• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest एक अधूरी प्यास.... 2 (Completed)

Enjoywuth

Well-Known Member
3,517
4,056
158
यौन सुख सब चिन्ता दूर कर देता है । अब मस्त हो जाएगा और करेगा भी
 

jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
2,367
2,609
143
वह भी पीठ के बल जिसकी वजह से साड़ी का पल्लू उसकी बड़ी बड़ी छातियों पर से नीचे आ गए थे,,, घुटनों को मोड़कर सोने की वजह से उसकी साड़ी ऊपर की तरफ सरक गई थी जिससे उसकी मोटी मोटी जांगे चांदनी रात में और भी ज्यादा चमक रही थी इस अवस्था में सरला को सोता हुआ देखकर शुभम की सारी चिंताएं हवा में फुर्र हो गई,,,,

superb updates dear ..!!!!
 

rohnny4545

Well-Known Member
12,372
32,287
259
कुछ देर पहले शुभम के माथे से पसीने की बूंदें टपक रही थी लेकिन छत पर सरला को ईस अवस्था में सोते हुए देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई थी,,, उसकी सारी चिंताएं पलभर में ही हवा में जैसे फुर्र हो गई,,,, उसके चेहरे के हाव भाव तुरंत बदल गए ठंडी हवाओं का झोंका उसके तन बदन में ठंडक फैलाने लगा,,, सोती हुई उम्र दराज सरला भी उसे स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा की तरह लग रही थी,, भारी बदन की सरला एकदम गोरी थी जिसकी वजह से उसके अंगों का उतार-चढ़ाव बेहद कामुक लगता था शुभम तो उसे देखता ही रह गया चांदनी रात में उसका गोरा बदन बेहद खूबसूरत लग रहा था बेहद गहरी नींद में होने की वजह से उसके वस्त्र क्षेत्र विकसित हो गए थे जिसकी वजह से उसके खूबसूरत बदन का विकसित अंग बाहर को झलक रहा था छाती पर से साड़ी हट जाने की वजह से शुभम को साफ दिखाई दे रहा था कि उसके ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे और ब्लाउज के दोनों बटन खुले होने की वजह से उसकी चुचियों का आधे से ज्यादा भाग बाहर को झूल रहा था वैसे भी सरला की चूचियां आकार में कुछ ज्यादा ही बड़ी थी,,, चिकना मोटा पेट जिसके अगल बगल जवानी की रेखा दर्शाती हुई लकीर पड़ी हुई थी जो कि मर्दों को हमेशा से बेहद कामुक लगती थी,,, गहरी नाभि सरला की रसीली बुर से कुछ कम नहीं थी अगर मर्द चाहे तो उसकी नाभि में भी अपना लंड आगे पीछे करके उसमें अपना पानी निकाल सकता था,,,, सरला अपनी दोनों टांगों को घुटनों के बल मोड़ कर लेटी हुई थी जिसकी वजह से उसकी साड़ी कसक कर उसकी कमर तक आ गई थी जिसकी वजह से उसकी मोटी मोटी मांसल चिकनी जांघें शुभम की आंखों के सामने अपना जलवा बिखेर रही थी शुभम उसकी मोटी जांघों को देखकर उत्तेजित हुआ जा रहा था,,,,,

Sarlaa or Shubham



सरला की अर्धनग्न बदन को देखकर शुभम के तन बदन में आग लगने लगा वैसे भी सरला को चोदे हुए काफी समय हो गया था सरला को इस अवस्था में देखकर अब उसे उसको चोदने का मन कर रहा था वैसे भी इसमें कोई बड़ी बात नहीं थी,,, शुभम मौका देखकर जब चाहे तब सरला की चुदाई कर सकता था लेकिन कुछ दिनों से उसे मौका ही नहीं मिला था,,, आज यह मौका उसकी झोली में आ गई राधा तो इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता था सरला अभी भी गहरी नींद में सो रही थी उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके बगल में शुभम आकर खड़ा है और उसे देखकर शुभम के साथ-साथ उसका लंड भी खड़ा हो गया है वैसे भी अगर सल्ला को इस बात का आभास हो जाता तो अब तक वह उसकी बाहों में होता और उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर में घुस गया होता क्योंकि सरला भी काफी दिनों से अपनी बुर की खुजली से परेशान हो चुकी थी लेकिन अपनी बहू की मौजूदगी में वह शुभम से चुदवाने में डरती थी,,

