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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -27


ज्ञान




मैं काफ़ी लंबे समय तक पुस्तक से चिपकी रही सबसे पहले पुस्तक में तांत्रिक क्रियाओ के बारे में संक्षेप में बताया था की लिंग पुराण में सृष्टि के नैसर्गिक सामंजस्य का तात्विक ज्ञान भगवान् शिव ने दिया है। सभी ग्रन्थ मनुष्य मात्र के लिए ध्यान योग के अभ्यास से ही आत्मज्ञान पाने का सहज मार्ग दिखलाते हैं ।


पुस्तक में स्पष्ट लिखा था कि क्रिया की साधना के द्वारा गृहस्थ भी साधू है, धारण करने योग्य कर्म ही धर्म है और धारण न करने योग्य कर्म ही अधर्म है । मैं लिंग में ही ध्यान करने योग्य हूँ ।मुझ से उत्पन्न यह जगत की योनी है, प्रकृति है । लिंग वेदी हैं और लिंग ही पुरुष है हैं। पुर अर्थात देह में शयन करने के कारण पुरुष कहा जाता है। लिंग पुरुष रूप हूँ और योनि प्रकृति का रूप है, सब नरों के शरीर में दिव्य रूप विराजमान हैं, इसमें संदेह नहीं करना चाहिए. सब मनुष्यों का शरीर दिव्य शरीर है । युक्त योगियों का शरीर शुभ भावना से है।

हर स्त्री में योनि का अंश है । दसो पूजनीय रूप भी योनी में निहित है। अतः पुरुष को अपना आध्यात्मिक उत्थान करने के लिए मन्त्र उच्चारण के साथ देवी के दस रूपों की अर्चना योनी पूजा द्वारा करनी चाहिए ।

सभी योगेश्वर भी योनी पूजा कर योनी तत्त्व को सादर मस्तक पर धारण करते थे ऐसा योनी तंत्र में कहा गया है क्योंकि बिना योनी की दिव्य उपासना के पुरुष की आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं है । सभी स्त्रियाँ में योनि का अंश होने के कारण इस सम्मान की अधिकारिणी हैं" । अतः अपना भविष्य उज्ज्वल चाहने वाले पुरुषों को कभी भी स्त्रियों का तिरस्कार या अपमान नहीं करना चाहिए ।

यह वैज्ञानिक सत्य है कि पुरुष शरीर में निर्मित होने वाले शुक्राणु किसी अज्ञात शक्ति से चालित होकर अंडाणु से संयोग करने के लिए गुरुत्वाकर्षण के नियम का उल्लंघन करके आगे बढ़ते हैं। योग और अध्यात्म विज्ञान के अनुसार शुक्राणु जीव आत्मा होते हैं जो शरीर पाने के लिए अंडाणु से संयोग करने के लिए भागते हैं। इस सत्य से यह सिद्ध होता है कि अरबों खरबों शुक्राणुओं में से किसी दुर्लभ को ही मनुष्य शरीर प्राप्त होता है । इस भयानक संग्राम में विजयी होना निश्चय ही जीव आत्मा की सब से बड़ी उपलब्धि है जो हमारी समरण शक्ति में नहीं टिकती।

मानव शरीर प्रकृति के चौबीस तत्वों से बना है जो हैं-पांच ज्ञानेन्द्रियाँ (आँख, नाक, कान, जीभ व त्वचा) , पांच कर्मेन्द्रियाँ (हाथ, पैर, जननेद्रिय, मलमूत्र द्वार और मूंह) , पञ्च कोष (अन्नमय, प्राण मय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय) , पञ्च प्राण (पान, अपान, सामान, उदान, व्यादान) , मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार । आत्मा इनका आधार और दृष्टा है और ईश्वर का ही प्रतिबिम्ब है जो दिव्य प्रकाश स्वरूप है जिसका दर्शन ध्यान और समाधि में किसी को भी हो सकता है।

सहस्रार में प्रकाश दीखने पर वहाँ से अमृत वर्षा का-सा आनंद प्राप्त होता है जो मनुष्य शरीर की परम उपलब्धि है । जिसको अपने शरीर में दिव्य आनंद मिलने लगता है वह फिर चाहे भीड़ में रहे या अकेले में; चाहे इन्द्रियों से विषयों को भोगे या आत्म ध्यान का अभ्यास करे उसे सदा परम आनंद और मोह से मुक्ति का अनुभव होता है ।

मनुष्य का शरीर अनु-परमाणुओं के संघटन से बना है । जिस तरह इलेक्ट्रौन, प्रोटोन, सदा गति शील रहते हैं किन्तु प्रकाश एक ऊर्जा मात्र है जो कभी तरंग और कभी कण की तरह व्यवहार करता है उसी तरह आत्म सूर्य के प्रकाश से भी अधिक सूक्ष्म और व्यापक है । यह इस तरह सिद्ध होता है कि सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में कुछ मिनट लगे हैं जब की मनुष्य उसे आँख खोलते ही देख लेता है ।अतः आत्मा प्रकाश से भी सूक्ष्म है जिसका अनुभव और दर्शन केवल ध्यान के माध्यम से होता है ।

