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Romance आरुषि

Ashish Jain

कलम के सिपाही
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After reading today's update, I am happy and sad, happy because Aarav is not hurt much and he will recover soon and I am sad that Aarav has no enemies with anyone, then who can do this with Aarav. Now the matter is serious, let's see what happens next.
As always the update was great, You are writing very well, Till then waiting for the next part of the story. Thank You...:heart::heart::heart:

जी बोहोत बोहोत धन्यवाद आपको कहानी को इतनी बिशेशता देने के लिए.. ऐसे ही साथ बने रहिए..
Let's see what happens next. Good update bro

धन्यवाद आपका... बोहोत अच्छा लगा आपको कहानी पसंद आई...
 

Chunmun

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Aarav k accident mai kahi hiten ka hath to nahi. Qki ek din pahle ka doctor ka report mai to sayad drugs ka tisu tha lekin ab us report mai aisa nahi hai. Matlab ya to hiten ne is report ko badla hai ya fir kisi or ne.
Pahli najar mai to hiten hi fasega.
Fabulous update.
 
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Reactions: PARADOX and Aakash.

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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I think the doctor is right. Someone is trying to kill Aarav, but the biggest thing is who is trying to kill Aarav. Seeing Aarav and Aarushi's love for each other, the heart gets happy every time. Now just quickly fix Aarav.
As always the update was great, You are writing very well, Now let's see what happens next, Till then waiting for the next part of the story. Thank You...:heart::heart::heart:
 

Vikram singh rana

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Woooooo.....
Good...
Both updates are good.....
Full of shock....and emotions....

Waise I think ye unknown villain...... jarur aarushi ke dad se hee related hai.....
Aakhir wo kaafi bade aadmi hai.....naam or paisa dono hai....

Anyways dekhte hai aage kya Hota hai....

Very good update....
Keep it up....
Thanks
 

Ashish Jain

कलम के सिपाही
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भाग 17



जिंदगी क्या है, सिर्फ कुछ सांसो की मोहताज। जब तक सांसे चलती है, तब तक जिंदगी चलती है। जिंदगी में चलने वाली दिनचर्या चलती है। दिनचर्या से दिन व्यतीत होते है। किसी दिन सूरज अपने साथ आशा की किरण ले कर उगता है तो किसी दिन पूरे दिन की कमाई हुई निराशा ले कर अस्त होता है।लेकिन फिर आदमी एक नई आशा के साथ फिर उठता है, फिर अस्त हो जाता है। ये क्रमबद्धता चलती रहती है। समय जो अपने आप में एक रहस्य है, अगले ही पल कब क्या घट जाये किसी को नहीं पता होता। समय का हर पल अपने साथ या तो जोखिम लेकर आता है, या कोई ख़ुशी। इंसान उन्ही में से ख़ुशी के पल तलाशता रहता है।

हॉस्पिटल में भी सब लोग के साथ कुछ ऐसा ही चल रहा था, बस सब समय से ये ही प्रार्थना कर रहे थे कि अगला पल उनके लिए खुशखबरी ले कर आये। लेकिन स्ट्रेचर से शवगृह तक जाते हुए शव, सबकी प्रार्थना में विघ्न डाल रहे थे। और आरव इन सब चिंताओं से मुक्त बड़ी सहजता से जिंदगी और मौत का खेल खेल रहा था। डॉक्टर्स एक बाप होने का फर्ज निभा रहे थे, जो बार बार आरव को ये बता रहे थे कि खेल बहुत हो चुका, अब तुम्हें खेल से निकल कर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। बेटे का भविष्य बनाने के लिए एक बाप जो अपने फर्ज निभाता है, वो ही सब फर्ज अब आरव की जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टर्स निभा रहे थे।

" डॉक्टर कैसा है आरव..?" जैसे ही डॉक्टर ऑपरेशन थियटर से बाहर निकले तो मि. जैन ने पूछा।

" ठीक है, लेकिन आप लोगों को सिर्फ उन्हें खुश रखना है। दावा और दुआ अपनी जगह ठीक काम करेंगी, पर आदमी का खुद का विश्वास इन सब से ज्यादा काम करेगा।" डॉक्टर भी किसी दार्शनिक के भाँति सबको बता रहे थे..!

