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Incest कमसिन बहन (Completed)

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उसकी आँखो का कोतूहूल देखते ही बनता था,
वो दम साधे विक्की के लंड को एकटक देखे जा रही थी,



पर एक डर भी था शायद उसके चेहरे पर जिसे विक्की ने समझा और बोला
विक्की : "डरो मत.....पास आओ और छूकर देखो इसको.....काटेगा नही ये...''

वो बिना पलके झपकाए उसके करीब आई और घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी...
विक्की ने उसके चेहरे पर आए बालो को पीछे किया और उसके चेहरे के बिल्कुल करीब अपने लंड को लाकर एक जोरदार तरीके से झटका दिया

आँखों में लाल डोरे चमक गए मंजू के, जब विक्की के लहराते हुए नाग ने उसके चेहरे पर दस्तक दी....
एक अजीब सा आकर्षण था विक्की के लंड में , जिसे वो नजरअंदाज नही कर पा रही थी...
धीरे-2 उसके हाथ उपर आए और उसने विक्की के लंड को अपने कोमल हाथो में जकड़ लिया....

विक्की के मुँह से एक तेज सिसकारी निकल गयी

''आआआआआआआआआआआआआअहह.......... मंजूऊुुुुुुुुुुउउ.... म्‍म्म्मममममममममम.......... चूसो इसको........... तो.......चाटो मेरी जाआंन ''

मंजू के चेहरे के भाव एकदम से बदल से गये...

चुसू इसको.....चाटू .....और वो भी इस सूसू करने वाली जगह को.....भला क्यूँ ....

वो अपने चेहरे पर आए इन सवालो के साथ विक्की को देख रही थी...
पर वो तो अपनी आँखे भींचे उस पल में डूबा सा हुआ था...

फिर मंजू को पिछले सारे दिनों की बाते एक झटके में याद आ गयी....

की कैसे उसका खुद का दिल विक्की के लिए धड़कता था...
कैसे उसे देखकर उसके निप्पल टाइट से हो जाते थे....
कैसे बाइक के पीछे बैठकर वो अपने मुम्मे उसकी पीठ से रगड़ती थी....
और उसके बारे में सोचकर अपनी चूत को रगड़ने में कितना मज़ा आता था....
और विक्की ने कितनी बार उसे चोकोबार खिलाई थी...

आज उन सभी कोकोबार्स का बदला उतारने का वक़्त आ गया था....
वैसे भी विक्की के लंड से निकल रही भीनी गंध उसे अपनी तरफ खींच रही थी...

उसने धीरे से अपना मुँह खोला और अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की के लंड को नीचे से उपर तक चाट लिया और फिर उपर जाते ही उसके लंड को मुँह में लेकर अंदर निगल गयी.



आज शायद विक्की को भी नही पता था की उसके साथ क्या-2 होने वाला है.
Mast update👍👍
 

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फिर मंजू को पिछले सारे दिनों की बाते एक झटके में याद आ गयी....

की कैसे उसका खुद का दिल विक्की के लिए धड़कता था...कैसे उसे देखकर उसके निप्पल टाइट से हो जाते थे....
कैसे बाइक के पीछे बैठकर वो अपने मुम्मे उसकी पीठ से रगड़ती थी....और उसके बारे में सोचकर अपनी चूत को रगड़ने में कितना मज़ा आता था....और विक्की ने कितनी बार उसे चोकोबार खिलाई थी...

आज उन सभी चोकोबार का बदला उतारने का वक़्त आ गया था....वैसे भी विक्की के लंड से निकल रही भीनी गंध उसे अपनी तरफ खींच रही थी...उसने धीरे से अपना मुँह खोला और अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की के लंड को नीचे से उपर तक चाट लिया और फिर उपर जाते ही उसके लंड को मुँह में लेकर अंदर निगल गयी.

आज शायद विक्की को भी नही पता था की उसके साथ क्या-2 होने वाला है.

