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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक

अपडेट-07

भाबी का मेनोपॉज



हम दोनों आराम से बालकनी में बैठ गए और भाबी अपनी परेशानी मुझसे शेयर करने लगी। मुझे पूरा यकीन था कि यह उसके नशे का नतीजा था और साथ ही मैंने आज समुद्र तट पर नहाते समय जो देखा। वह बाद में दोषी महसूस कर रही होगी और अब अपनी स्थिति साफ करना चाहती थी। मैं भी उसकी दोस्त नहीं थी कि वह अपनी निजी जिंदगी मुझसे शेयर करे। भाबी मुझसे करीब 15 साल बड़ी थीं!

सोनिया भाबी: रश्मि , आप जानती हैं कि मेनोपॉज ( रजोनिवृति) क्या है?

मैं: हम्म। बेशक भाभी।

सोनिया भाबी: क्या आप जानते हैं कि ऐसा होने पर इसका परिणाम क्या होता है?

मैं: वास्तव में नहीं, लेकिन इतना पता है की स्त्रियों का मासिक धर्म रुक जाता है ।

सोनिया भाबी : हाँ, यह मूल बात है, लेकिन इससे जुड़े बहुत सारे अन्य लक्षण भी हैं?

मैं: क्या आप उस मोड़ पर हैं?

सोनिया भाबी: हां रश्मि , हालांकि मेरे पीरियड्स बंद नहीं हुए हैं, लेकिन बहुत अनियमित हो गए हैं। इतना ही नहीं मुझे बहुत परेशानी हो रही है जैसे मेरे नारीत्व में कोई बदलाव आया हो। मैं पिछले छह महीनों से मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत अस्त-व्यस्त हूं। और वास्तव में, बात ये है की मैंने इस यात्रा को केवल बेहतर महसूस करने के लिए की है !

मैं: लेकिन मुझे लगता है कि मनोहर अंकल इस अवस्था में आपके लिए एक अच्छा सहारा बन सकते हैं।

मनोहर अंकल का नाम सुनते ही सोनिया भाबी ने ऐसा चेहरा बना लिया कि मैं हैरान रह गई। वे सबको एक बहुत अच्छा जोड़ा लगते थे !

सोनिया भाबी: ठीक है, रश्मि बताओ, तुम्हे मनोहर अंकल कैसी व्यक्ति लगते ?

मैं: मतलब?

सोनिया भाबी: मेरा मतलब है कि आप उन्हें एक व्यक्ति के रूप में कैसे आंकते हैं?

मैं: ओ! एक दम अच्छे ! मनोहर अंकल कितने ऊर्जावान और खुशमिजाज हैं! जिस तरह से वह चुटकुले सुनाते हैं और हमें हर बार हंसाते हैं? वह काफी खुश्मिज्जाज और जीवंत है भाभी। आप ऐसे उत्साही व्यक्ति के साथ रहकर बहुत खुश होंगी ।

भाबी ने अपना वोदका का घूँट भरा और मुझे जवाब दिया।

सोनिया भाबी: सच है। वह अच्छे खुशमिजाज है। मैं अपने पति के रूप में ऐसे व्यक्ति को पाकर धन्य हूं। माना। लेकिन ? क्या मेरी उम्र के इस पड़ाव में और मेरी ज़रूरतों को पूरा करने की उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है?

मैं: मैं समझ नहीं पायी भाबी।

सोनिया भाबी: मुझे आपको यह सब बताते हुए बहुत शर्म आ रही है? तुम मेरी तुलना में बहुत छोटी हो!

मैं: भाबी, मेरे बारे में आपके मन में अभी भी कोई दुविधा है। तुम मुझे अपना नहीं मानती हो ?

सोनिया भाबी: नहीं, नहीं रश्मि । मैं आपको बहुत प्यार करती हूँ और अपना मानती हूँ और इसलिए मैं आपके साथ अपनी समस्या साझा कर रही हूं।

उसने फिर से वोडका का एक घूंट लिया, लेकिन मैं भाबी के निजी जीवन को जानने के लिए और अधिक उत्सुक थी । मेरा पेय अभी भी अछूता रहा।

सोनिया भाबी : दरअसल अब जब मैं मेनोपॉज के करीब पहुंच रही हूं, तो इस बात को लेकर आपके मनोहर अंकल ने मेरा ख्याल रखने की बजाय मुंह फेर लिया है . आपको मालूम है कि हमारे बीच उम्र का अंतर है और अगर मैं उनकी उम्र और समस्या को समझ सकती हूं, तो वह मेरी जरूरतों के प्रति सचेत क्यों नहीं हो सकते ?

मैं: अगर उन्हें पता है कि आप उसकी उम्र को समझती हो तो उसे भी समझना चाहिए?

मैंने जवाब देते हुए भाभी के शब्द छीन लिए। वह अपने दिल की गहराई से बहुत उदास लग रही थी।

सोनिया भाबी: जागरूक! मैंने पिछले एक साल में कुछ भी भौतिक के लिए अनुरोध नहीं किया है , क्योंकि मुझे लगता था कि अब उनके बस का नहीं है सके। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि वह मुझे छुएगा भी नहीं? क्या इसका मतलब यह है कि वह मुझे शारीरिक रूप से अनदेखा करेगा?

मैं: बिल्कुल नहीं!

मैं अच्छी तरह से महसूस कर रही थी कि भाबी वोडका के नशे में धुत हो रही थी।

सोनिया भाबी: लेकिन तुम्हारे चाचा पिछले कुछ महीनों से ठीक यही कर रहे हैं। रश्मि , मुझे नहीं पता कि तुम मेरे बारे में क्या सोच रही हो, लेकिन मेरा विश्वास करो, मैं उनसे कुछ भी नहीं मांग रही हूँ समझ में नहीं आता मैं क्या बात करू? मेरा मतलब ? मैं सेक्स की मांग नहीं कर रही हूं, लेकिन मुझे अपनी रजोनिवृत्ति की स्थिति में उनसे थोड़ा प्यार और देखभाल चाहिए। बस इतना ही।

भाभी फिर सिसकने लगी

मैं: हम्म, आप इस मामले में अंकल से बात क्यों नहीं करती ?

सोनिया भाबी: बात करूँ ? क्या आपको लगता है कि मैंने कोशिश नहीं की, लेकिन उनके दर्शन में इस उम्र में ऐसी इच्छा करना अपराध है! अगर मैं उनके साथ इस विषय पर चर्चा करने की ललक दिखाऊं तो वो मेरा मजाक उड़ाएंगे । रश्मि मैं इस आदमी को 25 साल से जानती हूं।

मैं: मुझे आपसे हमदर्दी है भाबी। परंतु?

सोनिया भाबी: रश्मि , इस रजोनिवृत्ति की स्थिति के कारण आंतरिक शारीरिक दर्द या मानसिक जलन के बारे में भूल जाओ, लेकिन मुझे उनकी मदद की जरूरत महसूस होती है। तुम्हें पता है, मेरी चूत में कभी-कभी बहुत खुजली होती है, लेकिन अजीब तरह से कोई स्राव नहीं होता है! यह इतनी खराब स्थिति है कि मैं आपको कैसे समझाऊं! मेरे स्तन और जांघ कभी-कभी इतने अकड़ जाते कि ऐसा महसूस होता है कि मेरे दर्द को कम करने के लिए एक अच्छी मालिश की जाए। परंतु?

मैं: लेकिन क्या भाबी?

