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Incest एक अनोखा बंधन - पुन: प्रारंभ (Completed)

king cobra

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Are dhanyavaad gurujii,jo hme kisi layak smja is khani me :D

Thoda busy sa chal rha hu, lekin busy na hote hue bhi busy chalne me bhi mja nhi h :sigh:

1-2 din me pdta hu reveal :elephant:
inna bada review tipe karne ma inna time laga diya bahut Guru chela bane firte ho :elephant:
 
Last edited:

Rockstar_Rocky

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Are dhanyavaad gurujii,jo hme kisi layak smja is khani me :D

Thoda busy sa chal rha hu, lekin busy na hote hue bhi busy chalne me bhi mja nhi h :sigh:

1-2 din me pdta hu reveal :elephant:

hme kisi layak smja is khani me :D

अरे ऐसा न कहो भाई! आप वो अकेले पाठक हो जो शुरू से like + comment कर मेरा उत्साह बढ़ा रहे हो| :dost: :hug:

Thoda busy sa chal rha hu, lekin busy na hote hue bhi busy chalne me bhi mja nhi h :sigh:



Delhi mein koi source hai 'maal' ko to btaanaa! :hinthint2: :lol:
 

Rockstar_Rocky

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मनु जी मैं लंबे समय से एक साइलेंट पाठक के तौर पर आपकी कहानी पढ़ रहा हु,
आपने अपने जीवन को जो कहानी के रूप में लिखा है, और उसका जो घटनाएं उसमे आपने लिखि है वो संयोग कहिए की उसमे से बहुत सी घटनाएं मेरी जिन्गदी में भी हुई है,
जब आप कहानी में कल्पना का मिक्स करके लिख रहे थे तब मुझे जलन हो रही थी कि इतनी हिम्मत हमने क्यो नही दिखाई कि जो एक साथ रह रहे होते, लेकिन अब जब आपने सचाई सामने रखी तब समझ आया कि आप और मैं एक ही नाव के सवार है।
लेकिन जो मेरी प्रेमिका यानी मेरी जो भाभी है उन्होंने एक लंबे समय बाद अपना पक्ष रखा और मुझे समझ आया कि उनकी क्या सिचुएशन रही थी जो उन्होंने उस समय वो निर्णय लिया,
आप अब भी खुशकिस्मत ह की आपकी बाते एक दोस्त के नाते हो रही है, हमारी वो भी नही होती।
अब संगीता जी के नजरिया का इंतजार रहेगा क्योंकि शायद उनकी भी मेरी भाभी जैसे कुछ कारण रहे हो।
अपनी कहानी में एक समानता क्या क्या है
जब मेरे जीवन मे मेरी भाभी का आगमन हुआ मैं नाइन्थ कक्षा का छात्र था, वो मेरी रिश्तेदारी में मेरे भैया की पत्नी थी, और अपने पहले बेटे के जन्म के बाद भैया उनको अपने परिवार से अलग होकर हमारे घर किराये पर रहने आए।
उसके बाद धीरे धीरे हम नज़दीक आये,
और बाद में प्यार के बन्धन मेंआये,
जब मैं 11थ कक्षा मे था तब हमारे शारिरिक संबंध बने, इस बीच आपके जीवन जैसे बहुत सी घटनाएं हुई, कुछ क़िरदार भी आये, लेकिन भाभीजी से दूर नही कर सके, जिसमे रसिका भाभीजी जैसे एक भाभी की कोशिस,
स्कूल में सह पाठिका के साथ नजदीकी लेकिन वहाँ भी प्यार भाभीजी का जीता।
फिर आयूष जैसे हमारे बेटे तरुण का जन्म,
आपके तीन बच्चे है हमारे भी तीन लेकिन बेटी नही है कोई।
फिर घरवालो का शक,
एक दिन अचानक से उनका कहना कि मुझे भुल जाओ, और घर छोडकर दूसरे शहर चले जाना,
आख़िर समय मे मिलकर भी नही जाना।
दिषु जैसे दोस्त ने ही मुझे संभाला जिसने पहले भी बहुत समझाया कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नही।
तब अपने बेटों से जुदाई, जो साथ रहने के ख्वाब थे उनके टुटने, का दर्द, उसके कारण आपके हर दर्द को महसूस किया,
फ़िर अचानक से भाभी की वापिसी,
भाभी को मेरे दर्द का अहसास दिलाने को एक लड़की के साथ प्रेमप्रसंग का नाटक किया, संगीता जैसे तुरन्त रिएक्शन आया, और भाभीजी ने फिर से मिलाप की कोशिश की,
तब जो आपकी बातचीत हुई वैसी ही हमारी हुई
लेकिन मैंने उस समय उन्हें माफ नही किया,
एक लंबे समय बाद उन्होंने मुझे सच से सामना करवाया, उस समय मेरे एक पड़ोसी ने मुझे और भाभी को किस करते हुए देख लिया था, और मेरे घरवालो को बता दिया ,
उसके बाद मेरी ताई जी ने जाकर भाभीजी को बहुत सुनाया, अब इसका एहसास हो रहा है ताई ने क्या क्या कहा होगा, उनको धमकाया गया कि अगर उन्हीने मेरे साथ रिश्ते ख़त्म नही किये, तो भैया , उनकी ससुराल और घर पर ये बात बताई जायेगी।
इसलिए उन्होंने अचानक शहर छोड़ दिया,
उनको मालुम था कि अगर मुझे पहले मालूम हुआ तो मैं कुछ भी करूंगा रोक्ने को, इसलिए वो बीना मिले ।
तीन परिवारों की इज्ज़त , अपने प्यार की बदनामी, तीनो बच्चों के भविष्य, और मेरी सुरक्षा के लिए उन्होंने दूर जाना सही समझा।
आपका जो दर्द है हालात हैं उसको समझते हुए भी , मैं संगीता जी को ग़लत नही कह सकता।
मैं दिल से चाहता हूं कि संगीता जी अपना पक्ष जरूर लिखें। हर बार की बेवफाई का।

