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Adultery आग जो लगी...! (Inc adultry cuckold)

eroticaWriter

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Update 8


गौरव और ज्योति दोनो बहोत खुश थे...गौरव ने आखिर अपने मन की कर ली थी और ज्योति भी बहोत सालो बाद एक तगड़े लंड से चूदी थी।

दोनो एकदूसरे को देख रहे थे....

G:- ऐसे क्या देख रही हो??

J:- मुझे यकीन नही हो रहा की मैने ये किया या यू कहूं हमने ये किया...

G:- मजा आया ना??

J:- बहोत.... उफ्फ मस्त चोदा उसने...

G:- मुझे भी ... जब वो तुम्हे चोद रहा था तुम्हारे चेहरे की खुशी देख कर... मुझे मजा आ रहा था .....और मुझे ये भी पता है तुम्हे और एक राउंड चुदवाना था उससे...

J:- ह्म्मम हा... मुझे लगा तुम उसे अपने साथ घर चलने बोलोगे...

G:- सब्र रखो मेरी जान .... तुम जिससे चाहो जब चाहो चुदवा लेना... बस मेरे सामने चुदवाना...

गौरव ने सागर को घर पर नहीं चलने को कहा क्यू की वो उसे घर पे जाके कैमरा ठीक से लगे है या नही चेक करना था और रात भी बहुत हो गई थी।

दोनो घर पहुंचे और फ्रेश हो कर सो गए।

सुबह बेल की आवाज से दोनो की नींद खुली...

J:- ये मालती इतने जल्दी कैसे आ गई आज?? उसको कितनी बार बोला है की संडे को जल्दी मत आया कर...

G:- जाओ ना जल्दी ...वरना वो बेल बजाती रहेगी...

ज्योति नाइटी में ही उठ के दरवाजा खोलने चली जाती है....जैसे ही दरवाजा खोलती है... और देखती है की उसके मामाजी सामने खड़े है..."मामाजी आप??"

मामाजी उसे देखे जा रहे थे बिना ब्रा के नाइटी जो बस घुटनों तक थी...ज्योति की बड़ी बड़ी चूचियों से उसकी नजर ही नहीं हट रही थी....

"उफ्फ ज्योति क्या लग रही है.... कितने दिनों बाद देख रहा हु इसे ...ये तो और भी ज्यादा सेक्सी हो गई है....थैंक यू ऊपरवाले ऐसा नजारा दिखाने के लिए"

मामा मन ही मन ऐसे सोच रहा था और पैंट में उसका लन्ड खड़ा होने लगा था।

ज्योति को जबतक समझ आता की वो किन कपड़ो में है तब मामा के होश उड़ गए थे...ज्योति जल्दी से मामा को बैठने बोलती है...और बेडरूम में आती है....गौरव को बताती है कि मामाजी आए है तो गौरव ...बाहर आता है ज्योति भी नाइटी चेंज करके सलवार सूट पहन लेती है...

G:- मामाजी आप ऐसे अचानक कैसे???

M:- अरे दामादजी... वो यहां रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर का एक वर्कशॉप है उसे अटेंड करने आया हु... अभी न्यू सोल्जर को अपने एक्सपीरियंस के बारे में बताना और उन्हें कुछ सिखाना उसने मुझे इनविटेशन मिला था तो सोचा ज्योति भी यही है तो मैं चला आया...

G:- अच्छा किया बहोत दिनों से आपसे मुलाकात नही हुई थी....तभी ज्योति चाय लेके आती है...ज्योति भी आपको बहोत याद कर रही थी...गौरव ज्योति को नॉटी नजरो से देखते हुए कहता है... ज्योति शरमा जाती है...

J:- हा मामाजी 3 4 साल बाद आपको देख रही hu... बाकी सब कैसे है?

M:- सब ठीक है...तुम्हे बहुत याद करते है...

G:- और आप तो कुछ ज्यादा ही याद करते होंगे ना...आपकी लाडली जो है... गौरव ज्योति को देखते हुए कहता है।

M:- हा वो तो है.... बहुत याद करता हु ...ऐसे बोल के ज्योति को ऊपर से नीचे तक देखा।

गौरव ने ये देख लिया..."हम्म्म मुठ मारने के टाइम याद करते होंगे"

ये सोच के गौरव को उत्तेजना महसूस होने लगी थी।

J:- आपने फोन क्यू नही किया मैं गौरव को भेज देती ना स्टेशन...

M:- अरे बेटी वो आर्मी ऑफिस से आए थे.. मैंने कहा की एक बार मिल लेता हु तुम लोगो से फिर चला जाऊंगा वहा सब अरेंजमेंट है...

G:- अरे ऐसे कैसे मामाजी यहां हमारे होते आप वहा क्यू रहेंगे...आप यही रहेंगे हमारे साथ और ऑफिस ज्यादा दूर नहीं है...

J:- हा मामाजी... वैसे कितने दिन का है वर्कशॉप?

M:- बेटी 5 दिन का है... मैं वही ठीक रहूंगा...तुम लोग तकलीफ मत करो...

J:- इसमें तकलीफ की क्या बात है...

G:- हा मामाजी बिल्कुल ज्योति सही कह रही है... आप यही रहेंगे...मैं ड्राइवर को बोल दूंगा वो आपको pick up drop कर दिया करेगा... वैसे आज से सुरु होने वाला है या कल से...??

M:- सुरु तो कल से होगा पर अभी थोड़ी देर बाद इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है तो मुझे जाना होगा...

J:- ठीक है आप गेस्ट रूम में चलिए फ्रेश हो जाइए तबतक मैं नाश्ता बना देती हु. ...

M:- ठीक है बेटी...

मामा चाय पी के गेस्ट रूम में चला गया...ज्योति नाश्ता बनाने लगी...

गौरव किचन में गया और ज्योति को पिछेसे हग किया..."क्या बना रही हो अपने पहले यार के लिए???

J:- क्या गौरव आप भी ना...

G:- क्या?? सच ही तो कहा ना... यही तो वो आदमी है जिसने पहली बार मेरी बीवी को छुआ था...अभी भी उसकी आखों में तुम्हारे लिए हवस कम नही हुई है...ऐसे देख रहे थे जैसे कच्चा चबा जायेंगे तुम्हे...

J:- कुछ भी... अरे अब तो उमर हो गई है उनकी...

G:- जान आर्मी वाला कभी बूढ़ा नही होता...(एक हाथ से चूची और एक हाथ से गांड दबाते हुए) और ये तुम्हारी चूचियां और गांड़ देख के तो मुर्दे का भी खड़ा हो जायेगा...

J:- अरे हा न...मुझे लगा मालती है मैं तभी नाइटी में ही दरवाजा खोलने चली गई....मुझे देख के तो वो कुछ बोल ही नहीं पाए....

G:- हा इतनी सेक्सी गदरायी औरत को देख के किसिकी भी बोलती बंद हो जाय... मुझे तो लगता है की अभी भी तुम्हे याद करके हिला रहे होंगे...

J:- कुछ भी बोलते हो... हटो मुझे काम करने दो...

G:- रुको 2 मीन...

गौरव जल्दी से अपने रूम में गया और अपना मोबाइल और हेडफोन ले आया.....उसने एक हेडफोन ज्योति को दिया और दूसरा खुद के कान में डाल दिया...

J:- क्या कर रहे हो गौरव??

G:- एक मिनट रुको तो....

गौरव ने एक app खोला और एक एक करके कैमरा की फुटेज चेक करने लगा...उसे गेस्ट रूम के बाथरूम का कैमरा मिला...वो उसे देखने लगा और उसका साउंड बढ़ा दिया...

G:- ज्योति ये देखो...ज्योति कुतुहल से देखने लगी....उसने देखा की गेस्ट रूम के बाथरूम में मामा नहा रहा था...

J:- ये क्या है?? और ये सीसीटीवी कब लगाई आपने?? और आवाज भी आ रही है....

G:- वो सब बाद में बताता हु...पहले ये तो देखो...

ज्योति ने देखा मामा अपना काला मोटा 10 इंची लंड को मसल रहा था...लंड पूरा टाइट था...

M:- aaaahhhhhh ज्योति उफ्फफ्फ क्या माल बन गई हो तुम अब sssssss ahhh जब पहली बार तुम्हारा बदन मसला था तब बहुत छोटी थी....अब एकदम भर गई हो.. काश एक बार चोदने का मौका मिल जाय... ऐसे पटक के चोदूंगा ना की क्भिबकिसी ने नही चोदा होगा....अपने लंड की रंडी बनाऊंगा तुझे.... बस एक बार मौका दे... तू खुद लंड मांगेगी मुझसे.... उफफ्फ

G:- wow ज्योति देखो मैंने कहा था...देखा बिचारे का क्या हाल बना दिया तुमने....

J:- चुप करो...मुझे तो यकीन नहीं हो रहा...

G:- किस बात का?? की मामा का लंड खड़ा भी होता है और तुम्हे अपनी रंडी बनाने के बारे में सोच रहा है इस बात का??

J:- दोनो.... आज भी नही बदले... अपनी भांजी को चोदने का सोच रहे है....

गौरव ने धीरे से अपना हाथ ज्योति के सलवार के ऊपर से चूत पे रखा...."भांजी भी तो गीली हो रही है मामा का लंड देख के...ज्योति तुम्हारी चूत मामा का लंड मांग रही है.. दोगी उसे?"

गौरव ज्योति की आखों में देखते हुए पूछता है।

J:- आह्ह्ह्ह गौरव प्लीज मत छेड़ो ना ....

G:- मुझे पता है ज्योति तुम अपनी चूत की मांग पूरी करोगी...है ना?

J:- आह्ह्ह्ह गौरव उफ्फ...

G:- मत तड़पाओ ज्योति... चाहो तो अभी जा के ले लो अपने मामा का लंड अपनी चूत में.....

J:- आह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ....

ज्योति मामा को देखे जा रही थी...

M:- अःह्ह्ह ज्योति उफ्फ मेरी जान येस्सस्सस yessssss

मामा ज्योति का नाम लेके जोर जोर से हिला रहा था....कुछ ही मिनटों में उसका लन्ड वीर्य उगलने लगा....ज्योति और गौरव ये सब देख रहे थे....

G:- उम्मम्म ज्योति देखा तुमने अभी भी खड़ा है उनका लंड...

J:- omg सच में उफ्फ....

