- 1,415
- 3,453
- 143
एक भाई की वासना
INDEX
Last edited:
thanks for the compliment brother,ab aage dekhte hein klpd hoti hai ya kuch aur hota haiWah bhai
Maza aa gaya.
Mast update
Kahi aaj bhii suraj ka klpd na ho jaye.
Dekhte hain aaj ki raat ab aur kitni lambi hoti h
HotUpdate- 35
आपने अभी तक पढ़ा..
थोड़ा सा आगे को झुक कर सूरज ने अपने होंठ रश्मि के गाल पर रखे और उसे आहिस्ता-आहिस्ता चूमने लगा। रश्मि के चेहरे की हालत भी मेरी आँखों की सामने थी.. उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। आख़िर जब उससे कंट्रोल ना हो सका तो उसने बंद आँखों के साथ ही करवट बदली और सीधी हो गई। सूरज ने फ़ौरन ही अपना हाथ उसकी चूची से हटा लिया और रश्मि ने भी जैसे नींद में ही होते हुए अपने टॉप को ठीक किया और अपनी चूची को अपने टॉप के अन्दर कर लिया।
सूरज सीधा होकर लेट चुका था।
अब आगे..
लेकिन ज़ाहिर है कि ज्यादा देर तक रुकने वाला वो भी नहीं था। कुछ समय ही इन्तजार करने के बाद उसने दोबारा से अपना हाथ रश्मि की चूची के ऊपर रख दिया और कुछ पल बाद दोबारा से उसे सहलाने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसने दोबारा से अपनी बहन के टॉप को नीचे खींचा और फिर अपनी सग़ी छोटी बहन की कुँवारी चूची को बाहर निकाल लिया।
उसने रश्मि की तरफ ही करवट ली हुई थी और यक़ीनन उसका लंड अपनी बहन की जाँघों से टकरा रहा था।
रश्मि की चूची एक बार फिर से सूरज की नज़रों के सामने नंगी हो गई थी। सूरज वहीं पर नहीं रुका और फिर दूसरी चूची को भी बाहर निकाल लिया। वो कमरे में हो रहे अँधेरे का पूरा-पूरा फ़ायदा उठा रहा था और अपने मोबाइल की टॉर्च से रश्मि के नंगे जिस्म को देख रहा था।
दूसरी तरफ रश्मि भी खामोशी से पड़ी हुई थी। उसकी बाज़ू साइड में सीधा था मेरे बिल्कुल पास और उसने मेरा हाथ थाम रखा था।
जैसे-जैसे सूरज रश्मि की नेकेड चूचियों पर हाथ फेर रहा था.. वैसे-वैसे ही रश्मि मेरे हाथ को जोर से दबा रही थी जिससे मुझे उसकी हालत का अंदाज़ा हो रहा था।
मैं भी उसके हाथ को आहिस्ता आहिस्ता दबाते हुए उसे हौसला दे रही थी कि वो चुप रहे।
सूरज थोड़ा ऊँचा होकर रश्मि के सीने पर झुका और उसकी नेकेड चूची को चूम लिया। रश्मि खामोश रही तो सूरज ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और सूरज की चूची के गुलाबी निप्पल को अपनी ज़ुबान की नोक से छूने लगा।
सूरज के जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ गई। सूरज आहिस्ता आहिस्ता अपनी बहन के निप्पल को अपनी ज़ुबान से सहला रहा था और उसे छेड़ रहा था।
कुछ देर तक अपनी ज़ुबान से रश्मि के निप्पल के साथ खेलने के बाद सूरज ने रश्मि के गुलाबी निप्पल को अपने होंठों के बीच ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता उसे चूसने लगा।
उसका दूसरा हाथ रश्मि के नंगे पेट से होता हुआ उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसकी चूत पर आ गया और मुझे उसके हाथों की हरकत नज़र आने लगी।
इसी के साथ ही रश्मि के हाथ की गिरफ्त मेरे हाथ पर भी सख़्त हो गई। मुझे सूरज का हाथ हरकत करता हुआ नज़र आ रहा था और मुझे यह भी पता था कि जब सूरज मेरी चूत पर इसी तरह से मेरी पैंटी के ऊपर से सहलाता है..
