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deeppreeti

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छोटी छोटी मस्त कहानियो का एक संग्रह एक पाठक ने भेजा है उसे पोस्ट कर रहा हूँ

संग्रह मेरा नहीं हैं और अन्य साइट पर भी उपलब्ध हैं ..

अपडेट आपको रेगुलर मिलेंगे

आशा है आपको पसंद आएँगी


INDEX

1.
एक नम्बर के हरामी बूढ़े

कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिसमें आदमी खूद-ब-खुद खिंचता चला जाता है। चाहे वो चाहे या न चाहे। आदमी कितना भी समझदार हो लेकिन कभी-कभी उसकी समझदारी उसे ले डूबती है। ऐसी ही एक घटना मेरे साथ हुई थी। जिसे आज तक मेरे अलावा कोई नही जानता है। शुरआत इसी कहानी से ...

Update 01, Update 02, Update 03, Update 04.


2. पत्नी की खूबसूरत दोस्त की चुदाई

मैं-कुणाल और मेरी पत्नी- शिप्रा कानपुर में रहती हैं। मेरी पत्नी की चचेरी बहन में से एक टीना की शादी हो रही है। यह उदयपुर में एक गंतव्य शादी होती है। शिप्रा और तेना वास्तव में एक दूसरे के करीब हैं। रेशम बचपन से शिप्रा की सबसे अच्छी दोस्त है। रेशम अपनी शादी के बाद उदयपुर में रह रही है।
रेशम ने हमारी (मेरी और शिप्रा) से एक साल पहले शादी कर ली। इसलिए हम व्यक्ति से नहीं मिले। शिप्रा और रेशम हमेशा एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं और वे वास्तव में एक मजबूत बंधन साझा करते हैं। .....

Update 01, Update 02, Update 03, Update 04. Update 05 Update 06

3. लंड छोटा या बड़ा नही होता


नौकरानी ने बताया लंड छोटा या बड़ा नही होता.. मेरा नाम रेमो है. मेरी उम्र 24 साल की है. मै दिल्ली के एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ. मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं रहता. मेरे पापा एक जाने माने बिजनसमैन हैं. मम्मी घर पर ही रहती हैं. घर काफी बड़ा होने के कारण घर के काम काज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गयी है. नौकरानी का नाम मोहिनी है. वो बिहार के किसी गाँव की थी. उम्र कोई 25- 26 साल की होगी. तीन बच्चों की माँ होने के बावजूद देखने में काफी खुबसूरत भी थी. लेकिन मेरा ध्यान उस पर नही जाता था. मै अपने कालेज से आ कर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता.मोहिनी सुबह के छः बजे ही आ जाती थी जब सभी कोई सोये रहते थे. वो आ कर सबसे पहले सभी कमरों की सफाई करती थी.एक दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे . वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे. उस रात मै अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था. मै आराम से नंगा हो कर पूरी रात फिल्म देखता रहा. फिल्म देखने के दौरान मैंने 3 बार मुठ मार लिया.


Part 01 Part 02 Part 03 Part 04 Part 05


4. सेलगर्ल रेशमा

चोद गयेे बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये
एक बहुत पुराने गाने कि तलाश थी मुझे। इसे मुकेश और लता ने गाया था। फ़िल्म का नाम मुझे याद नहीं था। सिर्फ़ गाने के बोल ही याद थे। कुछ इस तरह था वो गाना---छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये। सीडी, कैसेटों की दुकानों मे काफ़ी ढूंढा, पर नहीं मिला। किसी ने कहा कि शायद लैमिन्ग्टन रोड पर मिल जाये।

Part 01 Part 02 Part 03 Part 04

5. रेणुका और पूजा की पूजा

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6. गाँव की डॉक्टर साहिबा


दोपहर की कड़ी धूप मे श्रीमती काव्या शर्मा एक देहाती गाँव के कच्चे रास्ते पे अपनी एक सामान की बैग लेकर खड़ी थी. मई का महीना था तो छुटियो के दिन थे. हर दम देल्ही रहने वाली एक हाइ प्रोफाइल महिला डॉ. काव्या अपनी यह छुटिया बिताने के लिए अपने नानी के गाँव मे जाने का प्रोग्राम बना चुकी थी. डॉ काव्या के बारे मे बताए तो यू समझ लीजिए के जिसका जनम ही सिर्फ़ लोगो के अंदर वासना उभारकर उनको तड़पाना था. काव्या एक 28 साल की शादी शुदा संभोग की देवी थी.

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7. ठरकी राजा की रखैल

ऐसे देश की कहानी जहाँ का राजा बहुत ही क्रूर, ठरकी और कामोत्तेजित है, उसके देश में लड़कियाँ जैसे ही जवान होती हैं, उन्हें राजा के पास एक महीने के लिए भेज दिया जाता है और वो उनकी रखैल बना लेर्ता है और उनका कामार्य भंग करता है, उन्हें भोगता है और एक महीने बाद उन्हें अपने घर वापिस भेज देता है।



8. पलंग तोड़ कबड्डी और पलंग पोलो
 
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लंड छोटा या बड़ा नही होता

Part 03


मोहिनी - ये? जब मै आठ-नौ साल की थी तभी मेरी दादी ने मेरे सीने पर ये गुदवा दिया था. इसमें मेरा नाम लिखा हुआ है.

इधर मेरा लंड टाईट होने लगा था .

मै जान बुझ कर उसके चूची पर हाथ रखे रहा और काफी धीरे धीरे सहलाते हुए कहा - मुझे आज तक पता नहीं था की तू तीन बच्चे की माँ है. मुझे लगा कि तेरी अभी अभी शादी हुई होगी. तेरा बदन तो एकदम ढीला नहीं हुआ है.

मोहिनी - अच्छा? बदन ढीला होता है तो क्या होता है?

मैंने उसके चूची को दबाते हुए कहा - देख, तेरी चूची अभी भी किसी कुंवारी लड़की से कम टाईट थोड़े ही है. मैंने दोनों चूची को बारी बारी से दबा दबा कर मुस्कुराते हुए कहा - तू अभी भी किसी कुंवारी लड़की से कम नहीं.

मोहिनी - वो तो मेरा मरद भी कहता है.

मै उसके चूची को खुल्लम खुल्ला जोर जोर से दबाने लगा.अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया कि इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है. मैंने अपनी एक टांग उसके ऊपर चढाते हुए उस से सट कर कहा - मोहिनी अगर मै तुमसे एक सवाल पूछूंगा तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?

मोहिनी ने कहा - पहले पूछिए तो सही.

मैंने कहा - तू अपने मरद से रोज़ सेक्स करती है क्या?

मोहिनी - सेक्स मतलब?

मैंने कहा - मेरा मतलब तू अपनी पति से रोज़ चुदवाती हो क्या?

