• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


  • Total voters
    8
  • Poll closed .

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-9


दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन

गुरु जी: ओम ऐं ह्रीं। क... चा... वि, नमः! प्रोटोकॉल के अनुसार आप दोनों एक मिनट तक इसी मुद्रा में चुंबन करते रहें।

मैंने गुरूजी के पीछे-पीछे मंत्र मन में दोहराया, हालांकि इस शारीरिक उत्तेजना के कारण मेरा दिमाग अब पहले से भी ज्यादा ही भटक रहा था। मेरे गदराये हुए और नरम अंगो को सहलाने और गले लगाने और चुम्ब करने से-से उदय भी उत्तेजित थे जो इस बात से स्पष्ट हुआ था कि उदय भारी सांस ले रहा था और अब मेरे ओंठ चूस रहा था। साथ ही मैं अब मैं उसकी धोती के माध्यम से उसके कठोर लंड को महसूस कर रही थी!





BF3

गुरु जी: जय लिंग महाराज! बहुत बढ़िया! बेटी, दूसरा चरण आधा पूरा हुआ और अब आप इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं?

मैंने किसी तरह सिर हिलाया क्योंकि मेरा पूरा शरीर इस मंत्र दान में चुम्बन और आलिंगन से "गर्म हो गया था"। लेकिन मेरे चेहरे पर आयी मुस्कान बहुत कुछ कह रही थी।



kis-floral
गुरु जी: अच्छा। रश्मि आपकी मुस्कान कहती है कि आप इस मंत्र दान प्रकरण का आनंद ले रही हैं। रश्मि स्मरण रखना योनि की पूजा करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण शर्त है योनि के बारे में सांसारिक विचारों से मन की शुद्धि, हममें से अधिकांश लोग जो शर्म और अपराध बोध रखते हैं, मुझे खुशी है कि आपने इस मामले में उस शर्म और अपराध बोध से छुटकारा पा लिया है।

मैं इस सवाल पर मुस्कुराना बंद नहीं कर पायी और मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया।

गुरु-जी: रश्मि। जैसा कि अब आप जानते हैं कि तंत्र अत्यधिक कर्मकांडी है और इसका तात्पर्य एक श्रद्धापूर्ण जीवन शैली से है। हालांकि, यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि तंत्र के कई नियमों और औपचारिकताओं का उद्देश्य मन को केंद्रित करना, इच्छाशक्ति को मजबूत करना है। अनुष्ठान अपने आप में अंतिम लक्ष्य नहीं हैं। उन्हें चेतना की उच्च अवस्थाओं तक पहुँचने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के रूप में देखा जान चाहिए। इसीलिए अगर परिस्थितिवश कुछ बदलाव की आवश्यकता हो तो उसे किया जाता है। लेकिन योनि पूजा में जो सबसे महत्त्वपूर्ण है वह है अभ्यासियों का एकाग्रचित्त ध्यान और लिंग देव और योनि की शक्ति के प्रति उनकी भक्ति और प्रेम। जागरूकता और प्रेम का यह संयोजन ही अनुष्ठानों के दौरान चेतना को जगाने में सक्षम बनाता है और अनुष्ठान को सफल बनाता है।

मैंने सिर हिलाया जी-गुरु जी

गुरु-जी: राशि आगे है अपोजिट सेक्स किस, यानी बेटी, अब आपको उदय को किस करना होगा। ठीक? और ध्यान रहे कि यह एक पूर्ण चुंबन होना चाहिए जैसा कि आप बिस्तर पर अपने पति के साथ करती हैं।



emb05


मैंने नम्रता से सिर हिलाया।

गुरु जी: उदय, तुम बस रश्मि की कमर पकड़ लो और इस बार रश्मि बाकी काम करेगी।

उदय: ठीक है गुरु जी।

उदय ने मेरी कमर पकड़ ली और मेरे सामने खड़ा हो गया फिर मैं उसके होठों के पास गयी हालाँकि मेरी आँखों पर पट्टी बंधी हुई थी पर उसकी पकड़, स्पर्श और उसके साथ बिठाये हुए इन अंतरंग पलो से मुझे आभास था की वह किधर, कहाँ और कैसे खड़ा है। हालाँकि मेरी आँखें काली पट्टी से बंधी हुई थीं, फिर भी मैं आसानी से पता लगा सकती थी कि उसके होंठ कहाँ हैं और मैंने उन्हें धीरे से अपने होठों में ले लिया। मुझे एहसास हुआ कि वह मेरी कमर से मुझे और अधिक पास खींचने की कोशिश कर रहा था और कुछ ही समय में मेरे पूरे शरीर का भार उस पर था। इस हरकत ने मुझे और भी उत्तेजित कर दिया और मैंने उसका चेहरा अपनी हथेलियों में पकड़ लिया और उसे जोश से चूमने लगी। सबसे अच्छी बात यह थी कि मुझे उसे चूमने का मन हुआ और इससे मेरा काम आसान हो गया, नहीं तो इस तरह से किसी अनजान पुरुष को चूमना वाकई बहुत शर्मनाक मामला होता।



floral-press
मैं अब अपने चोली के अंदर बहुत तंग महसूस कर रही थी क्योंकि मेरे स्तन स्पष्ट उत्तेजना में अधिक कड़े हो कर बढ़ गए थे। मैं महसूस कर सकती थी था कि उदय ने अपने कूल्हों को कसना शुरू कर दिया है ताकि मैं उसका सीधा लंड महसूस कर सकूं। मैं इतना रोमांचित और ऊर्जावान हो रही थी कि मैंने अपने संकोच को पूरी तरह से छोड़ दिया और उसकी लार को चखने के लिए अपनी जीभ को उसके मुंह में गहराई में डालना शुरू कर दिया।

और फिर अचानक।

तालियों का दौर शुरू हो गया! मुझे इतना आश्चर्य हुआ कि मैं एक पल के लिए रुक गयी।

गुरु-जी: बेटी रुको मत! वह ताली आपको प्रोत्साहित करने के लिए थी क्योंकि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। लगे रहो... बस चलते रहो! लिंग महाराज बहुत संतुष्ट होंगे। जय लिंग महाराज!

मैं उस अचानक तालियों से इतना फँस गयी कि मेरा मन अब कुछ भी नहीं सोच पा रहा था और मैंने बस गुरु-जी के निर्देश का पालन किया। मैंने फिर से उदय के होठों को अपने ओंठो में दबाया।



मैं स्वयं एक गृहिणी-30 वर्ष की आयु-आश्रम में इलाज के लिए इसलिए आयी थी क्योंकि मुझे डॉक्टरों से अपने यौन अंगो की जांच करवाने में शर्म आ रही थी-और यहाँ अब इस आदमी को चूमना जिसे मैं एक हफ्ते पहले तक नहीं जानता था और उसके लिए अन्य लोगों तालियाँ बजा आरहे थे! सब कुछ बस अकल्पनीय था! मैं यह कैसे कर रही थी मैं खुद हैरान थी।

उदय मेरी कमर को बार-बार पिंच करके और जोर से दबा कर मुझे ट्रिगर कर रहा था ताकि मैं उसे और जोर से चूम लूं। वह मेरे मुंह के अंदर अपनी जीभ भी घुमा रहा था और यह वास्तव में मेरे लिए बहुत अच्छा अहसास था!

गुरु जी: ओम ऐं ह्रीं क, चा... वि... नमः! ..

मैंने मन ही मन मन्त्र दोहराया और साथ ही सोचा कि मैंने अपने पति को आखिरी बार खड़े मुद्रा में कब चूमा था! मुझे शायद ही याद हो क्योंकि पिछले कुछ महीनों में जब भी हम मिले थे और सेक्स किया तो बिस्तर पर किया था, हम हमेशा बिस्तर पर ही शुरू होते थे। हमेशा। काश मैं उसे खड़े होकर और अधिक बार चूमती या कम से कम वह खड़े होकर मुझे चूमने के लिए आमंत्रित करता क्योंकि यह मुझमें बहुत अधिक यौन भावनाएँ पैदा कर रहा था!

साथ ही जब से वह मेरे गाण्ड को दोनों हाथों से दबा रहा था और निचोड़ रहा था, मैं और अधिक उत्तेजित हो रही थी और मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि उसकी हथेलियाँ मेरे नितम्ब के गालों पर फैली हुई हैं, जो उसके हर इंच को माप रही हैं! मैं अपने आप को नियंत्रित करने में असमर्थ थी और मेरे पैर और मेरी टाँगे प्राकृतिक यौन उत्तेजना से अलग हो गयी थी। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरे दृढ़ गोल स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे और इस सोने पर सुहागा हुआ जब उदय ने मेरी एक टांग उठा ली और मैं उसे उसके नितम्ब पर ले गयाऔर उदय का हाथ मेरी जांघ और नितम्बो के बीच में था और उसका लंड उसकी धोती के अंदर से मेरी योनि के ओंठो को स्पर्श कर रहा था और साथ-साथ हम चूम रहे थे ।

यहाँ भी पहले वह मुझे चूमता और फिर मैं उसके चुंबन का जवाब देती थी। फिर वह नेरे चुंबन का जवाब दे रहा था। फिर उदय बस मेरे होठों पर चढ़ गया। और वह अब मेरे खड़े होने की मुद्रा में मुझे जोर से गले लगा रहा था। उसने मेरे होठों को अपने मुँह में ले लिया और उन्हें चूसने लगा और उसकी ये हरकत मुझे तुरंत एक जंगली ऊंचाई तक ले गयी।

एक बार फिर मैं अब अपने चोली के अंदर बहुत तंग महसूस कर रही थी क्योंकि मेरे स्तन स्पष्ट उत्तेजना में अधिक कड़े हो कर सूज कर बड़े हो गए थे। मैं महसूस कर सकती थी था कि उदय ने अपने कूल्हों को मेरी योनि पर कसना शुरू कर दिया है ताकि मैं उसका सीधा लंड महसूस कर सकूं। मैं इतना रोमांचित और ऊर्जावान हो रही थी कि मैंने अपने संकोच को पूरी तरह से छोड़ दिया और उसकी लार को चखने के लिए अपनी जीभ को उसके मुंह में गहराई में डालना शुरू कर दिया। हम दोनों अब पागलो की तरह आस पास से बेखबर एक दुसरे को चूम रहे थे ।

गुरु जी: ओम ऐं ह्रीं। क... चा... वि, नमः! प्रोटोकॉल के अनुसार आप दोनों एक मिनट तक इसी मुद्रा में चुंबन करते रहें।

गुरु जी: जय लिंग महाराज! उत्कृष्ट। रश्मि और उदय!

