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Update 8
गौरव और ज्योति दोनो बहोत खुश थे...गौरव ने आखिर अपने मन की कर ली थी और ज्योति भी बहोत सालो बाद एक तगड़े लंड से चूदी थी।
दोनो एकदूसरे को देख रहे थे....
G:- ऐसे क्या देख रही हो??
J:- मुझे यकीन नही हो रहा की मैने ये किया या यू कहूं हमने ये किया...
G:- मजा आया ना??
J:- बहोत.... उफ्फ मस्त चोदा उसने...
G:- मुझे भी ... जब वो तुम्हे चोद रहा था तुम्हारे चेहरे की खुशी देख कर... मुझे मजा आ रहा था .....और मुझे ये भी पता है तुम्हे और एक राउंड चुदवाना था उससे...
J:- ह्म्मम हा... मुझे लगा तुम उसे अपने साथ घर चलने बोलोगे...
G:- सब्र रखो मेरी जान .... तुम जिससे चाहो जब चाहो चुदवा लेना... बस मेरे सामने चुदवाना...
गौरव ने सागर को घर पर नहीं चलने को कहा क्यू की वो उसे घर पे जाके कैमरा ठीक से लगे है या नही चेक करना था और रात भी बहुत हो गई थी।
दोनो घर पहुंचे और फ्रेश हो कर सो गए।
सुबह बेल की आवाज से दोनो की नींद खुली...
J:- ये मालती इतने जल्दी कैसे आ गई आज?? उसको कितनी बार बोला है की संडे को जल्दी मत आया कर...
G:- जाओ ना जल्दी ...वरना वो बेल बजाती रहेगी...
ज्योति नाइटी में ही उठ के दरवाजा खोलने चली जाती है....जैसे ही दरवाजा खोलती है... और देखती है की उसके मामाजी सामने खड़े है..."मामाजी आप??"
मामाजी उसे देखे जा रहे थे बिना ब्रा के नाइटी जो बस घुटनों तक थी...ज्योति की बड़ी बड़ी चूचियों से उसकी नजर ही नहीं हट रही थी....
"उफ्फ ज्योति क्या लग रही है.... कितने दिनों बाद देख रहा हु इसे ...ये तो और भी ज्यादा सेक्सी हो गई है....थैंक यू ऊपरवाले ऐसा नजारा दिखाने के लिए"
मामा मन ही मन ऐसे सोच रहा था और पैंट में उसका लन्ड खड़ा होने लगा था।
ज्योति को जबतक समझ आता की वो किन कपड़ो में है तब मामा के होश उड़ गए थे...ज्योति जल्दी से मामा को बैठने बोलती है...और बेडरूम में आती है....गौरव को बताती है कि मामाजी आए है तो गौरव ...बाहर आता है ज्योति भी नाइटी चेंज करके सलवार सूट पहन लेती है...
G:- मामाजी आप ऐसे अचानक कैसे???
M:- अरे दामादजी... वो यहां रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर का एक वर्कशॉप है उसे अटेंड करने आया हु... अभी न्यू सोल्जर को अपने एक्सपीरियंस के बारे में बताना और उन्हें कुछ सिखाना उसने मुझे इनविटेशन मिला था तो सोचा ज्योति भी यही है तो मैं चला आया...
G:- अच्छा किया बहोत दिनों से आपसे मुलाकात नही हुई थी....तभी ज्योति चाय लेके आती है...ज्योति भी आपको बहोत याद कर रही थी...गौरव ज्योति को नॉटी नजरो से देखते हुए कहता है... ज्योति शरमा जाती है...
J:- हा मामाजी 3 4 साल बाद आपको देख रही hu... बाकी सब कैसे है?
M:- सब ठीक है...तुम्हे बहुत याद करते है...
G:- और आप तो कुछ ज्यादा ही याद करते होंगे ना...आपकी लाडली जो है... गौरव ज्योति को देखते हुए कहता है।
M:- हा वो तो है.... बहुत याद करता हु ...ऐसे बोल के ज्योति को ऊपर से नीचे तक देखा।
गौरव ने ये देख लिया..."हम्म्म मुठ मारने के टाइम याद करते होंगे"
ये सोच के गौरव को उत्तेजना महसूस होने लगी थी।
J:- आपने फोन क्यू नही किया मैं गौरव को भेज देती ना स्टेशन...
M:- अरे बेटी वो आर्मी ऑफिस से आए थे.. मैंने कहा की एक बार मिल लेता हु तुम लोगो से फिर चला जाऊंगा वहा सब अरेंजमेंट है...
G:- अरे ऐसे कैसे मामाजी यहां हमारे होते आप वहा क्यू रहेंगे...आप यही रहेंगे हमारे साथ और ऑफिस ज्यादा दूर नहीं है...
