Niceविक्की ने भी अपनी बाइक वहीँ खड़ी की और उसके पीछे-2 चलने लगा,
वो समझ गया था की वो मज़े लेने के मूड में है...
पर सामने ही उसका स्कूल था, वो ज़्यादा देर तक रुक भी नही सकती थी, गेट बंद होने का टाइम हो गया था..
पर फिर भी उसकी चूत गीला करने का पूरा इंतज़ाम कर दिया विक्की ने अपनी एक ही लाइन में ..
वो बोला : "वही...तेरे साथ सैक्स करने का मेरी जान....तेरे ये मोटे मुम्मे चूसने का...तेरी चूत चाटने का, अपना मोटा लंड तेरी गीली चूत में घुसाने का....तेरी चूत मारने का......''
एक के बाद एक ऐसी बाते सुनकर मंजू की साँसे धोंकनी की तरह तेज चलने लगी...
उसकी आँखो में लाल डोरे तैर गये...
उसकी छाती तेज़ी से उपर नीचे होने लगी....
बिना ब्रा की छातियों पर निप्पल उभर कर उजागर हो गये और सफेद शर्ट के उपर दूर से ही चमकने लगे...
एक गीलेपन का एहसास उसे चूत में भी होता महसूस हुआ, और एक हल्का सा गाड़े पानी का झरना उसकी नन्ही चूत में से निकलकर कलकल करता हुआ नीचे की तरफ गिरने लगा...
अब उसकी आँखे बोझल और पैर भारी से हो गये थे...
उसकी हालत देखकर लग नही रहा था की वो स्कूल तक चलकर सही ढंग से जा पाएगी....
विक्की भी अपने हरामीपन पर काफ़ी खुश था, उसकी हालत देखकर वो भागकर अपनी बाइक उठा लाया और उसे उसपर बैठने को कहा...
मंजू भी धड़कते दिल से उसके पीछे बैठ गयी..
विक्की : "चल अब, आज स्कूल की छुट्टी मार, और अपनी इस हालत पर तरस खा और मुझपर भी...''
मंजू मुस्कुरा दी, पर कुछ बोली नही..
विक्की ने बाइक घुमाई और चल दिया...
अब उसके दिमाग़ में कमरे के जुगाड़ का आइडिया गूँज रहा था...
किसी दोस्त से बोले या किसी होटल में जाए ...
पर उसकी परेशानी को मंजू ने एक ही पल में सुलझा दिया.
वो बोली : "एक काम करो, मेरे घर ही चलो...आज माँ पिताजी नही है घर पे...''
ये सुनते ही विक्की का मन किया की बाइक पर खड़ा होकर नाचने लगे...
भला इतना अच्छा मौका था तो वो पहले क्यों नहीं बोली
विक्की : "अरे वाह, इस से अच्छी बात तो हो ही नही सकती...कहाँ गये वो दोनो इतनी सुबह ..''
मंजू : "जहाँ शादी थी, उनके घर पर नयी बहू के लिए कुछ रस्में होती है, रात भर उन लोगो से वहां रुका नही जाता, इसलिए रात को आराम किया और सुबह -2 फिर से उनके घर की तरफ निकल गये....तुम्हे बताने का मौका नही मिला, दिन में नेहा और मुझे लेने आते तब शायद बता पाती, पर अच्छा हुआ की तुम सुबह ही मिल गये....अब शाम तक का टाइम हमारा है...''
इतना कहते हुए वो उस से बुरी तरह से लिपट गयी..
विक्की ने तो अपनी बाइक की स्पीड फुल कर दी, लंड उसका खंबे की तरह अकड़ कर खड़ा हो चुका था, जिसे अब मंजू ही ठंडा कर सकती थी...
कुछ ही मिनट में विक्की की बाइक उसके घर के सामने पहुँच गयी...
उस से इतना भी सब्र नही हो रहा था की मंजू अपनी कमर मटकाते हुए दरवाजे तक जाए और ताला खोले,
उसने झट से उसके हाथ से चाबी छीनी और एक सेकेंड में ताला खोलकर उसे अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया...
मंजू उसके इस उतावलेपन पर हँसती रह गयी...
पर उसकी हँसी उसी पल गायब हो गयी जब विक्की उसकी तरफ पलटा और उसके होंठो पर होंठ लगाकर उसे जोरों से किस्स करने लगा...
मंजू के कंधे से उसने स्कूल बेग लेकर एक कोने में रख दिया और उसके पूरे जिस्म पर हाथ फिराते हुए उसे सहलाने लगा और उसके रसीले होंठों का रसपान करता हुआ उसके मुम्मो को शर्ट के उपर से ही मसलने लगा..
किस्स करते-2 दोनो नीचे बने बेडरूम में आ गये, जो मंजू के माँ पिताजी का था..
वो तो इतना आतुर था की वो खींच कर उसकी शर्ट फाड़ने पर आ गया, वो तो मंजू ने बड़ी मुश्किल से उसके हाथो को पीछे किया और खुद ही अपनी शर्ट के बटन खोलकर अपने मुम्मे उसके आगे परोस दिए, वरना उसकी स्कूल की शर्ट की धज्जियाँ उड़ जानी थी...
मुम्मे बाहर निकलते ही कमरे में जैसे 100 वॉट के 2 बल्ब जल गये,
उनकी दूधिया रोशनी से पूरा कमरा जगमगा उठा..
उसने गोर से उसके मोटे मुम्मो को देखा और फिर धीरे से अपनी जीभ निकाल कर उसके निप्पल को गीला कर दिया...
कड़क निप्पल उसकी थूक में नहा कर और ज्यादा अकड़ गये..
और फिर उसने अपना पूरा मुँह खोलकर उसके दाँये मुम्मे को मुँह में लिया और उसे जोरों से चूसने लगा...
''म्म्म्ममममममममममममम...... अहह.......... मजाअ आआआआआआअ गया विक्कीईईईईईईईईई''