***********
अब आगे
***********

''आआआआआआआआआअहह मंजू..................... मेरी ज़ाआाआअनन्...चूस इसको......... चाट मेरे लंड को ........खा जा इसे....''



'मेरी जान' शब्द ने जैसे मंजू पर किसी जादू जैसा प्रभाव डाला...
उसके अंदर एक नयी सफूर्ती सी आ गयी....
वो दुगने जोश के साथ उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी...
अब तक उसे लंड का स्वाद भी अच्छा लगने लग गया था इसलिए उसे भी अपनी तरफ से एक्सट्रा प्रेशर देने में कोई तकलीफ़ नही थी...

और अचानक उसके लॅंड से ढेर सारा रस निकलकर मंजू के मुँह मे जाने लगा....
ये सब इतनी जल्दी हुआ की ना तो विक्की को उसे रोकने का मौका मिला और ना ही उसके सिर को हटाने का..
बल्कि उसके हाथ तो मंजू के सिर पर और तेज़ी से दबाव बनाने लगे ताकि उसके लंड की एक-2 बूँद सीधा उसके अंदर जाए...
मंजू भी हैरान थी की ये अचानक लंड से क्या निकलने लगा...कहीं वो मूत तो नही रहा उसके मुँह में..
पर फिर कुछ स्वाद से भरी गाड़ी मलाई जब उसे गले से नीचे जाती महसूस हुई तो उसे समझते देर नही लगी की ये क्या है...
स्वाद तो बुरा था नही उसकी मलाई का..
इसलिए वो भी गटागट उसे पीती चली गयी, कुछ अंदर गयी तो कुछ बाहर निकलकर गिर गयी
वो तब तक उसके लंड को चूसती रही जब तक विक्की के लंड का पाइप खाली नही हो गया...




विक्की तो निढाल सा हो गया एकदम से...
ऐसा लग रहा था उसे जैसे मंजू ने लंड के मध्यम से उसकी जान ही निकाल ली है..

मंजू ने अपने होंठो पर लगे रस को अपनी उंगलियो से इकट्ठा किया और उसे अंदर निगलकर चूस गयी...
ऐसा करते हुए वो किसी गुंडी से कम नही लग रही थी.

विक्की कुछ देर बाद खड़ा हुआ और बाथरूम के अंदर जाकर अपने चेहरे को पानी से धोने लगा...
तब जाकर उसकी गर्मी निकली...
कहाँ तो उसने कुछ देर पहले सोच लिया था की वो आज मंजू को पूरा नंगा करके उसे पूरी तरह से चाटेगा
उसके मखमली जिस्म के अच्छे से मज़े लेगा और शायद चुदाई का भी कोई सीन बन जाए...
और कहाँ उसके लंड ने झड़ने के बाद सारे समीकरण ही बदल डाले थे...
अब तो उसका मंजू को किस्स करने का भी मन नही कर रहा था...
बस किसी तरह यहां से निकल जाए यही सोचता हुआ वो बाहर आ गया...

मंजू तब तक उसी टॉपलेस हालत में बैठी थी....
वो उठी और विक्की के गले से लिपट गयी और फिर धीरे-2 विक्की के गले से लेकर उपर तक किस्स करने लगी..
पर विक्की का मूड अब बदल चुका था...
उसने मंजू को पीछे करते हुए कहा :" मंजू....अब मुझे चलना चाहिए....घर पर भी सब राह देख रहे होंगे...और तेरे मम्मी पापा भी तो आने ही वाले है...कल मिलते है...ओके ...''

इतना कहकर वो बिना उसके जवाब की प्रतीक्षा किए बाहर निकल गया और अपनी बाइक लेकर घर आ गया...
और पीछे बेचारी मंजू अपना खुला सा मुँह लिए उसके इस बर्ताव को देखती रह गयी.
Kya yaar bechari ke sath klpd kardi. Nice update👍👍
 

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घर आते ही जब उसकी नज़रें नेहा से मिली तो उसकी आँखों में छुपी हँसी देखकर उसे समझते देर नही लगी की वो उस से क्या पूछना चाहती है...
वो भी जानती थी की उसके घर वो आज ज़रूर कुछ ना कुछ करके ही आया होगा...
पर ऐसे सीधा कुछ उस से पूछने की हिम्मत नही हो रही थी उसकी.