वह अपने पेय के दूसरे हिस्से को निगलने के लिए थोड़ा रुकी।

सोनिया भाबी: लेकिन तुम्हारे अंकल । एक रात मैंने उन से मेरे स्तनों की मालिश करने का अनुरोध किया क्योंकि उसमें दर्द हो रहा था और वह काफी अकड़ रहे थे मालिश की तो बात ही छोड़ो, उन्होंने मेरी छाती पर हाथ तक नहीं रखा! एक और रात मेरी जाँघों में ऐंठन हो रही थी और इसलिए मैंने अपनी नाइटी को अपनी कमर तक बढ़ा लिया था ताकि मेरी भीतरी जांघों पर मरहम लगाया जा सके। वह शौचालय से कमरे में दाखिल हुआ और मुझे उस मुद्रा में देखकर मुझे डांटते हुए क्या क्या नहीं कहा ?

मैं: वो? बहुत दुख की बात है भाबी!

सोनिया भाबी: मैं नहीं मानती कि यह वही आदमी है? मैं आपको कैसे बताऊं? यह बहुत शर्मनाक है।

मैं: अपना ड्रिंक खत्म करो और मुझे पूरी बात बताओ भाभी ।

उसने अपना गिलास खत्म किया और सिर हिलाया। अब वह उस पूरी तरह से नशे में थी जिसे मैंने उसकी आँखों से महसूस किया ।

सोनिया भाबी : तुम्हारे अंकल को सुबह जल्दी उठने की आदत है और रात को पाने अध्यन कक्ष में कुछ पढ़ते हैं।उस रात मेरी चूत में भयानक खुजली हो रही थी और अंकल ने कुछ नहीं किया तो मैंने अपनी नाइटी उठा ली थी और अपनी ही उंगली से सहलाने की कोशिश की थी और मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब सो गयी । जब तुम्हारे चाचा बिस्तर से उठे तो उन्होंने ध्यान दिया होगा कि मेरी नाइटी काफ़ी अस्त-व्यस्त थी, लेकिन वह चुपचाप अध्ययन के लिए चले गए! कुछ मिनट बाद हमारा नौकर गजोधर आया।

मैं: गजोधर मतलब गायत्री का पति?

सोनिया भाबी: हाँ, हाँ। वह तुम्हारी नौकरानी का पति है। दरअसल गायत्री कुछ दिनों से छुट्टी पर थी और गजोधर उसकी जगह काम कर रहा था।

मैं: ओह । फिर?

सोनिया भाबी: तुम्हारे चाचा जानते थे कि यह गायत्री नहीं है। बहुत दिन से गायत्री फर्श पर पोछा लगाने नहीं आई थी तो मैं बिस्तर पर ऐसे ही अस्त व्यस्त पड़ी नाइटी ने लेटी हुई थी। लेकिन जब वह जानते थे कि हमारे बैडरूम में कोई परपुरुष आया है, तो उन्हें मुझे जगाना चाहिए था या कम से कम मेरी नाइटी को सीधा करना चाहिए था। है ना?

मैं: ज़रूर।

सोनिया भाबी: लेकिन तुम्हारे चाचा यह जानकर भी चुप रहे कि गजोधरकमरे में आएगा और मैं अपनी अस्त व्यस्त नाइटी के साथ बिस्तर पर सो रही थी?

भाबी एक सेकंड के लिए अपना सिर झुकाकर रुकी और फिर उन्होंने आगे बोलना जारी रखा ।

सोनिया भाबी: रश्मि , तुम जानती हो, इतना ही नहीं, तुम्हारे अंकल को ये भी पता था कि मैंने पैंटी भी नहीं पहनी है। आप अभी भी कल्पना कर सकते हैं मेरी क्या हालत थी - उन्होंने मुझे जगाने की भी जहमत नहीं उठाई, लेकिन उन्होंने उस बदमाश गजोधर को हमारे शयनकक्ष में ऐसे ही जाने दिया !

मैं यह जानने के लिए उत्सुक थी कि गायत्री के पति ने भाबी के बारे में क्या देखा, लेकिन यह नहीं पता था कि वो इसे कैसे बताएंगी । भाबी ने खुद इसे आसान बना दिया क्योंकि उसने वोडका के नशे में हर विवरण सुनाया!

सोनिया भाबी: तुम्हारे चाचा ने मुझे किसी भी चीज़ की तरह नज़रअंदाज़ किया! हमारे नौकर के सामने मेरी क्या गरिमा बची थी? रश्मि तुम ही बताओ? मेरे लिए ये कितनी शर्म की बात है? मैं अपने बिस्तर पर अपनी कमर से नीचे नंगी सोइ हुई हूँ और गजोधर फर्श पर पोछा लगा रहा था और मेरे प्यारे पति अपने अध्ययन में बैठे थे! हुह!

मैं: गायत्री के पति ??

सोनिया भाबी: मुझे पूरा यकीन है कि उस कमीने ने उस दिन सब कुछ देखा था। हम अपने बिस्तर के ऊपर मच्छरदानी भी नहीं लगाते हैं, तो नज़ारा बिल्कुल साफ़ था?

मैं: क्या कह रही हो भाबी! क्या उसने तुम्हे इस हालत में देखा? मेरा मतलब है ...? मेरा मतलब है कि जब आप उठे तो क्या आपने उसे कमरे में पाया?

सोनिया भाबी: फिर मैं और क्या कह रही हूँ? रश्मि, जब मैं उठी तो मैंने अपनी नींद की आँखों से देखा कि गजोधर फर्श पर पोछा लगा रहा था और मुझे याद आया कि गायत्री छुट्टी पर थी। फिर अपनी उजागर अवस्था को महसूस करते हुए, मैंने तुरंत मुझे ढकने के लिए अपनी नाइटी नीचे खींच ली। लेकिन निश्चित रूप से उस समय तक उसने मेरी बालों वाली चुत को देखा होगा। जैसे ही मैं उठी उस समय भी मैं नीचे से नंगी थी , रश्मि जैसा कि आप को समझ चुकी हैं मैंने उस समय कोई अंडरगारमेंट नहीं पहना था। मैं जल्दी से शौचालय के अंदर गयी , लेकिन उस कमीने गजोधर के चेहरे पर बड़ी मुस्कान ने पूरी कहानी कह दी।

मैं: बहुत अजीब लगता है भाबी! मनोहर अंकल ने ऐसा व्यवहार क्यों किया ?

सोनिया भाबी: मुझे नहीं पता कि मैंने कौन सा पाप किया है। और मेरा विश्वास करो, जब मैं सुबह की चाय लेकर उनके पास गया, तो तुम्हारे चाचा हमेशा की तरह सामान्य थे! इस दिनों वह मेरे प्रति उदासीन रहे हैं और मैंने मानसिक रूप से बहुत कुछ सहा है। शारीरिक कष्ट और पीड़ा तो जो हैं वो अलग हैं ।

मैं: भाबी, क्या मैं एक और ड्रिंक लाऊं?

सोनिया भाबी: क्या हम बहुत ज्यादा पी रहे हैं?

मैं: नहीं, नहीं भाबी, हमने उनके साथ दो छोटे लिए थे और एक यहाँ बालकनी में लिया है । यदि आप अन्यथा महसूस करते हैं, तो?

सोनिया भाबी: नहीं, नहीं, इसके विपरीत मैं वास्तव में ड्रिंक का आनंद ले रही हूं।

मैं: ग्रेट भाबी। फिर मैं ड्रिंक ले कर आती हूँ ।

मैं अपनी कुर्सी से उठी और नशे के कारण तुरंत एक चक्कर महसूस किया, लेकिन मैंने खुद को संभाला और उस कमरे में चला गया जहाँ मेरे पति, राज और मनोहर अंकल हार्ड ड्रिंक्स के साथ खूब मस्ती कर रहे थे। वे बहुत हैरान थे कि हम एक और पेग चाहते थे और उन्होंने हमारे लिए छोटे पटियाला पेग तैयार किए।

अब भाभी के निजी जीवन के बारे में और जानने के लिए मेरे अंदर एक अदभुत इच्छा पैदा हो गयी थी और मुझे पता था कि अगर मैं उसे कुछ और वोदका पिला देती हूं, तो वह अपने सभी मसालेदार रहस्यों को उजागर कर देगी। जैसे ही मैं सोनिया भाबी के पास अपनी कुर्सी पर बैठी , मैंने तुरंत अपना अगला प्रश्न पूछ लिया ताकि वह विषय से विचलित न हो सकें।

मैं: भाबी, फिर आपने इस मुद्दे को कैसे संभाला?

