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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कहानी की अगली कड़ी बबली के बबले UPDATE 015 पेज नं 44 पर पोस्ट कर दिया गया है

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पढ़ कर बबली के बबलो के तारीफ में कुछ शब्द जरूर लिखे :D
 
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Luckyloda

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Ham
UPDATE 013


नीचे पापा आ चुके थे और मम्मी की खिलखिलाहट थोड़ी कम हो गई थी , पापा के लिहाजन

बुआ और मम्मी किचन में काम में लगी थी और पापा सोफे पर बैठे टीवी खोल चुके थे
मेरी पापा से थोड़ी कैजुअल बातें हो रही थी और रह रह कर किचन से मम्मी और बुआ की ख़ुसरफुसर वाली खिखियाने की फुसफुसाहट आ रही थी ।
नजर उठा कर देखा तो बुआ के चौड़े कूल्हे चर्बीदार चूतड़ों का उभार दिखा , वो रोटियां बेल रही थी और मम्मी सिंक के पास थी ।


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पापा तो पूरी तरह उनको इग्नोर कर रहे थे लेकिन मेरे भीतर कुछ अलग ही चूल मची थी , ना जाने क्यों मुझे मम्मी और बुआ की चुलबुली बातें सुनने का शौक चढ़ रहा था ।
लेकिन पापा के रहते हुए कैसे किचन में जाता
क्योंकि हाल और किचन आपस में जुड़ा हुआ था
तभी एकदम से पापा उठे और टीवी चलता छोड़ कर बाहर निकल गए और मेरी आँखें चमक उठी ।
मै दबे पांव धीरे से किचन की ओर गया और किचन के गेट के बाहर खड़ा हो गया

: बबली के पापा ने तो पूरी तैयारी कर ली थी इस बार तुम्हारे साथ होली खेलने की , लेकिन कुछ काम फंस गए उनके और जाना पड़ा , वरना तुम्हारी चोली तो फटी थी इस बार
: अच्छा जी , जैसे मै उनकी छोड़ देती , चूतड़ों पर गोबर मलवा कर घुमाती नंदोई जी के हाहाहाहाहा और मेरी फटे या न फटे अपनी चोली की सिलाई दोहरा लो दीदी , आपकी तो फटेगी !!
: धत्त बड़ी दुष्ट हो तुम सीईईई क्या बार बार मिज देती हो , मै दबा दूं तुम्हारे
बुआ की बाते सुनकर मेरे लंड में हरकत सी हुई कि मम्मी बुआ की फिजिकली भी छेड़ रही है

: क्यों अपना दिल छोटा करती हो दीदी , तुम दबाओ या तुम्हारे भैया मुझे तो बस मिजवाने में मजा आता है
: धत्त बड़ी बेशर्म हो गई है तुम कुसुम ,

मम्मी की इतनी बोल्ड बाते सुनकर मन में अजीब सी हलचल हुई और एकदम से मेरी नजरें मम्मी के कमरे की ओर गई , मुझे बबली दीदी के पैर दिखाई दे रहे थे

लेकिन इस सर्दी के मौसम में बजाय उन्हें बिस्तर में ढकने के अपनी एड़ियों को आपस में रगड़ रही थी । उनकी गोरी चिकनी और गुलाबी एड़ियां बड़े ही मादक ढंग से और बहुत ही आहिस्ता आपस में एक दूसरे को रगड़ रही थी
मुझे कुछ शक हुआ और मै कमरे की ओर गया तो दीदी एकदम से चौक कर अपने पैर फोल्ड कर दिए
मैने आंखों से इशारा किया कि क्या हुआ तो वो कानो में एयरबड्स लगा कर बाल खोल कर बैठी मोबाइल चला रही थी , लेकिन असल में वो किसी से बात कर रही थी

उन्होंने इशारे से अपने जुल्फों को कानो में फंसाते हुए अपने एयरबड्स दिखाए और फिर मोबाइल स्क्रीन पर चल रही कॉल को दिखाया , जिसपर हार्ट और kiss वाले इमोजी से नंबर सेव था और करीब 14 मिनट से बात हो रही थी

मैने होठ से बुदबुदा कर बोला : जीजू ?
उन्होंने मुस्कुरा कर हम्म्म से सर हिलाया और मैने उनको कंटिन्यू रखने का बोल कर वहा से निकल गया और अपनी सोना से मैसेज करने लगा ।


: kya ho raha hai meri jaan 😘
: khana bana rahi hun babu , aap btao
: apki yad a Rahi hai , apke sath Holi khelna hai mujhe 😕
: bhkk pagal , kaise ? Mai kaha aur aap kaha
: video call par khele ?
: 🤣🤣 uspe kaise
: aap samne rahana mai apko color lgaunga, pahale Gaal par , fir kamar me apki top uth kar pet par aur fir ...😜
: dhatt gande 🤭 mar khaoge aap babu .. mai nahi lagwane waali wo sab jagah par
: are kyo ? Plz na maine to color bhi le liye hai ek ko red krunga aur ek ko green
: chhiiii Ganda babu 😑 dhatt gande ho ap bahut

मुझे बड़ी हंसी आ रही थी उसको परेशान करके , और थोड़ा थोड़ा पेंट के इरेक्शन आने लगा था ये सोच कर कि कैसा लगेगा उसकी गुलाबी रसीले और गुदाज मम्में पर जब मै अपने अबीर से सने पंजे फेरुंगा
सीईईई उफ्फ पूरे बदन में कंपकंपी सी हो गई मेरे और पेंट टाइट होने लगा ।

: Mujhe Holi khelna pasnd nhi hai , itna color lgate hai sab to mai chhip jati hun , niklati nhi hun bahar 🤣 mai aaungi hi nahi apke samne to kaise lagaoge ( पूरा चैलेंज किया उसने मुझे )
: shadi ke baad to rahoge mere paas , raat me so rahe hoge na tbhi chupke se laga dunga 🤭

मेरे इतना लिखने के बाद वो चुप हो गई , कुछ मिनट तो मैसेज ही नहीं आए , मन में डर भी था कही नाराज तो नहीं हो गई बार बार मेरे ठरक बातों के दोहराने से

: sorry babu , kya hua bolo , achcha nhi lagaunga bina apke kahe ... Plz bat kro n
: nhi wo bat nhi hai .. sorry kyo ? I love you 😘
: kya hua ? Udas kyo ho ?
: kuch nhi babu , khaana bnaa rahi hun na to kaise reply kru jaldi jaldi .. time lagega hi .. raat me bat krte hai na
: ok meri jaan 😘 waity waity
: pagalu 😘 love you ( उसका रिप्लाई आ और मै एक अंगड़ाई लेकर खड़ा हुआ , इस उम्मीद में कि रात में अब अपनी सोना से आज कुछ गरमा गरम बातें करनी है तो इंतजाम करना ही पड़ेगा और यही सोच कर मै वापस बबली दीदी के पास गया कमरे में

एकदम से फिर से वो चौक गई , लेकिन इस बार वो कम्बल में थी और उसके हाथ भी अंदर थे
मै भी मस्ती में बिस्तर पर कूद कर चढ़ कर उनके पास आ गया कंबल में

: क्या बातें कर रहे हो , मुझे भी बताओ न
दीदी ने काल म्यूट कर मुझे देखा : तुझे कुछ काम नहीं है ? यार जरूरी बात कर रही हूं, न ( दीदी थोड़ी चिढ़ी सी दिख रही थी , मुझे थोड़ा अच्छा नहीं लगा , लेकिन जिस काम के लिए आया था उसके लिए बात करनी ही थी न)
: अरे मै कह रहा था कि मम्मी से बात करो न , ऊपर सोने के लिए नहीं तो यही सोना पड़ेगा?
एकदम से दीदी के दिमाग की बुझी हुई बत्ती जल गई और वो कॉल काट कर उठ गई : चल आजा

फिर हम कमरे से बाहर आए और दीदी किचन में चली गई: क्या बना रही हो मामी

: हम्म्म आ गई सूंघते हुए ( बुआ ने उसे डांटा ) ये क्या पहने है तूने , ढंग से सूट नहीं पहन सकती अभी मामा देखेगा तो क्या कहेगा
: क्या मम्मी यार , अच्छा मामी क्या मै बुरी लग रही हूं इसमें ?


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मै किचन के बाहर ही था और मम्मी दीदी के शॉर्ट टॉप और उघाड़ चूतड़ों पर चिपके हुए लोवर को देख कर मुस्कुराई क्योंकि उसपर दीदी की पैंटी की नीचे वाली लास्टिक उभरी हुई थी ।
मम्मी के साथ साथ मैने भी दीदी के भरे और उभरे हुए चर्बीदार चूतड़ों पर नजर मारी
: अरे कहने दे इनको, अभी मुझसे कह रही थी कि कुसुम मुझे जींस दिला दे पहनने का मन है

मम्मी से सारी बात एकदम से बुआ की ओर पलट दी
: अरे मैने कब कहा ? ( बुआ चौकी और मै हस पड़ा )
: झूठ मत कहो दीदी , अरे बिटिया है तो क्या उससे शर्माओगी
: हा बुआ , मै भी आपके सपोर्ट में हूं , आप इस बार जींस ले ही लो ( हंसते हुए मै बोला )
: लेना क्या है , विदाई के लिए साड़ी लेने वाली थी तेरी बुआ के लिए अब जींस ले लूंगी और उसी में विदाई भी हो जाएगी , क्यों दीदी

मम्मी खिलखिला रही थी और मै भी हस रहा था , लेकिन बबली और बुआ थोड़ा असहज हो रहे थे । बुआ मुझे घूर रही थी और मैने उनको आंख मार दी और हसने लगा

: बहुत शरारत सूझ रही है तुझे हां ( बुआ ने लपक कर मेरे कान पकड़ लिए ) अपनी मम्मी को क्यों नहीं दिलाता जींस उसे पहना कर घूमा
: अह्ह्ह्ह बुआ , लेकिन मम्मी ने कभी कहा ही नहीं हीही छोड़ो न उफ्फ दर्द हो रहा है
: मम्मी का चमचा , बहुत बिगड़ गया है तू , जींस पहनाएगा मुझे .. अरे कूल्हे देखे है मेरे , मिलेगी ही नहीं इतनी बड़ी कमर की
: अरे क्यों नहीं मिलेगी , लखनऊ में एक से बढ़ कर एक दुकानें है क्यों रोहन
: हा और क्या ?
: आप अपना मन छोटा मत करो दीदी , इस साल राखी पर आप जींस पहन कर ही अपने भैया को राखी बांधना
: धत्त तुम लोग पागल कर दोगे मुझे ( बुआ चिढ़ कर वहां से निकल गई और हम लोग ठहाका लगाने लगे )

: अरे यार मेरी बात भी तो कोई सुन लो
: क्या तुझे भी चाहिए जींस ( मम्मी हंसती हुई बोली )
: नहीं मेरे पास है , सुनो न मामी
: क्या है बोल भाई ( मम्मी उसकी रीरीकने से थोड़ा चिड़चिड़ा कर )
: वो मै कह रही थी कि मुझे मम्मी के पास नहीं सोना है , सारी रात वो शादी शादी के लिए मुझे परेशान कर देती है तो प्लीज आप मेरा बिस्तर छत पर लगवा दो न
: ऊपर? अकेले सोएगी
: नहीं रोहन भी रहेगा न , क्यों ? बोल न
: अह हा मम्मी , ठीक रहेगा मुझे भी वही
मम्मी थोड़ा सोच कर : ठीक है , ऊपर ट्रंक से गद्दे और बिस्तर निकाल ले और तकिया नीचे से लेते जा

मै कुछ सोचता उससे पहले मम्मी से साफ कह दिया कि बिस्तर मुझे खुद ही निकालना है और मैं बबली दीदी के साथ ऊपर चला गया ।

ऊपर हाल में आकर हमने बत्ती जलाई और स्टोर रूम का ताला खोला ,

पिछले साल लॉकडाउन के बाद घर बनवाने और सेट कराने के बाद आज मैने स्टोर रूम खोला था
कमरे में एक तरफ अनाज के ड्रम थे और कुछ लकड़ी के फर्नीचर रखे थे । वही एक किनारे साइड में दिवाल से लगा कर बड़ा 4 फिट ऊंचा और 5 फिट चौड़ा ट्रंक था टीन का ।
उसपर एक गठरी में कुछ कपड़े रखे हुए थे मैने उन्हें टटोल कर नीचे किनारे रखा था
ट्रंक के ऊपर एक संदूक थी उसे हटाया और ट्रंक खोलकर हमने कुछ बिछावन और बिस्तर निकाले जिनके नीचे हमारी जरूरत के समान रखे हुए थे ।
मैने एक गद्दा और एक डबल बेड कम्बल निकाला दीदी उन्हें लेकर बाहर गई और मैने वापस निकाले हुए बिस्तर और कुछ प्लास्टिक पैकेट उठा कर ट्रंक में डाल रहा था कि एकदम से एक प्लास्टिक पैकेट से कुछ सरक कर स्टोर रूम की फर्श पर गिरा
संजोग की बात थी कि उसी वक्त बबली दीदी भी वापस आ गई

