है तुम्हारे इन खूबसूरत होठों ने...
J:- आह्ह्ह्ह उम्मम्म सच में सुनना चाहते हो?? तुम्हे कोई प्राब्लम तो नहीं होगी ये सब जान के...
G:- नहीं उल्टा मजा आयेगा मुझे...
ज्योति उसे मामा अब्बास और उसके 2 बॉयफ्रेंड के बारे में बताने लगी.... जैसे जैसे ज्योति बताते जा रही थी वैसे वैसे गौरव पागल होते जा रहा था....उसकी चुदाई के किस्से सुनाते हुए और वो सब इमेजिन करते हुए वो ज्योति को चोदने लगा.... गौरव ने ज्योति को दो बार चोदा...ज्योति उसको ऐसे देखा खुश हो गई सुबह से जो आग उसकी चूत में लगी थी वो गौरव के पानी से काफी हद्द तक बुझ गई थी।
दोनो एकदूसरे से लिपटे बाते करने लगे...
G:- ज्योति उफ्फ मजा आ गया आज तो...मुझे नहीं पता था मेरी बीवी इतनी बड़ी चुद्दकड़ है... सच कहूं इन बातो की वजह से हम दोनो अपनी सेक्स लाइफ बहुत जादा इंजॉय करने लगे है...है ना?
J:- जानू मुझे खुशी है की तुम्हे मजा आ रहा है...
G:- क्यू...तुम्हे नही आ रहा क्या??? अगर तुम्हे इसमें मजा नही आ रहा तो हम इसे नेक्स्ट लेवल पे ले जा सकते है...
J:- मतलब??
G:- मतलब मेरी जान की अगर तुम चाहो तो अब किसी और से चुद सकती हो... एंजॉय कर सकती हो... मुझे कोई प्राब्लम नही...
J:- चुप करो... कुछ भी मत बोलो... मैं आपके साथ बहोत बहोत खुश हु... ज्योति थोड़ा गुस्से में बोली...
G:- हा मेरी जान मुझे पता है... तुम मुझसे बहोत प्यार करती हो... लेकिन मैं तो बस यही कह रहा था की अगर तुम्हे कोई new लन्ड से चुदना है तो चुद सकती हो....
J:- नहीं मुझे नही चुदाना....
G:- ओके बाबा कोई बात नही...चलो अब so jate है कल थोड़ा कम है ऑफिस में... गौरव को लगा की इस बात को अभी के लिए ना छेड़े वही उचित होगा ...उसने ज्योति को किस किया और लाइट ऑफ करके सोने लगे...
ज्योति सोच में डूबी थी..." गौरव को सच में कोई प्राब्लम नही होगी अगर मैं किसी और से चुदी तो?? या सिर्फ वो मेरी टेस्ट ले रहा था?? बातो से तो नहीं लगा की उसे कोई दिक्कत होगी उल्टा उसे मजा ही आएगा... सच कहूं तो मन तो होता है अब मेरा भी की अब पहले जैसे किसी तगड़े लंड के मजे लूं उफ्फ...""
ज्योति ये सब सोचते हुए सो गई।
सुबह गौरव ऑफिस चला गया...गौरव ऑफिस में बैठ के इन चीजों के बारे में और डिटेल में देखने पढ़ने लगा...उसने देखा की ये लाइफस्टाइल फॉरेन में काफी प्रचलित है पर अब यहा भी काफी लोग इस लाइफस्टाइल को एंजॉय कर रहे है.... कुछ चीजे उसे काफी एक्साइट कर रही थी तो कुछ चीजें उसे पसंद नही आ रही थी पर उसके दिमाग में एक प्लान बन रहा था....
शाम होते होते उसने ज्योति को कॉल किया और कहा की "तयार रहना हमे एक पार्टी में जाना है"
J:- ओके... कैसी पार्टी है??
G:- एक क्लाइंट की पार्टी है...वैसे क्यू पूछ रही हो??
J:- अरे बाबा पार्टी के हिसाब से तयार होना पड़ेगा ना...क्या पहनना है उसके लिए पूछा...