तो कितना मज़ा आता है।
मुझे रश्मि की हालत का अंदाज़ा भी हो रहा था कि बेचारी कुँवारी चूत.. कुँवारी लड़की.. कितनी मुश्किल से यह सब बर्दाश्त कर रही होगी।
सूरज ने अपनी बहन के निप्पल को चूसते हुए आहिस्ता-आहिस्ता अपना हाथ रश्मि के शॉर्ट्स के अन्दर डालने की कोशिश की और उसका हाथ उसके शॉर्ट्स की इलास्टिक के नीचे सरकता हुआ अन्दर दाखिल हुआ।
जैसे ही उसका हाथ रश्मि की चूत से टच हुआ.. तो रश्मि के बर्दाश्त की हद खत्म हो गई और फ़ौरन ही उसने अपना हाथ उठा कर सूरज के हाथ पर रख दिया और साथ ही सिसक पड़ी- नहीं.. भैया… आआआ.. प्लीज़्ज़्ज़्ज़..
रश्मि ने बहुत ही धीमी आवाज़ से कहा तो सूरज तो जैसे एक सेकंड के लिए चौंक गया कि यह क्या हुआ कि उसकी बहन जाग गई है और उसने अपने भाई के हाथ को अपनी चूत पर पकड़ लिया है।
सूरज के मुँह से रश्मि का निप्पल सरक़ चुका था.. लेकिन उसके होंठ अभी भी उसके निप्पलों से टच कर रहे थे।
सूरज को महसूस हुआ कि अब वापसी का रास्ता नहीं है।
कुछ समय के बाद सूरज ने अपना हाथ रश्मि के हाथ से छुड़ाए बिना ही आहिस्ता आहिस्ता हिलाते हुए रश्मि की चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
रश्मि- नहीं भाई.. प्लीज़.. ऐसा नहीं करो… ऊ.. इस्स्स.. आआहह..
सूरज ने दोबारा से अपनी बहन के नंगे निप्पल को अपने होंठों के बीच ले लिया और उसे चूसते हुए धीरे से बोला- श्ह.. चुप रहो.. बसस्स्स..
सूरज के होंठ दोबारा से अपनी बहन के निप्पल को चूसने लगे और उसके हाथ की उंगली शायद उसकी चूत से खेल रही थी। शायद उसकी चूत के सुराख पर भी क़ब्ज़ा जमा चुकी थी.. क्योंकि रश्मि के हाथ की गिरफ्त मेरे हाथ पर सख़्त होती जा रही थी।
मैं भी उसके हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता सहलाते हुए उसे हौसला दिए जा रही थी।
सूरज ने जैसे ही अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर सरकाई तो रश्मि तड़फ उठी।
रश्मि- उफफफ..भाई…आहह.. नहीं..ईईई..प्लीज़्ज़्ज़्ज़… भाभीईईई..।
सूरज- तुम जरा चुप रहो.. तुम्हारी भाभी ना उठ जाए कहीं..
सूरज ने अपनी उंगली रश्मि की चूत से बाहर निकाली और उसे रश्मि के शॉर्ट्स से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
रश्मि ने अपनी आँखें अभी भी बंद ही की हुई थीं.. लेकिन अब सूरज को इससे कोई घबराहट नहीं थी कि उसकी बहन की आँखें खुली हैं कि बंद.. क्योंकि उसे पता था कि वो जाग रही है।
सूरज- रश्मि.. यू आर सो स्वीट.. बहुत मीठा है तेरा पानी..
‘भाई प्लीज़ छोड़ दें मुझे.. यह ठीक नहीं है..उम्म्म्म स्स्स्साआहह..’
