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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

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Lovely Anand

Love is life
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144
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

Lovely Anand

Love is life
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Bhai Maine to sirf maje ke liye likh diya ,,iska matlab kahani se jodne ka bilkul nahi h. Mai to bas baitha hua aise hi soch Raha tha fir laga ki post me dal du baki bhi apna maja le. Aap sirf apne hi vichar se likhe tabhi to hame maja aayega.
I understand ..but your writting skill has potential
आप अच्छे लेखक है । कृप्या नई कहानी शुरु करें। हमें भी आन्नद मिलेगा
I agree
101 वां भाग भेजने के लिए धन्यवाद , अब कृपया 102 भेज दे तो कहानी के अगले भाग पढ़ सकूं।
Sent
Tku
Aise update ke liye साधुवाद धन्यवाद
वेलकम
Update 105 ka besabri se intejaar hai
Mujhe bhi
Dilkash khubsurat kahani
Thanks
अति उत्तम
Tku
Plz send 101 update
Sent welcome to story
20220718-182822
रसीला मालपुआ
I like it
 
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