Rajesh Sarhadi
Well-Known Member
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Thanks jhonnybhaiपूरा क्या तुझे में 1 इंच भी डालने नहीं दूंगी,,,( इतना कहकर वह शुभम के लंड को अपने हाथ से छोड़ दी,, लंड को छोड़ते हैं निर्मला की नजर उस पर पड़ी तो ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बुरी तरह से हांफ रहा हो ऐसा जान पड रहा था कि जैसे किसी के चेहरे पर से ऑक्सीजन का मास्क हटा दो तो कैसे उसकी सांस फूलने लगती है उसी तरह से शुभम के लंड का भी यही हाल था
Hotttt one dear ..!!!!!
Dhanyawad kabirbhaiलेकिन वह तवे पर रोटी नहीं बल्कि शुभम के अरमानों को पका रही थी निर्मला की बड़ी-बड़ी मटकती गांड देखकर शुभम के मन में किस तरह की हलचल हो रही थी वह शायद निर्मला को मालूम नहीं था,, और वह उसका अंदाजा भी नहीं लगा पा रही थी इसीलिए तो वह बेफिक्र होकर उसी तरह से रसोई बनाने में मशगूल हो गई,,, और शुभम का दिल कर रहा था कि वह पीछे से जाकर अपनी मां की साड़ी उठाकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपना मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर के अंदर डाल दे,,, Nice update bhai