G:- हम्मम ऐसी बात है तो ऐसा कुछ पहनना की सब लोग मेरी सेक्सी बीवी को देखते रह जाय.... सबके लंड खड़े हो जाय....और बोले की आह्ह्ह्ह्ह काश इसे चोदने का एक मौका मिल जाय...
J:- अच्छा जी?? ठीक है फिर मुझे मत कहना की ये क्यूं पहना एंड ये न वो...
G:- नहीं कहूंगा जान... वहा कोई पसंद आ जाय तुम्हे और तुम उसका लन्ड अपनी चूत में ले भी लिया तो भी कुछ नही कहूंगा...
J:- धत्त पागल कही के...
ऐसा बोल के ज्योति ने फोन रख दिया....
गौरव ने तुरंत ही एक दूसरा फोन लगाया अपने सिक्युरिटी देखने वाले को और उससे कहा की उसके घर में स्पाई कैम और माइक लगवा दे... और उससे कहा की ये काम छुपाके करना है... घर में 8 बजे से लेकर 12 बजे तक काम हो जाना चाहिए...उसके घर को पूरा बिग बॉस का घर बना दे... एक भी कोना छूटना नही चाहिए ....
गौरव के दिमाग में क्या चल रहा था वो बस उसे ही पता था....
गौरव जब घर आया तो उसने देखा ज्योति तयार ही थी.....
जब उसने ज्योति को देखा उसके तो होश ही उड़ गए....
J:- क्या हुआ?? ऐसे क्या देख रहे हो??
गौरव उसके पास गया और उसे कमर से पकड़ के अपनी और खींचा...
G:- wow मेरी जान तुम तो आज कमाल की लग रही हो....पार्टी में सबकी शामत आनेवाली है... अपने खड़े लंड को छुपाते घूमेंगे सब.... और किसको को मौका मिला न तो तुम्हारी ये साड़ी उठा के चोद देगा कोई...
J:- छोड़ो मुझे जाओ और जल्दी तयार हो जाओ.... बहुत गंदे होते जा रहे हो तुम दिन ब दिन... जब देखो तब ये चोद देगा वो चोद देगा.... सच में कोई एक दिन चोद देगा तब पछताओगे...
G:- आह्ह्ह नही मेरी जान मैं तो चाहता हु की तुम्हे कोई चोदे ...तुम्हारे इन होठों पे अपना तगड़ा काला लंड घुमाएं.... तुम्हारी चूत में डाले...और मस्त तुम्हारी चुदाई करे...तुम्हारे चूत में अपना माल गिराए....
J:- आह्ह्ह्ह सच???
दोनो एक दूसरे की आखों में देख के उनके मन में क्या चल रहा है ये जानने की कोशिश कर रहे थे।
ये बात कुछ आगे बढ़े ज्योति का फोन बजने लगा....ज्योति ने देखा उसकी मम्मी का फोन है....
J:- जाओ जल्दी तयार हो जाओ...मैं मम्मी से बात करती हु....
गौरव तयार होने चला गया....
थोड़ी देर में वो दोनो पार्टी के लिए निकल गए....पार्टी काफी शानदार थी....जैसा कि गौरव ने कहा था वाकई सब लोग ज्योति को ही घूर रहे थे....उसके डीप नेक ब्लाउज से झांकती लगभग आधी चूचियां देख हर कोई खयालों में उसे चोदने के बारे में सोचने लगा था.... गौरव जानबूझ के ज्योति से दूर दूर रह रहा था ताकि कोई उसे अप्रोच करे पर ऐसा कुछ हुआ नही.... गौरव ने 3 4 peg पी लिए थे.... ज्योति के भी 3 ग्लास वाइन के हो चुके थे.... दोनो भी हल्के हल्के सुरूर में थे।
पार्टी खत्म होने को आई थी.... ज्योति ने गौरव से कहा कि चलते है... वाइन थोड़ी जादा हो गई...गौरव ने टाइम देखा 12 बजने वाले थे....उसने सिक्योरिटी एजेंसी वाले को कॉल किया और पूछा की काम हुआ या नहीं??
उसने बताया कि थोड़ा बाकी है 30 मीन लगेंगे....
गौरव ने सोचा की आराम से कार ड्राइव करते हुए जाएंगे तो चल जायेगा....