जानकार ख़ुशी हुई की इस दुनिया में कोई तो है जिसने मेरी तरह ही दर्द सहा है और फिर भी चट्टान सा खड़ा है|
दुःख है तो बस इस बात का की आप एक silent reader बन कर रहे| अगर आप active reader होते तो हम ज्यादा connect कर पाते|

संगीता अपनी कहानी कब शुरू करेगी इसका इंतज़ार मुझे भी है, आखिर proofreading काम जो मिलेगा मुझे! :lol1:
 

Rockstar_Rocky

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मानु की माताजी :-
ये कहानी वास्तव में उनके बलिदान और समर्पण की है और बदले में मिले विश्वासघात की...
अनकही और अनकही.... फिर भी पूरे कथानक के हर शब्द के पीछे से झांकती उनके संघर्ष भरे जीवन की कहानी....

प्रेम किया तो अपने परिवार से नाता ही टूट गया.... जन्म भर के लिए......
पूरी कहानी में कहीं भी मुझे उनके मायके का जिक्र नहीं मिला....

ससुराल में बाहर से ही निकाल दिया गया.... बाद में भी सिर्फ़ मानु के पिताजी को बुलाया गया... उनको तो संगीता जितना भी सम्मान नहीं मिला... परिवार की बहू के ऱूप में स्वागत होता या बुलाया जाता....

आखिर में जिस पति के लिये इन्होंने सबको छोड़ दिया.... वो भी मुँह मोड़कर अपने परिवार भाई भतीजों के लिये इनसे रिश्ता ही तोड़ गया.... पहला विश्वासघात

फिर जीवन का दूसरा आधार बेटा ...... जिसे संगीता, संगीता के बच्चे, संगीता का परिवार, गाँव, बिजनेस और करूणा से समय मिलता तो गम, डिप्रैशन और दारू में डूबा रहा....

जिस बेटे को माँ ने, पति के साथ ना जाकर चुना....
वो बेटा माँ के लिये परिवार भी नहीं दे सकता.... माँ को मकान, गाड़ी, पैसा या तीर्थयात्रा नहीं.... बहू और बच्चे चाहिए जिन्हें वो हक से अपना कह सके और वो भी निडर होकर माँ को सम्मान व प्यार दे सकें....
दूसरा विश्वासघात

अब उन्हें क्या हासिल हुआ जीवन भर संघर्ष करके.... अपना परिवार छूटा.....
पति के परिवार ने दुत्कार दिया...
पति ने त्याग दिया....
बेटा परिवार बसाना नहीं चाहता..... गम, नशा और बेगानों के लिये जिन्दा है

मानु भाई आपने तो दर्द अभी जिया ही नहीं ...

क्या आप दोनों उनके दर्द को जी पाओगे ..... YouAlreadyKnowMe Rockstar_Rocky
आपने तो महसूस भी नहीं कर पाया अब तक....

देखते ही देखते धुंधले हुये नक्शोनिगार,
ऐ मेरी जाती हुई दुनिया ये मुझको क्या हुआ.

उनकी तरह खुलीं आँखों से अपनी जिंदगी मिटती हुई देखने की सोचो... फिर ये प्यार, प्यार की निशानी, दिल जुड़ने-टूटने की बकचोदी कर पाओगे???

सर जी,

आपका review पढ़ कर मैं बस यही कहूँगा की I failed as a son! मैं इसके आगे अपनी कोई सफाई नहीं दूँगा|

अच्छा लगा जानकार की आपने मेरे बारे में अपनी राय रखी, जो मेरे लिए एक कड़वा सत्य है| कोशिश करूँगा की अपने आप को सँभालुन...सुधारूँ|
 

Rockstar_Rocky

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उनको शायद अनाथ बताया गया था।

मेरी माँ के माता-पिता की मृत्यु माँ की किशोरावस्था में हो गई थी| बस एक भाई का सहारा था, लेकिन जब भाभी घर आई तो उसने मेरी माँ को सताना शुरू कर दिया! माँ के भाईसाहब स्वभाव से सख्त, शोबाज़ी करने वाले और अधिकतर घर से बाहर रहते थे| उन्होंने कभी मेरी माँ की दर्द भरी पुकार सुनी ही नहीं, जिस कारण तंग आ कर माँ ने एक दिन अपना घर छोड़ दिया|
माँ के गॉंव में एक प्रथा है की अगर लड़की कभी इस तरह घर छोड़कर जाती है तो परिवार उसे मरा हुआ मानकर गंगा नहा आता है जिसके बाद उस लड़की से किसी का कोई सरोकार नहीं रहता| यही कारण है की माँ का मन कभी अपने गॉंव लौटने का मन नहीं हुआ!
 