सोनिया भाबी: शुरू में मुझे लगा कि यह आपके अंकल की एक दिन की अज्ञानता हो सकती है, लेकिन जब यह दिन-ब-दिन होने लगा, तो मैं वास्तव में चिढ़ गयी और उदास हो गयी । रश्मि एक और दिन, मेरी फिर से उसकी अनदेखी कर दी गई और वह दिन पहले से भी बदतर था।

भाभी ने अपनी वोडका एक पेग पिया और मैंने सोचा कि इससे अधिक और क्या हो सकता है? उसके अधेड़ उम्र के नौकर से उसकी चुत देख ली !

सोनिया भाबी : यह उस समय भी हुआ जब हमारे घर में गायत्री की जगह गजोधर काम कर रहा था. हम कहीं जा रहे थे मुझे ठीक से याद नहीं है और हमारे साथ कुछ भारी सामान था और इसलिए हमने गजोधर को अपने साथ ले जाने का फैसला किया। दुर्भाग्य से, उस दिन कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गईं और स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

मैं: ओह! रद्द की गई ट्रेनों का मतलब है दयनीय स्थिति?.

सोनिया भाबी: हाँ बिल्कुल। स्टेशन पर हालत को देखकर मैं समझ गयी थी कि आने वाली ट्रेन खचाखच भरी होगी और डिब्बे के अंदर जाने के लिए इधर-उधर भाग-दौड़ करने वाले पुरुषों के बीच मेरी स्थिति काफी नाजुक होगी। इसलिए मैंने बस उनसे अनुरोध किया कि जब मैं डिब्बे के अंदर जाऊं तो मुझे कुछ सुरक्षा प्रदान करें। रश्मि , बताओ, क्या मैंने कुछ गलत माँगा?

मैं: निश्चित रूप से नहीं। मैं अच्छी तरह जानती हूं कि भीड़ का फायदा उठाकर वे गंदे आदमी क्या करते हैं।

सोनिया भाबी: बिल्कुल? अरे, वे हर तरह की गंदी हरकतें करते हैं और आप विरोध भी नहीं कर सकते और भीड़ में एक दृश्य नहीं बना सकते?

मैं: सच। सत्य। यह वे बखूबी जानते हैं।

सोनिया भाबी: इसलिए मैंने तुम्हारे अंकल से कहा कि मेरे पीछे रहो और मेरे स्तनों को छेड़छाड़ से बचाओ और जैसे वह मेरे पीछे होंगे, मेरी पीठ अपने आप सुरक्षित हो जाएगी। परंतु? वो मेरी सुनते कहाँ हैं उसने मुझे ज्ञान देना शुरू कर दिया? कि मैं इस उम्र में भी अपना ख्याल नहीं रख पा रही थी अगर यह मेरी हालत यहीं तो हमारी बेटी क्या करती है आदि आदि? सब तरह की बकवास!

मैं: क्या उन्हें व्यावहारिक समस्या का एहसास नहीं था?

सोनिया भाबी: बिलकुल नहीं और उन्होंने कहा भी? मेरी उम्र में कोई भी मेरे साथ उन कामों को करने में दिलचस्पी नहीं लेगा, मैं अब किशोरी और जवान नहीं हूँ । मैंने देखा कि ट्रेन स्टेशन में प्रवेश कर चुकी थी और अब आपके अंकल के साथ बहस करने का कोई मतलब नहीं था। उसने निश्चय किया कि गजोधर आगे नहीं जा पाएगा क्योंकि उसके पास सामान है, इसलिए मैं खुद भीड़ से अपना बचाव करूंगी और उसने मुझे बीच में रहने के लिए कहा।

मैं: यह कुछ हद तक बेहतर है, हालांकि गंदे पुरुष ज्यादातर पीछे से काम करते हैं।

सोनिया भाबी: रश्मि , मैंने अपने जीवन में 40 वर्ष देखे हैं; मुझे ठीक-ठीक पता है कि कहां क्या होता है। यही कारण था कि मैंने तुम्हारे अंकल से अनुरोध किया था? लेकिन उन्हें मेरी उम्र पर ताना मारने में ज्यादा दिलचस्पी थी!

मैं: फिर?

सोनिया भाबी: मैं ये बातें तुमसे कैसे कहूँ? मुझे बहुत शर्म आती है!

मैं: चलो भाबी। कैसी शर्म आदि की बात कर रहे हो! अब हम दोस्त हैं। अगर आप चीजों को अपने तक ही रखोगी, तो आपको और अधिक मानसिक संताप होगा भाभी। मुझे बताओ ना। कृपया।

सोनिया भाबी: ठीक है, अगर आप जोर दे रही हो तो मैं किसी तरह आपके चाचा के पीछे धक्का-मुक्की करते हुए डिब्बे में दाखिल हुआ, लेकिन महसूस किया कि अंदर बहुत ज्यादा भीड़ से जाम जैसे स्थिति थी। गली के दोनों ओर लोग थे और हम उनके बीच से निकलने की कोशिश कर रहे थे। हालाँकि मैंने अपना हैंडबैग अपने स्तन के पास रखा था, लेकिन मुझे स्पष्ट रूप से कुछ कोहनीया लग रही थी?

उसने गिलास से थोड़ा वोडका निगला ।

सोनिया भाबी: जैसे ही तुम्हारे अंकल एक जगह रुके , मैंने देखा कि गजोधर सामान को ऊपर की बर्थ पर ले जाने में सक्षम था। मैं वास्तव में आपके चाचा के खिलाफ दबी हुई थी और सच कहूं तो मुझे एक अंतराल के बाद उनकी गंध और स्पर्श पाकर थोड़ा खुशी महसूस हो रही थी!

मैं उसे देखकर मुस्कुरायी ।

सोनिया भाबी: रश्मि तुमसे नहीं छिपाऊंगी? मैंने अपना हैंडबैग अपने स्तन से हटा दिया और उन्हें तुम्हारे चाचा की पीठ पर दबा दिया। इस उम्र में भी उनका स्पर्श मेरे रोंगटे खड़े कर रहा था। लेकिन दुर्भाग्य से तुम्हारे अंकल अडिग रहे और उन्होंने मुझे एक नज़र उठाकर देखने की भी जहमत नहीं उठाई! तभी मुझे अपने नितंबों पर एक जोरदार धक्का लगा। कम्पार्टमेंट के भीतरी भाग ने आधा अंधेरा था और जिस तरह से लोग एक-दूसरे के करीब खड़े थे, मैं समझ गयी थी कि यह किसने किया, लेकिन बहुत जल्द यह मुझे परेशान करने लगा क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि उसने मेरी साड़ी से ढके नितम्बो पर अपनी हथेली रखी है।

मैं: ओह! पुराना सिंड्रोम! ये गंदे मर्द ?