G:- मौका गवा दिया तुमने...

J:- हटो...जाओ यहां से...मामाजी आते ही होंगे मुझे नाश्ता बनाने दो.... और आप भी नहा के आओ जल्दी...

गौरव अपने रूम में चला गया । ज्योति नाश्ता बनाने लगी...

गौरव नहाने के लिए अपने रूम के बाथरूम में गया..."मैं सोच ही रहा था की सागर के साथ कैसे प्लान बनाया जाय लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं है.. मामा जी जो आ गए अब... मामा को बस मौका मिल जाए वो ज्योति को चोदे बिना नही रहेंगे... ज्योति भी मना नही करेगी... मुझे दोनो को मौका देना पड़ेगा... मेरे रहते शायद मामा कुछ न करे...एक बार उनका काम हो जाय... फिर सामने बैठ के देखूंगा मामा कैसे अपनी भांजी को चोदता है"

गौरव कुछ प्लान बना रहा था।

ज्योति नाश्ता बनाते हुए सोच रही थी"मामाजी आज भी मुझे याद करके मूठ मार रहे थे....omg क्या मस्त तगड़ा लंड है उनका ...गौरव सही बोल रहे थे...मेरी चूत सच में उनका लंड मांग रही है.... आह्ह्ह्ह कितना मजा आयेगा जब उनका लंड मेरी चूत में जायेगा....उनकी भी बरसो पुरानी इच्छा पूरी हो जायेगी... उम्मम्म मामाजी आपकी भांजी इसबार आपको पूरा मजा देगी "

ज्योति ये सब सोच के उत्तेजित हो रही थी। तभी उसे मामा के आने की आहट हुई... उसने जल्दी जल्दी नाश्ता प्लेट में रखा...मामा तब तक हॉल में आके बैठ गया था...

ज्योति ने उनके पास गई और झुक के नाश्ता देने लगी...झुकने की वजह से उसकी आधी चूचियां मामा के आखों के सामने थी...मामा ने देखा और ऊपर ज्योति की आंखो में देखा...ज्योति स्माइल कर रही थी... उसने प्लेट ली और खाने लगे....

ज्योति वापस अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन में जाने लगी...मामा उसकी गांड़ को देखे जा रहा था।

" वाह्ह्ह क्या मस्त गांड है यार... छोटी थी तब से इसकी गांड मुझे बहोत पसंद है उफ्फ"

ज्योति पानी लेके वापस आई और जानबूझ के मामा के पास बैठ गई।

J:- मामाजी आप आ ही रहे थे तो मामी को क्यू नही लेके आए....

M:- अरे बेटा... उसकी तबियत ठीक नहीं है... तुम्हे तो पता ही है ना उसकी स्पाइन का प्रॉब्लम है...ट्रेवलिंग में और तकलीफ होने लगती है"

J:- ( मन में ) हम्म्म आप जैसा घोड़ा चढ़ेगा तो क्या ही कमर ठीक रहेगी... आप जैसे को मेरी जैसी घोड़ी ही संभाल सकती है

J:- हा मम्मी बता रही थी.... आपको खयाल रखना चाहिए न थोड़ा..

M:- मैं तो खयाल रखता ही हूं बेटी.... जब से रिटायर हुआ हु तब उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता...

J:- तभी तो उनकी ये हालत हो गई होगी.... ज्योति के मुंह से निकल गया....

M:- मतलब???

J:- मतलब....वो...की ...मैं..मैं ये कह रही थी उसके पहले उनकी तबियत खराब रहती थी ना...आप आ गए तो अब अच्छी हो रही है...

M:- अच्छा सुन मैं भूल ही गया...तेरी मामी ने तेरे फेवरेट बेसन के लड्डू भेजें है...मेरी बैग में है..

J:- सच में ?? Wow मैं बहोत मिस कर रही थी...जब भी लड्डू खाती हु तब तब मामी के हाथ के लड्डू याद आते है...थैंक यू....और ऐसा बोला के ज्योति मामा को हग करती है....मामा को ये एक्सपेक्ट नहीं था....वो थोड़ा पीछे हटा...जिस वजह से ज्योति के हाथ उसके गले की जगह पे पेट पे लिपट गए और ज्योति के बूब्स उसके लंड पे दब गए.... ज्योति की गांड़ देख के उसका लन्ड पहले से ही आधा खड़ा था...बूब्स के नरम स्पर्श से एक ही सेकंड में पूरा टाइट हो गया..ज्योति को भी उसके लंड का हार्डनेस अपनी चुचियों पे फील हुआ....मामा थोड़ा संभला और एक हाथ उसकी पीठ पे रख के हग करने लगा....

M:- आज भी नही बदली...लड्डू के नाम से एकदम बच्ची बन गई हो....

ज्योति ये मौका गवाना मुनासिब नहीं समझा...वो और अपनी चूचियां लंड पे रगड़ने लगी और सर मामा के छाती पे रखा..."हा आपके लिए मामी के लिए मैं अभी भी बच्ची ही तो हूं"

मामा का लंड अब पूरे जोश में आ गया था...ज्योति की नरम चुचियों पे रगड़ने में उसे परम आनंद की प्राप्ति हो रही थी... वो धीरे धीरे ज्योति की पीठ सहलाने लगा।

M:- हा मेरी बच्ची... तू बिल्कुल वैसी ही है... याद है मुझे सब... हमेशा मुझसे ऐसेही चिपकी रहती थी तू...

ज्योति ने हग तोड़ा और मामा की आखों में देखते हुए स्माइल करने लगी....एक नजर उसकी मामा के खड़े लंड पे गई....मामा ने उसे देखा की वो लंड को देख रही है तो...वो थोड़ा संभल के बैठते हुए छुपाने की कोशिश करने लगा......

J:- हा मुझे सब याद है.....खासकर के वो वाले दिन जब आपकी शादी होने वाली थी और हमारे घर पे 3 4 दिन रुके थे...कितना मजा किया था न आपने....मतलब हमने?

मामा को वो इंसीडेंट याद आ गया जब वो रात को ज्योति के रूम में जा के उसको मसला था।

M:- हा...बहुत अच्छी तरह याद है....उसके बाद मौका ही नही मिला....

J:- हा... मौका मिलता तो और मजे करते....मामा की आखों में देखते हुए धीरे से इस अंदाज में कहा की मामा सोच में पड़ गया....

लेकिन आगे कुछ बोल पाता...तभी गौरव वहा आ गया...

G:- क्या बाते चल रही है मामा भांजी के बीच???

M:- कुछ नही...बस ऐसेही....

G:- अच्छा मामाजी आप कबतक वापस आओगे??

M:- पता नही.....इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है शायद 3 4 बजे तक आ जाऊंगा...

G:- ठीक है... मुझे थोड़ा ऑफिस जाना होगा 3 बजे ...अर्जेंट काम आ गया कुछ...तो आपको मैं रात को ही मिलूंगा...ज्योति डिनर में मामाजी की फेवरेट बनाना कुछ...

J:- क्या आप भी आज संडे को भी काम??

G:- अरे अब क्या करे??

M:- दामाद जी बुरा मत मानना पर ज्योति सही कह रही है...

G:- मामाजी आपकी बात सही है... पर ये थोड़ा अर्जेंट है...

M:- ठीक है...अब मैं क्या बोलूं?

G:- वो मामाजी ड्राइवर खड़ा है बाहर आपका वेट कर रहा है।

मामा दोनो को बाय बोल के निकाल गए।

गौरव ने ज्योति को अपनी बाहों में लिया..."क्या बाते हो रही थी...."

J:- कुछ नही ... उनको पुरानी बाते याद दिला के उकसा रही थी...

G:- उम्मम्म मतलब तुम अपनी चूत के आगे बेबस हो गई..

J:- हम्म्म... नहीं प्यार के आगे...

G:- मतलब???

J:- अपने पति से बहोत प्यार करती हु ना.... और उनकी इच्छा को कैसे मना करती??

G:- ohhhh ऐसी बात है?? तो मेरी प्यारी पत्नी जी कुछ सोचा है कैसे करेगी???

J:- हम्म्म नही सोचूंगी...पर आप ये कहा जाने की बात कर रहे थे??

G:- अरे वैसे तो अर्जेंट कुछ नही...पर सोचा की तुम दोनो को खुलने के लिए थोड़ा स्पेस दे दूं...

J:- OMG... बहुत समझदार हो गए हो...

दोनो हसने लगे....

दोनो इस वासना की आग में एक कदम और आगे बढ़ने लगे थे.... उधर मामा के भी तनबदन में आग लग गई थी...



पता नही ये आग कब और कैसे कैसे बुझेगी।
 

sunoanuj

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Bahut hee behtareen update….
 
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Pitaji

घर में मस्ती
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Update 4
अगले कुछ दिन ऐसेही गुजरे...एक रात चुदाई के बाद दोनो लेटे थे।

G:- ज्योति हमारी सेक्स लाइफ एकदम मस्त हो गई है ना....?

J:- हा बहुत मस्त...वैसे आपको ये आइडिया कहा से आया....?

G:- अरे ऐसेही....

J:- बताओ ना जान....

गौरव सोच में पड़ गया...उसे ऐसा सोचते देख ज्योति समझ गई की कुछ बात है जो गौरव बताना नही चाह रहा...

J:- बताओ ना...ऐसा भी क्या है जो मुझे नही बता सकते.... देखो आपको मेरी कसम...

G:- पागल हो तुम भी... कसम की क्या जरूरत है??

J:- तो फिर बताओ...

गौरव ने सोचा की इतना सब तो ओपनली करते है अब ये बात क्या छुपाना...इसलिए उसने ज्योति को सब बता दिया।

ज्योति को सब सुन के हैरानी हुई और मजा भी.

J:- कोनसा ऐप है दिखाओ ना...और वो आदमी कोन था?? उससे बात की आपने दुबारा?

G:- नहीं इस रात के बाद मैने वो ऐप डिलीट कर दिया था...

J:- एक बार दिखाओ ना...

G:- तुम देखना चाहती हो सच में?

J:- हा प्लीज

गौरव ने मोबाइल लिया और ऐप डाउनलोड कर लिया ...उसने देखा की us आदमी के बहुत मैसेज आ रखे थे...ज्योति को दिखाया...

J:- ये तो ऑनलाइन है ...

G:- हा....बात करू??