सूरज ने कुछ कहे बिना ही थोड़ा सा ऊपर होकर अपने होंठ रश्मि के होंठों के ऊपर रख दिए और उसे चूमने लगा।
रश्मि अपने होंठों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और ऐसे करते हुए अपने होंठों को पीछे हटा रही थी। लेकिन सूरज ने अपना एक हाथ रश्मि की नंगी चूची पर रखा और ऊपर रश्मि के होंठ को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।
रश्मि का बुरा हाल हो रहा था.. वो यह भी नहीं चाह रही थी कि उसके भैया पर मेरी हालत खुले और उसके भाई को पता चले कि मैं भी जाग रही हूँ और इस बात से वाक़िफ़ हूँ.. जो कुछ उन दोनों बहन भाई के बीच हो रहा है।
रश्मि ने अपने भाई का हाथ अपनी चूची से हटाया तो सूरज ने फ़ौरन ही अपना हाथ नीचे करते हुए रश्मि के शॉर्ट्स में डाल दिया और अपनी मुठ्ठी में रश्मि की चूत को पकड़ लिया..
रश्मि अब मछली की तरह से सूरज के हाथों में तड़फ रही थी और अपनी हरकत को कम से कम रखना चाह रही थी.. ताकि मेरा जिस्म ने हिले।
अचानक सूरज ने रश्मि का बाज़ू पकड़ कर अपनी तरफ करवट दिला दी और उसे अपनी बाँहों में ले लिया। उसकी नंगी कमर पर अपने हाथ मज़बूती से जमा कर अपने होंठ उसकी पतले सुराहीदार गले पर रख दिए।
फिर वो आगे बढ़कर अपनी बहन के होंठों को चूमते हुए उसे चूसने लगा।
रश्मि का बुरा हाल हो रहा था। नीचे से सूरज का लंड अकड़ कर उसकी चूत पर टक्करें मार रहा था और उसके शॉर्ट्स को फाड़ते हुए उसकी चूत के अन्दर तक घुसने की कोशिश में लग रहा था।
SuperUpdate- 35
आपने अभी तक पढ़ा..
थोड़ा सा आगे को झुक कर सूरज ने अपने होंठ रश्मि के गाल पर रखे और उसे आहिस्ता-आहिस्ता चूमने लगा। रश्मि के चेहरे की हालत भी मेरी आँखों की सामने थी.. उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। आख़िर जब उससे कंट्रोल ना हो सका तो उसने बंद आँखों के साथ ही करवट बदली और सीधी हो गई। सूरज ने फ़ौरन ही अपना हाथ उसकी चूची से हटा लिया और रश्मि ने भी जैसे नींद में ही होते हुए अपने टॉप को ठीक किया और अपनी चूची को अपने टॉप के अन्दर कर लिया।
सूरज सीधा होकर लेट चुका था।
अब आगे..