सोनिया भाबी: मैंने अपनी आंखों के कोने से देखा कि क्या यह गजोधर है, हालांकि मुझे लगता था उसमे इतना साहस नहीं है , लेकिन फिर भी एक बार जाँच की। मैंने पाया कि उसके दोनों हाथ संतुलन के लिए हैंडल को पकड़े हुए और ऊपर उठे हुए थे। फिर यह मेरी बाईं या दाईं ओर से कोई होना चाहिए, लेकिन यह पता लगाना असंभव था, क्योंकि चलने हिलने या मुड़ने के लिए एक इंच भी जगह नहीं थी ।

मैं: भाबी, फिर तुमने क्या किया? क्या वह आगे बढ़ा?

सोनिया भाबी: रश्मि , देखो, उसने देखा होगा कि मैं जानबूझकर तुम्हारे चाचा की पीठ पर अपने स्तन दबा रही थी , हालांकि ट्रेन में भीड़भाड़ थी और उसने इसका फायदा उठाया। सच कहूं तो मैं भी तुम्हारे अंकल के शरीर की गंध का आनंद ले रही थी और?

मैं: मैं समझ सकती हूँ भाबी? यह बहुत स्वाभाविक भी है विशेष रूप से यह देखते हुए कि आप अपने आपत्ति के साथ एक सामान्य आलिंगन से भी काफी देर से वंचित थी !

सोनिया भाबी: सच रश्मि , बिल्कुल। लगता है तुम मेरी समस्या को जान और समझ रही ही लेकिन वह बदमाश उन सामान्य लोगों की तुलना में अधिक साहसी था जिनका हम बसों या ट्रेनों में सामना करते हैं।

मैं क्यूँ? उसने क्या किया?

सोनिया भाबी: अरे, कुछ ही देर में वह मेरी साड़ी में मेरी पैंटी लाइन को ट्रेस कर पाया और मेरी गांड पर अपनी उंगली से मेरी पैंटी को रेखांकित करने लगा! यह एक ऐसा गुदगुदी और अजीब एहसास था जैसे उसने मेरी पूरी गांड को मेरी पैंटी के ऊपर से घुमाया हो ! मैंने उस सैंडविच पोजीशन में सीधे खड़े होने की कोशिश की, लेकिन उस आदमी पर बहुत कम प्रभाव पड़ा। उस कमीने ने अब मेरी गांड पर अपनी सारी उँगलियाँ फैला ली थीं और अपनी पूरी हथेली से मेरी गांड की पूरी गोलाई को महसूस कर रहा था! मैं उसे और अधिक अनुमति नहीं दे सकी । यह अपमानजनक था!

मैं: भाबी आपने उसका मुकाबला कैसे किया?

सोनिया भाबी: मैं स्पष्ट रूप से आपके अंकल को तो नहीं बता सकी , क्योंकि उन्होंने निश्चित रूप से सभी के सामने मेरा मजाक उड़ाना था , इसलिए मैंने गजोधर को बताने का फैसला किया।

मैं: गजोधर?!?

सोनिया भाबी: मैं भी शुरू में थोड़ी झिझक रही थी रश्मि , लेकिन बताओ विकल्प कहां था? नहीं तो मुझे वहां सीन क्रिएट करना पड़ता ।

मैं: हम्म। यह सच है। परंतु? लेकिन तुमने उससे क्या कहा भाबी?

सोनिया भाबी: हाँ, मैं भी बहुत घबर्राई हुई थी, लेकिन चूंकि उस आदमी का आत्मविश्वास बढ़ रहा था और उसने मेरी पैंटी को अपनी उंगलियों से मेरी साड़ी के ऊपर से हल्के से खींचना शुरू कर दिया था, इसलिए मुझे तेजी से काम करना पड़ा।

मैं: हे भगवान! उसका इतना साहस!

सोनिया भाबी: हाँ, अगर आप चुप रहें और उन्हें अनुमति दें, तो ये गंदे आदमी भीड़ का फायदा उठाकर कुछ भी कर सकते हैं रश्मि !

मैं: मुझे पता है!

हम एक दूसरे को अर्थपूर्ण ढंग से देखकर मुस्कुराए।

सोनिया भाबी: मैंने गजोधर को पास आने का इशारा किया और जैसे ही मैंने ऐसा किया मुझे लगा कि उस आदमी ने तुरंत मेरी गांड से अपना हाथ हटा लिया। मुझे अपनी शर्म का गला घोंटना पड़ा और मैं हकलाते हुए गजोधर से फुसफुसायी कि भीड़ में से कोई मेरी गांड पर दुर्व्यवहार कर रहा है, लेकिन मुझे वहां कोई दृश्य नहीं चाहिए। गजोधर इस बात से अधिक प्रसन्न था कि मैंने मामले को अपने पति को नहीं बल्कि उसे बताया और उसने तुरंत उत्तर दिया कि वह इसका ध्यान रखेंगा ।

मैं: फिर?

सोनिया भाबी: गजोधर ने मेरे कानों में धीरे से कहा कि मैं तुम्हारे अंकल की पीठ पर अपना शरीर नहीं दबाऊं और सीधा खड़ा हो जाऊं।

मैं: क्या आप मनोहर अंकल पर अभी भी दबाव बना रहे थे?

सोनिया भाबी: हाँ, ? सच कहूँ तो रश्मि , जिस तरह से मैं उसकी पीठ से स्तन दबा रही थी उससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। ये सब इतने दिनों के बाद हो रहा था?

मैं: हम्म।

सोनिया भाबी: लेकिन जैसे ही मैं ठीक से खड़ी हुई मेरे पीछे की खाई कम हो गई और गजोधर ने मेरे बहुत करीब आकर इसे और भी कम कर दिया। अब वास्तव में मैं उसकी सांस को अपनी गर्दन पर महसूस कर सकता था। संतुलन के लिए हैंडल पकड़ने के लिए उसकी दोनों बाहें मेरे सिर के ऊपर उठी हुई थीं। कुछ ही पलों में मैंने महसूस किया कि कुछ सख्त हो रहा है और बाहर निकल रहा है और मेरे दृढ़ नितम्बो और गांड के मांस को खटखटा रहा है।

मैं: गजोधर??

सोनिया भाबी: और कौन ? उस कमीने ने मेरी कमजोर अवस्था का फायदा उठाया और नज़र रखने के बजाय खुद मौके का फायदा उठाकर मेरा शोषण कर रहा था!

मैं: लेकिन भाबी? क्या यह अपेक्षित नहीं था? आखिर वह नौकर वर्ग से है?

सोनिया भाबी: रश्मि , मुझे यह पता है। इसलिए मैं मानसिक रूप से इतना कुछ करने के लिए तैयार थी ।

मैं: फिर क्या हुआ?

सोनिया भाबी: अरे, वह बहुत ज्यादा था! मेरे पीछे के गैप को खत्म करने के लिए, ताकि कोई अपना हाथ बगल से न डाल सके, उसने मेरी पीठ पर दबाव डाला। और ये लोग मुझे नहीं पता कि वे कौन से अंडरवियर पहनते हैं? रश्मि , मेरी बात मान लो, मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि उसका लंड बड़ा और सख्त हो रहा है क्योंकि वह उसे मेरी गांड पर दबाता रहा।

मैं: हे भगवान!

सोनिया भाबी: उस समय तो मैं बहक गई थी । मेनोपॉज की मेरी बढ़ती अवस्था के कारण मैं लंबे समय से ऐसी चीजों से वंचित थी और ईमानदारी से अपने गांड पर बढ़ते हुए लुंड को देखकर रोमांचित हो गई। मैंने साड़ी से ढँकी हुई पीठ को पीछे करके गजोधर के लंड को दबा दिया। मेरे इस व्यवहार पर उस बदमाश का साहस और बढ़ गया। मैंने अपनी कमर पर एक गर्म हाथ महसूस किया। मैंने तुरंत अपना सिर घुमाया, मैंने सोचा था कि वह अपने दोनों हाथों से हैंडल पकड़े हुए था पर मैंने पाया कि उसने हैंडल से एक हाथ हटा दिया था, जो मेरी कमर पर था।

मैं: गायत्री का पति काफी साहसी निकला !

