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दोस्तो में एक नई कहानी का जिकर करने जा रहा हूँ, जिसका नाम है "एक भिकारी की हवस"
मैंने एक साल पहले कहानी शुरू की थी लेकिन कुछ पर्सनल प्रॉब्लम के कारण पोस्ट नही कर पाया।
उसके लिए मुझे खेद रहेगा।
कहानी का संक्षेप:
ये कहानी है एक भिखारी की काली जिंदगी के बारे मे...जिसका नाम है गंगू.. पर लोग इसे लंगड़ा भिखारी कहते हैं, क्योंकि वो अपने दाँये पैर से लंगड़ा कर चलता है, मैले -कुचेले कपड़े, घनी दादी, लंबे और उलझे हुए बॉल, चेहरा बिल्कुल काला , जिसे उसने ना जाने कितने समय से धोया ही नही है..
शहर के बीचो बीच बने रेलवे स्टेशन की पटरी से लगी हुई झुग्गी झोपड़ी की कॉलोनी मे वो रहता था, महीने के 1200 देकर..दिन भर मे जो भी वो भीख माँगकर कमाता, उसकी दारू पीता , जुआ खेलता, कभी-2 रंडियों के पास भी जाता ....
वो पूरे दिन चिलचिलाती धूप मे, सड़कों पर, रेड लाइट पर, ऑफिसों के बाहर भीख माँगता रहता था, कोई उसको खाने के लिए देता और कोई उसको पैसे देकर उसकी मदद करता..ऐसे ही चल रही थी उसकी जिंदगी..
पर एक दिन एक हादसे ने गंगू की जिंदगी ही बदल दी..एक बार तो उसने सोचा की इसको लेकर पुलिस स्टेशन चले जाना चाहिए..पर फिर उसके दिमाग़ मे छुपे शैतान ने कहा की ऐसे माल को तू ऐसे ही अपने हाथ से क्यो जाने देना चाहता है ...ले चल इसको अपने घर..और मज़े ले इसके साथ..
और फिर गंगू ने मन ही मन निश्चय कर लिया और उसको लेकर अपने साथ चल पड़ा..गंगू को क्या परेशानी हो सकती थी ....उसके शातिर दिमाग़ मे अचानक ये ख़याल आया की उसके साथ इतनी सुंदर लड़की को देखकर शायद उसे ज़्यादा भीख मिलने लग जाए ...क्योंकि कॉलोनी मे जो दूसरे भिखारी थे, जिस जिसके साथ उनकी बीबी या या जवान बेटी जाती थी, वो ज़्यादा कमा कर ही आते थे वापिस ...
उसने हामी भर दी और दोनो भीख माँगेने लिए निकल पड़े
मैंने एक साल पहले कहानी शुरू की थी लेकिन कुछ पर्सनल प्रॉब्लम के कारण पोस्ट नही कर पाया।
उसके लिए मुझे खेद रहेगा।
कहानी का संक्षेप:
ये कहानी है एक भिखारी की काली जिंदगी के बारे मे...जिसका नाम है गंगू.. पर लोग इसे लंगड़ा भिखारी कहते हैं, क्योंकि वो अपने दाँये पैर से लंगड़ा कर चलता है, मैले -कुचेले कपड़े, घनी दादी, लंबे और उलझे हुए बॉल, चेहरा बिल्कुल काला , जिसे उसने ना जाने कितने समय से धोया ही नही है..
शहर के बीचो बीच बने रेलवे स्टेशन की पटरी से लगी हुई झुग्गी झोपड़ी की कॉलोनी मे वो रहता था, महीने के 1200 देकर..दिन भर मे जो भी वो भीख माँगकर कमाता, उसकी दारू पीता , जुआ खेलता, कभी-2 रंडियों के पास भी जाता ....
वो पूरे दिन चिलचिलाती धूप मे, सड़कों पर, रेड लाइट पर, ऑफिसों के बाहर भीख माँगता रहता था, कोई उसको खाने के लिए देता और कोई उसको पैसे देकर उसकी मदद करता..ऐसे ही चल रही थी उसकी जिंदगी..
पर एक दिन एक हादसे ने गंगू की जिंदगी ही बदल दी..एक बार तो उसने सोचा की इसको लेकर पुलिस स्टेशन चले जाना चाहिए..पर फिर उसके दिमाग़ मे छुपे शैतान ने कहा की ऐसे माल को तू ऐसे ही अपने हाथ से क्यो जाने देना चाहता है ...ले चल इसको अपने घर..और मज़े ले इसके साथ..
और फिर गंगू ने मन ही मन निश्चय कर लिया और उसको लेकर अपने साथ चल पड़ा..गंगू को क्या परेशानी हो सकती थी ....उसके शातिर दिमाग़ मे अचानक ये ख़याल आया की उसके साथ इतनी सुंदर लड़की को देखकर शायद उसे ज़्यादा भीख मिलने लग जाए ...क्योंकि कॉलोनी मे जो दूसरे भिखारी थे, जिस जिसके साथ उनकी बीबी या या जवान बेटी जाती थी, वो ज़्यादा कमा कर ही आते थे वापिस ...
उसने हामी भर दी और दोनो भीख माँगेने लिए निकल पड़े