दोनो कार में से निकल पड़े....
G:- पार्टी अच्छी थी ना??
J:- हा...
G:- मैंने कहा था न की सब लोग तुम्हे देख के लंड मसलेंगे...और मेहता क्या बोल रहा था तुम्हे??? काफी देर तक बाते कर रहा था...और पूरा टाइम बस तुम्हारी ये चूचियां ही देख रहा था....धीरे से गौरव ने ज्योति की चूचियां दबाई....और पल्लू नीचे गिरा दिया....
J:- ड्राइविंग पे ध्यान दो...
G:- हा मेरी जान....ध्यान है मेरा...जरा अपना ब्लाउज का बटन तो खोल दो ....एक ही हुक पे कितना प्रेशर आया हुआ है...
J:- पागल हो गए हो क्या...
G:- खोलो न... कार में ही तो है हम...और पूरा रास्ता सुनसान है...और कितने दिन हो गए हमने कार में मस्ती नही की...आज मन हो रहा है...
दोनो शराब के नशे में थे...ज्योति को भी लगा की इतनी रात को क्या ही होगा?? कोई नही देखेगा...
J:- तुम न कुछ जादा ही नॉटी हो रहे हो आजकल.... और ऐसे बोलते हुए हुक खोल दिए...... गौरव ने धीरे से ब्रा के अंदर हाथ डाला और चूची को सहलाने लगा....
G:- उम्म्म्म साड़ी ऊपर करो ना...
ज्योति ने सीट थोड़ी पीछे ली और पैर फैला गौरव की आखों में देखते हुए साड़ी पूरी ऊपर कर दी....गौरव ने पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाते हुए...
"उम्म्म ज्योति तुम तो गीली हो रही हो...तुम्हारी चूत तो लंड मांग रही है..... है ना?
J:- आह्ह्ह हा सच कहा तुमने...
G:- किसका लंड लेगी?? मेरा या किसी और का?
J:- तुम फिर सुरु हो गए...
G:- अरे मेरी जान... सोचो अगर अभि कोई तुम्हे ऐसे देखेगा तो बिना चोदे छोड़ेगा क्या???
J:- चुप बैठो....
G:- ज्योति सच कहूं... चलो न ट्राय करते है...
J:- क्या???
G:- वो आदमी देख रही हो पैदल जा रहा है...उसके पास गाड़ी रोकता हु तुम बस आखें बंद करके सोने का नाटक करो...उससे कुछ बहाना बना के पूछता हु...
J:-nooooooo गोरव कुछ भी क्या??
G:- मजा आयेगा जान...बस उसका रिएक्शन देखना है कुछ गडबड लगा तो झट से भगा लूंगा...
और बिना ज्योति के जवाब का इंतजार किए...उसने उस आदमी के पास कार रोकी....ग्लास नीचे करके उसे आवाज दी वो आदमी ने अंदर झांका... उसकी नजर जैसें ज्योति पे पड़ी...उसके होश उड़ गए.... ब्रा में कैद मस्त बड़ी बड़ी गोरी चूचियां....मक्खन जैसी सफेद मांसल जांघें और ब्लैक रंग की पैंटी....
गौरव उस आदमी को देख रहा था...."भैया यहां कोई होटल मिलेगा खाना खाने के लिए..."
उसने गौरव को देखा..."नही अब तो सारे बंद हो गए होंगे"
ज्योति आंखे बंद करके लेटी रही...वो आदमी कभी ज्योति को देखता कभी गौरव को...गौरव उसको देख के मुस्कुराया और कार आगे बढ़ा ली...
J:- OMG गौरव आप ना सच में पागल हो...
G:- पागल मैं नही वो हो गया होगा तुम्हारा अधनंगा जिस्म देख के...वही पे मूठ मरना सुरु कर दिया होगा उसने तो....तुम्हे कैसा लगा?
J:- क्या आप भी न...
G:- बताओ न...
J:- दिल जोर जोर से धड़क रहा है मेरा तो....
G:- चूत तो और पानी छोड़ रही होगी ना....धीरे से चूत को सहलाया...
J:- आह्ह्ह हा सच में...अगर वो आदमी।मुझे छूने की कोशिश करता तो...
