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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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aamirhydkhan

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औलाद की चाह

आप ने अब तक की कहानी पढ़ी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले चार पांच दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी अधूरी है ..

वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.

यहाँ तक की कहानी ही मुझे मिली आगे क्या हुआ ये उस्तुकता आपको भी होगी

मेरा प्रयास होगा इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अपने कमेंट दीजिये क्या मैं कहानी आगे बढ़ाऊं ?

अब आप पर निर्भर है कहानी आगे बढ़ेगी या नहीं

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Update karo accha ja rha hi
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -24


परिक्षण निरक्षण



मुझे कुछ भी बताने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मैंने पहले ही मास्टर जी के आगे व्यवाहरिक रूप से घुटने टेक दिए थे। मास्टर जी ने दीपु के हाथ को मेरे बाएं नितम्ब के गाल से हटा दिया और सीधे मेरे नितम्ब को अपने हाथ से वहाँ दबाया. मैंने महसूस किया कि मास्टर-जी का हाथ उनके प्रशिक्षु की तुलना में बोल्ड था। उसने तुरंत मेरी गांड पर चकोटि काट कर मुझे संकेत दिया कि यह उसका हाथ है। दीपु की उँगलियाँ अभी भी मेरे दाहिने नितम्ब पर मेरी पैंटी की लाइन पर टिकी हुई थीं।

मेरी साड़ी और पेटीकोट इन मर्दो के हाथों से मुझे सुरक्षा देने के लिए प्राप्त रूप से मोटी नहीं थी। इस प्रकार दीपक की तरह मास्टर-जी भी अपने हाथ की दो से तीन अंगुलियों से मेरी पैंटी को आसानी से पकड़ लिया । मास्टर-जी ने मेरी पैंटी लाइन के पीछे से अपनी उंगलियाँ मेरे बाएँ नितंब पर घुमाना शुरू कर दिया। इस बिंदु पर मैं यौन उत्तेजना में कांप रही थी क्योंकि और नीचे ... और नीचे ... और नीचे हाथ ले जाते हुए उसने मेरी पैंटी लाइन का पता लगाना रब ताज जारी रखा जब तक वह मेरी गांड की दरार तक नहीं पहुँच गया! मैं उस सेक्सी हॉट लहर को सहन नहीं कर सकी और मेरे शरीर को झकझोर कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

मैं: आह! आउच! आप मास्टर जी क्या ... क्या कर रहे हैं?

मास्टर-जी: मैडम, मैडम बस एक पल के लिए धीरज रखिए। मेरी जाँच लगभग समाप्त हो गई है।

मैंने उसी स्थिति में खड़ी रही और मेरे पैरों और मेरी टांगों के बीच थोड़ी सी दूरी की ( ईमानदारी से कहू तो मास्टर जी का हाथ को मेरी गाण्ड तक आसानी से पहुँचने देने के लिए ) हालाँकि इससे मुझे सेक्सी बेचैनी से क्षणिक राहत तो मिली, लेकिन मास्टर-जी ने अगले ही क्षण एक नया 'निरीक्षण' शुरू किया! I

मास्टर जी ने मेरी पूरी गांड की दरार तक मेरी पैंटी लाइन को ट्रेस करते हुए मेरी गाण्ड से अपना हाथ हटा दिया। मैंने खुले मुंह के साथ राहत की सांस ली, तभी मैंने महसूस किया कि मास्टर-जी ने अपनी पूरी हथेली से मेरे बाएं नितंब पर बहुत कस कर निचोड़ दिया।



मेरे निपल्स ने तुरंत उस पर प्रतिक्रिया दी और मेरी ब्रा के भीतर पूरी तरह कठोर हो सीधे हो गए थे। स्वचालित रूप से जो कुछ भी थोड़ी बहुत शर्म मेरे अंदर रह गई थी, वह भाप बन कर उड़ गई, और मैंने अपनी साड़ी और ब्लाउज के ऊपर अपने स्तनो की मालिश करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ अपने भारी कूल्हों को धीरे-धीरे लहराने लगी । मुझे नहीं पता था कि मास्टर-जी और दीपू ने मुझे बहुत सेक्सी कर्म करते देखा था या नहीं , लेकिन उन्होंने अपने हाथों से मेरे पूरे विकसित नितम्बो को ऐसे दबाया जैसे मधुमखियो के छत्ते से शहद निकाला जाता है ।




PL1 PL2 PL3


मास्टर-जी: ठीक है हो गया मैंने चेक कर लिया ।

दीपू : तो, मास्टर-जी, मैं सही था या गलत?