J:- ह्म्मम मुझे लगता है कोई प्राब्लम नही बात करने में...

गौरव ने उसे मैसेज भेजा....

काला लंड:- अरे गौरव कहा थे इतने दिन??

G:- ऐसेही busy था...

K:- कॉल करू??

गौरव ने ज्योति किंतरफ देखा ज्योति ने आखों से इशारा किया "ok"

G:- हा ठीक है...

अगले पल उसका कॉल आने लगा...

गौरव ने कॉल उठाया और स्पीकर पे डाला ताकि ज्योति भी सुन सके...

K:- और दोस्त कैसे हो और ज्योति भाभी?? कहा तक बात पहुंची?? चुदवाया की नही भाभी को?? उस रात का तुम्हारा जोश देख के तो मुझे यकीन है अबतक ज्योति भाभी को 3 4लंड से तो चुदवा लिया होगा...

ज्योति ने गौरव की और स्माइल करते हुएंदेखा।

G:- अरे नही दोस्त वो तो बस ऐसेही उसदीन जोश में था तो...

K: ह्हम्ममम लेकिन बात कुछ तो हुई होगी??

G:- ह्मम्म कुछ खास नही...

K:- बताओ यार क्या बात हुई?

गौरव ने ज्योति को देखा...ज्योति ने उसके कान में धीरे से कहा"बताओ उसे की हम ऐसे सेक्स करते है देखू तो सही वो क्या बोलता है"

गौरव ने फिर उसे पूरी बात बता दी।

K:- ओह बहनचोद ... बढ़िया है यार.... लेकिन गौरव एक बात बोलूं बुरा मत मानना... जो तुमने बताया ना उससे लगता है की ज्योति भाभी बहोत चुद्दाकड है...उसे पूछोगे ना तो वो आसानी से मान जायेगी और दोस्त पक्का वो शादी से पहले बहोत चुदी है...

गौरव और ज्योति एकदूसरे को देखते है....

ज्योति मन में सोचती है "बड़ा ही कमीना है तो...इसे कैसे पता की मैं शादी से पहले चुदी हु?"

G:- क्यू यार ऐसा क्यों बोल रहे हो?

K:- भाई यार...मेरा एक्सपीरियंस तो यही कहता है..अच्छा सुहागरात के दिन तुम्हे नही लगा क्या कुछ??

G:- नही मुझे तो कुछ नही लगा...

K:- चलो कोई बात नही...मुझे जो लगा वो बता दिया... लेकिन पूछना कभी.. पता नही वो बताएगी या नही...

G:- ओके पूछूंगा...

K:- वैसे सच में कहूं ना... अगर तुम चाहते हो उसे किसी और से चुदते हुए देखना तो वो पक्का मान जायेगी... और सच कहता हु दोस्त तुम उसे किसी मेरे जैसे तगड़े लंड से चुदते देखोगे न तुम्हे बहोत मजा आयेगा.....

ज्योति ये सब सुनते हुए गौरव के फेस के reactions देख रही थी....दोनों नंगे ही थे...ज्योति ने देखा गौरव का लंड खड़ा होने लगा है....चूत तो उसकी भी गीली होने लगी थी....ज्योति ने धीरे से गौरव के लंड को सहलाना शुरू किया...

G:- हा मज़ा तो मुझे उसे ऐसे चोदने में भी आ रहा है...

K:- वैसे ज्योति भाभी कहा है?? उनको देखने का बड़ा मन कर रहा है... उस रात उनकी चुदाई अधूरी रह गई थी.... आज पूरी कर दू??

उसकी गदराई गांड को चोदने का मन कर रहा है... उफफ्फफ गौरव यार ये देखो ज्योति की गांड़ का सोच के मेरा लन्ड कैसे फड़फड़ा रहा है।

उसने उसके लंड की पिक भेज दी...दोनो देखने लगे.... ज्योति उसका 9 इंची लंड देख के हैरान रह गई...

और गौरव का लंड भी एकदम जोश में आ गया जो ज्योति ने फील किया....

K:- यार कल उसे चोदो ना तो मेरा नाम लेके चोदना...और हो सके तो मुझे कॉल करना मैं सुनूंगा तुम्हारी चुदाई की बाते ज्योति के मुंह से सुनना चाहता हु की "आह्ह्ह्ह जफर चोदो जोर से चोदो अपनी दोस्त की बीवी को"

ये सुन के गौरव ने ज्योति को देखा ज्योति ने गौरव का हाथ अपनी चूत पे रखा....

धीरे से उसकी कान में कहा"आह्ह्ह्ह जान बहोत मज़ा आ रहा है..."



मज़ा तो गौरव को भी आने लगा था।



K:- heloo कहा हो??

G:- हा यही हु...तुम्हारा नाम जफर है?



K:- हा....बताओ ना करोगे क्या?और भाभी कहा है?





पता नही ज्योति को क्या सूझा..."मैं यही हु और आपकी सारी बाते सुन रही हु"

ज्योति बोल पड़ी....गौरव हैरानी से देखने लगा...वो आदमी भी शॉक हो गया...कुछ पल के लिए उसे यकीन नही हुआ की क्या हुआ...

J:- हैलो क्या हुआ ? ये क्या पट्टी पढ़ा रहे हो तुम मेरे पति को??

K:- वो...मैं...वो..भाभीजी मैं तो....

J:- क्या मैं...वो...कर रहे हो...

गौरव ज्योति को देखा...ज्योति ने स्माइल किया।

जफर सुरु में थोड़ा घबरा गया था पर था तो वो कमीना ही.. खुद को संभाला और बोला "अरे भाभीजी मैं तो बस गौरव की हेल्प कर रहा था...वो थोड़ा कन्फ्यूज था खुद को मानसिक रोगी समझने लगा था बस उसे यही बताया की ये कोई रोग नही है मजे करने का अपनी सेक्स लाइफ को स्पाइसी बनाने का एक तरीका है.....खुद की बीवी को दूसरे के लंड पे उछलता देख उसे मजा आता है उसका लुंड खड़ा हो जाता है.... वैसे भाभी आपसे बात करके मैं तो धन्य हो गया... सोचा नहीं था आप जैसी खूबसूरत सेक्सी भाभी से कभी बात हो पाएगी..."

ज्योति खुद की तारीफ सुन के खुश हो गई।

जफर:- गौरव बहुत लकी है जो आपकी लेता है...काश हमे मौका मिल जाय... कसम से भाभी ऐसा चोदूंगा ना आप बार बार बोलोगी बस अब मुझे जफर का ही लंड चाहिए...

ज्योति ने ये सुनते ही गौरव का लंड एक बार के लिए कस के पकड़ लिया...

J:- धत्त कुछ भी बोलते हो...मुझे नहीं चाहिए और पति के सामने उसके पत्नी से ऐसे बात करते हो शर्म नही आती?

Z:- अरे सच भाभी ...शर्म कैसी अगर पति खुद उसकी पत्नी को चुदवाना चाहता हो तो... क्यूं गौरव भाई सच कहा न??

G:- अरे नही ऐसा कुछ नही... वो तो बस इमेजिनेशन में मजा आता है बस....

Z:- तो वैसे ही चुदवा लो... क्यो भाभी चलेगा ना??

ज्योति ने गौरव को देखा...

G:- वो कैसे???

Z:- अगर आप दोनो सच में रेडी हो तो आज और मजे करवाता हु...अबतक बस आप दोनो ही रोलप्ले कर रहे थे आज मुझे शामिल कर लो मजा आ जायेगा....

J:- नहीं हमे नही करना...गौरव रखो फोन प्लीज...

ज्योति जफर की बातो से उत्तेजित तो हो रही थी और चाहती भी थी पर गौरव के आगे थोड़ा नाटक करना भी जरूरी था।

G:- हा नही करना कुछ चलो मैं रखता हु...

Z:- अरे सुनो तो... लेकिन तब तक गौरव ने फोन काट दिया।

ज्योति ने देखा की उसके साथ ही गौरव का लंड भी मुरझा गया.... लेकिन उसकी चूत की आग तो बढ़ते ही जा रही थी।

G:- अच्छा किया पता नही कोन है ऐसे किसके साथ कुछ ऐसा करना ठीक भी नही है....है ना?

J:- हा...ज्योति ने गौरव के मुरझाए लंड को देखते हुए कहा...

गौरव समझ गया की ज्योति को लंड चाहिए था पर अब शायद ही उसका लन्ड खड़ा हो...

G:- तुम्हारा मन था क्या कुछ करने का उसके साथ??

J:- नहीं ऐसा कुछ नही ... क्यो आपको करना था क्या??

G:- छोड़ो जाने दो रात बहोत हो गई है.... कल जल्दी ऑफिस जाना है... बाद में सोचेंगे अभी सो जाते है....

दोनो ने एक लंबी किस की और सोने लगे....

लेकिन तभी फिर से जफर का कॉल आने लगा...दोनो एक दूसरे की तरफ देखने लगे...

G:- क्या करना है??

J:- उठा लो और बोल दो की कल बात करेंगे...

गौरव ने कॉल उठाया..."देखो जफर हम कल बात करते है अभी सोना है...."

Z:- फोन स्पीकर पे नही है ना??

G:- नहीं....

Z:- सुनो गौरव यार सच में बहोत मजा आयेगा...एक बार ट्राय तो करो और इस दौरान तुम्हे पता भी चल जायेगा की ज्योति भाभी सच में किसी और से चूदी है या नही? और वो मानेगी या नही किसी दूसरे मर्द से चुदाने के लिए...

G:- मुझे ये करना ही नहीं है पर...

Z:- अरे दोस्त मुझे सब पता है तुम क्या चाहते हो... छुपाने की बात नहीं है.... बस एक बार try करो

J:- क्या हुआ...

G:- कुछ नही जफर बोल रहा है की ट्राय तो करो...

J:- आपको करना है क्या??

Z:- देखा ज्योति भाभी रेडी है दोस्त बस खुल के बोल नही पा रही है... तुम हा बोलो देखो कैसे उछल उछल के चुदेगी मुझसे कॉल पे...

गौरव ने सोचा जफर सच बोल रहा है.... देखता हु ज्योति का रिएक्शन क्या होगा?

G:- हम्मम्म ओके...

गौरव ने जैसे ओके बोला ज्योति की मानो मन की मुराद पूरी हो गई हो...वो पास खिसक गई और गौरव के लंड को सहलाने लगी....

