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Romance आरुषि

Ashish Jain

कलम के सिपाही
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Hello brother......
Sorry for the late comments......

First all updates are long.....and very well written.....
Now at tha story.....

Wese sach bataun...... romance mujhe jyada pasand nahi hai......
Lekin aapne jis tarah se dono ke relationship ko dikhaya hai.....usme har feeling ko darshaya hai.....
That was awesome......

Khas kar wo Arab ke likhe latter's.....the best part in itself.....

OR jo aapne himmat dikhaai hai.....romance section me kahani likh kar....uske liye....aap tariff ke patra hai....khas kar puri iss baat ke liye....KI aapne romance ko purely dikhaya hai....without sex....and without any vulgar things.....
OR dusri chij..... iss forum.....ya lagbhag aise sabhi forum par bas insect.....adultery hee dekhne ko mlti hai.....romance ke naam par bhar bhar ke sex....OR nothing....so that iss really good....

So beautiful story and brilliant writing skills....
Just keep it up....
Entertainmen us....
Keep writing.....
Thanks.....

From now I'm also with you.....
Once again thanks....
बोहोत बोहोत सुकरिया कहानी को इतना प्यार देने के लिए...
 
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Ashish Jain

कलम के सिपाही
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Very very good narration bro..

Eventually, Aarav and Aarushi's relationship is confirmed. Both the families are very happy with this and I am also very happy. Now let's see what happens next, Till then waiting for the next part of the story. Thank You...:heart::heart::heart:

Fabulous update.

Fantastic update......

Very good update.....
Aarav ke character ko kaafi achcha se dikhaya hai.....jise koi bhi apni life se easily relate kar sakta hai....
Thats Fabulous.....
Thanks.....
बोहोत बोहोत धन्यवाद आप सभी का...
 
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Chunmun

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Ye kya ho gya.
Pahle tabiyat kharab. Hiten ne bataya bhi nahi ki kya hua hai. Sirf mausam change k karan sar dard or chakkar aana.
Mujhe to ye sab Hiten ka kiya dhara hi lag raha hai.
Ab ye accident...
Pta nahi kya hua hoga Aarav k sath.
Kya haal hoga Aarushi ka.
Kaha sadi tay hua tha or kaha ye accident.
Ye koi sochi samjhi chal thi lagta hai.
Koi bhi ye kr sakta hai.
Hiten ya Sarusi k pita bhi ho sakte hai.
Pta nhi kya majra hai. ab to agle update mai hi pta chalega.
 

Vikram singh rana

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Wow fantastic and thrilling update....
Full of excitement....
And last part was shocking....
Well written.....
Thanks....
 
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Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Today's update was staggering. Nothing should happen to the Aarav as Aarav would not exist, then the story would end. There is a lot of love between Aarav and Aarushi.
As always the update was great, You are writing very well, Now let's see what happens next, Till then waiting for the next part of the story. Thank You...:heart::heart::heart:
 
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Ashish Jain

कलम के सिपाही
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भाग 15



आरुषि:- पापा... पापा... वो आरव.. फोन... कार.. आवाज.... पापा आरव.. (रोते हुए..!)

आरुषि के पापा:- बेटा, क्या हुआ... इतनी घबराई हुई क्यों हो तुम... रो क्यों रही हो.. और बार बार आरव का नाम क्यों ले रही हो..!

आरुषि:- पापा.. पापा.. मैं आरव से बात कर रही थी.. फिर जोर से आवाज आई और कॉल कट गया..!

आरुषि के पापा:- बेटा कहीं मोबाइल गिर गया होगा..! उसकी आवाज होगी..! इसलिए कॉल कट गया होगा..!

आरुषि:- नहीं पापा आवाज बहुत जोर से थी..!


थोड़ी देर बाद


विवान:- बड़े पापा ये न्यूज़ में क्या खबर आ रही है.. आरव जी का एक्सीडेंट हो गया..!

आरुषि के पापा:- क्या बक़वास कर रहे हो..! टी.वी. ऑन करना जरा..!

आरुषि:- पापा..! मुझे जाना है उनके पास..! पापा प्लीज चलो..! पता नहीं कैसे होंगे..! ( रोते हुए..!)