मास्टर जी का परिक्षण निरक्षण कुछ और क्षणों के लिए चला और आखिरकार जब उन्होंने अपने हाथो को रोका तो मेरी साडी स्वाभाविक रूप से उसकी उंगली के साथ-साथ मेरी जांघों के बीच मेरी गहरी गांड की दरार में समा गयी थी ।

मास्टर-जी: हां दीपू , मुझसे गलती हो गई थी। तुम ठीक कह रहे थे।

यह कहते हुए कि उसने फिर से मेरे नितम्बो पर एक लम्बी सी चुटकी इस तरह काटी मानो वह छोटी लड़की के गालों को दो उंगलियों से निचोड़ रहे हो ! मैं परमानंद में जोर-जोर से सांस ले रही थी , लेकिन फिर भी मैंने अपने आप की नार्मल दिखाने की को वापस पाने की कोशिश की।

मास्टर-जी: मैडम, मुझे कहना होगा कि आप मेरे अन्य ग्राहकों से काफी अलग हैं! हालाँकि अभी भी मेरी साड़ी से ढँकी गाण्ड पर उनके दो हाथ थे, सौभाग्य से अब उनके हाथ ज्यादातर स्थिर थे।

मैं: क्या… मेरा मतलब है कैसे? मैंने कर्कश आवाज में पूछा। मास्टर-जी: मैडम, क्या आपने कभी पैंटी पहनने के बाद शीशे में अपनी पीठ चेक की है?

ये कैसा प्रश्न है! मैंने खुद को हो रही असुविधा को नजरअंदाज करते हुए मैंने अपने होंठों को गीला कर दिया और जवाब देने की शुरुआत की!

मैं: हम्म। बेशक, लेकिन ... लेकिन आप क्यों पूछ रहे हैं ?

जैसा ही मैंने उत्तर दिया मैं तुरंत महसूस किया कि मास्टर-जी और दीपू के दोनों हाथों में हलचल हुई , हालाँकि मैंने 'निश्चित रूप से' कहा था, लेकिन असलियत में मुझे शायद ही टॉयलेट में आईने में खुद को इस तरह से जाँचने का मौका मिलता है कि मैं जब अपनी पोशाकें पहनूँ तो उसमे अपना पूरा जिस्म और पोशाक देख सकू । हमारा बाथरूम मिरर में केवल ऊपरी हिंसा दिखाई देता है और इसलिए मुझे अपना फुल फिगर चेक करने के लिए बैडरूम में आना पड़ता है, और बाथरूम से केवल अपने अंदर के कपड़े पहनना और फिर ऐसे ही बाहर आना बहुत मुश्किल है और यहां तक कि अगर मैं ऐसा करती हूं, और अगर अनिल आसपास होता है , तो वह निश्चित रूप से मुझे इस हाल में खुद को दर्पण में जांचने नहीं देगा, बल्कि मुझे अपनी बाहों में ले लेगा और निश्चित रूप से एक ही पल में में मेरे अंडरगारमेंट भी उतर जाएंगे ।

मास्टर-जी: अगर ऐसा है, तो आप अपवाद हैं, मैडम, क्योंकि मेरा कोई भी ग्राहक अपनी साड़ियों के नीचे अपने गोल नितम्बो का इतना एक्सपोज़र नहीं होने देती ।

मैं फिर से बोल्ड हो गयी ! यह बूढ़ा व्यक्ति क्या ये संकेत देने की कोशिश कर रहा है की मैं एक साहसी महिला हूँ? मैंने तुरंत अपने दर्जी के सामने अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश की कि 'मैं ऐसी नहीं हूं'।

मैं : नहीं, नहीं मास्टर-जी, वास्तव में जब मैं इसे पहनती हूं, मैं इसे अपनी पीठ पर ठीक से फैलाना सुनिश्चित करती हूं ताकि मैं सभ्य दिखूं ... मेरा मतलब है ... ताकि मैं अपनी साड़ी के नीचे सभ्य महसूस करूं।

मास्टर-जी: लेकिन मैडम, जरा देखिए। आपकी पैंटी लाइन यहाँ है ...

