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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

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Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

Lina

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नियति को जुगाड भिड़ाने में काफ़ी मेहनत करनी पढ़ रही है। यह साधारण लेखक के वश में नहीं है।
 

Lovely Anand

Love is life
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लेखक महोदय बाढिया अपडेट दिया है | ये जो रहिम और फातिमा कि कहानी का असर जल्द ही सगुना पर धीरे धीरे हो रहा है | कहानी के लिए धन्यवाद |
वासना जन्म किताबों का मानव मन पर असर अवश्य होता है यही कारण है की मुझे इन कहानियों में अति पसंद नहीं है
बेहतरीन अपडेट एवम 300 पेज की हार्दिक बधाइयाँ लवली जी
आपको भी आपके जुड़ाव के लिए
आपके updates पूर्ववत अति सुंदर हैं। हाजिरी लगा लें।
धन्यवाद
नियति को जुगाड भिड़ाने में काफ़ी मेहनत करनी पढ़ रही है। यह साधारण लेखक के वश में नहीं है।
सच कठिन तो है..पर हो गया है
बहतेरिन update. मिलन लाजवाब होगा शायद .
उम्मीद करते हैं धन्यवाद
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hi behtarin update khani ek dum jabardast hai…
 
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