आरुषि के पापा:- विवान तुम जल्दी पहली फ्लाइट से हमारी और आरुषि की टिकट करवाओ.. और आरव के पापा और मम्मी की भी टिकट्स करवाओ..! उनसे मैं बात कर लूंगा..!

विवान:- जी बड़े पापा..!

आरुषि के पापा:- जैन साहब..! अभी आरव की न्यूज़ देखी थी..! हम और आरुषि निकल रहे है देहली के लिए..! आप और भाभी जी भी निकल जाइए.. टिकट्स वगैरह विवान को बोल दिया वो करवा देगा..! आप चिंता मत करियेगा..!

आरव के पापा:- आपने क्यों तक़लीफ़ ली पाटोदी साहब.. मैं देख लेता..!

आरुषि के पापा:- अभी औपचारिकता का समय नहीं है जैन साहब..! वो अपन बाद में आराम से करेंगे..! अभी आप आइए.. और भाभी जी को संभालिये..!

आरव के पापा:- जैसा आप अच्छा समझे..! आरुषि बेटी का भी ध्यान रखना..! वो बहुत टूट गयी होगी..!
आरुषि के पापा:- जी..!

आरुषि:- पापा किसी को भेजिये ना उनके पास.. पता लगाइये ना कैसे है वो..! मैंने कहा था.. शादी तक मैं उनके साथ रहूंगी.. पर आप और मम्मी नहीं माने..! वो बिल्कुल ख्याल नहीं रखते अपना..! मैं बोली थी उन्हें भी.. ड्राइव करके मत जाना..! तबीयत ठीक नहीं थी उनकी..! लेकिन वो कहाँ, कब सुनते है मेरी..! (रोते हुए..!)

आरुषि के पापा:- चिंता मत करो बेटी..! सब ठीक होगा..! मैंने बेस्ट हॉस्पिटल में भेजा है उसे.. देहली की बेस्ट डॉक्टर्स के पास..!

आरुषि की मम्मी:- सुनो..! विवान को कह कर हमारी भी टिकट करवा दीजिये..! वहाँ भाभी जी अकेली होंगी.. और आरुषि की खुद की हालत ऐसी है..! ऐसे में उन्हें सँभालने वाला भी कोई चाहिए..!

आरुषि के पापा:- ठीक है मैं कहता हूँ उससे..! तब तक तुम आरुषि को सम्भालो.. और नीचे आओ! मैं ड्राईवर को गाड़ी निकालने के लिए कहता हूँ..!

आरुषि की मम्मी:- जी..!

आरुषि के पापा:- हाँ विवान.. टिकट्स हुए कि नहीं.. या अपना प्लेन रेडी करवाऊं.. उसे रेडी होने में टाइम लगेगा.. इसलिए नहीं करवाया..!

विवान:- हो गए बड़े पापा..! अंकल आंटी की फ्लाइट पहले पहुँच जायेगी वहाँ..! मैंने उनके और आपके लिए गाड़ी भी एअरपोर्ट भेज दी..!

आरुषि के पापा:- हाँ..! ये ठीक किया तुमने..!


आरुषि के पापा,से अपनी सेकेट्री से..!


आरुषि के पापा:- हाँ सुनो शालिनी..! आज की और आगे के थोड़े दिनों की मीटिंग्स सब कैंसिल कर दो..!

शालिनी:- पर सर, कल मिस्टर ईशान के साथ आपकी मीटिंग है, जो बहुत जरुरी है..!

आरुषि के पापा:- हमारे दामाद से ज्यादा जरुरी है क्या..?

शालिनी:- सॉरी सर..! मैं करवाती हूँ कैंसिल..!

आरुषि के पापा:- जी..!


आरुषि की फॅमिली हॉस्पिटल पहुँचती हुई..! आरुषि की मम्मी, आरुषि और आरव की मम्मी को संभालते हुए..! आरव के पापा और आरुषि के पापा एक साइड में बात करते हुए..!


आरव के पापा:- डॉक्टर्स कुछ बता ही नहीं रहे.. कैसी कंडीशन है उसकी और कैसी नहीं..! कह रहे है, टेस्ट्स के बाद ही कुछ पता चलेगा..!

आरुषि के पापा:- मेरी सीनियर डॉक्टर से बात हुई थी.. बोल रहे थे कि राईट साइड के पार्ट्स में ज्यादा चोट आई है..! ब्लड भी बहुत निकल चुका...! मैंने ये बात आरुषि को नहीं बताई..! आप भी भाभी जी को मत बताना..! भगवान सब ठीक कर देंगे..!

