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उसकी माँ ने भी कुछ नही कहा...
क्योंकि वो जानती थी की उसे मना करने का कोई फायदा तो है नही...
जो काम उसे करना है वो उसे करके ही रहता है.
खैर, नेहा को बाइक पर बिठाकर वो मंजू के घर की तरफ चल दिया...
रास्ते में उसने नेहा को इस बात की भनक भी नही पड़ने दी की वो भी शादी में चुपके से पहुँच जाएगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए मंजू ने ही उसे माना किया था
शायद नेहा के लिए वो विक्की के रूप में एक सर्प्राइज़ रखना चाहती थी...
मन तो नेहा का बहुत कर रहा था इस वक़्त की विक्की को कसकर दबोच ले..
उसे रास्ते में रोककर अच्छे से स्मूच करे पर शादी के कपड़े और मेकअप को वो खराब नही करना चाहती थी...
पर हाँ ,रात को आने के बाद वो रुकने वाली नही थी...
इसलिए शादी में जाकर क्या-2 करना है और वापिस आकर विक्की के रूम में जाकर क्या करना है ये सब सोचते हुए वो आख़िरकार मंजू के घर पहुँच ही गयी...
मंजू और उसके मम्मी पापा पहले से ही तैयार थे,
वो सब उनकी कार में बैठकर शादी वाली जगह की तरफ चल दिए..
और विक्की भी बीच के थोड़े बहुत टाइम को काटने के लिए अपने एक दोस्त के घर चला गया..
शादी में पहुँचकर दोनो सहेलिया अपने में मस्त हो गयी और मंजू के माँ बाप अपने रिश्तेदारों में ...
बारात आ चुकी थी, और उन दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए नेहा और मंजू ने जमकर स्नैक्स खाए...
और फिर DJ पर भी खूब डांस किया...
डांस करते हुए बरातीयों के साथ आए कुछ छिछोरे लड़के उनके पीछे ही पड़ गये...
पर उनसे पीछे छुड़वाने के बजाये उन्होंने भी जमकर उनसे मज़े लिए ,
कोई उनकी कमर पे तो कोई नितंबो पर हाथ मारकर दोनो के अंदर की आग को बड़ा रहा था,
शादी की भीड़-भाड़ में कोई ये सब बाते ज़्यादा नोट नही करता, इसलिए उन्हे भी भीड़ में ऐसा करवाने में कोई परेशानी नही हो रही थी...
पर उनके हर टच के साथ दोनो के शरीर मे एक अजीब तरह की आग भी लगती जा रही थी..
मस्ती का माहौल भी बन रहा था...
कुछ देर बाद तो नेहा ने भी अपनी तरफ से रिस्पॉन्ड करना शुरू कर दिया उन लड़को को...
और अंदर ही अंदर एक इच्छा ने भी जन्म ले लिया की काश इनमे से कोई स्मार्ट सा लड़का उसके फूल जैसे जिस्म को रगड़ डाले..
वहीं दूसरी तरफ मंजू भी नेहा के बदलते बर्ताव को देखकर मंद-2 मुस्कुरा रही थी...
वो अपनी बचपन की सहेली को अच्छे से जानती थी,
विक्की से खुलने के बाद उसमें काफ़ी बदलाव आ चुका था...
अब वो बाहर के लड़को के साथ भी खुलकर मज़े लेने के मूड में थी...
उनमे से एक लड़का ख़ासकर नेहा के पीछे ही पड़ा हुआ था...
उसी ने अभी तक उसके नितंबो और कमर पर हाथ लगाकर सबसे ज्यादा उसे अच्छे से महसूस किया था...
नेहा भी उसके स्पर्श को एंजाय कर रही थी...
वो तो चाह रही थी की वो लड़का उसके मुम्मो को पकड़कर मसल डाले पर इतने लोगो के सामने ये काम थोड़ा मुश्किल था...
खैर, नाच गाने से निपटकर जब थक हारकर वो दोनो एक कोने में बैठी थी तो मंजू ने नेहा से पूछा : "क्या बात है नेहा डार्लिंग, आज कुछ ज़्यादा ही जलवे बिखेर रही है...''
नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा : ''आज बड़े दिनों बाद ये माहौल मिला है, ऐसे में जलवे बिखेरना तो बनता ही है ना...''
ऐसा कहते हुए उसने एक आँख मार दी उसे...
