Hey Dosto Ye story maine poori likh li thi, ab post kar raha hun..jyada lambi story nah hai,
umeed hai aapko pasand aayegi
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bro 4 new threadपेश है इस कहानी से एक झलकी:
“उनसे कहना- आई एम सॉरी”
कुछ आसान से लगने वाले रस्ते अचानक से कितने मुश्किल हो जाते हैं,कविता रोड्वेज की बस में खिड़की से लगी बैठी उस फटी हुयी डायरी के पन्नो के साथ बहती सी जा रही थी – “विरेंदर! तुम हमे छोड़ तो नहीं दोगे ना “कविता ने विरेंदर के शानों पर सर टिकाते हुये वही सवाल किया जो जमाने की हर वो लडकी शादी से पूर्व अपने प्रेमी को अपना सर्वस्व सौंपने के बाद पुछती ही है !
“नहीं जान ! कैसी बात कर रही हो, घर बार सब छोड़ दिया तुम्हरे लिये,अब भी यकीन नहीं करती हो मुझपर” विरेंदर ने उसके होठों को चूमते हुये कहा !
“यकीन ना होता तो आती क्या भला सबकुछ छोड़कर..बस ऐसे ही कह दिया...तुम पर तो खुद से ज्यादा यकीन है” वो बेल की कि तरह विरेंदर के नंगे जिस्म से लिपट गयी !
पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से आये थे दोनो,जवानी का पहला इश्क़ परवान चढ़ा तो घर और घर वालों को छोड़्कर सपनो की नगरी मुम्बई में आ बसे थे !
कहते हैं प्यार से पेट नहीं भरता,लेकिन जब प्यार मे इंसान अंधा हो जाये तो उस वक़्त ये सब याद नहीं रहता ! कविता और विरेंदर को मुम्बई आये 6 महिने हुये थे और प्यार का वो रंग फीका पड़ना शुरु हो गया था ! विरेंदर ने एक ऑटोमोबॉइल कि दुकान पर मेकैनिक की नौकरी कर ली थी..लेकिन वो अक्सर रात को लेट आता था ! सीमा उसके आने का इंत्जार करती रहती,लेकिन वो पहले तो बहुत देर से आने लगा था और फिर कुछ दिन बाद घर इतने नशे की हालत में पहुंचता की सीमा न उससे कुछ पूछ पाती और न वो कुछ बताता ! धीरे धीरे दोनों के बिच प्यार की जगह एक दूरी ने ले ली और फिर उस दूरी कि जगह एक नफरत पनप उठी !
जिस प्यार की तलाश में सीमा मां बाप,भाई बहन सब कुछ छोड़ आयी थी आज वो प्यार ही उससे दूर हो रहा था !
lagta hai kavita naam ki ladki se aapki banti nahifor new story
bahot hi achhi story hai ye....
par ye kavita ....
Intezaar rahegi update ki..............
Aisa na bol kavita padosan bhabhi hai bhai line maar rahe par aaj tak safal na huelagta hai kavita naam ki ladki se aapki banti nahi
Ohh yani Naina naam ki ID ke piche Naresh chupa haiAisa na bol kavita padosan bhabhi hai bhai line maar rahe par aaj tak safal na hue