जब तक मन उस आत्मा का साक्षात्कार नहीं कर लेता उसे मोह से मुक्ति नहीं मिल सकती । मोह मनुष्य को भय भीत करता है क्योंकि जो पाया है उसके खोने का भय उसे सताता रहता है जबकि आत्म दर्शन से दिव्य प्रेम की अनुभूति होती है जो व्यक्ति को निर्भय करती है क्योंकि उसे सब के अस्तित्व में उसी दिव्य ज्योति का दर्शन होने लगता है।

इस ज्ञान को धारण कर जब पति पत्नी आध्यात्मिक तादात्म्य स्थापित कर दैहिक सम्बन्ध द्वारा किसी अन्य जीव आत्मा का आव्हान संतान के रूप में करते हैं तो वह सृष्टि के कल्याण और संरचना के लिए महान यग्य संपन्न करते हैं।


कहानी जारी रहेगी
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -28


मुद्रा

सचाई को जनना ज़रूरी होता हे। तंत्र को योग को भी कहते है। योग भी कई प्रकार के होता हे जैसे शरीर द्वारा व्यायाम, ध्यान और औषधियाँ के मिश्रण को नक्षत्र में लाकर रोगो कि चिकित्सा करना तथा मंत्र सक्ति से सुद्ध करना ही तंत्र हे। तंत्र और योग पूर्णतया वैज्ञानिक है ।

हमारा हिन्दू तंत्र मंत्र सनातन और बडा विज्ञान मय हे। तंत्र मंत्र योग आदि सब का स्थान विशेष हे।

तंत्र में मुद्रा का विशेष महत्त्व हे यह हमारे अंगो के मोड ने से बनती हे जिस के द्वारा देवता को द्रवित और प्रसंन्न करना हे।

देवता को खुस करने को शरीर से द्रवित और प्रसन्न करना आवश्यक है। जिसके लिए उस मुद्रा में योनि मुद्रा दरशायी गयी है,



MUDRA

योनि मुद्रा-ये मुद्रा कामवासना पर काबु करती हे।



योनी तंत्र जैसे सामाजिक रूप से कलंकित और जटिल तंत्र के बारे कहते हैं की-भारत के ऋषियों नें जो भी मनुष्य को दिया वो अत्यंत श्रेष्ठ और उच्चकोटि का ज्ञान ही था. जिसमें तंत्र भी एक है. तंत्र में एक दिव्य शब्द है 'योनी पूजा' जिसका बड़ा ही गूढ़ और तात्विक अर्थ है. किन्तु कालान्तर में अज्ञानी पुरुषों व वासना और भोग की इच्छा रखने वाले कथित धर्म पुरोधाओं ने स्त्री शोषण के लिए तंत्र के महान रहस्यों को निगुरों की भांति स्त्री शरीर तक सीमित कर दिया. हालांकि स्त्री शरीर भी पुरुष की भांति ही सामान रूप से पवित्र है. लेकिन तंत्र की योनी पूजा सृष्टि उत्पत्ति के बिंदु को 'योनी' यानि के सृजन करने वाली कह कर संबोधित करता है.

कहानी जारी रहेगी
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -29


योनि पूजा

पुस्तक में योनि पूजा के बारे में और भी बहुत सारा ज्ञान था तो मैंने कुछ पन्ने पलटे तो उसमे योनि पूजा के बारे में बहुत सारा ज्ञान था उसमे से कुछ हिस्सा जो मुझे काफी रोचक लगा

औलाद की चाह

CHAPTER 6-पांचवा दिन

महायज्ञ की तैयारी-

'महायज्ञ परिधान'

Update-31

योनि पूजा

निश्चित तौर पर योनि तंत्र काफ़ी रह्स्य पूर्ण है और गुप्त विद्या है और इसे बिना गुरु की आज्ञा, समर्पण के बिना और सहायता के नहीं करना चाहिए. योनि तंत्र साधना सम्पूर्ण तौर पर योनि पूजा पर ही आधारित है ।

योनि तंत्र-सृष्टि का प्रथम बीज रूप उत्पत्ति योनि से ही होने के कारण तंत्र मार्ग के सभी साधक 'योनि' को आद्याशक्ति मानते हैं। लिंग का अवतरण इसकी ही प्रतिक्रिया में होता है। लिंग और योनि के घर्षण से ही सृष्टि आदि का परमाणु रूप उत्पन्न होता है। इन दोनों संरचनाओं के मिलने से ही इस ब्रह्माण्ड और सम्पुर्ण इकाई का शरीर बनता है और इनकी क्रिया से ही उसमें जीवन और प्राणतत्व ऊर्जा का संरचना होता है। यह योनि एवं लिंग का संगम प्रत्येक के शरीर में चल रहा है।


