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जोरू का गुलाम भाग २३१
सुबह सबेरे -गुड्डी बाई
३०,२१,६८६
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साढ़े चार बज चुके थे , जब हम सब सोये तो आज तीनो लड़के गुड्डी के ही साथ , गुड्डी का डिलडो अभी भी , सोते हुए भी उनके पिछवाड़े धंसा और कमल और अजय जीजू भी गुड्डी को पकडे हुए।
मैं और रीनू एकदम बहन की तरह चिपके सो रहे थे , जैसे जब जवानी हमारी चढ़ी , कन्या रस के सारे गुर हमने सीखे बस उसी तरह ,...
दो ढाई घंटे बाद मेरी निगाह खुली , देखा गुड्डी और उसके भइया , उसके भैया पीछे से ही चालू थे, अपनी छोटी बहिनिया को पकडे हुए
और वो भी टाँगे फैला के अपनी चुनमुनिया में भैया का खूंटा गपागप घोंट रही थी।
फिर रीनू की नींद भी खुल गयी , अजय और कमल तो खर्राटे भर रहे थे।
बिना बोले गुड्डी इनके ऊपर , उसकी रसमलाई इनके मुंह पर,पहले तो अपने भैया को अपनी कुप्पी में पड़ी सब मलाई खिलाई, उनकी खुद की, अजय और कमल जीजू की, फिर
वो किशोरी अपने भइया को सुबह सुबह बेड टी पिला रही थी , सुनहला शरबत घल घल ,एक बूँद भी बाहर नहीं ,
और फिर मेरी ननद को, हम दोनों भाभियों ने भी बेड टी एकदम उसी तरह ,
ननद ने ज़रा भी छिनारपना नहीं किया सीधे से गटक गयी ,
कल तो वो सोने के ऐक्टिंग कर रहे थे , पर आज जगे टुकुर टुकुर अपनी बहन को ,...कैसे मस्ती से वो गटक रही थी छुल छुल
हाँ उस के बाद वो भी , मेरे दोनों जीजू की तरह नींद की गोद में
मैं , रीनू और गुड्डी फिर किचेन में , हमारा दिन शुरू हो गया था।
………………………………….
सुबह सुबह वैसे ही घर में बहुत काम रहता है , और जब से जीजू लोग आये थे मैंने गीता को छुट्टी दे रखी थी। पर गुड्डी और रीनू ,... दोनों में ऐसी पक्की दोस्ती हो गयी थी , दोनों ने मिलकर किचेन का काम सम्हाल लिया था , ... और आज ये तय हुआ था की ये लड़के लोग तो बारह बजे तक सोते हैं इसलिए , ब्रंच ही बना लेते हैं। टाइम भी बचेगा और उस टाइम का इस्तेमाल भी अच्छा होगा।
मैंने सिर्फ एक सवाल किया , " गुड्डी यार लेकिन इन लड़कों का डीजल तो फुल करना होगा न वरना बीच रास्ते में टंकी खाली हो गयी। "
"एकदम नहीं भाभी , ऐसा ब्रंच मिलेगा , की रात तक , गाडी नान स्टाप चलेगी। " खिलखिलाते हुए वो शैतान बोली।
किचेन में ' नो सेक्स ' पॉलिसी थी , लेकिन ननद भाभी हो तो छेड़छाड़ चुहुल बाजी , छूने , काटने , मसलने मींजने दबाने रगड़ने से क्यों रोक टोक थोड़े ही थी।
गुड्डी ने अपना मेनू बताया और ये भी की उसकी मीठी भाभी किचेन में बहुत कुछ सिखाने वाली हैं ,
और सन्डे को वैसे भी हम लोग ब्रंच ही खाते थे , रात भर मैं और ये ,...देर तक सोना , उठ कर के ब्रंच और फिर ब्रंच के बाद ,.... नेक्स्ट राउंड ,...
लेकिन आज सब कुछ गुड्डी और रीनू के हवाले था ,
मैं किचेन में उनके साथ थी तो ६ व्हाट्सऐप , चार मिस्ड काल ,
दोनों ने मिल के मुझे किचेन के बाहर धकेल दिया ,
" आज इस ननद का मजा मैं अकेले अकेले लूंगी , कल से तू लेना गुड्डी बाई के अगवाड़े पिछवाड़े का मजा , ... " रीनू ने गुड्डी को दबोचते बोला।
और गुड्डी कस के खिलखिला रही थी ,
" सुन ककमबर सैंडविच कैसी रहेगी ,... " रीनू ने गुड्डी के नए नए आये जोबन को मीजते पूछा।
' बढ़िया , मस्त भौजी। ' गुड्डी खिलखिला के बोली ,
" तो जा के मेरी छिनार ननद रानी , दो मोटे लम्बे ककमबर , अपनी इस बुरिया में घुसेड़ ले , दस पन्दरह मिंट के लिए बारी बारी से जब तक बाकी काम करते हैं वो मैरनेट हो जायँगे। "
रीनू बोली।
सुबह सबेरे -गुड्डी बाई
३०,२१,६८६
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साढ़े चार बज चुके थे , जब हम सब सोये तो आज तीनो लड़के गुड्डी के ही साथ , गुड्डी का डिलडो अभी भी , सोते हुए भी उनके पिछवाड़े धंसा और कमल और अजय जीजू भी गुड्डी को पकडे हुए।
मैं और रीनू एकदम बहन की तरह चिपके सो रहे थे , जैसे जब जवानी हमारी चढ़ी , कन्या रस के सारे गुर हमने सीखे बस उसी तरह ,...