मैं भाबी को देखकर शर्याति अंदाज से ट मुस्कुरायी और वह भी अपने चेहरे पर लाली के साथ वापस मुस्कुराई।

सोनिया भाबी: तुम मेरी हालत के बारे में सोचो। भूलो मत, तुम्हारे अंकल उस समय मेरे पास ही खड़े थे, प्रिये!

मैं: ठीक है, ठीक है।

सोनिया भाबी: तब मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था जिसे मैं सुन सकती थी ।

भाबी और मैंने दोनों अपने-अपने गिलास से वोदका की चुस्की ली और इस बार मैं एक प्लेट में कुछ काजू और आलू के चिप्स भी अपने साथ लायी थी उसे हमने आपस में बाँट लिया।

सोनिया भाबी: रश्मि , मुझे सच में याद नहीं हैं कि तुम्हारे अंकल ने मुझे आखिरी बार कब प्यार किया था। मैं फिर से सेक्स की बात नहीं कर रही हूँ , लेकिन साधारण चीजें जैसे गले लगाना या थोड़ा फोरप्ले की बात कर रही हूं? और जब गजोधर चलती ट्रेन में बहुत सीधे-सीधे उन अश्लील हरकतों को कर रहा था, तो उसे रोकने के बजाय, मैं और अधिक बह गयी ?

भाबी पल-पल फर्श की ओर देख रही थी। मैं सोच रही थी क्या उसे शर्म आ रही थी?

सोनिया भाबी: मैं उसका विरोध नहीं कर सकती थी। मैं उस समय स्पर्शों का बहुत प्यासी थी । गजोधर अब मेरी गोल गांड पर अपना लंड को फेर रहा था और मैं भी बेशर्मी से मजे लेटी हुई अपने कूल्हों को धीरे से हिला रही थी ।


भाभी सिर हिला रही थी। फिलहाल सन्नाटा था।

जारी रहेगी

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बहुत बढ़िया अपडेट
 

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Bahut hi khubsurat update tha bro
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक

अपडेट-08

भाबी का मेनोपॉज



सोनिया भाभी: रश्मि , आप सोच रही होगी कि आपकी भाभी कितनी नीचे गिर गई कि वह अपने नौकर के साथ मजे ले रही थी?

मैं: भाबी, अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो कृपया मुझसे ये बाते शेयर न करें। मैं आपके साथ पूरी तरह से खड़ी हूं भाभी कि आपने कुछ गलत नहीं किया है।

सोनिया भाभी: सच में रश्मि ? मुझे पता था कि तुम समझ जाओगी ।

मैं अपनी कुर्सी के भीतर शिफ्ट हो गयी और अपनी गांड को कुर्सी के किनारे पर ले आयी और अपनी बाँह उसकी ओर बढ़ा दी। उसने मेरी हथेली को मजबूती से पकड़ा और सिर हिलाया।

मैं: भाभी, मैं कभी नहीं सोच सकती कि आप अपने रास्ते से फिसल गयी हो।

सोनिया भाबी: धन्यवाद रश्मि! उस घटना पर वापस आती हूँ ? जब गजोधर लगभग मेरी गांड पर अपना लिंग थपथपा रहा था, तब भी हमेशा की तरह तुम्हारे मनोहर अंकल ने एक बार भी पीछे मुड़कर मुझे देखने की जहमत नहीं उठाई और ना ही ये पूछा कि मैं ठीक हूं या नहीं। लगभग 10 मिनट के बाद एक स्टेशन आया। उस समय उस बदमाश ने मेरी कमर से अपना हाथ हटा लिया और मेरी साड़ी के ऊपर मेरी गांड का एक-एक इंच महसूस कर चुका था। अधिक यात्री ट्रैन के अंदर आ रहे थे और कोई भी उतर नहीं रहा था! ऐसे में आप स्थिति को आसानी से समझ सकते हैं।

मैं: हम्म।

सोनिया भाबी: अधिक यात्रियों द्वारा मार्ग से धक्का देने की कोशिश करने के कारण गजोधर ने मेरे शरीर को और अधिक दबाया । अब दबाव ऐसा था कि मुझे अपने दोनों हाथ उठाने पड़े और सहारे के लिए तुम्हारे मनोहर अंकल की पीठ पकड़ ली। मैंने अपना हैंडबैग तुम्हारे मनोहर अंकल को सौंप दिया। परन्तु फिर?

मैं: उसने क्या किया भाबी?

सोनिया भाबी: वह पक्का हरामी है?

मैं: भाभी! ये आप क्या कह रही हो ?

सोनिया भाबी:रश्मि ! तुम्हें पता है उसने क्या किया? मैं मनोहर को अपना बैग भी पूरी तरह से दे भी नहीं पायी थी कि उसने मेरी बगल के नीचे अपना हाथ रख दिया?

मैं: ओह!

मैं हंसने लगी और भाबी भी खुश हो गई।

सोनिया भाबी: अरे, अभी रुको?.

मैं : भाबी आपके बड़े स्तनी को देखकर कण्ट्रोल करना बहुत मुश्किल है। आपकी उम्र में वे बहुत, बहुत दृढ़ दिखते हैं।

मैंने अपनी आँखों से उसके स्तनों का इशारा किया। भाबी किसी भी महिला की तरह थोड़ा शरमा गई और अपने पल्लू को अपने सुगठित स्तनों पर इस तरह समायोजित कर लिया जैसे कि उनकी प्राकृतिक रिफ्लेक्स एक्शन कार्यवाही हो।

सोनिया भाबी: मुझे अपना हाथ नीचे करना पड़ा, क्योंकि मुझे पूरा यकीन था कि अगर मैं अपना हाथ ऊपर रखूँ तो मेरी तरफ मुँह करके खड़े लोग मेरे साथ हो रही गजोधर की शरारती हरकतों को देख सकते थे लेकिन तब भी उस बदमाश ने मेरी कांख से अपना हाथ भी नहीं हटाया और गजोधर का हाथ मेरी बांह के नीचे मेरी कांख में फंसा रह गया।

मैं: वाह भाभी! कैसा लग रहा था? बहुत सेक्सी लगा होगा आपको ?

सोनिया भाबी: हाँ, बहुत सेक्सी, लेकिन मेरा दिल तब मेरे मुँह में था क्योंकि तुम्हारे मनोहर अंकल ने मेरी ओर रुख किया।

मैं: हे भगवान!

सोनिया भाबी: लेकिन यह तो क्षण भर की बात थी, हालांकि मुझे इसका कारण नहीं पता बल्कि मैं उस समय उसके कारण के बारे में सोचने की स्थिति में नहीं थी, क्योंकि गजोधर की उंगलियां मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे गोल कप पर रेंग रही थीं। मैंने जल्दी से इधर-उधर देखा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा, लेकिन सौभाग्य से सभी को उस समय बस भीड़ की चिंता थी। थोड़ी राहत महसूस करते हुए कि मैंने अपनी कांख को थोड़ा ढीला कर दिया है ताकि मैं उसके स्पर्श का पूरा आनंद उठा सकूं। वह मेरे पूर्ण स्तनों को सहला रहा था और दबा कर महसूस कर रहा था, एक-एक करके अपनी बड़ी हथेली में लेकर, उन्हें पकड़कर दबा रहा था। भीड़भाड़ वाले डिब्बे के भीतर अंधेरे ने स्पष्ट रूप से बहुत मदद की। तुम जानती हो रश्मि , ऐसा लग रहा था जैसे बरसों बाद कोई मेरे बूब्स को छू रहा हो! मेरे स्तनों में रजोनिवृत्ति के कारण होने वाले दर्द को उस बदमाश द्वारा दिए गए दबाब से आराम मिल रहा था जो वो मेरे तंग स्तनों के मांस को दे रहा था।

मैं : यह तो एक आपके लिए सच्चा कायाकल्प जैसा रहा होगा!