मोहिनी - नहीं , रोज़ तो नहीं लेकिन लगभग हर तीसरे दिन वो मुझे चोद ही डालता है.

मैंने कहा - मोहिनी, तुमने जो कहा की हथियार यानी लंड को बड़ा कीजिये . कितना बड़ा होना चाहिए ये?

मोहिनी - उतना तो जरुर होना चाहिए कि बीबी को खुश रख सके.

मैंने कहा - तेरे मरद का कितना बड़ा लंड है?

मोहिनी - कोई ख़ास नहीं. लेकिन ठीक ठाक है.

मैंने कहा - मेरा लंड क्या सचमुच काफी छोटा है? क्या मै सचमुच अपनी बीबी को खुश नही कर पाऊँगा?

मेरे सवाल को सुन कर वो मुसुकुराने लगी .मैंने भी उस कि चूची को मसलते हुए फिर कहा - ए, बोल ना, मेरा लंड क्या सचमुच काफी छोटा है? क्या मै सचमुच अपनी बीबी को खुश नही कर पाऊँगा? क्या कोई उपाय है क्या लिंग को बड़ा करने का?

मोहिनी ने हँसते हुए कहा- अरे रेमो बाबु ,इतने सारे सवाल एक साथ? मै क्या कोई मास्टर हूँ? मै तो मज़ाक कर रही थी, लंड के छोटे बड़े होने से बीबी को थोड़े ही कोई फर्क पड़ता है? वैसे आपका लंड इतना भी छोटा नही है.

मोहिनी के मुह से लंड शब्द सुन कर मेरे मन में कुछ होने लगा.

मैंने कहा- अच्छा, ये बता कि बीबी को तो बड़ा लंड चाहिए ना?

मोहिनी ने कहा- मर्द का लंड कितना भी छोटा क्यों ना हो वो बीबी को चोद ही डालता है. बीबी की चुदाई हर लंड से की जा सकती है.

मोहिनी के इतना खुल के बोलने पर मै पूरी तरह से आज़ाद हो गया.

मैंने उस पर लगभग चढ़ गया और अपना लंड उसके बदन पर दबाते हुए पूछा - अगर बीबी की गांड मारनी हो तो?

मोहिनी ने कहा - वो भी होती है. चूत और गांड सभी आराम से मार सकते हो.

मैंने उसके चूची को जोर से दबाते हुए कहा - मोहिनी, बड़े लंड से चुदवाने पर औरत को ज्यादा मज़ा आता है या दर्द होता है?

मोहिनी - ये तो चुदने वाली औरत पर निर्भर करता है कि वो नयी है पुरानी. अगर नयी हुई तो छोटा लंड भी उसे दर्द देगा. लेकिन अगर पुरानी हुई तो बड़ा लंड भी उसे मज़ा देगा.

मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी , अगर तुम बुरा नहीं मानो तो क्या तुम मेरे लंड को देख कर बता सकती हो की मेरा लंड कितने पानी में है?



कहानी आगे जारी है
 
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लंड छोटा या बड़ा नही होता

Part 04


मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है. आप पैंट उतारो . मै देखती हूँ आपके लंड को .

मैंने पैंट उतार दिया. अब मै अंडरवियर में था. मेरा लिंग खडा हो गया था .

मैंने कहा- बताओ.

मोहिनी ने कहा - अरे बाबा , पूरा दिखाओ ना. ये अंडरवियर उतारो ना.

मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को नहीं दिखाया ये तो औरत है. लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनंद था कि कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है. इसलिए मैंने थोडा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोडा नीचे किये. मेरा लंड सामने आ गया.

मोहिनी जमीन पर ठेहुने के बल बैठ गयी और अपना मुह मेरे लंड के सीध में लेते आई. मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी . उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और जमीन तक लेते आई. मैंने पैर उठा कर अंडरवियर को पुरी तरह खोल दिया. अब मै कमर के नीचे बिलकूल नंगा था. अचानक मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड तनतना गया .

मैंने कहा- ये क्यों कर रही हो?

मोहिनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है.

मुझे काफी आनंद आ रहा था. मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा.

मैंने कहा - बोल ना? कैसा है मेरा लंड?

मोहिनी - बढ़िया है बाबा. एकदम परफेक्ट.

मैंने कहा - अब बता , तेरे मरद से बड़ा है कि छोटा..?

मोहिनी - बिलकूल बराबर है.

मैंने कहा- मोहिनी, आज तक मैंने किसी औरत का चूत नहीं देखा है तू अपनी चूत मुझे दिखा ना. मै सिर्फ देखूँगा. कुछ करूंगा नहीं.

मोहिनी ने कहा- ठीक है. इसमें कौन सी बड़ी बात है.

कह कर वो खडी हुई और एक झटके में अपनी साडी खोल दी. उसने पेटीकोट नही पहनी थी. उसने पेंटी पहन रखी थी. उसने खुद ही अपनी पेंटी को थोड़ी नीचे कर दी . मै उसके चूत को एकटक निहार रहा था. चिकना चूत था उसका. चौड़ा और फुला हुआ.

मैंने कहा- ये पेंटी पूरा खोल ना.

उसने अपनी पेंटी पूरी तरह से खोल दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी. इधर मेरा लंड तनतना रहा था.

मैंने झट से कहा- मोहिनी मै तेरे चूत को छूना चाहता हूँ.

वो बोली - छु लो ना. इसमें कौन सी बड़ी बात है?

मै उसके चूत को सहलाने लगा. बिलकूल ही कोमल पत्ते की तरह बुर था . उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया. अब मै कुछ भी करने के लिया आज़ाद था. मैंने एक हाथ उसके चूची पर रखा और सहलाने लगा. अगले मिनट में ही मैंने उसके चूची को भी नंगा कर दिया. अब वो मेरे सामने बिलकूल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी.

मैंने कहा - मोहिनी, तेरी चूत एकदम इतनी चिकनी कैसी है? क्या रोज़ शेविंग करती हो?

मोहिनी - मेरा मर्द है ना. वो हर सप्ताह मेरी चूत अपनी रेजर से साफ़ कर देता है.
ये सुनते ही मेरा लिंग इतना बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है.

मैंने कहा - हाय, इतनी चिकनी चूत देख मुझे इसे चूसने का मन कर रहा है.

मोहिनी - तो चुसो ना साहब इसे.

मैंने मोहिनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चूत पर अपनी जीभ घुसा कर उसे चाटने लगा. मोहिनी 3 बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुवारी लड़की से कम नहीं थी. उसका बुर और चूची में काफी कडापन था. थोड़ी देर में उसके चूत ने मस्त पानी निकाला. मै उसके पानी को चाटने के बाद धीरे धीरे मै ऊपर की तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा.

मेरा लंड तनतना रहा था. मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.

वो बोली - रेमो बाबा, एक काम करो. तुम अपना लंड मेरे चूत में डालो. तब पता चलेगा कि तुम्हारा लंड का साइज़ सही है कि नहीं.