गुरु जी: जय लिंग महाराज! गुड जॉब रश्मि । धन्यवाद उदय!

गुरुजी से "धन्यवाद उदय" सुनकर मैं थोड़ा हैरान हुयी, लेकिन जल्द ही इसके महत्त्व का एहसास हुआ।

इसका मतलब था कि चुंबन खत्म हो गया था, मैं उससे बाहर नहीं निकल पा रही थी। मेरी असल जिंदगी में बहुत कम ही मेरे पति अनिल मुझे किस करने के बाद इस तरह छोड़ा होगा और अगर यहाँ हम गुरूजी के निर्देशों का पालन करने को बाध्य नहीं होते तो मैं उस समय जरूर उदय के साथ सम्भोग कर लेती और उदय निश्चित रूप से इसके बाद या तो मेरे ब्लाउज को निकला देता या अब तक मेरी स्कर्ट को उठा कर लिंग का योनि में प्रवेश कर देता! लेकिन यहाँ चुकी हम गुरूजी के निर्देश में सब कुछ कर रहे थे इसलिए हम रुक गए और ऐसा कुछ नहीं हुआ।

गुरु-जी: बेटी जैसा कि मैंने पहले कहा था कि मंत्र दान और योनि पूजा साथ-साथ चलेंगी और अब जब मंत्र दान का पहला भाग पूरा हो गया है, तो मैं योनि पूजा शुरू करूंगा।


योनी पूजा जारी रहेगी

emb06
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144

औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-10


यौनि पूजा

गुरु जी: ओम ऐं ह्रीं ।क... चा... वि, नमः!

मैंने गुरूजी के पीछे पीछे मंत्र दोहराया,

गुरु-जी: बेटी जैसा कि मैंने पहले कहा था कि मंत्र दान और योनि पूजा साथ-साथ चलेंगी और अब जब मंत्र दान का पहला भाग पूरा हो गया है, तो मैं योनि पूजा शुरू करूंगा।

मैं: ओ… ठीक है गुरु-जी।

मैं मुश्किल से बोल पायी थी क्योंकि मैं बहुत जोर से हांफ रही थी । यहाँ तक की अब मैं अपनी चोली को समायोजित करने के लिए अनिच्छुक थी क्योंकि मेरी भारी सांस लेने के कारण अब मेरे स्तन का अधिकांश भाग प्रकट हो गया था। गुरुजी ने तुरंत कुछ संस्कृत मंत्र शुरू किये और मुझे लगा कि वे मेरे चरणों में फूल फेंक रहे हैं। यह एक-एक मिनट तक चला और फिर गुरूजी मेरे बहुत करीब आ गए । मैंने महसूस किया कि जैसे ही मैंने मंत्रों को अपने बहुत पास से सुना, वास्तव में, मेरे पैरों के पास से! यह वास्तव में एक अजीब स्थिति थी क्योंकि मेरी आंखें बंधी हुई थीं और मैंने गद्दे पर थोड़ा सा फेरबदल किया।



YP-FIG
upload images

गुरु-जी : बेटी, हिलो मत। स्थिर रहो।

मैं : गुरूजी अब आगे क्या ? मैंने हांफते हुए पुछा

गुरु-जी : बेटी, योनी के सामने श्रद्धा और प्रणाम के साथ अनुष्ठान शुरू होता है। सबसे पहले तुम्हारे पास आ कर मैंने योनि को श्रद्धा के साथ प्रणाम किया और फिर मैं कुछ मंत्रो का जाप कर रहा हूँ और योनि पूजा में शामिल होने वाले लोग आमतौर पर शक्ति को पांच अलग-अलग फल या अन्य सामान-फूल की पंखुड़ियां, चावल, घी आदि चढ़ाते हैं। फिर, देवी मां की महिमा के लिए मंत्र, भजन और प्रार्थना का उच्चारण किया जाएगा।


मुझे अब यकीन हो गया था कि गुरुजी गद्दे के किनारे से जरूर आए थे। उन्होंने अपने मंत्रों के साथ जाप जारी रखा और वे मेरे चरणों में फूल फेंक रहे थे , कुछ देर बाद वो अब सटीक मेरी जांघों और घुटनों पर फूल मार रहे थे!

गुरु जी : बेटी, इसी मुद्रा में रहो क्योंकि अब तुम्हें कमल का स्पर्श मिलेगा।

मैं: क्या... वह गुरु जी ये क्या है?



emb06
image upload

मैं मुश्किल से पूछ सकी , मैं अभी भी उदय के साथ अपने "उस गर्म" मुठभेड़ से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी ।

गुरु जी : बेटी, योनि जीवन का द्वार है। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ से सभी जीवन की उत्पत्ति हुई है। यह एक प्रकार का द्वार है जिसके माध्यम से हम सभी यहां आए हैं। यह हमारे शरीर का सबसे स्त्रैण अंग है। सबसे ग्रहणशील, सबसे संवेदनशील... इसलिए यदि हम स्त्री के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करना चाहते हैं, तो योनि वह जगह है जहां से हमें शुरुआत करनी चाहिए।

गुरु-जी: योनि का संस्कृत से पवित्र मंदिर के रूप में अनुवाद किया गया है। और यह महिला जननांग, योनी को संदर्भित करता है। पूसी को कई अलग-अलग नामों से पुकारा गया है: "डाउन देयर", "पिपी", "होल", "कॉकपॉकेट", "हेरी मसल्स", "गुडीज़", "हनी पॉट", "किटी" ... रश्मि मैं आपको बता सकता हूँ और आप इस बात से सहमत होंगे कि इनमें से कोई भी वास्तव में उस जादू, शक्ति और पवित्रता को व्यक्त नहीं करता है जो महिला शरीर के सबसे स्त्रैण भाग के भीतर है।



YP0A1

ताओवादी प्रेम कविता में योनि का वर्णन करने के लिए "सुनहरा कमल", "स्वर्ग के द्वार", "कीमती मोती", "खजाना" जैसे शब्दों का उपयोग किया जाता है ...

मैं: जी गुरुजी

गुरु-जी: बेटी, कमल को दिव्य तपस्या और दिव्य सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। और आप जानती ही होंगे कि कमल ब्रह्मा का आसन भी है। तो कमल का स्पर्श निश्चित रूप से आपको आपकी वांछित दिशा में ले जाएगा।

यह कहते हुए कि उन्होंने मेरे पैरों पर कमल के फूल को चुहाना . घुमाना और फिराना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसे मेरे चिकने नग्न टांगो के साथ ऊपर की ओर धकेल दिया।

मैं: वो वो वो…. ईश… यह… यह मुझे गुदगुदी कर रहा है… गुरु-जी।



YP03

अपने पैरों पर कमल का सूक्ष्म स्पर्श पाकर मैं जोर-जोर से हंसना बंद नहीं रोक सकी।

गुरु-जी : बेटी, बच्चे की तरह मत बनो! आप काफी परिपक्व हो गयी हैं! संजीव, उसका हाथ पकड़ लो ताकि वह गद्दे पर न हिले ।

तुरंत ही मुझे अपनी बाहों पर संजीव के मजबूत हाथों का अहसास हुआ और वह लगभग मेरे शरीर से चिपक कर खड़ा हो गया और मेरी बड़ी उभरी हुई नितम्बो पर अपना क्रॉच दबा रहा था। मैं वहाँ एक मूर्ति की तरह खड़ी हो गयी क्योंकि स्पष्ट रूप से संजीव का लंड मेरी गोल गांड को छू रहा था।

गुरु जी : रश्मि संजीव की अनुभूति प्राप्त करने से आपका भला होगा, क्योंकि वह अगले मंत्र-दान के सत्र में आपके पति के रूप में कार्य करेगा। आप अपने नए पति को पहले से जान सकती हैं! हा हा हा…

जैसा कि मैंने ये सुना तो पाया की अन्य पुरुष भी हंस रहे थे, यह सुनकर मेरा सिर लगभग घूम गया। उदय के बाद अब मुझे किसी और पुरुष के साथ हॉट और इंटिमेट एक्ट करना होगा?!?

हे भगवान! मुझे इस बारे में कभी कोई जानकारी नहीं थी!


योनी पूजा जारी रहेगी
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-11


यौनि तंत्र ।मंत्र दान और पूजा

मुझे अपनी बाहों पर संजीव के मजबूत हाथों का अहसास हुआ और वह लगभग मेरे शरीर से चिपक कर खड़ा हो गया और मेरी बड़ी उभरी हुई नितम्बो पर अपना क्रॉच दबा रहा था। मैं वहाँ एक मूर्ति की तरह खड़ी हो गयी क्योंकि स्पष्ट रूप से संजीव का लंड मेरी गोल गांड को छू रहा था और अब उदय के बाद मुझे उदय के बाद अब मुझे संजीव या फिर किसी और पुरुष के साथ हॉट और इंटिमेट एक्ट करना होगा? हे भगवान! मुझे इस बारे में कभी कोई पूर्व बिलकुल जानकारी नहीं थी!


blind-ctrl
fun fun fun fun smileys

गुरुजी ने बड़ी चतुराई से मुझे उस पर विचार करने और प्रतिक्रिया करने का मौका नहीं दिया, क्योंकि जब मुझे लगा कि कमल का फूल मेरी मिनीस्कर्ट के शीर्ष पर आ रहा है तो मैं तुरंत बहुत सचेत हो गया। हालाँकि मैं देख नहीं पा रहा था, गुरु जी मेरी स्कर्ट के सामने झुके होंगे! और जब मुझे कुछ समझ आया ऑटो मैंने कहा

मैं: गुरूजी ये आप क्या कह रहे हैं?