J:- हा मामाजी... वैसे कितने दिन का है वर्कशॉप?
M:- बेटी 5 दिन का है... मैं वही ठीक रहूंगा...तुम लोग तकलीफ मत करो...
J:- इसमें तकलीफ की क्या बात है...
G:- हा मामाजी बिल्कुल ज्योति सही कह रही है... आप यही रहेंगे...मैं ड्राइवर को बोल दूंगा वो आपको pick up drop कर दिया करेगा... वैसे आज से सुरु होने वाला है या कल से...??
M:- सुरु तो कल से होगा पर अभी थोड़ी देर बाद इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है तो मुझे जाना होगा...
J:- ठीक है आप गेस्ट रूम में चलिए फ्रेश हो जाइए तबतक मैं नाश्ता बना देती हु. ...
M:- ठीक है बेटी...
मामा चाय पी के गेस्ट रूम में चला गया...ज्योति नाश्ता बनाने लगी...
गौरव किचन में गया और ज्योति को पिछेसे हग किया..."क्या बना रही हो अपने पहले यार के लिए???
J:- क्या गौरव आप भी ना...
G:- क्या?? सच ही तो कहा ना... यही तो वो आदमी है जिसने पहली बार मेरी बीवी को छुआ था...अभी भी उसकी आखों में तुम्हारे लिए हवस कम नही हुई है...ऐसे देख रहे थे जैसे कच्चा चबा जायेंगे तुम्हे...
J:- कुछ भी... अरे अब तो उमर हो गई है उनकी...
G:- जान आर्मी वाला कभी बूढ़ा नही होता...(एक हाथ से चूची और एक हाथ से गांड दबाते हुए) और ये तुम्हारी चूचियां और गांड़ देख के तो मुर्दे का भी खड़ा हो जायेगा...
J:- अरे हा न...मुझे लगा मालती है मैं तभी नाइटी में ही दरवाजा खोलने चली गई....मुझे देख के तो वो कुछ बोल ही नहीं पाए....
G:- हा इतनी सेक्सी गदरायी औरत को देख के किसिकी भी बोलती बंद हो जाय... मुझे तो लगता है की अभी भी तुम्हे याद करके हिला रहे होंगे...
J:- कुछ भी बोलते हो... हटो मुझे काम करने दो...
G:- रुको 2 मीन...
गौरव जल्दी से अपने रूम में गया और अपना मोबाइल और हेडफोन ले आया.....उसने एक हेडफोन ज्योति को दिया और दूसरा खुद के कान में डाल दिया...
J:- क्या कर रहे हो गौरव??
G:- एक मिनट रुको तो....
गौरव ने एक app खोला और एक एक करके कैमरा की फुटेज चेक करने लगा...उसे गेस्ट रूम के बाथरूम का कैमरा मिला...वो उसे देखने लगा और उसका साउंड बढ़ा दिया...
G:- ज्योति ये देखो...ज्योति कुतुहल से देखने लगी....उसने देखा की गेस्ट रूम के बाथरूम में मामा नहा रहा था...
J:- ये क्या है?? और ये सीसीटीवी कब लगाई आपने?? और आवाज भी आ रही है....
G:- वो सब बाद में बताता हु...पहले ये तो देखो...
ज्योति ने देखा मामा अपना काला मोटा 10 इंची लंड को मसल रहा था...लंड पूरा टाइट था...
M:- aaaahhhhhh ज्योति उफ्फफ्फ क्या माल बन गई हो तुम अब sssssss ahhh जब पहली बार तुम्हारा बदन मसला था तब बहुत छोटी थी....अब एकदम भर गई हो.. काश एक बार चोदने का मौका मिल जाय... ऐसे पटक के चोदूंगा ना की क्भिबकिसी ने नही चोदा होगा....अपने लंड की रंडी बनाऊंगा तुझे.... बस एक बार मौका दे... तू खुद लंड मांगेगी मुझसे.... उफफ्फ
G:- wow ज्योति देखो मैंने कहा था...देखा बिचारे का क्या हाल बना दिया तुमने....
J:- चुप करो...मुझे तो यकीन नहीं हो रहा...
G:- किस बात का?? की मामा का लंड खड़ा भी होता है और तुम्हे अपनी रंडी बनाने के बारे में सोच रहा है इस बात का??
J:- दोनो.... आज भी नही बदले... अपनी भांजी को चोदने का सोच रहे है....
गौरव ने धीरे से अपना हाथ ज्योति के सलवार के ऊपर से चूत पे रखा...."भांजी भी तो गीली हो रही है मामा का लंड देख के...ज्योति तुम्हारी चूत मामा का लंड मांग रही है.. दोगी उसे?"
गौरव ज्योति की आखों में देखते हुए पूछता है।
J:- आह्ह्ह्ह गौरव प्लीज मत छेड़ो ना ....