आरव के पापा:- जी..! पता नहीं क्या लिखा है तक़दीर ने इसकी जिंदगी में..! जब से जन्मा है तब से किसी न किसी चीज से जूझ रहा है..! जिस प्रकार हर मुसीबत में डंटा रहा उसी प्रकार आज भी डंटे रहे..! भगवान से ये ही कामना है..! ( आँखों में आंसू आते हुए..!)

आरुषि के पापा:- अरे चिंता मत कीजिये सर...! बड़ा हिम्मत वाला है हमारा बेटा..! देखना जल्दी ठीक हो जायेगा..! ( आरव के पापा को गले लगाते हुए..!)

आरव के पापा:- जी धन्यवाद भाई साहब..!

आरुषि के पापा:- घर पर अंशिका बेटी अकेली होगी.. मैं विवान और उस की बहन को घर भेज देता हूँ..! वो थोड़े दिन उसके साथ रह लेगी..!

आरव के पापा:- मत तक़लीफ़ दीजिये उन्हें.. उसकी कोई भी सहेली आ जायेगी घर पर..! छोटा भाई और उनकी मिसेज बाहर गए हुए है..! 3 दिन में वो लौट आएंगे..!

आरुषि के पापा:- तक़लीफ़ की क्या बात हुई जैन साहब..! आप हमें अपना परिवार नहीं मानते क्या..? जब तक वो नहीं आ जाते.. तब तक वो दोनों रह लेंगे..!

आरव के पापा:- ऐसी बात नहीं है पाटोदी साहब..! जैसा आप उचित समझे..!

आरुषि:- पापा डॉक्टर अंकल आपके दोस्त है, उनसे पूछिये ना.. कैसी कंडीशन है उनकी..!

आरुषि के पापा:- बेटा टेस्ट हो गए उनके..! रिपोर्ट्स आएगी तब बताएंगे वो कुछ..!

आरुषि:- पापा मुझे मिलना है उनसे..!

आरुषि के पापा:- बेटा ऑपरेशन चल रहा है उनका.. कैसे मिल सकते हो आप अभी उनसे..! थोड़ी देर रुकिए.. डॉक्टर साहब आते ही होंगे..!


हितेन हॉस्पिटल में आता हुआ..!


हितेन:- अंकल कैसा है आरव..! डॉक्टर कुछ बोले क्या..?
आरव के पापा:- बेटा अभी ऑपरेशन चल रहा है उसका..! लेकिन तुम्हे क्या हुआ..? ये पट्टियां क्यों बाँध रखी है..?

हितेन:- अंकल वो छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था..! इसी के चलते आरव मेरे पास आ रहा था..! लेकिन मुझे क्या पता था.. मैं ही उसकी इस हालत का कारण बन जाऊंगा..! ( रोते हुए..!)

आरव के पापा:- बेटा रो मत..! जो नियति में लिखा था वो होना ही था..!


डॉक्टर्स ऑपरेशन थियेटर से बाहर आते हुए..!


आरुषि के पापा:- डॉक्टर साहब कैसी है हालत आरव की..?

डॉक्टर:- चिंता की कोई बात नहीं है, एयरबेग की वजह से सिर में बहुत कम चोट आयी है..! लेकिन राईट साइड ट्रक की टक्कर लगने से उस हिस्से में ज्यादा चोटे लगी है..! जिससे शायद ये कुछ दिन या कुछ महीने चल फिर नहीं सकते..!

आरव के पापा:- डॉक्टर साहब घबराने की तो कोई बात नहीं है ना..?

डॉक्टर:- नहीं..! आप लोग चिंता मत कीजिये..! पाटोदी जी.. और मिस्टर जैन.. आप मेरे साथ आइए..! आपसे कुछ बात करनी है..!

आरुषि के पापा:- जी चलिए डॉक्टर साहब..!


डॉक्टर के केबिन में..!


आरुषि के पापा:- जी बोलिये डॉक्टर साहब..!

डॉक्टर:- पाटोदी जी.. आरव किसी प्रकार का ड्रग्स लेता था क्या..?

आरुषि के पापा:- नहीं तो..! बड़ा अच्छा बच्चा है वो तो..!