G:- करने देता... मैं तो उसे तुम्हे चोदने को भी कहता...
J:- ओह्ह्ह अच्छा?
G:- हा बिल्कुल... बोलो चुदना चाहोगी किसी और से अभी?
गौरव ने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाला और चूत सहलाने लगा...
G:- तुम्हारी चूत लंड मांग रही है ज्योति...
J:- आह्ह्ह्ह हा.. तो डाल दो ना अपना लन्ड...
G:- वो मेरा नही किसी और का मांग रही है... वो मेरे लन्ड से अब बोर हो गई है... उसे एक नया लंड चाहिए....उसे और मत तड़पाओ...ले लेने दो उसे
J:- उफ्फ आह्ह्ह्ह गौरव...तुम मुझे पागल बना रहे हो उम्मम्म ये बहोत रिस्की है....
ज्योति पे अब वाइन और हवस दोनो का नशा हावी होने लगा था....
G:- डोंट वरी मेरी जान...कुछ नही होगा...मैं संभाल लूंगा...
ज्योति और गौरव एक दूसरे को देख रहे थे....
गौरव ने कार को दूसरे रास्ते पे मोड़ लिया जो मेन रोड के मुकाबले बहुत सुनसान था....
G:- ज्योति ये रास्ता सुनसान है... यहां पे इस वक्त कम ही लोग आते है...देखते है आज किसकी किस्मत खुलने वाली है...तुम तयार हो ना??
J:- गौरव सच में आप ये करना चाहते है?? ठीक है आपकी खुशी के लिए मैं ये करने को तयार हू... बट अगर मुझे गड़बड़ लगी तो मुझे फोर्स नही करोगे....
G:- आह्ह्ह हा मेरी जान...ज्योति देखो मेरा लन्ड कैसे खड़ा हो गया है अभी से उफ्फ्फ...
ज्योति ने उसके लंड पे हाथ रखा..."उम्मम्म हा उफ्फ"
उस रास्ते पे कोई नही था....5 मिनट तक कोई दिखाई नही दिया ....फिर गौरव की नजर रास्ते के साइड पे पड़ी जहा एक २० २२ साल का लड़का बाइक रोक के खड़ा था और फोन पे बात कर रहा था....गौरव ने कार स्लो कर दी और ज्योति को इशारा किया ... ज्योति ने आंखे बंद कर ली... उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था.... वो सोच रही थी की क्या वो सही कर रही है??? पर उसे इसके बारे में सोच के मजा आ रहा था....गौरव ने देखा आगे पीछे कोई भी नही था....और वो जहा खड़ा था वो कोई बस स्टॉप जैसा लग रहा था पर पूरा अंधेरा था... हो सकता है वो लड़का बीयर पीने रुका हो.... गौरव ने कार उस लड़के के पास रोक दी....ग्लास नीचे किया.... उस लड़के ने देखा वो कार के पास आने लगा....
G:- क्या हुआ भाई?? कोई प्राब्लम है???
वो पास आया और कार में झांका...ज्योति ने बस ब्रा पहनी हुई थी...उसके बूब्स दिख रहे थे....लड़के को नजर उस पे पड़ी एक पल के लिए वो चौक गया ...उसने गौरव को देखा गौरव उसे स्माइल दे रहा था...
लड़का:- नही...नही ..कोई प्राब्लम नही वो कॉल आया था तो बात कर रहा था...
G:- ohhh ठीक है मुझे लगा बाइक खराब हो गई क्या... हेल्प की जरूरत होगी इसलिए पूछा क्यों की टाइम भी बहुत हो गया है और ये रास्ता सुनसान भी है...
गौरव ने देखा वो लड़का ज्योति के बूब्स देखे जा रहा था...
लड़का:- अ... आ.... न... नहीं...नही...वो मैं बस ऐसेही...
G:- क्या देख रहे हो??
लड़का घबरा गया...
L:- कु..ku.. कुछ नही....
G:- साड़ी का पल्लू हटा दिया....घबरा क्यू रहे हो... देखने की चीज है तो अच्छेसे देखो...