वो लाल रंगी का कोई ड्रेस था जो एक आरपार दिखने वाले थैली में पैक था
दीदी ने उसे उठाया और उनकी आंखे बड़ी ही गई
: क्या है ये ?
: ये कहा मिली तुझे ? ( उन्होंने मुस्कुराते हुए सवाल किया और उनके चेहरे के हाव भाव से साफ जाहिर था कि वो शायद इस कपड़े के बारे जान रही थी और कुछ छिपा सी रही थी )
: वो इस पैकेट से निकली है
दीदी बिना कुछ बोले वापस वो ड्रेस उसी पैकेट में रखने लगी
: अरे देखूं तो क्या है ?
: क्यों देखना है तुझे , रख इसे होगी किसी की
: अरे किसी की क्या ? मम्मी की होगी न ? और कौन है
मैने बिना कुछ सोचे उनके हाथ वो थैली लेकर वो ड्रेस निकाल दी
: है क्या ये ?
एकदम से जैसे ही ड्रेस निकाल कर सामने फैलाया आंखे सन्न और अपनी करनी पर पछतावा

शर्मिंदा नजरो से मैने दीदी को देखा तो वो अपने दांतों से नाखून चबाती हुई मुस्कुरा रही थी


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मैं वापस उस ड्रेस को देखा , वो एक लाल रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी थी ।
मैने झट से वो कैटलॉग देखा और उसपर बनी हुई वो नाइटी पहने हुए लड़की की तस्वीर देखी


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जिसका साइज डबल एक्स एल था
जिसके साथ एक विजिबल ब्रा और पतली सी पैंटी थी ।शायद उसका कोई मतलब नहीं था वो पैंटी मम्मी के चूतड़ों में..... एक मिनट तो क्या ये मम्मी की ? मम्मी ये पहनती है ? लेकिन पापा तो बहुत स्ट्रिक्ट ?
दिमाग एकदम से भन्ना गया , अपनी संस्कारी मा को उस ड्रेस में कल्पना कर

: बोल रही थी मत खोल ( एकदम से एक चपत मेरे सर के पीछे मिली , वो दीदी ने ही लगाई थी )
: सॉरी , लेकिन ये किसी होगी
: बकवास बंद कर रोहन , इसे पैक कर जैसे रखा था । मामी को शक न हो कि तूने इसे खोला था

: मै क्यों आप भी हो ना साथ में ( असल में मेरी फट रही थी और दीदी के आगे थोड़ा शर्मिंदगी भी हो रही थी मै क्या बोल रहा था मुझे खुद नहीं समझ आ रहा था )
: मारूंगी तुझे अभी, गधा कही का

फिर मैने जल्दी जल्दी सब पैक किया और ट्रंक बंद कर दिया । फिर सारे सामान वापस रख दिए
हम बाहर आ रहे थे कि एकदम से दीदी की नजर ट्रंक के नीचे गिरी हुई उसी नाइटी की पैंटी पर गई
: अरे पागल ये कैसे छोड़ दिया ( दीदी ने वो लाल पैंटी उठा कर मुझे दिखाई )
: अरे यार ( मेरा हलक सूख रहा था ) अब क्या फिर से खोलूं ( ट्रंक को देखकर और उसपर रखे सामना भारी संदूक की फिर से उठा पटक देखकर मै बेबस दीदी को बोला )
: छोड़ रहने दे , वैसे मुझे नहीं लगता कि मामी इसे खोजेंगी ( दीदी ने वो पैंटी मोड पर अपने लोवर की जेब में रखती हुई बोली )
: क्यों ? आपको कैसे पता ?
: अरे पागल देखा नहीं वो ड्रेस जस के तस फोल्ड थी कंपनी पैक, टैग भी नहीं निकाले थे ।

: इसका मतलब मम्मी ने अभी तक इसको पहना नहीं है ? ( अपनी कल्पनाएं गढ़ने लगा था )
: हा पागल , और ड्रेस का माडल भी पुराना है , शायद मामा किसी शॉप से लाए होंगे

पापा लाए होंगे वो भी ऐसे कपड़े , यकीन नहीं हो रहा था ,क्योंकि जिस तरह का मिज़ाज मैने बचपन से उनका महसूस किया है । हालांकि मम्मी के कहे अनुसार वो काफी रोमांटिक है बस मेरे आगे लिहाज करते है । हो भी सकता था कि लाए हो लेकिन मम्मी ने इतने दिन से पहना क्यों नहीं ? एक मिनट ... लेकिन दीदी को कैसे पता कि ये मॉडल पुराना है .. मतलब दीदी भी पहनती है ? किसके लिए ? ओ गॉड तो क्या दीदी और उनका bf ? अभी थोड़ी देर पहले भी उनकी हरकते कुछ अजीब सी थी मानो कितनी रोमांटिक बात हो रही हो । उनकी अपने bf से

: आपको कैसे पता पुरानी माडल है , आप पहनते हो ? ( मैने मेरा सवाल दागा )
वो एकदम से हसने लगी : पागल है तू , हीहीही
: बताओ न ?
: अरे यार इतनी नालेज तो सबको होनी चाहिए, आजकल क्या ट्रेंड में है या नहीं । तू इतना सीधा है इसीलिए मुझे मेरी भाभी नहीं मिल रही है

उसने सारी बात मेरी gf पर लाकर फुर्र कर दी लेकिन मेरा दिल साफ देख रहा था कि दीदी ने मुझसे झूठ कहा था।
खैर हमने बिस्तर लगाया और खाना खाने नीचे चले गए
खाने के बाद पापा टहलने बाहर चले गए और मम्मी बुआ की मस्ती चालू

: अरे कहां उधर , आपकी सेज यहां इस कमरे में सजी है ( मम्मी बुआ को खींच कर अपने कमरे में ले जा रही थी )
मै किचन में उस अपने लिए पानी गरम कर रहा था , क्योंकि रात में मौसम ठंडा हो जाता था ।
: भक्क कुसुम तु सच में पगला गई है क्या ?
: अरे दीदी आओ न , भैया आपके मेडिकल स्टोर गए है दवाई लेने ( मम्मी ने खिलखिला कर कहा और मै उनका मतलब समझ गया )
: देख कुसुम अब ज्यादा हो रहा है ( बुआ एकदम फड़फड़ाने लगी थी )
: अभी कहा ज्यादा हुआ , 08 घंटे असर रहता है उस गोली का सुबह तक


मम्मी ने उन्हें अपनी बाहों में पकड़ कर खड़ा कर दिया बुआ अब शर्म से झेंप रही थी हस रही थी लेकिन इतने भारी देह के बावजूद भी मम्मी के चंगुल से निकल नहीं पा रही थी । उनकी मस्ती देख कर मुझे बड़ी हंसी आ रही थी और लंड में अलग ही खलबली में मचने लगी थी ।

: छोड़ दे कुसुम , भक्क
मम्मी खिलखिला कर उन्हें छोड़ दी और बुआ अपनी साड़ी का पल्लू सही करने लगी ।
: बड़ी दुष्ट ही गई हो तुम
: और तुम गदरा गई हो दीदी ( मम्मी ने खुलकर बुआ के चूतड़ पर हाथ फिराए )
: तो चले जाओ बबली के पापा के पास ये अरमान भी पूरा हो जाएगा हीहीही ( बुआ ने भी कोई मौका नहीं छोड़ा )
: उम्हू बड़ी याद आ रही है आपको नंदोई जी की उम्मम ( मम्मी के उन्हें कूल्हे मसले और बुआ सिसकी ) थोड़ा सबर कर लो तुम्हारे भैया आयेंगे मेरी ननद रानी

: धत्त छोड़ो मुझे ( बुआ जाने लगी चिढ़ कर )
तो मम्मी ने हस कर उन्हें वापस बुलाया और बिस्तर पर बिठा कर : अच्छा ठीक है भैया के साथ नहीं तो मेरे साथ सो सकती हो न
बुआ थोड़ा सहज होकर मुस्कुराई : पागल हो तुम , फिर क्यों ये ड्रामा कर रही थी
: हाय मेरी गोलगप्पा सीईईई देखो तो कैसे खुश हो रही है भौजाई के साथ सोने में हीहीहीही , कभी अपने भैया के साथ सो कर देखो न
: हटो पागल हो तुम ( बुआ बिस्तर पर जाने लगी और मै धीरे से सरक कर जीने से ऊपर चला गया )

आज शाम से मूड इतना मस्त हो गया था , पहले बुआ मम्मी की शरारत, फिर दीदी की रोमांटिक लाइफ सोच कर और सबसे बढ़ कर मेरी सोना के नरम दूध पर अबीर रगड़ने वाली बात सोच कर लंड बगावत पर आ गया था । लेकिन अभी तक मेरी सोना का कोई अता पता नहीं था । न फोन न मैसेज

मै ऊपर आया और बाहर बरामदे में था कि मेरे कानो में हाल अकेले बात करती हुई दीदी की आवाज आई , मै लपक कर हाल के दरवाजे की ओर गया और कान लगा दिए

"उन्हूं नहीं , वीडियो काल नहीं अभी रोहन आ जाएगा सीई ऐसे ही बात करो न प्लीज जान "

दीदी की बातें बड़ी लुभावनी थी , मैने थोड़ा और राह देखने का सोचा
" भक्क पागल मत बनो , अरे यार रोहन सोएगा मेरे पास और वो कोई बच्चा नहीं है समझे "

क्या बात हो रही थी मुझे समझ नहीं आ रहा था

" जान , क्यों तंग कर रहे हो संडे को मिलेंगे न हम लोग उम्ममम प्लीज मान जाओ न , धत्त गंदा , सीईईई उफ्फ शाम से परेशान कर रहे हो सच सच बताओ आज पोर्न देखी है आपने फिर से न "

ना जाने क्यों दीदी की बातों से भीतर से गर्मी बढ़ने लगी थी , पेंट ने हरकत होने लगी थी और उनकी बातों से साफ जाहिर था कि दीदी के bf ने उनसे सेक्सुअल फैंटेसी रखी होगी वीडियो काल के लिए, मुस्कुरा मैं इस लिए रहा था क्योंकि मैं भी ऐसे ही अपनी सोना से सेक्सी चैट के लिए मनाता हूं लेकिन शायद दीदी बहुत आगे बढ़ चुकी थी ।

" मुझे पता था , बहुत बिगड़ गए हो क्यों देखते हो आप वो सब वाली ... हम्म्म आप और आपकी फैंटेसी , पगलू , आई लव यू बाबू उन्हूं सच में मन कर रहा है कि आज़ाऊं आपके पास ... और सीईईई और आपके ऊपर बैठ जाऊं... हम्ममम उसपर ही ओह्ह्ह कितना बड़ा सा है आपका ...हा जान बहुत अंदर जाता है ओह्ह्ह्ह .. नहीं कर सकती समझो न सीई ओह्ह्ह "


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इधर मेरा लंड अकड़ गया था दीदी की बातें सुनकर कि कैसे उनके bf ने शाम से ही उनको गर्म करना शुरू कर दिया और इतना कि दीदी लंड के लिए पागल हो रही थी ।

" अच्छा रुको बाबा , एक मिनट देखूं रोहन कहा है , बस एक मिनट ... "
मै समझ गया कि दीदी आने वाली है बाहर और मै तेजी से लपक कर जीने की ओर भाग गया और कुछ सीढ़ी नीचे उतर कर गहरी सांस लेता हुआ फिर गाना गुनगुनाता हुआ ऊपर आने लगा

दीदी ने बरामदे से मुझे देखा और थोड़ी उदास हो गई , मै उनकी हालत समझ रहा था , जी तो आ रहा था कि कुछ देर के लिए छत पर चला जाऊ ,लेकिन होली के दिनों में भी रात में रातें दर्द हो जा रही थी और कोहरा भी हो रहा था । कुछ देर काट भी लेता अगर मेरी सोना से मुझे काल पर बातें करने को मिल जाती
खैर मै वापस आया और हाल में फर्श पर बिछी चढ़ाई और उसके ऊपर गद्दे पर मै आ गया और कम्बल के घुस गया

इधर मेरे आते ही दीदी बात करते हुए बाहर बरामदे की ओर चली गई
इधर मेरी सोना के मैसेज भी आ गए

: hay jaanu
: hyy meri sona , khana khaa li
: yes baby aur aap
: mai bhi ( मैने रिप्लाई किया )
: kya ho rha hai ?
: kuch nhi bistar me aa gaya hun
: mai bhi aaun 🤪 ( उसने रिप्लाई किया )
एक तो पहले से ही दीदी की रोमांटिक बातों से मै पागल हुआ जा रहा था और उसपर से मेरी जान ने सामने से ऑफर देकर दिल अलग से खुश कर दिया )
: ajao, lekin didi bhi soyengi
: didi ? Kaun ?
फिर मुझे याद आया कि मैने तो उसे कुछ बताया ही नहीं , या कहूं कि बताने का मौका ही नहीं मिला
फिर मैने उसको लंबा चौड़ा मैटर लिख कर बताया कि बुआ और उनकी बेटी आई है । हम दोनो ऊपर सोए है क्योंकि दीदी को उनके bf से बात करनी थी और मैने ये भी बताया कि दीदी को हमारे बारे में कुछ भी बताया मैने ।

: Sahi kiya
: Ha jb tak shaadi nhi ho jati hai mujhe koi risk nhi Lena aur pta hai aaj bua meri shaadi ki baat Krne lagi ...
फिर मैने उसकी बताया कि क्या क्या कि कैसे मम्मी 2 साल शादी के लिए साफ मना कर दिया है