यह कहते हुए कि उसने मेरी पैंटी लाइन को फिर से बाईं गांड पर खींच दिया और इस बार उसने अपनी उंगली मेरी गांड के मांस पर ज़ोर से दबाकर मुझे पैंटी की पोज़िशन देखने के लिए कहा। मास्टर-जी: मैडम, आपकी दरार से सिर्फ चार-पाँच उंगलियाँ ढक रही है और आपका पूरा का पूरा बायाँ नितम्ब इसके बाद नंगे है। मेरा मतलब है कि आपकी नितम्ब पैंटी से ढँकी नहीं हुई है ।

मैं : यह ... जरूर अपनी जगह से हिल गयी होगी

मास्टर-जी: ठीक है। लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि मैडम आप अपने नितम्बो का का अधिकतर हिस्सा अपनी पैंटी के बाहर रखते हैं।

दीपू: मास्टर-जी, मैडम के पास इतना अच्छा खज़ाना है, इसे पूरी तरह से कवर करके क्यों रखना चाहिए?

मास्टर-जी: नहीं, नहीं। वह ठीक है। लेकिन मैं केवल यह कह रहा था कि मेरे अन्य ग्राहक ...

मैंने दीपू की टिप्पणी पर आपत्ति की ।

कहानी जारी रहेगी

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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -25

आपत्तिजनक निरक्षण


मैंने आपत्तिजनक लहजे में दीपू से कहाः

मैं: दीपू आपका क्या मतलब है? मैं ऐसा जानबूझकर करती हूं?

दीपू: नहीं नहीं मैडम। मैंने तो ऐसे ही कहा । आपने कहा था ... इसे पहनने के बाद आप इसे अपनी गाँड पर फैला देती हो ...अब आप इससे ज्यादा और क्या कर सकते हैं?

दीपू ने समझौतावादी लहजे में कहा जो मुझे अच्छा लगा ।

मास्टर-जी: ठीक है! यदि पैंटी में ही दोष है, तो पहनने वाली क्या कर सकती है।

दीपू: तो मास्टर जी तो यह मैडम की समस्या का मुख्य कारण है?

मास्टर-जी: जाहिर है। जरा तुम खुले भाग को देखो … यह कहते हुए कि मास्टर जी ने अपने अंगूठे और मध्यमा उंगली के बीच एक गैप बनाया और दीपू को मेरी गांड के मांस के ऊपर की दूरी दिखाने की कोशिश की, जो मेरे पैंटी कवर के बाहर थी।

दीपू: मास्टर जी आप इसे अपनी अंगुलियों से भी नहीं ढक पा रहे !

मेरा चेहरा फिर से लाल हो गया था और शायद यह सुनकर मास्टर-जी ने भी पूरी तरह से अपनी उँगलियों से मेरी गांड को सहलाने की कोशिश की।

मैं: आआह!




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मैंने आह सुन कर मास्टर जी ने अपनी पूरी हथेली को अपनी उंगलियों से पूरी तरह से बढ़ा दिया जिससे उनके हाथ ने मेरे दाए नितम्ब की पूरा अपनी गिरफ्त में ले लिया । मुझे भी अपनी चूत में गीलापन महसूस हो रहा था और मेरे चूतरस को बूँदें अब मेरी पैंटी में से बाहर निकालने लगीं थी । और जैसा कि उम्मीद थी, उसने अपनी पूरी हथेली के साथ मेरी बहुत गांड का मांस पकड़ कर उसे एक जोरदार तरीके से निचोड़ दिया।

मुझे अभूतपूर्व आनंद का अनुभव हुआ और दूसरी तरफ दीपू भी मेरी साड़ी के नीचे मेरे बाये गोल नितम्बो की चिकनाई महसूस कर रहा था

मैंने इसके बाद इस 'कभी न खत्म होने वाली' कपड़ो के माप की प्रक्रिया को पूर्ण विराम लगाने का प्रयास किया।

मैं : जो भी मास्टर-जी, आप बस मुझे उचित आकार की पैंटी सी कर दे दीजिये ।

मास्टर-जी: मैडम! केवल यही कारण है कि मैं जाँच कर रहा हूँ। दीपू, बस मैडम के लिए दो इंच का अतिरिक्त बैक कवर लगाना है याद रखना ।

दीपू ने अपनी उँगलियों को मेरी दाईं गांड पर थोड़ा सा घुमाया जैसे कि यह जांचने के लिए कि मेरी गांड कितनी ढकी होगी अगर वह अतिरिक्त कपडा मेरी पैंटी से जुड़ा हुआ हो।