रात को जब सभी ने खाना खा लिया तो विक्की चुपचाप अपने रूम में चला गया...
किचन का काम निपटा कर नेहा और उसकी माँ भी फ्री हो गये और अपने-2 बेड पर जाकर सो गये...

पर नेहा की आँखो में तो आज नींद थी ही नही....
जब से वो वापिस आई थी उसके सामने सुबह से शाम तक की सारी बाते घूम रही थी...
वो खुद भी हैरान थी की कैसे उसने अपने भाई के सामने इतनी बेशर्मी से अपने कपड़े उतार दिए और वो भी मंजू के सामने ...
और वो साली मंजू भी तो कैसे अपनी छातिया उसके भाई को दिखा रही थी...
उसकी नज़रो से सॉफ पता चल रहा था की वो विक्की को दिल ही दिल में चाहती है, पर ना जाने क्यों एक बहन होने के बावजूद उसे इस बात से जलन सी हो रही थी ...

शायद वो भी मन ही मन अपने भाई को चाहती है.....
ऐसा सोचते ही उसका चेहरा एकदम लाल हो गया और वो मंद-2 मुस्कुराने लगी..

उसने इधर-2 उधर नज़रें घुमाई और अपने मम्मी पापा के रूम को अच्छे से चेक किया, थके होने की वजह से उनके ख़र्राटों की आवाज़ें बाहर तक आ रही थी.

फिर वो दबे पाँव पलटी और किसी बिल्ली की तरह बिना आवाज़ के उछलते हुए अपने भाई के रूम की तरफ चल दी...

वहां पहुँचकर उसने देखा की विक्की अपने बेड पर औंधा लेटा हुआ है और अपने फोन पर कुछ चेक कर रहा है...

नेहा ने इस वक़्त एक लंबी सी स्कर्ट और टी शर्ट पहनी हुई थी और अंदर उसने कुछ भी नही पहना था.

वो दबे पाँव उसके बेड तक गयी और उछलकर उसकी पीठ पर बैठ गयी..

विक्की भी एकदम से चोंक गया...
पर ज़्यादा डरा नही,क्योंकि उसे पता था की नेहा उपर ज़रूर आएगी..
पर उपर आते ही उसके उपर ऐसे चढ़ जाएगी, इसका अंदाज़ा नही था उसे..

विक्की : "अरे मोटी...हट मेरे उपर से...कचुम्बर निकालेगी क्या मेरा...''

वो तो पहले से ही मस्ती के मूड में थी, वो विक्की की पीठ पर अपने मुम्मे बिछा कर उसपर लेट गयी, और उसके कानों के पास मुँह लाकर बोली : "इतने सालो बाद मुझे घोड़े की सवारी करने को मिली है, ऐसे कैसे जाने दूँ ...''

विक्की ये सुनकर मुस्कुरा दिया,
बचपन में उसका रोज का काम होता था घोड़ा बनकर अपनी बहन को पूरे घर में घुमाना ,
इस चक्कर में उसके सारे कपड़े गंदे हो जाते थे और उसके घुटने भी छिल जाते थे
उसे खुद इस काम में बड़ा मज़ा आता था...
शायद उसके नर्म कूल्हे उसे उस वक़्त भी उतना ही उत्तेजित करते थे जितना आजकल कर रहे हैं...

आजकल तो कुछ ज़्यादा ही कर रहे है....
क्योंकि इस वक़्त नेहा के कुल्हो के साथ-2 उसकी चूत भी उसकी गांड पर रगड़ खा रही थी...
लेटने के बाद तो वो उसकी चूत का ताप सॉफ महसूस कर पा रहा था...