Sarlaa chachi ki chuchiyaa

आधी रात से भी ज्यादा का समय हो रहा था यह वह समय था जब सभी लोग एकदम गहरी नींद में होते हैं,,, सुभम अपनी मां की तरफ से पूरी तरह से निश्चिंत था क्योंकि वह जानता था कि उसकी मां छत पर नहीं आने वाली है,, अब वह साला की खूबसूरत बदन के साथ खेलना चाहता था उसके तन बदन में कसमस आहत हो रही थी बस अल्लाह की बड़ी बड़ी चूची को अपने हाथ में लेकर उसे दबाना चाहता था उसे मुंह में भर कर पीना चाहता था उसकी रसीद ईपुर का स्वाद एक बार फिर से अपने होठों से लगा कर लेना चाहता था,,, इसलिए वह घुटनों के बल बैठ गया चांदनी रात में सरला की गहरी नाभि बेहद खूबसूरत लग रही थी और शुभम उसकी गहरी नाभि को चूमने की अपनी लालच को दबा नहीं पाया और धीरे से अपने होंठ को उसकी नाभि पर रखकर हल्का सा चुंबन ले लिया लेकिन फिर भी सरला की नींद नहीं खुली,,, शुभम को इस बात की बिल्कुल भी टिकट नहीं थी कि अगर शर्मा जाग गई तो क्या होगा क्योंकि वह दोनों के बीच में सब कुछ हो चुका था जिससे ना तो सरला को फर्क पड़ने वाला था और ना ही इस बात की चिंता से जानते थे इसलिए वह निश्चिंत होकर सरला के बटन से खेलना शुरू कर दिया और इसीलिए वह अपनी जीभ को हल्के से बाहर निकालकर उसकी नाभि की गहराई में डालकर उसे गोल-गोल घुमाते हुए चाटना शुरू कर दिया,,, शुभम की इस हरकत की वजह से सरला की नींद तो नहीं खुली लेकिन उसके बदन मे कसमसाहट होने लगी वह हल्के हल्के अपने बदन को कसमसाहट भरी हलन चलन देने लगी,,, और उसके मुंह से गर्म सिसकारी की आवाज नहीं बल्कि ऊमममम ,,,,,,ऊंहहहहहह,,, की आवाज आने लगी शुभम को उसकी इस तरह की आवाज सुनकर इतना तो पता चल गया कि उसे अभी इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं था कि वह उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाट रहा है या कोई मर्द उससे बेहद करीब आकर उसके बदन से खेल रहा है वह अभी भी नींद में ही थी,,,, कुछ देर तक यूं ही शुभम उसकी गहरी नाभि को उसकी रसीली बुर समझ कर उसको चाटने का पूरा मजा लेता रहा,,,,
शुभम का लंड एकदम टन्ना गया था,,, और शुभम का टनटनाया हुआ लंड जिस औरत की बुर में जाता है पूरा धमाल मचा कर ही वापस आता है,,, लेकिन अभी शुभम का ऐसा कुछ भी इरादा नहीं था,,, अभी वह जी भरके सरला की खूबसूरत बदन से खेलना चाहता था शुभम की हरकतों की वजह से सरला की नींद बिल्कुल भी नहीं टूटी थी,,, सरला की बड़ी-बड़ी अर्धनग्न चूचियां शुभम की उत्तेजना के केंद्र बिंदु बने हुए थे इसलिए वह अपने दोनों हाथों से उसके ब्लाउज के बटन धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया,,, शुभम की दिल की धड़कन बड़ी जोरों से चल रही थी क्योंकि यह शुभम के लिए पहला मौका था जब वह एक सोई हुई औरत के ब्लाउज के बटन को खोल रहा था,,,
देखते ही देखते शुभम ने सलाह के ब्लाउज के बाकी के सारे बटन खोल दिए और जैसे ही बटन खुला वैसे ही सरला की बड़ी-बड़ी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छातियों पर लहराने लगी और उसकी बड़ी-बड़ी गोल गोल लहराती हुई चुचियों को देखकर शुभम के मुंह में पानी आ गया,,, वह निप्पल को मुंह में भर कर पीने की अपनी लालच को दबा नहीं पाया और झुककर सरला की दोनों चूचियों को हाथों से पकड़कर उसे मुंह में भर कर पीना शुरु कर दिया,,, शुभम की इस हरकत की वजह से सरला की नींद खुल गई एकदम से छटपटा गई क्योंकि वह एकदम नींद में थी उसे नहीं मालूम था कि उसके ऊपर कौन बैठा है और उसकी चूची को मुंह में भरकर पी रहा है वह एकदम से घबरा गई और चिल्लाने ही वाली थी कि अब तक शुभम उसके मुंह पर हाथ रखकर उसका मुंह दबा दिया और बोला,,,