दीपू: क्या वो काफी होगा मास्टर-जी? क्या आपने इस हिस्से की जाँच की है, यह बहुत चिकनी तंग और उछालभरी है! मुझे डर है कि पैंटी फिर से फिसल सकती है।

मास्टर-जी: कौन सा हिस्सा? मध्य? हम्म।

तंग और उछालभरी? दीपू मेरी गांड के बीच के हिस्से का जिक्र कर रहा था और मेरी गांड के मांस की लोच की जाँच करने के लिए अपनी उंगली से सहला रहा था ! मुझे ऐसा लगा मुझे शर्म से पानी में डूब जाना चाहिए ये दोनों मेरी सारी शर्म और स्वाभिमान की परीक्षा ले रहे थे।

वह रुक गया और मैंने महसूस किया की मास्टर-जी का अंगूठा मेरी बायीं नितम्ब के गाल के ऊपर था और उस बूढ़े बदमाश ने जाहिर तौर पर मेरे बड़े-बड़े गोल मांसल नितम्बो को फिर से निचोड़ने का मौका नहीं छोड़ा और वो मेरे गदराये हुए चिकने नितम्बो और गांड की चिकनाई का आनंद ले रहा था । मैं भी तेजी से गर्म हो रही थी और मेरे नितंब भी अब पर्याप्त गर्मी का उत्सर्जन कर रहे थे।

मुझे यकीन था कि मास्टर-जी और दीपक दोनों ही स्पष्ट रूप से मेरी इस हालत से वाकिफ थे । क्योंकि मैं तेजी से असहज और यौन उत्तेजित हो रही थी इसलिए थास्वाभाविक रूप से मैं अपनी गांड को और अधिक तेजी से हिला रही थी।

मास्टर-जी: मैडम, मुझे आपकी तारीफ करनी चाहिए। आपकी उम्र में और शादी के बाद भी आपके पास ऐसी चुस्त गांड और मस्त नितम्ब है।

दीपू : मास्टर-जी, अपने पति के बारे में भी सोचिए, वह कितना भाग्यशाली है।

मास्टर-जी: हा हा। बेशक दीपू ।

दीपक: इनका पति इस मस्त गांड को पूरे दिन, पूरी रात में छू सकता है ...

मास्टर-जी: एक बेवकूफ दीपू की तरह बात नहीं करते। दिन में वो ऑफिस में होता होगा या व्यवसाय करता होगा । वह इन्हे पूरे दिन कैसे छू सकता है? हा हा हा।

दीपू भी इस नीच श्रेणी के चुटकुले में हँसी की गड़गड़ाहट में शामिल हो गया और लगभग एक साथ दोनों ने मेरी गाण्ड पर कस के निचोड़ दिया और मेरी साड़ी के ऊपर से मेरे नितम्ब के मांस को सहलाने लगे तो मैं रेगिस्तान में पानी के लिए प्यासे यात्री की तरह हाफने लगी ।दर्जी के द्वारा - इस तरह की टिप्पणी! और इसके अलावा, स्वतंत्र रूप से मेरे नितम्बो के साथ छेड़ छाड़. मैं इन दोनों के साहस को देखकर चकित थी ।

मेरे कूल्हों इस समय उनकी गिरफ्त में इसलिए थे क्योंकि मैं इस समय कोई हंगामा नहीं करना चाहती थी, मैने औलाद की चाह में इसे इलाज का हिंसा मानते हुए इन हालात से समझौता कर लिया था । अगर यह आश्रम नहीं होता, तो एक तेज तंग थप्पड़ इस दीपू और मास्टर को ऐसा सबक सिखाता की सब होशियारी और बदमाशी भूल जाते और में इन्हे जेल की हवा खिलवाती । उसने यह कहने की हिम्मत कैसे की कि "वह मेरी गांड को पूरे दिन, पूरी रात छू सकता है ..." : आह! आउच!