पुलिस अपने काम पर लगी थी, डॉक्टर से पूछ-ताछ, एक्सीडेंट के समय मौके पर उपस्थित गवाहों और cctv की फुटेज से इतना पता चल पाया था कि डॉक्टर ने फर्जी रिपोर्ट सिर्फ कुछ पैसों के लिए बनाई थी और आरव को ड्रग उसी रात को दिया गया था जिस रात आरव देहली वापिस आया था, जिस ट्रक से एक्सीडेंट हुआ था उसकी नंबर प्लेट ब्लैक कवर से ढकी हुई थी। डॉक्टर को पैसे जिस शख्स ने दिए थे, उससे डॉक्टर भी अनजान था। डील पूरी इंटरनेट कॉलिंग के जरिये की गयी थी। इसलिए पुलिस ने शक की बुनियाद पर हितेन से पूछ-ताछ की। क्योंकि आरव देहली आने के बाद सबसे पहले हितेन से ही मिला था और हितेन की गाडी से वो बोतल भी बरामद की, जिस बोतल में पानी के साथ उसे ड्रग दिया गया था। लेकिन हितेन की मेडिकल रिपोर्ट्स में भी उसी ड्रग के टिशुस पाये गए।

सब के लिए ये यकीन कर पाना मुश्किल था कि हितेन ये सब कर सकता है। क्योंकि हितेन और आरव दोनों ही बचपन के बहुत अच्छे दोस्त थे। सुख-दुःख दोनों में हमेशा एक दूसरे के साथ रहे थे और हितेन भी कुछ नहीं बोल रहा था, न जुर्म कबूल कर रहा था और न ही सफाई दे रहा था। बस खुद को चुप-चाप किये बैठा था। पुलिस और गहराई से जाँच में जुटी थी कि हितेन ने ये सब खुद से किया था या किसी के कहने पर किया था या वो किसी को बचा रहा था और आरव भी धीरे-धीरे सामान्य होने लगा गया था। लेकिन वो इन सब बातों से अनजान था कि बाहर क्या चल रहा है।

डॉक्टर्स ने आरव को घर ले जाने की अनुमति दे दी थी। आरुषि के मम्मी पापा भी घर जा चुके थे। आरुषि और आरव के मम्मी पापा आरव के साथ थे। आरव के शरीर का एक तरफ का भाग अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था। व्हील चेयर और बिस्तर पर आरव के दिन कट रहे थे। कंपनी को आरुषि ने सम्भाल रखा था।

ऑफिस में आरुषि का पहला दिन था। ऑफिस में सारी तरफ नई बॉस के आने की चर्चा चल रही थी।

" हेलो मेम, आरव सर का ऑफिस उस तरफ है।" मैनेजर ने आरुषि को इशारे के साथ कहा।

" थैंक यू मिस्टर सुमित। मुझे आरव के काम के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं है, इसलिए आप मुझे समय समय पर गाइड करते रहना।"

"जी मेम, मुझे नहीं लगता कि मुझे आपको गाइड करना पड़ेगा। लेकिन हाँ, मैं हर विषय पर आपसे विचार-विमर्श करता रहूँगा। बाकि आरव सर का सारा काम आपको उनकी सेक्रेटरी बता देगी।"

" जी, लेकिन है कहाँ वो।"

" वो अपने केबिन में होगी, मैं उनको आपके पास भेजता हूँ।"

" जी, मैं ऑफिस में उनका इंतज़ार करूंगी।"

मैनेजर सेक्रेटरी के केबिन में जाकर आरुषि के आने की खबर देता है।

" कैसी है, आरव सर की वाइफ। वो सम्भाल पाएंगी आरव सर का काम।" सेक्रेटरी ने मैनेजर से पूछा।

" स्वाभाव तो ठीक ही लगा मुझे उनका। सक्षम भी है, कुछ दिन लगेंगे, सम्भाल लेंगी।"

" ठीक है, फिर मिलती हूँ उनसे।"

ऋतु ( सेकेट्री ) अपने केबिन से निकल कर आरव के ऑफिस में जाती है।

" माय आय कम इन मेम।" ऋतु ने गेट खटखटाते हुए आरुषि से पूछा।

" जी आइए, आप मिस ऋतु ही है न।"