लडका शॉक हो गया... लेकिन वो लड़का इस मॉडर्न जमाने का था...उसे इस लाइफस्टाइल के बारे में पता था...उसकी बत्ती तुरंत जल गई....
L:- मस्त माल है सर...कॉलगर्ल है क्या??
G:- अरे नही दोस्त मेरी बीवी है... है ना एकदम मस्त ??
L:- हा सर बहोट सेक्सी है...क्या मैं छू सकता हु??
G:- हा हा क्यू नही...
वो लड़का कांपते हाथो से ज्योति के बूब्स पे रखा...
गौरव का लंड ये देख के एकदम से टाइट हो गया...पहली बार कोई पराया मर्द उसकी बीवी को उसके सामने छू रहा था....इतने दिनो से जो वो इमेजिन कर रहा था आज रियलिटी में हो रहा था....
ज्योति को जैसे ही उस लड़के का हाथ का स्पर्श महसूस हुआ उसकी आह निकल गई...उसने अपना हाथ उसके हाथ पे रखा और अपनी चुचियों पे दबाया ...और आंखे खोली और लड़के को देखा...और वासना भरी स्माइल दी...और उसने गौरव को देखा जो उसे देख के स्माइल कर रहा था.... वो लड़का समझ गया की ये दोनो पति पत्नी का आइडिया है....
L:- आह्ह्ह सर क्या मस्त चूचियां है मैडम की उफ्फफ्फ... कभी सोचा नही था की ऐसी सेक्सी औरत की चूचियां मसालूंगा उफफ्फफ
G:- हम्मम...ज्योति जरा साड़ी तो ऊपर करो...जरा इसे अपनी चूत तो दिखाओ....
ज्योति ने उस लड़के को देखा और अपनी साड़ी ऊपर करने लगी....और पैर फैला के सीट पे थोड़ा आगे सरकी....
गौरव आगेपीछे देख रहा था की कोई आ तो नही रहा....लेकिन दूर दूर तक कोई नही था....
G:- क्या नाम है तुम्हारा??
L:- मेरा नाम सागर है...
G:- सागर जरा छू के बताओ मेरी बीवी की चूत कैसी है...
सागर ने ज्योति को देखा और उसकी चूत पे हाथ रखा...और उंगली चूत की दरारों में रगड़ने लगा....
S:- आह सर उफफ्फफ कितनी गीली हो रही है ummmmm अह्ह्ह्ह
G:- ज्योति कैसा लग रहा है ?? गौरव ज्योति के पैरो को फैलाते हुए पूछा...
J:- आह्ह्ह्ह मजा आ रहा है उम्मम्म....ज्योति अपने बूब्स कों खुद मसल रही थी और निपल्स को उंगलियों में दबा रही थी...
S:- मैम आपकी चूत लंड मांग रही है उफफ्फ
J:- आह्ह्ह्ह हा... गौरव क्या मैं सागर का लंड चूस सकती हु??
G:- हा मेरी जान क्यू नही....
सागर को अपनी किस्मत पे भरोसा नही हो रहा था.... ऐसेही राह चलते इतनी खूबसूरत सेक्सी औरत उसका लन्ड चूसने के लिए मांग रही थी....
सागर ने फटाफट अपनी पैंट की जिप खोली और लंड बाहर निकाला...गौरव और ज्योति उसका लन्ड देखने लगे... सगर्बका लंड बहुत लंबा और मोटा था....ज्योति ने उसे पकड़ा और गौरव को देखा और सागर को देखते हुए उसे आगे पीछे करने लगी....
J:- अअह्ह्ह wow कितना बड़ा है तुम्हारा सागर....
S:- उम्मम्मम मैम उफ्फफ.... क्यू सर का छोटा है क्या??
J:- उफ्फ हां तुमसे छोटा है.. गौरव को देखते हुए बोली
G:- ज्योति पसंद आया तुम्हे सागर का लंड..???
J:- आह्ह्ह्ह हा बहुत....
G:- तो फिर किसका वेट कर रही हो चूसो ना... गौरव अपना लन्ड सहलाते हुए बोला.... और ज्योति के बूब्स को मसलने लगा... अच्छेसे चूसो मेरी जान जी भर के सागर को खुश कर दो...उसे दिखाओ न की तुम कितना मस्त लंड चूसती हो..