मैंने कहा - तू मुझसे चुदवायेगी?

वो बोली - हाँ, क्यों नहीं. जरा देखूं तो सही. बाबा का हथियार सही है या नहीं?

मै मन ही मन काफी खुश हो गया. मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और मोहिनी के बुर में घुसा दिया. जब मेरा लंड मोहिनी के बुर में अन्दर जा रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया. मैंने काफी अन्दर तक अपना लंड घुसा दिया. लेकिन वो कराहने लगी.

वो बोली - बस बाबा, अब और अन्दर नहीं जाएगा. बहुत बड़ा है तेरा लंड. अब यही से चोदो.

कहानी आगे जारी है
 
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लंड छोटा या बड़ा नही होता

Part 05


मैंने उसके चूत को चोदना शुरू कर दिया. उसके बुर में जा कर मेरा लंड और भी बड़ा और मोटा हो गया. मोहिनी के मुह से आह आह की आवाज निकलने लगी.

वो बोली - धीरे धीरे कीजिये ना. दर्द होता है.

मुझे महसूस हुआ कि जिस लंड को मै हमेशा छोटा मानता आया हूँ वो किसी महिला के भी बुर में दर्द पैदा करने के लिए काफी है. 5 मिनट की चुदाई के बाद उसके बुर ने दोबारा पानी छोड़ दिया. 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. उसे अनुभव हो गया था कि मेरा माल निकलने वाला है.

वो बोली - माल अन्दर में मत गिरा देना साहब .

ज्यों ही मेरा शरीर अकड़ने लगा त्यों ही उसने अपने कमर को नीचे कर के मेरे लंड से अपने बुर को निकाल ली और झट से नीचे आ कर मेरे लंड को अपने मुह में ले ली. 3-4 सेकेंड में ही मेरा लंड महाराज से वीर्य निकलना शुरू हो गया. कुछ वीर्य उसने पी ली और कुछ उसके मुह से बाहर निकल आया.

थोड़ी देर के बाद उसने कहा- देखा ना रेमो बाबु, लंड छोटा या बड़ा नही होता. सभी लंड चुदाई के लिए अव्वल होते हैं.

थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड की साइज़ की सत्यता जांचने के बहाने मोहिनी की गांड की भी चुदाई की . उस में भी मै सफल हो गया.

मोहिनी ने आज मुझे विश्वास दिला दिया कि मर्द कभी भी नामर्द नहीं हो सकता. मैंने उसे एक हज़ार का पत्ता निकाल के दिया. उस के बाद जब भी मौक़ा मिलता मै मोहिनी को अवश्य ही चोदता हूँ . इसके लिए मैं मोहिनी को अलग से सभी से छुपा कर पैसे भी देता हूँ.


xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx समाप्त xxxxxxxxxxxxxxxxxxx
 

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सेलगर्ल रेशमा

PART 01


चोद गयेे बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये

एक बहुत पुराने गाने कि तलाश थी मुझे। इसे मुकेश और लता ने गाया था। फ़िल्म का नाम मुझे याद नहीं था। सिर्फ़ गाने के बोल ही याद थे। कुछ इस तरह था वो गाना---छोड़ गये बालम, मिझे हय अकेला छोड़ गये। सीडी, कैसेटों की दुकानों मे काफ़ी ढूंढा, पर नहीं मिला। किसी ने कहा कि शायद लैमिन्ग्टन रोड पर मिल जाये।

मै लैमिन्ग्टन रोड गया। इत्त्फ़ाक से पहली ही दुकान से यह गाना मिल गया, पर वहां क्या हुआ, ये बताता हूं।

मैने दुकान मे देखा कि कैश काउन्टर पर एक आदमी को छोड़ कर बाकी सब लड़कियां हैं। मैं सीडी के काउन्टर पर गया तो लड़की ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया और बोली-यस सर ! वट कैन आई डू फ़ोर यू?

ये मेरी बुरी आदत है कि जब भी मै किसी लड़की को देखता हूं तो न चाहते हुए भी मेरी नज़र सबसे पहले उसकी छाती पर पड़ती है। यहां भी ऐसा ही हुआ---मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी पर मै सम्भल गया। उसने भी मेरी इस हरकत को भाम्प लिया और अपने दुपटटे से दिलकश कबूतरों को ढकते हुए फ़िर बोली-कैन आई हेल्प यू?

जी तो चाहा कि कह दूं- इन कबूतरों को पालना चाहता हूं, लेकिन कहा- जी, मै एक बहुत पुराना गाना तलाश रहा हूं, अगर यहां मिल जाये? वो झट से बोली-गाने के बोल बताइये।

---छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये---

कुछ सोचते हुए वो बोली- मुझे तो ऐसा कोइ गाना याद नहीं आ रहा है- ठहरिये, मै सर से पूछती हूं।

यह कह कर वो उस अधेर आदमी के पास गयी जो कैश काउंटर पर बैठा था। थोड़ी देर बाद वो वापस आकर बोली- है हमारे पास- ये फ़िल्म बरसात का गाना है- आप रुकिये, मै यह सीडी लाती हूं। वो उपर गयी और एक सीडी लाई, बोली - पर आपको इस गाने के लिये पूरी सीडी खरीदनी पड़ेगी-इसमें कुछ और पुरा्नी फ़िल्मों के गाने भी हैं।

कोइ बात नहीं लेकिन देखिये इसमें वो गाना है य नहीं

जरूर होगा-- इस सीडी में बरसात फ़िल्म के गाने भी हैं

हां, लेकिन देखो वो पर्टिकुलर गाना है भी या नहीं

वो सीडी के कवर पर लिखे गानो कि लिस्ट देखने लगी और बोली- क्या बोल बताये थे आपने?

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये--

वो एक एक गाना पढने लगी--दुम-- नही--दम भर जो इधर मुंह फ़ेरे--बरसात में हमसे मिले… हवा मे उड़ता जाये-- चोद गये--ओह सारी-- छोड़--

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये-- ये लीजिये। वो जल्दी से सीडी मेरे हाथ मे देते हुए बोली और फ़िर दूसरी और देखने लगी।

मै अपनी हंसी रोक ना सका--वो शर्म से लाल हो गयी और बोली- सारी।

मैने कहा- कोइ बात नही- मुझे दोबारा हंसी आ गयी।

वो नर्वस होते हुए बोली- देखो ना छोड़ की स्पेलिन्ग ऐसी होती है क्या-? सी डबल एच लिखना चाहिये ना- यहां सिन्गल एच ही है

हां सच कहा आपने-- आपने तो चोद पढा-- कई लोग तो इसे चोद-- मै कहते कहते रुक गया।

वो कैश काउंटर की तरफ़ और फ़िर अपनी साथी लड़कियों की ओर देखते हुए बोली- और कुछ?

