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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

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Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
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Anuj.Sharma

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Bahut hee badhiya update .. 💐💐💐
 

Lovely Anand

Love is life
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यह कहानी बनारस अंचल के आसपास की है जिसमें नजदीकी रिश्तो में स्वतः ही बन रहे कामुक संबंधों का विवरण है। नए पाठकों के लिए अब तक की कहानी का सारांश इस प्रकार है..

सरयू सिंह और बिरजू दो भाई हैं। बिरजू अपनी पत्नी कजरी को गर्भवती कर साधुओं की टोली के साथ भाग जाता है। सरयू सिंह कजरी के साथ संबंध बना लेते हैं परंतु उससे विवाह नहीं करते हैं पर दोनों में परस्पर प्रेम और मिलन कायम रहता है। कजरी रतन को जन्म देती है।

अपनी जवानी के दिनों में सरयू सिंह का संबंध अपने मामा गांव की एक विवाहिता पदमा से हो जाता है जो एक फौजी की पत्नी है। उससे कामूक संबंधों के दौरान सरयू सिंह के अंडकोशों के पास एक कीड़ा काट लेता है जिसका दाग उनके शरीर पर अब भी है।

कालांतर में फौजी की मृत्यु हो जाती है। पदमा के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए सरयू सिंह उसकी बड़ी पुत्री सुगना का विवाह अपने भतीजे रतन से कर देते हैं। क्योंकि यह विवाह रतन की असहमति से होता है और बाल विवाह का रूप होता है रतन इसे स्वीकार नहीं करता और वह मुंबई चला जाता है। वहां उसके संबंध एक अन्य युवती बबीता से बन जाते हैं जो शुरुआत में तो पतिव्रता रहती है परंतु बाद में उसके भी विवाहेतर संबंध हो जाते हैं। रतन का गांव आना जाना लगा रहता है पर सुगना उससे दूरी बना लेती है।

कुछ विशेष परिस्थितियों में सुगना अपने चचेरे ससुर सरयू सिह के करीब आने लगती है और पुत्र की लालसा में अपनी सास कजरी की सहमति से अपने सरयू सिंह से संबंध बना लेती है।

सुगना से अनैतिक संबंध बनाते समय सरयू सिंह के माथे पर भी एक दाग उत्पन्न होता है जो सुगना के साथ कामूक गतिविधियां करते समय बढ़ जाता है। सरयू सिंह और सुगना का प्यार परवान चढ़ने लगता है और वह दोनों जीवन के सारे काम सुख लेते हैं और अंततः सुगना सूरज को जन्म देती है।

सूरज एक विलक्षण बालक है उसके एक अंगूठे में नाखून नहीं है उस विशेष अंगूठे को किसी नजदीकी रिस्ते की स्त्री या लड़की द्वारा सहलाने पर सूरज की नुंनी (गुप्तांग) अपना आकार बढ़ाने लगती है और उसका आकार तभी कम होता है जब वह स्त्री या लड़की अपने होठों से उस नुन्नी को छूती है अन्यथा उसे शांत होने में काफी समय लगता है। यह अप्रत्याशित और आश्चर्यजनक है। इस बात का पता तब चलता है जब सुगना की छोटी जुड़वा बहने सोनी और मोनी सूरज के अंगूठे को सहलाती कौतूहल बस सहला देती हैं।

सुगना के पति रतन की मुम्बई वाली पत्नी बबीता से दो पुत्रियां हैं बड़ी पुत्री मिंकी रतन की पुत्री है परंतु छोटी पुत्री चिंकी बबीता के विवाहेत्तर संबंधों की देन है।

सुगना की एक पक्की सहेली लाली है जो सुगना की ससुराल में सुगना के पड़ोसी हरिया की पुत्री है। लाली का पति राजेश सुगना को बेहद पसंद करता है और उससे संबंध बनाने को आतुर है। सुगना का छोटा भाई सोनू युवा हो चुका है। सोनू भी लाली के प्रति आसक्त है और लाली के बेहद नजदीक आ चुका है। लाली और सोनू को करीब लाने में लाली के प्रति राजेश की अहम भूमिका है।

इसी दौरान बनारस में एक विशेष महोत्सव आयोजित किया जा रहा है जिसमें सरयू सिंह का भाई बिरजू जो शुरुआत में ही भाग गया था ख्याति प्राप्त विद्यानंद स्वामी बनकर वापस बनारस महोत्सव में आया हुआ है।

सरयू सिंह वर्तमान में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं और उनकी एसडीएम मनोरमा भी इस बनारस महोत्सव में शरीक हो रही है। नियति कथा के सारे पात्रों को बनारस महोत्सव में या तो पहुंचा चुकी है या पहुंचाने वाली है.. कहानी में इस समय बनारस महोत्सव में हो रहे घटनाक्रम को दर्शाया जा रहा है....

नए पाठक इस कथा सारांश के साथ आगे की कहानी को पढ़ सकते हैं और उसका आनंद भी ले सकते हैं अपने खाली समय में पूर्ववर्ती कथा को पढ़कर आप पात्रों से अपने जुड़ाव को महसूस कर सकते हैं। कहानी में कई जगह सेक्स को विस्तार से दर्शाया गया है मेरी राय में इतना आवश्यक नहीं था फिर भी कई पाठकों के अनुरोध पर मैंने उसे शामिल किया है जिसे पाठक अपनी इच्छा अनुसार या तो पढ़ सकते हैं या नजरअंदाज कर सकते हैं।


आपके सुझाव और प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा मुझे हमेशा रहेगी...
 
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अगले मस्ती भरे अपडेट का इंतजार है । जब बनारस महोत्सव में सोनू ओर लाली एवम सरयू सिंह और सुगना तथा मनोरमा की चुदाई होगी
 

Napster

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बनारस महोत्सव में तरह तरह की धमाल उडने वाली है
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Lutgaya

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"पेटीकोट की रस्सी ने अपना कसाव त्याग दिया"
वाह जादूगर वाह सलाम आपकी लेखनी को
 

Lovely Anand

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बहुत बहुत धन्यवाद, लेकिन मैं समीक्षा करने की क्षमता नहीं रखती,

मैं तो एक बहुत छोटी सी अदनी सी पाठिका हूँ , चिर प्रतीक्षारत अगले पोस्ट की, ... चातक की तरह
प्रतीक्षारत रह कर भी आपने पिछले अपडेट को भुला दिया...

Was it too bad..?

Or you have left this story??
 

Lovely Anand

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लाली




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सोनू
 
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