गुरु-जी: बेटी, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि योनि पूजा के बारे में आम बातचीत का विषय रहा है। योनि और लिंगम (योनि / योनी और लिंग / लिंग) के बारे में बातचीत भारतीय और कई अन्य देशों और धर्मों में कुछ भी असामान्य नहीं है। आपको केवल हमारे पुराने मंदिरों के आस-पास मौजूद विभिन्न सजावटी मूर्तियों को देखना होगा ताकि यह देखा जा सके कि सेक्स और प्रजनन के मामले वर्जित विषय नहीं हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम खुलेआम चुत या योनि और लंड या लिंग के बारे में बात करते हैं। योनी और लिंगम, क्योंकि शब्द और अवधारणाएँ अपने वास्तविक दुनिया समकक्षों से कुछ हद तक अलग हैं। हम घबराए बिना उनके बारे में बात करने में सक्षम हैं और इनके बारे में बात करते हुए शर्मिंदा या विवेकहीन नहीं होते हैं। इसलिए मैं भी, बिना पलक झपकाए योनि पूजा के बारे में बात कर रहा हूँ।




blind-kis
tent smileys
मैं असहज रूप से एक पेअर पर स्थानांतरित हो गयी क्योंकि मुझे पता था कि वहाँ मौजूद सभी पांच पुरुषो मुझे ही देख रहे थे। योनि पूजा की रहस्यमय अवधारणा और इसका वास्तविक अनुष्ठान उपक्रम अचानक मुझे थोड़ा विवेकपूर्ण और असहज महसूस करा रहा था।

गुरुजी ने देखा कि मैं असहज और वह मानो अंतर्यामी थे और उन्होंने इस प्रक्रिया को मुझे फिर से समझाया।

गुरु-जी-: बेटी ये रस्म बहुत सरल है और फिर भी बहुत शक्तिशाली है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, मैं आपको विवरण समझाता रहूंगा।

मैं, इस स्तर पर पूरी तरह से स्तब्ध थी। अब मेरी चूत के बारे में इस असली बातचीत को सुनना, मेरे सिर को इधर-उधर करना वाकई मुश्किल था। यह अचानक शुरू हुई एक बहुत ही असहज चर्चा थी और ये मेरे चेहरे पर चिंता और मेरे गालों में सुखद गुलाबी ब्लश में स्पष्ट था।



FLORAL2
go tieng viet truc tuyen

गुरु-जी ने तब जाकर विस्तार से पूरी प्रक्रिया का वर्णन किया और बताया कि हमें अनुष्ठान कैसे करना है। मैंने ध्यान से सुना और फिर ऐसा लगा कि जैसे ही मैं वहाँ खड़ी थी, गुरु के बोलते हुए सिर हिलाते हुए कुछ हद तक बात मेरी समझ में आ गई थी और मैंने उनकी बात सुनी और उनके साथ सहमति में सिर हिलाया और थोड़ा हिल रही थी मैं कभी-कभार उनकी और मुड़ती थी और गुरु की कही हर बात को विनम्रतापूर्वक मान्य करते हुए सहमति में सिर हिला रही थी।

यह विवरण बेचैन करने वाला था। मेरा दिमाग खाली हो गया था जबकि गुरु ने इसका वर्णन किया था और अब भी मैं योनि पूजा अनुष्ठान के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकी।

गुरु-जी: बेटी जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, मैं इस पूजा में आपकी सर्वोत्तम एकाग्रता और पूर्ण निर्विवाद सहयोग चाहता हूँ। यह योनि पूजा आपको अजीब, असहज, असामान्य या आपत्तिजनक लग सकती है, लेकिन केवल यही आपको बच्चा पैदा करने के आपके सबसे वांछित लक्ष्य की ओर ले जाएगी। तो, आप इसके और अपने लक्ष्य के बहुत करीब हैं।

गुरु-जी" जैसा कि मैंने पहले कहा था कि इस योनि पूजा में पाँच भाग होते हैं-

a) मंत्र दान (= मंत्र साझा करना) ,

b) पूजा (= योनि की पूजा) ,

c) योनि मालिश (= योनि की मालिश) ,

d) योनि सुगम (=मालिश को सही ठहराना) , और

e) योनि जन दर्शन (= दुनिया को योनि दिखाना)

योनी पूजा! के विभाजनों को सुनकर मेरे होंठ स्वतः ही अलग हो गए. पूजा! सच कहूँ तो, पहले दो यानी मन्त्र दान और योनि पूजा तक यह मेरे लिए ठीक था, लेकिन "योनि मालिश" , "योनि सुगम" और "योनि जन दर्शन" बहुत परेशान करने वाले और अपमानजनक भी लग रहे थे!

मैं: गुरु जी...

गुरु-जी: रश्मि, मैंने अभी कहा था कि मुझे योनि पूजा के दौरान आपसे "निर्विवाद सहयोग" चाहिए।

मैं: मैं सहमत हूँ, लेकिन अगर आप थोड़ा समझाओ।



blind-strip

गुरु जी: धीरज रखो रश्मि। मैं प्रत्येक के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ!

मैं: ओ.। ठीक है। सॉरी गुरु जी...

गुरु-जी: रश्मि! पहला और दूसरा भाग परस्पर जुड़े हुए हैं और साथ-साथ चलेंगे, यानी "योनि पूजा" और "मंत्र दान" एक साथ चलेंगे। मंत्रदान में आपके पास मंत्र है, हम मंत्रदान के मध्य में हैं। अभी तब अपनी जो भी किया है वह आपने बहुत बढ़िया किया है एक बार जब मंत्रदान समाप्त हो जाता है तो हम अगले खंड पर स्विच करेंगे-योनि पूजा: या योनि पूजा और फिर "योनि मालिश" और "योनि सुगम"-

गुरु ने तब इसका वर्णन किया, हालांकि मैं पूरी बात नहीं समझ पायी थी क्योंकि गुरूजी बहुत चतुराई चौतरायी से कुछ बता रहे कुछ छिपा रहे थे फिर भी मैं-मैं यह जानने के लिए पर्याप्त रूप से कामयाब रही थी कि इसमें नारियल का दूध, दही, शहद, दूध, पानी और खाने योग्य तेल, कुछ धोना, कुछ पीना और पूरी तरह से करीबी और व्यक्तिगत योनि क्रिया शामिल है। योनि के नीचे एक बर्तन में पांच द्रव्य एकत्र किए जाते हैं। योनि पूजा में शामिल होने वाले लोग आमतौर पर योनि को पांच अलग-अलग फल या अन्य सामान चढ़ाएंगे-फूल की पंखुड़ियाँ, चावल, घी, आदि। फिर, योनि की महिमा के लिए मंत्र, भजन और प्रार्थना का उच्चारण किया जाएगा। अंतिम मिश्रण योनि के साथ सीधे और अंतरंग संपर्क द्वारा सशक्त है। बाद में, पूजा में शामिल प्रत्येक प्रतिभागी इस पवित्र भोग का एक घूंट लेता है।

तत्वों के पवित्रीकरण के बाद आमतौर पर "जादुई चरण" आता है। यह एक ऐसा समय है जब उपासक योनि के सामने घुटने टेकते हैं और ब्रह्मांडीय योनि से इच्छाएँ पूरी करने के लिए कहते हैं। इच्छाएँ किसी भी प्रकार की हो सकती हैं।

गुरु जी: बेटी इन नामो से मत डरो! यह बिल्कुल उस परीक्षा की तरह है, जो मैंने आप पर की थी। क्या तुम्हें याद है? क्या वह बहुत कठिन था?




baba1
gohan smileys
मैंने सकारात्मक रूप से सिर हिला दिया था!

गुरु-जी: अंतिम भाग होगा योनि जन दर्शन है, जो वास्तव में पूजा के प्रसाद के रूप में आशीर्वाद को स्वीकार करते हुए। आपको अपनी योनि को चारों दिशाओं बेटी को दिखाने की जरूरत है, -ताकि सभी देवी-देवता संतुष्ट हों और आपको अपनी वांछित उपलब्धि हासिल करने में मदद करने के लिए पर्याप्त रूप से आशीर्वाद दें।

गुरु-जी: रश्मि। क्या मैं अब स्पष्ट हूँ?

मैं: जी... जी गुरु-जी। ।

गुरु-जी: बेटी योनि पूजा में जो सबसे महत्त्वपूर्ण है वह है अभ्यासियों का एकाग्रचित्त ध्यान और योनि की शक्ति के प्रति उनकी भक्ति। जागरूकता और प्रेम का यह संयोजन ही अनुष्ठानों के दौरान चेतना को जगाने में सक्षम बनाता है। मैं योनि के सभी रूपों में गहराई से प्रेम करने और उसके प्रति श्रद्धा रखने के महत्त्वपूर्ण पहलू पर जोर देता हूँ। नारी योनि सर्जन की शक्ति के अनेक पहलू हैं। योनि तंत्र के अनुसार "महिलाएँ देवत्व हैं, महिलाएँ जीवन हैं, महिलाएँ वास्तव में गहना हैं। स्त्री स्वर्ग हैं; महिलाएँ धर्म हैं; और नारी ही सर्वोच्च तपस्या है। महिलाएँ बुद्ध हैं; महिलाएँ संघ हैं; और स्त्रियाँ प्रज्ञा की सिद्धि हैं।" और "दिव्य योनि करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी और करोड़ों चन्द्रमाओं के समान शीतल है।"-

गुरु जी: तो! ऐसे ही सब कुछ सरल है! और प्रमाणित है! मुझ पर विश्वास रखो।

मैं: जी गुरु जी। धन्यवाद!

गुरु-जी:-बेटी आपने अभी तक की सब क्रियाये बहुत अच्छे और सफलता पूर्वक पूरी की है लेकिन एक क्षणिक चूक आपकी पूरी मेहनत को बेकार कर सकती है। बस आपको कुछ समय और अपने एकाग्रता बनाये रखनी है और अपने अंतिम लक्ष का ध्यान कर पूरी श्रद्धा और तन्मयता से ये पूजा का आखिरी चरण पूरा करना है इसलिए जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही करो। क्या आप सहमत हैं?

मैं: जी गुरु जी। मैं आपके मार्गदर्शन के अनुसार करूँगी।

गुरु जी:-अब मन्त्रदान प्रक्रिया के एक भाग के रूप में यह कमल वास्तविक कमल यानी आपकी योनि, बेटी को स्पर्श करेगा।

अब गुरुजी के हाथ में कमल था

योनि पूजा की कहानी जारी रहेगी
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-12


मंत्र दान और कमल

गुरु-जी:-बेटी आपने अभी तक की सब क्रियाये बहुत अच्छे और सफलता पूर्वक पूरी की है लेकिन एक क्षणिक चूक आपकी पूरी मेहनत को बेकार कर सकती है। बस आपको कुछ समय और अपने एकाग्रता बनाये रखनी है और अपने अंतिम लक्ष का ध्यान कर पूरी श्रद्धा और तन्मयता से ये पूजा का आखिरी चरण पूरा करना है इसलिए जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही करो। क्या आप सहमत हैं?

मैं: जी गुरु जी। मैं आपके मार्गदर्शन के अनुसार करूँगी।

गुरु जी:-बेटी ! अब मन्त्रदान प्रक्रिया के एक भाग के रूप में यह कमल वास्तविक कमल यानी आपकी योनि को स्पर्श करेगा।

अब गुरुजी के हाथ में कमल था

गुरु जी के हाथ का कमल अब मेरी स्कर्ट के अंदर मेरे ऊपरी जांघ क्षेत्र को सहला रहा था! गुरु जी ने ऐसा करने के लिए अपना हाथ मेरी मिनीस्कर्ट में डाला होगा!


blind-feather
इससससस ओह्ह्ह!