और नेहा ने जब घोड़े वाली बात बोली तो वो लेटे -2 ही उसके उपर हिचकोले लेकर उसकी पीठ की सवारी का आनंद भी लेने लगी....
ऐसा करते हुए उसका एक-2 अंग विक्की के शरीर पर घिस्से मार रहा था....
उसके नन्हे स्तन भी और उनपर लगे निप्पल्स भी ...
साथ ही साथ उसकी उभरी हुई कमसिन चूत भी ...

आज इतने सालो बाद एक बार फिर से विक्की को घोड़ा बनाकर उसकी सवारी करने में उसे सच में आनंद आ रहा था...
विक्की भी अपनी पीठ और कमर पर महसूस हो रही गर्मी का आनंद लेते हुए धीरे-2 मुस्करा रहा था...

नेहा के बाल विक्की के चेहरे पर दोनो तरफ से गिरकर उन दोनो को ढक चुके थे...
उसके होंठ विक्की के कान के इतने करीब थे की उसकी गहरी हो रही सांसो की आवाज़ उसे सॉफ सुनाई दे रही थी....
वो साँसे धीरे-2 हल्की सिसकारियों में बदलने लगी...
विक्की को ऐसा लग रहा था जैसे वो इयरफोन लगा कर कोई चुदाई का वीडियो देख या सुन रहा है,
ऐसी सैक्सी आवाज़ें निकल रही थी नेहा के मुँह से...

अचानक नेहा की जीभ बाहर आई और उसने विक्की के कान को चाट लिया...
ये स्पर्श ऐसा था मानो नागिन ने छू लिया हो उसके कानो को डसने से पहले...
विक्की लगभग उछल सा पड़ा पर नेहा के वजन से दबे होने की वजह से वो निकल नही पाया...
Behtreen update👍👍
 

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विक्की ने दबी हुई सी आवाज़ मे पूछा :" नेहा....ये..ये क्या हो रहा है तुम्हे....चलो उतरो नीचे....तुम्हारे वजन से मेरी जान निकल रही है...''

पर नेहा पर उसकी बात का कोई असर ही नही पड़ा...
उसने तो जैसे सुना ही नही...
अब वो उसके कान को चाटने लग गयी थी अपनी जीभ से...

और नेहा की जीभ विक्की के पूरे शरीर में एक बिजली की लहर की तरह काम कर रही थी....
और जब उससे सहा नही गया तो वो अपना पूरा ज़ोर लगा कर बेड पर सीधा हो गया...
नेहा एक झटके मे उसकी पीठ से फिसलकर नीचे बेड पर गिरी पर उतनी ही डुर्ती से वो वापिस उसके उपर भी आ गयी...
फ़र्क अब ये था की वो उसकी पीठ पर नही बल्कि उसके सीने पर लेटी थी...

विक्की का लंड इस वक़्त किसी मीनार की तरहा उपर खड़ा था, ये भी एक कारण था उसके सीधे होने का क्योंकि उल्टा लेटे होने की वजह से उसका खड़ा हुआ लंड उसे परेशान कर रहा था..

अब उसकी बहन के नन्हे स्तन उसके सीने पर थे और उसकी मखमली चूत का गर्म एहसास उसके खड़े हुए लंड पर...



नेहा भी विकी के खड़े लंड को अपनी चूत पर महसूस करके मचल रही थी...
कल जब विक्की ने उसके नन्हे बूब्स को चूसा था तो उनकी कसक अभी तक उसके अंदर थी...
एक अजीब सी खुजली हो रही थी उसके निप्पल्स पे जिन्हे अब सिर्फ़ और सिर्फ़ विक्की ही मिटा सकता था...

और विक्की के लिए भी अब सब्र करना मुश्किल हो रहा था....
उसने अपने होंठ जैसे ही आगे किए, नेहा उसपर किसी भूखी बिल्ली की तरहा टूट पड़ी और अपना शरीर उसपर रगड़ते हुए उसे बुरी तरह से स्मूच करने लगी...