जी बस -- इतना काफ़ी है-- अच्छा लगा।

व्हाट?

अच्छा लगा कि इतना ढूंढने के बाद आखिर यह गाना मिल ही गया।

और कुछ?

नहीं बस-कितने पैसे हुए?

मै बिल बना देती हूं आप काउंटर पे पेमेंट कर दें।

जब मै घर आया तो सोचने लगा-उसके बूब्स तो ईरानी होटल की डबल रोटियों जैसे थे- होंठ भी कम सेक्सी ना थे॥ अगर ये होंठ मेरे लन्ड को कोमलता से दबा लें तो क्या हो? मेरे शरीर में झुरझुरी सी आ गयी।

रात को सपने में मैं उसे लेकर किसी हिल स्टेशन चला गया। मैने देखा-हम दोनो नंगे ही पहाड़ियों की सैर कर रहे है। मै कभी उसके कन्धे पर हाथ रख कर चलता तो कभी उसकी कमर मे बाहें डाल कर्। मेरा हाथ फ़िसल कर उसकी गान्ड पर रुक जाता। उसकी छातियां तजमहल के गुम्बद लग रहे थी पीछे से उसके गोल गोल कोमल चुतड़ यूं उपर नीचे हो रहे थे जैसे कोइ सी-सा ऊपर नीचे झूल रहा हो। मै अपना लन्ड उसकी गांड की दरार में घुसाना चाहता था लेकिन घुस नहीं पा रहा था मैने खूब जोर लगाया तो वो चिल्लाई- पागल हो गये हो क्या? मैने उसकी बात अनसुनी कर दी और एक बार फ़िर जोर से झटका दिया, ताकि लन्ड अपनी मन्जिल तक पहुंच जाये। झटके से वो गिर पड़ी और मै भी उसी के साथ चारों खाने चित्त हो गया। लन्ड पथरीली जमीन से टकराया और मै चीख पड़ा-- बहनचोद !!!

आंख खुली तो मै पलंग से गिर कर जमीन पर पड़ा था। घरी मे टाइम देखा तो सुबह के साढे छह बजे थे। लन्ड जबरदस्त अंदाज में खड़ा था और किसी चूत की फ़िराक मे धीरे धीरे हांफ़ रहा था। मुझे हाथ से ही लन्ड को शांत करना पड़ा। नहा धो कर कमरे से निकला तो घर वालों को काफ़ी हैरानी हुई कि नौ बजे उठने वाला लड़का आज इतनी जल्दी कैसे उठ गया।

'' क्या आज कालेज जल्दी जाना है?'' बड़े भाई ने पुछा।

'' हां आज एक्स्टरा क्लास है-" और मैं क्या कहता। जब कह दिया तो घर से बाहर निकलना भी था। मेरे कदम फ़िर लैमिन्ग्टन रोड की तरफ़ उठ गये।

दुकान बंद थी। बाजू के पान वाले से पूछा तो वो बोला-'दस बजे खुलती है दुकान" मैने घड़ी देखी। अभी साढे नौ ही बजे थे। मै दूर जाकर खड़ा हो गया। जैसे तैसे दस बजे। दुकान खुली, वो लगभग सवा दस आई। जब वो दुकान मे घुस रही थी तो मैने देखा कि उसकी गान्ड के उभार बिलकुल सपने मे देखी हुई गान्ड कि तरह ही थे। मै सोचने लगा कि सुबह का सपना वाकैई सच होता है !

थोड़ी देर में मै दुकान के अन्दर गया। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी औए उसके भाव देख कर मुझे यह अंदाजा हुआ कि उसने मुझे पहचान लिया है। मै सीधे उसके पास गया। वो जबरन मुस्करा के बोली- यस सर ?

''मुझे एक और सीडी चाहिये"

कौन सी?

एक पुरानी फ़िल्म की॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰अगर आपके पास हो तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

फ़िल्म का नाम?

राजा हरिशचंद्र

उसने सिर हिलाया और बोली- सर को पूछती हूं।

आज वो मुझे कुछ खूबसूरत भी नज़र आयी। बड़े बूब्स तो मेरी कमजोरी हैं ही।

जल्दी ही वो वापिस आयी और बोली-ईतनी पुरानी फ़िल्म के गाने नहीं हैं

ओह ! बैड लक, मै निराश हो कर बोला।

और कुछ?

नहीं॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰यही चाहिये था॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰खैर थोड़ी देर बाद आउंगा।

क्यों? उसने पूछा।

क्यों मतलब? आपकी दुकान में कोइ क्यों आता है?

अच्छा, सोरी सर ! यू आर मोस्ट वेलकम!

कालेज के बाद फ़िर उसी दुकान में पहुंचा। अबकी बार वो दूर से ही मुस्काई। जब मै उसके पास पहुंचा तो वो खुद बोली=कोइ और पुरानी फ़िल्म?

हां॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰फ़िल्म चुदाई की सीडी चहिये।

व्हाट???॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ वो ऐसे बोली जैसे बिजली का करंट लग गया हो।

क्या हुआ? मैने भी हैरानी जताई।

क्या कह रहे हैं?

कोइ अजीब बात कह दी मैने?

किस फ़िल्म की सीडी चाहिये आपको?

जुदाई फ़िल्म की !

जुदाई ?

हां ! ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰आपने क्या सुना?

नहीं नहीं ठीक है॰॰॰॰जुदाई की सीडी होगी ही॰॰॰॰

लेकिन मुझे पुरानी चुदाई की सीडी चाहिये॰॰॰॰॰

जारी रहेगी
 
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सेलगर्ल रेशमा

PART 02



फ़िल्म चुदाई की सीडी



वो फ़िर चौंक गयी और मुझे शक भरी नज़रों से देखने लगी॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

मैने पूछा- अब क्या हुआ?

कुछ नहीं॰॰॰॰॰॰॰पुरानी मतलब्॰॰॰? उसमे एक्टर कौन थे?

जितेन्द्र और शयद रेखा॰॰॰॰ मैने युं ही कह दिया।

वो उपर की मन्जिल पर गयी, थोड़ी देर बाद नीचे आयी, कैश काउंटर पर गयी, दो तीन मिनट बाद आयी और बोली-सोरी सर्॰॰॰नई जुदाई कि सीडी है॰॰॰॰ पुरानी नहीं।

मै फ़िर अपने को निराश जताने लगा॰॰॰॰वो मुझे धयान से देखने लगी।

फ़िर मैने अपने दोस्त ॠषि का नम्बर मिलाया और बोला॰॰॰॰

हां भैया॰॰॰जुदाई कि सीडी तो नहीं मिली॰॰॰॰क्या करूं?

उधर से ॠषि बोला- अबे क्या बोल रहा है तू?

अच्छा दूसरी दुकान में देखूं ओके ओके जी जी॰॰॰॰॰॰॰॰॰

ॠषि फ़िर हैरानी से बोला- कहां है तू॰॰॰॰॰॰क्या बोल रहा है?