: Lekin aap tension mat lo , mai jald hi mummy se apke bare me bat krunga
: hmmm
( बहुत छोटा सा उसने रिप्लाई किया )
: kya hua , koi bat hai ?
: nhi to ?
: maine itni imp bat kahi shadi ke liye aur aap khush nhi ho ? Kya aapko shaadi nhi karni mujhse ?
फिर वो काफी देर तक टाइप करती रही और उसका मैसेज आया

: Apse kaun nhi shaadi Krna chahega paglu , bas sochti hun ki kya mai apke family ko deserve krungi ya nhi...
: ye kya bol rahe ho ap ?
: matalb kahi mai unhe pasnd nhi aayi to ? Hamari cast bhi alag hai ?
: wo sab mai nahi maanta
: aap nhi mante lekin hamare ghar wale to manate hai , unko samaj ke hisab se sochna pdega na .. pata hai meri ek friend ki bahan ne dusre cast me shadi ki to uske ghar walo ne usse rishta hi tod liya . Mai apni mummy ko nhi chhodna chahti kbhi bhi 😔 mere ghar me koi GENTS nhi hai .. papa bhi nahi hai .. mummy man bhi gayi to akele kaise rahengi .. Nate ristedaar se kaise samana karengi. Bahut dar lagata hai babu ye sb soch kar

एक वक्त था जब मेरी सोना पल पल मेरे पास आने के लिए बेताब थी , वो चाहती थी कि मेरी नौकरी लग जाए और जल्द से जल्द मै उसका हाथ थामने उसके घर आ जाऊ , लेकिन कहते है न कि जमाना कितना बेदर्द है ये आप तब महसूस करते है जब आपके सर से बाप का साया हट जाता है , उसकी कही एक एक बात को मै समझ रहा था , उसके अंदर पनपते समाज के डर को , उसके लिए फैसले से उसकी मां के जीवन पर होने वाले असर क्या होगा ? समाज यही गाली देगा कि सरकारी दामाद के लिए दूसरे बिरादरी में बेटी बेच दी ।

हालांकि उसके बताए डर से मै भी थोड़ा डरने लगा था कि एक पल को मै मम्मी को राजी भी कर लूं लेकिन पापा को कैसे मनाऊंगा ? वो सोच कर ही मै अंदर से कांप उठा ...
कुछ देर हमारी बातें हुई और फिर वो सो गई लेकिन मेरी आंखों से नीद गायब थी
मैने मोबाइल किनारे पर रख दिया और खुली आंखों से छत देखने लगा । मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि भोलेनाथ से तो वापस मांग तो ली अपनी मुहब्बत लेकिन अब बारी थी उसके लिए दुनिया से लड़ जाने की । लेकिन वो हिम्मत नहीं हो पा रही थी मेरी और ये डर मै अपनी सोना से जाहिर करूं ये तो कतई मंजूर नहीं था मुझे

तभी कमरे हाल में बबली दीदी आई दरवाजा लगाते हुए और मैने आंखे मूंद ली

" सीईईई चुप करो न , हा बाबू जा रही हूं बिस्तर में ही ...... पता नहीं शायद सो गया है "

दीदी की बातें सुनकर मेरी भीतर की वासना धीरे धीरे करके वापस लौटने लगी और मेरा शरारती चंचल मन कुछ कामनाएं गढ़ने लगा ।

दीदी ने हाल का दरवाजा बंद किया और बत्ती बुझाई फिर मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में दूसरी तरफ से घूम कर मेरे बगल में आ गई

" हम्म्म आ गई "
मैने अपने सोने का नाटक जारी रखा और लंबी गहरी सांस भरता हुआ जताने लगा कि गहरी नींद में हु

फिर दीदी की फुसफुसाहट आने लगी
" हा , सो गया है "
" नहीं.. मैने बत्ती बुझा दी है "
" ऐसे करो न , सीईईई हां बोलो न "

उसकी सिसकारियां मेरे लंड ने कसावट बढ़ा रही थी
" हा जान , खोली हूं उम्ममम .. सच में लोवर नीचे है...हम्ममम नहीं बाबू पैंटी के ऊपर से सीईईई ओह्ह्ह हा सहला रही हूं ओह्ह्ह आप छुओ न अपने हाथ से ओह्ह्ह्ह "

लंड एकदम बगावत पर आ गया था कि मेरी दीदी मेरे बगल में सोकर कम्बल में अपनी बुर मसल रही थी अपने bf से बात करते हुए
मेरे पेंट में लंड पूरा तंबू बना चुका था , हालांकि आम दिनों में मै लोवर पहन लेता था लेकिन आज तो समय ही नहीं मिला , और लंड एकदम अकड़ कर पेंट में जगह तलाशने लगा था और वही बबली दीदी की सिसकिया तेज होने लगी थी

" यश बेबी ओह्ह्ह्ह डबल फिंगर है उम्मम फक्क्क् मीईईईई जाना ओह्ह्ह यस्स बेबी लेकिन आपका इससे भी मोटा है ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई... नहीं वो सो गया है आप करो न रुको मत चोदो मुझे अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम "

दीदी की सिसकिया और उनकी कही बातें कि वो दो उन्हें डाल कर अपनी बुर पेल रही थी मै वो नजारा सोच कर ही अंदर से तड़प उठा , मेरी सांसे गर्माने लगी थी , नथुने फूलने लगे थे । नीचे मै अपनी ठंडी एडिया आपस में रगड़ कर उन्हें गर्म करने लगा था और पेंट के ऊपर से फुले हुए सुपाड़े को मुठ्ठी में भरने लगा था

चूंकि दीदी तेजी से कम्बल में अपनी उंगली चला रही थी तो मुझे भी थोड़ी छूट मिल गई कि मै अपने लंड को सहला लूं पेंट के ऊपर से , लेकिन ऊपर चेहरे पर मेरा पूरा कंट्रोल था ।

" ओह्ह्ह गंदे हो तुम ओह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह हा नहीइ प्लीज रोहन है , रूम पर आना तो उन्ममन ओह्ह्ह्ह करो न बस आने वाला है .... तुम बड़े गंदे हो हमेशा मनमानी करते हो ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह पेलो न साले ओह्ह्ह यस्स फक्क मीईई ओह्ह्ह उम्ममम पेलो बहनचोद पेलो न साले चोद मुझे ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मम्मीइई आह्ह्ह्ह बाबू आ रहा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई
दीदी बिस्तर में अकड़ गई और झटके खाने लगी और मै एकदम से सन्न हो गया कि अभी अभी क्या हुआ ? बहनचोद ये क्या फैंटेसी थी मेरी दीदी के bf की , उसको दीदी के मुंह से गाली सुनकर मजा आता है । अजीब सा था लेकिन दीदी का यूं एकदम से झड़ जाना उसी मौके पर साफ था कि दीदी भी उस मोमेंट को खूब इंजॉय करती होंगी ।

कुछ देर बाद जब सब कुछ शांत हुआ तो दीदी एकदम भड़की हुई नजर आई : रखो आप , बता मत करना ठरकी कही के , हा नहीं तो ... पता नहीं अगर वो जगा होगा न तो समझो ये लास्ट था हमरा बाय गुड नाइट हूह

दीदी ने गुस्से में काल काट दिया और उठ कर बाहर चली गई
मै यहां सोचने लगा कि साला इन लड़कियों को समझना इतना आसान भी नहीं है , अभी खुल कर पूरा रंडियापा किया और अभी एकदम से शरीफ हाहाहा लेकिन इनसब के चक्कर में आज मेरा लंड बुरी तरह बस मसला गया , जरा भी उसे राहत नहीं मिली

कुछ ही देर बाद दीदी वापस आई हाल में , शायद बाथरूम गई थी
वापस आने पर ही फोन पर थी

" हम्ममम बहुत शरारती हो आप , गंदे , आई लव यू बाबा , अब रखो सोने जा रही हूं .... हा वो मैने गुस्से में बोल दिया था और आप भी ऐसी जिद मत किया करो .. रूम पर मै रोकती थोड़ी हूं आपको .. हा ठीक लेकर आना वही पहनूंगी । बस रखूं जान ठंडी लग रही है बाहर मुझे हीहीही

फिर फोन कट जाता है और दीदी मेरे पास आती है नजर अच्छे से मोबाइल की टॉर्च जला कर मुझे चेक करती है लेकिन इसबार मै करवट ले चुका था और फिर वो भी सो जाती है ।
मै मुस्कुरा कर सोचता रहता हूं कि एक नारी के तिरिया चरित्र के बारे में कि पल पल वो कितने रूप ले लेती है और सो जाता हूं ।


जारी रहेगी
( पिछले अपडेट पर आप सभी के प्यार और सपोर्ट के लिए धन्यवाद , कृपया पढ़ कर लाइक सपोर्ट और समीक्षा करते रहें )
हमेशा की तरह लाजवाब update..... बस बात बनते बनते रह सी जाती हैं..... इतनी रात में एक hot sexy जवान लड़की जो chudayi के लिए मारी जा रही हैं पास में अकेले सो रहीं हैं...और ये कुछ नहीं कर रहा....अरे सोने के बहाने से ही कम से कम बाहों में तो लेके सो जा.....



Fabulous update
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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118,917
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Shaandar update
 

Napster

Well-Known Member
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18,261
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UPDATE 013


नीचे पापा आ चुके थे और मम्मी की खिलखिलाहट थोड़ी कम हो गई थी , पापा के लिहाजन

बुआ और मम्मी किचन में काम में लगी थी और पापा सोफे पर बैठे टीवी खोल चुके थे
मेरी पापा से थोड़ी कैजुअल बातें हो रही थी और रह रह कर किचन से मम्मी और बुआ की ख़ुसरफुसर वाली खिखियाने की फुसफुसाहट आ रही थी ।
नजर उठा कर देखा तो बुआ के चौड़े कूल्हे चर्बीदार चूतड़ों का उभार दिखा , वो रोटियां बेल रही थी और मम्मी सिंक के पास थी ।


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पापा तो पूरी तरह उनको इग्नोर कर रहे थे लेकिन मेरे भीतर कुछ अलग ही चूल मची थी , ना जाने क्यों मुझे मम्मी और बुआ की चुलबुली बातें सुनने का शौक चढ़ रहा था ।
लेकिन पापा के रहते हुए कैसे किचन में जाता
क्योंकि हाल और किचन आपस में जुड़ा हुआ था
तभी एकदम से पापा उठे और टीवी चलता छोड़ कर बाहर निकल गए और मेरी आँखें चमक उठी ।
मै दबे पांव धीरे से किचन की ओर गया और किचन के गेट के बाहर खड़ा हो गया

: बबली के पापा ने तो पूरी तैयारी कर ली थी इस बार तुम्हारे साथ होली खेलने की , लेकिन कुछ काम फंस गए उनके और जाना पड़ा , वरना तुम्हारी चोली तो फटी थी इस बार
: अच्छा जी , जैसे मै उनकी छोड़ देती , चूतड़ों पर गोबर मलवा कर घुमाती नंदोई जी के हाहाहाहाहा और मेरी फटे या न फटे अपनी चोली की सिलाई दोहरा लो दीदी , आपकी तो फटेगी !!
: धत्त बड़ी दुष्ट हो तुम सीईईई क्या बार बार मिज देती हो , मै दबा दूं तुम्हारे
बुआ की बाते सुनकर मेरे लंड में हरकत सी हुई कि मम्मी बुआ की फिजिकली भी छेड़ रही है

: क्यों अपना दिल छोटा करती हो दीदी , तुम दबाओ या तुम्हारे भैया मुझे तो बस मिजवाने में मजा आता है
: धत्त बड़ी बेशर्म हो गई है तुम कुसुम ,

मम्मी की इतनी बोल्ड बाते सुनकर मन में अजीब सी हलचल हुई और एकदम से मेरी नजरें मम्मी के कमरे की ओर गई , मुझे बबली दीदी के पैर दिखाई दे रहे थे

लेकिन इस सर्दी के मौसम में बजाय उन्हें बिस्तर में ढकने के अपनी एड़ियों को आपस में रगड़ रही थी । उनकी गोरी चिकनी और गुलाबी एड़ियां बड़े ही मादक ढंग से और बहुत ही आहिस्ता आपस में एक दूसरे को रगड़ रही थी
मुझे कुछ शक हुआ और मै कमरे की ओर गया तो दीदी एकदम से चौक कर अपने पैर फोल्ड कर दिए
मैने आंखों से इशारा किया कि क्या हुआ तो वो कानो में एयरबड्स लगा कर बाल खोल कर बैठी मोबाइल चला रही थी , लेकिन असल में वो किसी से बात कर रही थी

उन्होंने इशारे से अपने जुल्फों को कानो में फंसाते हुए अपने एयरबड्स दिखाए और फिर मोबाइल स्क्रीन पर चल रही कॉल को दिखाया , जिसपर हार्ट और kiss वाले इमोजी से नंबर सेव था और करीब 14 मिनट से बात हो रही थी

मैने होठ से बुदबुदा कर बोला : जीजू ?
उन्होंने मुस्कुरा कर हम्म्म से सर हिलाया और मैने उनको कंटिन्यू रखने का बोल कर वहा से निकल गया और अपनी सोना से मैसेज करने लगा ।