योनी तंत्र के अनुसार शक्तियों का निवास प्रत्येक नारी की योनी में है। क्योंकि हर स्त्री योनि का ही अंश है। दस पूज्नीय रूप भी योनी में निहित है। अतः पुरुष को अपना आध्यात्मिक उत्थान करने के लिए मन्त्र उच्चारण के साथ योनी पूजन द्वारा करनी चाहिए।

योनी तंत्र में कहा गया है क्योंकि बिना योनी की दिव्य उपासना के पुरुषकीआध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं है।

सभी स्त्रियाँ इस सम्मान की अधिकारिणी हैं। अतः तंत्र साधक हो या आम मनुष्य कभी भी स्त्रियों का तिरस्कार या अपमान नहीं करना चाहिए [

मैं काफ़ी लंबे समय के लिए पुस्तक से चिपके हुए थी और विस्तृत यज्ञ प्रक्रियाओं में तल्लीन थी और उत्सुकता से पुराण से निकाले गए अंशो और छंदों को पढ़ रही थी निम्न अंश मुझे दिलचस्प लगे:

योनी की पूजा करके एक निश्चित रूप से नारी शक्ति की ही पूजा की जाती है। तंत्र और मंत्र की तैयारी योनी की पूजा के बिना सिद्धि नहीं देती है।

योगी को तीन बार फूलो के साथ योनी के सामने झुक कर प्रणाम करना चाहिए।

रजस्वला योनी के साथ ही युगल होना चाहिए (अर्थात जिसे मासिक धर्म होता हो ऐसी योनि के साथ ही युगल करना चाहिए)


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अगर सौभाग्य से कोई ब्राह्मण लड़की का साथी है, तो उस व्यक्ति को उस ब्राह्मण कन्या या स्त्री के योनी तत्व की पूजा करनी चाहिए। अन्यथा, अन्य योनियों की पूजा करें। बिना योनी पूजा के, सभी फल रहित हैं।



इस महान रहस्य को वैसे तो मुझे इसे छुपाना चाहिए। मंत्र पीठ यन्त्र सभी की उत्पत्ति योनी में हुई है और इसी से वे शक्तिशाली हुए हैं । योनी की पूजा करने से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।



यदि कोई व्यक्ति मासिक धर्म के फूलों के साथ पूजा करता है, तो उसके भाग्य पर भी उसका अधिकार होता है। इस तरह से अधिक से अधिक पूजा करने से वह मुक्त हो सकता है। इस प्रकार की मासिक धर्म के फूलो वाली योनी की पूजा करने का फल, दुख के सागर से मुक्ति देने वाला, जीवन और उन्नत जीवन शक्ति है। जिस योनी से मासिक धर्म का रक्त निकलता है वह पूजा के लिए सर्वथा उपयुक्त है।

एक ऐसी योनी की पूजा न करें, जिसमें कभी मासिक धर्म नहीं हुआ है। अगर हर बार एक कुंवारी कन्या की योनि (जिसका कौमार्य भंग) नहीं हुआ है कि पूजा करना संभव न हो तो ऐसे योनि की अनुपस्थिति में किसी युवती या किसी सुंदर महिला की धोनी की, बहन की या महिला की योनि या पुतली की पूजा करें। प्रतिदिन योनी की पूजा करें, अन्यथा मंत्र का उच्चारण करें। योनी पूजा के बिना बेकार पूजा न करें।

एक योनी की पूजा करने की इच्छा रखने वाला साधक को स्तंभन होना चाहिए और योनी जो कि शक्ति है उसमे प्रवेश करना चाहिए। इन पर फूल आदि चढ़ाने चाहिए, यदि इसमें असमर्थ हैं, तो शराब के साथ पूजा करें।



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एक को अपनी संगिनी की योनी में, उसकी अनुपस्थिति में ही किसी दूसरी युवती की योनि या फिर किसी कुंवारी की योनि और उसकी अनुपस्थिति में अपनी शिष्य की योनि पर श्रद्धा से टकटकी लगानी चाहिए। योनि के माध्यम से ही आनद और मुक्ति मिलती है। भोग के माध्यम से सुख प्राप्त होता है। इसलिए, हर प्रयास से, एक साधक को भोगी होना पड़ता है।

बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा योनी के दोष, घृणा या शर्म से बचना चाहिए। योनी के किनारे पर अमृत चाटना चाहिए, जिससे किसी के शरीर या निवास स्थान में बुराई निश्चित रूप से नष्ट हो जाती है। इससे सब पाप भी नष्ट हो जाते हैं और अभीष्ट फल प्राप्त होता है

योनि साधना के बिना, सभी साधना व्यर्थ है इसलिए, योनी पूजा करें। और गुरु के प्रति समर्पण के बिना कोई सिद्धि नहीं है।