फिर उसकी नज़रें उसी लड़के को ढूँढने लगी, पर वो कही नही दिखा...
उन दोनो के अंदर एक आग लगाकर वो छिछोरे लड़को की टोली गायब हो चुकी थी..
और शादी के मौके पर ऐसे गायब होने का सिर्फ़ एक ही मतलब होता है, दारू पीना..
वो सब भी इकट्ठे होकर बाहर खड़ी गाडियों में जाम छलका रहे थे..
नेहा : "क्या यार...अक्चा भला मूड बनाकर साले गायब हो गये.....आज की शाम लगता है बकवास जाने वाली है...''
मंजू ने उसके कान के पास होंठ लाते हुए कहा : "मेरे होते चिंता करने की क्या ज़रूरत है मेरी जान....चल मेरे साथ...मैंने एक लड़के को पटा लिया है मजे लेने के लिए ''
इतना कहकर वो उसका हाथ पकड़कर टेंट के पीछे वाले हिस्से की तरफ चल दी...
मंजू के मम्मी पापा अपने रिश्तेदारों में मस्त थे ,
उन्हे मंजू और नेहा की कोई फ़िक्र नही थी,
वो जानते थे की दोनो आपस में मस्त होंगी...
बेचारे ये नही जानते थे की मस्त होने के साथ-2 मस्ती लेने भी चल पड़ी है दोनो...
मंजू ने अपना फोन निकाला और विक्की को फोन मिलाकर सीधा एक ही सवाल पूछा : "कहाँ हो...''
विक्की : "और कहाँ ...वहीं टेंट के पीछे....आधे घंटे से खड़ा हूँ ...''
मंजू ने मुस्कुराते हुए कहा : "सब्र करो...सब्र का फल मीठा होता है...''
इतना कहकर वो मुस्कुराते हुए नेहा का हाथ पकड़कर चल दी...
नेहा : "तू तो बड़ी चालू निकली साली....मैं नाचती रह गयी और तूने अपना बंदा सेट कर लिया...शाबाश मेरी जान ....अब तो सब्र नही हो पा रहा मुझसे....इस वक़्त कोई ना मिला ना तो उस हलवाई के सामने ही नंगी हो जाउंगी मैं ....''
क्योंकि वो जानती थी की उसे मना करने का कोई फायदा तो है नही...
जो काम उसे करना है वो उसे करके ही रहता है.
खैर, नेहा को बाइक पर बिठाकर वो मंजू के घर की तरफ चल दिया...
रास्ते में उसने नेहा को इस बात की भनक भी नही पड़ने दी की वो भी शादी में चुपके से पहुँच जाएगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए मंजू ने ही उसे माना किया था
शायद नेहा के लिए वो विक्की के रूप में एक सर्प्राइज़ रखना चाहती थी...
मन तो नेहा का बहुत कर रहा था इस वक़्त की विक्की को कसकर दबोच ले..
उसे रास्ते में रोककर अच्छे से स्मूच करे पर शादी के कपड़े और मेकअप को वो खराब नही करना चाहती थी...
पर हाँ ,रात को आने के बाद वो रुकने वाली नही थी...
इसलिए शादी में जाकर क्या-2 करना है और वापिस आकर विक्की के रूम में जाकर क्या करना है ये सब सोचते हुए वो आख़िरकार मंजू के घर पहुँच ही गयी...
मंजू और उसके मम्मी पापा पहले से ही तैयार थे,
वो सब उनकी कार में बैठकर शादी वाली जगह की तरफ चल दिए..
और विक्की भी बीच के थोड़े बहुत टाइम को काटने के लिए अपने एक दोस्त के घर चला गया..
शादी में पहुँचकर दोनो सहेलिया अपने में मस्त हो गयी और मंजू के माँ बाप अपने रिश्तेदारों में ...
बारात आ चुकी थी, और उन दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए नेहा और मंजू ने जमकर स्नैक्स खाए...
और फिर DJ पर भी खूब डांस किया...
डांस करते हुए बरातीयों के साथ आए कुछ छिछोरे लड़के उनके पीछे ही पड़ गये...
पर उनसे पीछे छुड़वाने के बजाये उन्होंने भी जमकर उनसे मज़े लिए ,
कोई उनकी कमर पे तो कोई नितंबो पर हाथ मारकर दोनो के अंदर की आग को बड़ा रहा था,
शादी की भीड़-भाड़ में कोई ये सब बाते ज़्यादा नोट नही करता, इसलिए उन्हे भी भीड़ में ऐसा करवाने में कोई परेशानी नही हो रही थी...