मैंने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं (हालाँकि मेरी आँखेो पर पहले से ही पट्टी बंधी हुई थीं) ।

अब गुरु-जी ने कमल के फूल को मेरी पूरी ऊपरी जांघ (दोनों पैर) पर सपर्श किया। जब उन्होंने ऐसा किया तो उनके हाथ ने-ने मेरी गर्म नंगी चिकनी जाँघों को बहुतायत से सहलाया, तो मुझे लगा मैं सर्प की तरह फुफकार रही थी! गुरु जी ने मेरी पैंटी के ऊपर मेरी चूत पर कमल का फूल दबाया और कुछ संस्कृत मंत्र का जाप किया। यह मेरी स्कर्ट के अंदर एक अजीब-सा एहसास था!

गुरु-जी: बेटी, जैसा कि आप समझ सकते हैं, फूल को आपकी वास्तविक योनि को छूना चाहिए और मुझे कमल के फूल को योनि पूजा में आपकी खुली हुई योनि की ओर निर्देशित करना होगा।

मुझे बहुत स्पष्ट रूप से संकेत मिला; गुरुजी चाहते थे कि मैं अपनी पैंटी उतार दूं!

गुरु-जी: अगर आप सहमत हैं तो मैं इसे नीचे खींच सकता हूँ, नहीं तो यदि आप स्वयं ऐसा करने में सहज हों तो आप भी अपनी पैंटी भी खोल सकती हैं।



blind-strip
breathe

मैं: मैं... मेरा मतलब है... मैं...

मैं बुरी तरह लड़खड़ा गयी और इन सभी पुरुषों के सामने बहुत चिंतित महसूस कर रही थी। मेरे होंठ सूख गए थे और मेरा दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। मैं बस सोच रही थी कि मैं पाँच आदमियों के सामने अपनी पैंटी कैसे खोल सकती हूँ!

गुरु जी: बेटी, घबराओ मत! मैं तुम्हें अपनी स्कर्ट खोलने के लिए नहीं कह रहा हूँ; आपको बस अपनी पैंटी को उसके नीचे से बाहर निकालना है। स्कर्ट अभी भी आपको कवर करेगी। तो, चिंता मत करो!


मैं: हाँ... हाँ मैं समझ सकता हूँ... लेकिन...पर गुरु जी...

गुरु जी: एक काम करो, तुम कमरे के एक कोने में जाकर पेंटी खोलो। मुझे लगता है कि इस तरह आप सहज होंगी। संजीव, उसे वहाँ ले चलो।



striptease

मैं: ओ... ठीक है। धन्यवाद गुरु जी।

संजीव पहले से ही मेरा हाथ थामे हुए था और लगातार मेरी गोल गांड को दबा रहा था और अब वह मुझे कमरे के एक कोने में ले गया।

संजीव: महोदया, आप दीवार का सामना कर रहे हैं, इसलिए... आप इसे यहाँ खोल सकती हैं।



panty-pull

मेरा दिमाग अब और काम नहीं कर रहा था! यह मेरे लिए निराशाजनक स्थिति थी। जब मैंने अपनी पैंटी को नीचे खींचने की कोशिश की तो मेरे निचले हिस्से जम गए थे। मैं सोचने लगी की मेरे शर्मीले स्वाभाव की वजह से लेडी डॉक्टर्स के सामने कपड़े उतारने में भी मुझे शरम आती थी। लेडी डॉक्टर चेक करने के लिए जब मेरी चूचियों, निपल या चूत को छूती थी तो मैं एकदम से गीली हो जाती थी और मुझे बहुत शरम आती थी और जब बाचे के लिए टेस्ट और जांच करवाने के लिए मेरा पति अनिल मुझे देल्ही ले गया तो मैंने ने साफ कह दिया था कि मैं सिर्फ़ लेडी डॉक्टर को ही दिखाऊँगी और जब अनिल ने मुझे बताया था की जयपुर में एक पुरुष गयेनोकोलॉजिस्ट है जो इनफर्टिलिटी केसेस का एक्सपर्ट है, चलो उसके पास तुम्हें दिखा लाता हूँ। लेकिन मैं मेल डॉक्टर को दिखाने को राज़ी नहीं थी। किसी मर्द के सामने कपड़े उतारने में मैं कितना शर्माती थी और इस कारण अनिल मुझसे बहुत नाराज़ हो गया था और यहाँ मैं इस आश्रम में चली आयी और मैंने यहाँसब तह के बेशर्म काम किये हैं । और अब पांच पुरुषो के सामने अर्धनंगी हालत ने चुंबन और आलिंगन किये हैं, उनके साथ सेक्सी बाते की हैं और अब इस पूजा कक्ष में उनके सामने अपनी पेंटी उतारने वाली हूँ ।

फिर मैं सोचने लगी की मैं ऐसा कैसे कर पायी ।, ये मेरीअपनी औलाद पाने की चाह और गुरूजी के व्यक्तित्व का असर और उनके समझाने और बेटी कह कर बुलाने से था जिसके कारण मैं बेशर्मी

से बेशर्म हो अपनी पेंटी उतारने वाली थी ।

मेरी स्कर्ट के नीचे से पेंटी निकालने से पहले मैंने स्कर्ट को अपनी जगह पर रखने की कोशिश की और फिर अपनी पैंटी को नीचे खींचने की कोशिश की। लेकिन जब मैं आग के पास इतनी देर तक खड़ी हुई थी तब मुझे बहुत पसीना आ रहा था और मेरी पैंटी मेरे बड़े-बड़े नितम्ब के गालों पर चिपक गई थी। मुझे इसे नीचे लाने के लिए अपने कूल्हों को काफी हिलाना पड़ा और मुझे एहसास था कि सभी पांच पुरुष मेरे पैंटी-रिमूवल सीन का पूरी तरह से आनंद ले रहे होंगे। मैं अपनी पैंटी को टखनों तक खींचने के लिए नीचे झुकी और फिर उसमें से बाहर आ गई और मेरा इस बारे में अनुमान सच साबित हुआ जब इसके साथ ही मैंने गुरूजी की आवाज सुनी ।

गुरु जी: हे रश्मि! आपने यह काफी तेजी से किया! मैंने यहाँ कई महिलाओं को देखा है जिन्होंने शर्म के मारे अपनी पैंटी उतारने में काफी समय लगा दिया। सरासर और सिर्फ शर्म के कारण! लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बहुत साल पहले महिलाओं को इस महायज्ञ में बिल्कुल नग्न होकर भाग लेना पड़ता था। बिलकुल नंगी!

गुरु जी ने हल्का विराम दिया।

गुरु-जी: आप जानते हैं रश्मि, शादीशुदा महिलाओं की अच्छी बात यह है कि अगर वे कुछ समय के लिए नग्न रहती हैं, तो उन्हें फिर इसकी आदत हो जाती है और बाद में उन्हें बिल्कुल भी शर्म नहीं आती। इसलिए विवाहित महिलाओं के साथ योनि पूजा करना मेरे लिए हमेशा आसान रहा है, लेकिन कुंवारी लड़कियों को इसमें बहुत परेशानी होती है। वे आपकी हर बात का विरोध करते हैं... क्यों संजीव क्या ये सच नहीं है?

संजीव: हाँ गुरु जी। हमारे पास 4-5 कुंवारी लड़किये के मामले भी आए हैं और उन सभी के लिए, आप जानते हैं, महोदया, जमे बहुत कठिनाई हुई। वे किसी भी तरह से अपने वस्त्र त्यागने से इनकार कर देती थी-चाहे वह उनकी चोली, या घाघरा, या उनके अंडरगारमेंट्स खोलने के बारे में हो। पूजा के दौरान अगर हम उन्हें छूते थे तब भी वह इसका पूरा विरोध करती थी और हम पर क्रोध करती थी! हा-हा हा...

गुरु जी: हाँ, लेकिन इसके लिए संजीव आप उनको दोष नहीं दे सकते! उन्हें उस जीवन का कोई अनुभव नहीं है जो रश्मि जैसी विवाहित महिला के पास हैं। है न? क्या कहती हो रश्मि?

मैं केवल सिर हिला पा रही थी क्योंकि इस पूजा-घर में जिस तरह से मुझे बेनकाब और अपमानित किया गया था, उससे मैं मानसिक रूप से लगभग बिखर गयी थी था!




blind-touch

गुरु जी: वास्तव में मैं एक बात नहीं समझ पाया-जब एक विवाहित महिला योनि पूजा के लिए सहमत होती है, तो उसे पता होता है कि पूजा उसकी योनि की ओर निर्देशित है और फिर वह हर समय पैंटी पहनकर उसे कैसे ढक कर रख सकती है! और फिर कैसे वह इसके लिए त्यार नहीं होती । थोड़ा अजीब है?

जैसे ही मैंने ये बात सुनी, मैं और अधिक शरमी गया। मेरा चेहरा झुक गया, क्योंकि मैं यह विचार नहीं छोड़ सकती थी कि गुरु-जी अपने चार शिष्यों के साथ मेरे पेंटी-हटाने के दृश्य को इतने करीब से देख रहे थे!

गुरु-जी: संजीव, कृपया रश्मि को यहाँ वापस ले आओ।

मेरी मदद करने की कोई जरूरत नहीं थी और मैं बेशर्मी से फिर से गद्दे पर आ गयी-बिना पैंटी पहने और हर कोई इसके बारे में जानता था!

गुरु जी: मुझे कमल स्पर्श समाप्त करने दो और फिर हम मंत्र-दान के साथ आगे बढ़ते हैं।

यह कहते हुए कि गुरु जी ने लापरवाही से अपना हाथ फिर से मेरी मिनीस्कर्ट में डाल दिया और कमल के फूल को मेरी नग्न योनि से छू लिया। मैं अंदर से बहुत नंगी महसूस कर रही थी और इस बार पूरी तरह से होश में थी। उन्होंने मेरी पूरी नंगी योनि पर कमल के फूल को विधिपूर्वक और काफी लंबे समय तक ब्रश किया, जिससे मेरी सांस फूल गई, जबकि उन्होंने संस्कृत मंत्रों का जाप किया!