एक के बाद अब दूसरी स्मूच सच में विक्की के कॉन्फिडेंस को बड़ा रही थी...
इन कमसिन जवानियों को अपनी बाहों में भरकर चूमने का आनंद वो सच में एंजाय कर रहा था..

ख़ासकर अब...
अपनी बहन के साथ...

शायद आज शर्म की एक और दीवार टूटने के कगार पर थी उन दोनो भाई बहनो के बीच..
Mast update👍👍
 

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विक्की के लिए भी अब सब्र करना मुश्किल हो रहा था....उसने अपने होंठ जैसे ही आगे किए, नेहा उसपर किसी भूखी बिल्ली की तरहा टूट पड़ी और अपना शरीर उसपर रगड़ते हुए उसे बुरी तरह से स्मूच करने लगी...एक के बाद अब दूसरी स्मूच सच में विक्की के कॉन्फिडेंस को बड़ा रही थी...
इन कमसिन जवानियों को अपनी बाहों में भरकर चूमने का आनंद वो सच में एंजाय कर रहा था..

ख़ासकर अब...अपनी बहन के साथ...शायद आज शर्म की एक और दीवार टूटने के कगार पर थी उन दोनो भाई बहनो के बीच..

***********
अब आगे
***********


विक्की के होंठो को चूमते-2 वो उसकी गर्दन पर भी किस्स करने लगी, और धीरे-2 नीचे जाकर टी शर्ट नीचे खिसकाते हुए उसकी छातियों पर भी...

ये एहसास कुछ इस तरह का था की विक्की का शरीर उपर की तरफ उठ सा रहा था...
नेहा के गीले होंठ, जिनमें से लार निकलकर उसकी गर्दन और छाती को गीला कर रही थी, उसके शरीर को एक अलग ही तरह का एहसास दे रहे थे..



नेहा ने उसकी टी शर्ट को नीचे से उठाकर उपर किया और उसे निकाल फेंका...
अब वो खुल कर उसकी छाती पर चुम्मियों की बारिश कर पा रही थी..
अचानक नेहा ने विक्की के दाँये निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...
विक्की तो उछल ही पड़ा उसकी इस हरकत से...
उसे पीछे धकेलना चाहा पर वो हटी ही नही, किसी भूखी बिल्ली की तरह वो अपना मुँह उसकी छाती से लगाए पता नही क्या चूसने में लगी हुई थी....
विक्की को बड़ी जबरदस्त गुदगुदी सी हो रही थी और साथ ही उसके शरीर मे एक कसावट भी आ रही थी और एक तरंग सीधा उसके लंड तक जा कर उसे और भी कड़क बना रही थी...
शायद यही एहसास लड़कियों को भी होता होगा तभी उनके स्तनो को चूसने से उन्हें अपने आप पर काबू नही रहता.


पीछे तो वो हो नही रही थी, इसलिए उसने उसके रेशमी बालो में हाथ डाल कर उसे सहलाना शुरू कर दिया और उसे और जोर से दबा कर अपनी छाती में घुसा लिया...
उसकी लार से विक्की की छाती पूरी तरह से गीली हो चुकी थी....
फिर वो खिसक कर दूसरे निप्पल तक गयी और उसे भी चूसने लगी..


विक्की ये समझने की कोशिश कर रहा था की ये उसने सीखा कहा से, शायद जो एहसास उसे अपनी छातियो पर चाहिए था वो पहले विक्की को देना चाहती थी...
यानी वो भी चाहती थी की विक्की उसकी छातियो को चूसे , उन्हे चुभलाए, उन्हे मुँह में लेकर उसका दूध पी जाए..


