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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

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Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

KANCHAN

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प्रिय लेखक लवली आनन्द जी,
मैं आपके लेखन कला का बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ, इस फोरम पर सप्ताह में एक बार तो जरूर आ जाता हूँ, कई बार सिर्फ आपके अपडेट के लिए आता हूँ, आज आया तो पता चला कि आप कहानी रोक दिए हैं, कृपया कहानी आगे ले चलें। वादा रहा कि अब हर अपडेट पढ़कर आपको अपना अनुभव बताएँगे।
 

Nony

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सुगना चेहरे पर दर्द महसूस करते हुए अपने हाथों से उसका प्रतिकार करना चाह रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह सोनू को हटाना चाह रही थी। सोनू उसके चेहरे और आंखों को चूमे जा रहा था।

अपनी आंखों में और चेहरे पर गुस्सा लिए वह सोनू को देखती परंतु अपने होंठ बंधे हुए होने की वजह से वह कुछ बोल पाने में नाकाम थी।

उसने अपने पैरों से सोनू को धकेलने की कोशिश की परंतु वह नाकामयाब रही। परंतु इसकी आपाधापी में सुगना की नाइटी ऊपर उठ गई और उसकी मांसल जांघें नग्न हो गई।

सोनू उसके दोनों पैरों के बीच आ चुका था। एक ही झटके में अपनी लुंगी निकाल फेंकी। लकी मांसल जांघों का स्पर्श पाते ही सुनो मदहोश हो गया और अपने वस्ति प्रदेश को सुगना के वस्ति प्रदेश से स्पर्श कराने लगा।

सुगना कि बुर जो कुछ समय पहले पूरी तरह पनीआई और चिपचिपी थी.. भाई बहन को जोरा जोरी में किंकर्तव्यविमूढ़ होकर अपना मुंह बाए देख रही थी।

सोनू का लंड सुगना के पेडू से लड़ रहा था। जैसे ही सुगना थोड़ी सुस्त हुई सोनू ने अपनी कमर पीछे की और सोनू का पूरी तरह तन्नाया हुआ लंड अपनी बड़ी बहन सुगना के सबसे कोमल और भाई के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र से छू गया। सुगना की बुर और सोनू का लंड दोनों इस रिश्ते को ताक पर रख मिलने को बेताब थे। बुर की लार ने लंड की लार से मुलाकात की..


सोनू ने लंड के सुपाड़े को अपनी बड़ी बहन के बुर में लगभग नहला दिया . सोनू के बलशाली लंड ने उस पवित्र गुफा के मुहाने पर 2..3 डुबकिया मारी जैसे वह सुगना के प्रतिरोध का अंदाजा लगाना चाहता हो...


और......


आप सब के आग्रह और सुझाव के लिए धन्यवाद..
मैंने इस कहानी के कई एपिसोड लिख रखे थे और कहानी को अपने समयानुसार आगे भी लिखता भी रहूंगा परंतु इस फोरम के पाठकों से मेरा मोहभंग हो गया है और मैंने इसीलिए इस कहानी को इस फोरम पर पोस्ट करना बंद कर दिया है...


पाठकों की प्रतिक्रियाओं को पढ़कर इतना तो अवश्य महसूस किया है की कामुकता से भरी कहानियों में यह कहानी भी कुछ न कुछ स्थान अवश्य रखती होगी।

यह कहानी मैं इंटरनेट पर अवश्य उपलब्ध कराऊंगा इस फोरम पर न सही परंतु अपने वेबपेज पर। पर कब अभी नही कह सकता परंतु उस समय आप सब को अवश्य सूचित करूंगा...
भाई सहाब आप कहानी को बंद मत कीजिए क्योंकि बहुत सी बार फोरम पर कई दिनों तक आना नहीं होता इसलिए कमेन्ट भी नहीं कर पाते
 

Lina

addicted
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भाई! आप नाराज़ हो गए। कृपया यह समझें कि comment देने से पहले मेंबर बनना पढ़ता है जो आसान नहीं है। इसलिए आपको लगता है कि पाठक उतने नहीं हैं जितने होने चाहिए।
इसी तरह जो मेंबर हैं उनमें penmenship नहीं है, इसलिए वो हर अपडेट पर कमेंट नहीं करते है संकोच के कारण।
मुझ जैसे मेंबर पाठक अपडेट देर से पड़ते हैं और तब तक बहुत कमेंट आ चुके होते हैं।
आप यह समझ लें कि आप उच्च कोटि के लेखक हैं और आपने फूहड़ porn को सलीकेदार करने का कार्य किया है। इस सेवा को जारी रखें।
 

Yamraaj

Put your Attitude on my Dick......
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Kahani ko start huye 1 saal se upar ho gaye magar update aaye sirf 90 ....

Writer kah rahe unko reader nahi mil rahe bhai yahi sab baar baar nakhra karoge ...
Aur story nahi likhoge to kya hoga....

Bhai pahle to khud hi gayab ho jate ho aur phir aate ho to sochate ho ki aate hi tumhe bahut sare readers mil jaye to kaise hoga ...

Jab khud khud baar readers ka dil dukha dete ho to readers comment kaha se karenge...

Bhai jab story regular thi to comment bhi aate the..
 

Mastmalang

Member
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Kahani ko start huye 1 saal se upar ho gaye magar update aaye sirf 90 ....

Writer kah rahe unko reader nahi mil rahe bhai yahi sab baar baar nakhra karoge ...
Aur story nahi likhoge to kya hoga....

Bhai pahle to khud hi gayab ho jate ho aur phir aate ho to sochate ho ki aate hi tumhe bahut sare readers mil jaye to kaise hoga ...

Jab khud khud baar readers ka dil dukha dete ho to readers comment kaha se karenge...

Bhai jab story regular thi to comment bhi aate the..
Sahi baat
 

Mastmalang

Member
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Sahi baat
Kahani ko start huye 1 saal se upar ho gaye magar update aaye sirf 90 ....

Writer kah rahe unko reader nahi mil rahe bhai yahi sab baar baar nakhra karoge ...
Aur story nahi likhoge to kya hoga....

Bhai pahle to khud hi gayab ho jate ho aur phir aate ho to sochate ho ki aate hi tumhe bahut sare readers mil jaye to kaise hoga ...

Jab khud khud baar readers ka dil dukha dete ho to readers comment kaha se karenge...

Bhai jab story regular thi to comment bhi aate the..
Magar sahi baat shayad writer ko sahi na lage
 

Gentlemanleo

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लेखक महोदय, इस भागीरथी गाथा पर विराम लगाना न सिर्फ अंजाने किया गया यौन हिंदी साहित्य के साथ अपराध होगा बल्कि कामुकता की असीम संभावनाओं के साथ भी घात होगा। मेरा तो लेखक महोदय से यही आग्रह रहेगा कि कामुकता व यौन संबंधों की पृष्ठभूमि में मानवीय स्वभाव व संवेदनाओं को गढ़ने वाली इस अति उत्तम रचना को यहां के प्लेटफॉर्म पर, मझधार में न छोड़े।
🙏
 
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