J:- ठीक है जान अगर आपका मन है तो....

G:- ओके जफर बोलो कैसे करना है...

जफर खुश हो गया....

Z:- इयरफोन होंगे ना वो एक एक पहन लो...

दोनो ने जल्दी जल्दी इयरफोन पहन लिए...

Z:- ज्योति भाभी सोचो अब गौरव की जगह में हु... और गौरव तुम्हे बस बताना है तुम्हे कैसा लग रहा है...और मैं जो बोलूं मैं ज्योति भाभी के साथ कर रहा हु वो वो तुम्हे करना है....भाभी आप बस गौरव के लंड को मेरा लन्ड समझना है....

J:- ठीक है....

तीनों काफी एक्साइटेड फील कर रहे थे...

Z:- तो सीन ये है की मैं आपके घर आया हु गौरव मुझे लेके आया है आपको चोदने केलिए... आपको भी पता है कि गौरव मुझे घर क्यू लेके आया है...

गौरव ये सुन के उत्तेजित हो उठा...उसका लन्ड खड़ा होने लगा...ज्योति उसका लन्ड सहला रही थी...."उफ्फ ये सुनके तो गौरव के लंड में जान आ गई"

गौरव:- ओके....

Z:- मैं आता हु ... और सोफे पे बैठ गया...ज्योति भाभी आयी मैंने उनको खीच के अपनी गोद में बिठा लिया...

G:- मैं दोनो के सामने बैठा हु...देख रहा हु...

Z:हमे ज्योति के बूब्स पे हाथ घुमा रहा हु.... आह्ह्ह्ह भाभी कितने दिनों से वेट कर रहा था इन्हे छुने के लिए....

J:हमममम्म अच्छा जी..

Z:- हा थैंक यू गौरव मुझे मौका देने के लिए...आज भाभी को खुश कर दूंगा...

G:- मैं स्माइल करते हुए देख रहा हु. ...

Z:- मैं बूब्स मसलते हुए ज्योति को किस करने लगा....मैं नीचे होठ चूस रहा हू...चूसते हुए अपनी जुबान आपके मुंह में घुसा दी..

J:- आआह्हह मैं आपकी जुबान को चूसने लगी...

G:- मैं ये सब देख के एक्साइट हो रहा हु....

Z:- मैने आपके ब्लाउज के अंदर हाथ डाला और आपके मम्मे दबाने लगा....गौरव जरा भाभी का ब्लाउज तो निकाल दो यार...

G:- मैं पास आया और ज्योति का ब्लाउज निकाल दिया....और ब्रा भी.

J:- मैं गौरव को देख के स्माइल की....

Z:- लगता है गौरव को मज़ा आने लगा है आपके बूब्स मेरे लिए खोल दिए अःह्ह्ह्ह एसएसएसएसएसएस मैं आपके नंगे बूब्स मसल रहा हु...भाभी आप भी कुछ करो...मेरा लन्ड अकड़ गया है जरा बाहर तो निकालो...

J:- मैं नीचे बैठी और आपकी झिप खोलने लगी...

Z:- मैं गौरव को देख रहा हु....

J:- मैंने आपका काला मोटा लंड बाहर निकाला...

G:- मैं ये सब देख के अपना लन्ड मसल रहा हू....

Z:- भाभी देखो आपका पति कैसे लंड मसल रहा है हमे देख के.. जरा दिखाओ ना उसे की आपको मेरा लन्ड कितना पसंद आया..

J:- आह्ह्ह्ह येस्स्स मैने आपका लंड पकड़ा और गौरव को देखते हुए अपने फेस पे घुमा रही हु....

Z:- आह्ह्ह भाभी उफ्फ कैसा लग रहा है...

J:- उम्मम्मम्म बहोत हॉट है... आह्ह्ह्ह ससस्सस उम्म्म्म

Z:- मुंह में लो ना भाभी....

J:- मैंने गौरव को देखा....

G:- आह्ह्ह्ह ज्योति चूसो ना जफर का लंड...

ये सुन के ज्योति की चूत में अजीब सी लहर दौड़ी...गौरव भी समझ नही पाया की उसने ऐसे कैसे कह दिया लेकिन ये बोल के उसे बहोत मजा आया...

जफर यहां ये सब सुन के कमिनी हसीं हस रहा था।

Z:- उम्मन्म ye हुई ना बात....देखो भाभी गौरव भी बोल रहा है....भाभी जब आप लंड चूसो ना तो गौरव का लंड मेरा लन्ड समझ के चूसना....

J:- मैने आपका लंड मुंह में लिया और चूसने लगी....

Z:- आह्ह्ह भाभी उफ्फ्फ ....गौरव जबतक ज्योति लंड चूस रही है उसे नंगा तो कर दो..

G:- मैं ज्योति को नंगा करने लगा....

ये सब करते हुए ज्योति और गौरव दोनो को से गए....ज्योति गौरव के लंड में जफर का काला लंड देख रही थी....और गौरव आंखे बंद करके ज्योति को नंगा कर रहा था जफर के लिए....

Z:- भाभी कैसा लगा मेरे लन्ड का टेस्ट उम्म्म्म

J:- aaahhhhh बहोत मस्त है उम्मम्म

Z:- वो देखो भाभी टोपे पे प्रीकम आ रहा है....

J:- आअह्ह्ह मैं गौरव को देखते हुए जुबान से टोपे पे आया प्रीकम चाट रही हु.....

Z:- मै खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतार दिए....और ज्योति को सोफे पे झुका दिया....नीचे बैठ के पिचेसे चूत में उंगली घुसाई.... आह्ह्ह गौरव देखो तुम्हारी बीवी की चूत मेरे लंड के कितनी गीली हो रही है.. उफ्फ

G:- आह्ह्ह्ह हा....

तीनो का एक्साइटमेंट लेवल काफी बढ़ गया था....

J:- आह्ह्ह्ह अब डालो ना अपना लन्ड.....

Z:- yessss क्या बोलते हो गौरव डाल du???

G:- हा उफ्फ

Z:- मैं खड़ा हुआ और ज्योति की मस्त गोरी गांड को मसलते हुए अपना लन्ड ज्योति की चूत में डाल दिया.....

इधर ज्योति भी गौरव के लंड पे बैठ गई.....

Z:- उफ्फ भाभी क्या चूत है आपकी उम्मम्म येस्सस्स

J:- आह्ह्ह्ह जफर आपका लंड भी बहोत मस्त है ... अब चोदो ना yesssss

ये बोलके ज्योति गौरव के लंड पे अपनी गांड़ हिलाके चूत में लंड का मजा लेने लगी।

Z: हा भाभी चोद रहा हु उफ्फ ... देखो गौरव अपनी बीवी की चूत में मेरा लन्ड कैसे अंदर बाहर हो रहा है ....कैसा लग रहा है देख के??

G:- उम्मम्म बहोत मस्त उफ्फ...मैं अपना लन्ड बाहर निकल के हिला रहा हु उफ्फ जफर चोदो ahhhhh अचेसे चोदो मेरी बीवी को उफ्फ
Z:- yessss गौरव बहोत टाइट चूत है तेरी बीवी की आह्ह्ह लगता है पहली बार चोद रहा हु
J:- तुम्हारा लंड बहोत मोटा है जफर इसलिए मेरी चूत टाइट लग रही है उफ्फ
Z:- भाभी अब ऐसेही चोद चोद के ढीली कर दूंगा ahhhhh
G:- हा उफ्फ रोज चोदना मेरी बीवी को जफर...
Z:- aahhhhh हा दोस्त रोज चोदूंगा ummmmm अपने दोस्तो से भी चुदवाऊंगा तेरी बीवी को
क्यों भाभी चुदोगी ना मेरे दोस्तो से???
J:- हा जफर चुदूंगी रोज चुदूंगी और तुम्हारे दोस्तो से भी चुदूंगी रोज yesssssssss
Z:- हा मेरी जान तुम इतनी गदराई हो न की 1 लंड से प्यास नही बुझेगी तुम्हारी...एक चूत में एक गांड में और मुंह में चाहिए तुम्हे है ना??
J:- आह्ह्ह्ह हा उफ्फएफ येस्सस्स्स
Z:- कैसा लगेगा गौरव तुम्हे जब एकसाथ तीन मर्द तेरी बीवी पे चढ़ेंगे?
G:- हा bahot mja आयेगा यार...
गौरव ज्योति ये सब इमेजिन करते हुए चुदाई कर रहे थे और जफर अपना लन्ड हिला रहा था।

तीनो इतने उत्तेजित हो चुके थे ये सब बाते करते हुए की कुछ ही मिनटों में तीनो स्खलित हो गए...

Z:- ahhhhh भाभी गौरव कैसा लगा??

J&G:- हा सच में बहोत मजा आया...

Z:- मुझे भी.... Ok कल भी करेंगे क्या??

गौरव ज्योति ने एकदुस्रे की और देखा...

J:- हा जरूर करेंगे....

गौरव ये सुन के थोड़ा चौका लेकिन उसे भी यही चाहिए थे उसने आज एक अलग ही अनुभूति की थी.. और वो इसे बार बार करना चाहता था..... ज्योति और गौरव के सेक्स लाइफ में एक चिंगारी जल चुकी थी जो दोनो को पता भी नही था की ये चिंगारी अब बहोत बड़ी आग लगाने वाली थी।
Bahut shadaar story hai bahut sundar threesome ka seen creat kiya hai maja aa gaya
 
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Pitaji

घर में मस्ती
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Update 5

अगला दिन दोनो के लिए बहोत अजीब सा लग रहा था ...रात को तो उत्तेजना के मारे सब कर बैठे थे पर सुबह थोड़ा ऑकवार्ड फील कर रहे थे। गौरव ऑफिस चला गया मगर पूरा टाइम वो बस यही सोच रहा था की ज्योति कैसे जफर के साथ एंजॉय कर रही थी....
मतलब जफर ने जो बोला था की ज्योति शादी से पहले चूदी है वो सच है....""उफ्फ किस किस से चूदी होगी ज्योति? कितनो का लंड घुसा होगा उसकी चूत में ??? कितनो का लंड चूसा होगा ज्योति ने?? Ahhhhh ""ये सब सोच गौरव अपना लन्ड सहला रहा था...
""आज रात ज्योति से पूछूंगा.... ""

यहा ज्योति भी अपने काम निपटा के आराम कर रही थी....सोच रही थी ""रात को बहोत मजा आया.... पर जफर बहोत कमीना है...कैसे बोल रहा था की ३ लंड एकसाथ चोदेंगे मुझे उफ्फ...क्या सच में मैं 3 लंड एकसाथ झेल पाऊंगी?? उफफफफ्फ कैसी लगूंगी ना मैं
एक लंड चूत में एक लंड गांड में और एक लंड मुंह में उफ्फ


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कितना मजा आयेगा आह्ह्ह्ह

और गौरव मुझे ऐसे देखेगा तो कैसे रैअक्ट करेगा??