इस ज्ञान में तंत्र भी एक है। तंत्र में एक दिव्य शब्द है 'योनी पूजा' जिसका बड़ा ही गूढ़ और तात्विक अर्थ है। किन्तु कालान्तर में अज्ञानी पुरुषों व वासना और भोग की इच्छा रखने वाले पुरोधाओं ने स्त्री शोषण के लिए तंत्र के महान रहस्यों को निगुरों की भांति स्त्री शरीर तक सीमित कर दिया। हालांकि स्त्री शरीर भी पुरुष की भांति ही सामान रूप से पवित्र है। लेकिन तंत्र की योनी पूजा सृष्टि उत्पत्ति के बिंदु को 'योनी' यानी के सर्जन करने वाली कह कर सम्बोधित करता है।


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मुझे पता ही नहीं चला पुस्तक पढ़ते हुए समय कैसे बीता,

लगभग पौने नौ बजे जब मैं अपना मुँह धो रही थी तब मास्टर-जी और दीपू फिर से प्रकट हुए ।

कहानी जारी रहेगी



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1. पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

2- औलाद की चाह

3. मेरे अंतरंग हमसफ़र
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -30


सुसन्तति की प्राप्ति

उसे बाद पुस्तक में ने पूरी विधि और नियम और गर्भदान की कहानिया विस्तार से समझायी हुई थी

औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

महायज्ञ की तैयारी-

‘महायज्ञ परिधान'

Update -27A




योनि (वेजाइना) के बारे में जानकारी


महिला के यौनांग शरीर के अन्दर एवं बाहर होते हैं। ’योनि‘ शब्द का प्रयोग अक्सर महिला के जननांग या यौनांग के लिए किया जाता है जबकी योनि यौनांगों का सिर्फ एक भाग है। योनि एक नली या द्वार है जो बाहरी यौनांगों को भीतरी यौनांगों से जोड़ती है।

योनी
योनी बाहर के यौन अंग और बच्चादानी (गर्भाशय) के बीच का रास्ता है। यह वह जगह है जहां मासिक धर्म का खून शरीर से निकलता है, जहां से पुरूष का लिंग संभोग के दौरान अंदर जाता है, और जहां से पैदा होने पर बच्चा बाहर निकलता है।

योनी की दीवारों पर चिपचिपी झिल्ली होती है - जो आपके मुंह के अंदर जैसी नमी पैदा करती है। यह नमी संभोग के लिए चिकनाई देती है, जिससे संभोग ज़्यादा आरामदायक और सुखद हो जाता है, और यह बिमारी से भी बचाती है।
जब आप यौन के लिए उत्तेजित होती हैं, तो आपकी योनी गीली हो कर ढीली पड़ जाती है। इससे आपको योनी के अंदर एक उंगली या लिंग घुसाने में मदद मिलती है। चूंकि योनी एक मांस पेशी है, यह कड़ी या ढीली हो सकती है, और आप इसे कुछ क़ाबू में रख सकती हैं।

vagina-and-more.jpg


अपने लिए खुद महसूस करें
• पेशाब करते वक्त अपनी मांसपेशियों को निचोड़ें और छोड़ दें। आप अपने पेशाब की गति और मात्रा पर कुछ क़ाबू कर सकती हैं। ये वही मांस पेशियां हैं जो योनी को कसते हैं। आप संभोग के दौरान भी उनका इस्तेमाल कर सकती हैं।
• एक आईना लें और अपनी योनी के मुख को देखें। छू कर महसूस करें कि आपकी योनी कैसी है।
vagina-internal.jpg


• अपनी योनी के अंदर एक उंगली डालें। अंदर आपके गालों की तरह मुलायम लगता है, और आपके मुंह के ऊपर के जैसा थोड़ा ऊबड़-खाबड़ भी महसूस होता है।
• अपनी योनी को सहलाएं। देखें कि आपको क्या अच्छा लगता है और कैसे उत्तेजित महसूस होता है। इस तरह आप संभोग के चरम तक पहुँच सकती हैं। हस्तमैथुन करना - अपने आप पर संभोग - अपनी पसंद को जानने का एक अच्छा तरीका है। जितना बेहतर आप जानेंगी कि आपको क्या उत्तेजित करता है, उतना ही आपके लिए किसी दूसरे इंसान के साथ संभोग का आनंद लेना आसान होगा।
एक महिला के शरीर के बारे में और जानने के लिए हमारा वीडियो देखें।


पेलविक फ्लोर
आपके मलद्वार, योनी और मूत्रमार्ग के छेद के आसपास की मांस पेशियों को पेलविक फ्लोर की मांस पेशियां कहते हैं। मूत्रमार्ग का छेद आपके जांघों की हड्डियों (प्यूबिक बोन) और रीढ़ की आखिरी, निचले हिस्से (कोक्सीक्स, या टेलबोन) के बीच होता है।
जांघों की हड्डी आपके पेट के नीचे होती है, ठीक योनी के ऊपर। कोक्सीक्स, या टेलबोन आपकी राढ़ की हड्डी के नीचे होता है जो कि आपके गुदा ठीक ऊपर होता है।