चाची में हूं शुभम चिल्ला क्यों रही हो,,,,

शुभम तू ,,,,तु इतनी रात को यहां क्या कर रहा है सरला घबराहट भरे स्वर में बोली ,,,,)

क्या करूं चाची मुझे नींद नहीं आ रही थी,,,,( सरला की बड़ी बड़ी चूचियों को अपने हथेली में भरकर दबाते हुए,,)

क्यों नींद क्यों नहीं आ रही थी मेरी याद आ रही थी क्या तुझे,,,,,

चाची तुम्हारी याद तो मुझे हमेशा आती है पता है कितने दिन हो गए तुम्हारी चुदाई किए मैं तो पागल हो गया था तुमसे मिलने के लिए,,,

चल झूठा इतने दिन से आई हूं लेकिन कभी मिलने तो आया नहीं,,,,

मैं मजबूर था चाची क्या करता तुम्हारी बहू के सामने तुम्हारी साड़ी उठाकर तुम्हारी बुर में लंड डाल देता तो क्या यह अच्छा होता,,, इसलिए मैं नहीं आ रहा था कहीं तुम्हारी बहु को पता चल जाता तो मुसीबत हो जाती वह तुम्हारे बारे में क्या सोचती मेरे बारे में क्या सोचती सब गड़बड़ हो जाता ,,,,( शुभम शर्मा की चूचियों से खेले जा रहा था और उससे सफाई देते जा रहा था वह नहीं जानता था कि दोनों सास बहू को एक दूसरे का राज पता है और सरला भी शुभम की बात सुनकर एकदम निश्चिंत हो गई थी कि उन दोनों के बारे में उसे बिल्कुल भी नहीं पता कि दोनों एक दूसरे का राज जानती है इसलिए वह मुस्कुरा कर बोली,,)


तो बहुत अच्छा है शुभम जो मेरी इज्जत के बारे में इतना सोचता है ,,,,

चाची तुम्हारी इज्जत के बारे में सोचता हूं तभी तो तुम अपनी इज्जत मेरे से लूटवा रही हो,,( दोनों चूचियों को जोर-जोर से मसलते हुए)