गौरव ये सब बहुत एंजॉय कर रहा था... आखिर उसने जो सोचा था वो आज हो रहा था.... उसने जितना सोचा था उससे कही ज्यादा उसे मजा आ रहा था....
ज्योति ने सागर का लंड की स्किन पीछे की और सुपाड़े के ऊपर जुबान घूमने लगीं....लंड के छेद से प्रीकम आ रहा था उसे सागर की आखों में देखते हुए चाटा....और पलट के गौरव को देखा...गौरव उसकी चूत को सहला रहा था.. ...
G:- ज्योति लगता है तुम्हे सागर के लंड का टेस्ट बहुत पसंद आ रहा है.... चूत कितनी गीली हो रही है उफ्फ
ज्योति ने पलट के देखा और गौरव की आखों में देखते हुए सागर का लंड चूसने लगी....
सागर बस दोनो पति पत्नी की हरकते देख रहा था उनकी बाते सुन रहा था...
ज्योति ने सुपाड़ा मुंह में भरा और सागर के 9 इंची लंड को आगे पीछे करने लगी....उसकी आखों में देखते हुए बड़ी शिद्दत से लंड को चूस रही थी.... गौरव बड़े मजे से अपना लन्ड सहलाते हुए अपनी बीवी को किसी पराए मर्द का लंड चूसते हुए देख रहा था....
ज्योति बहोत जोश में आ गई थी लंड चूसते हुए अपनी चूत सहलाई जा रही थी....गौरव ये सब गौर से देख रहा था...
G:- उम्मम्म ज्योति अपनी उंगली को क्यू तकलीफ दे रही हो जान इतना मस्त तगड़ा लंड है चाहो तो उससे अपनी चूत की खुजली मिटा सकती हो....
ज्योति ने गौरव को देखा...और सागर को देखा...सागर थोड़ा पीछे हट गया...उसे लगा पिछली सीट पे अब वो ज्योति की चुदाई करेगा...लेकिन ज्योति लंड पकड़े हुए कार की खिड़की से बाहर निकल के उसका लन्ड चूसने लगी... गौरव ने देखा की ज्योति घुटनों पे है उसने पिचेसे ज्योति की साड़ी ऊपर की और चूत को सहलाने लगा....
G:- उम्मम्मम कितना चूसोगी मेरी जान...
J:- पलट के गौरव को देखा... आह्ह्ह जान बहोत सालो बाद ऐसा तगड़ा लंड मिला है चूसने दो ना जी भर के उफफ्फफ
गौरव ज्योति की इस अदा को देख पागल हो गया... वो अब शादी से पहले वाली रंडी ज्योति को देख रहा था....
G:- जान जरा उसे भी अपनी चूत का स्वाद चखने दो....क्यू सागर क्या कहते हो??
S:- हा मैम प्लीज मुझे आपकी चूत चाटना है उम्मम्म
ज्योति ने उसका लन्ड छोड़ा...और गौरव को देखा...और फिर उसने इधर उधर देखा...
G:- घबराओ मत जान...कोई नही आस पास...
S:- हा मैम इस रास्ते से इस टाइम कोई नही आता...
ज्योति धीरे से बाहर निकली...और सागर के पास गई सागर ने उसे अपने पास खींचा और किस करने लगा....
ज्योति उसका लन्ड सहलाते हुए आहे भर रही थी...उसे लग रहा था की कब ये तगड़ा लंड मेरी चूत में जायेगा....
गौरव सरक के ज्योति की सीट पे आ गया...ज्योति को उसका लन्ड मसलते हुए देखने लगा
ज्योति खिड़की के पास झुक के खड़ी हो गई....सागर समझ गया उसे क्या करना है...वो नीचे बैठा और ज्योति की साड़ी ऊपर कर दी...ज्योति की चूत के पास नाक लेके गया और सूंघने लगा...और अंगूठे से ज्योति की चूत को सहलाने लगा....
S:- आह्ह्ह्ह्ह मैम उफ्फ कितनी मस्त खुशबू है उम्मम्म...और अपना मुंह अंदर घुसा दिया और जुबान से चाटने लगा...