Rockstar_Rocky

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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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कोशिश जारी है मित्र!
कोशिश....

झटके से सब झाड़ कर खड़े हो जाइए, मां को दिखे की आप सुधार ही नही गए हैं, बल्कि नई शुरुवात भी कर रहे है, वही आपकी कोशिश मानी जायेगी, इस मामलों में रोज कुछ सुधार वाला फार्मूला काम नही करता, एक बार में ही सब भूल के एक बार में सब नए सिरे से शुरू करना पड़ता है।

और एक बात, नफरत दोस्ती जैसे अहसास को त्याग दीजिए और कुछ लोगों से कुछ दिन तक उदासीनता अपना लीजिए, कठिन है, पर कोशिश से बेहतर विकल्प है, कोशिश से एक दिन आप फिर हार जायेंगे। पर इस तरह से नई शुरुवात हो जाती है आराम से।

बाकी आपकी मर्जी।
 

Sanju@

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संजू भाई जी,

अगर आज आपका जन्मदिन है तो Happy birthday भाई जी! :bday: यदि आपका जन्मदिन निकल गया तो Belated Happy Birthday! :hbday:
मिले वो जो आपकी नजर को तलाश हो,
हर सुबह के साथ एक नया एहसास हो,
जिंदगी का हर लम्हा पसंद आये आपको,
जिंदगी गुजरे ऐसे की हर पल खुशियों से मुलाक़ात हो।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें। :hug:

आपके इस प्यारे रिव्यु को पढ़ कर मैं ख़ुशी से ताली बजा रहा था|
giphy.gif


पूरी कहानी का आंकलन आपने बहुत ही प्यारे ढंग से किया| :applause: अब आते हैं Big Reveal पर, तो जैसा की आपने कहा था की आपके जन्मदिन पर आपको आज रात 12am तक कुछ जबरदस्त पढ़ने को मिलेगा|

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bhai 15 Jan ko hi tha birthday
 

Ritz

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मानु की माताजी :-
ये कहानी वास्तव में उनके बलिदान और समर्पण की है और बदले में मिले विश्वासघात की...
अनकही और अनकही.... फिर भी पूरे कथानक के हर शब्द के पीछे से झांकती उनके संघर्ष भरे जीवन की कहानी....

प्रेम किया तो अपने परिवार से नाता ही टूट गया.... जन्म भर के लिए......
पूरी कहानी में कहीं भी मुझे उनके मायके का जिक्र नहीं मिला....

ससुराल में बाहर से ही निकाल दिया गया.... बाद में भी सिर्फ़ मानु के पिताजी को बुलाया गया... उनको तो संगीता जितना भी सम्मान नहीं मिला... परिवार की बहू के ऱूप में स्वागत होता या बुलाया जाता....

आखिर में जिस पति के लिये इन्होंने सबको छोड़ दिया.... वो भी मुँह मोड़कर अपने परिवार भाई भतीजों के लिये इनसे रिश्ता ही तोड़ गया.... पहला विश्वासघात

फिर जीवन का दूसरा आधार बेटा ...... जिसे संगीता, संगीता के बच्चे, संगीता का परिवार, गाँव, बिजनेस और करूणा से समय मिलता तो गम, डिप्रैशन और दारू में डूबा रहा....

जिस बेटे को माँ ने, पति के साथ ना जाकर चुना....
वो बेटा माँ के लिये परिवार भी नहीं दे सकता.... माँ को मकान, गाड़ी, पैसा या तीर्थयात्रा नहीं.... बहू और बच्चे चाहिए जिन्हें वो हक से अपना कह सके और वो भी निडर होकर माँ को सम्मान व प्यार दे सकें....
दूसरा विश्वासघात

अब उन्हें क्या हासिल हुआ जीवन भर संघर्ष करके.... अपना परिवार छूटा.....
पति के परिवार ने दुत्कार दिया...
पति ने त्याग दिया....
बेटा परिवार बसाना नहीं चाहता..... गम, नशा और बेगानों के लिये जिन्दा है

मानु भाई आपने तो दर्द अभी जिया ही नहीं ...

क्या आप दोनों उनके दर्द को जी पाओगे ..... YouAlreadyKnowMe Rockstar_Rocky
आपने तो महसूस भी नहीं कर पाया अब तक....

देखते ही देखते धुंधले हुये नक्शोनिगार,
ऐ मेरी जाती हुई दुनिया ये मुझको क्या हुआ.

उनकी तरह खुलीं आँखों से अपनी जिंदगी मिटती हुई देखने की सोचो... फिर ये प्यार, प्यार की निशानी, दिल जुड़ने-टूटने की बकचोदी कर पाओगे???
Justified review and character analysis.
 
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