लेकिन तुम इतनी रात को छत पर कैसे आ गया कितना समय हो रहा है अभी,,,( सरला उसी तरह से नरम नरम गद्दे पर लेटे हुए ही बोली)
sarlaa ki gori gori gaand
1599111303-picsay
many album
बोल तो रहा हूं कि तुम्हारी याद आ रही थी और सही कहो तो मैं बहुत परेशान था कल मेरा रिजल्ट आने वाला है मुझसे रहा नहीं जा रहा था एक तो तुम्हारी याद सता रही थी ऊपर से यह कल रिजल्ट आने वाला था इसलिए मैं थोड़ा अपने मन को हल्का करने के लिए छत पर आ गया और छत पर देखा तो तुम यहां बेसुध होकर सो रही हो तुम्हारे खूबसूरत मोटी मोटी जांघों को देखकर मेरा मन डोल गया,,,
( शुभम की बातों को सुनकर सलाह मन ही मन में प्रसन्न होने लगी अभी भी उसकी दोनों चूचियां उसके हाथों में थी और वह जोर जोर से दबा रहा था जिससे रह-रहकर बीच में सरला की कराहने की आवाज निकल जा रही थी लेकिन सच पूछो तो शुभम के द्वारा इस तरह से जोर-जोर से चूचियां दबाने में सरला को ही अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी)



अच्छा हुआ तू इधर आ गया तेरा रिजल्ट अच्छा ही जाने वाला है मेरा आशीर्वाद तेरे साथ है बस तू एक बार मेरी बुर के दर्शन कर ले ,,,,(इतना कहने के साथ ही सरला एकदम बेशर्मो की तरह अपने दोनों हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर अपनी टांग को एकदम सीधे फैला दी और अपनी गांड को हल्के से उठाकर अपनी साड़ी को एकदम कमर तक चढ़ा दी जिससे उसकी नंगी रसीली हल्के बालों वाली बुर नजर आने लगी सरला की कामुक हरकत और उसकी टांगों के बीच की रसीली दरार को देखकर शुभम के तन बदन में उत्तेजना का पारा एकदम आसमान छूने लगा,,, एकदम बदहवास हो गया मदहोशी उसके तन बदन को जब जोड़ने लगे वह मदहोशी के हालत में अपना एक हाथ सरला की टांगों के बीच ले जाकर उसकी गुलाबी बुर को जोर-जोर से मसलते हुए बोला,,,,)

ओहहहह, मेरी प्यारी चाची तुम अपनी बुर के दर्शन मुझे करा कर मेरा दिल बना दिया अब मुझे पूरा यकीन है कि मेरा रिजल्ट अच्छा जाएगा,,,,,( इतना कहते हुए शुभम सरला की बुर में अपनी दो उंगली डालकर उसे अंदर बाहर करने लगा जिससे सरला के मुख से गर्म सिसकारी फूट पड़ी,,,)
sarlaa ki madmast jawani