ज्योति गौरव को देख के आहे भर रही थी और गौरव उसे देख अपना लन्ड मसल रहा था....
G:- उफ्फ कैसा लग रहा है ज्योति??? मजा आ रहा है ना???सागर अच्छेसे चाटो.... गीली कर दो अच्छेसे... तुम्हारा लंड आसानी से अंदर जाना चाहिए...है ना ज्योति???
J:- आह्ह्ह हा उफ्फ गौरव के लंड की आदत है मेरी चूत को...तुम्हारा लंड बहोत तगड़ा है ufffff
गौरव की आखों में देखते हुए ज्योति ने कहा....
G:- उम्मम्मम ज्योति को किस किया और धीरे से उसके कान में कहा....आदत डाल लो अब तुम्हे ऐसेही मोटे काले लंबे लंड से चुदना है....
ज्योति ने गौरव को किस किया और धीरे से बोली "आह्ह्ह्ह थैंक यू जान उफ्फ" और अपनी गांड़ को सागर के मुंह पे जोर से दबाने लगी...
G:- सागर जल्दी करो...ज्योति अब तयार है तुम्हारे लंड के लिए....
सागर खड़ा हुआ और ज्योति की चूत पे लंड रखा...और एक झटका दिया...आधा लंड ज्योति की चूत में समा गया...ज्योति के मुंह से हल्की सी चीख निकली....गौरव ज्योति को देख रहा था और पीछे देखा सागर का लंड आधा ज्योति की चूत में था....
G:- उफ्फ ज्योति sssssssss aahhbbhhhhh कितना मस्त लग रहा है सागर का लंड तुम्हारी चूत में उफफफ्फफ...
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ज्योति ने उसे स्माइल दी...और पलट के "आह्ह्ह सागर धीरे ना ummmm"
सागर ने ज्योति की कमर पकड़ी और लंड बाहर निकाला और धीरे से अंदर डालने लगा....धीरे धीरे पूरा लन्ड ज्योति की चूत में समा गया था....गौरव ये देख के पागल सा हो गया... अपनी प्यारी पत्नी की चूत में किसी राह चलते पराए मर्द का लंड जाते देख उसका लन्ड रॉड जैसे सख्त हो गया था...वो मन ही मन सोचने लगा..."जफर बिल्कुल सच बोल रहा था अपनी बीवी की चूत में किसी और का लंड जाते देखने का नशा ही कुछ और है उफ्फ और मेरी बीवी भी कितने मजे से चुद रही है उफ्फ"
G:- ज्योति मजा आ रहा है न?? सागर उफ्फ चोदो मेरी बीवी को उफ्फ बहोत दिनों बाद उसे तगड़ा लंड मिला है...है ना ज्योति??
J:- आह्ह्ह्ह हा येस येस.... ऐसेही चोदो सागर उफ्फ...गौरव तुम्हे कैसा लग रहा है अपनी बीवी को ऐसे चुदवाते देख??
ज्योति गौरव के मन में सच में क्या चल रहा है ये जानना चाहती थी...
G:- ज्योति मेरी प्यारी बीवी यूफफ्फ मत पूछो मुझे कितना मजा आ रहा है.... तुम्हारी चूत से अंदर बाहर होता लंड देख के मैं पागल हो रहा हु उफ्फ क्या जोड़ी लग रही है सागर का काला मोटा लंड और तुम्हारी चिकनी चूत और गोरी गांड उम्मम्म
सागर दोनो की ऐसी बातों से काफी उत्तेजित हो रहा था... उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी...
ज्योति की गांड़ को दबाते हुए वो उसे खप खप चोदे जा रहा था...
S:- आह्ह्ह सर wow क्या मस्त बीवी मिली है आपको उफ्फ क्या चूत है साली की आह्ह्ह्ह ऐसा मजा तो मुझे मेरी gf ने भी कभी नही दिया जो इसकी चूत दे रही है उम्मम्म ऐसी माल बीवी मिले तो दिनरात चोदता रहु....