• अपने पेलविक फ्लोर की मांस पेशियों को कसें और ढीला छोड़ें। ऐसा करने से पेशाब को बीच में रोक कर जैसा लगता है, वैसा महसूस होगा।
• आप अपनी योनी के आस पास की मांस पेशियों में खिंचाव को एक उंगली से महसूस कर सकती हैं। अपनी योनी के अंदर एक उंगली डालें, फिर उसके के चारों ओर के मांस पेशियों को निचोड़ें।
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बच्चादानी
गर्भ, बच्चादानी या गर्भाशय, वह जगह है जहां एक बच्चा आपके अंदर बढ़ सकता है। यह मजबूत मांस पेशियों से बने एक थैले की तरह है, जो आपके पेट में काफी नीचे होता है।
जब आप गर्भवती नहीं होती हैं तो इसकी लंबाई 7.5 और 10 सेमी (3 और 4 इंच) के बीच रहती है। यह उल्टे नाशपाती के आकार का होता है।
गर्भ की आंतरिक दीवार वह जगह है जहां एक उपजाऊ अंडे एक बच्चे में विकसित हो सकता है। बढ़ते हुए बच्चे को पकड़े रहने के लिए, गर्भाशय की लंबाई 31 सेमी (12 इंच) तक बढ़ सकती है।
आपके मासिक धर्म का खून भी गर्भ से ही आता है। यदि कोई उपजाऊ अंडा गर्भ की दीवार से खुद को नहीं जोड़ पाता है, गर्भाशय अपनी परत को गिरा देता है जो योनी से रक्त के रूप में शरीर से बाहर आता है।
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सर्विक्स या गर्भाशय का गला - खुद महसूस करें
बच्चेदानी के प्रवेश द्वार को सर्विक्स या गर्भाशय का गला कहते हैं। आप अपनी योनी के अंदर एक उंगली डाल कर इसे खुद महसूस कर सकती हैं। यह आपकी नाक की नोक की तरह चिकना और सख्त होता है। जब आप उत्तेजित होती हैं तो इस तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि तब यह योनी को लंबा बनाने के लिए ऊपर चली जाता है।
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अंडाशय के बारे में और
अंडाशय
अंडाशय गर्भ के दोनों तरफ होते हैं। वे अंडा कोशिकाओं और एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करते हैं। एस्ट्रोजेन हार्मोन आपके शरीर को युवावस्था के दौरान बदलने में मदद करता है, जिससे आपका स्तन बनता है और आपका शरीर यौन संबंध के लिए तैयार होता है। एस्ट्रोजेन के साथ मिलकर, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान बच्चेदानी की दीवारों को मोटा बनाता है।
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गर्भाशय नाल या फैलोपियन ट्यूब
फैलोपियन ट्यूब, बच्चेदानी के प्रत्येक तरफ होते हैं। यह अंडाशय को बच्चादानी से जोड़ते हैं। यह उन अंडों को अंडाशय से गर्भ ले जाते हैं, जो कि उपजाऊ नहीं हैं।
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अंडों की कोशिकाएं

हर महिला अपने अंडाशय में लगभग 250,000 अंडे के साथ पैदा होती हैं। इसका मतलब है कि जब आप पैदा होती हैं तो वह अंडा जो आपके बेटे या बेटी बनने के लिए एक दिन बढ़ सकता है, पहले से ही आपके अंडाशय के अंदर मौजूद होता है! अंडे एक बहुत छोटे पिन के सिरे के आकार के होते हैं।

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स्त्री बीज जनन या ओव्यलैशन
जब आप युवावस्था पाती हैं, तो हार्मोन अंडाशयों को हर महीने - लगभग 28 दिनों पर – एक अंडा निकालने के लिए संकेत देना शुरू करते हैं। इसे स्त्री बीज जनन या ओव्यलैशन कहा जाता है। अंडे फिर फैलोपियन ट्यूब से बच्चादानी तक पहुँचते हैं।
यदि एक शुक्राणु कोशिका अंडे को उपजाऊ कर पाता है, तो अंडा खुद को गर्भ की दीवार में गड़ा कर, एक बच्चे के रुप में बढ़ने लगता है। अगर अंडा शुक्राणु कोशिका से उपजाऊ नहीं होता है, तो वह आपके मासिक धर्म के दौरान आपकी योनी से खून के साथ बाहर निकल जाएगा।
ओव्यलैशन के समय, आपके गर्भवती होने की सबसे ज़्यादा उम्मीद होती है। इस दौरान आपका शरीर सबसे ज़्यादा उपजाऊ होता है। इसका मतलब है कि आपके ओव्यलैशन के पांच दिन पहले या एक दिन बाद।