" जी मेम।"

" सबसे पहले तो सॉरी ऋतु, हितेन के साथ इन दिनों जो कुछ भी हो रहा है। आरव ने बताया था कि आप और हितेन रिलेशनशिप में है। मुझे भी नहीं लगता कि हितेन ऐसा करेंगे, पर पता नहीं क्यों वो भी कुछ नहीं बोल रहे।" आरुषि ने एक मित्र की तरह व्यवहार करते हुए कहा।

" जिसने जो किया है, उसको उसकी सजा मिलनी चाहिए मेम, फिर वो चाहे कोई भी हो। मुझे नहीं लगता कि हमें इस विषय पर कोई बात करनी चाहिए।" ऋतु ने झुंझुला कर कहा।

" जैसा आप चाहे। चलो, कुछ काम की बात कर लेते है। आप मुझे बताइये कि अभी टीम कौनसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है?"

"आरव सर, मिस्टर वालिया के साथ मीटिंग करके गए थे, उनकी तरफ से डील स्वीकृत कर ली गयी है। आरव सर के यहाँ नहीं होने से डील हमारी तरफ से पेंडिंग पड़ी है।"

" क्या आप मुझे उस प्रोजेक्ट की फाइल्स दे सकती है?"

" जी मेम, ये फाइल्स है उस प्रॉजेक्ट की।"

" ठीक है, मैं मिस्टर वालिया की सारी ट्रमस् और कंडीशन्स पढ़ कर, आरव के साथ डिस्कशन करके ये डील जल्द ही पूरी करवाती हूँ।"

" जी मेम।"

आरुषि अब घर की जिम्मेदारियों के साथ साथ ऑफिस की जिम्मेदारियां भी देखने लगी। हर प्रोजेक्ट को आरव से डिस्कश करना। आरव की देख-भाल करना। उसका रोज का कम हो चुका था।

" मैंने तुम्हें हमेशा जिम्मेदारियां ही दी है, जब स्ट्रगल कर रहा था तब भी और जब सब ठीक हो गया तब भी।" आरव ने खुद को लाचार महसूस करते हुए आरुषि से कहा।

" नहीं आरव ऐसा कुछ नहीं है, आपने हमेशा जो भी किया मेरे लिए ही तो किया है कि मेरा भविष्य सही बन सके, अगर उसमे मैंने थोड़ा बहुत आपका साथ दे भी दिया तो कौन सा बड़ा काम कर लिया।"

" हितेन नहीं आया एक भी बार मुझसे मिलने, कहाँ है वो?" आरव ने शंकित निगाहों से आरुषि से पूछा।

" आप नहीं हो न, इसलिए वो ऑफिस में बहुत बिजी रहते है। इसलिए नहीं आ पाये।" आरुषि ने नजर फिराते हुए कहा।

" अब तुम भी मुझसे झूठ बोलने लगी आरुषि। मैंने सब पढ़ा है नेट पर, पुलिस ने उसे मेरे ही केस में अरेस्ट किया हुआ है।"

" सॉरी आरव, मैंने जान-बुझ कर झूठ नहीं बोला। डॉक्टर्स ने मना किया था आपको बताने के लिए, इसलिए नहीं बताया।" आरुषि ने रोते हुए कहा।

" चलो जो भी है, लेकिन अब तुम एक काम करो। कल हमारे वकील को घर बुलाओ, हमे ये केस वापिस लेना है।"

" पर क्यों आरव? पता है आपकी जान को खतरा हो सकता है।" आरुषि ने आश्चर्य से पूछा।

" जान को तो अभी भी खतरा है। दोषी हितेन नहीं है, वो कभी भी ऐसा नहीं सोच सकता। मैं बचपन से जानता हूँ उसे। वो बिचारा बिना जुर्म की सजा काट रहा है, जो मैं नहीं होने दे सकता।"

" पर सारे सबूत उनके खिलाफ है आरव, उनकी गाडी में आपको जो ड्रग्स दिया गया है उसकी बोतल मिलना, डॉक्टर को पैसे देकर रिपोर्ट बदलवाना, किसी दूसरे नंबर से आपको कॉल करके अपने पास बुलाना और ठीक उसी के बाद आपका एक्सीडेंट हो जाना। इन सब का क्या आरव?"