कौन सी? ॰॰॰लन्ड्॰॰॰लन्डन्॰॰॰ कौन सा लन्दन?

मैने चोर नज़रो से देखा, उसका चेहरा लाल हो गया था

जी ॰॰॰॰ नाईट इन लन्डन्॰॰॰ अच्छा॰॰॰॰पुछता हूं भैया॰॰॰

मैने फ़ोन काटा और लड़की से पूछा- नाईट इन लन्डन् की सीडी या कैसेट होगी आपके पास?

उसने सीडी तलाश कर मुझे दे दी और आदत के अनुसार बोली- और कुछ?

नहीं बस्॰॰ बिल बना दीजिये।

वो सर झुका कर बिल बनाने लगी।

अगले दिन मै फ़िर उसकी दुकान में पहुंच गया। आज उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी। होठों पर हल्के रंग की लिप्स्टिक भी थी। वो उम्र में मुझ से कुछ बड़ी शायद तीस बत्तीस की लग रही थी। ब्लाउज का गला सामान्य से कुछ बड़ा ही था, जिसमे से उसकी बड़ी बड़ी छातियां गजब ढा रही थी।

यस सर ! उसने मुस्कुराते हुए पुछा - सीडी?

हां पुरानि फ़िल्म की सीडी या कैस्सेट जो भी हो!

फ़िल्म का नाम ?

गांड है तो जहान है॰॰॰ मैने जानबूझ कर गांड शब्द का इस्तेमाल किया।

वो घूर कर मुझे देखने लगी।

है तो दे दीजिये।

क्या नाम बताया आपने?

जान है तो जहान है॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

इस नाम की तो कोई फ़िल्म नहीं आई।

आप सर से पूछिये।

ठीक है॰॰ वो कैश काउंटर तक गयी। थोरी देर बाद आ कर बोली- सर आपसे बात करना चाह्ते हैं

मै थोड़ा घबरा गया कि कहीं साले को शक तो नहीं हो गया। मै उस तक गया तो उसने पूछा- इतना पुराना पुराना गाना कयको मांगता तुमको?

मेरेको नाइ मेरा भाई को मांगता॰॰॰ वो कोइ रिसर्च कर रहा है।

आप एच एम वी में जाके पूछो ना॰॰॰॰॰॰॰

फ़िर मैने पूछा- अच्छा आपके पास वो गाना है॰॰॰चूतक चूतक चूतिया॰॰॰॰?

वो हंसने लगा॰॰॰अरे! ये क्या बोलता॰॰चूतक चूतक नही तूतक तूतक्॰॰॰॰

लेकिन ये तो नया गाना है तुम्हारा भाई क्या करेगा इसका?

भाई को नही॰॰ ये तो मुझे चाहिये।

अच्छा उधर रेशमा से पूछ लो।

रेशमा कौन?

अरे वही सेल गर्ल्॰॰॰

अच्छा तो उसका नाम रेशमा है॰॰

मै उसके पास पहुंचा - रेशमा॰॰वो पोप भन्ग्ड़ा है आपके पास्॰॰॰तूतक तूतक तूतिया॰॰॰

वो मेरी तरफ़ देख कर बोली- मेरा नाम किसने बताया आपको?

चन्दू साब ने॰॰॰

कौन चंदू साब?

वो जो काउंटर पे बैठे हैं

अरे वो तो मेहता साब हैं

अच्छा मुझे मालूम नही था।

चूतक चूतक चूतिया है आपके पास?

वो सपाट नज़रों से मुझे देखते हुए बोली॰॰ अब मै समझ गयी॰॰तुम जानबूझ कर गलत बोल रहे थे अब तक

नही है ये गाना॰॰॰ वो नाक फ़ुला कर बोली और दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया।

उस दिन मैने सोच लिया कि आज इसे रास्ते मे पकड़ूंगा।

शाम को सात बजे दुकान बंद हो गयी और वो बाहर निकली।

मै उसके पीछे हो लिया।


जारी रहेगी
 

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सेलगर्ल रेशमा

PART 03




थोड़ी देर पीछा करने के बाद ग्रांट रोड स्टेशन आने से पहले ही उसके पास पहुंच कर धीरे से कहा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰हाय !

वो चौंक कर मुझे देखने लगी। थोड़ी घबरा भी गयी।

मैने फ़िर हाय कहा।

वो बोली-क्या बात है, क्या काम है?

सोरी, मै जरा लेट हो गया, आपकी दुकान तो बंद हो गयी।

हां, अब उसके कदम तेज़ हो गये थे।

अरे ! आप दौड़ क्यों लगा रही हैं?

मुझे जल्दी है। सात बीस की टरेन पकड़नी है कहाँ रहती हैं आप ?

कहाँ रहती हैं आप ?

उसने जवाब नही दिया

दरअसल मुझे एक और पुरानी फ़िल्म की सीडी चाहिए थी अर्जेंट

अब कल आइये

हाँ वो तो अब कल ही

यहाँ दूसरी दुकाने भी हैं वहां ट्राई कीजिये

हाँ , मगर वहां आप तो नही मिलेंगी ना

व्हाट? क्या मतलब ?

मैंने हिम्मत करके कहा .....देखिये सच कहता हूँ ... अब तक जितनी भी शोपिंग मैंने आपकी दुकान से की है सिर्फ़ आपसे मिलने के लिए....

वो रुक गयी और मेरी आँखों में देख कर बोली...तुम्हारे इरादे अच्छे नही लगते.

हाँ वो तो है...

क्या मतलब ?

अब मतलब तो आप समझ ही गयी होंगी .. मै आपको डिनर मतलब लंच पर ले जाना चाहता हूँ

.... ....काफी पापड़ बेलने पड़े उसे पटाने के लिए . आख़िर वो रास्ते पर आ ही गयी. .. पता चला कि उसका तलाक हो चुका है. ससुराल वालों ने निकल दिया है घर से. मायका दिल्ली में है और वो अपने माँ बाप के पास रहना नही चाहती . यहाँ बोरिविली में एक चल में किराये पर रहती है.

काफी कोशिशों के बाद मैंने उसे अपने साथ सोने के लिए राजी कर लिया. अब वो काफी खुल चुकी थी. बोली-कहाँ ले जाओगे?..अपने घर ?

नही वहां तो मेरी फॅमिली रहती है.

फ़िर?

किसी होटल में.

मैंने एक अच्छे होटल में कमरा बुक कर लिया. उस दिन उसने काम से छुटी ले ली थी . मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था की मै सारा दिन उसे चोदूंगा . उसकी चूत चाटुन्गा, वो मेरा लंड अपने कोमल होठों से मसलेगी.