दो ढाई घंटे बाद मेरी निगाह खुली , देखा गुड्डी और उसके भइया , उसके भैया पीछे से ही चालू थे, अपनी छोटी बहिनिया को पकडे हुए
और वो भी टाँगे फैला के अपनी चुनमुनिया में भैया का खूंटा गपागप घोंट रही थी।
फिर रीनू की नींद भी खुल गयी , अजय और कमल तो खर्राटे भर रहे थे।
बिना बोले गुड्डी इनके ऊपर , उसकी रसमलाई इनके मुंह पर,पहले तो अपने भैया को अपनी कुप्पी में पड़ी सब मलाई खिलाई, उनकी खुद की, अजय और कमल जीजू की, फिर
वो किशोरी अपने भइया को सुबह सुबह बेड टी पिला रही थी , सुनहला शरबत घल घल ,एक बूँद भी बाहर नहीं ,
और फिर मेरी ननद को, हम दोनों भाभियों ने भी बेड टी एकदम उसी तरह ,
ननद ने ज़रा भी छिनारपना नहीं किया सीधे से गटक गयी ,
कल तो वो सोने के ऐक्टिंग कर रहे थे , पर आज जगे टुकुर टुकुर अपनी बहन को ,...कैसे मस्ती से वो गटक रही थी छुल छुल
हाँ उस के बाद वो भी , मेरे दोनों जीजू की तरह नींद की गोद में
मैं , रीनू और गुड्डी फिर किचेन में , हमारा दिन शुरू हो गया था।
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सुबह सुबह वैसे ही घर में बहुत काम रहता है , और जब से जीजू लोग आये थे मैंने गीता को छुट्टी दे रखी थी। पर गुड्डी और रीनू ,... दोनों में ऐसी पक्की दोस्ती हो गयी थी , दोनों ने मिलकर किचेन का काम सम्हाल लिया था , ... और आज ये तय हुआ था की ये लड़के लोग तो बारह बजे तक सोते हैं इसलिए , ब्रंच ही बना लेते हैं। टाइम भी बचेगा और उस टाइम का इस्तेमाल भी अच्छा होगा।
मैंने सिर्फ एक सवाल किया , " गुड्डी यार लेकिन इन लड़कों का डीजल तो फुल करना होगा न वरना बीच रास्ते में टंकी खाली हो गयी। "
"एकदम नहीं भाभी , ऐसा ब्रंच मिलेगा , की रात तक , गाडी नान स्टाप चलेगी। " खिलखिलाते हुए वो शैतान बोली।
किचेन में ' नो सेक्स ' पॉलिसी थी , लेकिन ननद भाभी हो तो छेड़छाड़ चुहुल बाजी , छूने , काटने , मसलने मींजने दबाने रगड़ने से क्यों रोक टोक थोड़े ही थी।
गुड्डी ने अपना मेनू बताया और ये भी की उसकी मीठी भाभी किचेन में बहुत कुछ सिखाने वाली हैं ,
और सन्डे को वैसे भी हम लोग ब्रंच ही खाते थे , रात भर मैं और ये ,...देर तक सोना , उठ कर के ब्रंच और फिर ब्रंच के बाद ,.... नेक्स्ट राउंड ,...
लेकिन आज सब कुछ गुड्डी और रीनू के हवाले था ,
मैं किचेन में उनके साथ थी तो ६ व्हाट्सऐप , चार मिस्ड काल ,
दोनों ने मिल के मुझे किचेन के बाहर धकेल दिया ,
" आज इस ननद का मजा मैं अकेले अकेले लूंगी , कल से तू लेना गुड्डी बाई के अगवाड़े पिछवाड़े का मजा , ... " रीनू ने गुड्डी को दबोचते बोला।
और गुड्डी कस के खिलखिला रही थी ,
" सुन ककमबर सैंडविच कैसी रहेगी ,... " रीनू ने गुड्डी के नए नए आये जोबन को मीजते पूछा।
' बढ़िया , मस्त भौजी। ' गुड्डी खिलखिला के बोली ,
" तो जा के मेरी छिनार ननद रानी , दो मोटे लम्बे ककमबर , अपनी इस बुरिया में घुसेड़ ले , दस पन्दरह मिंट के लिए बारी बारी से जब तक बाकी काम करते हैं वो मैरनेट हो जायँगे। "
रीनू बोली।
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