मेरी उत्तेजना बार-बार मेरी शर्म पर हावी हो रही थी। जिस तरह से ये दोनों मर्द मुझे उस बेहद संवेदनशील जगह पर दबा रहे थे, उससे मैं लगभग एक रंडी की तरह बर्ताव कर रहा था, मैं अपने दोनों बूब्स को दबा रही थी और मेरे निगम्बो को निचोड़ रहे थे और मेरे नितम्ब झटके दे रहे थे , और वो मेरी साड़ी के नीचे मेरी भारी गाण्ड को भी सहला रहे थे।

दोनों पुरुष अब बेतरतीब ढंग अपनी उंगलियों से मेरी गांड के बीच में मेरी साड़ी और पेटीकोट के ऊपर से मेरे नितंबों के अंदर अपनी उंगलिया घुसा रहे थे और मेरे नियतमबो और गांड की दृढ़ता की जाँच कर रहे थे। मेरे होंठ अब बार बार सूख रहे थे और उन्हें गीला रखने के लिए मैं बार बार अपनी जीभ अपने होंठो पर फिरा रही थी और मेरे निप्पल बेहद तने हुए थे जो अब बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे की उन्हें भी मसला जाएl

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, और उस अश्लील दृश्य में मेरे द्वारा की जा रही अश्लीलता का प्रदर्शन को देखने की कल्पना करने लगी - दो पुरुष अकड़ू बैठे हुए कैसे मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी गाण्ड को सहला रहे थे और मैं किस सेक्सी तरह से अपनी गांड को मटका रही थी और अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी साड़ी के पल्लू के नीचे से मेरे निप्पलों को मसल रही थी ।

ये अश्लील और असभ्य कृत्य कुछ देर ऐसे ही चला और फिर मास्टर-जी की टिप्पणी की , "ठीक है मैडम, हमारा काम लगभग पूरा हो गया है l "

मैंने सोचा शुक्र है ये खत्म हुआ ।

मास्टर-जी: दीपू , मुझे लगता है कि पैंटी के दोनों किनारों पर लोचदार सिलाई के साथ तीन इंच अतिरिक्त कपड़े मैडम की समस्या को हल करेंगे।

दीपू : जैसा आपको सही लगे मास्टर जी।

दोनों खड़े हो गए और मैंने तुरंतअपने को इस दोनों के हाथो को छुड़ाने के लिए एक कदम आगे हो गयी और तब तक ये दोनों लगातार मेरे नितम्बो को सहलाते रहे ।

मास्टर-जी: ठीक है मैडम, आखिरकार आपका माप पूरा हो गया ! मैं आपकी पोशाक और अंडरगारमेंट्स के साथ रात 09:00 बजे तक यहाँ वापस आ जाऊंगा। चूंकि महा-यज्ञ प्रारंभ समय लगभग 11:00 बजे है, इसलिए हमारे पास पर्याप्त समय होगा यदि आपको कपड़ो में में किसी और सुधार की आवश्यकता होगी तो वो भी कर सकेंगे ।

मैं: उफ्फ! ठीक है मास्टर जी।

मैंने एक गहरी साँस ली और मेरा पूरा शरीर अब दर्द कर रहा थाl

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बढ़िया अपडेट है । कपड़ों की सिलाई का माप लेने के बहाने से दोनों मजे ले रहे है
 

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CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -26


कुछ पल विश्राम


मैंने एक गहरी सांस ली मेरा पूरा शरीर अब दर्द कर रहा था, क्योंकि मेरे नितम्बो से एक लम्बी अवधि के किये पुरुषो ने छेड़खानी और खिलवाड़ किया था और ये बहुत थकाने वाला था । मैंने अपनी साडी का पल्लू समायोजित किया और साड़ी को अपने नितंबो पर ठीक कर सभ्य दिखने की कोशिश की। दीपू को अपने बैग में सिलाई के नोट्स और टुकड़ों को इकट्ठा करने की जल्दी थी और मास्टर जी ने रात में 9 बजे तक वापस आने का वादा करते हुए मुझसे जाने की इजाजत ली ।

मेरे कमरे से दर्जी-युगल केजाने होने के बाद भी, मैं कुछ समय के लिए एक मूर्ति की तरह खड़ी हुई यह महसूस करने की कोशिश कर रही थी कि मैं पिछले एक घंटे में क्या कर रहे थी और इसके आगे मेरे साथ और क्या क्या होने वाला है । मैं शौचालय गयी और ठंडे पानी से अपना चेहरा, गर्दन और हाथ धोये और अपनी जगी हुई कामुक भावनाओंको शांत करने की असफल कोशिश की। मैंने अपना चेहरा भी नहीं पोंछा और कमरे में वापस आयी और बिस्तर में कूद कर लेट गयी ।