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वैसे कल रात जब जफर ये सब बोल रहा था तब उसका लन्ड बहुत टाइट फील हो रहा था"
पक्का मुझे ऐसा देख के वो अपना लन्ड हिलाएगा उम्मम्म


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""पर थोड़ा बच के रहना पड़ेगा इस जफर से ...कैसे पहचान लिया उसने की मैं शादी से पहले बहोत चूदी हु.... उम्मम्म्म सच में क्या मस्त दिन थे वो"

ज्योति खयालो जाने लगी..... फिर से वो us वक्त में पहुंच गई जब वो 10th me थीं....
मामा के कांड के बाद ज्योति की काम वासना बहोत भड़क गई थी...हर वक्त वो बस चुदाई के बारे में सोचती रहती.... उसकी जवानी के मारे तो सभी थे... स्कूल में टीचर एक भी मौका नहीं छोड़ते थे ज्योति के बदन को मसलने का....ज्योति भी अब जानबूझ के उनको मौका देती थी.... बाहर भी कभी भीड़ में कोई उसे छूता तो वो कुछ नही कहती.... लेकिन बात बस वही अटक के रह जाती थी... बाहर कोई न कोई ज्योति के साथ रहता और स्कूल में टीचर डर के मारे कुछ नही कर पाते थे..उसकी एक फ्रेंड नव्या भी बिल्कुल
उसके जैसी ही थी...नव्या ज्योति को चुदाई के स्टोरीज की किताबे लाके देती थी जो वो उसके चाचाजी के रूम से चुराके लाती थी उन किताबों की स्टोरीज पढ़ पढ़ के ज्योति की चुदवाने की इच्छा और भी तीव्र होने लगी थी।


लेकिन जल्द ही उसके चूत का उदघाटन होने वाला था जिसका वो बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

ज्योति और उसकी फैमिली एक रिश्तेदार की शादी में गए थे।
ज्योति ने एक बहुत ही सेक्सी घागरा पहन रखा था।

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शादी में हर कोई उसे हिं देख रहा था। ज्योति भी ये बात जानती थी और कुछ ज्यादा ही इतरा के और अपनी गांड़ मटका के चल रही थी।

शादी हो चुकी थी। कोई खाना खा रहा था तो कोई फोटो खींचा रहा था। और बाकी लोग शादी के बाद वाली रिचुअल्स में बिजी थे।
ज्योति को अब बोर होने लगा था इसलिए वो मम्मी के पास गई और बोली

"मम्मी मैं रूम में जा रही हु चेंज करने और बिदाई के टाइम मुझे बुला लेना...."

ज्योति रूम की keys लेके चली गई।

वो शादी का हॉल दो मंजिला था।
हॉल में शादी हो रही थी नीचे बेसमेंट में खाना चल रहा था 1st फ्लोर दूल्हे वालो को दिया था और 2nd फ्लोर दुल्हन वालो का था।
ज्योति दुल्हन वालो की तरफ से थी वो ऊपर लिफ्ट से जाने लगी।
लिफ्ट से निकल के अपनी रूम की तरफ बढ़ी लॉबी में कोई नहीं था।
वो अपनी रूम की तरफ जाने लगी....उसकी रूम एकदम लास्ट में थी.... उसने देखा एक 50 साल का आदमी पिल्लर की आड़ में खड़ा था और स्मोकिंग कर रहा था.... और रेलिंग के लिए जो दीवार होती है उसका सहारा लेके नीचे देख रहा था।
(ये है अब्बास खान ज्योति के दादाजी का दोस्त जो पहले उनके ही गांव में रहता था पर अब बिजनेस की वजह से शहर में शिफ्ट हो गए थे... बहुत ही ठरकी किसम का आदमी जिसने अपनी जिंदगी में बहुत सी औरते और लड़कियां चोदी है... यहाँ तक की अपनी भांजी भतीजी तक को नहीं छोड़ा)


ज्योति की आहट पा के उसने मुड़ के देखा उसका मुंह खुला का खुला रह गया...एकदम कमसिन सेक्सी लड़की चली आ रही थी...उसकी गोरी कमर नाभि और चोली से टाइट बूब्स और उसमे से झांकती गोरी गोरी चूचियां देख उसका लन्ड एकदम से सलामी देने लगा....

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ज्योति और उसकी नजरें मिली....ज्योति उसको एक नजर देखा और आगे अपनी रूम की तरफ जाने लगी तभी उस आदमी ने अपनी सिगरेट फेंकी और ज्योति को आवाज दी""अरे बेटा सुनो..."
ज्योति ने पीछे मुड़ के देखा..."जी अंकल" और थोड़ा रुक गई...
A:- तुम जयकांत की बेटी ज्योति हो ना???
J:- जी अंकल... आप जानते हो पापा को??
ऐसा बोलते हुए वो थोड़ा पास आके रुक गई।
A:- अरे हा बेटा हम सब एक ही गांव के तो है...तुम्हारे दादाजी और मैं दोस्त है....अभी जयकांत से मिला लेकिन तुम साथ नही थी...
J:- अच्छा....
अब्बास थोड़ा ज्योति की तरफ बढ़ा और सर पे हाथ रखा..."कितनी बड़ी हो गई हो... 5 साल की थी तब देखा था आखरी बार तुम्हे"
ये बोलते हुए उसके हाथ सर से होते हुए कंधे पे आ गए और नजरे ज्योति के चोली में कसे हुए बूब्स पर थी। जैसे उसने ज्योति के कंधो को छुआ और देखा की उसकी नजरे बूब्स पर है और उसका छूने का तरीका से ज्योति समझ गई की अब्बास का इरादा क्या है...उसने इधर उधर देखा कोई नही था लॉबी में वो दोनो अकेले थे।
उसकी धड़कने थोड़ी तेज हो गई और शर्म से गाल एकदम लाल...अब्बास खिलाड़ी था उसे समझते देर नहीं लगी की ये चिड़िया फंस सकती है....उसने दोनो हाथो से ज्योति के कंधे पकड़े और धीरे से दोनो हाथ के अंगूठे से ज्योति के साइड के बूब्स को टच किया...ज्योति पहले ही इनसब बातो के बारे में सोच सोच के और किताबो में चुदाई की बाते पढ़ पढ़ के चुदाने के लिए तयार बैठी थी...पर थोड़ा डर भी लग रहा था और अच्छा भी लग रहा था।
अब्बास ने ज्योति के चेहरे के एक्सप्रेशन देखे...

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उसको इस तरह शरमाते हुए देख उसे पक्का यकीन हो गया की ज्योति के मजे ले सकता है...
A:- कितनी बड़ी हो गई हो और सुंदर भी....और इन कपड़ो में तो अप्सरा लग रही है मेरी प्यारी बेटी....और फिर धीरे धीरे अंगूठे से बूब्स के साइड को सहलाना शुरू रखा....
J:- थैंक यू अंकल.... आप अकेले आए हो??
ज्योति को कुछ सूझा नही तो बस बोल गई...
A:- नही बेगम है ना साथ में वो नीचे है मुझे बोर हो रहा था इसलिए यहाँ आ गया....वैसे ये झुमके बहुत प्यारे लग रहे है...और कान को इस्तरह से छुआ की उसकी लहर सीधा ज्योति को अपनी चूत तक महसूस हुई....
लड़कियों का कान वैसे भी बहुत सेंसिटिव होता है...और अब्बास ये बात बहुत अच्छी तरह जानता था।
ज्योति ने एक बार अब्बास को देखा और शर्मा के नीचे देखने लगी....अब्बास का लंड भी अब पैंट में सलामी देने लगा था ज्योति ने जब नजरे नीची की तब उसे अब्बास की पैंट में तम्बू नजर आया...

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जिसे देख के वो और भी horny फील करने लगी।
अब्बास ने अब अपना हाथ धीरे से नीचे लाया...और नेकलेस को उठाया उठाते वक्त ज्योति की क्लीवेज जो थोड़ी दिख रही थी उसको सहलाया और अपने हाथ का पिछला हिस्सा बूब्स पे दबाया इस बार थोड़ा जोर से दबाया ताकी ज्योति को भी दबाव महसूस हो... और वो बार बार इधर उधर देख रहा था और ज्योति के चेहरे की तरफ भी ताकि वो जान सके ज्योति क्या सोच रही है..
""ये नेकलेस भी बहुत सुंदर लग रहा है मेरी बच्ची पे...."
जैसे ही ज्योति ने अब्बास के हाथ का दबाव अपने बूब्स पे महसूस किया उसकी सिसक निकलते निकलते रही....उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था पर डर भी भी लग रहा था क्यूं की ये सब लॉबी में खड़े हो के करना रिस्की था....अब्बास ने ज्योति के चेहरे का डर पहचान लिया उसने सोचा की कही पंछी बिदक ना जाय..... उसने धीरे से ज्योति की चूचियां दबाई और हाथ हटा लिया...."" क्या हुआ बेटी ?? ऐसे घबराई क्यू लग रही हो??? डरो मत बिटिया ...मुझसे क्या डरना?? मैं तो अंकल हु ना तुम्हारा...क्या मैं तुम्हे पसंद नही आया?? क्या मैं बुरा अंकल हु?"
ज्योति ने खुद को थोड़ा संभाला..."" अरे नही अंकल मैं कहा डर रही हु?? वो तो आप इतनी तारीफ कर रहे थे न तो शर्म आ गई...और आप अच्छे हो...""

अब्बास को ये सुन के राहत महसूस हुई वरना उसे लगा था कि ये कमसिन कली गई उसके हाथ से...