तयशुदा दिन हम होटल में पहुंचे . कमरा पहले से ही बुक था. दोपहर के दो बज रहे थे. हमने बियर पी और खाना खाया .फ़िर मेरे सब्र का पैमाना भर गया.मैंने उसे कहा...रेशमा, हर रात को मै तुम्हे सपने में चोदता हूँ आज वो दिन आ ही गया जब सचमुच ...

वो बोली..मै भी बिना मर्द के कई दिनों से प्यासी हूँ अभी तक बैंगन ,लोकी से काम चला रही थी, आज मर्द का लंड मिलेगा.. पर

पर क्या?

अभी तो तुम इतने मर्द नही लगते . कितना बड़ा है तुम्हारा?

देखोगी?

हाँ दिखाओ...

मैंने झट से कपडे उतारे लंड तमतमा कर फडफडा रहा था वो बड़े गोर से मेरे लंड को देखने लगी और फ़िर कहा ...चलेगा !

अरे ६ इन्च के लोडे को देख कर कह रही हो... चलेगा... दोडेगा बोलो ना...

६ इंच का लोडा क्या खाक दोडेगा ? दोड़ने के लिए तो कम से कम ८ इंच का घोड़ा चाहिए!

मुझे गुस्सा आ गया और मै बोला-पहले आजमा तो लो,इस ६ इंच के टट्टू को क्या सरपट दोड़ता है.

अच्छा?

ये कह कर वो आगे झुक गयी और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ किया, उसका पकड़ना था की मेरा फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लंड आधा इंच और लम्बा हो गया. वो धीरे धीरे लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी। मुझे हल्का हल्का नशा आने लगा था।

उसने मुझे बेड पे लिटा लिया और मेरि दोनो टांगो के बीच बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मै उसके मुलायम होठों को अच्छी तरह महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मै किसी और दुनिया मे हूं। मेरे जिस्म मे चींटियां रेंगने लगी। उसने अपनी गति बढा दी और जल्दी जल्दी लन्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर मे लन्ड से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा जिसे उसने गड़प से पी लिया। लन्ड कुछ देर शान्त बना रहा। मै भी बेड पर निढाल सा पड़ा था। वो उठ कर बोली- क्यो मर्द? … बस क्या?… और कुछ करना है?

जानेमन्… अभी तो पूरा दिन बाकी है… बस एक मिनट्… अभी तैयार हो जाता हूं… ये कह कर मैने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मै उसे घूम घूम के चारों ओर से देखने लगा। वो हन्स कर बोली… ऐसे क्या देख रहे हो ?

देख रहा हूं, सपने मे जो हसीना देखी थी, वही अब सामने है… वही रंग रूप, वही उतार चढाव, वही चूत्… वही गांड वही चूची वही जांघ… तुम सचमुच माल हो यार !

कमाल है यार माल देख के भी धमाल नही कर रहे हो… वो हंसने लगी। मै उससे लिपट गया। कमरे मे म्युजिक बज रहा था हम अपने आप धीरे धीरे नाचने लगे। मै उससे यूं लिपटा हुआ था जैसे उसके अन्दर ही समा जाउंगा। वो बहुत भावुक हो रही थी।

मैने उसे बेद पे लिटा दिया। उसने खुद अपनी टांगे ऊपर कर ली, जिससे उसकी चूत खुल गयी। उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसके पति ने उसे ज्यादा नहीं चोदा था। गुलाबी रस भरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी। मेरे मुंह मे पानी आ गया। मै उसकी चूत पर झुक गया। मादक सी गंध आ रही थी। मैने अपनी जीभ उसकी चूत के होठों पर रख दी। वो सिसक पड़ी। होले होले मै उसकी चूत कि पूरी दरार चाटने लगा। वो तिलमिलाने लगी। तड़फ़ने लगी। मैने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के छेद मे डाली और अन्दर तक ले गया। वो तड़फ़ती रही। मै जोर जोर से चूत रगड़ने लगा। उसकी सिसकियां चीखों मे बदल गयी।

मैने उसे उल्टा किया। पीछे का नज़ारा और भी मज़ेदार था। पतली कमर के नीचे सुंदर सी गोल गान्ड्। मैने उसकी चूत से बहुत सारा रस निकाला और उसकी गान्ड मे मल दिया। गान्ड चिकनी हो गयी और चमकने लगी। मै धीरे धीरे उसकी गान्ड की मसाज करने लगा। कभी मेरी उन्गलियां उसकी गान्ड मे तो कभी उसकी चूत में।

चूत का रस था कि निकला ही जा रहा था और मै उसी के रस से उसके सारे शरीर की मालिश कर रहा था। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मै उसकी गांड मे अपनी बीच की उंगली घुसाने लगा। दो तीन मिनट में पूरी उन्गली अन्दर घुस गयी और मै बड़े आराम से अपनी उंगली से उसकी गांड की चुदाई करने लगा।

उसकी सिसकारी बद नही हो रही थी। गांड मे उंगली का मज़ा शायद वो पहली बार ले रही थी। आखिर उससे रहा नही गया और वो बोली… अपना लन्ड डाल दो मेरी गांड मे… पेल दो… खूब जोर जोर से… रुको नही एक भी पल्…

मै तुरन्त पीछे से उसके उपर चढ गया। उसकी कमर के नीचे हाथ डाल कर थोड़ा उपर उठाया। उसकी गांड ऊंट की पीठ की तरह ऊपर हो गयी। गांड का छेद साफ़ दिखाई दे रहा था। धीरे सेमैने अपना लन्ड उसकी गांड के छेद पर रखा तो अपने आप ही अन्दर जाने लगा। मैने बस थोड़ी ही मेहनत की और हल्का सा धक्का दिया, लन्ड गांड के अन्दर यूं गया जैसे सांप बिल मे फ़ुर्र से घुस जाता है। मुझे अपना सपना याद आ गया जिसमे मैने लाख कोशिश की थी गांड मे लन्ड घुसाने की, मगर सफ़ल ना हो सका था। वो हल्के से चीखी भी … मगर फ़िर चुप हो गयी। मै अपना लन्ड उसकी गांड मे अन्दर बाहर करने लगा। वो सी सी की आवाज़ निकालने लगी। फ़िर ये आवाज कुछ ऊंची हो गयी। मेरी नस नस को मज़ा मिल रहा था और शायद उसे भी, क्योंकि वि भी हाय्… उफ़्… मर गयी कहती जा रही थी।

मक्खन की तरह कोमल गांड मे मेरा लोहे का सा लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था। जब वो अपनी गांड के दोनो पाटों से दबाती तो मै अन्दर बाहर नही कर पाता। जब वो अपनी पकड़ ढीली कर देती तो मै तुरन्त अपने लन्ड को उसकी गांड से बाहर निकालता और फ़िर फ़चाक से अन्दर डाल देता। ये खेल उसे बहुत अच्छा लग रहा था। वो अपनी गांड उचका उचका कर मेरी हिम्मत बढा रही थी