इस बात का एहसास होते ही उसके हाथ धीरे से उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगे और उन्हे छूते ही उसने धीरे-2 दबाना शुरू कर दिया...
नेहा को जब लगा की विक्की उसकी छातियो को दबा रहा है तो वो सीधा हुई और उसने खुद ही अपनी टी शर्ट को उतार फेंका, अब वो उसके खड़े लंड पर अपनी गद्देदार गांड लेकर टॉपलेस बैठी थी...
और बीच के अवरोध यानी टी शर्ट को हटाने के बाद उसने खुद ही उसके हाथ को अपनी छाती से लगाया ताकि वो खुल कर अब उसके नंगे बूब को मसल सके



फिर वो धीरे से नीचे झुकी और अपनी दाँयी चुचि को पकड़कर सीधा विक्की के मुँह में डाल दिया, जैसे एक माँ अपने बेटे को दूध पिलाते हुए करती है ठीक वैसे ही...
Fantastic update👍👍
 

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विक्की के मुँह में जैसे ही उसके बेर जैसे कड़क निप्पल्स आए वो उन्हे जोरों से चूसने लगा,
पहले एक को और फिर दूसरे को...
फिर तो उसने दोनो हाथो से उसकी नन्ही बूबियों को पकड़ा और बारी-2 से उन्हे चूसने लगा...
नीचे से उसका लंड नेहा की चूत पर सिर मारकर उसे और भी ज़्यादा गीला कर रहा था...
और वो भी अपनी चूत को खड़े लंड पर ऐसे घिस रही थी जैसे कपड़े समेत ही उसे अंदर ले जाएगी..


विक्की ने हाथ नीचे करके उसकी स्कर्ट को उपर करना शुरू कर दिया...
आज शायद वो हर हद को पार कर लेना चाहता था..
नेहा ने भी धड़कते दिल से अपनी गांड उठा कर उसे ऐसा करने में मदद की, कुछ ही देर मे उसकी नंगी गांड विक्की के कड़क लंड के उपर रगड़ खा रही थी...
अब सिर्फ़ विक्की के पायजामे का कपड़ा ही था उनके बीच की दीवार, वरना दोनो के मिलन में एक मिनट भी नही लगना था क्योंकि जितना कड़क विक्की का लंड इस वक़्त था उसे नेहा की गीली चूत में उतरने में कोई भी परेशानी नही होने वाली थी.

विक्की ने दोनो हाथो से उसकी मोटी गांड को मसलना शुरू कर दिया, नीचे से वो उन्हे मसल रहा था और उपर से उसके होंठो को चूस रहा था...

घाघरे की खिड़की खुल जाने से उसकी चूत की गहरी सुगंध अब खुलकर बाहर आ पा रही थी...
और जैसे वो खुश्बू विक्की के नथुनों में पहुँची वो पागल सा हो गया...
ऐसा लगा जैसे हवा में तैरता कोई नशा सूंघ लिया हो उसने,
ऐसी शराब जैसी गंध थी की उसे सूंघते ही वो मदहोश सा हो गया और उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर उसकी गांड पर धक्का देकर उसे अपने चेहरे के उपर लाकर बिठा दिया...
नेहा भी समझ गयी की विक्की क्या करना चाहता है, वो तो बदहवास सी हो गयी इस एहसास से की आज उसका भाई उसकी चूत चूसेगा..


वो बेड पर खड़ी हुई और उसने अपने घाघरे को उपर उठाया और सिर से निकालकर बाहर फेंक डाला..
अब वो पूरी तरहा से नंगी थी...

इस वक़्त नेहा रति की मूरत लग रही थी विक्की को, उसका अंग-२ जवानी की देहलीज पर था, जवान जिस्म की सिसकारियां हर अंग से फूटने को बेताब थी



फिर वो वापिस विक्की के चेहरे के ऊपर आकर खड़ी हो गयी, अब जहाँ से विक्की देख पा रहा था इसे नेहा की मांसल टांगो के बीच उसकी रसीली चूत दिख रही थी, जहाँ से उसकी चूत का पानी टपक कर उसकी जांघो को भिगो रहा था, उसके ऊपर उसका सपाट पेट और उसके ऊपर उसकी नन्ही और सुडोल छातियां थी, और सबसे ऊपर उसकी हवस से भरी निगाहें जो सीधा विक्की के होंठो को देख रही थी, क्योंकि उन्ही होंठो पर कुछ ही देर में उसकी चूत का विमान उतरने वाला था