1599111399-picsay
multi host download service
ससससहहहह,,,,आहहहहहहह,,,सुभम,,,,, उफ़फ,,,
( सरला शुभम की गर्माहट भरी रगड़ से एक दम मस्त हो जा रही थी शुभम घुटनों के बल बैठ कर अच्छे से सरला की बुर में अपनी उंगली पेल रहा था जिससे उसके पजामे में बना तंबू सरला की आंखों के सामने अपना जलवा बिखेर रहा था सरला झट से अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर तुरंत शुभम के पजामे को नीचे खींच ली और उसका लंड हवा में लहराने लगा वह शुभम के लंड को पकड़कर हल्के हल्के हिलाने लगी,,,,, वह भी काफी दिनों बाद शुभम के लंड को अपने हाथों में ली थी इसलिए वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई शुभम सरला की हरकत को देखकर उसे नहीं तरीके से मजा देना चाहता था इसलिए वह अपना पजामा उतार कर एकदम नंगा हो गया हो सरला के कंधों के अगल-बगल अपने घुटने टेक कर झुक कर अपने लंड को सरला के मुंह पर लहराने लगा और खुद उसकी टांगों के बीच झुक गया और उसकी रसीली बुर को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया शुभम की इस हरकत की वजह से सरला एकदम से चुदवासी हो गई उसके मुख से गर्म सिसकारी फूट गई और शुभम की इस युक्ति को वह समझते हुए तुरंत लपक कर शुभम के लंड को अपने मुंह में भर ली और उसे चूसना शुरु कर दी,,,, सरला ने अपनी पूरी जिंदगी में इस आसन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं की थी आज सुबह द्वारा इस आसन का प्रयोग करके उसे दोगुना आनंद मिल रहा था एक तो उसी समय उसकी बुर पर शुभम की जीभ चल रही थी और उसी समय उसके मुंह में सुभम का लंड भी था जिसे वह लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी,,, दोनों को इसमें आनंद की प्राप्ति हो रही थी खुली छत पर यह उन दोनों का दूसरा मौका था जब दोनों एक दूसरे में खोने की पूरी चेस्टा कर रहे थे,,, ठंडी ठंडी हवा चल रही थी और चांदनी रात ऐसे में दो जिस्म एक होने में जुटे हुए थे गजब का नजारा छत पर बना हुआ था,, शुभम तो अपनी जीभ की करामत दिखाते हुए उसकी बुर को चाट चाट कर ही उसे एक बार झाड़ दिया सरला जितना मजा जवानी के दिनों में नहीं पाई थी उससे कहीं ज्यादा मजा इस उम्र में उसे एक नौजवान लड़का दे रहा था वह काफी खुश थी,,,, क्योंकि सरला को एक बेहद मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड प्राप्त हुआ था जो उसकी बुर में कसा हुआ तो घुसता ही था उसके मुंह में भी एकदम कसके जा रहा था,,,,, शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह सरला की बुर चाटते हुए अपनी कमर हिला रहा था,,, शुभम नहीं चाहता था कि उसके लंड का पानी सरला के मुंह में निकल जाए इसलिए वह अपने लंड को उसके मुंह में से बाहर खींच लिया और उसकी टांगों के बीच अपने लिए जगह बना लिया,,,, देखते ही देखते शुभम अपने लंड को उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी बुर में डाल दिया और उसकी गहराई नापते हुए धक्के पर धक्के लगाने लगा,,,, उन दोनों को चुदाई का बेहतरीन आनंद प्राप्त हो रहा था कि तभी उन्हें छत पर किसी के पैरों की आहट सुनाई दी,,,, दोनों एकदम चौकन्ने हो गए सरला तो एकदम घबरा गई,,,, पायल की आवाज को सुनकर शुभम समझ गया कि छत पर उसकी मां आ गई है वो एकदम से घबरा गया,,,, वह तुरंत सरला के ऊपर लेट गया अभी भी फर्नांडिस की बुर के अंदर था वह धीरे से चला के कान में बताया कि उसकी मां छत पर आ गई है सरला की तो जैसे सांस ही बंद हो गई एकदम से घबरा गयी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें वास्तव में यह बेहद शर्मनाक हादसा हो जाता अगर उसकी मा सरला को इस तरह से उसके बेटे से चुदवाते हुए देख लेती तो,,,,
Shubham 69 position me uski boor chatte huye or sarla shubham ka lund chuste huye