सोनिया भाबी: बिल्कुल! इतने दिनों के बाद मेरे योनि मार्ग से रस स्रावित हुआ, क्योंकि मेरी उम्र के कारण शायद मैं अपने आप को और अधिक उत्तेजित नहीं कर पा रही थी। गजोधर ने मेरे दोनों स्तनों को मेरे ब्लाउज के ऊपर से सहलाया और मैं सुरक्षित महसूस कर रही थी क्योंकि उसका हाथ मेरे पल्लू के नीचे छिपा हुआ था। लेकिन, आप जानती हो रश्मि , उस पूरे वाकये के दौरान मुझे लगा जैसे गजोधर नहीं बल्कि तुम्हारे मनोहर अंकल मुझसे प्यार कर रहे हैं!

मैं: हम्म। मैं समझ सकती हूँ कि भाभी।

सोनिया भाबी: अगला स्टेशन आने से पहले कुछ और देर तक सब चलता रहा। मैं महसूस कर सकती थी कि गजोधर असंतुष्ट था, क्योंकि वह पूरी तरह से अपने लंड को मेरी गांड की दरार में धकेलने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन मैंने अपनी साड़ी के नीचे पैंटी पहनी हुई थी और इसलिए उसे वहाँ बाधा आ रही थी।

मैं: आप इन हालत में और कर भी क्या सकते हैं !

मैं मुस्कुरायी और अपना वोदका की एक घूँट पी ली ।

सोनिया भाबी: सच है, लेकिन सच कहूं तो रश्मि , उस वक्त मुझे पछतावा हो रहा था! अगर मैंने उस दिन पैंटी नहीं पहनी होती तो निश्चित रूप से मुझे और अधिक मजे मिलते । यह सब अगले स्टेशन पर समाप्त हो गया कीपनकी तुम्हारे अंकल ने मेरे लिए एक सीट का प्रबंध कर दिया था और मैं वहाँ बैठ गयी ।

मैं: उस दिन उस घटना के बाद क्या गायत्री के पति ने बाद में कुछ और करने की कोशिश नहीं की?

सोनिया भाबी: नहीं। सौभाग्य से नहीं और मैंने यह भी तय किया कि कम से कम उस दिन किसी भी परिस्थिति में उनके साथ अकेली न रहूँ और मैंने उनके साथ बिल्कुल सामान्य व्यवहार किया और उसे आगे कदम उठाने का कोई मौका नहीं दिया। सौभाग्य से गायत्री भी अगले दिन काम पर वापस आ गई और इसलिए सब कुछ फिर से सामान्य हो गया।

मैं: इस तरह तुम बहुत भाग्यशाली रही भाबी ?

सोनिया भाबी: हाँ, मुझे पता है। ये पुरुष बहुत खतरनाक हैं, अगर वे खून की गंध पा लेते हैं, तो वे दुबारा जाएंगे। गजोधर ने भी सोचा होगा कि मुझे बिस्तर पर लेटआने का एक मौका जरूर मिलेगा, लेकिन मैंने यह सुनिश्चित किया कि उनके लिए ऐसा कोई अवसर न आए।

मैं : वाह आपके लिए वास्तव में बहुत अच्छा रहा ! लेकिन बताओ भाबी क्या तुम उस रात ठीक से सोई थी? मैं यह इसलिए पूछ रही हूं क्योंकि इतने लंबे अरसे के बाद आपने पुरुष से संपर्क किया था!

सोनिया भाबी: ओह! उस रात। मैं केवल बिस्तर पर करवाते बदलती रही थी , मेरे साथ गर्मजोशी से गले मिलने से मेरे दिमाग से सब कुछ दूर हो जाता, लेकिन, तुम्हारे अंकल हमेशा की तरह उस रात भी मेरे लिए ठंडे थे। हाँ, निश्चित रूप से उस रात मेरी कमर और जांघों में दर्द कम था और मेरे स्तन भी इतने तने हुए नहीं थे और चूंकि एक लंबे समय के बाद मेरा योनि मार्ग गीला हो गया, मुझे बहुत अच्छा लगा, हालांकि उस रात मैं वास्तव में सेक्स चाहती थी ?

मैं: मैं समझ सकती हूँ भाबी।

सोनिया भाबी: हाँ, उस रात 40 साल+ की उम्र में भी मैं मनोहर की बाहों में रहने की ख्वाहिश रखती थी और संभोग सत्र के लिए तरसती रही थी!

मैं: जो काफी स्वाभाविक भी था।

कुछ पल की खामोशी रही और फिर भाबी फिर बोलती रही।

सोनिया भाबी: लेकिन रश्मि ? मैंने शायद उस दिन मधुमक्खी के छत्ते पर कदम रखा था क्योंकि उस दिन के बाद मेरी चूत में जो खुजली शुरू हो गयी थी, जिसने मुझे लगभग पागल कर दिया था। मेरे सभी रजोनिवृत्ति के लक्षण इतने बढ़ गए थे! उसके बाद के पूरे सप्ताह मैं बहुत बेचैन रही थी । मैं अपनी हालत आपको शब्दों में बयां नहीं कर सकती रश्मि- मेरे स्तन हमेशा तने हुए रहते थे और दर्द कर रहे थे, मेरे निपल्स से तरल पदार्थ निकल रहा था, और मेरी चूत में हर समय खुजली हो रही थी लेकिन मेरा योनि मार्ग बिकुल सूखा था। मनोहर मेरे लक्षणों पर बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था और चीजों को दरकिनार कर रहा था, मैं बहुत घबरा रही थी ? जब मैंने इनसे बात की तो उन्होंने बोला डॉक्टर के पास जाओ?।

मैं: निश्चित तौर पर ये किसी भी महिला के लिए बहुत कठिन परिस्थिति है ?.

सोनिया भाबी: हाँ रश्मि ? और अंततः अपरिहार्य हुआ। मैं उन दिनों इतना हताश ही गयी थी कि मैंने अपना विवेक खो दिया और निकटतम उपलब्ध अवसर से चिपक गयी !

उसकी ये बात सुनकर उस बुजुर्ग महिला से कुछ और खुलासा करने वाले तथ्यों का अनुमान लगाते हुए मेरी आँखें मानो चमक उठीं।

मैं: मतलब?

सोनिया भाबी: नहीं, नहीं! वो बिल्कुल नहीं ...

हम दोनों सार्थक रूप से मुस्कुराए।

मैं: ओह! ठीक है !

सोनिया भाबी: जैसा कि मैं कह रही थी कि गजोधर के साथ उस प्रकरण के बाद पूरे हफ्ते तक मेरे शरीर में पहले की तुलना में अधिक दर्द हुआ! रश्मि , आपने कल्पना नहीं की होगी कि ये इतने तने हुए थे कि मुझे दिन में अपने घर में ब्रा-लेस रहना शुरू करना पड़ा।

भाबी ने अपनी साड़ी के पल्लू के नीचे ग्लोब की ओर इशारा किया। हम दोनों ने फिर से अपनी वोडका का एक घूँट पी लिया और अब मैं काफी नशे वाली फीलिंग का आनंद ले रही थी और भाबी पर भी वही अल्कोहलिक स्पैल का असर रहा होगा।

सोनिया भाबी: और इतना ही नहीं, मुझे एक साथ योनि और जांघ के अंदरूनी हिस्से में ऐंठन हो रही थी और मैं बहुत गंदी स्थिति में थी। उसी दौरान मेरी बहन ने दिल्ली से फोन किया और नंदू को छुट्टी पर हमारे यहां भेजने की बात कही, जो कि कोई असामान्य घटना नहीं थी। नंदू पहले भी हमारे घर आया था और स्कूल में छुट्टियों के दौरान एक हफ्ते या उससे भी ज्यादा समय तक हमारे पास रहा था।

मैं: ठीक है। नंदू आपकी बहन का बेटा है?