डॉक्टर:- तो फिर मुझे ऐसा लगता है, ये एक्सीडेंट महज एक्सीडेंट नहीं है..! ये सोच समझ कर करी हुई साजिश है..! हमें आरव के ब्लड में बहुत ही खतरनाक ड्रग के टिशुस मिले है..! जो सीधा आरव के ब्रेन पर जाकर अफेक्ट किया..! इस ड्रग से इंसान की देखने की क्षमता तो कम होती ही है, ऊपर से ब्रेन भी प्रोपर वर्क नहीं कर पाता..!

आरुषि के पापा:- पर डॉक्टर साहब.. अभी कल ही आरव ने टेस्ट करवाये थे..! उसमे ऐसा कुछ नहीं बताया डॉक्टर ने..!

डॉक्टर:- क्या वो रिपोर्ट्स में देख सकता हूँ..?

आरुषि के पापा:- मैं पूछता हूँ आरुषि से..! क्या पता उसे बताई हो आरव ने रिपोर्ट्स कहा रखी है..!

डॉक्टर:- वैसे तो ये पुलिस केस है ही.. लेकिन आपको इसकी हाई लेवल पर जाँच करवानी चाहिए..!

आरुषि के पापा:- बिलकुल..! ये इग्नोर करने वाली बात नहीं है..!

डॉक्टर:- अगर मेरी और मदद की जरूरत हो तो जरूर बताना..!

आरव के पापा:- जी.. धन्यवाद डॉक्टर साहब..!

आरुषि के पापा:- जैन साहब.. मुझे तो नहीं लगता आरव कोई ड्रग्स वगैरह लेता होगा.. पर क्या कभी आपने ऐसा कुछ नोटिस किया है क्या..?

आरव के पापा:- कभी नहीं..! वो जब तक हमारे साथ रहता था तब तक उसने ड्रग्स तो क्या कभी ड्रिंक वगैरह भी नहीं किया..! देहली जाने के बाद भी कभी मुझे ऐसा नहीं लगा..! बाकि आरुषि और अच्छे से बता सकती है..!

आरुषि के पापा:- ठीक है आरुषि से पूछते है.. और रिपोर्ट्स का भी उसे पता होगा..!

आरव के पापा:- बेटा आरुषि कुछ पूछना था तुमसे.. सच बताना..!

आरुषि:- जी अंकल पूछिये.. क्या हुआ..?

आरव के पापा:- क्या कभी आरव ने ड्रग्स वगैरह लिए है क्या देहली आने के बाद..!

आरुषि:- नहीं अंकल.. कभी नहीं..! वो ऐसे नहीं है..! लेकिन हुआ क्या..?

आरुषि के पापा:- कुछ नहीं बेटा..! अभी आरव की तबीयत ख़राब हुई थी तब उसकी रिपोर्ट्स आई थी.. वो कहाँ है..?

आरुषि:- वो तो हितेन के पास है पापा..! आप लोग मुझसे कुछ छुपा रहे है..! प्लीज मुझे बताइये क्या हुआ..?
आरुषि के पापा:- आरव के ब्लड में एक खतरनाक ड्रग के टिशुस मिले है..! जिसने सीधा आरव के ब्रेन पर अटैक किया है..!

आरुषि:- हाँ पापा..! वो जब से वापिस देहली आये है.. तब से कह रहे थे.. उनका सिर बहुत दर्द कर रहा है..! मैंने डॉक्टर को दिखाने को कहा था.. वो गए भी थे..! उसकी रिपोर्ट्स हितेन के पास है.. हितेन यही है..! मैं उनसे मंगवाती हूँ..!

आरुषि के पापा:- नहीं..! तुम ये बात किसी को नहीं बताओगी.. और ना ही हितेन से रिपोर्ट्स मंगवाओगी..! अगर उससे रिपोर्ट के लिए पूछा तो वो भी कई बात पूछेगा.. और बात फैलेगी फिर..! हम और आरव के पापा जाकर सीधे डॉक्टर से बात करेंगे..! बस जिस डॉक्टर के पास आरव गया था.. उसका पता हमे दे दो..! मैं पुलिस कमिश्नर से बात करके इस एक्सीडेंट की अच्छे से जाँच करने की बात करता हूँ..!