पर उनके हर टच के साथ दोनो के शरीर मे एक अजीब तरह की आग भी लगती जा रही थी..
मस्ती का माहौल भी बन रहा था...
कुछ देर बाद तो नेहा ने भी अपनी तरफ से रिस्पॉन्ड करना शुरू कर दिया उन लड़को को...
और अंदर ही अंदर एक इच्छा ने भी जन्म ले लिया की काश इनमे से कोई स्मार्ट सा लड़का उसके फूल जैसे जिस्म को रगड़ डाले..
वहीं दूसरी तरफ मंजू भी नेहा के बदलते बर्ताव को देखकर मंद-2 मुस्कुरा रही थी...
वो अपनी बचपन की सहेली को अच्छे से जानती थी,
विक्की से खुलने के बाद उसमें काफ़ी बदलाव आ चुका था...
अब वो बाहर के लड़को के साथ भी खुलकर मज़े लेने के मूड में थी...
उनमे से एक लड़का ख़ासकर नेहा के पीछे ही पड़ा हुआ था...
उसी ने अभी तक उसके नितंबो और कमर पर हाथ लगाकर सबसे ज्यादा उसे अच्छे से महसूस किया था...
नेहा भी उसके स्पर्श को एंजाय कर रही थी...
वो तो चाह रही थी की वो लड़का उसके मुम्मो को पकड़कर मसल डाले पर इतने लोगो के सामने ये काम थोड़ा मुश्किल था...
खैर, नाच गाने से निपटकर जब थक हारकर वो दोनो एक कोने में बैठी थी तो मंजू ने नेहा से पूछा : "क्या बात है नेहा डार्लिंग, आज कुछ ज़्यादा ही जलवे बिखेर रही है...''
नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा : ''आज बड़े दिनों बाद ये माहौल मिला है, ऐसे में जलवे बिखेरना तो बनता ही है ना...''
ऐसा कहते हुए उसने एक आँख मार दी उसे...
फिर उसकी नज़रें उसी लड़के को ढूँढने लगी, पर वो कही नही दिखा...
उन दोनो के अंदर एक आग लगाकर वो छिछोरे लड़को की टोली गायब हो चुकी थी..
और शादी के मौके पर ऐसे गायब होने का सिर्फ़ एक ही मतलब होता है, दारू पीना..
वो सब भी इकट्ठे होकर बाहर खड़ी गाडियों में जाम छलका रहे थे..
नेहा : "क्या यार...अक्चा भला मूड बनाकर साले गायब हो गये.....आज की शाम लगता है बकवास जाने वाली है...''
मंजू ने उसके कान के पास होंठ लाते हुए कहा : "मेरे होते चिंता करने की क्या ज़रूरत है मेरी जान....चल मेरे साथ...मैंने एक लड़के को पटा लिया है मजे लेने के लिए ''
इतना कहकर वो उसका हाथ पकड़कर टेंट के पीछे वाले हिस्से की तरफ चल दी...
मंजू के मम्मी पापा अपने रिश्तेदारों में मस्त थे ,
उन्हे मंजू और नेहा की कोई फ़िक्र नही थी,
वो जानते थे की दोनो आपस में मस्त होंगी...
बेचारे ये नही जानते थे की मस्त होने के साथ-2 मस्ती लेने भी चल पड़ी है दोनो...
मंजू ने अपना फोन निकाला और विक्की को फोन मिलाकर सीधा एक ही सवाल पूछा : "कहाँ हो...''
विक्की : "और कहाँ ...वहीं टेंट के पीछे....आधे घंटे से खड़ा हूँ ...''
मंजू ने मुस्कुराते हुए कहा : "सब्र करो...सब्र का फल मीठा होता है...''
इतना कहकर वो मुस्कुराते हुए नेहा का हाथ पकड़कर चल दी...
नेहा : "तू तो बड़ी चालू निकली साली....मैं नाचती रह गयी और तूने अपना बंदा सेट कर लिया...शाबाश मेरी जान ....अब तो सब्र नही हो पा रहा मुझसे....इस वक़्त कोई ना मिला ना तो उस हलवाई के सामने ही नंगी हो जाउंगी मैं ....''
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