G:- मुझे पता है ज्योति तुम अपनी चूत की मांग पूरी करोगी...है ना?
J:- आह्ह्ह्ह गौरव उफ्फ...
G:- मत तड़पाओ ज्योति... चाहो तो अभी जा के ले लो अपने मामा का लंड अपनी चूत में.....
J:- आह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ....
ज्योति मामा को देखे जा रही थी...
M:- अःह्ह्ह ज्योति उफ्फ मेरी जान येस्सस्सस yessssss
मामा ज्योति का नाम लेके जोर जोर से हिला रहा था....कुछ ही मिनटों में उसका लन्ड वीर्य उगलने लगा....ज्योति और गौरव ये सब देख रहे थे....
G:- उम्मम्म ज्योति देखा तुमने अभी भी खड़ा है उनका लंड...
J:- omg सच में उफ्फ....
G:- मौका गवा दिया तुमने...
J:- हटो...जाओ यहां से...मामाजी आते ही होंगे मुझे नाश्ता बनाने दो.... और आप भी नहा के आओ जल्दी...
गौरव अपने रूम में चला गया । ज्योति नाश्ता बनाने लगी...
गौरव नहाने के लिए अपने रूम के बाथरूम में गया..."मैं सोच ही रहा था की सागर के साथ कैसे प्लान बनाया जाय लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं है.. मामा जी जो आ गए अब... मामा को बस मौका मिल जाए वो ज्योति को चोदे बिना नही रहेंगे... ज्योति भी मना नही करेगी... मुझे दोनो को मौका देना पड़ेगा... मेरे रहते शायद मामा कुछ न करे...एक बार उनका काम हो जाय... फिर सामने बैठ के देखूंगा मामा कैसे अपनी भांजी को चोदता है"
गौरव कुछ प्लान बना रहा था।
ज्योति नाश्ता बनाते हुए सोच रही थी"मामाजी आज भी मुझे याद करके मूठ मार रहे थे....omg क्या मस्त तगड़ा लंड है उनका ...गौरव सही बोल रहे थे...मेरी चूत सच में उनका लंड मांग रही है.... आह्ह्ह्ह कितना मजा आयेगा जब उनका लंड मेरी चूत में जायेगा....उनकी भी बरसो पुरानी इच्छा पूरी हो जायेगी... उम्मम्म मामाजी आपकी भांजी इसबार आपको पूरा मजा देगी "
ज्योति ये सब सोच के उत्तेजित हो रही थी। तभी उसे मामा के आने की आहट हुई... उसने जल्दी जल्दी नाश्ता प्लेट में रखा...मामा तब तक हॉल में आके बैठ गया था...
ज्योति ने उनके पास गई और झुक के नाश्ता देने लगी...झुकने की वजह से उसकी आधी चूचियां मामा के आखों के सामने थी...मामा ने देखा और ऊपर ज्योति की आंखो में देखा...ज्योति स्माइल कर रही थी... उसने प्लेट ली और खाने लगे....
ज्योति वापस अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन में जाने लगी...मामा उसकी गांड़ को देखे जा रहा था।
" वाह्ह्ह क्या मस्त गांड है यार... छोटी थी तब से इसकी गांड मुझे बहोत पसंद है उफ्फ"
ज्योति पानी लेके वापस आई और जानबूझ के मामा के पास बैठ गई।
J:- मामाजी आप आ ही रहे थे तो मामी को क्यू नही लेके आए....
M:- अरे बेटा... उसकी तबियत ठीक नहीं है... तुम्हे तो पता ही है ना उसकी स्पाइन का प्रॉब्लम है...ट्रेवलिंग में और तकलीफ होने लगती है"
J:- ( मन में ) हम्म्म आप जैसा घोड़ा चढ़ेगा तो क्या ही कमर ठीक रहेगी... आप जैसे को मेरी जैसी घोड़ी ही संभाल सकती है
J:- हा मम्मी बता रही थी.... आपको खयाल रखना चाहिए न थोड़ा..
M:- मैं तो खयाल रखता ही हूं बेटी.... जब से रिटायर हुआ हु तब उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता...
J:- तभी तो उनकी ये हालत हो गई होगी.... ज्योति के मुंह से निकल गया....
M:- मतलब???
J:- मतलब....वो...की ...मैं..मैं ये कह रही थी उसके पहले उनकी तबियत खराब रहती थी ना...आप आ गए तो अब अच्छी हो रही है...
M:- अच्छा सुन मैं भूल ही गया...तेरी मामी ने तेरे फेवरेट बेसन के लड्डू भेजें है...मेरी बैग में है..