लेकिन ज़ाहिर है कि ज्यादा देर तक रुकने वाला वो भी नहीं था। कुछ समय ही इन्तजार करने के बाद उसने दोबारा से अपना हाथ रश्मि की चूची के ऊपर रख दिया और कुछ पल बाद दोबारा से उसे सहलाने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसने दोबारा से अपनी बहन के टॉप को नीचे खींचा और फिर अपनी सग़ी छोटी बहन की कुँवारी चूची को बाहर निकाल लिया।
उसने रश्मि की तरफ ही करवट ली हुई थी और यक़ीनन उसका लंड अपनी बहन की जाँघों से टकरा रहा था।
रश्मि की चूची एक बार फिर से सूरज की नज़रों के सामने नंगी हो गई थी। सूरज वहीं पर नहीं रुका और फिर दूसरी चूची को भी बाहर निकाल लिया। वो कमरे में हो रहे अँधेरे का पूरा-पूरा फ़ायदा उठा रहा था और अपने मोबाइल की टॉर्च से रश्मि के नंगे जिस्म को देख रहा था।
दूसरी तरफ रश्मि भी खामोशी से पड़ी हुई थी। उसकी बाज़ू साइड में सीधा था मेरे बिल्कुल पास और उसने मेरा हाथ थाम रखा था।
जैसे-जैसे सूरज रश्मि की नेकेड चूचियों पर हाथ फेर रहा था.. वैसे-वैसे ही रश्मि मेरे हाथ को जोर से दबा रही थी जिससे मुझे उसकी हालत का अंदाज़ा हो रहा था।
मैं भी उसके हाथ को आहिस्ता आहिस्ता दबाते हुए उसे हौसला दे रही थी कि वो चुप रहे।
सूरज थोड़ा ऊँचा होकर रश्मि के सीने पर झुका और उसकी नेकेड चूची को चूम लिया। रश्मि खामोश रही तो सूरज ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और सूरज की चूची के गुलाबी निप्पल को अपनी ज़ुबान की नोक से छूने लगा।
सूरज के जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ गई। सूरज आहिस्ता आहिस्ता अपनी बहन के निप्पल को अपनी ज़ुबान से सहला रहा था और उसे छेड़ रहा था।
कुछ देर तक अपनी ज़ुबान से रश्मि के निप्पल के साथ खेलने के बाद सूरज ने रश्मि के गुलाबी निप्पल को अपने होंठों के बीच ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता उसे चूसने लगा।
उसका दूसरा हाथ रश्मि के नंगे पेट से होता हुआ उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसकी चूत पर आ गया और मुझे उसके हाथों की हरकत नज़र आने लगी।
इसी के साथ ही रश्मि के हाथ की गिरफ्त मेरे हाथ पर भी सख़्त हो गई। मुझे सूरज का हाथ हरकत करता हुआ नज़र आ रहा था और मुझे यह भी पता था कि जब सूरज मेरी चूत पर इसी तरह से मेरी पैंटी के ऊपर से सहलाता है..
तो कितना मज़ा आता है।
मुझे रश्मि की हालत का अंदाज़ा भी हो रहा था कि बेचारी कुँवारी चूत.. कुँवारी लड़की.. कितनी मुश्किल से यह सब बर्दाश्त कर रही होगी।
सूरज ने अपनी बहन के निप्पल को चूसते हुए आहिस्ता-आहिस्ता अपना हाथ रश्मि के शॉर्ट्स के अन्दर डालने की कोशिश की और उसका हाथ उसके शॉर्ट्स की इलास्टिक के नीचे सरकता हुआ अन्दर दाखिल हुआ।
जैसे ही उसका हाथ रश्मि की चूत से टच हुआ.. तो रश्मि के बर्दाश्त की हद खत्म हो गई और फ़ौरन ही उसने अपना हाथ उठा कर सूरज के हाथ पर रख दिया और साथ ही सिसक पड़ी- नहीं.. भैया… आआआ.. प्लीज़्ज़्ज़्ज़..
रश्मि ने बहुत ही धीमी आवाज़ से कहा तो सूरज तो जैसे एक सेकंड के लिए चौंक गया कि यह क्या हुआ कि उसकी बहन जाग गई है और उसने अपने भाई के हाथ को अपनी चूत पर पकड़ लिया है।
सूरज के मुँह से रश्मि का निप्पल सरक़ चुका था.. लेकिन उसके होंठ अभी भी उसके निप्पलों से टच कर रहे थे।
सूरज को महसूस हुआ कि अब वापसी का रास्ता नहीं है।
कुछ समय के बाद सूरज ने अपना हाथ रश्मि के हाथ से छुड़ाए बिना ही आहिस्ता आहिस्ता हिलाते हुए रश्मि की चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
रश्मि- नहीं भाई.. प्लीज़.. ऐसा नहीं करो… ऊ.. इस्स्स.. आआहह..