A:- तारीफ क्यू ना करूं?? मेरी बच्ची है ही इतनी सुंदर....आओ यहां...देखो यहाँ से दूल्हा दुल्हन के फेरे चल रहे है... अब्बास ने ज्योति का हाथ पकड़ा और पिल्लर के आड़ ले आया...ज्योति ने देखा की पिलर की वजह से लॉबी में एक साइड से उन्हें कोई देख नही पा रहा था...और दूसरे साइड उसकी रूम थी जो लॉक थी वहा से कोई आनेवाला नही था और दूसरे साइड कोई आया भी तो उसे कुछ दिखाई नहीं देगा और उन्हें मालूम भी पड़ जायेगा....ये सोच के वो थोड़ी रिलैक्स हो गई और रेलिंग की दीवार पे अपना हाथ रखा और नीचे देखने लगी...वहा दूल्हा दुल्हन की फेरे वाली विधि अभी स्टार्ट होने वाली थी....इस दौरान अब्बास ने ज्योति की पीठ पे अपना हाथ रखा...पिचेसे ज्योति की चोली थोड़ी ओपन थी...अब्बास ने वही हाथ रखा और नंगी पीठ सहलाने लगा धीरे धीरे....

A:- दोनो कितने अच्छे लग रहे है ना साथ में??
J:- हा बहोत अच्छे लग रहे है....उसका पूरा ध्यान अब्बास के हाथ पे था...उसका मर्दाना टच ज्योति की चूत में अजीब से हलचल पैदा कर रहा था....
अब्बास बार बार ज्योति का चेहरा देख रहा था अब वो उसे रिलैक्स लग रही थी...अब उसने अपना अगला दाव खेला...पीठ सहलाते हुए हाथ ज्योति की कमर पे रखा....और हल्का सा मसला...

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ज्योति के मुंह से हल्की सी "आह्ह्ह" निकली...
A:- दोनो कितने खुश है ना???
J:- हा आज उनकी शादी है तो खुश ही रहेंगे ना...
A:- अरे नही खुश वो इसलिए है क्यो की आज उनकी सुहागरात होगी....एक हाथ कमर पे था और दूसरा हाथ ज्योति के हाथ पे रखा जो रेलिंग के दीवार पे रखा हुआ था....ज्योति ने मुड़ के अब्बास की आखों में देखा...
A:- तुम्हे पता है ना सुहागरात क्या होती है...उसने ज्योति की आखों में देखते हुए पूछा...
ज्योति शर्मा के नीचे देखने लगी....
A:- ओह्ह्ह शरमा रही हो मतलब तुम्हे पता है....कमर को पकड़ के थोड़ा अपनी और खींचा और हाथ घुमा के पेट पे रख दिया और धीरे से नाभी में उंगली घुसा दी...

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ज्योति ने बस शरमा के स्माइल करते हुए अब्बास को देखा...जैसे ही उसने अब्बास का खुरदुरा मर्दाना हाथ अपनी पेट और उंगली नाभी में महसूस की उसकी चूत ने पानी छोड़ना सुरु कर दिया...उसे पैंटी में गीला गीला महसूस होने लगा.....
A:- बोलो बिटिया....सुहागरात पता है ना क्या होती है....
J:- हा.... वो बस इतना ही बोल पाई....

अब्बास ज्योति का पेट और नाभि को सहलाते हुए..."ओह्ह्ह मेरी बेटी तो बड़ी हो गई है.... और समझदार भी....तभी तो अंकल से कितनी प्यारी बाते कर रही है"" अब्बास ने अपना हाथ वापस कमर पे लाया और सहलाने लगा

A:- लेकिन मुझे लगता है की दोनो ने पहले ही सुहागरात मना ली होगी....आजकल के बच्चे बहुत आगे निकल गए है...शादी से पहले ही सुहागरात मना लेते है....

J:- लेकिन दोनो की तो अरेंज मैरिज है...फिर??

अब्बास ने देखा ज्योति उसकी बातो में इंटरेस्ट ले रही है...

A:- अच्छा?? मुझे लगा लव मैरिज है...क्यों की दुल्हन को देख के लग रहा है जैसे उसने सुहागरात मना ली...और एक बार नही कई बार...और उसने अपना हाथ धीरे से ज्योति की गांड़ पे रखा....

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उसको छूते ही दोनो के शरीर में करंट सा दौड़ गया...अब्बास मन में सोचने लगा "उफ्फ क्या कमसिन टाइट गांड है इसकी ऊपर से ही एकदम मस्त लग रही है नंगी गांड को एकदम दूध जैसी होगी उफ्फ"" उसका लन्ड पैंट में एकदम रॉड जैसे टाइट हो चुका था।

ज्योति भी काफी हदतक अब्बास के वश में थी...उसे भी अच्छा लग रहा था...उसकी चूत के पानी से पैंटी पूरी गीली हो गई थी....

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J:- ऐसा क्यों बोल रहे हो आप अंकल???

A:- अरे बेटा मेरा तजुर्बा यही कहता है ... मैं देख के बता सकता हु...
J:- कैसे अंकल???

A:- बताऊ??? तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना??

उसकी आखों में देखते गांड को धीरे से दबाया ...
J:- नही बताओ ना...ज्योति ने धीरे से कहा....

उसके जवाब देने का तरीका बहोत ही सेंसुअस था अब्बास ने उसे पूरा उत्तेजित कर दिया था।

A:- अरे बिटिया....उसके वो देखो ना कितने बड़े है(ज्योति समझ गई की अब्बास उसकी चुचियों की बात कर रहा है....वो देखने लगी ऊपर से देखा तो दुल्हन की आधे से ज़्यादा चूचियां दिखाई दे रही थी)

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मैं कबसे देख रहा हु ...देखा न कितनी बड़ी है....और वो अपने आप बड़ी नही होती....अब खुद को देख लो अभी छोटी सी है...और उसने थोड़ा दबाव दिया गांड पे और फाको के बीच उंगली डालनी चाही

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लेकिन घागरा थोड़ा thick कपड़े का था....
J:- फिर कैसे बड़ी होती है....ज्योति इस कन्वर्सेशन को और इंटरेस्टिंग बनाना चाहती थी....

अब्बास थोड़ा टर्न हुआ और अपना लन्ड ज्योति के हाथ से सटाया...उसकी आखों में देखते हुए"" उसके लिए बेटी सुहागरात मनानी पड़ती है... एक बार नही बार बार...दुल्हन ने पक्का शादी से पहले ही बहोत सी रातों को सुहागरात में तब्दील की होगी...और 3 4 के साथ की होगी....
ज्योति के हाथ से लंड टच हुआ वैसे ज्योति थोड़ी दूर हुई...लेकिन हाथ वही था.... अगर उन्हें कोई नीचे से देखता भी तो ऐसा लगता की दोनो दूर दूर खड़े है....
J:- ohhhh सच अंकल???

A:- हा बिटिया.... तुम्हे करवानी है अपनी चूचियां बड़ी बड़ी....मस्त लगोगी एकदम सेक्सी???
अब्बास अब थोड़ा खुल के बाते करने लगा था...
ज्योति बस उसकी और देख के स्माइल की और हा में सर हिलाया....अब्बास एकदम खुश हो गया उसका लन्ड उसने ज्योति के हाथ पे थोड़ा रगड़ा...
A:- पता है कैसे कैसे करना पड़ता है???
J:- नहीं पता....ज्योति की उत्तेजना बहोत जादा बढ़ गई थी उसके गले से आवाज नही निकल रही थी....
A:- बेटी पहले इसे(ज्योति का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा) अच्छेसे से हिलाना पड़ता है.... तब तक अंकल तुम्हारी ये छोटी छोटी चूचियां दबाएंगे और चूसेंगे....अब्बास ने इधर उधर देखा और ज्योति को पिलर की तरफ सरकने की लिए बोला और उसे अपने सामने खड़ा कर दिया....अब निचेसे अगर कोई देखता तो उसकी पीठ दिखाई देती ...उसने दोनो हाथो से ज्योति की चूचियां दबाई..

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.ज्योति के मुंह से आअह्ह निकली और अब्बास के लंड को उसने कस के पकड़ लिया....

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A:- उफ्फ बेटी कितनी मस्त है है तुम्हारी चूचियां... बड़ी हो जाएंगी ना तो और मजा आयेगा दबाने में...
J:- सच अंकल?? फिर और क्या करना पड़ता है???
A:- मजा आ रहा है ना तुम्हे?? फिर बेटी जब ये खड़ा हो जाता है ना... तब उसे यहां डालना पड़ता है....उसने धीरे से घागरे के ऊपर से ज्योति की चूत दबाई....

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J:- उफ्फएफएफएफएफ अंकल उम्मम्म
A:- फिर जब वो अंदर बाहर अंदर बाहर होता है ना...तब उसमे से सफेद गाढ़ा क्रीम निकलता है....उसे थोड़ा पीना पड़ता है...और थोड़ा चुचियों पे लगा के मालिश करनी पड़ती है....ऐसा बहोत बार करना पड़ता है तब चूचियां बड़ी हो जाती है....बोलो करवाओगी?


ज्योति अब्बास के लंड को पैंट के ऊपर से सहला रही थी और अब्बास ज्योति की एक चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत सहला रहा था....

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ज्योति उसकी डेयरिंग को देख के हैरान थी...अब तक उसे ऐसा कोई भी नही मिला था...


J:- हा येस्सस्स अंकल करवाऊंगी...

A:- उम्मम्मम बोलो किससे करवाओगी???

J:- आपसे करवाऊंगी....

A:- उफ्फ बेटी सच में?? दरोगी तो नहीं न?

J:- नही..... ज्योति अब्बास का लंड को पकड़ के अच्छेसे सहला रही थी....उसके कोमल हाथों का स्पर्श अब्बास को और मजा दे रहा था।

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A:- सच बेटी...तुम्हे मेरा लन्ड कैसा लग रहा है???
चोदने दोगी ना अपनी कुंवारी कमसिन चूत.?
J:- आह्ह्ह हा अंकल बहोत मस्त है...
दोनो को भी पता था अब आगे क्या होने वाला है....

A:- तो अंदर रूम में चले क्या...
ज्योति को भी यही चाहिए था....
लेकिन तभी लॉबी में किसकी चलने की आवाज आयी अब्बास ने ज्योति को फिर से साइड में ले लिया और दूर जा के खड़ा हो गया...ज्योति की हालत बहोत खराब हो चुकी थी...उसे एक पल के लिए लगा की अब बस अब अब्बास उसे चोदने ही वाला है....लेकिन शायद ज्योति की किस्मत ही खराब थी... वो जो आया था वो कोई रिश्तेदार का 10 12 साल का लड़का था जो ज्योति को बुलाने आया था....उसे ज्योति के मम्मी ने भेजा था... ज्योति वापस नीचे जाना पड़ा...अब्बास वही खड़ा सोच रहा था "यार क्या गलत टाइम पे आया वो लड़का...कुछ देर बाद आता तो ज्योति की टाइट चूत में लंड पेल चुका होता....