J:- सच में ?? Wow मैं बहोत मिस कर रही थी...जब भी लड्डू खाती हु तब तब मामी के हाथ के लड्डू याद आते है...थैंक यू....और ऐसा बोला के ज्योति मामा को हग करती है....मामा को ये एक्सपेक्ट नहीं था....वो थोड़ा पीछे हटा...जिस वजह से ज्योति के हाथ उसके गले की जगह पे पेट पे लिपट गए और ज्योति के बूब्स उसके लंड पे दब गए.... ज्योति की गांड़ देख के उसका लन्ड पहले से ही आधा खड़ा था...बूब्स के नरम स्पर्श से एक ही सेकंड में पूरा टाइट हो गया..ज्योति को भी उसके लंड का हार्डनेस अपनी चुचियों पे फील हुआ....मामा थोड़ा संभला और एक हाथ उसकी पीठ पे रख के हग करने लगा....
M:- आज भी नही बदली...लड्डू के नाम से एकदम बच्ची बन गई हो....
ज्योति ये मौका गवाना मुनासिब नहीं समझा...वो और अपनी चूचियां लंड पे रगड़ने लगी और सर मामा के छाती पे रखा..."हा आपके लिए मामी के लिए मैं अभी भी बच्ची ही तो हूं"
मामा का लंड अब पूरे जोश में आ गया था...ज्योति की नरम चुचियों पे रगड़ने में उसे परम आनंद की प्राप्ति हो रही थी... वो धीरे धीरे ज्योति की पीठ सहलाने लगा।
M:- हा मेरी बच्ची... तू बिल्कुल वैसी ही है... याद है मुझे सब... हमेशा मुझसे ऐसेही चिपकी रहती थी तू...
ज्योति ने हग तोड़ा और मामा की आखों में देखते हुए स्माइल करने लगी....एक नजर उसकी मामा के खड़े लंड पे गई....मामा ने उसे देखा की वो लंड को देख रही है तो...वो थोड़ा संभल के बैठते हुए छुपाने की कोशिश करने लगा......
J:- हा मुझे सब याद है.....खासकर के वो वाले दिन जब आपकी शादी होने वाली थी और हमारे घर पे 3 4 दिन रुके थे...कितना मजा किया था न आपने....मतलब हमने?
मामा को वो इंसीडेंट याद आ गया जब वो रात को ज्योति के रूम में जा के उसको मसला था।
M:- हा...बहुत अच्छी तरह याद है....उसके बाद मौका ही नही मिला....
J:- हा... मौका मिलता तो और मजे करते....मामा की आखों में देखते हुए धीरे से इस अंदाज में कहा की मामा सोच में पड़ गया....
लेकिन आगे कुछ बोल पाता...तभी गौरव वहा आ गया...
G:- क्या बाते चल रही है मामा भांजी के बीच???
M:- कुछ नही...बस ऐसेही....
G:- अच्छा मामाजी आप कबतक वापस आओगे??
M:- पता नही.....इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है शायद 3 4 बजे तक आ जाऊंगा...
G:- ठीक है... मुझे थोड़ा ऑफिस जाना होगा 3 बजे ...अर्जेंट काम आ गया कुछ...तो आपको मैं रात को ही मिलूंगा...ज्योति डिनर में मामाजी की फेवरेट बनाना कुछ...
J:- क्या आप भी आज संडे को भी काम??
G:- अरे अब क्या करे??
M:- दामाद जी बुरा मत मानना पर ज्योति सही कह रही है...
G:- मामाजी आपकी बात सही है... पर ये थोड़ा अर्जेंट है...
M:- ठीक है...अब मैं क्या बोलूं?
G:- वो मामाजी ड्राइवर खड़ा है बाहर आपका वेट कर रहा है।
मामा दोनो को बाय बोल के निकाल गए।
गौरव ने ज्योति को अपनी बाहों में लिया..."क्या बाते हो रही थी...."
J:- कुछ नही ... उनको पुरानी बाते याद दिला के उकसा रही थी...
G:- उम्मम्म मतलब तुम अपनी चूत के आगे बेबस हो गई..
J:- हम्म्म... नहीं प्यार के आगे...
G:- मतलब???
J:- अपने पति से बहोत प्यार करती हु ना.... और उनकी इच्छा को कैसे मना करती??
G:- ohhhh ऐसी बात है?? तो मेरी प्यारी पत्नी जी कुछ सोचा है कैसे करेगी???
J:- हम्म्म नही सोचूंगी...पर आप ये कहा जाने की बात कर रहे थे??
G:- अरे वैसे तो अर्जेंट कुछ नही...पर सोचा की तुम दोनो को खुलने के लिए थोड़ा स्पेस दे दूं...
J:- OMG... बहुत समझदार हो गए हो...
दोनो हसने लगे....
दोनो इस वासना की आग में एक कदम और आगे बढ़ने लगे थे.... उधर मामा के भी तनबदन में आग लग गई थी...