सूरज ने दोबारा से अपनी बहन के नंगे निप्पल को अपने होंठों के बीच ले लिया और उसे चूसते हुए धीरे से बोला- श्ह.. चुप रहो.. बसस्स्स..
सूरज के होंठ दोबारा से अपनी बहन के निप्पल को चूसने लगे और उसके हाथ की उंगली शायद उसकी चूत से खेल रही थी। शायद उसकी चूत के सुराख पर भी क़ब्ज़ा जमा चुकी थी.. क्योंकि रश्मि के हाथ की गिरफ्त मेरे हाथ पर सख़्त होती जा रही थी।
मैं भी उसके हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता सहलाते हुए उसे हौसला दिए जा रही थी।
सूरज ने जैसे ही अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर सरकाई तो रश्मि तड़फ उठी।
रश्मि- उफफफ..भाई…आहह.. नहीं..ईईई..प्लीज़्ज़्ज़्ज़… भाभीईईई..।
सूरज- तुम जरा चुप रहो.. तुम्हारी भाभी ना उठ जाए कहीं..
सूरज ने अपनी उंगली रश्मि की चूत से बाहर निकाली और उसे रश्मि के शॉर्ट्स से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
रश्मि ने अपनी आँखें अभी भी बंद ही की हुई थीं.. लेकिन अब सूरज को इससे कोई घबराहट नहीं थी कि उसकी बहन की आँखें खुली हैं कि बंद.. क्योंकि उसे पता था कि वो जाग रही है।
सूरज- रश्मि.. यू आर सो स्वीट.. बहुत मीठा है तेरा पानी..
‘भाई प्लीज़ छोड़ दें मुझे.. यह ठीक नहीं है..उम्म्म्म स्स्स्साआहह..’
सूरज ने कुछ कहे बिना ही थोड़ा सा ऊपर होकर अपने होंठ रश्मि के होंठों के ऊपर रख दिए और उसे चूमने लगा।
रश्मि अपने होंठों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और ऐसे करते हुए अपने होंठों को पीछे हटा रही थी। लेकिन सूरज ने अपना एक हाथ रश्मि की नंगी चूची पर रखा और ऊपर रश्मि के होंठ को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।
रश्मि का बुरा हाल हो रहा था.. वो यह भी नहीं चाह रही थी कि उसके भैया पर मेरी हालत खुले और उसके भाई को पता चले कि मैं भी जाग रही हूँ और इस बात से वाक़िफ़ हूँ.. जो कुछ उन दोनों बहन भाई के बीच हो रहा है।
रश्मि ने अपने भाई का हाथ अपनी चूची से हटाया तो सूरज ने फ़ौरन ही अपना हाथ नीचे करते हुए रश्मि के शॉर्ट्स में डाल दिया और अपनी मुठ्ठी में रश्मि की चूत को पकड़ लिया..
रश्मि अब मछली की तरह से सूरज के हाथों में तड़फ रही थी और अपनी हरकत को कम से कम रखना चाह रही थी.. ताकि मेरा जिस्म ने हिले।
अचानक सूरज ने रश्मि का बाज़ू पकड़ कर अपनी तरफ करवट दिला दी और उसे अपनी बाँहों में ले लिया। उसकी नंगी कमर पर अपने हाथ मज़बूती से जमा कर अपने होंठ उसकी पतले सुराहीदार गले पर रख दिए।
फिर वो आगे बढ़कर अपनी बहन के होंठों को चूमते हुए उसे चूसने लगा।
रश्मि का बुरा हाल हो रहा था। नीचे से सूरज का लंड अकड़ कर उसकी चूत पर टक्करें मार रहा था और उसके शॉर्ट्स को फाड़ते हुए उसकी चूत के अन्दर तक घुसने की कोशिश में लग रहा था।
Bagal mei biwi hai kpld to Nahi Hoti chaiyethanks for the compliment brother,ab aage dekhte hein klpd hoti hai ya kuch aur hota hai