: kya ho raha hai meri jaan 😘
: khana bana rahi hun babu , aap btao
: apki yad a Rahi hai , apke sath Holi khelna hai mujhe 😕
: bhkk pagal , kaise ? Mai kaha aur aap kaha
: video call par khele ?
: 🤣🤣 uspe kaise
: aap samne rahana mai apko color lgaunga, pahale Gaal par , fir kamar me apki top uth kar pet par aur fir ...😜
: dhatt gande 🤭 mar khaoge aap babu .. mai nahi lagwane waali wo sab jagah par
: are kyo ? Plz na maine to color bhi le liye hai ek ko red krunga aur ek ko green
: chhiiii Ganda babu 😑 dhatt gande ho ap bahut

मुझे बड़ी हंसी आ रही थी उसको परेशान करके , और थोड़ा थोड़ा पेंट के इरेक्शन आने लगा था ये सोच कर कि कैसा लगेगा उसकी गुलाबी रसीले और गुदाज मम्में पर जब मै अपने अबीर से सने पंजे फेरुंगा
सीईईई उफ्फ पूरे बदन में कंपकंपी सी हो गई मेरे और पेंट टाइट होने लगा ।

: Mujhe Holi khelna pasnd nhi hai , itna color lgate hai sab to mai chhip jati hun , niklati nhi hun bahar 🤣 mai aaungi hi nahi apke samne to kaise lagaoge ( पूरा चैलेंज किया उसने मुझे )
: shadi ke baad to rahoge mere paas , raat me so rahe hoge na tbhi chupke se laga dunga 🤭

मेरे इतना लिखने के बाद वो चुप हो गई , कुछ मिनट तो मैसेज ही नहीं आए , मन में डर भी था कही नाराज तो नहीं हो गई बार बार मेरे ठरक बातों के दोहराने से

: sorry babu , kya hua bolo , achcha nhi lagaunga bina apke kahe ... Plz bat kro n
: nhi wo bat nhi hai .. sorry kyo ? I love you 😘
: kya hua ? Udas kyo ho ?
: kuch nhi babu , khaana bnaa rahi hun na to kaise reply kru jaldi jaldi .. time lagega hi .. raat me bat krte hai na
: ok meri jaan 😘 waity waity
: pagalu 😘 love you ( उसका रिप्लाई आ और मै एक अंगड़ाई लेकर खड़ा हुआ , इस उम्मीद में कि रात में अब अपनी सोना से आज कुछ गरमा गरम बातें करनी है तो इंतजाम करना ही पड़ेगा और यही सोच कर मै वापस बबली दीदी के पास गया कमरे में

एकदम से फिर से वो चौक गई , लेकिन इस बार वो कम्बल में थी और उसके हाथ भी अंदर थे
मै भी मस्ती में बिस्तर पर कूद कर चढ़ कर उनके पास आ गया कंबल में

: क्या बातें कर रहे हो , मुझे भी बताओ न
दीदी ने काल म्यूट कर मुझे देखा : तुझे कुछ काम नहीं है ? यार जरूरी बात कर रही हूं, न ( दीदी थोड़ी चिढ़ी सी दिख रही थी , मुझे थोड़ा अच्छा नहीं लगा , लेकिन जिस काम के लिए आया था उसके लिए बात करनी ही थी न)
: अरे मै कह रहा था कि मम्मी से बात करो न , ऊपर सोने के लिए नहीं तो यही सोना पड़ेगा?
एकदम से दीदी के दिमाग की बुझी हुई बत्ती जल गई और वो कॉल काट कर उठ गई : चल आजा

फिर हम कमरे से बाहर आए और दीदी किचन में चली गई: क्या बना रही हो मामी

: हम्म्म आ गई सूंघते हुए ( बुआ ने उसे डांटा ) ये क्या पहने है तूने , ढंग से सूट नहीं पहन सकती अभी मामा देखेगा तो क्या कहेगा
: क्या मम्मी यार , अच्छा मामी क्या मै बुरी लग रही हूं इसमें ?


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मै किचन के बाहर ही था और मम्मी दीदी के शॉर्ट टॉप और उघाड़ चूतड़ों पर चिपके हुए लोवर को देख कर मुस्कुराई क्योंकि उसपर दीदी की पैंटी की नीचे वाली लास्टिक उभरी हुई थी ।
मम्मी के साथ साथ मैने भी दीदी के भरे और उभरे हुए चर्बीदार चूतड़ों पर नजर मारी
: अरे कहने दे इनको, अभी मुझसे कह रही थी कि कुसुम मुझे जींस दिला दे पहनने का मन है

मम्मी से सारी बात एकदम से बुआ की ओर पलट दी
: अरे मैने कब कहा ? ( बुआ चौकी और मै हस पड़ा )
: झूठ मत कहो दीदी , अरे बिटिया है तो क्या उससे शर्माओगी
: हा बुआ , मै भी आपके सपोर्ट में हूं , आप इस बार जींस ले ही लो ( हंसते हुए मै बोला )
: लेना क्या है , विदाई के लिए साड़ी लेने वाली थी तेरी बुआ के लिए अब जींस ले लूंगी और उसी में विदाई भी हो जाएगी , क्यों दीदी

मम्मी खिलखिला रही थी और मै भी हस रहा था , लेकिन बबली और बुआ थोड़ा असहज हो रहे थे । बुआ मुझे घूर रही थी और मैने उनको आंख मार दी और हसने लगा

: बहुत शरारत सूझ रही है तुझे हां ( बुआ ने लपक कर मेरे कान पकड़ लिए ) अपनी मम्मी को क्यों नहीं दिलाता जींस उसे पहना कर घूमा
: अह्ह्ह्ह बुआ , लेकिन मम्मी ने कभी कहा ही नहीं हीही छोड़ो न उफ्फ दर्द हो रहा है
: मम्मी का चमचा , बहुत बिगड़ गया है तू , जींस पहनाएगा मुझे .. अरे कूल्हे देखे है मेरे , मिलेगी ही नहीं इतनी बड़ी कमर की
: अरे क्यों नहीं मिलेगी , लखनऊ में एक से बढ़ कर एक दुकानें है क्यों रोहन
: हा और क्या ?
: आप अपना मन छोटा मत करो दीदी , इस साल राखी पर आप जींस पहन कर ही अपने भैया को राखी बांधना
: धत्त तुम लोग पागल कर दोगे मुझे ( बुआ चिढ़ कर वहां से निकल गई और हम लोग ठहाका लगाने लगे )

: अरे यार मेरी बात भी तो कोई सुन लो
: क्या तुझे भी चाहिए जींस ( मम्मी हंसती हुई बोली )
: नहीं मेरे पास है , सुनो न मामी
: क्या है बोल भाई ( मम्मी उसकी रीरीकने से थोड़ा चिड़चिड़ा कर )
: वो मै कह रही थी कि मुझे मम्मी के पास नहीं सोना है , सारी रात वो शादी शादी के लिए मुझे परेशान कर देती है तो प्लीज आप मेरा बिस्तर छत पर लगवा दो न
: ऊपर? अकेले सोएगी
: नहीं रोहन भी रहेगा न , क्यों ? बोल न
: अह हा मम्मी , ठीक रहेगा मुझे भी वही
मम्मी थोड़ा सोच कर : ठीक है , ऊपर ट्रंक से गद्दे और बिस्तर निकाल ले और तकिया नीचे से लेते जा

मै कुछ सोचता उससे पहले मम्मी से साफ कह दिया कि बिस्तर मुझे खुद ही निकालना है और मैं बबली दीदी के साथ ऊपर चला गया ।

ऊपर हाल में आकर हमने बत्ती जलाई और स्टोर रूम का ताला खोला ,

पिछले साल लॉकडाउन के बाद घर बनवाने और सेट कराने के बाद आज मैने स्टोर रूम खोला था
कमरे में एक तरफ अनाज के ड्रम थे और कुछ लकड़ी के फर्नीचर रखे थे । वही एक किनारे साइड में दिवाल से लगा कर बड़ा 4 फिट ऊंचा और 5 फिट चौड़ा ट्रंक था टीन का ।
उसपर एक गठरी में कुछ कपड़े रखे हुए थे मैने उन्हें टटोल कर नीचे किनारे रखा था
ट्रंक के ऊपर एक संदूक थी उसे हटाया और ट्रंक खोलकर हमने कुछ बिछावन और बिस्तर निकाले जिनके नीचे हमारी जरूरत के समान रखे हुए थे ।
मैने एक गद्दा और एक डबल बेड कम्बल निकाला दीदी उन्हें लेकर बाहर गई और मैने वापस निकाले हुए बिस्तर और कुछ प्लास्टिक पैकेट उठा कर ट्रंक में डाल रहा था कि एकदम से एक प्लास्टिक पैकेट से कुछ सरक कर स्टोर रूम की फर्श पर गिरा
संजोग की बात थी कि उसी वक्त बबली दीदी भी वापस आ गई

वो लाल रंगी का कोई ड्रेस था जो एक आरपार दिखने वाले थैली में पैक था
दीदी ने उसे उठाया और उनकी आंखे बड़ी ही गई
: क्या है ये ?
: ये कहा मिली तुझे ? ( उन्होंने मुस्कुराते हुए सवाल किया और उनके चेहरे के हाव भाव से साफ जाहिर था कि वो शायद इस कपड़े के बारे जान रही थी और कुछ छिपा सी रही थी )
: वो इस पैकेट से निकली है
दीदी बिना कुछ बोले वापस वो ड्रेस उसी पैकेट में रखने लगी
: अरे देखूं तो क्या है ?
: क्यों देखना है तुझे , रख इसे होगी किसी की
: अरे किसी की क्या ? मम्मी की होगी न ? और कौन है
मैने बिना कुछ सोचे उनके हाथ वो थैली लेकर वो ड्रेस निकाल दी
: है क्या ये ?
एकदम से जैसे ही ड्रेस निकाल कर सामने फैलाया आंखे सन्न और अपनी करनी पर पछतावा

शर्मिंदा नजरो से मैने दीदी को देखा तो वो अपने दांतों से नाखून चबाती हुई मुस्कुरा रही थी


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मैं वापस उस ड्रेस को देखा , वो एक लाल रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी थी ।
मैने झट से वो कैटलॉग देखा और उसपर बनी हुई वो नाइटी पहने हुए लड़की की तस्वीर देखी


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जिसका साइज डबल एक्स एल था
जिसके साथ एक विजिबल ब्रा और पतली सी पैंटी थी ।शायद उसका कोई मतलब नहीं था वो पैंटी मम्मी के चूतड़ों में..... एक मिनट तो क्या ये मम्मी की ? मम्मी ये पहनती है ? लेकिन पापा तो बहुत स्ट्रिक्ट ?
दिमाग एकदम से भन्ना गया , अपनी संस्कारी मा को उस ड्रेस में कल्पना कर

: बोल रही थी मत खोल ( एकदम से एक चपत मेरे सर के पीछे मिली , वो दीदी ने ही लगाई थी )
: सॉरी , लेकिन ये किसी होगी
: बकवास बंद कर रोहन , इसे पैक कर जैसे रखा था । मामी को शक न हो कि तूने इसे खोला था

: मै क्यों आप भी हो ना साथ में ( असल में मेरी फट रही थी और दीदी के आगे थोड़ा शर्मिंदगी भी हो रही थी मै क्या बोल रहा था मुझे खुद नहीं समझ आ रहा था )
: मारूंगी तुझे अभी, गधा कही का

फिर मैने जल्दी जल्दी सब पैक किया और ट्रंक बंद कर दिया । फिर सारे सामान वापस रख दिए
हम बाहर आ रहे थे कि एकदम से दीदी की नजर ट्रंक के नीचे गिरी हुई उसी नाइटी की पैंटी पर गई
: अरे पागल ये कैसे छोड़ दिया ( दीदी ने वो लाल पैंटी उठा कर मुझे दिखाई )
: अरे यार ( मेरा हलक सूख रहा था ) अब क्या फिर से खोलूं ( ट्रंक को देखकर और उसपर रखे सामना भारी संदूक की फिर से उठा पटक देखकर मै बेबस दीदी को बोला )
: छोड़ रहने दे , वैसे मुझे नहीं लगता कि मामी इसे खोजेंगी ( दीदी ने वो पैंटी मोड पर अपने लोवर की जेब में रखती हुई बोली )
: क्यों ? आपको कैसे पता ?
: अरे पागल देखा नहीं वो ड्रेस जस के तस फोल्ड थी कंपनी पैक, टैग भी नहीं निकाले थे ।

: इसका मतलब मम्मी ने अभी तक इसको पहना नहीं है ? ( अपनी कल्पनाएं गढ़ने लगा था )
: हा पागल , और ड्रेस का माडल भी पुराना है , शायद मामा किसी शॉप से लाए होंगे

पापा लाए होंगे वो भी ऐसे कपड़े , यकीन नहीं हो रहा था ,क्योंकि जिस तरह का मिज़ाज मैने बचपन से उनका महसूस किया है । हालांकि मम्मी के कहे अनुसार वो काफी रोमांटिक है बस मेरे आगे लिहाज करते है । हो भी सकता था कि लाए हो लेकिन मम्मी ने इतने दिन से पहना क्यों नहीं ? एक मिनट ... लेकिन दीदी को कैसे पता कि ये मॉडल पुराना है .. मतलब दीदी भी पहनती है ? किसके लिए ? ओ गॉड तो क्या दीदी और उनका bf ? अभी थोड़ी देर पहले भी उनकी हरकते कुछ अजीब सी थी मानो कितनी रोमांटिक बात हो रही हो । उनकी अपने bf से