मैं: मैंने देखा हैं ।

सोनिया भाबी: बिलकुल वह मेरी बड़ी बहन का बेटा है। असल में वह वही है जिसने मेरी बेटी के लिए वैवाहिक सलाह दी थी।

सोनिया भाबी : नंदू इस साल आईएससी देंगे, लेकिन उस दौरान वह ग्यारहवीं कक्षा में था . मेरा विश्वास करो अनीता, जैसे ही मैंने उसे देखा, जब वह हमारे घर आया, तो मेरा दिमाग गंदा काम करने लगा और मैं…

भाबी ने फर्श की ओर देखा और वह अपना सिर हिला रही थी और मैं समझ सकती थी कि वह किसी बात के लिए दोषी महसूस कर रही होगी।

मैं: भाबी... प्लीज़ रुकिए मत ।

सोनिया भाबी: हाँ… दरअसल रश्मि मैंने किसी तरह अपनी झिझक छोड़ दी और ऐसी घटिया बातें की कि… मैं उसकी माँ की तरह हूँ, तुम जानती हो… नंदू मेरा अपने माँ जैस ही सम्मान करता है, लेकिन मैंने उसका यौन शोषण किया… मैंने वर्जित का स्वाद चखा! हुह! लेकिन आप जानती हो रश्मि , अंत में वह भी ... मैं ऐसा महसूस कर रही था, लेकिन मुझे अपने व्यवहार से भटकना पड़ा क्योंकि...

मैं: भाभी। भाबी। पहले शांत हो जाओ। मुझे सब कुछ बताओ। ऐसा लग रहा था कि भाबी अब वोडका से बहुत प्रभावित होने लगी थी और मैंने उसे फिर से सयमित होने के लिए कुछ समय दिया ताकि वह मुझे अपनी सेक्सी मुलाकात के बारे में विस्तार से बता सके।

जारी रहेगी

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odin chacha

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Bahut hi khubsurat update tha bro 👍❤️
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक

अपडेट-09

भाबी का मेनोपॉज ( रजोनिवृति )


सोनिया भाबी: मुझे एक बार शौचालय जाना है। ऐसा लगता है कि मेरा मूत्राशय ओवरफ्लो हो जाएगा ।

मैं मुस्कुरायी और उसके साथ गयी । हम भाबी के कमरे के संलग्न बाथरूम में गए क्योंकि पुरुष हमारे कमरे में ड्रिंक ले रहे थे। भाबी ने साड़ी पहनी हुई थी और उसके लिए जल्दी से साड़ी उठाना आसान हो गया और अपनी पैंटी नीचे खींच कर फर्श पर बैठ गई। मैंने देखा कि उसका भारी गोल नंगा गाण्ड शौचालय की नीली बत्ती में बहुत ही सेक्सी लग रहा था. भुझे उबासी आयी और मुझे अपनी सलवार की गाँठ को खोलने में समय लगा और आखिरकार जब मैंने उसे खोला और बैठ गयी , तब तक भाबी मूत्र विसर्जन पूरा कर चुकी थी। मुझे देख भाभी ने पुछा

सोनिया भाबी: आह! अरे, क्या हुआ, रश्मि ?

मैं: इट्स ओके भाबी। गांठ फंस गई थी ?

सोनिया भाबी: ओह! रश्मि आप को बताउ, आपके अंकल हमेशा इस काम में नौसिखिया रहे हैं! चाहे दीवार से मच्छरदानी खोलन हो या मेरा पेटीकोट हो, वह गड़बड़ करने लगते हैं ।

हम दोनों जोर से हँसी और अपने मूत्राशय और भाबी को शौचालय के फर्श में पानी साल कर साफ़ करने के बाद, हम फिर से बालकनी में, वापस आ गए और बोदका के गिलास उठा लिए ।

मैं: भाबी, आप अपनी बहन के बेटे के साथ अपना अनुभव बता रहे थे? उसका नाम क्या है?

सोनिया भाबी: हाँ। नंदू। लेकिन रश्मि ये इतनी पर्सनल बातें हैं कि आपको बताते हुए मुझे बहुत शर्म आ रही है.

मैं: भाबी, आप प्लीज फिर से उसी के साथ शुरुआत से मुझे पूरी बात बताओ ना?

सोनिया भाबी : दरअसल मैं अपने मन और शरीर में ऐसे खोखलेपन से गुजर रही थी कि मेरे ख्यालों में भी कौतूहल आ गया. था वास्तव में मुझे अब भी लगता है कि खालीपन मुझे कभी-कभी जकड़ लेता है।

मैं: यह वास्तव में ये महिलाओ के जीवन का बहुत कठिन दौर होता है।

सोनिया भाबी: और इसलिए कि मैं अपने पति को मेरी मदद करने में अक्षम पा रही हूं। नहीं तो मैंने नंदू के साथ जो किया वह अपराध है?

मैं: ऐसा मत सोचो भाबी। यह ईश्वर ही है जो हमें विकल्प प्रदान करता है जिसे हम कभी-कभी पकड़ लेते हैं।

सोनिया भाबी: ठीक है रश्मि। मैं आजकल ऐसा ही सोचती हूँ! असल में रश्मि मैंने किसी तरह से अपनी सारी झिझक छोड़ दी थी और ऐसी घटिया हरकते की कि… मैं उसकी माँ की तरह हूँ, तुम अनीता को जानती हो… नंदू मेरा उतना ही सम्मान करता है, लेकिन मैंने उसका शोषण किया…

एक संक्षिप्त विराम था और फिर भाबी ने बिना सेंसर किए अपना अनुभव मुझसे साझा करना जारी रखा।

सोनिया भाबी: तुम्हें पता है रश्मि, जिस क्षण मैंने नंदू को देखा, जब उसने तुम्हारे अंकल के साथ हमारे घर में प्रवेश किया, तो मेरे दिमाग में शैतानी भरे विचार आने लगे। मैंने तुरंत फैसला किया कि मुझे आपके अंकल से जो उपचार नहीं मिल रहा हूं, वो मैं नंदू से प्राप्त करुँगी !

मैं: लेकिन कैसे भाबी?