कहानी जारी रहेगी

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Update -31


पुस्तक


जिन्हे इस विषय पर कोई भी आपत्ति है वो इस अंश के लिए योनि तंत्र नामक पुस्तक पढ़े उसे बाद पुस्तक में ने पूरी विधि और नियम और गर्भदान की कहानिया विस्तार से समझायी हुई है


निश्चित तौर पर योनि तंत्र काफी रह्स्य पूर्ण है और गुप्त विद्या है और इसे बिना गुरु की आज्ञा, समर्पण के बिना और सहायता के नहीं करना चाहिए. योनि तंत्र साधना सम्पूर्ण तौर पर योनि पूजा पर ही आधारित है .

एक योनी की पूजा करने की इच्छा रखने वाला साधक को जो कि ब्रह्मांड का रूप है, उसे स्तंभन होना चाहिए और योनी जो कि शक्ति है उसमे प्रवेश करना चाहिए . योनि की पूजा करने से व्यक्ति जीवित रहते हुए ही मुक्त हो जाता है

इसमें कोई संदेह नहीं है। इन पर फूल आदि चढ़ाने चाहिए, यदि इसमें असमर्थ हैं, तो शराब के साथ पूजा करें,।

साधक को योनी क्षेत्र में प्राणायाम और पूजा करनी चाहिए। योनी के आधार पर मंत्र का 100 बार पाठ करने के बाद, लिंग और योनी को एक साथ रगड़ना चाहिए।

साधक को स्नान करते समय योनी में टकटकी लगानी चाहिए, तो उसका जीवन फलदायी हो जाता है। इसमें कोई शक नहीं है।

एक को अपनी संगिनी की योनी में, उसकी अनुपस्थिति में ही किसी दूसरी युवती की योनि या फिर किसी कुंवारी की योनि और उसकी अनुपस्थिति में अपनी शिष्य की योनि पर श्रद्धा से टकटकी लगानी चाहिए। योनि के माध्यम से ही आनद और मुक्ति मिलती है । भोग के माध्यम से सुख प्राप्त होता है। इसलिए, हर प्रयास से, एक साधक को भोगी होना पड़ता है ।

बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा योनी के दोष, घृणा या शर्म से बचना चाहिए। जब तक योनी की पूजा नहीं की जाती, तब तक एक लाख साधनाएं भी बेकार हैं।




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योनी के किनारे पर अमृत चाटना चाहिए, जिससे किसी के शरीर या निवास स्थान में बुराई निश्चित रूप से नष्ट हो जाती है। इससे सब पाप भी नष्ट हो जाते हैं और अभीष्ट फल प्राप्त होता है



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योनि साधना के बिना, सभी साधना व्यर्थ है इसलिए, योनी पूजा करें।

गुरु के प्रति समर्पण के बिना कोई सिद्धि नहीं है।

'योनी पूजा' जिसका बड़ा ही गूढ़ और तात्विक अर्थ है.


मुझे पता ही नहीं चला पुस्तक पढ़ते हुए समय कैसे बीता ,

लगभग पौने नौ बजे जब मैं अपना मुँह धो रही थी तब मास्टर-जी और दीपू फिर से प्रकट हुए .




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Nice update
 

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CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी-

परिधान'

Update -32


स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश



मास्टर-जी: मैडम, आपकी सभी ड्रेस तैयार हैं।

मैंने अपना चेहरा तौलिये से पूछ कर सूखा लिया , अपने बालों को हल्के से कंघी किया और फिर मास्टर जी के हाथ से ड्रेस का पैकेट लिया और उसे देखने के लिए बिस्तर पर बैठ गई।

मास्टर-जी भी आगे आकर मेरे बिस्तर पर बैठ गए, दीपू हमारे सामने खड़ा था। मैं अपने भीतर कुछ अजीब महसूस कर रही थी क्योंकि मैंने अपनी साड़ी के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और वो दोनो जिन्होंने मुझे थोड़ी देर पहले मेरे साथ और मेरे नितम्बो के साथ खूब छेड़खानी की थी अब मेरे साथ आ गए थे, हालांकि फिलहाल उन्हें मेरे तथ्य को जानने का कोई मौका नहीं था। मैंने पैकेट खोला तो उसमे अलग रखा हुआ और एक छोटा पारदर्शी पैकेट था।

मैंने चोली और स्कर्ट को निकाला ; दोनों सफ़ेद रंग के थे और कपड़े में वास्तव में मखमली थे l कपड़ो की गुणवत्ता उत्तम थी और मुझे उन्हें छू कर अच्छा लगा। जैसा कि उम्मीद थी कि दोनों मेरे विकसित 28- साल की आयु की फिगर के लिए बहुत छोटे लग रहे थे और साथ ही सभी देख कर मुझे अंदाजा हो गया की मैं उस मिनी पोशाक में बहुत सेक्सी दिखूंगी ।