पता नही ये आग कब और कैसे कैसे बुझेगी।
गौरव और ज्योति दोनो बहोत खुश थे...गौरव ने आखिर अपने मन की कर ली थी और ज्योति भी बहोत सालो बाद एक तगड़े लंड से चूदी थी।
दोनो एकदूसरे को देख रहे थे....
G:- ऐसे क्या देख रही हो??
J:- मुझे यकीन नही हो रहा की मैने ये किया या यू कहूं हमने ये किया...
G:- मजा आया ना??
J:- बहोत.... उफ्फ मस्त चोदा उसने...
G:- मुझे भी ... जब वो तुम्हे चोद रहा था तुम्हारे चेहरे की खुशी देख कर... मुझे मजा आ रहा था .....और मुझे ये भी पता है तुम्हे और एक राउंड चुदवाना था उससे...
J:- ह्म्मम हा... मुझे लगा तुम उसे अपने साथ घर चलने बोलोगे...
G:- सब्र रखो मेरी जान .... तुम जिससे चाहो जब चाहो चुदवा लेना... बस मेरे सामने चुदवाना...
गौरव ने सागर को घर पर नहीं चलने को कहा क्यू की वो उसे घर पे जाके कैमरा ठीक से लगे है या नही चेक करना था और रात भी बहुत हो गई थी।
दोनो घर पहुंचे और फ्रेश हो कर सो गए।
सुबह बेल की आवाज से दोनो की नींद खुली...
J:- ये मालती इतने जल्दी कैसे आ गई आज?? उसको कितनी बार बोला है की संडे को जल्दी मत आया कर...
G:- जाओ ना जल्दी ...वरना वो बेल बजाती रहेगी...
ज्योति नाइटी में ही उठ के दरवाजा खोलने चली जाती है....जैसे ही दरवाजा खोलती है... और देखती है की उसके मामाजी सामने खड़े है..."मामाजी आप??"
मामाजी उसे देखे जा रहे थे बिना ब्रा के नाइटी जो बस घुटनों तक थी...ज्योति की बड़ी बड़ी चूचियों से उसकी नजर ही नहीं हट रही थी....
"उफ्फ ज्योति क्या लग रही है.... कितने दिनों बाद देख रहा हु इसे ...ये तो और भी ज्यादा सेक्सी हो गई है....थैंक यू ऊपरवाले ऐसा नजारा दिखाने के लिए"
मामा मन ही मन ऐसे सोच रहा था और पैंट में उसका लन्ड खड़ा होने लगा था।
ज्योति को जबतक समझ आता की वो किन कपड़ो में है तब मामा के होश उड़ गए थे...ज्योति जल्दी से मामा को बैठने बोलती है...और बेडरूम में आती है....गौरव को बताती है कि मामाजी आए है तो गौरव ...बाहर आता है ज्योति भी नाइटी चेंज करके सलवार सूट पहन लेती है...
G:- मामाजी आप ऐसे अचानक कैसे???
M:- अरे दामादजी... वो यहां रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर का एक वर्कशॉप है उसे अटेंड करने आया हु... अभी न्यू सोल्जर को अपने एक्सपीरियंस के बारे में बताना और उन्हें कुछ सिखाना उसने मुझे इनविटेशन मिला था तो सोचा ज्योति भी यही है तो मैं चला आया...
G:- अच्छा किया बहोत दिनों से आपसे मुलाकात नही हुई थी....तभी ज्योति चाय लेके आती है...ज्योति भी आपको बहोत याद कर रही थी...गौरव ज्योति को नॉटी नजरो से देखते हुए कहता है... ज्योति शरमा जाती है...
J:- हा मामाजी 3 4 साल बाद आपको देख रही hu... बाकी सब कैसे है?
M:- सब ठीक है...तुम्हे बहुत याद करते है...
G:- और आप तो कुछ ज्यादा ही याद करते होंगे ना...आपकी लाडली जो है... गौरव ज्योति को देखते हुए कहता है।
M:- हा वो तो है.... बहुत याद करता हु ...ऐसे बोल के ज्योति को ऊपर से नीचे तक देखा।
गौरव ने ये देख लिया..."हम्म्म मुठ मारने के टाइम याद करते होंगे"
ये सोच के गौरव को उत्तेजना महसूस होने लगी थी।
J:- आपने फोन क्यू नही किया मैं गौरव को भेज देती ना स्टेशन...
M:- अरे बेटी वो आर्मी ऑफिस से आए थे.. मैंने कहा की एक बार मिल लेता हु तुम लोगो से फिर चला जाऊंगा वहा सब अरेंजमेंट है...
G:- अरे ऐसे कैसे मामाजी यहां हमारे होते आप वहा क्यू रहेंगे...आप यही रहेंगे हमारे साथ और ऑफिस ज्यादा दूर नहीं है...
J:- हा मामाजी... वैसे कितने दिन का है वर्कशॉप?