गुरु जी: जय लिंग महाराज! ठीक है बेटी, हो गया! कमल के दिव्य स्पर्श से आप और अधिक खिल जाओगी। जैसा कि मैंने आपको कहा था, अब आपके पति के रूप में उदय की भूमिका खत्म हो गई है और संजीव अब उसकी जगह लेंगे।


संजीव ने अब मेरी बाहों और कमर को पकड़कर मुझे उसके सामने खड़ा कर दिया। वह मेरे काफी करीब खड़ा था क्योंकि मैं उसकी सांसों को पहले से ही महसूस कर रहा था!


आगे योनि पूजा की कहानी जारी रहेगी
 
Last edited:

jaishur

New Member
30
3
8
Nice story
 

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-13

मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन

गुरु जी: जय लिंग महाराज! ठीक है बेटी, जैसा कि मैंने आपको कहा था, अब आपके पति के रूप में उदय की भूमिका खत्म हो गई है और अब संजीव उसकी जगह लेंगे।

संजीव ने अब मेरी बाहों और कमर को पकड़कर मुझे उसके सामने खड़ा कर दिया। वह मेरे काफी करीब खड़ा था क्योंकि मैं उसकी सांसों को पहले से ही महसूस कर रही थीा!

गुरु जी: बेटी, प्रेम-प्रसंग में आलिंगन एक बहुत ही आवश्यक हिस्सा है और हम इस सत्र को फिर से उसी के साथ शुरू करेंगे।



blind-stand
face with stuck-out tongue and winking eye

मुश्किल से गुरु जी अपनी बात पूरी कर पाए, थे उससे पहले ही संजीव ने अपनी बाहें मेरी पीठ पर रख दीं और मुझे अपनी तरफ खींच लिया। स्वाभाविक रूप से मैं इस बार अंतरंग होने में हिचकिचा रही थी और मेरा बदन इसलिए कठोर हो गया। मुश्किल से 10 मिनट पहले ही मुझे एक अलग पुरुष ने गले लगाया और चूमा था! मैं इतनी जल्दी कैसे एडजस्ट कर सकती थी? आखिर मैं एक हाउस वाइफ थी और कोई कॉल गर्ल या वैश्या नहीं थी! मुझे बहुत अजीब लग रहा था कि इस अस्त्र में अलग पुरुष के साथ मन्त्र दान क्यों करना होगा और फिर उसके साथ भी आलिंगन । यहाँ मेरी गुरूजी से ये पूछने की हिम्मत नहीं हुई की ये सत्र अलग पुरुष के साथ क्यों हो रहा है और गुरूजी ने भी इस बारे में कुछ नहीं बताया और संजीव ने भी जल्दी से मुझे अपने आलिंगन में ले लिया था और मैं कुछ पूछ पाती उससे पहले ही अगला सत्र शुरू हो गया ।

लेकिन संजीव ने इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की और मुझे कस कर गले लगा लिया और तुरंत ही मैंने महसूस किया कि उसके हाथ मेरी मिडरिफ से मेरे मांसल नितम्ब की ओर खिसक रहे हैं। वह बहुत बुद्धिमान था और वह जानता था कि मैंने अब अपनी स्कर्ट के अंदर पैंटी नहीं पहनी थी और वह आसानी से मेरी स्कर्ट के ऊपर मेरे नीचे के अंग को और नीचे के अंग की आकृति को आसानी से महसूस कर सकता था। वह मेरी स्कर्ट के पतले कपड़े पर दोनों हाथों से मेरे पूरी तरह से मेरे नंगे नितंबों को महसूस करने लगा। ईमानदारी से कहूँ तो कुछ सेकंड के लिए रगड़ने, दबाने और कपिंग करने के बाद, मैं भी अपने प्रतिरोध कर उसे रोक नहीं पा रही थी। गुरु जी भी संजीव के उत्प्रेरक का कार्य कर रहे थे! हालाँकि मैं थोड़ा अकड़ कर कड़ी हुयी थी जिसे देख कर गुरु जी ने टिप्पणी की ।

गुरु-जी: रश्मि, यह क्या है! क्या आप ऐसे ही रहती हैं जब आपके पति आपसे प्यार करते हैं? खुल के बोलो! आप अपने स्तनों की रक्षा करने की कोशिश क्यों कर रही हैं?

उस टिप्पणी को सुनकर मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई, क्योंकि मैं वास्तव में अपनी बाजु आगे करके अपने स्तनों को सीधे संजीव की छाती पर पड़ने से बचाने की कोशिश कर रही थी और मैंने तुरंत अपनी बाहों को वहाँ से हटा दिया और उसे गले लगा लिया। संजीव ने भी मेरी गर्दन पर चुंबन के साथ इसका स्वागत किया क्योंकि मेरे दोनों स्तन अब उसकी छाती पर खुलेआम दब गए। संजीव मुझे बहुत जल्दी उत्तेजित कर रहा था क्योंकि वह लगातार मेरी स्कर्ट के ऊपर अपने हाथों से मेरे दृढ़ और चिकने नितम्ब के मांस को सहला रहा था। मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी क्योंकि मैं पैंटीलेस थी और लगातार गद्दे पर पैर ऊपर नीचे फेर रही थी।



blind-kis
में: ईईई ...... अह्ह्ह्ह।

मैं बेशर्मी से चिल्ला और कराह रही थी था क्योंकि संजीव ने मेरी गांड पर कई तरह के निचोड़ दिए जैसे कि वह साइकिल-रिक्शा का हॉर्न बजा रहा हो!

गुरु जी: ओम ऐ ...क... चा... वि... नमः! एक मिनट और।

हालाँकि इस सत्र में मेरे मन पर भारी बोझ था, फिर भी मैंने मंत्र दोहराने से नहीं चूकी। उदय के विपरीत, संजीव बहुत ताकतवार था और वह मुझे और अधिक कसकर गले लगा रहा था और जिस तरह से वह लगातार मेरे गालों को सहला रहा था, निश्चित रूप से इस समय तक मेरे नितंब लाल हो गए होंगे! जल्दी ही मैं अच्छी तरह से यौन रूप से तैयार हो गयी और आश्चर्यजनक रूप से भीतर से और अधिक पाने की इच्छा महसूस करने लगी! निश्चित रूप से जब शुरू में उदय मुझे गले लगा रहा था तब मुझे शुरू में यह अहसास नहीं हुआ था, लेकिन अब निश्चित रूप से मेरे भीतर कुछ हो रहा था-मुझे स्पष्ट रूप से कामुक एहसास हो रहा था।

गुरु जी: जय लिंग महाराज! अच्छा काम किया आप दोनों ने रश्मि और संजीव! अब रश्मि आप लवमेकिंग में सबसे आम हिस्से से गुजरेंगी, जो अब तक आपके इस सत्र में पूरी तरह से गायब है। क्या आप इसका अनुमान लगा सकते हैं?

मेरा दिम्माग काम नहीं कर रहा था और मैं बिलकुल अनजान ओर अनाड़ी दिख रही थी क्योंकि मैं अपने दिल की बढ़ती हुई धड़कन, रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने और अंतरंगता के दौरान अपने भीतर पैदा होने वाली जबरदस्त कामुक भावना के बारे में अधिक चिंतित थी!



गुरु जी: रश्मि, एक विवाहित स्त्री होने के कारण आपको इसका उत्तर अवश्य देना चाहिए था। वैसे भी, यह संभोग का बहुत ही अभिन्न अंग है और इस सत्र में अब तक आपने इसका अनुभव नहीं किया है-आपके स्तन अभी भी बिलकुल अछूते हैं! संजीव...।

इससे पहले कि गुरु-जी अपनी बात पूरी तरह से पूरा कर पाते, संजीव ने बस मुझे सामने से गले से लगा लिया और इस बार उनके दाहिने हाथ ने सीधे मेरे बाएँ स्तन को पकड़ लिया। मुझे लगा जैसे मेरे अंदर कुछ विस्फोट हुआ; निश्चित रूप से यह मेरे बूब को दबाने के कारण नहीं था।

मैं यह पता नहीं लगा पा रही थी कि यह घुलनशील सेक्स बढ़ाने वाली दवा का प्रभाव है जो चरणामृत में घुली हुई थी और जिसे मैंने चरणामृत के साथ निगल लिया था!


blind-kis-touch


मैंने संजीव को इस तरह गले लगाया जैसे मैंने कभी किसी पुरुष को गले नहीं लगाया हो! ऐसा लग रहा था कि मैं उच्च ऊर्जा के साथ फिर से तरोताजा हो गयी थी और अधिक पाने के लिए बुदबुदा रही थी। संजीव ने मेरे बाएँ स्तन को खुलेआम गूंथ लिया और अपनी उंगलियों और हथेली से मेरे स्तन की जकड़न को महसूस कर रहा था। उसके साथ चार और पुरुष मेरी बेशर्मी और मेरे साथ किये जा रहे इस सेक्स के कृत्य का मज़ा ले रहे थे! मैं इतना गर्म महसूस कर रही थी कि मैंने खुद अपने शरीर को बहुत स्पष्ट रूप से इस तरह से समायोजित किया ताकि वह मेरे स्तन को और अधिक आराम सेदबा सके, सहला सके और निचोड़ सके और एक क्षण के भीतर संजीव का हाथ लगभग मेरी चोली के अंदर था!

साथ ही संजीव अपने दुसरे हाथ से मेरे नितमाबो को दबा रहा था और निचोड़ रहा था, मैं और अधिक उत्तेजित हो रही थी और मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि उसकी हथेली मेरे नितम्ब के गालों पर फैली हुई हैं, जो उसके हर इंच को माप रही हैं! मैं अपने आप को नियंत्रित करने में असमर्थ थी और मेरे पैर और मेरी टाँगे प्राकृतिक यौन उत्तेजना से अलग हो गयी थी। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरे दृढ़ गोल दाया स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे कर चिपक गया और-और उसका लंड उसकी धोती और मेरी स्कर्ट के पतले कपडे के ऊपर से मेरी योनि को स्पर्श कर रहा था ।

तुरंत निर्मल, राजकमल और उदय की ओर से तालियों का एक और दौर हुआ! आश्चर्यजनक रूप से शर्म से लाल होने के बजाय, मैं ताली से और अधिक प्रेरित महसूस कर रही थी! पहली बार मैंने खुद संजीव के होठों को एक किस करने के लिए ट्रेस करने की कोशिश की।

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः!