आरुषि:- पर मुझे नहीं पता वो किस डॉक्टर के पास गए थे..! ये तो आरव या हितेन ही बता सकते है..!
आरव के पापा:- फिर तो हमें आरव के होश में आने का इंतज़ार करना पड़ेगा..!

आरुषि के पापा:- हाँ..! तब तक पुलिस अपना काम करती रहेगी..!


थोड़ी देर बाद


नर्स:- मिस्टर जैन.. आरव होश में आ गए.. आप चाहे तो उनसे मिल सकते है.. पर ध्यान रखे उन्हें ज्यादा बोलने ना दिया जाये.. और एक एक करके ही उनसे मिले..!
आरव के पापा:- पहले आरव की मम्मी और आरुषि को भेज देते है..! दोनों का बुरा हाल है..!

आरुषि के पापा:- हाँ..! और सुनो आरुषि.. अभी आरव से कुछ मत पूछना..!

आरुषि:- ठीक पापा..!

आरुषि के पापा:- क्या लगता है जैन साहब.. आरव से पूछना अच्छा रहेगा या हितेन से..? वैसे भी ये बात ज्यादा दिन छुपने वाली नहीं है..! आज नहीं तो कल मीडिया को पता चल ही जायेगी..!

आरव के पापा:- आरव अभी अभी एक एक्सीडेंट से गुजरा है.. उसे ये सब बताना ठीक नहीं रहेगा..! हितेन से ही पूछते है.. वैसे भी दोनों अच्छे दोस्त है..! मुझे नहीं लगता वो किसी को बतायेगा इस बारे में..!

आरुषि के पापा:- चलो करते है.. हितेन से इस बारे में बात..!
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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After reading today's update, I am happy and sad, happy because Aarav is not hurt much and he will recover soon and I am sad that Aarav has no enemies with anyone, then who can do this with Aarav. Now the matter is serious, let's see what happens next.
As always the update was great, You are writing very well, Till then waiting for the next part of the story. Thank You...:heart::heart::heart:
 

Ashish Jain

कलम के सिपाही
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भाग 16




मि. पाटोदी:- बेटा हितेन, आरव की कल की रिपोर्ट्स कहाँ है..?

हितेन:- यहीं नीचे मेरी कार में है, सर..! क्यों..? क्या बात हुई सर..?

मि. पाटोदी:- कुछ नहीं, बस डॉक्टर देखना चाहते है..!

हितेन:- अभी लाता हूँ, नीचे से..!


कुछ देर बाद


हितेन:- ये लीजिये सर..!

मि. जैन:- हाँ..! हम इसे डॉक्टर को दिखा कर आते है..! तुम भी बेटा घर जाकर आराम करो..! तुम्हे भी बहुत चोट आई है..!

हितेन:- जी अंकल..! मैं सुबह आकर आरव से मिल लूंगा..!

मि. जैन:- ठीक बेटा..!


मि. पाटोदी:- चलिए.. रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखा देते है..!

मि. जैन:- जी, चलिए..!


मि. पाटोदी:- लीजिये डॉक्टर साहब..! ये रही रिपोर्ट्स..!


कुछ देर बाद


डॉक्टर:- मि. पाटोदी आर यू श्योर..? ये आरव की ही रिपोर्ट्स है..!

मि. पाटोदी:- जी डॉक्टर साहब..! देखिये..! ऊपर आरव का नाम लिखा है..!

डॉक्टर:- पर ये संभव नहीं है पाटोदी जी..! इस रिपोर्ट्स में सब कुछ नार्मल है..! परंतु हमारी रिपोर्ट्स के अनुसार आरव को ये ड्रग्स 2 दिन पहले ही दिए जा चुके..! मैं तो आपको ये ही सलाह देना चाहूँगा कि आप इसकी अच्छे से इन्वेस्टीगेशन करवाये..! ये कोई मामूली एक्सीडेंट नहीं, बल्कि प्री-प्लानाड है..!

मि. पाटोदी:- जी डॉक्टर साहब, कमिश्नर साहब से बात हो गयी मेरी..! उनकी टीम कुछ ही देर में आती होगी..!

डॉक्टर:- जी बिल्कुल, पर अभी आरव बयान देने की स्थिति में नहीं है, अभी तक खतरा पूरी तरह टला नहीं है..! इसलिए उन्हें आरव के पास मत जाने दीजियेगा..!