M:- बेटी 5 दिन का है... मैं वही ठीक रहूंगा...तुम लोग तकलीफ मत करो...
J:- इसमें तकलीफ की क्या बात है...
G:- हा मामाजी बिल्कुल ज्योति सही कह रही है... आप यही रहेंगे...मैं ड्राइवर को बोल दूंगा वो आपको pick up drop कर दिया करेगा... वैसे आज से सुरु होने वाला है या कल से...??
M:- सुरु तो कल से होगा पर अभी थोड़ी देर बाद इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है तो मुझे जाना होगा...
J:- ठीक है आप गेस्ट रूम में चलिए फ्रेश हो जाइए तबतक मैं नाश्ता बना देती हु. ...
M:- ठीक है बेटी...
मामा चाय पी के गेस्ट रूम में चला गया...ज्योति नाश्ता बनाने लगी...
गौरव किचन में गया और ज्योति को पिछेसे हग किया..."क्या बना रही हो अपने पहले यार के लिए???
J:- क्या गौरव आप भी ना...
G:- क्या?? सच ही तो कहा ना... यही तो वो आदमी है जिसने पहली बार मेरी बीवी को छुआ था...अभी भी उसकी आखों में तुम्हारे लिए हवस कम नही हुई है...ऐसे देख रहे थे जैसे कच्चा चबा जायेंगे तुम्हे...
J:- कुछ भी... अरे अब तो उमर हो गई है उनकी...
G:- जान आर्मी वाला कभी बूढ़ा नही होता...(एक हाथ से चूची और एक हाथ से गांड दबाते हुए) और ये तुम्हारी चूचियां और गांड़ देख के तो मुर्दे का भी खड़ा हो जायेगा...
J:- अरे हा न...मुझे लगा मालती है मैं तभी नाइटी में ही दरवाजा खोलने चली गई....मुझे देख के तो वो कुछ बोल ही नहीं पाए....
G:- हा इतनी सेक्सी गदरायी औरत को देख के किसिकी भी बोलती बंद हो जाय... मुझे तो लगता है की अभी भी तुम्हे याद करके हिला रहे होंगे...
J:- कुछ भी बोलते हो... हटो मुझे काम करने दो...
G:- रुको 2 मीन...
गौरव जल्दी से अपने रूम में गया और अपना मोबाइल और हेडफोन ले आया.....उसने एक हेडफोन ज्योति को दिया और दूसरा खुद के कान में डाल दिया...
J:- क्या कर रहे हो गौरव??
G:- एक मिनट रुको तो....
गौरव ने एक app खोला और एक एक करके कैमरा की फुटेज चेक करने लगा...उसे गेस्ट रूम के बाथरूम का कैमरा मिला...वो उसे देखने लगा और उसका साउंड बढ़ा दिया...
G:- ज्योति ये देखो...ज्योति कुतुहल से देखने लगी....उसने देखा की गेस्ट रूम के बाथरूम में मामा नहा रहा था...
J:- ये क्या है?? और ये सीसीटीवी कब लगाई आपने?? और आवाज भी आ रही है....
G:- वो सब बाद में बताता हु...पहले ये तो देखो...
ज्योति ने देखा मामा अपना काला मोटा 10 इंची लंड को मसल रहा था...लंड पूरा टाइट था...
M:- aaaahhhhhh ज्योति उफ्फफ्फ क्या माल बन गई हो तुम अब sssssss ahhh जब पहली बार तुम्हारा बदन मसला था तब बहुत छोटी थी....अब एकदम भर गई हो.. काश एक बार चोदने का मौका मिल जाय... ऐसे पटक के चोदूंगा ना की क्भिबकिसी ने नही चोदा होगा....अपने लंड की रंडी बनाऊंगा तुझे.... बस एक बार मौका दे... तू खुद लंड मांगेगी मुझसे.... उफफ्फ
G:- wow ज्योति देखो मैंने कहा था...देखा बिचारे का क्या हाल बना दिया तुमने....
J:- चुप करो...मुझे तो यकीन नहीं हो रहा...
G:- किस बात का?? की मामा का लंड खड़ा भी होता है और तुम्हे अपनी रंडी बनाने के बारे में सोच रहा है इस बात का??
J:- दोनो.... आज भी नही बदले... अपनी भांजी को चोदने का सोच रहे है....
गौरव ने धीरे से अपना हाथ ज्योति के सलवार के ऊपर से चूत पे रखा...."भांजी भी तो गीली हो रही है मामा का लंड देख के...ज्योति तुम्हारी चूत मामा का लंड मांग रही है.. दोगी उसे?"
गौरव ज्योति की आखों में देखते हुए पूछता है।
J:- आह्ह्ह्ह गौरव प्लीज मत छेड़ो ना ....
