मित्र,
ये मेरी सबसे पहली कहानी थी और सबसे पहले चन्दर का नाम यहीं लिया गया था| काला इश्क़ मेरी दूसरी कहानी थी और उसे लिखने के टाइम मैं इस पात्र के नाम को इस्तेमाल किया| FYI मेरी इस नाम से कोई ज्याति दुश्मनी नहीं है, नाम याद रखने में आसानी हो इसलिए ये नाम इस्तेमाल करता हूँ! अब आते हैं आपकी कम उम्र में शादी करने की बात पर, तो मैं उससे Agree नहीं करता, कारन बहुत सीधा है भले ही आप जल्दी शादी करने को समाजिक समस्या जैसे रेप आदि से जोड़ें पर सच ये है की ये दुष्कर्म कभी नहीं रुक सकते| सब आदमियों का नहीं पर कुछ आदमियों का दिमाग बहुत विकृत होता है! आप चाहे कितनी ही जल्दी शादी करा दें वो दिमाग कभी नहीं सुलझ सकता, समाजिक दुष्कर्म बचाने के लिए जल्दी शादी कर देना और उस बेचारी लड़की को सजा देना कहाँ का न्याय है?
समाजिक दुष्कर्म रोकने के लिए एक लड़की जो आगे पढ़ना चाहती हो कुछ बनना चाहती हो उसे शादी की बेड़ियों में कैद कर देना बेवकूफी ही है! अगर आपकी बात मान भी ली जाए और जल्दी शादी करा दी जाए, लड़कियों को आगे पढ़ने दिया जाए और फिर भी लड़की या लड़के को किसी से प्यार हो जाए तो इसमें दोषी कौन है?
क्या गरंटी है की शादी के बाद ये दुष्कर्म रुक जायेंगे?
कल को किसी कारन वश पति की मृत्यु हो जाए तो ये इतना बड़ा जीवन लड़की कैसे बिताएगी? दूसरी शादी होना इतना आसान नहीं होता, क्योंकि विधवा लड़कियों को उनसे उम्र में कई बड़ा मर्द मिलता है, क्या ये नाइंसाफी नहीं?
इस विकृत सोच का कोई उपाय नहीं है, अगर आप न्याय-व्यवस्था को कठोर कर दोगे तो इससे शायद ये बिमारी रुके....शायद...पर फिर इसका गलत इस्तेमाल भी होगा और नाजाने कितने निर्दोष फंसेंगे| पूर्ण इलाज चाहिए तो सारे आदमियों को ही मार दो!
खेर ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं!
चलिए इसे Humor ही मान लेते हैं|
ओके जी...आगे से ध्यान रखूँगा|
भौजी आवत हैं अगली अपडेट मा!
ये कहानी मेरी पहली रचना है, Xossip पर तो इसे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था| उम्मीद करता हूँ यहाँ भी मिलेगा|
आपने बिलकुल सही कहा|