वो धीरे - 2 नीचे आयी और उसने अपनी चूत विक्की के मुँह में फँसाई और खुद ही जाल में फंसी चिड़िया की तरह छटपटाने लगी...
ये एहसास ही ऐसा था ...
Sexy👙👠💋👙👠💋 update
 

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एक तो उसके जिस्म का सबसे सेंसेटिव पार्ट और वो भी उसके खुद के भाई के मुँह में फँसा हुआ...
विक्की तो उसकी चूत के होंठो को अपने मुँह में दबा कर ऐसे उन्हें ऐसे स्मूच कर रहा था जैसे वो चेहरे के होंठ हो...
उसकी चूत के कसे हुए लिप्स को एक ही बार में पूरा मुँह में भर कर जब उसने निचोड़ा तो नेहा की चूत का सारा रस नीचूड़ कर उसके मुँह में भरता चला गया...
जैसे कोई रसीला फल मुँह में लेकर दबा दिया हो उसने.



''आआआआआआआआआआआआअहह म्‍म्म्ममममममममममममम भाईईईईईईईईईईईईईईईई...... मज़ाआआआअ आआआआआआआ गयाआआआआअ''

अपनी सैक्सी बहन के मुँह से इस वक़्त भाई शब्द उतना ही सैक्सी लग रहा था उसे जितना उसका नशीला बदन..

विक्की की जीभ ने उसकी चूत की परतों में जगह बनाते हुए जब अंदर प्रवेश किया तो नेहा का पूरा शरीर काँपने लगा, जैसे कोई बिजली की नंगी तार से उसकी छूट को झटका दे रहा हो...
और उसी कंपकपाहट में उसने तेज़ी से झड़ना शुरू कर दिया..

''उहह ..म्‍म्म्ममममममममममममम............मैं तो गयी भाई........मैं तो गयी..............''




और फिर उसका शरीर किसी बेजान पत्ते की तरह लहरा कर पीछे गिरने लगा...
विक्की ने अपने घुटने उपर करके उसके शरीर को पीछे की तरफ से सहारा दिया वरना उसका सिर सीधा जाकर विक्की के खड़े लंड से टकरा जाता..

नेहा की गर्म चूत अभी भी विक्की के होंठो से सटी हुई थी,
जिसमें से बूँद-2 करके मीठा पानी बाहर निकल रहा था...
उसके नन्हे बूब्स हर गहरी साँस के साथ-2 उपर नीचे हो रहे थे और अपनी बंद आँखे किए वो अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रही थी..

वो जिस पोज़ में उसके चेहरे पर अपनी चूत लगाए बैठी थी, विक्की का खड़ा लंड इस वक़्त उसकी कमर पर दस्तक दे रहा था...
विक्की के हाथ उपर जाकर उसके बूब्स को मसल रहे थे और बीच-2 में वो अपनी जीभ से उसकी चूत से निकल रहे पानी को भी सॉफ किए जा रहा था..

इशारा सॉफ था उसका,अब विक्की की बारी थी अपने लंड को शांत करने की...

और ये नेहा भी जानती थी की विक्की को खुश करना कितना ज़रूरी है उसके लिए...
और आज तो वो किसी भी हद तक जाने को तैयार थी अपने भाई के लंड को शांत करने के लिए..
Nice update👍👍
 

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नेहा की गर्म चूत अभी भी विक्की के होंठो से सटी हुई थी, वो जिस पोज़ में उसके चेहरे पर अपनी चूत लगाए बैठी थी, विक्की का खड़ा लंड इस वक़्त उसकी कमर पर दस्तक दे रहा था...इशारा सॉफ था उसका,अब विक्की की बारी थी अपने लंड को शांत करने की...