ज्योति भी बहोत अपसेट हो गई थी बहोत टाइम बाद उसे एक शख्स मिला था जो ओपनली उसके साथ ये सब कर रहा था...

ज्योति को उसकी मम्मी ने वापस आने ही नहीं दिया...अब्बास उसका वेट करते रहा...

बहोत टाइम बाद ज्योति वापस आई लेकिन उसकी मम्मी भी साथ में थी....

उसे देख के अब्बास अपने रूम में चला गया...

ज्योति और उसकी मम्मी ने चेंज किया और थोड़ी देर आराम करने लगी....

उसके बाद वो दुल्हन की बिदाई करने चली गई...ज्योति की आंखे बस अब्बास को ढूंढ रही थी....लेकिन वो उसे कही नही दिखा...

बिदाई के बाद सबको बाय बोल के वो अपने घर जाने के लिए निकलने लगे....जब वो पार्किंग में आए तो ज्योति ने देखा की अब्बास और उसके पापा आपस में बात कर रहे थे.........


ये क्या सीन था?? ज्योति और अब्बास के बीच बात आगे बढ़ी या नहीं?? और बढ़ी तो कैसे बढ़ी ये ये जानने के लिए अगले अपडेट का इंतजार करना पड़ेगा......
Abbas aur jyoti ke beech ka seen mast tha bro maja aa gaya
 
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malikarman

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Update 8


गौरव और ज्योति दोनो बहोत खुश थे...गौरव ने आखिर अपने मन की कर ली थी और ज्योति भी बहोत सालो बाद एक तगड़े लंड से चूदी थी।

दोनो एकदूसरे को देख रहे थे....

G:- ऐसे क्या देख रही हो??

J:- मुझे यकीन नही हो रहा की मैने ये किया या यू कहूं हमने ये किया...

G:- मजा आया ना??

J:- बहोत.... उफ्फ मस्त चोदा उसने...

G:- मुझे भी ... जब वो तुम्हे चोद रहा था तुम्हारे चेहरे की खुशी देख कर... मुझे मजा आ रहा था .....और मुझे ये भी पता है तुम्हे और एक राउंड चुदवाना था उससे...

J:- ह्म्मम हा... मुझे लगा तुम उसे अपने साथ घर चलने बोलोगे...

G:- सब्र रखो मेरी जान .... तुम जिससे चाहो जब चाहो चुदवा लेना... बस मेरे सामने चुदवाना...

गौरव ने सागर को घर पर नहीं चलने को कहा क्यू की वो उसे घर पे जाके कैमरा ठीक से लगे है या नही चेक करना था और रात भी बहुत हो गई थी।

दोनो घर पहुंचे और फ्रेश हो कर सो गए।

सुबह बेल की आवाज से दोनो की नींद खुली...

J:- ये मालती इतने जल्दी कैसे आ गई आज?? उसको कितनी बार बोला है की संडे को जल्दी मत आया कर...

G:- जाओ ना जल्दी ...वरना वो बेल बजाती रहेगी...

ज्योति नाइटी में ही उठ के दरवाजा खोलने चली जाती है....जैसे ही दरवाजा खोलती है... और देखती है की उसके मामाजी सामने खड़े है..."मामाजी आप??"

मामाजी उसे देखे जा रहे थे बिना ब्रा के नाइटी जो बस घुटनों तक थी...ज्योति की बड़ी बड़ी चूचियों से उसकी नजर ही नहीं हट रही थी....

"उफ्फ ज्योति क्या लग रही है.... कितने दिनों बाद देख रहा हु इसे ...ये तो और भी ज्यादा सेक्सी हो गई है....थैंक यू ऊपरवाले ऐसा नजारा दिखाने के लिए"

मामा मन ही मन ऐसे सोच रहा था और पैंट में उसका लन्ड खड़ा होने लगा था।

ज्योति को जबतक समझ आता की वो किन कपड़ो में है तब मामा के होश उड़ गए थे...ज्योति जल्दी से मामा को बैठने बोलती है...और बेडरूम में आती है....गौरव को बताती है कि मामाजी आए है तो गौरव ...बाहर आता है ज्योति भी नाइटी चेंज करके सलवार सूट पहन लेती है...

G:- मामाजी आप ऐसे अचानक कैसे???

M:- अरे दामादजी... वो यहां रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर का एक वर्कशॉप है उसे अटेंड करने आया हु... अभी न्यू सोल्जर को अपने एक्सपीरियंस के बारे में बताना और उन्हें कुछ सिखाना उसने मुझे इनविटेशन मिला था तो सोचा ज्योति भी यही है तो मैं चला आया...

G:- अच्छा किया बहोत दिनों से आपसे मुलाकात नही हुई थी....तभी ज्योति चाय लेके आती है...ज्योति भी आपको बहोत याद कर रही थी...गौरव ज्योति को नॉटी नजरो से देखते हुए कहता है... ज्योति शरमा जाती है...

J:- हा मामाजी 3 4 साल बाद आपको देख रही hu... बाकी सब कैसे है?

M:- सब ठीक है...तुम्हे बहुत याद करते है...

G:- और आप तो कुछ ज्यादा ही याद करते होंगे ना...आपकी लाडली जो है... गौरव ज्योति को देखते हुए कहता है।

M:- हा वो तो है.... बहुत याद करता हु ...ऐसे बोल के ज्योति को ऊपर से नीचे तक देखा।

गौरव ने ये देख लिया..."हम्म्म मुठ मारने के टाइम याद करते होंगे"

ये सोच के गौरव को उत्तेजना महसूस होने लगी थी।

J:- आपने फोन क्यू नही किया मैं गौरव को भेज देती ना स्टेशन...

M:- अरे बेटी वो आर्मी ऑफिस से आए थे.. मैंने कहा की एक बार मिल लेता हु तुम लोगो से फिर चला जाऊंगा वहा सब अरेंजमेंट है...

G:- अरे ऐसे कैसे मामाजी यहां हमारे होते आप वहा क्यू रहेंगे...आप यही रहेंगे हमारे साथ और ऑफिस ज्यादा दूर नहीं है...

J:- हा मामाजी... वैसे कितने दिन का है वर्कशॉप?

M:- बेटी 5 दिन का है... मैं वही ठीक रहूंगा...तुम लोग तकलीफ मत करो...

J:- इसमें तकलीफ की क्या बात है...

G:- हा मामाजी बिल्कुल ज्योति सही कह रही है... आप यही रहेंगे...मैं ड्राइवर को बोल दूंगा वो आपको pick up drop कर दिया करेगा... वैसे आज से सुरु होने वाला है या कल से...??

M:- सुरु तो कल से होगा पर अभी थोड़ी देर बाद इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है तो मुझे जाना होगा...

J:- ठीक है आप गेस्ट रूम में चलिए फ्रेश हो जाइए तबतक मैं नाश्ता बना देती हु. ...

M:- ठीक है बेटी...

मामा चाय पी के गेस्ट रूम में चला गया...ज्योति नाश्ता बनाने लगी...

गौरव किचन में गया और ज्योति को पिछेसे हग किया..."क्या बना रही हो अपने पहले यार के लिए???

J:- क्या गौरव आप भी ना...

G:- क्या?? सच ही तो कहा ना... यही तो वो आदमी है जिसने पहली बार मेरी बीवी को छुआ था...अभी भी उसकी आखों में तुम्हारे लिए हवस कम नही हुई है...ऐसे देख रहे थे जैसे कच्चा चबा जायेंगे तुम्हे...

J:- कुछ भी... अरे अब तो उमर हो गई है उनकी...

G:- जान आर्मी वाला कभी बूढ़ा नही होता...(एक हाथ से चूची और एक हाथ से गांड दबाते हुए) और ये तुम्हारी चूचियां और गांड़ देख के तो मुर्दे का भी खड़ा हो जायेगा...

J:- अरे हा न...मुझे लगा मालती है मैं तभी नाइटी में ही दरवाजा खोलने चली गई....मुझे देख के तो वो कुछ बोल ही नहीं पाए....

G:- हा इतनी सेक्सी गदरायी औरत को देख के किसिकी भी बोलती बंद हो जाय... मुझे तो लगता है की अभी भी तुम्हे याद करके हिला रहे होंगे...

J:- कुछ भी बोलते हो... हटो मुझे काम करने दो...

G:- रुको 2 मीन...

गौरव जल्दी से अपने रूम में गया और अपना मोबाइल और हेडफोन ले आया.....उसने एक हेडफोन ज्योति को दिया और दूसरा खुद के कान में डाल दिया...

J:- क्या कर रहे हो गौरव??

G:- एक मिनट रुको तो....

गौरव ने एक app खोला और एक एक करके कैमरा की फुटेज चेक करने लगा...उसे गेस्ट रूम के बाथरूम का कैमरा मिला...वो उसे देखने लगा और उसका साउंड बढ़ा दिया...

G:- ज्योति ये देखो...ज्योति कुतुहल से देखने लगी....उसने देखा की गेस्ट रूम के बाथरूम में मामा नहा रहा था...

J:- ये क्या है?? और ये सीसीटीवी कब लगाई आपने?? और आवाज भी आ रही है....

G:- वो सब बाद में बताता हु...पहले ये तो देखो...

ज्योति ने देखा मामा अपना काला मोटा 10 इंची लंड को मसल रहा था...लंड पूरा टाइट था...

M:- aaaahhhhhh ज्योति उफ्फफ्फ क्या माल बन गई हो तुम अब sssssss ahhh जब पहली बार तुम्हारा बदन मसला था तब बहुत छोटी थी....अब एकदम भर गई हो.. काश एक बार चोदने का मौका मिल जाय... ऐसे पटक के चोदूंगा ना की क्भिबकिसी ने नही चोदा होगा....अपने लंड की रंडी बनाऊंगा तुझे.... बस एक बार मौका दे... तू खुद लंड मांगेगी मुझसे.... उफफ्फ

G:- wow ज्योति देखो मैंने कहा था...देखा बिचारे का क्या हाल बना दिया तुमने....

