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Romance कमसिन कलियां

Angelrocks

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम नरेंद्र है और मेरी उम्र 32 साल है मैं एक सरकारी स्कूल का टीचर हूं और हाल ही में मेरा ट्रांसफर लखनऊ में हुआ है इसके पहले में कानपुर में नौकरी करता था मैं बड़ा ही चुडक्कड़ किस्म का मर्द हूं मेरी हाइट 6 फुट 4 इंच एक पहलवानी जिस्म का मालिक हूं मेरा रंग गहरा सावला है देखने में कुछ खास तो नहीं है पर भगवान ने इस कमी को साडे 9 इंच लंबे और साडे 5 इंच मोटी मुसल लंड को देकर पूरी कर दी है मैं लखनऊ के ऐशबाग इलाके में किराए के मकान में रहता हूं मेरे घर के बगल में एक खान साहब रहते हैं उनके परिवार में वह उनकी 42 साल की पत्नी शाजिया और उनकी दो जुड़वा बेटियां अमरीन और समरीन जिनकी उम्र महज 19 साल है के साथ रहते हैं स्कूल में टीचर होने की वजह से खूबसूरत लड़कियों से मेरा आमना सामना अक्सर होता रहता है और उनमें से कई लड़कियों को मैं चोद भी चुका हूं अमरीन और समरीन दोनों ही निहायत खूबसूरत लड़कियां हैं उनको देखते ही किसी भी मर्द का लंड सलामी देने लगे खान साहब के घर में बड़ा ही सख्त माहौल था अमरीन और समरीन दोनों ही घर से बुर्का पहनकर ही बाहर जाती थी पर उनकी नशीली आंखें किसी भी मर्द को बेकाबू कर देने के लिए काफी थी ।
 

Angelrocks

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ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया था रंग ऐसा मानो जैसे केसर घुला दूध हो गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ बड़ी बड़ी आंखें ग़दराया बदल और उस पर 5 फुट 6 इंच की लंबाई। किसी भी मर्द को दीवाना बना देने के लिए काफी थी गली का आखिरी मकान था हमारा।
जिसमें मैं और खान साहब किराए से रहा करते थे वैसे तो यह एक ही मकान था पर दो किरायेदारों के हिसाब से बनाया गया था इसलिए दोनों के दरमियान एक 3 फीट की दीवार थी।
जिस हिस्से में रहा करता था उसमें दो कमरे एक किचन और लेट्रिन बाथरूम था तथा काफी बड़ी खुली छत की। तो वहीं दूसरी ओर कौन सा बाली हिस्से में एक कमरा था और लेट्रिन बाथरूम थी उस कमरे में अमरीन और समरीन रहा करती थी मुझे अक्सर अमरीन और समरीन के दीदार हो जाया करते हैं खासतौर से सुबह के वक्त जब मैं लंगोट पहन कर कसरत किया करता है और अमरीन या समरीन और कभी कभी दोनों छत पर ही मॉर्निंग वॉक करती थी मेरे कसरती और तंदुरुस्त शरीर किसी का भी ध्यान आकर्षित करने के लिए काफी था बड़े ध्यान से मेरे जिस्म को देखती खासतौर से मेरी लंगोट में छुपे हुए लंड के उभार को उनकी आंखों की चमक और होठों में छिपी हुई मुस्कुराहट देखते ही बनती थी मैं भी अपने लंड को एडजस्ट करने के बहाने अपना हाथ अपने लंड तक ले जाता और उसे सहला देता
 

komaalrani

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good begining , there are very few stories in Hindi Font in this forum and your story fulfill this need
 