1599111255-picsay
how to upload a picture to google images
ऐसे में सरला का दिमाग काम कर गया सुभम को तो पता ही नहीं चल रहा था कि वह क्या करें उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था सरला फुर्ती दिखाते हुए अपने पास में पड़े मोटे कंबल को झट से उठा ली और उसे अपने साथ-साथ शुभम को भी ओढ़ा दी,, और उसे अपने बदन से एकदम से चिपका ली,,,, शुभम भी मौके की नजाकत को समझते हुए उसे अपनी बांहों में भरकर एकदम ऊससे चिपक गया था कि किसी को पता नहीं चले कि उसके ऊपर कोई लेटा हुआ है,,,, सरला पूरी तरह से कंबल से अपने बदन को ढक ली थी और केवल अपने मुंह को खुला छोड़ दी थी और अपनी आंखों को बंद कर ली थी लेकिन हल्के हल्के आंखों को खोल कर देख ले रही थी कि क्या हो रहा है,,,
सरला को चांदनी रात में साफ नजर आ रहा था कि निर्मला छत पर इधर-उधर घूम रही थी ऐसा लग रहा था कि किसी को ढूंढ रही थी उसे समझते देर नहीं लगी कि वह शुभम को ही ढूंढ रही थी,,, वह धीरे-धीरे खुश हो जाते हुए शुभम को सब कुछ बता रही थी कि क्या हो रहा है अभी भी उसका मोटा तगड़ा लंड सरला की बुर में घुसा हुआ था जिससे वह अपनी कमर हिलाने से बाज नहीं आ रहा था वह इतने नाजुक समय में भी सरला की चुदाई हल्के हल्के झटकों के साथ कर रहा था जिससे सरला को भी मजा आ रहा था लेकिन वह बार-बार उसे इशारा करके उसकी कमर को रोक दे रही थी,,, तभी निर्मला उसकी छत की तरफ आती दिखाई दी और वह शुभम को इशारा करके एकदम शांत रहने को बोली अपनी आंखों को बंद कर ली थी,,,,
निर्मला शुभम को ढूंढते हुए धीरे-धीरे सरला के बेहद करीब आ गई जहां पर वह बिस्तर बिछा कर सो रही थी,,, सरला अभी भी अपनी आंखों को बंद किए हुए थी उसकी दिल की धड़कन बड़ी जोरों से चल रही थी वह घबराई हुई थी लेकिन अपनी घबराहट को अपने चेहरे पर आने नहीं दे रही थी उसे इस बात का डर था कि कहीं निर्मला को पता ना चल जाए कि उसके ऊपर उसका बेटा लेट कर उस की चुदाई कर रहा है वरना गजब हो जाएगा,,,,
निर्मला को भी अजीब लग रहा था कि सरला छत पर इस तरह से सोई हुई है,,, बेहद करीब आने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाई की तभी पास में पड़ा पानी का जग जोकी एकदम खाली था वहां निर्मला के पेर से टकराकर गिर गया जिसकी आवाज से सरला जानबूझकर अपनी आंखें खोलने का नाटक करते हुए हड़बड़ाहट में बोली,,,

कककक,, कौन है,,, कौन है,,,,,

अरे मैं हूं निर्मला,,,,

निर्मला तुम यहां क्या कर रही हो,,,,

कुछ नहीं बस ऐसे ही नींद नहीं लग रही थी तो इधर आ गई लेकिन तुम यहां क्यों सो रही हो कमरे में अच्छी तरह से सोना चाहिए था ना,,,

नहीं मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी मुझे थोड़ा घबराहट सा हो रहा था इसलिए मैं इधर छत पर आ गई,,,

घबराहट हो रही है तो इस तरह से मोटा कंबल ओढ़ कर सोई हो,,,,( निर्मला की इस बात से सरला एकदम से घबरा गए और शुभम भी क्योंकि सच में किसी को भी शंका हो सकती है कि गर्मी के मौसम में इस तरह से कंबल ओढ़ के क्यों सोई हुई है लेकिन सरला अपना दिमाग दौड़ाते हुए झट से बोली,,)

