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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

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  • no

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    35

Lovely Anand

Love is life
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144
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

Vkptt

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Lovely Anand भाई जी द्वारा रचित इस लघु उपन्यास के रसिक पाठकों से विनम्र निवेदन है कि कृपया उनके द्वारा कथानक के पुनः अपडेट करने के लिए पुछे गए प्रस्ताव पर ज्यादा से ज्यादा मतदान करें।
127se aage ki part send kijiye please
 
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Reactions: kabir018

rajputnaboy

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भाई मै बिहार से हु और ये पढ़ के तो मज़ा ही आ गया, जब भी किसी को चोदो तो बोलती है तनी धीरे से दुखता। आह
 
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