: आपको कैसे पता पुरानी माडल है , आप पहनते हो ? ( मैने मेरा सवाल दागा )
वो एकदम से हसने लगी : पागल है तू , हीहीही
: बताओ न ?
: अरे यार इतनी नालेज तो सबको होनी चाहिए, आजकल क्या ट्रेंड में है या नहीं । तू इतना सीधा है इसीलिए मुझे मेरी भाभी नहीं मिल रही है

उसने सारी बात मेरी gf पर लाकर फुर्र कर दी लेकिन मेरा दिल साफ देख रहा था कि दीदी ने मुझसे झूठ कहा था।
खैर हमने बिस्तर लगाया और खाना खाने नीचे चले गए
खाने के बाद पापा टहलने बाहर चले गए और मम्मी बुआ की मस्ती चालू

: अरे कहां उधर , आपकी सेज यहां इस कमरे में सजी है ( मम्मी बुआ को खींच कर अपने कमरे में ले जा रही थी )
मै किचन में उस अपने लिए पानी गरम कर रहा था , क्योंकि रात में मौसम ठंडा हो जाता था ।
: भक्क कुसुम तु सच में पगला गई है क्या ?
: अरे दीदी आओ न , भैया आपके मेडिकल स्टोर गए है दवाई लेने ( मम्मी ने खिलखिला कर कहा और मै उनका मतलब समझ गया )
: देख कुसुम अब ज्यादा हो रहा है ( बुआ एकदम फड़फड़ाने लगी थी )
: अभी कहा ज्यादा हुआ , 08 घंटे असर रहता है उस गोली का सुबह तक


मम्मी ने उन्हें अपनी बाहों में पकड़ कर खड़ा कर दिया बुआ अब शर्म से झेंप रही थी हस रही थी लेकिन इतने भारी देह के बावजूद भी मम्मी के चंगुल से निकल नहीं पा रही थी । उनकी मस्ती देख कर मुझे बड़ी हंसी आ रही थी और लंड में अलग ही खलबली में मचने लगी थी ।

: छोड़ दे कुसुम , भक्क
मम्मी खिलखिला कर उन्हें छोड़ दी और बुआ अपनी साड़ी का पल्लू सही करने लगी ।
: बड़ी दुष्ट ही गई हो तुम
: और तुम गदरा गई हो दीदी ( मम्मी ने खुलकर बुआ के चूतड़ पर हाथ फिराए )
: तो चले जाओ बबली के पापा के पास ये अरमान भी पूरा हो जाएगा हीहीही ( बुआ ने भी कोई मौका नहीं छोड़ा )
: उम्हू बड़ी याद आ रही है आपको नंदोई जी की उम्मम ( मम्मी के उन्हें कूल्हे मसले और बुआ सिसकी ) थोड़ा सबर कर लो तुम्हारे भैया आयेंगे मेरी ननद रानी

: धत्त छोड़ो मुझे ( बुआ जाने लगी चिढ़ कर )
तो मम्मी ने हस कर उन्हें वापस बुलाया और बिस्तर पर बिठा कर : अच्छा ठीक है भैया के साथ नहीं तो मेरे साथ सो सकती हो न
बुआ थोड़ा सहज होकर मुस्कुराई : पागल हो तुम , फिर क्यों ये ड्रामा कर रही थी
: हाय मेरी गोलगप्पा सीईईई देखो तो कैसे खुश हो रही है भौजाई के साथ सोने में हीहीहीही , कभी अपने भैया के साथ सो कर देखो न
: हटो पागल हो तुम ( बुआ बिस्तर पर जाने लगी और मै धीरे से सरक कर जीने से ऊपर चला गया )

आज शाम से मूड इतना मस्त हो गया था , पहले बुआ मम्मी की शरारत, फिर दीदी की रोमांटिक लाइफ सोच कर और सबसे बढ़ कर मेरी सोना के नरम दूध पर अबीर रगड़ने वाली बात सोच कर लंड बगावत पर आ गया था । लेकिन अभी तक मेरी सोना का कोई अता पता नहीं था । न फोन न मैसेज

मै ऊपर आया और बाहर बरामदे में था कि मेरे कानो में हाल अकेले बात करती हुई दीदी की आवाज आई , मै लपक कर हाल के दरवाजे की ओर गया और कान लगा दिए

"उन्हूं नहीं , वीडियो काल नहीं अभी रोहन आ जाएगा सीई ऐसे ही बात करो न प्लीज जान "

दीदी की बातें बड़ी लुभावनी थी , मैने थोड़ा और राह देखने का सोचा
" भक्क पागल मत बनो , अरे यार रोहन सोएगा मेरे पास और वो कोई बच्चा नहीं है समझे "

क्या बात हो रही थी मुझे समझ नहीं आ रहा था

" जान , क्यों तंग कर रहे हो संडे को मिलेंगे न हम लोग उम्ममम प्लीज मान जाओ न , धत्त गंदा , सीईईई उफ्फ शाम से परेशान कर रहे हो सच सच बताओ आज पोर्न देखी है आपने फिर से न "

ना जाने क्यों दीदी की बातों से भीतर से गर्मी बढ़ने लगी थी , पेंट ने हरकत होने लगी थी और उनकी बातों से साफ जाहिर था कि दीदी के bf ने उनसे सेक्सुअल फैंटेसी रखी होगी वीडियो काल के लिए, मुस्कुरा मैं इस लिए रहा था क्योंकि मैं भी ऐसे ही अपनी सोना से सेक्सी चैट के लिए मनाता हूं लेकिन शायद दीदी बहुत आगे बढ़ चुकी थी ।

" मुझे पता था , बहुत बिगड़ गए हो क्यों देखते हो आप वो सब वाली ... हम्म्म आप और आपकी फैंटेसी , पगलू , आई लव यू बाबू उन्हूं सच में मन कर रहा है कि आज़ाऊं आपके पास ... और सीईईई और आपके ऊपर बैठ जाऊं... हम्ममम उसपर ही ओह्ह्ह कितना बड़ा सा है आपका ...हा जान बहुत अंदर जाता है ओह्ह्ह्ह .. नहीं कर सकती समझो न सीई ओह्ह्ह "


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इधर मेरा लंड अकड़ गया था दीदी की बातें सुनकर कि कैसे उनके bf ने शाम से ही उनको गर्म करना शुरू कर दिया और इतना कि दीदी लंड के लिए पागल हो रही थी ।

" अच्छा रुको बाबा , एक मिनट देखूं रोहन कहा है , बस एक मिनट ... "
मै समझ गया कि दीदी आने वाली है बाहर और मै तेजी से लपक कर जीने की ओर भाग गया और कुछ सीढ़ी नीचे उतर कर गहरी सांस लेता हुआ फिर गाना गुनगुनाता हुआ ऊपर आने लगा

दीदी ने बरामदे से मुझे देखा और थोड़ी उदास हो गई , मै उनकी हालत समझ रहा था , जी तो आ रहा था कि कुछ देर के लिए छत पर चला जाऊ ,लेकिन होली के दिनों में भी रात में रातें दर्द हो जा रही थी और कोहरा भी हो रहा था । कुछ देर काट भी लेता अगर मेरी सोना से मुझे काल पर बातें करने को मिल जाती
खैर मै वापस आया और हाल में फर्श पर बिछी चढ़ाई और उसके ऊपर गद्दे पर मै आ गया और कम्बल के घुस गया

इधर मेरे आते ही दीदी बात करते हुए बाहर बरामदे की ओर चली गई
इधर मेरी सोना के मैसेज भी आ गए

: hay jaanu
: hyy meri sona , khana khaa li
: yes baby aur aap
: mai bhi ( मैने रिप्लाई किया )
: kya ho rha hai ?
: kuch nhi bistar me aa gaya hun
: mai bhi aaun 🤪 ( उसने रिप्लाई किया )
एक तो पहले से ही दीदी की रोमांटिक बातों से मै पागल हुआ जा रहा था और उसपर से मेरी जान ने सामने से ऑफर देकर दिल अलग से खुश कर दिया )
: ajao, lekin didi bhi soyengi
: didi ? Kaun ?
फिर मुझे याद आया कि मैने तो उसे कुछ बताया ही नहीं , या कहूं कि बताने का मौका ही नहीं मिला
फिर मैने उसको लंबा चौड़ा मैटर लिख कर बताया कि बुआ और उनकी बेटी आई है । हम दोनो ऊपर सोए है क्योंकि दीदी को उनके bf से बात करनी थी और मैने ये भी बताया कि दीदी को हमारे बारे में कुछ भी बताया मैने ।

: Sahi kiya
: Ha jb tak shaadi nhi ho jati hai mujhe koi risk nhi Lena aur pta hai aaj bua meri shaadi ki baat Krne lagi ...
फिर मैने उसकी बताया कि क्या क्या कि कैसे मम्मी 2 साल शादी के लिए साफ मना कर दिया है

: Lekin aap tension mat lo , mai jald hi mummy se apke bare me bat krunga
: hmmm
( बहुत छोटा सा उसने रिप्लाई किया )
: kya hua , koi bat hai ?
: nhi to ?
: maine itni imp bat kahi shadi ke liye aur aap khush nhi ho ? Kya aapko shaadi nhi karni mujhse ?
फिर वो काफी देर तक टाइप करती रही और उसका मैसेज आया

: Apse kaun nhi shaadi Krna chahega paglu , bas sochti hun ki kya mai apke family ko deserve krungi ya nhi...
: ye kya bol rahe ho ap ?
: matalb kahi mai unhe pasnd nhi aayi to ? Hamari cast bhi alag hai ?
: wo sab mai nahi maanta
: aap nhi mante lekin hamare ghar wale to manate hai , unko samaj ke hisab se sochna pdega na .. pata hai meri ek friend ki bahan ne dusre cast me shadi ki to uske ghar walo ne usse rishta hi tod liya . Mai apni mummy ko nhi chhodna chahti kbhi bhi 😔 mere ghar me koi GENTS nhi hai .. papa bhi nahi hai .. mummy man bhi gayi to akele kaise rahengi .. Nate ristedaar se kaise samana karengi. Bahut dar lagata hai babu ye sb soch kar

एक वक्त था जब मेरी सोना पल पल मेरे पास आने के लिए बेताब थी , वो चाहती थी कि मेरी नौकरी लग जाए और जल्द से जल्द मै उसका हाथ थामने उसके घर आ जाऊ , लेकिन कहते है न कि जमाना कितना बेदर्द है ये आप तब महसूस करते है जब आपके सर से बाप का साया हट जाता है , उसकी कही एक एक बात को मै समझ रहा था , उसके अंदर पनपते समाज के डर को , उसके लिए फैसले से उसकी मां के जीवन पर होने वाले असर क्या होगा ? समाज यही गाली देगा कि सरकारी दामाद के लिए दूसरे बिरादरी में बेटी बेच दी ।

हालांकि उसके बताए डर से मै भी थोड़ा डरने लगा था कि एक पल को मै मम्मी को राजी भी कर लूं लेकिन पापा को कैसे मनाऊंगा ? वो सोच कर ही मै अंदर से कांप उठा ...
कुछ देर हमारी बातें हुई और फिर वो सो गई लेकिन मेरी आंखों से नीद गायब थी
मैने मोबाइल किनारे पर रख दिया और खुली आंखों से छत देखने लगा । मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि भोलेनाथ से तो वापस मांग तो ली अपनी मुहब्बत लेकिन अब बारी थी उसके लिए दुनिया से लड़ जाने की । लेकिन वो हिम्मत नहीं हो पा रही थी मेरी और ये डर मै अपनी सोना से जाहिर करूं ये तो कतई मंजूर नहीं था मुझे

तभी कमरे हाल में बबली दीदी आई दरवाजा लगाते हुए और मैने आंखे मूंद ली

" सीईईई चुप करो न , हा बाबू जा रही हूं बिस्तर में ही ...... पता नहीं शायद सो गया है "

दीदी की बातें सुनकर मेरी भीतर की वासना धीरे धीरे करके वापस लौटने लगी और मेरा शरारती चंचल मन कुछ कामनाएं गढ़ने लगा ।

दीदी ने हाल का दरवाजा बंद किया और बत्ती बुझाई फिर मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में दूसरी तरफ से घूम कर मेरे बगल में आ गई

" हम्म्म आ गई "
मैने अपने सोने का नाटक जारी रखा और लंबी गहरी सांस भरता हुआ जताने लगा कि गहरी नींद में हु

फिर दीदी की फुसफुसाहट आने लगी
" हा , सो गया है "
" नहीं.. मैने बत्ती बुझा दी है "
" ऐसे करो न , सीईईई हां बोलो न "

उसकी सिसकारियां मेरे लंड ने कसावट बढ़ा रही थी
" हा जान , खोली हूं उम्ममम .. सच में लोवर नीचे है...हम्ममम नहीं बाबू पैंटी के ऊपर से सीईईई ओह्ह्ह हा सहला रही हूं ओह्ह्ह आप छुओ न अपने हाथ से ओह्ह्ह्ह "