J:- चुप करो...मुझे तो यकीन नहीं हो रहा...

G:- किस बात का?? की मामा का लंड खड़ा भी होता है और तुम्हे अपनी रंडी बनाने के बारे में सोच रहा है इस बात का??

J:- दोनो.... आज भी नही बदले... अपनी भांजी को चोदने का सोच रहे है....

गौरव ने धीरे से अपना हाथ ज्योति के सलवार के ऊपर से चूत पे रखा...."भांजी भी तो गीली हो रही है मामा का लंड देख के...ज्योति तुम्हारी चूत मामा का लंड मांग रही है.. दोगी उसे?"

गौरव ज्योति की आखों में देखते हुए पूछता है।

J:- आह्ह्ह्ह गौरव प्लीज मत छेड़ो ना ....

G:- मुझे पता है ज्योति तुम अपनी चूत की मांग पूरी करोगी...है ना?

J:- आह्ह्ह्ह गौरव उफ्फ...

G:- मत तड़पाओ ज्योति... चाहो तो अभी जा के ले लो अपने मामा का लंड अपनी चूत में.....

J:- आह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ....

ज्योति मामा को देखे जा रही थी...

M:- अःह्ह्ह ज्योति उफ्फ मेरी जान येस्सस्सस yessssss

मामा ज्योति का नाम लेके जोर जोर से हिला रहा था....कुछ ही मिनटों में उसका लन्ड वीर्य उगलने लगा....ज्योति और गौरव ये सब देख रहे थे....

G:- उम्मम्म ज्योति देखा तुमने अभी भी खड़ा है उनका लंड...

J:- omg सच में उफ्फ....

G:- मौका गवा दिया तुमने...

J:- हटो...जाओ यहां से...मामाजी आते ही होंगे मुझे नाश्ता बनाने दो.... और आप भी नहा के आओ जल्दी...

गौरव अपने रूम में चला गया । ज्योति नाश्ता बनाने लगी...

गौरव नहाने के लिए अपने रूम के बाथरूम में गया..."मैं सोच ही रहा था की सागर के साथ कैसे प्लान बनाया जाय लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं है.. मामा जी जो आ गए अब... मामा को बस मौका मिल जाए वो ज्योति को चोदे बिना नही रहेंगे... ज्योति भी मना नही करेगी... मुझे दोनो को मौका देना पड़ेगा... मेरे रहते शायद मामा कुछ न करे...एक बार उनका काम हो जाय... फिर सामने बैठ के देखूंगा मामा कैसे अपनी भांजी को चोदता है"

गौरव कुछ प्लान बना रहा था।

ज्योति नाश्ता बनाते हुए सोच रही थी"मामाजी आज भी मुझे याद करके मूठ मार रहे थे....omg क्या मस्त तगड़ा लंड है उनका ...गौरव सही बोल रहे थे...मेरी चूत सच में उनका लंड मांग रही है.... आह्ह्ह्ह कितना मजा आयेगा जब उनका लंड मेरी चूत में जायेगा....उनकी भी बरसो पुरानी इच्छा पूरी हो जायेगी... उम्मम्म मामाजी आपकी भांजी इसबार आपको पूरा मजा देगी "

ज्योति ये सब सोच के उत्तेजित हो रही थी। तभी उसे मामा के आने की आहट हुई... उसने जल्दी जल्दी नाश्ता प्लेट में रखा...मामा तब तक हॉल में आके बैठ गया था...

ज्योति ने उनके पास गई और झुक के नाश्ता देने लगी...झुकने की वजह से उसकी आधी चूचियां मामा के आखों के सामने थी...मामा ने देखा और ऊपर ज्योति की आंखो में देखा...ज्योति स्माइल कर रही थी... उसने प्लेट ली और खाने लगे....

ज्योति वापस अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन में जाने लगी...मामा उसकी गांड़ को देखे जा रहा था।

" वाह्ह्ह क्या मस्त गांड है यार... छोटी थी तब से इसकी गांड मुझे बहोत पसंद है उफ्फ"

ज्योति पानी लेके वापस आई और जानबूझ के मामा के पास बैठ गई।

J:- मामाजी आप आ ही रहे थे तो मामी को क्यू नही लेके आए....

M:- अरे बेटा... उसकी तबियत ठीक नहीं है... तुम्हे तो पता ही है ना उसकी स्पाइन का प्रॉब्लम है...ट्रेवलिंग में और तकलीफ होने लगती है"

J:- ( मन में ) हम्म्म आप जैसा घोड़ा चढ़ेगा तो क्या ही कमर ठीक रहेगी... आप जैसे को मेरी जैसी घोड़ी ही संभाल सकती है

J:- हा मम्मी बता रही थी.... आपको खयाल रखना चाहिए न थोड़ा..

M:- मैं तो खयाल रखता ही हूं बेटी.... जब से रिटायर हुआ हु तब उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता...

J:- तभी तो उनकी ये हालत हो गई होगी.... ज्योति के मुंह से निकल गया....

M:- मतलब???

J:- मतलब....वो...की ...मैं..मैं ये कह रही थी उसके पहले उनकी तबियत खराब रहती थी ना...आप आ गए तो अब अच्छी हो रही है...

M:- अच्छा सुन मैं भूल ही गया...तेरी मामी ने तेरे फेवरेट बेसन के लड्डू भेजें है...मेरी बैग में है..

J:- सच में ?? Wow मैं बहोत मिस कर रही थी...जब भी लड्डू खाती हु तब तब मामी के हाथ के लड्डू याद आते है...थैंक यू....और ऐसा बोला के ज्योति मामा को हग करती है....मामा को ये एक्सपेक्ट नहीं था....वो थोड़ा पीछे हटा...जिस वजह से ज्योति के हाथ उसके गले की जगह पे पेट पे लिपट गए और ज्योति के बूब्स उसके लंड पे दब गए.... ज्योति की गांड़ देख के उसका लन्ड पहले से ही आधा खड़ा था...बूब्स के नरम स्पर्श से एक ही सेकंड में पूरा टाइट हो गया..ज्योति को भी उसके लंड का हार्डनेस अपनी चुचियों पे फील हुआ....मामा थोड़ा संभला और एक हाथ उसकी पीठ पे रख के हग करने लगा....

M:- आज भी नही बदली...लड्डू के नाम से एकदम बच्ची बन गई हो....

ज्योति ये मौका गवाना मुनासिब नहीं समझा...वो और अपनी चूचियां लंड पे रगड़ने लगी और सर मामा के छाती पे रखा..."हा आपके लिए मामी के लिए मैं अभी भी बच्ची ही तो हूं"

मामा का लंड अब पूरे जोश में आ गया था...ज्योति की नरम चुचियों पे रगड़ने में उसे परम आनंद की प्राप्ति हो रही थी... वो धीरे धीरे ज्योति की पीठ सहलाने लगा।

M:- हा मेरी बच्ची... तू बिल्कुल वैसी ही है... याद है मुझे सब... हमेशा मुझसे ऐसेही चिपकी रहती थी तू...

ज्योति ने हग तोड़ा और मामा की आखों में देखते हुए स्माइल करने लगी....एक नजर उसकी मामा के खड़े लंड पे गई....मामा ने उसे देखा की वो लंड को देख रही है तो...वो थोड़ा संभल के बैठते हुए छुपाने की कोशिश करने लगा......

J:- हा मुझे सब याद है.....खासकर के वो वाले दिन जब आपकी शादी होने वाली थी और हमारे घर पे 3 4 दिन रुके थे...कितना मजा किया था न आपने....मतलब हमने?

मामा को वो इंसीडेंट याद आ गया जब वो रात को ज्योति के रूम में जा के उसको मसला था।

M:- हा...बहुत अच्छी तरह याद है....उसके बाद मौका ही नही मिला....

J:- हा... मौका मिलता तो और मजे करते....मामा की आखों में देखते हुए धीरे से इस अंदाज में कहा की मामा सोच में पड़ गया....

लेकिन आगे कुछ बोल पाता...तभी गौरव वहा आ गया...

G:- क्या बाते चल रही है मामा भांजी के बीच???

M:- कुछ नही...बस ऐसेही....

G:- अच्छा मामाजी आप कबतक वापस आओगे??

M:- पता नही.....इंट्रोडक्शन का प्रोग्राम है शायद 3 4 बजे तक आ जाऊंगा...

G:- ठीक है... मुझे थोड़ा ऑफिस जाना होगा 3 बजे ...अर्जेंट काम आ गया कुछ...तो आपको मैं रात को ही मिलूंगा...ज्योति डिनर में मामाजी की फेवरेट बनाना कुछ...

J:- क्या आप भी आज संडे को भी काम??

G:- अरे अब क्या करे??

M:- दामाद जी बुरा मत मानना पर ज्योति सही कह रही है...

G:- मामाजी आपकी बात सही है... पर ये थोड़ा अर्जेंट है...

M:- ठीक है...अब मैं क्या बोलूं?

G:- वो मामाजी ड्राइवर खड़ा है बाहर आपका वेट कर रहा है।

मामा दोनो को बाय बोल के निकाल गए।

गौरव ने ज्योति को अपनी बाहों में लिया..."क्या बाते हो रही थी...."

J:- कुछ नही ... उनको पुरानी बाते याद दिला के उकसा रही थी...

G:- उम्मम्म मतलब तुम अपनी चूत के आगे बेबस हो गई..

J:- हम्म्म... नहीं प्यार के आगे...

G:- मतलब???

J:- अपने पति से बहोत प्यार करती हु ना.... और उनकी इच्छा को कैसे मना करती??

G:- ohhhh ऐसी बात है?? तो मेरी प्यारी पत्नी जी कुछ सोचा है कैसे करेगी???

J:- हम्म्म नही सोचूंगी...पर आप ये कहा जाने की बात कर रहे थे??

G:- अरे वैसे तो अर्जेंट कुछ नही...पर सोचा की तुम दोनो को खुलने के लिए थोड़ा स्पेस दे दूं...

J:- OMG... बहुत समझदार हो गए हो...

दोनो हसने लगे....

दोनो इस वासना की आग में एक कदम और आगे बढ़ने लगे थे.... उधर मामा के भी तनबदन में आग लग गई थी...



पता नही ये आग कब और कैसे कैसे बुझेगी।
Awesome update
 
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