योनि पूजा की कहानी जारी रहेगी



Past total views when posted 208599
Present total views when posted 212698
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Sauravb and xxxlove

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-14


मंत्र दान- आप निश्चित रूप से लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी


संजीव अपने दुसरे हाथ से मेरे नितम्बो को दबा रहा था और निचोड़ रहा था, मैं और अधिक उत्तेजित हो रही थी और मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि उसकी हथेली मेरे नितम्ब के गालों पर फैली हुई हैं, जो मेरे नितम्ब के गाल के हर इंच को माप रही हैं! मैं अपने आप को नियंत्रित करने में असमर्थ थी और मेरे पैर और मेरी टाँगे प्राकृतिक यौन उत्तेजना से अलग हो गयी थी। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरा दृढ़ गोल दाया स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे कर चिपक गया और-और उसका लंड उसकी धोती और मेरी स्कर्ट के पतले कपडे के ऊपर से मेरी योनि को स्पर्श कर रहा था।

तुरंत निर्मल, राजकमल और उदय की ओर से तालियों का एक और दौर हुआ! आश्चर्यजनक रूप से शर्म से लाल होने के बजाय, मैं ताली से और अधिक प्रेरित महसूस कर रही थी! पहली बार तालियों के इस दौर के बीच मैंने खुद संजीव के होठों को एक किस करने के लिए ट्रेस करने की कोशिश की।

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः!

मुझे नहीं पता था कि मैं अभी भी अपने मन में मंत्र को कैसे दोहरा पा रही थी! संजीव भी यह महसूस कर रहा था कि मंत्र दान के इस भाग में उसके पास अब केवल एक मिनट शेष है, वह मुझसे और अधिक चिपक कर आलिंगन और प्यार कर रहा था। वह अपने सीधे लंड से मेरी चूत पर जोर से दस्तक दे रहा था। चूंकि मैं पेंटीलेस थी, इसलिए प्रभाव बहुत शानदार था और मैं इसका पूरा आनंद ले रही थी।



SAREE-02
logo for link

गुरु जी: जय लिंग महाराज! बहुत बढ़िया काम रश्मि! आप निश्चित रूप से लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी! अब अगला भाग। बेटी, जैसा आप अपने पति के साथ बिस्तर पर अनुभव करती हैं, ठीक वैसा ही यहाँ भी है। जब संभोग गर्म होता है, तो आपको अधिक शारीरिक होना पड़ता है और कपड़ों की बाधा धीरे-धीरे न्यूनतम हो जाती है। अच्छी बात यह है कि आपने पहले ही अपनी पैंटी खुद खोल ली है और अब आप इसका आनंद लें।

संजीव: गुरु जी, अब मैडम की चोली खोल दूं?

गुरु जी: हाँ, लेकिन पहले मैं चाहता हूँ कि रश्मि अपने नए पति को किस करे, क्योंकि संजीव के होंठ सूखे लग रहे हैं! हा-हा हा...

संजीव ने बिना देर किये फिर से तुरंत मुझे अपने शरीर पर खींच लिया और इस बार मैंने अपने रसीले स्तनों को उसकी छाती पर जोर से दबाते हुए उसकी कमर पकड़ ली। मैंने उसके मोटे होंठों को अपने ऊपर के ओंठ से छुआ और उन्हें चूसने लगा।




SL5

गुरु जी: उसकी चोली खोलो अब संजीव।

मैं प्रतिक्रिया या विरोध करने की स्थिति में नहीं थी क्योंकि मैं अपनी ही अति कामुक भावनाओं में पूरी तरह से तल्लीन हो रही थी। मैं महसूस कर सकती थी कि दो हाथ मेरे पके हुए स्तन को पकड़ रहे हैं और जल्दी से मेरी चोली के हुक खोलने की कोशिश कर रहे हैं। संजीव चोली खोलने के काम का अनुभवी और एक कुशल कार्यकर्ता नहीं था और उसने मेरी चोली के दो हुक फाड़ दिए, इससे पहले कि वह सभी हुक खोल पाता। उसने मेरे मुंह से अपने होंठों को बाहर निकाला ताकि वह मुझे मेरी चोली से बाहर निकाल सके।

गुरु-जी: बहुत बढ़िया! उसे पवित्र अग्नि में फेंक दो! जय लिंग महाराज! जय हो!


blind-fin1



संजीव ने मेरी चोली को यज्ञ की आग में फेंक दिया और मैं अपनी स्ट्रैपलेस ब्रा पहने सबके सामने खड़ी हो गयी, जो इतनी छोटी थी कि वह केवल मेरे स्तनों और निप्पल को छिपा रही थी और मेरी छाती के मांस के 50% से अधिक को उस पर उजागर कर रही थी! सबसे अजीब बात यह थी कि मुझे जरा भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी और अब मैं पूरी तरह से इस क्रिया का आनंद ले रही थी!

गुरु-जी: रश्मि, अगर उसने तुम्हारी चोली खोली है, तो तुम उसकी धोती ले लो! हा-हा हा...

मैं उसे देख तो नहीं पा रहा था क्योंकि मेरी आंखें बंधी हुई थीं और इसलिए संजीव ने खुद उसकी धोती को उसकी कमर से उतारने में मेरी मदद की। उसने मेरा हाथ अपने कठोर नग्न लिंग पर ले गया और मुझे लिंग महसूस कराया।

और तालियों का एक और दौर शुरू हो गया क्योंकि मैंने उसके नंगे लंड को सहलाया था! संजीव ने फिर से मुझे बहुत कसकर गले लगाया और इस बार उसका सीधा लंड मेरी स्कर्ट पर बहुत आक्रामक तरीके से मुझे प्रहार कर रहा था। उसने एक और भावुक चुंबन की शुरुआत करते हुए मेरे होठों को अपने ओंठो के अंदर बंद कर लिया और मेरे ओंठ चूसने लगा।

गुरु जी: संजीव, सबको उसकी नंगी गांड दिखाओ!

क्या? एक पल के लिए मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मैंने क्या सुना, लेकिन ईमानदारी से कहूँ तो मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था! मैंने संजीव के होंठ-से-होंठ के चुंबन का जवाब देना जारी रखा, जबकि उन्होंने गुरु-जी और उनके शिष्यों को मेरे मैक्रो (बड़े) -आकार के नंगे नितम्बो और गांड को-को प्रकट करने के लिए मेरी मिनीस्कर्ट खींची। जिस तरह से सभी पुरुष दहाड़ते थे और संजीव को प्रोत्साहित करते थे, उसने मुझे एक पल के लिए महसूस हुआ कि वे वास्तव में मेरे साथ एक रंडी की तरह व्यवहार कर रहे हैं!

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः! एक मिनट और!



blind-boob
क्या अब मंत्र का कोई महत्त्व था? मैं फिर भी उसे किसी तरह इसे दोहराने में कामयाब रही और इस बीच संजीव ने लगातार मेरे होंठों को चूसा और मेरे बड़े नितम्ब के चिकने गालों को दोनों हाथों से निचोड़ा और मेरी मिनीस्कर्ट को मेरी कमर तक खींच लिया। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरे दृढ़ गोल स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे और फिर संजीव ने मेरी एक टांग उठा ली और मैं उसे उसके नितम्ब पर ले गयाऔर अब संजीव का हाथ मेरी जांघ और नितम्बो पर था और उसका लंड बहुत आक्रामक तरीके से मेरी योनि के ओंठो पर प्रहार कर रहा था और साथ-साथ हम चूम रहे थे। ब मैं पूरी तरह से इस क्रिया का पूरा आनंद ले रही थी! वह अब खड़े होने की मुद्रा में मुझे जोर से गले लगा रहा था ज़ोर अपने गांड आगे पीछे कर अपने लंड की ठोकरे मेरी योनि पर मार रहा था और साथ-साथ मेरे होठों को अपने मुँह में ले उन्हें चूस रहा था और मैं उसका पूरा साथ दे रही थी । उसकी ये हरकत मुझे तुरंत एक नयी ऊंचाई तक ले गयी।

मैंने यादकरने की कोशिश की इससे पहले कभी भी मेरे पति ने भी मुझ से इस प्रकार खड़े-खड़े सम्भोग करने का प्रयास नहीं किया था ।हाँ शादी के बाद साथ में बाथरूम में नहाते हुए जरूर एक बार हमने ऐसा प्रयास किया था लेकिन वहाँ गिरने के डर से हमारा प्रयास केवल चूमने और चाटने तक ही सिमित रह गया था । लेकिन उसके बाद मैंने अपने बिस्तर पर अपने पति अनिल के साथ बड़ा मस्त सभोग किया था । लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ ।

गुरु जी: जय लिंग महाराज! मन को उड़ाने वाली रश्मि! तुम बहुत अच्छा कर रही हो बेटी! एक बात बताओ, क्या तुम वहाँ पूरी तरह से भीगे हो?



blind0-kis

मैं इस सवाल से इतना चकित थी कि मैं पहली बार में कुछ भी जवाब नहीं दे सकी।

गुरु जी: बेटी, मैं पूछ रहा हूँ कि उदय और संजीव की इस प्रेममयी खुराक के बाद क्या तुम वहाँ भीगी हुई हो?

मैं: ये... ये... हाँ गुरु-जी... वे... बहुत।

गुरु जी: अच्छा। यही हमें चाहिए। अब मंत्र दान आपको एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।

गुरु जी रुक गए, शायद वे चाहते थे कि मैं उसके बारे में पूछूं। मेरी सांस फूल रही थी क्योंकि नसों से मेरा खून तेजी से बह रहा था और मैं उत्साहित महसूस कर रही थी।


योनि पूजा में मंत्र दान की कहानी जारी रहेगी
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Sauravb

jaishur

New Member
30
3
8
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-14


मंत्र दान- आप निश्चित रूप से लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी


संजीव अपने दुसरे हाथ से मेरे नितम्बो को दबा रहा था और निचोड़ रहा था, मैं और अधिक उत्तेजित हो रही थी और मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि उसकी हथेली मेरे नितम्ब के गालों पर फैली हुई हैं, जो मेरे नितम्ब के गाल के हर इंच को माप रही हैं! मैं अपने आप को नियंत्रित करने में असमर्थ थी और मेरे पैर और मेरी टाँगे प्राकृतिक यौन उत्तेजना से अलग हो गयी थी। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरा दृढ़ गोल दाया स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे कर चिपक गया और-और उसका लंड उसकी धोती और मेरी स्कर्ट के पतले कपडे के ऊपर से मेरी योनि को स्पर्श कर रहा था।

तुरंत निर्मल, राजकमल और उदय की ओर से तालियों का एक और दौर हुआ! आश्चर्यजनक रूप से शर्म से लाल होने के बजाय, मैं ताली से और अधिक प्रेरित महसूस कर रही थी! पहली बार तालियों के इस दौर के बीच मैंने खुद संजीव के होठों को एक किस करने के लिए ट्रेस करने की कोशिश की।

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः!