G:- मुझे पता है ज्योति तुम अपनी चूत की मांग पूरी करोगी...है ना?
J:- आह्ह्ह्ह गौरव उफ्फ...
G:- मत तड़पाओ ज्योति... चाहो तो अभी जा के ले लो अपने मामा का लंड अपनी चूत में.....
J:- आह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ....
ज्योति मामा को देखे जा रही थी...
M:- अःह्ह्ह ज्योति उफ्फ मेरी जान येस्सस्सस yessssss
मामा ज्योति का नाम लेके जोर जोर से हिला रहा था....कुछ ही मिनटों में उसका लन्ड वीर्य उगलने लगा....ज्योति और गौरव ये सब देख रहे थे....
G:- उम्मम्म ज्योति देखा तुमने अभी भी खड़ा है उनका लंड...
J:- omg सच में उफ्फ....
G:- मौका गवा दिया तुमने...
J:- हटो...जाओ यहां से...मामाजी आते ही होंगे मुझे नाश्ता बनाने दो.... और आप भी नहा के आओ जल्दी...
गौरव अपने रूम में चला गया । ज्योति नाश्ता बनाने लगी...
गौरव नहाने के लिए अपने रूम के बाथरूम में गया..."मैं सोच ही रहा था की सागर के साथ कैसे प्लान बनाया जाय लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं है.. मामा जी जो आ गए अब... मामा को बस मौका मिल जाए वो ज्योति को चोदे बिना नही रहेंगे... ज्योति भी मना नही करेगी... मुझे दोनो को मौका देना पड़ेगा... मेरे रहते शायद मामा कुछ न करे...एक बार उनका काम हो जाय... फिर सामने बैठ के देखूंगा मामा कैसे अपनी भांजी को चोदता है"
गौरव कुछ प्लान बना रहा था।
ज्योति नाश्ता बनाते हुए सोच रही थी"मामाजी आज भी मुझे याद करके मूठ मार रहे थे....omg क्या मस्त तगड़ा लंड है उनका ...गौरव सही बोल रहे थे...मेरी चूत सच में उनका लंड मांग रही है.... आह्ह्ह्ह कितना मजा आयेगा जब उनका लंड मेरी चूत में जायेगा....उनकी भी बरसो पुरानी इच्छा पूरी हो जायेगी... उम्मम्म मामाजी आपकी भांजी इसबार आपको पूरा मजा देगी "
ज्योति ये सब सोच के उत्तेजित हो रही थी। तभी उसे मामा के आने की आहट हुई... उसने जल्दी जल्दी नाश्ता प्लेट में रखा...मामा तब तक हॉल में आके बैठ गया था...
ज्योति ने उनके पास गई और झुक के नाश्ता देने लगी...झुकने की वजह से उसकी आधी चूचियां मामा के आखों के सामने थी...मामा ने देखा और ऊपर ज्योति की आंखो में देखा...ज्योति स्माइल कर रही थी... उसने प्लेट ली और खाने लगे....
ज्योति वापस अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन में जाने लगी...मामा उसकी गांड़ को देखे जा रहा था।
" वाह्ह्ह क्या मस्त गांड है यार... छोटी थी तब से इसकी गांड मुझे बहोत पसंद है उफ्फ"
ज्योति पानी लेके वापस आई और जानबूझ के मामा के पास बैठ गई।
J:- मामाजी आप आ ही रहे थे तो मामी को क्यू नही लेके आए....
M:- अरे बेटा... उसकी तबियत ठीक नहीं है... तुम्हे तो पता ही है ना उसकी स्पाइन का प्रॉब्लम है...ट्रेवलिंग में और तकलीफ होने लगती है"
J:- ( मन में ) हम्म्म आप जैसा घोड़ा चढ़ेगा तो क्या ही कमर ठीक रहेगी... आप जैसे को मेरी जैसी घोड़ी ही संभाल सकती है
J:- हा मम्मी बता रही थी.... आपको खयाल रखना चाहिए न थोड़ा..
M:- मैं तो खयाल रखता ही हूं बेटी.... जब से रिटायर हुआ हु तब उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता...
J:- तभी तो उनकी ये हालत हो गई होगी.... ज्योति के मुंह से निकल गया....
M:- मतलब???
J:- मतलब....वो...की ...मैं..मैं ये कह रही थी उसके पहले उनकी तबियत खराब रहती थी ना...आप आ गए तो अब अच्छी हो रही है...
M:- अच्छा सुन मैं भूल ही गया...तेरी मामी ने तेरे फेवरेट बेसन के लड्डू भेजें है...मेरी बैग में है..