" डॉक्टर को किसने पैसे दिए ये अभी तक पता नहीं चला, जिस ड्रग्स के टिशुस मेरे अंदर मिले वो ही उसके अंदर मिले है और जहाँ तक मैं जानता हूँ हितेन कोई ड्रग्स वगैरह नहीं लेता। उसने मुझे अपने पास इसलिए बुलाया था क्योंकि उसका खुद का एक्सीडेंट हो गया था। सब बातें अभी भी उलझी है आरुषि, तुम नहीं मान सकती पर मुझे पता है, हितेन ये सब नहीं कर सकता। इसीलिए तुम कल वकील को बुलाओगी।"

" नहीं आरव, मैं आपकी जान के साथ कोई रिस्क नहीं ले सकती।"

" अच्छा ठीक है मत बुलाओ, लेकिन कल तुम मुझे हितेन से मिलवाने ले जाओगी, प्लीज़ इतना तो कर ही सकती हो।"

" ठीक है, मैं सुशान्त जी से बात करके टाइम कंफर्म करती हूँ।"
आरव के तर्कों ने आरुषि को भी ये सोचने पर मजबूर कर दिया था कि हितेन ऐसा कुछ नहीं करेंगे। पर फिर भी आरुषि केस वापिस लेने के पक्ष में नहीं थी। लेकिन वो भी चाहती थी कि हर पहलु पर अच्छे से सोचा जाये। इसलिए आरुषि ने इंस्पेक्टर से बात करके सुबह की मीटिंग तय की।

सुबह

" आरुषि चलो पुलिस स्टेशन जाने का टाइम हो गया है।"

" क्यों बेटा, पुलिस स्टेशन क्यों जाना है?" मिस्टर जैन ने आरव से पूछा।

" पापा आप तो हितेन को अच्छे से जानते है, हितेन ऐसा करना तो दूर, ऐसा सोच भी नहीं सकता। फिर भी आपने ये सब होने दिया। क्यों पापा? पुलिस स्टेशन उसी को छुड़ाने जा रहे है।"

" लेकिन बेटा सारे सबूत बता रहे है ये सब उसने ही करवाया है।"

" पापा मुझे पूरा विश्वास है कि ये कहानी मेरे आने के बाद बदल जायेगी।"

" बेटा मैं भी चलता हूँ, तुम्हारे साथ।"

" नहीं पापा, आरुषि है साथ। आप मम्मी को कहो कि शाम का खाना हितेन का भी बना कर रखे। और आरुषि तुम मुझे वकील से बात करवाओ।"

" पर क्यों?" आरुषि ने आश्चर्य से पूछा।

" सब पता चल जायेगा, तुम कॉल लगाओ..!"

" ठीक है।"

आरव और वकील कॉल पर।

" वकील साहब, आरव बोल रहा हूँ।"

" जी बोलिये, मि. आरव कैसे है आप?"

" मैं ठीक हूँ, पर आपको एक काम सौंप रहा हूँ। आज कोर्ट जाकर आप हितेन की बेल करवाइये।"

" ये क्या बोल रहे है आप, आरव जी। आपके एक्सीडेंट में उनका हाथ था।"

" ये तो आपको भी पता है वकील साहब मैं क्या बोल रहा हूँ, और मुझे नहीं लगता उसकी बेल करवाने में कोई ज्यादा दिक्कत आएगी। क्योंकि अभी उस पर कोई जुर्म साबित नहीं हुआ।"

" जी, जैसा आप चाहे। मैं अभी उनके वकील से बात करके बेल का इन्तज़ाम करता हूँ।"

" जी।"

" आरव अब चले, टाइम हो रहा है।" आरुषि ने अपना फ़ोन लेते हुए कहा।

" हाँ चलो..!"
 

Chunmun

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Fabulous update.
Sare sabut Hiten k khilaf hai Lekin lagta hai kaise koi or Hiten k kandhe or banduk Rakh kr Aarav pr nishana Laga Raha hai.
Very nice update.
 
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