सोनिया भाबी: हाँ, मुझे पता था कि यह मुश्किल है क्योंकि मैं उसकी मौसी थी, लेकिन फिर? मेरे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था? दरअसल रश्मि, चीजें इतनी रोमांचक हुई और मेरी तरफ से कोई रुकावट भी नहीं थी ! इस किशोर लड़के को छेड़ने में मुझे मजा आने लगा था ।

भाभी ने अपना समय लिया, थोड़ा वोदका पीया, एक लंबी सांस छोड़ी, और फिर बोलना शुरू किया ।

सोनिया भाबी: जैसे ही तुम्हारे चाचा नंदू के साथ दाखिल हुए और मैंने आगे बढ़कर नंदू का स्वागत किया । नंदू ने मेरा आशीर्वाद लेने के लिए मेरे पैर छू लिये और मैंने उसे उठा कर उसे सामान्य तरीके से हलके से गले से लगा लिया। लेकिन रश्मि, मेरा विश्वास करो, मेरा दिल उस समय तेजी से धड़क रहा था और मैं अपनी तेजी से धड़कते हुए दिल की धड़कन का अनुभव कर रही थी। मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था, मैंने अनगिनत बार नंदू को गले लगाया है, वो मेरे बेटे की तरह है! लेकिन उस दिन सब कुछ अलग लग रहा था। वह तब XI में था और वह लगभग मेरे जितना ही लंबा हो गया है। मैंने अपने हाथ में उसके सिर को पकड़ लिया और सबसे सामान्य तरीके से उसके माथे को चूमा, लेकिन कुछ मुझ हो रहा था। उसकी टीनएज लुक, फीकी मूंछें और सुडौल शरीर मेरे ध्यान को आकर्षित कर रहा था। फिर मैंने लापरवाही से उसकी पीठ थपथपाते हुए गले लगाया, लेकिन बहुत स्पष्ट रूप से महसूस कर सकती थी कि जैसे ही मेरे स्तन उसकी सपाट छाती पर दबे , मेरे निपल्स सख्त हो रहे थे। अजीब तरह से वही बेचैनी मुझे महसूस हुई जैसी के साथ गजोधर चलती ट्रेन में हुई थी जब वो मेरे स्तन अपने हाथो से दबा और सहला रहा था ।

मैं: आप में जो शारीरिक परिवर्तन हो रहा है, उसने शायद आपको ऐसा सोचने पर मजबूर कर दिया होगा ।

सोनिया भाबी: बिल्कुल रश्मि। ऐसा ही हुआ था . मेरी रजोनिवृति की स्थिति, मनोहर द्वारा ठीक से मेरे पर ध्यान न देने से और गजोधर द्वारा की गयी कुछ दिन पहली की गयी छेड़छाड़ ने मेरी मानसिक स्थिति को और खराब कर दिया था और मैं अकल्पनीय से सुख लेने की कोशिश कर रही थी।

मैं: वर्जित सुख ! मैंने आग में थोड़ा सा घी डाला .

सोनिया भाबी: मैंने जल्दी से नंदू के शरीर से खुद को अलग कर लिया और उसे अपने कमरे में जाकर फ्रेश होने को कहा। तुम्हारे अंकल पहले ही उसका सामान आदि रखने के लिए घर के अंदर चले गए थे। मैं रसोई में नंदू के लिए चाय और शाम का नाश्ता तैयार करने गयी , लेकिन मेरा मन कहीं और था। मेरे मन में एक लड़ाई चल रही थी कि ऐसा क्यों हुआ? नंदू अभी सिर्फ 18 साल का है और मैं बिल्कुल उसकी माँ की तरह हूँ, लेकिन आज कुछ सेकंड के लिए एक साधारण आलिंगन ने मुझे अंदर से गर्म कर दिया था ! जब मैंने खाना बना रही थी तो मुझे अपने द्वन्द का कोई उपयुक्त उत्तर नहीं मिला, और खुद को सयमित करने की बजाय मैंने अपने मन को एक सप्ताह के इस अवसर का भरपूर उपयोग करने के लिए अधिक इच्छुक पाया और सोचने लगी की अब नंदू मेरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आया है !

मैं: और तुमने ऐसा किया?

सोनिया भाबी: हाँ, मेरे दिल की धड़कन अभी भी तेज़ थी और रसोई में ही मैंने नंदू के रहने के दौरान पूरा आनंद लेने का मन बना लिया था। इस काम में बाधक हो सकते थे तुम्हारे अंकल जो ज्यादातर समय घर पर ही रहते थे। वह सुबह 10:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक फोटोग्राफी सर्कल में जाते थे। बाकी समय घर पर ही होते थे ।

मैं:भाभी. फिर आपने कैसे मैनेज किया?

सोनिया भाबी: मैंने तुमसे कहा था कि मैं उस समय शैतानी सोच में डूबी हुई थी और नंदू के मेरे साथ अंतरंग होने के लिए आसानी से परिस्थितियाँ पैदा करने में सक्षम थी। उस शाम को कुछ नहीं हुआ, लेकिन जब नंदू सोने ही वाला था, तो मेरे मन में उसे अपनी और आकर्षित करने के लिए एक अजीब-सी अनुभूति होने लगी। जरा सोचो रश्मि मैं किस हद तक परेशान और निराश हो गई थी! मेरी उम्र ४०+ है और मैं इस १८ वर्षीय लड़के के पास जाने के लिए बहुत उत्सुक थी जो मेरी बहन का बेटा है !

भाबी ने अपना सिर शर्म से झुका दिया।

मैं: हम्म भाबी। बहुत ही रोचक!

सोनिया भाबी: मैंने ध्यान से देखा कि आपकेअंकल टीवी देख रहे थे और चूंकि हम सभी ने रात का खाना खा लिया था, इसलिए इस बात की बहुत कम संभावना थी कि वह मुझे ढूंढेंगे। तो, मेरे लिए, रास्ता साफ़ था। मैं पहले से ही अपने नाइटवियर में थी और मैंने सोचा कि ये इस किशोर लड़के को उत्तेजित करने का सबसे अच्छा मौका है । इसलिए मैं उसके कमरे में जाने के लिए आगे बढ़ी ।

सोनिया भाबी: ईमानदारी से कहूं तो रश्मि, मैंने उसके सामने अपनी ब्रा उतारने तक के बारे में भी सोचा था , क्योंकि, आप तो जानती ही हो , इस उम्र में भी मेरे स्तन मेरी उम्र की महिलाओं की तुलना में काफी मजबूत टाइट और उठे हुए हैं। रश्मि मैं खुद पर घमंड नहीं कर रही हूं, लेकिन यह सच है कि मेरी मांसपेशियां जरूर ढीली हो गई हैं, लेकिन फिर भी मेरी उम्र की ज्यादातर महिलाओं की तरह मेरे स्तन ढीले नहीं हुए हैं। इसके अलावा, चूंकि उस समय मेरे स्तनों मेंरजोनिवृति के कारण हो थे बद्लावीो के कारण तीव्र कसाव था और मैं सुबह के समय ब्रा-लेस रहती थी, मैं इसके बारे में सचेत थी। इसलिए मुझे यकीन था कि मैं ब्रा-लेस स्थिति में अश्लील नहीं दिखूंगी, फिर भी मैंने उस समय यह विचार छोड़ दिया क्योंकि मैं नंदू के साथ पहले ही मौके पर चीजों को ज़्यादा नहीं करना चाहती थी ।

भाबी अपने बूब्स की ताकत और जकड़न के बारे में काफी आश्वस्त लग रही थीं। स्वतः ही मेरी नज़र उसके स्तनों पर भी गई और वास्तव में वे उसके ब्लाउज के नीचे भरी हुई, गोल और खड़ी दिखाई दीं, लेकिन आम तौर पर उसकी उम्र की महिलाएं स्तनों को तना हुआ दिखाने के लिए तंग ब्रा पहनती हैं, लेकिननशे में मेरा दिमाग शैतनि सोच से भर गया था !

मैं: ओह! 40 साल की उम्र में अगर आपके टाइट बूब्स हैं, तो मेरा कहना है कि मनोहर अंकल ने अपप्के साथ ज्यादा कुछ नहीं किया या वो इस काम के लिए उपयुक्त नहीं थे?

हा हा हुह?.

हम दोनों जोर से हसने लगे और हँसी में लुढ़क गए

भाबी ने मुझे संभाला और मेरी बातो में सुधार किया ।

जारी रहेगी

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odin chacha

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Bahut hi majedar aur dilchasp update tha dono mahilaon ke bich ho rahe gupchup baate aur bhi uttejak hain...👍❤️
 

Lutgaya

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odin chacha

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Agle update ke intezar mein
 
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