Angelrocks

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अब यह रोज-रोज का रूटीन बन गया था मैं सुबह तड़के ही छत पर कसरत करने के लिए आता तो अमरीन और समरीन भी छत पर टहलने के बहाने मेरे जिस्म को निहारती उनकी आंखों में छुपी वासना ने मुझे साफ दिखाई दे रही थी मैंने भी सोचा क्यों ना बिन से बात करना शुरू की जाए।
मैं उनकी छत की तरफ बढ़ा और छत की पट्टी से थोड़ी दूरी पर खड़ा हो गया ताकि उन्हें लंगोट में छुपे मेरे लंड की उभार के दर्शन होते रहे।
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शुक्रिया कोमल जी आप जैसे कदर दानी की हौसला अफजाई बड़ी अच्छी लगती है कुछ बातें आपकी तारीफ में भी करना चाहता हूं अगर आपकी इजाजत हो तो
 

Angelrocks

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अब यह रोज-रोज का रूटीन बन गया था मैं सुबह तड़के ही छत पर कसरत करने के लिए आता तो अमरीन और समरीन भी छत पर टहलने के बहाने मेरे जिस्म को निहारती उनकी आंखों में छुपी वासना ने मुझे साफ दिखाई दे रही थी मैंने भी सोचा क्यों ना बिन से बात करना शुरू की जाए।
मैं उनकी छत की तरफ बढ़ा और छत की पट्टी से थोड़ी दूरी पर खड़ा हो गया ताकि उन्हें लंगोट में छुपे मेरे लंड की उभार के दर्शन होते रहे।
नरेंद्र - आदाब मेरा नाम नरेंद्र है
अमरीन और समरीन ने जवाब में आदाब कहा और अपने नाम बताएं
मैंने कहा आप लोगों में फर्क करना बड़ा मुश्किल है आप दोनों की बड़ी ही खूबसूरत हो शायद ही आप में कोई फर्क हो मुझे तो बिल्कुल भी फर्क नजर नहीं आता
दोनों शर्मा जाती है।
नरेंद्र- अगर मुझे आप दोनों में फर्क करना हो और आप लोगों को आपकी सही नाम से बुलाना हो तो मुझे क्या करना होगा
तभी दोनों खिलखिला जाती है और एक दूसरे की तरफ देखकर हंसती है
अमरीन - जी वैसे तो हम दोनों में कोई फर्क नजर नहीं आता पर फिर भी हम दोनों में थोड़ा सा फर्क है जो ऐसे नुमाया नहीं होता
नरेंद्र -वैसे क्या फर्क है आप दोनों में हुस्न के साथ साथ आवाज और अंदाज़ भी एक जैसी ही है मेरे लिए तो बड़ा मुश्किल होगा आप दोनों को पहचानना अमरीन कौन है फरहीन कौन है मेरे लिए तो दोनों एक ही है
फरहीन- हां वैसे तो है एक ही पर शायद आपको जल्दी पता लग जाए हम दोनों में क्या फर्क है
दोनों एक दूसरे की तरफ फिर से देखती है और खिलखिला कर हंसने लगती है
उनकी मादक हंसी मेरे लंड को बेहाल कर रही थी और वह लंगोट के अंदर ही फड़फड़ाने लगा। मेरे लंड की हरकत उनकी नज़रों से झुप नि पाई। दोनों की निगाहें मेरे लंगोट के उभार पर टिकी हुई थी
तभी अमरीन बोली आप रोज कसरत करते हैं
मैंने जवाब में कहा हां कई सालों से या यूं कहिए कि जब से जवानी की दहलीज पर कदम रखा है। आप लोगों को पसंद है कसरत करना
समरीन - हमें लगता है कि हमें कसरत की जरूरत नहीं है । पर हमें कसरत करने वाले लोग पसंद है तंदुरुस्त और फिट जिस्म के लोग बड़े ही आकर्षक लगते हैं
मुझे यह समझते देर न लगी कि जो आग मेरे अंदर लगी हुई है आग कच्ची कलियों के अंदर भी है।
तेरी नीचे से आवाज आई। शायद उनकी अम्मी की आवाज थी उन्होंने मुझे विदा मांगी मैंने कभी शाम को आप लोगों का इंतजार करूंगा वह दोनों मुस्कुराएंगे और आपस में खिलखिला कर हंसती हुई नीचे चली गई।
 
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SKYESH

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good one dear

i like HINDI Font story..........................bro keep it up........
 
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