मैं जानती हूं निर्मला लेकिन मुझे बुखार जैसा लग रहा था इसलिए ओढ़ कर सोई हूं और वैसे भी इस तरह से खुले छत पर ओस गिरती है जिससे तबीयत खराब होने का डर रहता है इसीलिए मैं कंबल ओढ़ कर सोई हूं,,,( सरला के तेज चलते दिमाग से शुभम काफी प्रभावित हो रहा था और इस तरह से अपनी मां को बेहद करीब खड़ा पाकर शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और वह हल्के हल्के अभी भी अपनी कमर को हिला रहा था और सरला उसकी हिलती हुई कमर को छुपाने के लिए अपने घुटनों को इधर-उधर कर रही थी ताकि निर्मला को बिल्कुल भी शक ना हो कि कुछ गड़बड़ हो रहा है,,, निर्मला को इस तरह से अपने पास में खड़ी हुई देखकर ना जाने क्यों सरला का भी जोश बढ़ता जा रहा था उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर ज्यादा जोर मार रही थी और शुभम के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर में महसूस करके उसकी हालत खराब हुए जा रही थी,,, शुभम सरला के बदन से एकदम चिपका हुआ था उसकी चुचियों पर सर रखकर अपनी कमर को हल्के हल्के हिला कर उसकी चुदाई कर रहा था,,, निर्मला ऊपर से नीचे तक बराबर सरला के बिस्तर पर नजर डाल कर देख रही थी क्योंकि उसके मन में शंका भी हो रही थी कि कहीं ऐसा तो नहीं इतनी रात के बाद शुभम उठकर सरला के पास ना आया हो क्योंकि कुछ भी हो कभी कभी उसे शुभम पर भरोसा नहीं होता था उसे ऐसा लगता था कि शुभम किसी भी औरत की चुदाई कर सकता है,,,, लेकिन सरला को ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था जिससे उसकी संघ का हकीकत में बदल जाए बस हल्की हल्की कंबल इधर उधर ही रही थी जो कि उसे ऐसा लग रहा था कि सरला की टांग हिलाने से ऐसा हो रहा है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखों के सामने कंबल के नीचे उसका बेटा पड़ोस की औरत की जमकर चुदाई कर रहा था,,, और इतने पास होने के बावजूद भी निर्मल को इस बात की भनक तक नहीं लग पाई थी क्योंकि सरलाने इस कदर से पूरे माहौल को संभाल जो ली थी,,,, अभी भी शुभम अपनी कमर को हल्के हल्के हिला रहा था सलाह को साफ महसूस हो रहा था कि ऐसे हालात में भी शुभम का लंड उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा था और उसे अच्छी तरह से उसके कड़क पन का एहसास भी हो रहा था जिससे वह एकदम मदमस्त हुए जा रही थी,,,, पूरी तरह से तो शादी कर लेने के बाद निर्मला वहां से जाने लगे और सरला से बोली,,)



अच्छा तुम आराम करो मैं चलती हूं,,,

नींद ना आ रही हो तो यही कुछ देर बैठ जाओ ठंडी हवा का मजा लो,,,

नहीं ऐसी कोई बात नहीं है सच कहूं तो मैं शुभम को ढूंढने आई थी इतनी जल्दी उठ कर पता नहीं कहां चला गया,,,,

अरे नौजवान लड़का है कहीं कसरत करने के लिए दौड़ने के लिए गया होगा आ जाएगा,,,,,

चलो कोई बात नहीं तुम आराम करो मैं भी कुछ देर जाकर सो जाती हूं अभी सुबह होने में समय है ,,,

इतना कहकर निर्मला वहां से चली गई और उसकी जाने के बाद ही शुभम अपनी कमर की रफ्तार एकदम तेजी से बढ़ा दिया क्योंकि उसे पता चल गया था कि उसकी मां उसे ढूंढते ढूंढते छत पर आई है इसलिए उसे जाना बहुत जरूरी था,,, शुभम जोर जोर से धक्के लगा रहा था निर्मला की हर धक्के के साथ उसकी आह निकल जा रही थी ऐसा लग रहा था कि 15 20 दिनों की कसर आज के दिन ही वह निकाल लेगा,,,,, सरला को बहुत मजा आ रहा था शुभम से इस तरह से चुदवाने में देखते ही देखते शुभम और सरला दोनों एक साथ झड़ गए,,,,



शुभम अगर इस तरफ से अपने घर में जाता तो दिक्कत हो जाती है इसलिए सरला ने हीं उसे बताई कि वह उसकी सीढ़ियों से नीचे उतर कर रोड पर चला जाए और वहां से अपने घर पर जाए तब उसकी मां को बिल्कुल शक भी नहीं होगा शुभम ने ऐसा ही किया वह सरला की सीढ़ियों से नीचे उतर कर उसके घर से होता हुआ बाहर आ गया और तकरीबन आधे घंटे बाद जब सुबह की पहली किरण फैलने लगी तब वह अपने घर में प्रवेश किया,,,
 
Last edited:
Top