मि. जैन:- जी डॉक्टर साहब, थैंक यू..!


डॉक्टर के कॅबिन के बाहर


मि. जैन:- आरव की ऐसे तो किसी से दुश्मनी नहीं थी। कौन कर सकता है ये काम..!

मि. पाटोदी:- चिंता मत करिए, जैन साहब..! पुलिस सब पता लगा लेगी..!

मि. जैन:- भगवान करे ऐसा ही हो, जब तक पता नहीं चल जाता मुजरिम कौन है, तब तक उस पर जान का खतरा बना रहेगा..!


थोड़ी देर बाद, पुलिस आरव के वार्ड की ओर आती हुई..!


पुलिस इस्पेक्टर:- हैलो सर, माय नाम इज़ सुशांत ठाकुर.. फ्रॉम देहली क्राइम ब्रांच..! कमिश्नर सर ने ये केस मुझे हैंडल करने के लिए कहा है..! क्या मैं आरव जी से मिल सकता हूँ..?

मि. जैन:- नहीं मि. सुशांत, डॉक्टर ने मिलने से मना किया है..!

मि. सुशांत:- कोई बात नहीं सर, हम उनसे बाद में मिल लेंगे..! अगर आप लोग इस केस के बारे में कुछ जानते हो, हमें बताइये..!

मि. पाटोदी:- ज्यादा कुछ तो नहीं जानते सुशांत जी, लेकिन जैसे डॉक्टर ने बताया है कि आरव के ब्लड में किसी ड्रग के टिशुस मिले है..! पर आरव कभी ड्रग्स नहीं लेता था..! और हाँ..! डॉक्टर ने कहा कि ये ड्रग इनकी बॉडी में 2 दिन पहले पहुँच चूका, पर कल ही इनका चैक-अप हुआ था, जिसमे इस बात का कोई जिक्र नहीं है।

मि. सुशांत:- उस रिपोर्ट्स में डॉक्टर का एड्रेस होगा, क्या वो रिपोर्ट हमें मिल सकती है।

मि. जैन:- जी लीजिये..!

मि. सुशांत:- हम सुबह ही जाकर डॉक्टर से पूछताछ करेंगे, जैसे ही मि. आरव सही हो जाये तो प्लीज हमे खबर कीजियेगा..!

मि. जैन:- जी मि. सुशांत, आप जल्द से जल्द इस केस की तहक़ीक़ात कीजिए..! जब तक इसकी सच्चाई का पता नहीं चलता, तब तक आरव की जान को खतरा है..!

मि. सुशांत:- जी, हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे..!

मि. पाटोदी:- मेरी प्राइवेट सिक्योरिटी आरव का पूरा ध्यान रखेगी..! आप चिंता मत करिये..!

मि. जैन:- आरव को देखने चलते है..! देखते है उसे होश आया कि नहीं..!

मि. पाटोदी:- जी चलिए..!


मि. जैन, मिसेज जैन से..!


मि. जैन:- क्या हुआ..? आरव को होश आया क्या..?

मिसेज जैन:- हाँ, थोड़ी देर पहले ही आया है, आरुषि है उसके पास..!

मि. जैन:- बच्चों को थोड़ी देर अकेला छोड़ देते है, फिर जायेंगे हम मिलने..!


आरव और आरुषि, बात करते हुए..!


आरव ( धीमी आवाज में):- हितेन कैसा है आरुषि..?

आरुषि ( आंसू पोछते हुए):- ठीक है वो, आये थे अभी आपसे मिलने..! आप आराम कर रहे थे तो अंकल ने उन्हें भी आराम करने के लिए भेज दिया..!

आरव:- पर तुम क्यों रो रही हो पगली, कुछ नहीं हुआ मुझे..! एक दम ठीक हूँ..!

आरुषि:- हाँ, दिख रहा है मुझे..! मेरी ही गलती थी सब..! मुझे आपको छोड़ कर नहीं जाना चाहिए था..!

आरव:- जो होना लिखा था, वो हो गया..! इसमें ना तुम्हारी गलती है, और न ही किसी और की.. ये महज एक एक्सीडेंट था..!

आरुषि:- मैने कहा था आपको.. अकेले ड्राइव मत करना..! पर आप कहाँ मेरी सुनते हो..! आपको तो अपने मन की करनी होती है..!