मेरे साथ जो हुआ था उसे याद करके मैंने अपनी चूत में ऊँगली करके अपनी वासना को शांत करने को कोशिश की जिससे मैंने अपनी योनि से अपनी पैंटी में कुछ तरल पदार्थों का निर्वहन किया और फिर खुद को इन 'गर्म' भावनाओं से बाहर निकालने का प्रयास किया।

इस हस्त मैथुन करके मैं कुछ समय बाद सफल हुई और फिर मैंने महा-यज्ञ के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का प्रयास किया। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उस पर ध्यान केंद्रित किया,लेकिन ये मुझे बहुत कठिन लगा। ध्यान करते ही नींद बहुत जल्दी आती है और मेरे साथ भी यही हुआ .

एक बिंदु पर मुझे बहुत नींद आने लगी और मैंने थोड़ी देर के लिए सोने का फैसला किया। मैंने बस अपनी लेटी हुई पोज़िशन से अपनी कमर उठाई और अपनी साड़ी और पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल कर अपनी गीली पैंटी को बाहर निकाल लिया। मैंने उसे कमरे के कोने में फेंक दिया और ततकाल झपकी ले ली । मुझे नहीं पता था कि मैं कितनी देर सोयी , लेकिन कुछ समय बाद दरवाजे पर दस्तक से मेरी नींद बाधित हुई। मैंने दरवाजा खोला तो परिमल दरवाजे पर था।

परिमल: जय लिंग देव मैडम। आप इस समय सो रही है?

मुझे हमेशा इस छोटे कद वाले परिमल को देखा कर हसी आती थी और मैंने किसी तरह से अपनी हसि को रोका । मुझे नहीं पता था कि हर बार उसे देख कर मुझे मजा क्यों आता था ।

मैं: वास्तव में मास्टर-जी को माप देने में काफी समय लग गया था इसलिए…

परिमल: हूं। वास्तव में गुरु-जी ने आपके लिए यह पुस्तक दी। मैडम, आप फ्रेश हो जाओ तब तक मैं आपके लिए चाय ले लाऊंगा। फिर आप इस पुस्तक को पढ़ लीजियेगा ।

यह एक विचार अच्छा लगा । मुझे अभी भी कुछ नींद आ रही थी और मैंने अपनी चूत के आस-पास हल्की खुजली महसूस की, मुझे तुरंत याद आया कि मैंने पैंटी नहीं पहनी हुई थी। मैंने अपनी आंख के कोने से कमरे के कोने तक देखा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वो कहाँ पड़ी हुई है । भगवान का शुक्र है! परिमल ने एक कोने में पड़ी हुई मेरी पैंटी पर गौर नहीं किया था। लेकिन निश्चित रूप से उसकी आँखें मेरी साड़ी के पल्लू के नीचे मेरी छाती और मेरे स्तनों पर घूम रही थीं, हालाँकि उसकी ऊँचाई इतनी ही थी कि उसकी नज़रसीढ़ी मेरे स्तनों पर ही पड़ती थी ।

निर्मल: मैडम, गुरु-जी ने भी आपको ये भी सूचित करने के लिए कहा था कि आप रात 11 बजे तक महा-यज्ञ के लिए तैयार रहें। हालाँकि अभी उसमे काफी समय है और आप आराम से त्यार हो सकती हैं , फिर भी मैंने आपको गुरु जी के आदेश से अभी ही अवगत करा दिया है ।

मैं: ठीक है, धन्यवाद ।

वह चला गया और मैंने तुरंत अपनी पैंटी लेने के लिए कमरे के कोने में भाग कर गयी और उसे उठा कर अलमारी में रख दिया। मैं पैंटी के बिना बेहतर महसूस कर रही थी और मैंने कुछ देर पेंटी ना पहनने का फैसला किया, क्योंकि अब मैं अब काफी देर तक केवल अपने कमरे तक ही सीमित रहने वाली थी । परिमल कुछ ही मिनटों में ही चाय ले कर वापस आ गया और उस समय तक मैंने शौचालय का इस्तेमाल किया। चाय खत्म होने के बाद, मैंने किताब ली और उसके पन्ने पलटे । यह तांत्रिक पूजा पर एक किताब थी। पुस्तक में लिंग पूजा, योनी पूजा, स्त्री पूजा इत्यादी के विषय और उनका विशद विवरण और व्याख्याएँ थी ।

कहानी जारी रहेगी

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