लंड एकदम बगावत पर आ गया था कि मेरी दीदी मेरे बगल में सोकर कम्बल में अपनी बुर मसल रही थी अपने bf से बात करते हुए
मेरे पेंट में लंड पूरा तंबू बना चुका था , हालांकि आम दिनों में मै लोवर पहन लेता था लेकिन आज तो समय ही नहीं मिला , और लंड एकदम अकड़ कर पेंट में जगह तलाशने लगा था और वही बबली दीदी की सिसकिया तेज होने लगी थी

" यश बेबी ओह्ह्ह्ह डबल फिंगर है उम्मम फक्क्क् मीईईईई जाना ओह्ह्ह यस्स बेबी लेकिन आपका इससे भी मोटा है ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई... नहीं वो सो गया है आप करो न रुको मत चोदो मुझे अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम "

दीदी की सिसकिया और उनकी कही बातें कि वो दो उन्हें डाल कर अपनी बुर पेल रही थी मै वो नजारा सोच कर ही अंदर से तड़प उठा , मेरी सांसे गर्माने लगी थी , नथुने फूलने लगे थे । नीचे मै अपनी ठंडी एडिया आपस में रगड़ कर उन्हें गर्म करने लगा था और पेंट के ऊपर से फुले हुए सुपाड़े को मुठ्ठी में भरने लगा था

चूंकि दीदी तेजी से कम्बल में अपनी उंगली चला रही थी तो मुझे भी थोड़ी छूट मिल गई कि मै अपने लंड को सहला लूं पेंट के ऊपर से , लेकिन ऊपर चेहरे पर मेरा पूरा कंट्रोल था ।

" ओह्ह्ह गंदे हो तुम ओह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह हा नहीइ प्लीज रोहन है , रूम पर आना तो उन्ममन ओह्ह्ह्ह करो न बस आने वाला है .... तुम बड़े गंदे हो हमेशा मनमानी करते हो ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह पेलो न साले ओह्ह्ह यस्स फक्क मीईई ओह्ह्ह उम्ममम पेलो बहनचोद पेलो न साले चोद मुझे ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मम्मीइई आह्ह्ह्ह बाबू आ रहा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई
दीदी बिस्तर में अकड़ गई और झटके खाने लगी और मै एकदम से सन्न हो गया कि अभी अभी क्या हुआ ? बहनचोद ये क्या फैंटेसी थी मेरी दीदी के bf की , उसको दीदी के मुंह से गाली सुनकर मजा आता है । अजीब सा था लेकिन दीदी का यूं एकदम से झड़ जाना उसी मौके पर साफ था कि दीदी भी उस मोमेंट को खूब इंजॉय करती होंगी ।

कुछ देर बाद जब सब कुछ शांत हुआ तो दीदी एकदम भड़की हुई नजर आई : रखो आप , बता मत करना ठरकी कही के , हा नहीं तो ... पता नहीं अगर वो जगा होगा न तो समझो ये लास्ट था हमरा बाय गुड नाइट हूह

दीदी ने गुस्से में काल काट दिया और उठ कर बाहर चली गई
मै यहां सोचने लगा कि साला इन लड़कियों को समझना इतना आसान भी नहीं है , अभी खुल कर पूरा रंडियापा किया और अभी एकदम से शरीफ हाहाहा लेकिन इनसब के चक्कर में आज मेरा लंड बुरी तरह बस मसला गया , जरा भी उसे राहत नहीं मिली

कुछ ही देर बाद दीदी वापस आई हाल में , शायद बाथरूम गई थी
वापस आने पर ही फोन पर थी

" हम्ममम बहुत शरारती हो आप , गंदे , आई लव यू बाबा , अब रखो सोने जा रही हूं .... हा वो मैने गुस्से में बोल दिया था और आप भी ऐसी जिद मत किया करो .. रूम पर मै रोकती थोड़ी हूं आपको .. हा ठीक लेकर आना वही पहनूंगी । बस रखूं जान ठंडी लग रही है बाहर मुझे हीहीही

फिर फोन कट जाता है और दीदी मेरे पास आती है नजर अच्छे से मोबाइल की टॉर्च जला कर मुझे चेक करती है लेकिन इसबार मै करवट ले चुका था और फिर वो भी सो जाती है ।
मै मुस्कुरा कर सोचता रहता हूं कि एक नारी के तिरिया चरित्र के बारे में कि पल पल वो कितने रूप ले लेती है और सो जाता हूं ।


जारी रहेगी
( पिछले अपडेट पर आप सभी के प्यार और सपोर्ट के लिए धन्यवाद , कृपया पढ़ कर लाइक सपोर्ट और समीक्षा करते रहें )
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त मजेदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Deepaksoni

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Superb or bht kamuk story h bhai aap ki lagta h is story mai bhi hm sab ko bht maja aane wala h ek trf pyar ho rha h to dusri trf kamukta ka janam ho rha h bht khub bhai ese hi update dete raho h sab ka sath aap ke sath h
UPDATE 013


नीचे पापा आ चुके थे और मम्मी की खिलखिलाहट थोड़ी कम हो गई थी , पापा के लिहाजन

बुआ और मम्मी किचन में काम में लगी थी और पापा सोफे पर बैठे टीवी खोल चुके थे
मेरी पापा से थोड़ी कैजुअल बातें हो रही थी और रह रह कर किचन से मम्मी और बुआ की ख़ुसरफुसर वाली खिखियाने की फुसफुसाहट आ रही थी ।
नजर उठा कर देखा तो बुआ के चौड़े कूल्हे चर्बीदार चूतड़ों का उभार दिखा , वो रोटियां बेल रही थी और मम्मी सिंक के पास थी ।


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पापा तो पूरी तरह उनको इग्नोर कर रहे थे लेकिन मेरे भीतर कुछ अलग ही चूल मची थी , ना जाने क्यों मुझे मम्मी और बुआ की चुलबुली बातें सुनने का शौक चढ़ रहा था ।
लेकिन पापा के रहते हुए कैसे किचन में जाता
क्योंकि हाल और किचन आपस में जुड़ा हुआ था
तभी एकदम से पापा उठे और टीवी चलता छोड़ कर बाहर निकल गए और मेरी आँखें चमक उठी ।
मै दबे पांव धीरे से किचन की ओर गया और किचन के गेट के बाहर खड़ा हो गया

: बबली के पापा ने तो पूरी तैयारी कर ली थी इस बार तुम्हारे साथ होली खेलने की , लेकिन कुछ काम फंस गए उनके और जाना पड़ा , वरना तुम्हारी चोली तो फटी थी इस बार
: अच्छा जी , जैसे मै उनकी छोड़ देती , चूतड़ों पर गोबर मलवा कर घुमाती नंदोई जी के हाहाहाहाहा और मेरी फटे या न फटे अपनी चोली की सिलाई दोहरा लो दीदी , आपकी तो फटेगी !!
: धत्त बड़ी दुष्ट हो तुम सीईईई क्या बार बार मिज देती हो , मै दबा दूं तुम्हारे
बुआ की बाते सुनकर मेरे लंड में हरकत सी हुई कि मम्मी बुआ की फिजिकली भी छेड़ रही है

: क्यों अपना दिल छोटा करती हो दीदी , तुम दबाओ या तुम्हारे भैया मुझे तो बस मिजवाने में मजा आता है
: धत्त बड़ी बेशर्म हो गई है तुम कुसुम ,

मम्मी की इतनी बोल्ड बाते सुनकर मन में अजीब सी हलचल हुई और एकदम से मेरी नजरें मम्मी के कमरे की ओर गई , मुझे बबली दीदी के पैर दिखाई दे रहे थे

लेकिन इस सर्दी के मौसम में बजाय उन्हें बिस्तर में ढकने के अपनी एड़ियों को आपस में रगड़ रही थी । उनकी गोरी चिकनी और गुलाबी एड़ियां बड़े ही मादक ढंग से और बहुत ही आहिस्ता आपस में एक दूसरे को रगड़ रही थी
मुझे कुछ शक हुआ और मै कमरे की ओर गया तो दीदी एकदम से चौक कर अपने पैर फोल्ड कर दिए
मैने आंखों से इशारा किया कि क्या हुआ तो वो कानो में एयरबड्स लगा कर बाल खोल कर बैठी मोबाइल चला रही थी , लेकिन असल में वो किसी से बात कर रही थी

उन्होंने इशारे से अपने जुल्फों को कानो में फंसाते हुए अपने एयरबड्स दिखाए और फिर मोबाइल स्क्रीन पर चल रही कॉल को दिखाया , जिसपर हार्ट और kiss वाले इमोजी से नंबर सेव था और करीब 14 मिनट से बात हो रही थी

मैने होठ से बुदबुदा कर बोला : जीजू ?
उन्होंने मुस्कुरा कर हम्म्म से सर हिलाया और मैने उनको कंटिन्यू रखने का बोल कर वहा से निकल गया और अपनी सोना से मैसेज करने लगा ।


: kya ho raha hai meri jaan 😘
: khana bana rahi hun babu , aap btao
: apki yad a Rahi hai , apke sath Holi khelna hai mujhe 😕
: bhkk pagal , kaise ? Mai kaha aur aap kaha
: video call par khele ?
: 🤣🤣 uspe kaise
: aap samne rahana mai apko color lgaunga, pahale Gaal par , fir kamar me apki top uth kar pet par aur fir ...😜
: dhatt gande 🤭 mar khaoge aap babu .. mai nahi lagwane waali wo sab jagah par
: are kyo ? Plz na maine to color bhi le liye hai ek ko red krunga aur ek ko green
: chhiiii Ganda babu 😑 dhatt gande ho ap bahut

मुझे बड़ी हंसी आ रही थी उसको परेशान करके , और थोड़ा थोड़ा पेंट के इरेक्शन आने लगा था ये सोच कर कि कैसा लगेगा उसकी गुलाबी रसीले और गुदाज मम्में पर जब मै अपने अबीर से सने पंजे फेरुंगा
सीईईई उफ्फ पूरे बदन में कंपकंपी सी हो गई मेरे और पेंट टाइट होने लगा ।

: Mujhe Holi khelna pasnd nhi hai , itna color lgate hai sab to mai chhip jati hun , niklati nhi hun bahar 🤣 mai aaungi hi nahi apke samne to kaise lagaoge ( पूरा चैलेंज किया उसने मुझे )
: shadi ke baad to rahoge mere paas , raat me so rahe hoge na tbhi chupke se laga dunga 🤭

मेरे इतना लिखने के बाद वो चुप हो गई , कुछ मिनट तो मैसेज ही नहीं आए , मन में डर भी था कही नाराज तो नहीं हो गई बार बार मेरे ठरक बातों के दोहराने से

: sorry babu , kya hua bolo , achcha nhi lagaunga bina apke kahe ... Plz bat kro n
: nhi wo bat nhi hai .. sorry kyo ? I love you 😘
: kya hua ? Udas kyo ho ?
: kuch nhi babu , khaana bnaa rahi hun na to kaise reply kru jaldi jaldi .. time lagega hi .. raat me bat krte hai na
: ok meri jaan 😘 waity waity
: pagalu 😘 love you ( उसका रिप्लाई आ और मै एक अंगड़ाई लेकर खड़ा हुआ , इस उम्मीद में कि रात में अब अपनी सोना से आज कुछ गरमा गरम बातें करनी है तो इंतजाम करना ही पड़ेगा और यही सोच कर मै वापस बबली दीदी के पास गया कमरे में

एकदम से फिर से वो चौक गई , लेकिन इस बार वो कम्बल में थी और उसके हाथ भी अंदर थे
मै भी मस्ती में बिस्तर पर कूद कर चढ़ कर उनके पास आ गया कंबल में

: क्या बातें कर रहे हो , मुझे भी बताओ न
दीदी ने काल म्यूट कर मुझे देखा : तुझे कुछ काम नहीं है ? यार जरूरी बात कर रही हूं, न ( दीदी थोड़ी चिढ़ी सी दिख रही थी , मुझे थोड़ा अच्छा नहीं लगा , लेकिन जिस काम के लिए आया था उसके लिए बात करनी ही थी न)
: अरे मै कह रहा था कि मम्मी से बात करो न , ऊपर सोने के लिए नहीं तो यही सोना पड़ेगा?
एकदम से दीदी के दिमाग की बुझी हुई बत्ती जल गई और वो कॉल काट कर उठ गई : चल आजा

फिर हम कमरे से बाहर आए और दीदी किचन में चली गई: क्या बना रही हो मामी

: हम्म्म आ गई सूंघते हुए ( बुआ ने उसे डांटा ) ये क्या पहने है तूने , ढंग से सूट नहीं पहन सकती अभी मामा देखेगा तो क्या कहेगा
: क्या मम्मी यार , अच्छा मामी क्या मै बुरी लग रही हूं इसमें ?