यह खेल १० -१५ मिनट ही चला। तब मेरे लन्द ने अपना सारा रस उसकी गांड मे उतार दिया। पूरा रस निकलने तक मै उसकी गांड मे धक्के मारता रहा। जब अन्तिम बूंद भी निकल गयी तो मैने अपना लन्ड उसकी गांड से बाहर निकाला, जो उस वक्त भी लाल लाल और तमतमाया हुआ था।

वो सीधे लेट कर जोर जोर से सांस लेने लगी। यही मेरी हालत थी। कुछ देर हम यूं ही पड़े रहे। अचानक दरवाजे की घंटी बजी। रेशमा नंगी ही बाथरूम भागी। मैने जल्दी से कपड़े पहने, बलों को सीधा किया और दरवाजा खोला। दरवाजे पर रूम बोय कम वेटर खड़ा था।

क्या बात है? मैने पूछा।

साहब, कुछ नाश्ता वाश्ता…॥

यार कुछ चाहिये होगा तो इन्टरकोम से बोल देन्गे।

सोरी सर ! मगर आपकी तरफ़ से कोइ मैसेज नही आया तो मैनेजर ने भेजा कि… शायद आपको कुछ चाहिये हो ?

मैने घड़ी देखी… शाम के ५ बज रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि इतनी जल्दी ५ कैसे बज गये। खैर मैने उसे बीयर और चिकन पकौड़ा लाने को कहा। वो आधे घंटे बाद नाश्ता लाया। तब तक हमने इन्तजार करना ही मुनासिब समझा।

भरपेट नाश्ता करने के बाद मैने वेटर से खाली डिशेज ले जाने को कहा और उसके जाते ही मैने फ़िर दरवाजा बंद कर लिया।रेशमा भी उसी इन्तजार मे थी। उसने फ़टाफ़ट कपड़े उतारे और मैने भी।

जारी रहेगी
 

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सेलगर्ल रेशमा

PART 04




एक बार फ़िर उसने मेरे लन्ड को अपने भीगे मुंह मे ले लिया। बीयर और पकौड़े से तरबतर जीभ ने मेरे लन्ड मे आग सी लगा दी।

वो अपनी जीभ से मेरे लन्ड को सराबोर करने लगी। छह इन्च के लन्ड का यही फ़ायदा है कि वो किसी से भी मुंह मे पूरी तरह समा जाता है। अपने मुंह के अन्तिम सिरे तक वो मेरे लन्ड को लीलती रही और बाहर निकालती रही। मेरे लन्ड को यह वरदान पहले नही मिला था। वैसे तो तीन चार लड़कियों ने सकिन्ग की थी मेरी… पर आज जो अनुभव मिल रहा था वो किसी अनुभवी नारी का ही काम था। लड़कियों ने तो मेरे लन्द को ऐसे चूसा था जैसे लोलीपोप चूस कर फ़ेंक देती हैं। उन्हें तो पानी निकालना भी नही आता था। कई बार उन्होने अपने हाथों से ही मेरे लन्ड को तृप्ति दी थी। रेशमा अपने हलक तक मेरा लन्ड ले रही थी।

मैने उसे दोबारा उल्टा लिटाया और कमर के नीचे से हाथ डाल कर घोड़ी बनने पर मजबूर किया। मैने उसे ऐसे ऐडजस्ट किया कि चूत बिल्कुल सीध मे आ जाये। उसकी टांगो को और फ़ैलाया। गुलाबी चूत दिखाई देने लगी हल्की हल्की झांटे चूत के आस पास ऐसे खड़ी थी जैसे किसी खजाने की रखवाली के लिये सुरक्षा कर्मी खड़े हों। घुटनों के बल खड़े हो कर उसकी गोरी जांघों पर हाथ फ़ेर कर मैने उसकी चूत मे अपने लन्द को लगाया और धक्का दिया। आशा के विपरीत मेरा लन्ड उसकी चूत मे फ़ंसने लगा। चूत काफ़ी टाईट थी। ये सोच कर मुझे बहुत मज़ा आया। मै धीरे धीरे धक्के मार कर अपने लन्ड को उसकी चूत मे पूरी तरह घुसाने की कोशिश करने लगा। इसके लिये मुझे उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे भी करना पड़ा। थोड़ी कोशिश मे ही मेर लोड़ा टाईट चूत मे अन्दर बाहर होने लगा। दोगी स्टाईल मेरा फ़ेवरेट आसन है। इसमे जो मज़ा आता है वो करने वाले को ही मालूम है। तना हुआ लन्ड चिकनी चूत मे जा रहा था, आ रहा था। चूत के अन्दर की नर्म हडडी मेरे लन्ड के निचले भाग की मालिश कर रही थी। मेरे मुंह से लगातार आह आह की आवाजें आ रही थी। रेशमा का भी यही हाल था। मै उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। लन्ड को ऐसी सेवा कभी कभी ही मिलती है… और शायद चूत को भी।

अब मैने वैसे ही उसे डोगी स्टाईल में थामा। उसकी गान्ड को मजबूती से पकड़ कर मैं धीरे से पीठ के बल लेट गया। लन्ड उसकी चूत में ही था। वो मेरा लन्ड लिये उसी तरह धीरे से मेरी जांघों पर बैठ गयी। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी जांघों के आसपास रख दीं और सम्भल कर बैठ गयी। अपने आप को एडजस्ट किया और फ़िर उपर नीचे होने लगी। मेरा लन्ड उसकी चूत में जाकर बाहर निकल रहा था। वो बराबर उपर नीचे हो रही थी। उसका स्टेमिना अच्छा था। यह आसन उसके लिये शायद काफ़ी मज़ेदार साबित हुआ। उसकी चूत से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा और मेरी जांघों और लन्ड को तर करने लगा। उसने अपनी रफ़्तार बढा दी। अब वो चीखने लगी थी।

चकाचक धकाधक छकाछक्… लन्ड चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और वो उसी गति से चीख रही थी। अचानक वो धम्म से मेरी लांघों पे बैठ गयी और उसके मुंह से बड़ी जोर से आ…………ह निकला। वो पूरी तरह झड़ चुकी थी मगर मैं बाकी था।

उसने अपनी चूत से मेरे लन्ड को निकालने की कोशिश की, मगर मैने ऐसा नही होने दिया। मैने मजबूती से उसकी गान्ड को पकड़ा और आगे पीछे करके उसे हिलाने लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में ही था। मुझे उसका सहयोग नहीं मिल रहा था। इसलिये मेरा लन्ड उसकी चूत से बाहर आ गया और वो झट से बेड पे उलटी लेट गयी। मेरा पानी निकलना अभी बाकी था। मै भला उसे ऐसे कैसे छोड़ देता।