J:- सच में ?? Wow मैं बहोत मिस कर रही थी...जब भी लड्डू खाती हु तब तब मामी के हाथ के लड्डू याद आते है...थैंक यू....और ऐसा बोला के ज्योति मामा को हग करती है....मामा को ये एक्सपेक्ट नहीं था....वो थोड़ा पीछे हटा...जिस वजह से ज्योति के हाथ उसके गले की जगह पे पेट पे लिपट गए और ज्योति के बूब्स उसके लंड पे दब गए.... ज्योति की गांड़ देख के उसका लन्ड पहले से ही आधा खड़ा था...बूब्स के नरम स्पर्श से एक ही सेकंड में पूरा टाइट हो गया..ज्योति को भी उसके लंड का हार्डनेस अपनी चुचियों पे फील हुआ....मामा थोड़ा संभला और एक हाथ उसकी पीठ पे रख के हग करने लगा....
M:- आज भी नही बदली...लड्डू के नाम से एकदम बच्ची बन गई हो....
ज्योति ये मौका गवाना मुनासिब नहीं समझा...वो और अपनी चूचियां लंड पे रगड़ने लगी और सर मामा के छाती पे रखा..."हा आपके लिए मामी के लिए मैं अभी भी बच्ची ही तो हूं"
मामा का लंड अब पूरे जोश में आ गया था...ज्योति की नरम चुचियों पे रगड़ने में उसे परम आनंद की प्राप्ति हो रही थी... वो धीरे धीरे ज्योति की पीठ सहलाने लगा।
M:- हा मेरी बच्ची... तू बिल्कुल वैसी ही है... याद है मुझे सब... हमेशा मुझसे ऐसेही चिपकी रहती थी तू...
ज्योति ने हग तोड़ा और मामा की आखों में देखते हुए स्माइल करने लगी....एक नजर उसकी मामा के खड़े लंड पे गई....मामा ने उसे देखा की वो लंड को देख रही है तो...वो थोड़ा संभल के बैठते हुए छुपाने की कोशिश करने लगा......
J:- हा मुझे सब याद है.....खासकर के वो वाले दिन जब आपकी शादी होने वाली थी और हमारे घर पे 3 4 दिन रुके थे...कितना मजा किया था न आपने....मतलब हमने?
मामा को वो इंसीडेंट याद आ गया जब वो रात को ज्योति के रूम में जा के उसको मसला था।
M:- हा...बहुत अच्छी तरह याद है....उसके बाद मौका ही नही मिला....
J:- हा... मौका मिलता तो और मजे करते....मामा की आखों में देखते हुए धीरे से इस अंदाज में कहा की मामा सोच में पड़ गया....
लेकिन आगे कुछ बोल पाता...तभी गौरव वहा आ गया...
G:- क्या बाते चल रही है मामा भांजी के बीच???
M:- कुछ नही...बस ऐसेही....
G:- अच्छा मामाजी आप कबतक वापस आओगे??
M:- पता नही.....इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है शायद 3 4 बजे तक आ जाऊंगा...
G:- ठीक है... मुझे थोड़ा ऑफिस जाना होगा 3 बजे ...अर्जेंट काम आ गया कुछ...तो आपको मैं रात को ही मिलूंगा...ज्योति डिनर में मामाजी की फेवरेट बनाना कुछ...
J:- क्या आप भी आज संडे को भी काम??
G:- अरे अब क्या करे??
M:- दामाद जी बुरा मत मानना पर ज्योति सही कह रही है...
G:- मामाजी आपकी बात सही है... पर ये थोड़ा अर्जेंट है...
M:- ठीक है...अब मैं क्या बोलूं?
G:- वो मामाजी ड्राइवर खड़ा है बाहर आपका वेट कर रहा है।
मामा दोनो को बाय बोल के निकाल गए।
गौरव ने ज्योति को अपनी बाहों में लिया..."क्या बाते हो रही थी...."
J:- कुछ नही ... उनको पुरानी बाते याद दिला के उकसा रही थी...
G:- उम्मम्म मतलब तुम अपनी चूत के आगे बेबस हो गई..
J:- हम्म्म... नहीं प्यार के आगे...
G:- मतलब???
J:- अपने पति से बहोत प्यार करती हु ना.... और उनकी इच्छा को कैसे मना करती??
G:- ohhhh ऐसी बात है?? तो मेरी प्यारी पत्नी जी कुछ सोचा है कैसे करेगी???
J:- हम्म्म नही सोचूंगी...पर आप ये कहा जाने की बात कर रहे थे??
G:- अरे वैसे तो अर्जेंट कुछ नही...पर सोचा की तुम दोनो को खुलने के लिए थोड़ा स्पेस दे दूं...
J:- OMG... बहुत समझदार हो गए हो...
दोनो हसने लगे....
दोनो इस वासना की आग में एक कदम और आगे बढ़ने लगे थे.... उधर मामा के भी तनबदन में आग लग गई थी...
पता नही ये आग कब और कैसे कैसे बुझेगी।