J:- आह्ह्ह सागर उफ्फ मुझे भी ऐसा लंड मिले तो उसे अपनी चूत से निकालू ही न.... चोदो aaaahhhhhh yessssss
तीनो बहोत जादा उत्तेजित हो चुके थे....गौरव ने अपना लन्ड पैंट से बाहर निकाला और हिलाने लगा...ज्योति ने देखा गौरव उसे चुदता देख अपना लन्ड हिला रहा था... वो उसे देख के स्माइल कर रही थी...और अपनी गान्ड हिला के सागर को जोर से चोदने के इशारे कर रही थी....
J:- सागर येस्सस्स येस्स्स और अंदर उफफ्फ मेरा होने वाला है उम्मम्म्म
सागर समझ गया था की ज्योति झड़ने वाली है....वो भी अब झड़ने के करीब ही था....
S:- yessss मैम मेरा भी होने वाला है....
G:- येस्सस्स चोदो सागर उफ्फ भर दो अपने पानी से मेरी बीवी की चूत आआह्ह्हह्ह.....
ये बोलते हुए वो अपना लन्ड जोर जोर से हिलाने लगा...और अगले ही पल उसके लंड से पिचकारी निकलने लगी...
ज्योति उसे देख रही थी.... उसने देखा गौरव के लंड से ढेर सारा पानी निकल रहा है....उसने इतने सालो में कभी भी गौरव को इस तरह झड़ते नही देखा था....गौरव भी इस बात की अनुभूति कर रहा था...ऐसा ऑर्गेज्म उसने कभी भी एक्सपीरियंस नही किया था....ज्योति उसे ऐसे झड़ते देख अपना कंट्रोल लूज कर दी और भी चरमसुख तक पहुंच गई...उसने गौरव का हाथ जोर से पकड़ रखा था...
उधर सागर ने भी आखरी धक्का लगाया और अपना सारा माल ज्योति की चूत में डालने लगा....
तीनो बदहवास हो के अपना चरमसुख को एंजॉय कर रहे थे...वो भूल गए थे की वो रोड साइड ये सब कर रहे थे... ज्योति ने खुद को संभाला और सागर को देखने लगी...उसने किस किया..और उसका लन्ड को सहलाने लगी...
गौरव ने देखा... ज्योति की चूत में सागर ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया था.....ज्योति की चूत सागर के गाढ़े वीर्य से लबालब भर गई थी..... उसकी चूत से से होता हुआ पानी ज्योति के जांघो पे बह रहा था.....ये सब देख के गौरव पागल हो रहा था....उसने खुद अपनी बीवी को एक पराए मर्द से चुदवा के एक अलग ही आग में खुद को झोंक दिया था.... अपनी बीवी को चुदवाने का चस्का उसे लग गया था..उसने देखा सागर का लंड पूरा रस से भीगा हुआ था....
" जान सागर का लंड साफ नही करेगी क्या??"
ज्योति नीचे बैठी और सागर का लंड चूसने लगी ...चाटने लगी...पूरा चाट के उसका लन्ड साफ कर दिया।
तभी उनको दूर से आती हुई एक कार दिखाई दी...ज्योति जल्दी जल्दी कार में बैठ गई...
सागर ने भी अपने कपड़े ठीक किए...
S:- सर सच में आज मेरी किस्मत खुल गई जो आप मुझे मिले...मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था ये... मैं xyz इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता हु...कभी दुबारा मुलाकात हो पाएगी?
G:- जरुर क्यू नही...अपना नंबर दे दो मुझे...मैं कॉल करूंगा...
उसने गौरव को अपना नंबर दिया...
S:- मैम आप बहोत बहोत हॉट हो...आपको मजा आया ना??
J:- हा बहोत... मस्त चोदते हो तुम सागर... मेरे पुराने दिन याद दिलवा दिए तुमने आज...
S:- आपको एतराज ना हो तो मैं आपके साथ आपके घर चल सकता हु अभी पूरी रात एंजॉय कर सकते है...
ज्योति ने गौरव की और देखा... लेकिन गौरव के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था...
G:- आज के लिए इतना काफी है... जल्द ही मिलेंगे...मैं कॉल करूंगा...
S:- आपने अपना नंबर तो दिया ही नहीं...
G:- डोंट वरी मैं कॉल करूंगा... चलो अब चलते है...
और गौरव ने कार को आगे बढ़ा दिया....