मुझे नहीं पता था कि मैं अभी भी अपने मन में मंत्र को कैसे दोहरा पा रही थी! संजीव भी यह महसूस कर रहा था कि मंत्र दान के इस भाग में उसके पास अब केवल एक मिनट शेष है, वह मुझसे और अधिक चिपक कर आलिंगन और प्यार कर रहा था। वह अपने सीधे लंड से मेरी चूत पर जोर से दस्तक दे रहा था। चूंकि मैं पेंटीलेस थी, इसलिए प्रभाव बहुत शानदार था और मैं इसका पूरा आनंद ले रही थी।

गुरु जी: जय लिंग महाराज! बहुत बढ़िया काम रश्मि! आप निश्चित रूप से लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी! अब अगला भाग। बेटी, जैसा आप अपने पति के साथ बिस्तर पर अनुभव करती हैं, ठीक वैसा ही यहाँ भी है। जब संभोग गर्म होता है, तो आपको अधिक शारीरिक होना पड़ता है और कपड़ों की बाधा धीरे-धीरे न्यूनतम हो जाती है। अच्छी बात यह है कि आपने पहले ही अपनी पैंटी खुद खोल ली है और अब आप इसका आनंद लें।

संजीव: गुरु जी, अब मैडम की चोली खोल दूं?

गुरु जी: हाँ, लेकिन पहले मैं चाहता हूँ कि रश्मि अपने नए पति को किस करे, क्योंकि संजीव के होंठ सूखे लग रहे हैं! हा-हा हा...

संजीव ने बिना देर किये फिर से तुरंत मुझे अपने शरीर पर खींच लिया और इस बार मैंने अपने रसीले स्तनों को उसकी छाती पर जोर से दबाते हुए उसकी कमर पकड़ ली। मैंने उसके मोटे होंठों को अपने ऊपर के ओंठ से छुआ और उन्हें चूसने लगा।

गुरु जी: उसकी चोली खोलो अब संजीव।

मैं प्रतिक्रिया या विरोध करने की स्थिति में नहीं थी क्योंकि मैं अपनी ही अति कामुक भावनाओं में पूरी तरह से तल्लीन हो रही थी। मैं महसूस कर सकती थी कि दो हाथ मेरे पके हुए स्तन को पकड़ रहे हैं और जल्दी से मेरी चोली के हुक खोलने की कोशिश कर रहे हैं। संजीव चोली खोलने के काम का अनुभवी और एक कुशल कार्यकर्ता नहीं था और उसने मेरी चोली के दो हुक फाड़ दिए, इससे पहले कि वह सभी हुक खोल पाता। उसने मेरे मुंह से अपने होंठों को बाहर निकाला ताकि वह मुझे मेरी चोली से बाहर निकाल सके।

गुरु-जी: बहुत बढ़िया! उसे पवित्र अग्नि में फेंक दो! जय लिंग महाराज! जय हो!

संजीव ने मेरी चोली को यज्ञ की आग में फेंक दिया और मैं अपनी स्ट्रैपलेस ब्रा पहने सबके सामने खड़ी हो गयी, जो इतनी छोटी थी कि वह केवल मेरे स्तनों और निप्पल को छिपा रही थी और मेरी छाती के मांस के 50% से अधिक को उस पर उजागर कर रही थी! सबसे अजीब बात यह थी कि मुझे जरा भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी और अब मैं पूरी तरह से इस क्रिया का आनंद ले रही थी!

गुरु-जी: रश्मि, अगर उसने तुम्हारी चोली खोली है, तो तुम उसकी धोती ले लो! हा-हा हा...

मैं उसे देख तो नहीं पा रहा था क्योंकि मेरी आंखें बंधी हुई थीं और इसलिए संजीव ने खुद उसकी धोती को उसकी कमर से उतारने में मेरी मदद की। उसने मेरा हाथ अपने कठोर नग्न लिंग पर ले गया और मुझे लिंग महसूस कराया।

और तालियों का एक और दौर शुरू हो गया क्योंकि मैंने उसके नंगे लंड को सहलाया था! संजीव ने फिर से मुझे बहुत कसकर गले लगाया और इस बार उसका सीधा लंड मेरी स्कर्ट पर बहुत आक्रामक तरीके से मुझे प्रहार कर रहा था। उसने एक और भावुक चुंबन की शुरुआत करते हुए मेरे होठों को अपने ओंठो के अंदर बंद कर लिया और मेरे ओंठ चूसने लगा।

गुरु जी: संजीव, सबको उसकी नंगी गांड दिखाओ!

क्या? एक पल के लिए मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मैंने क्या सुना, लेकिन ईमानदारी से कहूँ तो मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था! मैंने संजीव के होंठ-से-होंठ के चुंबन का जवाब देना जारी रखा, जबकि उन्होंने गुरु-जी और उनके शिष्यों को मेरे मैक्रो (बड़े) -आकार के नंगे नितम्बो और गांड को-को प्रकट करने के लिए मेरी मिनीस्कर्ट खींची। जिस तरह से सभी पुरुष दहाड़ते थे और संजीव को प्रोत्साहित करते थे, उसने मुझे एक पल के लिए महसूस हुआ कि वे वास्तव में मेरे साथ एक रंडी की तरह व्यवहार कर रहे हैं!

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः! एक मिनट और!

क्या अब मंत्र का कोई महत्त्व था? मैं फिर भी उसे किसी तरह इसे दोहराने में कामयाब रही और इस बीच संजीव ने लगातार मेरे होंठों को चूसा और मेरे बड़े नितम्ब के चिकने गालों को दोनों हाथों से निचोड़ा और मेरी मिनीस्कर्ट को मेरी कमर तक खींच लिया। उसने मेरे होंठों को चूसना जारी रखा और अपनी जीभ को मेरे मुंह में गहराई से जांचा, उसने मुझे अपने शरीर के करीब दबाया, जिससे मेरे दृढ़ गोल स्तन उसकी सपाट छाती पर जोर से धक्का दे और फिर संजीव ने मेरी एक टांग उठा ली और मैं उसे उसके नितम्ब पर ले गयाऔर अब संजीव का हाथ मेरी जांघ और नितम्बो पर था और उसका लंड बहुत आक्रामक तरीके से मेरी योनि के ओंठो पर प्रहार कर रहा था और साथ-साथ हम चूम रहे थे। ब मैं पूरी तरह से इस क्रिया का पूरा आनंद ले रही थी! वह अब खड़े होने की मुद्रा में मुझे जोर से गले लगा रहा था ज़ोर अपने गांड आगे पीछे कर अपने लंड की ठोकरे मेरी योनि पर मार रहा था और साथ-साथ मेरे होठों को अपने मुँह में ले उन्हें चूस रहा था और मैं उसका पूरा साथ दे रही थी । उसकी ये हरकत मुझे तुरंत एक नयी ऊंचाई तक ले गयी।

मैंने यादकरने की कोशिश की इससे पहले कभी भी मेरे पति ने भी मुझ से इस प्रकार खड़े-खड़े सम्भोग करने का प्रयास नहीं किया था ।हाँ शादी के बाद साथ में बाथरूम में नहाते हुए जरूर एक बार हमने ऐसा प्रयास किया था लेकिन वहाँ गिरने के डर से हमारा प्रयास केवल चूमने और चाटने तक ही सिमित रह गया था । लेकिन उसके बाद मैंने अपने बिस्तर पर अपने पति अनिल के साथ बड़ा मस्त सभोग किया था । लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ ।

गुरु जी: जय लिंग महाराज! मन को उड़ाने वाली रश्मि! तुम बहुत अच्छा कर रही हो बेटी! एक बात बताओ, क्या तुम वहाँ पूरी तरह से भीगे हो?

मैं इस सवाल से इतना चकित थी कि मैं पहली बार में कुछ भी जवाब नहीं दे सकी।

गुरु जी: बेटी, मैं पूछ रहा हूँ कि उदय और संजीव की इस प्रेममयी खुराक के बाद क्या तुम वहाँ भीगी हुई हो?

मैं: ये... ये... हाँ गुरु-जी... वे... बहुत।

गुरु जी: अच्छा। यही हमें चाहिए। अब मंत्र दान आपको एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।

गुरु जी रुक गए, शायद वे चाहते थे कि मैं उसके बारे में पूछूं। मेरी सांस फूल रही थी क्योंकि नसों से मेरा खून तेजी से बह रहा था और मैं उत्साहित महसूस कर रही थी।


योनि पूजा में मंत्र दान की कहानी जारी रहेगी
Plz Update
 

deeppreeti

Active Member
1,711
2,349
144
औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-15

पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव


गुरु जी: अच्छा। अब मंत्र दान आपको एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।

गुरु जी रुक गए, शायद वे चाहते थे कि मैं उसके बारे में पूछूं। मेरी सांस फूल रही थी क्योंकि नसों से मेरा खून तेजी से बह रहा था और मैं उत्साहित महसूस कर रही थी।

मैं: वह गुरु-जी क्या है?

गुरु जी : जब तुम्हारा पति तुमसे प्रेम करता है, तो वह अकेला पुरुष होता है जो तुम्हारे शरीर को सहलाता है, लेकिन अब मंत्र दान के इस भाग में दो पुरुष तुम्हें मजे देंगे इसलिए अब तुम्हे अधिक आनद आएगा।

मैं क्या?

गुरु-जी: हाँ बेटी। मैं शर्त लगा सकता हूँ - आपको यह बहुत ज्यादा पसंद आएगा। अभी तक आप आप बस इस तरह से कल्पना ी होंगी हैं कि आपके दो साथी हैं जो आपसे प्यार करना चाहते हैं! हा हा हा... अब राजकमल भी संजीव के साथ आपसे प्यार करेंगे । मुझे पूरा विश्वास है इस तरह आपका आननद कई गुना बढ़ जाएगा



TRIKON

मुझे तुरंत वो समय और दृश्य याद आ गया जब रितेश और रिक्शावाले ने हमारे मुंबई के प्रवास के दौरान समुद्र के किनारे सोनिया भाभी के साथ थ्रीसम किया था । समुद्र के किनारे पहले रितेश ने सोनिया भाभी की बड़ी गोल गांड को दोनों हाथों से टटोला और बारी-बारी से उसकी चूत और गांड को भी छूने के बाद वह भाबी को डॉगी स्टाइल में चोदने की पूरी तैयारी करर्ते हुए रितेश अपने हाथ अब उन की मजबूत जांघों पर चलाने लगा, जबकि रिक्शा वाला अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय हो रहा था। वह केवल भाबी के रसीले स्तनों की मालिश करने तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अपना सिर भाबी के मुँह के बहुत पास ले गया था और जाहिर तौर पर उसे चूमने के अवसर की तलाश में था। रिक्शा वाले ने भाबी के होंठों को छुआ और उसके निचले होंठों को चूसने लगा था ।

उस समय मैं चुप कर सारा नजारा देख रही थी और मेरे सामने का कार्यक्रम और नजारा गंभीर रूप से गर्म हो रहा था और दोनों पुरुषों की निश्चित रूप से उस समय मोटे 'मांस' वाली गर्म सोनिया भाभी को को चोदने की योजना थी। एक और रिक्शे वाला भाभी को चूम रहा था उसके स्तन दबा और दुह रहा था वही भाभी उसका लंड सहला रही थी और दूसरी ओर रितेश भाबी की सुगठित जांघों को दोनों हाथों से रगड़ रहा था और कसा हुआ मांस महसूस कर रहा था।



3S01

लेकिन अब यही मेरे साथ होने वाला था और इस अशोभनीय प्रस्ताव से मैं हिल गयी ! मैं अपना मुँह आधा खुला रखकर वहाँ खड़ी रह गयी और विश्वास ही नहीं कर पायी की मैं आश्रम में गुरु -जी जैसे व्यक्ति के मुख से ये क्या सुन रही हूँ!