और ये नेहा भी जानती थी की विक्की को खुश करना कितना ज़रूरी है उसके लिए...और आज तो वो किसी भी हद तक जाने को तैयार थी अपने भाई के लंड को शांत करने के लिए..

***************
अब आगे
***************

शरीर एकदम ढीला पड़ चुका था नेहा का,
लेकिन जब विक्की के मुँह की घोड़ी से उतरकर वो उसके लंड के करीब आई तो उसकी महक ने जैसे उसके ढीले शरीर में जान सी फूँक दी...उसमें से निकल रही सोंधी खुश्बू ने उसपर ठीक वैसा ही असर किया जैसा उसकी चूत की गंध ने विक्की पर किया था...

नेहा का अंग-2 फड़क उठा अपने भाई के लंड की खुश्बू सूँघकर..

उसने मुस्कुराते हुए अपने हाथों में उसके लंड को पकड़ा और अपने चेहरे पर रगड़ डाला..

उफ़फ्फ़.....
क्या फीलिंग थी...
ऐसा लग रहा था जैसे चिकन सलामी का पूरा रोल गर्म करके उसने चेहरे से लगा लिया हो.



नेहा की तो आँखे ही बंद सी होने लगी इस नशीली चीज़ को सूँघकर..
उसे ऐसा लग रहा था की उसके भाई के लॅंड ने तो उसे नशेड़ी बना देना है, क्योंकि आज के बाद तो वो हर रात ये नशा लेने वाली थी.

उत्तेजना के मारे उसकी लार निकल रही थी मुँह से जो सीधा विक्की के टट्टों पर जाकर गिर रही थी...
उसने अपने दूसरे हाथ से उसे तेल की तरह वहाँ पर रगड़ डाला जिससे वो बॉल्स चमक उठी..
और यही हाल अब उसे विक्की के लंड का भी करना था, अपने मुँह में लेजाकर सीधा अपनी लार से भिगो कर उसे चमकाने का काम.

उसने धीरे से अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया...
जैसे कोई सॉफ्टी चाट्ता है, ठीक वैसे ही..
और फिर जब वो उसे चाटते हुए उपर तक पहुँची तो उसके लंड के टोपे को अपने होंठो और दांतो के बीच वाले हिस्से में फँसाया और ज़ोर से साँस अंदर लेते हुए उसके लंड के सिरे पर चमक रही बूँद को सडप करके निगल गयी..

विक्की का शरीर कमान की तरह बेड पर तिरछा हो गया..
और उसने खुद ही ज़ोर लगाकर अपना लंड उसके मुँह में पूरा धकेल दिया...

नेहा भी उसके लंड के पूरे मज़े लेना चाहती थी, उसने अपने होंठो और दांतो की ब्रेक ऐसी लगा रखी थी उसके लंड पर की वो भी खिसक-2 कर ही अंदर गया...
और जब पूरा लंड घुस गया तो विक्की को ऐसा फील हुआ जैसे वो हवा में तेर रहा है...



नेहा का भी मुँह अपने भाई के 7 इंची लंड से पूरा भर चुका था...
लंबाई तो एक तरफ थी, उसकी मोटाई ने उसके होंठो को फेलने पर मजबूर कर दिया था,
ऐसा लग रहा था की एक इंच भी और अंदर लिया तो उसके होंठ दोनो तरफ से फट जाएँगे..

पर मज़ा भी उतना ही मिल रहा था उसे...
इसलिए लंड को अंदर लेने के तुरंत बाद ही उसने अपनी जीभ से उसके लंड को तेल पिलाना शुरू कर दिया...

''आआआआआआआआआअहह नहााआआआआआआआआअ........ मेरी ज़ाआाआआआआआअन्न्‍नननणणन् उम्म्म्मममममममममममममममम..... मजाआाआआआ आआआआआआआआआ गय्ाआआआआआआआअ''

नेहा ने लंड को बाहर निकाला और बोली : "भाई, ये मज़ा तो अब रोज़ दिया करूँगी आपको....देख लेना..''
Mast update👌👌
 
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