• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

  • yes

    Votes: 35 100.0%
  • no

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    35

Lovely Anand

Love is life
1,320
6,474
144
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
Smart-Select-20210324-171448-Chrome
भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

Chutphar

Mahesh Kumar
358
1,698
139
बहुत ही बढीया, सोनु और सगुना का तो पता नही मगर मिलन को बीच मे छोङकर आपने पाठको की बेकरारी को बर्दाश्त की सीमा से‌ ज्यादा बढा दिया..
 

rickypo

New Member
32
86
18
अपडेट नम्बर 120 पढ़ लिया, परिस्थितियों के अनुसार अति सुंदर, उम्मीद करते हैं कि फोरप्ले थोड़ा ज्यादा हो...सगुना की रुचि ज्यादा दिखाई दे...सोनू ने भी बहुत त्याग किया है.....
 

himale

New Member
29
50
13
120 मिल गया, धन्यवाद, बहुत शानदार लेखन , अगले अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी
 
  • Like
Reactions: Napster

akki123456

New Member
20
24
3
वाह आपके कमेंट मन खुश कर जाते है।













Thanks dear







Welcome to story







Bus जुड़ाव बनाए रखें









घन्यवाद



अब तक जिन भी पाठकों ने अपडेट की मां की थी मैंने भेज दी है धन्यवाद
Send update no 120 and 121 to me
 
Top