आरव:- अच्छा बाबा..! हो गयी गलती..! अब माफ़ कर दे मुझे..! वैसे एक बात पूछूँ.. सच सच बताएगी..!

आरुषि:- हाँ, पूछिये..!

आरव:- डॉक्टर ने क्या कहा, मैं कब तक ठीक हो जाऊंगा..?

आरुषि ( आंसू छिपाते हुए):- डॉक्टर्स ने कहा कि छोटा सा ही एक्सीडेंट है, आप बहुत जल्दी ही ठीक हो जाओगे..!

आरव:- तुम सच कह रही हो आरुषि..?

आरुषि:- हाँ सच्ची, मेरी कसम..!

आरव:- मेरी कसम खाओ..!

आरुषि:- ये सब छोड़ो, आप आराम करो..! बहुत देर हो गयी बात करते हुए..! मैं पापा और अंकल को भेजती हूँ..!


आरुषि बाहर आकर अपने पापा से चिपक कर रोते हुए..!


मि. पाटोदी:- क्या हुआ बेटा..?

आरुषि:- पापा मैने आरव से झूठ बोला है, वो पूछ रहे थे डॉक्टर्स ने क्या बोला..! पापा मैं सच नहीं बता पायी पापा..! मैंने उनसे झूठ बोला पापा..! वो बहुत विश्वास करते है मुझ पर..! मैंने उनके विश्वास को तोड़ दिया..! लेकिन आप ही बताओ पापा मैं सच कैसे बोल पाती पापा..!

मि. पाटोदी (आरुषि के आंसू पोछते हुए):- कोई बात नहीं बेटा, तुमने कुछ गलत नहीं किया..! तुम रोना बन्द करो, अगर आरव को पता चला कि तुम इतना रो रही थी तो उसे बुरा लगेगा..!

आरुषि:- अंकल सॉरी..! मैं आरव को सच नहीं बता पाई..!

मि. जैन:- कोई बात नहीं बेटा तुमने सही किया, जो उसे कुछ नहीं बताया..!

आरुषि:- आप दोनों मिल लीजिये उनसे, वो आपका इंतज़ार कर रहे होंगे..! मम्मी को भी ले जाइये.. वो भी नहीं मिली..!

मि. पाटोदी:- हाँ, तुम भाभी जी का ध्यान रखो..!


मि. पाटोदी, मिसेज पाटोदी और मि. जैन आरव के पास


मि. पाटोदी:- और बेटा कुछ अच्छा महसूस हो रहा है क्या पहले से..?

आरव:- चोटों का इतना दर्द नहीं है अंकल, जितना इस हॉस्पिटल के कमरे में समय बिताने का है..! हालांकि सारी सुविधाएँ है यहाँ, पर फिर भी अजीब है..!

मिसेज पाटोदी:- बेटा फिर जल्दी से ठीक हो जाओ.. फिर चलेंगे अपने घर..!

आरव:- हाँ आंटी, कोशिश तो ये ही रहेगी..! बाकि भगवान की मर्जी..!

मि. जैन:- बेटा नहीं थी हिम्मत तो बोल देते, कुछ दिन हम आ जाते तुम्हारे पास..!

आरव:- ऐसा कुछ नहीं है पापा, ये तो नियति का खेल था.. इसका न मुझे पता था न आपको..! और अच्छा ही है न पापा, अब वापिस आपकी ऊँगली पकड़ कर चलने का मौका मिल गया..!


मि. जैन अचानक बाहर निकलते हुए, पीछे पीछे मि. पाटोदी भी निकलते हुए..!


आरव:- क्या हुआ पापा को, अचानक बाहर कैसे चले गए.. आंटी..!

मिसेज पाटोदी:- कुछ नहीं बेटा, कोई काम याद आ गया होगा..!

आरव:- नहीं आंटी.. कुछ तो बात है जो आप लोग मुझसे छुपा रहे हो..! आरुषि भी बिना कुछ बोले ऐसे ही चली गयी.. और अब पापा भी..! बताइये आंटी क्या बात है..! ( जोर से साँस चढ़ा कर बोलता हुआ..!)


आरव की हार्टबीट अचानक डाउन आती हुई, मिसेज पाटोदी नर्स को आवाज देकर, रूम से बाहर आकर डॉक्टर को बुलाने को कहती हुई..!】
 
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