फिर मैंने दूसरा छोटा पैकेट खोले और जैसा मैंने अनुमानित किया था उसमे मेरे अंडरगारमेंट्स थे। मुझे विशेष रूप से ब्रा में दिलचस्पी थी, क्योंकि यह एक स्ट्रैपलेस किस्म थी, जिसे मैंने पहले कभी नहीं पहना था, लेकिन उनके सामने उस ब्रा को जांचने में मुझे थोड़ी शर्म महसूस हुई।



STRAP1

मास्टर-जी: मैडम, बेहतर होगा यदि आप आप हर चीज का ट्रायल और आजमाईश कर ले हालाँकि जिस तरह से मैंने माप लिया है मुझे लगता है कि सब ठीक होना चाहिए और कपडे आप पर बिलकुल फिट आएंगे ।

मास्टर जी ने " जिस तरह से मैंने माप लिया है " शब्द मेरी आँखों में देखते हुए कहा। मुझे एक बार फिर याद आ गया मास्टरजी ने कैसे मेरा माप लेते हुए मेरे शरीर के साथ खिलवाड़ किया था. मैंने शर्म के मारे जल्दी से अपनी टकटकी मास्टर जी से हटा दी और टॉयलेट की तरफ चल पडी । चूँकि मैं पेंटीलेस थी , मैंने तेजी से चलने की कोशिश की और मुझे महसूस हुआ कि मेरी भारी गाँड मेरी साड़ी के अंदर ज्यादा ही हिल रही थी ।

मैं: प्लीज़ रुको मास्टर जी।

मास्टर-जी: ज़रूर मैडम।

मैंने शौचालय के दरवाजे को बंद कर दिया और पहले दिन जब समीर मेरे पहने हुए कपडे लेने आया था उसी समस्या का सामना किया था मैंने तुरंत वही समस्या फिर महसूस की। उस दिन मुझे उसे अपने घर से लाये हुए कपड़े देने पड़े थे । चूँकि कपड़े रखने के लिए बाथरूम में कोई हुक या डंडा नहीं था, इसलिए मुझे उन्हें दरवाजे के ऊपर रखना पड़ा था , और मुझे लगा केवल इस उद्देश्य के लिए दरवाजे को फ्रेम (चौखट ) से छोटा बनाया गया था मैंने सोचा ओह्ह फिर से नहीं! ।



STRAP2

जब मैंने अपनी साड़ी को खोलना शुरू किया तो चूँकि कोई और वैकल्पिक व्यवस्था तो थी नहीं इसलिए मुझे अपनी नई महा-यज्ञ पोशाक को दरवाजे के ऊपर ही रखना पड़ा । टॉयलेट का फर्श गीला था इसलिए मुझे दरवाजे के बहुत पास खड़ा होना पड़ा। मैंने साड़ी को खोल कर और निकाल कर दरवाजे के ऊपर रखा और मैंने लगा कि मास्टर जी और दीपक डोर टॉप देख रहे होंगे। वे अब निश्चित रूप से जानते थे कि साडी निकालने के बाद अब मैं केवल शौचालय के अंदर केवल अपने ब्लाउज और पेटीकोट पहने हुई थी।

इसक बाद मैंने जल्दो जल्दी अपने ब्लाउज को खोलना शुरू किया और फिर अपने ब्रा को भी खोल दिया। मेरे बड़े, गोल, युवा स्तन मेरी ब्रा से थोड़ा बाहर निकले और फिर मुक्त हुए। क्योंकि मेरे स्तन अब पूरी तरह से नंगे थे तो स्वाभाविक रूप से मेरे निपल्स कठोर होने लगे।

मैंने अपनी सांस रोक कर दरवाजे की ऊपर रखी हुई अपनी साड़ी के ऊपर अपनी पहनी हुई ब्रा और ब्लाउज को उतार कर रख दिया, जबकि मैं यह अच्छी तरह से जानती थी कि इससे दोनों पुरुषों को अब पता चल जाएगा कि मैं अब टॉपलेस अवस्था में शौचालय में खड़ी थी। तभी !



मास्टर-जी: मैडम, क्या वे कपडे ठीक हैं? क्या आपने उन्हें आजमाया है?

मुझे इस अतिश्योक्तिपूर्ण प्रश्न पर इतनी चिढ़ हुई क्योंकि मैं पूरी तरह से जानती थी कि वे बाहर बैठे देख रहे है कि मैंने दरवाजे के ऊपर से अभी तक कोई नया सिला हुआ कपड़ा नहीं लिया है, इसलिए उन्हें आजमाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मैं इस समय चुप रही और मैंने एक दूसरी पुकार सुनी, अब दीपक!

दीपक: मैडम, कोई दिक्कत?