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मै किचन के बाहर ही था और मम्मी दीदी के शॉर्ट टॉप और उघाड़ चूतड़ों पर चिपके हुए लोवर को देख कर मुस्कुराई क्योंकि उसपर दीदी की पैंटी की नीचे वाली लास्टिक उभरी हुई थी ।
मम्मी के साथ साथ मैने भी दीदी के भरे और उभरे हुए चर्बीदार चूतड़ों पर नजर मारी
: अरे कहने दे इनको, अभी मुझसे कह रही थी कि कुसुम मुझे जींस दिला दे पहनने का मन है

मम्मी से सारी बात एकदम से बुआ की ओर पलट दी
: अरे मैने कब कहा ? ( बुआ चौकी और मै हस पड़ा )
: झूठ मत कहो दीदी , अरे बिटिया है तो क्या उससे शर्माओगी
: हा बुआ , मै भी आपके सपोर्ट में हूं , आप इस बार जींस ले ही लो ( हंसते हुए मै बोला )
: लेना क्या है , विदाई के लिए साड़ी लेने वाली थी तेरी बुआ के लिए अब जींस ले लूंगी और उसी में विदाई भी हो जाएगी , क्यों दीदी

मम्मी खिलखिला रही थी और मै भी हस रहा था , लेकिन बबली और बुआ थोड़ा असहज हो रहे थे । बुआ मुझे घूर रही थी और मैने उनको आंख मार दी और हसने लगा

: बहुत शरारत सूझ रही है तुझे हां ( बुआ ने लपक कर मेरे कान पकड़ लिए ) अपनी मम्मी को क्यों नहीं दिलाता जींस उसे पहना कर घूमा
: अह्ह्ह्ह बुआ , लेकिन मम्मी ने कभी कहा ही नहीं हीही छोड़ो न उफ्फ दर्द हो रहा है
: मम्मी का चमचा , बहुत बिगड़ गया है तू , जींस पहनाएगा मुझे .. अरे कूल्हे देखे है मेरे , मिलेगी ही नहीं इतनी बड़ी कमर की
: अरे क्यों नहीं मिलेगी , लखनऊ में एक से बढ़ कर एक दुकानें है क्यों रोहन
: हा और क्या ?
: आप अपना मन छोटा मत करो दीदी , इस साल राखी पर आप जींस पहन कर ही अपने भैया को राखी बांधना
: धत्त तुम लोग पागल कर दोगे मुझे ( बुआ चिढ़ कर वहां से निकल गई और हम लोग ठहाका लगाने लगे )

: अरे यार मेरी बात भी तो कोई सुन लो
: क्या तुझे भी चाहिए जींस ( मम्मी हंसती हुई बोली )
: नहीं मेरे पास है , सुनो न मामी
: क्या है बोल भाई ( मम्मी उसकी रीरीकने से थोड़ा चिड़चिड़ा कर )
: वो मै कह रही थी कि मुझे मम्मी के पास नहीं सोना है , सारी रात वो शादी शादी के लिए मुझे परेशान कर देती है तो प्लीज आप मेरा बिस्तर छत पर लगवा दो न
: ऊपर? अकेले सोएगी
: नहीं रोहन भी रहेगा न , क्यों ? बोल न
: अह हा मम्मी , ठीक रहेगा मुझे भी वही
मम्मी थोड़ा सोच कर : ठीक है , ऊपर ट्रंक से गद्दे और बिस्तर निकाल ले और तकिया नीचे से लेते जा

मै कुछ सोचता उससे पहले मम्मी से साफ कह दिया कि बिस्तर मुझे खुद ही निकालना है और मैं बबली दीदी के साथ ऊपर चला गया ।

ऊपर हाल में आकर हमने बत्ती जलाई और स्टोर रूम का ताला खोला ,

पिछले साल लॉकडाउन के बाद घर बनवाने और सेट कराने के बाद आज मैने स्टोर रूम खोला था
कमरे में एक तरफ अनाज के ड्रम थे और कुछ लकड़ी के फर्नीचर रखे थे । वही एक किनारे साइड में दिवाल से लगा कर बड़ा 4 फिट ऊंचा और 5 फिट चौड़ा ट्रंक था टीन का ।
उसपर एक गठरी में कुछ कपड़े रखे हुए थे मैने उन्हें टटोल कर नीचे किनारे रखा था
ट्रंक के ऊपर एक संदूक थी उसे हटाया और ट्रंक खोलकर हमने कुछ बिछावन और बिस्तर निकाले जिनके नीचे हमारी जरूरत के समान रखे हुए थे ।
मैने एक गद्दा और एक डबल बेड कम्बल निकाला दीदी उन्हें लेकर बाहर गई और मैने वापस निकाले हुए बिस्तर और कुछ प्लास्टिक पैकेट उठा कर ट्रंक में डाल रहा था कि एकदम से एक प्लास्टिक पैकेट से कुछ सरक कर स्टोर रूम की फर्श पर गिरा
संजोग की बात थी कि उसी वक्त बबली दीदी भी वापस आ गई

वो लाल रंगी का कोई ड्रेस था जो एक आरपार दिखने वाले थैली में पैक था
दीदी ने उसे उठाया और उनकी आंखे बड़ी ही गई
: क्या है ये ?
: ये कहा मिली तुझे ? ( उन्होंने मुस्कुराते हुए सवाल किया और उनके चेहरे के हाव भाव से साफ जाहिर था कि वो शायद इस कपड़े के बारे जान रही थी और कुछ छिपा सी रही थी )
: वो इस पैकेट से निकली है
दीदी बिना कुछ बोले वापस वो ड्रेस उसी पैकेट में रखने लगी
: अरे देखूं तो क्या है ?
: क्यों देखना है तुझे , रख इसे होगी किसी की
: अरे किसी की क्या ? मम्मी की होगी न ? और कौन है
मैने बिना कुछ सोचे उनके हाथ वो थैली लेकर वो ड्रेस निकाल दी
: है क्या ये ?
एकदम से जैसे ही ड्रेस निकाल कर सामने फैलाया आंखे सन्न और अपनी करनी पर पछतावा

शर्मिंदा नजरो से मैने दीदी को देखा तो वो अपने दांतों से नाखून चबाती हुई मुस्कुरा रही थी


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मैं वापस उस ड्रेस को देखा , वो एक लाल रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी थी ।
मैने झट से वो कैटलॉग देखा और उसपर बनी हुई वो नाइटी पहने हुए लड़की की तस्वीर देखी


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जिसका साइज डबल एक्स एल था
जिसके साथ एक विजिबल ब्रा और पतली सी पैंटी थी ।शायद उसका कोई मतलब नहीं था वो पैंटी मम्मी के चूतड़ों में..... एक मिनट तो क्या ये मम्मी की ? मम्मी ये पहनती है ? लेकिन पापा तो बहुत स्ट्रिक्ट ?
दिमाग एकदम से भन्ना गया , अपनी संस्कारी मा को उस ड्रेस में कल्पना कर

: बोल रही थी मत खोल ( एकदम से एक चपत मेरे सर के पीछे मिली , वो दीदी ने ही लगाई थी )
: सॉरी , लेकिन ये किसी होगी
: बकवास बंद कर रोहन , इसे पैक कर जैसे रखा था । मामी को शक न हो कि तूने इसे खोला था

: मै क्यों आप भी हो ना साथ में ( असल में मेरी फट रही थी और दीदी के आगे थोड़ा शर्मिंदगी भी हो रही थी मै क्या बोल रहा था मुझे खुद नहीं समझ आ रहा था )
: मारूंगी तुझे अभी, गधा कही का

फिर मैने जल्दी जल्दी सब पैक किया और ट्रंक बंद कर दिया । फिर सारे सामान वापस रख दिए
हम बाहर आ रहे थे कि एकदम से दीदी की नजर ट्रंक के नीचे गिरी हुई उसी नाइटी की पैंटी पर गई
: अरे पागल ये कैसे छोड़ दिया ( दीदी ने वो लाल पैंटी उठा कर मुझे दिखाई )
: अरे यार ( मेरा हलक सूख रहा था ) अब क्या फिर से खोलूं ( ट्रंक को देखकर और उसपर रखे सामना भारी संदूक की फिर से उठा पटक देखकर मै बेबस दीदी को बोला )
: छोड़ रहने दे , वैसे मुझे नहीं लगता कि मामी इसे खोजेंगी ( दीदी ने वो पैंटी मोड पर अपने लोवर की जेब में रखती हुई बोली )
: क्यों ? आपको कैसे पता ?
: अरे पागल देखा नहीं वो ड्रेस जस के तस फोल्ड थी कंपनी पैक, टैग भी नहीं निकाले थे ।

: इसका मतलब मम्मी ने अभी तक इसको पहना नहीं है ? ( अपनी कल्पनाएं गढ़ने लगा था )
: हा पागल , और ड्रेस का माडल भी पुराना है , शायद मामा किसी शॉप से लाए होंगे

पापा लाए होंगे वो भी ऐसे कपड़े , यकीन नहीं हो रहा था ,क्योंकि जिस तरह का मिज़ाज मैने बचपन से उनका महसूस किया है । हालांकि मम्मी के कहे अनुसार वो काफी रोमांटिक है बस मेरे आगे लिहाज करते है । हो भी सकता था कि लाए हो लेकिन मम्मी ने इतने दिन से पहना क्यों नहीं ? एक मिनट ... लेकिन दीदी को कैसे पता कि ये मॉडल पुराना है .. मतलब दीदी भी पहनती है ? किसके लिए ? ओ गॉड तो क्या दीदी और उनका bf ? अभी थोड़ी देर पहले भी उनकी हरकते कुछ अजीब सी थी मानो कितनी रोमांटिक बात हो रही हो । उनकी अपने bf से

: आपको कैसे पता पुरानी माडल है , आप पहनते हो ? ( मैने मेरा सवाल दागा )
वो एकदम से हसने लगी : पागल है तू , हीहीही
: बताओ न ?
: अरे यार इतनी नालेज तो सबको होनी चाहिए, आजकल क्या ट्रेंड में है या नहीं । तू इतना सीधा है इसीलिए मुझे मेरी भाभी नहीं मिल रही है

उसने सारी बात मेरी gf पर लाकर फुर्र कर दी लेकिन मेरा दिल साफ देख रहा था कि दीदी ने मुझसे झूठ कहा था।
खैर हमने बिस्तर लगाया और खाना खाने नीचे चले गए
खाने के बाद पापा टहलने बाहर चले गए और मम्मी बुआ की मस्ती चालू

: अरे कहां उधर , आपकी सेज यहां इस कमरे में सजी है ( मम्मी बुआ को खींच कर अपने कमरे में ले जा रही थी )
मै किचन में उस अपने लिए पानी गरम कर रहा था , क्योंकि रात में मौसम ठंडा हो जाता था ।
: भक्क कुसुम तु सच में पगला गई है क्या ?
: अरे दीदी आओ न , भैया आपके मेडिकल स्टोर गए है दवाई लेने ( मम्मी ने खिलखिला कर कहा और मै उनका मतलब समझ गया )
: देख कुसुम अब ज्यादा हो रहा है ( बुआ एकदम फड़फड़ाने लगी थी )
: अभी कहा ज्यादा हुआ , 08 घंटे असर रहता है उस गोली का सुबह तक


मम्मी ने उन्हें अपनी बाहों में पकड़ कर खड़ा कर दिया बुआ अब शर्म से झेंप रही थी हस रही थी लेकिन इतने भारी देह के बावजूद भी मम्मी के चंगुल से निकल नहीं पा रही थी । उनकी मस्ती देख कर मुझे बड़ी हंसी आ रही थी और लंड में अलग ही खलबली में मचने लगी थी ।

: छोड़ दे कुसुम , भक्क
मम्मी खिलखिला कर उन्हें छोड़ दी और बुआ अपनी साड़ी का पल्लू सही करने लगी ।
: बड़ी दुष्ट ही गई हो तुम
: और तुम गदरा गई हो दीदी ( मम्मी ने खुलकर बुआ के चूतड़ पर हाथ फिराए )
: तो चले जाओ बबली के पापा के पास ये अरमान भी पूरा हो जाएगा हीहीही ( बुआ ने भी कोई मौका नहीं छोड़ा )
: उम्हू बड़ी याद आ रही है आपको नंदोई जी की उम्मम ( मम्मी के उन्हें कूल्हे मसले और बुआ सिसकी ) थोड़ा सबर कर लो तुम्हारे भैया आयेंगे मेरी ननद रानी

: धत्त छोड़ो मुझे ( बुआ जाने लगी चिढ़ कर )
तो मम्मी ने हस कर उन्हें वापस बुलाया और बिस्तर पर बिठा कर : अच्छा ठीक है भैया के साथ नहीं तो मेरे साथ सो सकती हो न
बुआ थोड़ा सहज होकर मुस्कुराई : पागल हो तुम , फिर क्यों ये ड्रामा कर रही थी
: हाय मेरी गोलगप्पा सीईईई देखो तो कैसे खुश हो रही है भौजाई के साथ सोने में हीहीहीही , कभी अपने भैया के साथ सो कर देखो न
: हटो पागल हो तुम ( बुआ बिस्तर पर जाने लगी और मै धीरे से सरक कर जीने से ऊपर चला गया )

आज शाम से मूड इतना मस्त हो गया था , पहले बुआ मम्मी की शरारत, फिर दीदी की रोमांटिक लाइफ सोच कर और सबसे बढ़ कर मेरी सोना के नरम दूध पर अबीर रगड़ने वाली बात सोच कर लंड बगावत पर आ गया था । लेकिन अभी तक मेरी सोना का कोई अता पता नहीं था । न फोन न मैसेज

मै ऊपर आया और बाहर बरामदे में था कि मेरे कानो में हाल अकेले बात करती हुई दीदी की आवाज आई , मै लपक कर हाल के दरवाजे की ओर गया और कान लगा दिए

