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Incest आवारे सांड और चुदक्कड़ घोड़ियां

Napster

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अपडेट २५

सभ्या चाची ने चारपाई के नीचे से सरसों के तेल की डिब्बी उठाई और मेरी पीठ पर तेल की बूंदे टपका के अपनी मोटी उभारदार गांड को मेरे कूल्हों पर टिका कर बैठ गई और नरम–नरम हथेलियों से मेरी पीठ की मालिश करने लगी, सभ्या चाची की मोटी गांड़ की गर्मी मैं अपने कूल्हों में महसूस कर पा रहा था, मेरा लन्ड लोहे जैसा सख्त हो गया था जो चारपाई में छेद करके नीचे लटक कर झूल रहा था, सभ्या चाची के मालिश करने का अंदाज गजब था ऐसा लग रहा था जैसे कोई मालिश वाली मसाज कर रही है।

"आह्ह्ह्ह चाची दर्द हो रहा है" मैं चिल्लाते हुए बोला

"क्या हुआ बेटा कहां दर्द हो रहा है" सभ्या चाची हैरान होती हुई बोली

"चाची मेरी लुल्ली चारपाई में अटक गई है आआआह्हह्ह्" मैं चारपाई के छेद से बाहर आ रहे अपने झूलते हुए लन्ड की तरफ इशारा करके एक नादान बच्चे के जैसे बोला

सभ्या चाची मेरी पीठ पर बैठे बैठे ही चारपाई के नीचे झुककर देखने लगी और जैसे ही उनकी नजरें मेरे लन्ड पर पड़ी तो वह झटके से चारपाई से उठकर खड़ी हो गई।

"हे भगवान ये क्या है इतना बड़ा सांप पालकर रखा है तू" सभ्या चाची मेरे लन्ड को घूरते हुए बोली

"चाची ये पता नहीं कैसे बड़ा हो जाता है और इसमें बहुत दर्द भी होता है" मैं नादान बच्चे की एक्टिंग करते हुए बोला और चारपाई के छेद में से अपना लन्ड बाहर करके पीठ के बल लेट गया

मेरा लन्ड धोती के बाहर ९० डिग्री का कोण बनाए अपना फन उठाकर खड़ा था और सभ्या चाची मेरे लन्ड को एकटक घूरे जा रही थी।

"बेटा मेरे पास तेरे इस दर्द का एक इलाज है लेकिन तू मुझसे वादा कर किसी को इस बारे में कहेगा नहीं"

सभ्या चाची को लगा कि मैं कोई नादान बच्चा हूं जो कुछ जानता नहीं है मैं समझ गया कि सभ्या चाची मेरे भोलेपन का फायदा उठाने की सोच रही है लेकिन इस बेचारी चाची को ये नहीं पता था कि ये खुद मेरे जाल में फस रही है।

"हां चाची आप कैसे भी करके बस मुझे इस दर्द से छुटकारा दिलाओ मैं वादा करता हूं किसी से कुछ नहीं कहूंगा"

तभी सभ्या चाची नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गई और किसी चूदाई की प्यासी शेरनी के जैसे मेरे लन्ड को लपक कर अपनी दोनों हथेलियों में भरके कसकर जकड़ लिया।

अचानक तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी मुझे और सभ्या चाची को उम्मीद ही नहीं थी, हमें ताईजी की आवाज सुनाई दी।

मैंने पंपहाउस की खिड़की से देखा तो पता चला कि ताईजी मुझे ढूंढ रही हैं।

"मालकिन आ गई हे भगवान अब क्या होगा?"

"चाची आप अभी पंपहाउस के पिछवाड़े से निकल जाओ, ताईजी की चिंता मत कीजिए उन्हें मैं देखता हूं"

सभ्या चाची ने झाड़ियों से अपनी साड़ी उठाई और पंपहाउस के पिछवाड़े से निकल गई और मैं अपने कपड़े पहन के टूल बॉक्स में से कुछ औजार लेकर पंप के पास बैठ गया और एक्टिंग करने लगा जैसे मैं पंप को ठीक कर रहा हूं।

कुछ देर बाद ताईजी पंपहाउस के अंदर दाखिल होती हैं।

"ये क्या कर रहा है तू लल्ला"

"ताईजी ये पंप काम नहीं कर रहा था तो ठीक कर रहा हूं, स्विच ऑन कीजिए"

ताईजी ने स्विच ऑन किया तो पंप चालू हो गया, मुझे खुद पर बहुत हसी आ रही थी।

"ये सभ्या और कल्लू कहां है और तुझे यहां आने के लिए किसने कहा था, सुबह से बिना भोजन करे घूम रहा है तबियत खराब हो गई तो"

"तो मेरी जान किसलिए है" मैं ताईजी को खींचकर अपनी बाहों में भरते हुए बोला

"लल्ला कितना बेशर्म हो गया है तू" कहकर मुझे धक्का देकर पंपहाउस में बाहर निकल गई

मैं भी ताईजी के पीछे पंपहाउस के बाहर आ गया, आज तो किसी तरह बच गया नहीं तो ताईजी मेरी चमड़ी उधेड़ देती।

फिर कुछ देर बाद हम घर पर थे। ताईजी मेरे लिए रसोई में खाना लाने के लिए चली है और मैं कुर्सी लेकर आंगन में आ गया।

घर पर भीमा भईया और शीला भाभी के साथ पीहू दीदी आंगन में चटाई पर बैठकर टीवी देख रही थी, मुझे देखकर बड़ा अजीब लगा कि १० बज चुके हैं और आज भईया भाभी अभी तक घर पर बैठे हैं।

"अरे भईया आज दुकान नहीं जाना क्या?"