मैंने महसूस किया कि वे चाहते थे मैं उन्हें बाथरूम के अंदर से अपनी टॉपलेस हालत में जवाब दू ।

मैं: कृपया मुझे एक मिनट दीजिए।

जैसे ही मैंने जवाब दिया, स्वाभिक प्रतिक्रिया (रिफ्लेक्स एक्शन) के तौर पर , मेरा दाहिना हाथ मेरे दृढ नग्न स्तनो पर एक सुरक्षा कवच के रूप में चला गया।

मास्टर-जी: ठीक है, ठीक है मैडम। पर्याप्त समय लीजिये । मैं आपसे ज्यादा चिंतित और उत्सुक हूं। हा हा हा…

अब मुझे अपने स्तन को ढकने की जल्दी थी और इस जल्दी में मैंने ब्रा और पैंटी को एक तरफ खींचा, जो दरवाजे के ऊपर रखी हुई थी। हालाँकि मैं शौचालय के भीतर काफी सुरक्षित थी , फिर भी मैंने उस अवस्था में मौन रहना ही बेहतर समझा। क्योंकि नयी सिली पैंटी को बाथरूम में रखने की कोई जगह या हुक नहीं थी मैंने अपने दांतों के बीच में नई सिली पैंटी को पकड़ने का फैसला किया, और ब्रा पहनने लगी।

चुकी मैंने आज से पहले कभी भी स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा नहीं पहनी तो तो स्ट्रैप के बिना सफ़ेद रंग की ब्रा बिना किसी नियमित पट्टियों के साथ मुझे बहुत अजीब लग रही थी, और ये दर भी सता रहा रहा था कही ये नीचे को लटक कर उतर ना जाए पर चुकी आज तक दत्रे के बिना वाली ब्रा पहनी नहीं थी तो उसे पहनने को इच्छा और उत्सुकता भी बहुत थी और इसलिए मैंने पेटीकोट पहने हुए मेंने केवल पैंटी को अपने मुंह से पकडे रखा और स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा को उलट पलट कर देखा !

मैं शुरू में अनिश्चित थी कि इस स्ट्रैपलेस को कैसे पहना जाए, लेकिन यह महसूस किया कि मुझे अपने स्तनों के ऊपर कप को ठीक से फिट करना है और फिर नीचे के हुक को प्लग करना है।

इसमें कुछ समय लगा, लेकिन मैंने अपने दृढ स्तन के ऊपर इस ब्रा की लम्बाई को ठीक से फिट करने में कामयाबी हासिल की और पीछे के तीन हुक लगा दिए । मैंने देखा ब्रा मेरे स्तनों पर पूरी तरह से फिट थी और मैंने उसे खींच कर भी देखा पर वो ढीली हो हैकर अपने जगह से नहीं हिली l

मास्टरजी ने अच्छी क्वालिटी के कपडे और इलास्टिक का प्रयोग किया था और बहुत कुशलता से इसे सिया था .. मैंने मन ही मास्टर मास्टर जी की तारीफ़ की .. और सोचा इस छोटी सी जगह में मास्टर जी निश्चित ही अपनी काबलियत बेकार कर रहे हैं . शहर में वो इस तरह की फिटिंग कपडे और सिलाई के लिए अच्छी कमाई कर सकते हैं . ये उनका निर्णय है उन्हें कहाँ क्या करना है l

फिर मैंने अपने को शीशे में देखा तो मैंने पाया कि मेरे पूरे कंधे स्तनों के ऊपर की ऊपरी छाती और स्तनों के बीच की दरार (क्लीवेज) दिखाई दे रही थीं, लेकिन साथ ही साथ मुझे इस बात पर खुशी हुई कि कपों ने मेरे बड़े गोल दूध-कलशो को इस नयी ब्रा ने पर्याप्त रूप से ढक दिया था।



bra1

मुझे इस ब्रा के फैब्रिक से भी बहुत आराम महसूस हुआ, जो बेहद चिकनी और मुलायम थी। मैंने अब जल्दी से अपनी कमर पर से पेटीकोट की गाँठ को खोल दिया और उसे फर्श पर गिरा दिया, और चूँकि मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी, मैं अब नीचे पूरी तरह से नग्न हो गई थी ।

मैंने जल्दी से पैंटी को अपने दाँतों से निकाल कर हाथ में लिया और एक-एक करके अपने पैरों को उसमें घुसा दिया। बस, फिर!

मास्टर- जी: मैडम, सॉरी टू इंटरप्ट, लेकिन क्या आप ब्रा को मैनेज कर पायी ? चूंकि यह एक नई किस्म है तो आपको कोई मदद तो नहीं ... l

मैं: हाँ, हाँ। बिलकुल ठीक है।

मास्टर-जी: अच्छा, अच्छा। और क्या आपने पैंटी भी आजमा ली है?

कहानी जारी रहेगी

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odin chacha

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superb story abhi tak kahani mein uttejak drushyon ko jaise dikhaya gaya hai woh kafi sarah niya hein
 
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