"उन्हूं नहीं , वीडियो काल नहीं अभी रोहन आ जाएगा सीई ऐसे ही बात करो न प्लीज जान "

दीदी की बातें बड़ी लुभावनी थी , मैने थोड़ा और राह देखने का सोचा
" भक्क पागल मत बनो , अरे यार रोहन सोएगा मेरे पास और वो कोई बच्चा नहीं है समझे "

क्या बात हो रही थी मुझे समझ नहीं आ रहा था

" जान , क्यों तंग कर रहे हो संडे को मिलेंगे न हम लोग उम्ममम प्लीज मान जाओ न , धत्त गंदा , सीईईई उफ्फ शाम से परेशान कर रहे हो सच सच बताओ आज पोर्न देखी है आपने फिर से न "

ना जाने क्यों दीदी की बातों से भीतर से गर्मी बढ़ने लगी थी , पेंट ने हरकत होने लगी थी और उनकी बातों से साफ जाहिर था कि दीदी के bf ने उनसे सेक्सुअल फैंटेसी रखी होगी वीडियो काल के लिए, मुस्कुरा मैं इस लिए रहा था क्योंकि मैं भी ऐसे ही अपनी सोना से सेक्सी चैट के लिए मनाता हूं लेकिन शायद दीदी बहुत आगे बढ़ चुकी थी ।

" मुझे पता था , बहुत बिगड़ गए हो क्यों देखते हो आप वो सब वाली ... हम्म्म आप और आपकी फैंटेसी , पगलू , आई लव यू बाबू उन्हूं सच में मन कर रहा है कि आज़ाऊं आपके पास ... और सीईईई और आपके ऊपर बैठ जाऊं... हम्ममम उसपर ही ओह्ह्ह कितना बड़ा सा है आपका ...हा जान बहुत अंदर जाता है ओह्ह्ह्ह .. नहीं कर सकती समझो न सीई ओह्ह्ह "


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इधर मेरा लंड अकड़ गया था दीदी की बातें सुनकर कि कैसे उनके bf ने शाम से ही उनको गर्म करना शुरू कर दिया और इतना कि दीदी लंड के लिए पागल हो रही थी ।

" अच्छा रुको बाबा , एक मिनट देखूं रोहन कहा है , बस एक मिनट ... "
मै समझ गया कि दीदी आने वाली है बाहर और मै तेजी से लपक कर जीने की ओर भाग गया और कुछ सीढ़ी नीचे उतर कर गहरी सांस लेता हुआ फिर गाना गुनगुनाता हुआ ऊपर आने लगा

दीदी ने बरामदे से मुझे देखा और थोड़ी उदास हो गई , मै उनकी हालत समझ रहा था , जी तो आ रहा था कि कुछ देर के लिए छत पर चला जाऊ ,लेकिन होली के दिनों में भी रात में रातें दर्द हो जा रही थी और कोहरा भी हो रहा था । कुछ देर काट भी लेता अगर मेरी सोना से मुझे काल पर बातें करने को मिल जाती
खैर मै वापस आया और हाल में फर्श पर बिछी चढ़ाई और उसके ऊपर गद्दे पर मै आ गया और कम्बल के घुस गया

इधर मेरे आते ही दीदी बात करते हुए बाहर बरामदे की ओर चली गई
इधर मेरी सोना के मैसेज भी आ गए

: hay jaanu
: hyy meri sona , khana khaa li
: yes baby aur aap
: mai bhi ( मैने रिप्लाई किया )
: kya ho rha hai ?
: kuch nhi bistar me aa gaya hun
: mai bhi aaun 🤪 ( उसने रिप्लाई किया )
एक तो पहले से ही दीदी की रोमांटिक बातों से मै पागल हुआ जा रहा था और उसपर से मेरी जान ने सामने से ऑफर देकर दिल अलग से खुश कर दिया )
: ajao, lekin didi bhi soyengi
: didi ? Kaun ?
फिर मुझे याद आया कि मैने तो उसे कुछ बताया ही नहीं , या कहूं कि बताने का मौका ही नहीं मिला
फिर मैने उसको लंबा चौड़ा मैटर लिख कर बताया कि बुआ और उनकी बेटी आई है । हम दोनो ऊपर सोए है क्योंकि दीदी को उनके bf से बात करनी थी और मैने ये भी बताया कि दीदी को हमारे बारे में कुछ भी बताया मैने ।

: Sahi kiya
: Ha jb tak shaadi nhi ho jati hai mujhe koi risk nhi Lena aur pta hai aaj bua meri shaadi ki baat Krne lagi ...
फिर मैने उसकी बताया कि क्या क्या कि कैसे मम्मी 2 साल शादी के लिए साफ मना कर दिया है

: Lekin aap tension mat lo , mai jald hi mummy se apke bare me bat krunga
: hmmm
( बहुत छोटा सा उसने रिप्लाई किया )
: kya hua , koi bat hai ?
: nhi to ?
: maine itni imp bat kahi shadi ke liye aur aap khush nhi ho ? Kya aapko shaadi nhi karni mujhse ?
फिर वो काफी देर तक टाइप करती रही और उसका मैसेज आया

: Apse kaun nhi shaadi Krna chahega paglu , bas sochti hun ki kya mai apke family ko deserve krungi ya nhi...
: ye kya bol rahe ho ap ?
: matalb kahi mai unhe pasnd nhi aayi to ? Hamari cast bhi alag hai ?
: wo sab mai nahi maanta
: aap nhi mante lekin hamare ghar wale to manate hai , unko samaj ke hisab se sochna pdega na .. pata hai meri ek friend ki bahan ne dusre cast me shadi ki to uske ghar walo ne usse rishta hi tod liya . Mai apni mummy ko nhi chhodna chahti kbhi bhi 😔 mere ghar me koi GENTS nhi hai .. papa bhi nahi hai .. mummy man bhi gayi to akele kaise rahengi .. Nate ristedaar se kaise samana karengi. Bahut dar lagata hai babu ye sb soch kar

एक वक्त था जब मेरी सोना पल पल मेरे पास आने के लिए बेताब थी , वो चाहती थी कि मेरी नौकरी लग जाए और जल्द से जल्द मै उसका हाथ थामने उसके घर आ जाऊ , लेकिन कहते है न कि जमाना कितना बेदर्द है ये आप तब महसूस करते है जब आपके सर से बाप का साया हट जाता है , उसकी कही एक एक बात को मै समझ रहा था , उसके अंदर पनपते समाज के डर को , उसके लिए फैसले से उसकी मां के जीवन पर होने वाले असर क्या होगा ? समाज यही गाली देगा कि सरकारी दामाद के लिए दूसरे बिरादरी में बेटी बेच दी ।

हालांकि उसके बताए डर से मै भी थोड़ा डरने लगा था कि एक पल को मै मम्मी को राजी भी कर लूं लेकिन पापा को कैसे मनाऊंगा ? वो सोच कर ही मै अंदर से कांप उठा ...
कुछ देर हमारी बातें हुई और फिर वो सो गई लेकिन मेरी आंखों से नीद गायब थी
मैने मोबाइल किनारे पर रख दिया और खुली आंखों से छत देखने लगा । मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि भोलेनाथ से तो वापस मांग तो ली अपनी मुहब्बत लेकिन अब बारी थी उसके लिए दुनिया से लड़ जाने की । लेकिन वो हिम्मत नहीं हो पा रही थी मेरी और ये डर मै अपनी सोना से जाहिर करूं ये तो कतई मंजूर नहीं था मुझे

तभी कमरे हाल में बबली दीदी आई दरवाजा लगाते हुए और मैने आंखे मूंद ली

" सीईईई चुप करो न , हा बाबू जा रही हूं बिस्तर में ही ...... पता नहीं शायद सो गया है "

दीदी की बातें सुनकर मेरी भीतर की वासना धीरे धीरे करके वापस लौटने लगी और मेरा शरारती चंचल मन कुछ कामनाएं गढ़ने लगा ।

दीदी ने हाल का दरवाजा बंद किया और बत्ती बुझाई फिर मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में दूसरी तरफ से घूम कर मेरे बगल में आ गई

" हम्म्म आ गई "
मैने अपने सोने का नाटक जारी रखा और लंबी गहरी सांस भरता हुआ जताने लगा कि गहरी नींद में हु

फिर दीदी की फुसफुसाहट आने लगी
" हा , सो गया है "
" नहीं.. मैने बत्ती बुझा दी है "
" ऐसे करो न , सीईईई हां बोलो न "

उसकी सिसकारियां मेरे लंड ने कसावट बढ़ा रही थी
" हा जान , खोली हूं उम्ममम .. सच में लोवर नीचे है...हम्ममम नहीं बाबू पैंटी के ऊपर से सीईईई ओह्ह्ह हा सहला रही हूं ओह्ह्ह आप छुओ न अपने हाथ से ओह्ह्ह्ह "

लंड एकदम बगावत पर आ गया था कि मेरी दीदी मेरे बगल में सोकर कम्बल में अपनी बुर मसल रही थी अपने bf से बात करते हुए
मेरे पेंट में लंड पूरा तंबू बना चुका था , हालांकि आम दिनों में मै लोवर पहन लेता था लेकिन आज तो समय ही नहीं मिला , और लंड एकदम अकड़ कर पेंट में जगह तलाशने लगा था और वही बबली दीदी की सिसकिया तेज होने लगी थी

" यश बेबी ओह्ह्ह्ह डबल फिंगर है उम्मम फक्क्क् मीईईईई जाना ओह्ह्ह यस्स बेबी लेकिन आपका इससे भी मोटा है ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई... नहीं वो सो गया है आप करो न रुको मत चोदो मुझे अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम "

दीदी की सिसकिया और उनकी कही बातें कि वो दो उन्हें डाल कर अपनी बुर पेल रही थी मै वो नजारा सोच कर ही अंदर से तड़प उठा , मेरी सांसे गर्माने लगी थी , नथुने फूलने लगे थे । नीचे मै अपनी ठंडी एडिया आपस में रगड़ कर उन्हें गर्म करने लगा था और पेंट के ऊपर से फुले हुए सुपाड़े को मुठ्ठी में भरने लगा था

चूंकि दीदी तेजी से कम्बल में अपनी उंगली चला रही थी तो मुझे भी थोड़ी छूट मिल गई कि मै अपने लंड को सहला लूं पेंट के ऊपर से , लेकिन ऊपर चेहरे पर मेरा पूरा कंट्रोल था ।

" ओह्ह्ह गंदे हो तुम ओह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह हा नहीइ प्लीज रोहन है , रूम पर आना तो उन्ममन ओह्ह्ह्ह करो न बस आने वाला है .... तुम बड़े गंदे हो हमेशा मनमानी करते हो ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह पेलो न साले ओह्ह्ह यस्स फक्क मीईई ओह्ह्ह उम्ममम पेलो बहनचोद पेलो न साले चोद मुझे ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मम्मीइई आह्ह्ह्ह बाबू आ रहा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई
दीदी बिस्तर में अकड़ गई और झटके खाने लगी और मै एकदम से सन्न हो गया कि अभी अभी क्या हुआ ? बहनचोद ये क्या फैंटेसी थी मेरी दीदी के bf की , उसको दीदी के मुंह से गाली सुनकर मजा आता है । अजीब सा था लेकिन दीदी का यूं एकदम से झड़ जाना उसी मौके पर साफ था कि दीदी भी उस मोमेंट को खूब इंजॉय करती होंगी ।

कुछ देर बाद जब सब कुछ शांत हुआ तो दीदी एकदम भड़की हुई नजर आई : रखो आप , बता मत करना ठरकी कही के , हा नहीं तो ... पता नहीं अगर वो जगा होगा न तो समझो ये लास्ट था हमरा बाय गुड नाइट हूह

दीदी ने गुस्से में काल काट दिया और उठ कर बाहर चली गई
मै यहां सोचने लगा कि साला इन लड़कियों को समझना इतना आसान भी नहीं है , अभी खुल कर पूरा रंडियापा किया और अभी एकदम से शरीफ हाहाहा लेकिन इनसब के चक्कर में आज मेरा लंड बुरी तरह बस मसला गया , जरा भी उसे राहत नहीं मिली

कुछ ही देर बाद दीदी वापस आई हाल में , शायद बाथरूम गई थी
वापस आने पर ही फोन पर थी

" हम्ममम बहुत शरारती हो आप , गंदे , आई लव यू बाबा , अब रखो सोने जा रही हूं .... हा वो मैने गुस्से में बोल दिया था और आप भी ऐसी जिद मत किया करो .. रूम पर मै रोकती थोड़ी हूं आपको .. हा ठीक लेकर आना वही पहनूंगी । बस रखूं जान ठंडी लग रही है बाहर मुझे हीहीही

फिर फोन कट जाता है और दीदी मेरे पास आती है नजर अच्छे से मोबाइल की टॉर्च जला कर मुझे चेक करती है लेकिन इसबार मै करवट ले चुका था और फिर वो भी सो जाती है ।
मै मुस्कुरा कर सोचता रहता हूं कि एक नारी के तिरिया चरित्र के बारे में कि पल पल वो कितने रूप ले लेती है और सो जाता हूं ।


जारी रहेगी
( पिछले अपडेट पर आप सभी के प्यार और सपोर्ट के लिए धन्यवाद , कृपया पढ़ कर लाइक सपोर्ट और समीक्षा करते रहें )
 
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