"नहीं भाई आज तुम्हारी भाभी के साथ पास के झील पर जा रहा हूं, वैसे आज तुम क्या कर रहे हो?"

"कुछ नहीं भईया पढ़ाई करूंगा"

फिर ताईजी मेरे लिए खाना लगा देती हैं मैं रसोई से खाना लेकर अपने कमरे में चला जाता हूं।
बहुत ही बढिया अपडेट है भाई मजा आ गया
सभ्याचाची बलराम के लंड के निचे आते आते ताईजी के आ जाने से बच गयी लेकीन अपने हिरो बलराम के लिये एक और चारा तयार हो गया
 

Napster

Well-Known Member
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और मनोरम अपडेट है भाई मजा आ गया
क्या भीमा रुबिना के साथ नजदिकीया बढाने के चक्कर में झील के नयनरम्य वातावरण में शिला को बलराम के साथ भेज कर अपने हिरो बलराम के लिये एक और नया चारा तयार करने की संभावना हैं
बलराम और शिला की चुदाई धमाकेदार होनी चाहिए
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ek number

Well-Known Member
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अपडेट २६

ताईजी मुझे लस्सी देने के लिए मेरे कमरे में आती है मैं भोजन कर चुका था।

"लल्ला मुझे मंदिर जाना है बगीचे से आम की पत्तियां और फूल लाओ और नारियल खरीद लाना"

कुछ देर के बाद मैं बगीचे में चला गया और आम की पत्तियां और फूल लेकर बाजार से नारियल खरीद लाया, ताईजी ने पूजा की थाली सजाई और मंदिर चली गईं।

मैं अपने कमरे में आ रहा था कि तभी मुझे ताईजी के फोन की घंटी सुनाई दी, उनका फोन टीवी के ऊपर रखा हुआ था। शहनाज खाला का कॉल था।

"हेल्लो"

"बेटा अपनी मां को फोन देना"

"खाला मैं बलराम हूं और ताईजी गांव के मंदिर गई हुई हैं"

"बेटा घर में और कौन है?"

"क्या बात है खाला आप बहुत परेशान लग रही हैं"

"बलराम बेटा बात ये है कि मैं नुसरत के साथ इसकी फूफी के घर आई हूं और घर पर रूबीना की तबियत थोड़ी खराब हो गई है और शादाब दुकान पर है"

"आप चिंता मत कीजिए खाला, मैं ताईजी को बता दूंगा और मैं भी घर पर हूं, आप निश्चिंत रहिए"

"तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया बेटा"

"खाला आप शुक्रिया कहकर मुझे शर्मिंदा कर रही हैं, आप निश्चिंत रहिए, मैं भाभीजान का ख्याल रखूंगा" कहकर मैंने फोन कट कर दिया

"देवरजी किसका ख्याल रखने की बात हो रही है? कौन था?" शीला भाभी अपने कमरे से तैयार होकर बाहर आती हुई बोली

मैं भाभी को देखते ही थोड़ी देर के लिए ठहर गया, क्या लग रही थी जैसे स्वर्ग की कोई देवी हो, गुलाबी रंग की पारदर्शी साड़ी में बिलकुल कहर ढहा रही थी।

"देवरजी कौन था?" शीला भाभी मुझे झकझोरते हुए बोली।

"भाभी पड़ोस वाली खाला का फोन था" कहकर मैंने सारी बातें भाभी को बता दी

"अरे देवरजी तुम कैसे ख्याल रखोगे और आज मंदिर में हवन है इसलिए मां भी दोपहर तक आएंगी"

"मैं कोई बच्चा नहीं हूं भाभी, आप चिंता मत कीजिए"

"तुम्हारे भईया नहाने गए हैं उन्हें आने दो मैं बात करती हूं" कहकर शीला भाभी अपने कमरे में चली जाती हैं।

कुछ देर बाद भीमा भईया घर के पिछवाड़े से नहाकर अपने कमरे में चले जाते हैं। मुझे अब खुजली होने लगती है इसलिए मैं उनके कमरे के बाहर छुपके से अपने कान लगाकर उनकी बातें सुनता हूं।

"कोई बात नहीं, बलराम है ना और पीहू भी तो है"

"मेरे भोंदू पतिदेव रात वाली बात याद नहीं है क्या? रूबीना के करीब आने का ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा"

"लेकिन हम झील पर घूमने के लिए जाने वाले थे ना, घर पर बलराम है पीहू है किसी ने कुछ सुन लिया या कुछ देख लिया तो?"

"आप मेरी बात सुनिए मां दोपहर तक मंदिर से आएंगी, पीहू को रसोई के काम में लगा देना और मैं बलराम के साथ घूमने के लिए झील चली जाती हूं, आप रूबीना पर ध्यान दीजिए"

"लेकिन क्या बलराम तुम्हारे साथ झील घूमने के लिए मानेगा?"

"मानेगा कैसे नहीं, मैं बात करती हूं आप रूबीना के घर चले जाओ"
Nice update
 
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