राजकमल : जय लिंग महाराज!

संजीव: जय लिंग महाराज!

इससे पहले कि मैं इस प्रस्ताव पर ठीक से प्रतिक्रिया कर पाती , संजीव के साथ राजकमल तेजी से आगे बढ़ा और मुझे लगा कि दो पुरुषो ने मुझे गले लगा लिया है - एक ने सामने से और दूसरा पीछे से मुझे गले लगा रहा था । यह एक अद्भुत एहसास था क्योंकि चार हाथों ने मुझे पकड़ लिया और मुझे गले लगा लिया और मैं प्यार से उनके भीतर पिघल गयी !



ts01gif

गुरुजी : राजकमल, यह क्या है? धोती खोलो! बेटी को दो लंड महसूस होने चाहिए!



राजकमल जो मुझे सामने से गले लगा रहा था, उसने अपनी कमर से धोती खोली और अपनी क्रॉच को मेरी चूत की जगह पर दबा दिया, जबकि संजीव का पहले से ही खड़ा लंड मेरी गांड की दरार को बहुत जोर से दबा रहा था। संजीव मुझे पीछे से कसकर गले लगा रहा था और उसके हाथों ने मेरे हाथों को ऊपर जाने के लिए मजबूर कर दिया और मेरे हाथो ने राजकमल की गर्दन को घेर लिया जिससे मेरे स्तन के किनारे असुरक्षित रहे और उसने इसका भरपूर फायदा उठाया।

संजीव के हाथ पीछे से मेरी जाँघों से ऊपर की ओर मेरे कूल्हों की ओर और फिर मेरे नितम्बो पर थे और राजकमल के हाथ ऊपर की ओरमेरे लटकते हुए खरबूजो की ओर बढ़ रहे थे । कुछ ही समय में उसने मेरे स्तनों को पकड़कर उन्हें दबाते हुए निचोड़ लिया। मैं इस कदम से उत्तेजित हो गई और संजीव ने तुरंत मुझे उत्तेजित महसूस किया औअर वो मेरे मुँह को घुमा कर पीछे से चूमने लगा , और मैं भी उसके होंठों को काटने और चूसने लगी और हम जल्द ही लिप-लॉक हो गए।

गुरु जी : अरे बेटा राजकमल, अपनी पत्नी को चूमो! आपको उसका नया पति होने के नाते उसके होठों को चखने का पूरा अधिकार है हा हा!… ये सुन कर संजीव ने मेरे ओंठो को छोड़ दिया और मेरी पीठ और गर्दन पर चूमने लगा



3S02

मैं खुद इस दो पुरुषों के साथ अपने प्रदर्शन से चकित थी ! राजकमल मानो उस निर्देश का ही इंतजार कर रहे हों और जल्दी से अपनी जीभ मेरे कोमल होठों पर थमा दी और उन्हें चखने लगे। फिर उसने मेरे होठों को अपने ओंठो में ले लिया और मुझे किस करने लगा।

यह बहुत ज्यादा था! मैं पागल हो रही थी - यह तीसरा पुरुष था जो सिर्फ 20-25 मिनट के अंतराल में मुझे चूम रहा था! मैं खुद यह समझने में असफल थी कि मैं यह सब कैसे सहन कर रही थी ! स्थिति इस ओर जा रही थी कि इस यज्ञ कक्ष में मेरे साथ कोई भी कुछ भी कर सकता है!

अब मैं तक एक तरफ राजकमल को और दूसरी तरफ संजीव से मजे लेने और देने में पूरी तरह शामिल थी और दोनों को एक साथ प्यार करने के लिए खुला प्रोत्साहन दे रही थी। पीछे से संजीव ने अब मेरे बड़े तंग स्तनों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी और अब अपने अंगूठे और मध्यमा उंगली से उसके निप्पलों को बहुत मजबूती से घुमाते हुए उसके स्तनों को गूंथ रहा था। अगले ही पल राजकमल ने भी उसका साथ दिया और मेरे एक स्तन को अपने सीधे हाथ में ले लिया, जबकि संजीव ने दूसरे को पकड़ लिया। राजकमल ने मेरी गांड और नितम्बो के तंग मांस को निचोड़ा और उसके निप्पल को चुटकी बजाते हुए दबाया और खींचना शुरू कर दिया और मुझे जोश से भर दिया।




ts06gif
जब राजकमल मेरे कोमल होठों को चूम रहा था और काट रहा था, मैं महसूस कर रही थी की उसका युवा लंड उत्तेजना में कठोर हो रहा था और अब मेरी चूत के दरवाजे से टकरा रहा था और मेरी स्कर्ट को ऊपर को धक्का दे रहा था। यह एक असंभव पागलपन की स्थिति थी जिसमें दो पूरी तरह से नग्न पुरुष मुझे जोर से टटोल रहे थे। स्वाभाविक रूप से मेरी चूत बहुत गीली थी क्योंकि मुझे मेरे शरीर पर दो खड़े लंड का आभास हो रहा था!


मैं पहले से ही तेज-तेज साँसे ले रही थी। फिर संजीव और राजकमल ने अपनी जगहे बदल ली और संजीव अब मेरे सामने की तरफ गया और मेरे होठों को अपने मुंह में लिया और उन्हें चूसने लगा। राजकमल पीछे गया और मेरी पीठ सहलाने के बाद मेरे दोनों स्तनों को पकड़ लिया और उसे वहाँ बहुत जोर से दबा दिया। उसकी हथेलियाँ काफी बड़ी थीं और मेरे बड़े गोल स्तन उसकी हथेलियों में अच्छी तरह समा गए थे। साथ ही वह अपना बहुत लंबा लंड मेरी गांड की दरार में डाल रहा था, जिससे मेरे पूरे शरीर को जोर से झटका लग रहा था। मेरे निप्पल स्तन से ऐसे निकल रहे थे जैसे दो बड़े गोल अंगूर चूसे और रस निकालने के लिए तैयार हों।

गुरु जी: ओम ऐ, क... चा... वि, नमः!

अब तक सभी जानते थे कि एक बार जब गुरु-जी मंत्र का उच्चारण करते हैं तो उस सत्र में एक मिनट शेष रहता है। चेतावनी की घंटी सुनते ही वो दोनों ने फिर अपनी जगह बदली और मैं उन दो आदमियों के बीच में आ गयी थी और मैंने अपने मन में मंत्र दोहराया। फिर से राजकमल मेरे सामने था और संजीव मेरी पीठ पर था

Me: ओह्ह .. उईईईईई !

जब राजकमल और संजीव मेरे जवान मांस को अपने कठोर लंड से छेदने का प्रयास कर रहे थे, और मैं उत्तेजित अवस्था में मैं हर तरह की अश्लील आवाजें निकाल रही थी । मुझे महसूस हुआ की मैं उस समय सचमुच अपने ग्राहकों की सेवा करने वाली एक चालु रंडी की तरह लग रही थी।

वो दोनों बिना किसी झिझक के वे मुझे मेरे अंतरंग अंगों पर छू रहे थे और उन दोनों के चार हाथों ने व्यावहारिक रूप से मेरे खड़े होने की मुद्रा में लगभग मुझे चोद ही दिया था ! संजीव उन दोनों में से ज्यादा उत्तेजित था और उसने मेरे कांख के नीचे से अपने हाथ बाहर निकाल दिए और अब अपना हाथ सीधे मेरी ब्रा में डाल दिया! वह स्ट्रैपलेस मेरी ब्रा में जकड़े मेरे नग्न ग्लोबआसानी से महसूस कर रहा था और उसने उन पर अपने पूरी ताकत से आक्रमण किया। एक समय तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी ब्रा नहीं बल्कि बल्कि उसकी हथेलियाँ ही मेरे बड़े स्तनों को पकड़े हुए थी!

मैं: उइइइइइइइइइइइइइ........ उईईईईईमामामामा…….. उर्री………!



ts3gif
polygon con

राजकमल भी पीछे नहीं था क्योंकि उसने मेरे होठों को बार-बार चाटा, चूसा, और काटता रहा, जबकि उसके खुले हाथ मेरे शरीर पर घूम रहे थे और मेरा सीधा लंड मेरी गीली चूत पर बहुत बेरहमी से मुझे चुभ रहा था। संजीव दूसरा का हाथ नीचे चला गया औरमेरी बालों वाली गीली चुत के पास पहुँचा और उसकी योनि को खोलने के लिए उसने मेरे पैरों को फैला दिया । उसने अपना हाथ मेरी चुत के सामने मेरी भगशेफ पर रखा जो पहले से ही एक छोटे बल्ब की तरह सूज गया था।

दूसरी ओर, राजकमल मेरे ओंठो से अपने होंठों को चूम रहा था और उसके सूजे हुए निपल्स को बार-बार घुमाते हुए स्तनों को मुट्ठी में भर मसल रहा था और उसे बीच कीच में मेरे पेट को दुलार करके प्यार भी कर रहा था। अब उसने मेरे होठों को छोड़ दिया और अपना बड़ा लंड मेरे योनि पर ले आया।


ये त्रिकोणीय सम्भोग पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक और गर्म था और किसी भी पोर्न फिल्म के दृश्य को मात दे रहा था।

गुरु जी : जय लिंग महाराज! ये शानदार था रश्मि!


योनि पूजा में मंत्र दान की कहानी जारी रहेगी


Past total views when posted 212698
Present total views when posted 214677
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Killokills
Top