मै फ़ौरन पीछे से उसके उपर चढ गया। पहले तो वो कसमसाई, मगर फ़िर ढीली पड़ गयी। मैने अपने तने हुए चिकने लन्ड को उसकी गान्ड में उतारना चाहा। इसके लिये मुझे उसकी गान्ड को ऊपर उठाना था, मगर वो उठने के लिये राज़ी नहीं हो रही थी। मैं उसकी मजबूरी समझ रहा था। आखिर मैने दोनो तकिये उठाये और उसके पेट के नीचेए रख दिये। इससे उसकी गान्ड कुछ ऊपर हो गयी।

मैने उसकी गान्ड के दोनो पाटों को अपने अंगूठों से हटाया तो भूरे रंग का छेद नज़र आने लगा।

बस यही थी मेरी- मेरी लन्ड की मन्जिल्……॥

अपने तमतमाए लन्ड को मैने उसकी गान्ड के संकरे छेद पर रखा। अंगूठे से दोनो फ़ांकों को फ़ैलाए रखा, ताकि छेद छुप ना जाये। लन्ड बिल्कुल गान्द के छेद पर था। गीला और चिकना तो वो था ही। धीरे से थोड़ा सा लन्ड अन्दर को किया। हल्के हल्के धक्के मार के मैने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड में उतार ही दिया। पूरा लन्ड कभी कभी ही गान्ड में समाता है, वरना आधे लन्ड की चुदाई से ही काम चलाना पड़ता है। उसे तकलीफ़ जरूर हुई पर उसने प्रोटेस्ट नहीं किया। बीस पच्चीस धक्कों से ही मेरा काम बन गया। उसकी पूरी गान्ड मार कर मैं निहाल हो गया। सारा बचा खुचा पानी निकल गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

रात को लगभग दस बजे घर आकर मैने हिसाब लगाया तो पता चला कि पांच हज़ार खर्च हो गये हैं। ये पैसे मैनें अपने जेब खर्च से बचा कर रखे थे।

रेशमा से दोबारा मिलने का वादा तो कर लिया था, पर दोबारा पांच हज़ार जमा करने के लिये मुझे क्य क्य पापड़ बेलने पड़ेंगे, वो मुझे ही मालूम है… रेशमा को नहीं.

xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx समाप्त xxxxxxxxxxxxxxxxxxx
 

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एक बार फ़िर उसने मेरे लन्ड को अपने भीगे मुंह मे ले लिया। बीयर और पकौड़े से तरबतर जीभ ने मेरे लन्ड मे आग सी लगा दी।

वो अपनी जीभ से मेरे लन्ड को सराबोर करने लगी। छह इन्च के लन्ड का यही फ़ायदा है कि वो किसी से भी मुंह मे पूरी तरह समा जाता है। अपने मुंह के अन्तिम सिरे तक वो मेरे लन्ड को लीलती रही और बाहर निकालती रही। मेरे लन्ड को यह वरदान पहले नही मिला था। वैसे तो तीन चार लड़कियों ने सकिन्ग की थी मेरी… पर आज जो अनुभव मिल रहा था वो किसी अनुभवी नारी का ही काम था। लड़कियों ने तो मेरे लन्द को ऐसे चूसा था जैसे लोलीपोप चूस कर फ़ेंक देती हैं। उन्हें तो पानी निकालना भी नही आता था। कई बार उन्होने अपने हाथों से ही मेरे लन्ड को तृप्ति दी थी। रेशमा अपने हलक तक मेरा लन्ड ले रही थी।

मैने उसे दोबारा उल्टा लिटाया और कमर के नीचे से हाथ डाल कर घोड़ी बनने पर मजबूर किया। मैने उसे ऐसे ऐडजस्ट किया कि चूत बिल्कुल सीध मे आ जाये। उसकी टांगो को और फ़ैलाया। गुलाबी चूत दिखाई देने लगी हल्की हल्की झांटे चूत के आस पास ऐसे खड़ी थी जैसे किसी खजाने की रखवाली के लिये सुरक्षा कर्मी खड़े हों। घुटनों के बल खड़े हो कर उसकी गोरी जांघों पर हाथ फ़ेर कर मैने उसकी चूत मे अपने लन्द को लगाया और धक्का दिया। आशा के विपरीत मेरा लन्ड उसकी चूत मे फ़ंसने लगा। चूत काफ़ी टाईट थी। ये सोच कर मुझे बहुत मज़ा आया। मै धीरे धीरे धक्के मार कर अपने लन्ड को उसकी चूत मे पूरी तरह घुसाने की कोशिश करने लगा। इसके लिये मुझे उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे भी करना पड़ा। थोड़ी कोशिश मे ही मेर लोड़ा टाईट चूत मे अन्दर बाहर होने लगा। दोगी स्टाईल मेरा फ़ेवरेट आसन है। इसमे जो मज़ा आता है वो करने वाले को ही मालूम है। तना हुआ लन्ड चिकनी चूत मे जा रहा था, आ रहा था। चूत के अन्दर की नर्म हडडी मेरे लन्ड के निचले भाग की मालिश कर रही थी। मेरे मुंह से लगातार आह आह की आवाजें आ रही थी। रेशमा का भी यही हाल था। मै उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। लन्ड को ऐसी सेवा कभी कभी ही मिलती है… और शायद चूत को भी।

अब मैने वैसे ही उसे डोगी स्टाईल में थामा। उसकी गान्ड को मजबूती से पकड़ कर मैं धीरे से पीठ के बल लेट गया। लन्ड उसकी चूत में ही था। वो मेरा लन्ड लिये उसी तरह धीरे से मेरी जांघों पर बैठ गयी। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी जांघों के आसपास रख दीं और सम्भल कर बैठ गयी। अपने आप को एडजस्ट किया और फ़िर उपर नीचे होने लगी। मेरा लन्ड उसकी चूत में जाकर बाहर निकल रहा था। वो बराबर उपर नीचे हो रही थी। उसका स्टेमिना अच्छा था। यह आसन उसके लिये शायद काफ़ी मज़ेदार साबित हुआ। उसकी चूत से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा और मेरी जांघों और लन्ड को तर करने लगा। उसने अपनी रफ़्तार बढा दी। अब वो चीखने लगी थी।

चकाचक धकाधक छकाछक्… लन्ड चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और वो उसी गति से चीख रही थी। अचानक वो धम्म से मेरी लांघों पे बैठ गयी और उसके मुंह से बड़ी जोर से आ…………ह निकला। वो पूरी तरह झड़ चुकी थी मगर मैं बाकी था।

उसने अपनी चूत से मेरे लन्ड को निकालने की कोशिश की, मगर मैने ऐसा नही होने दिया। मैने मजबूती से उसकी गान्ड को पकड़ा और आगे पीछे करके उसे हिलाने लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में ही था। मुझे उसका सहयोग नहीं मिल रहा था। इसलिये मेरा लन्ड उसकी चूत से बाहर आ गया और वो झट से बेड पे उलटी लेट गयी। मेरा पानी निकलना अभी बाकी था। मै भला उसे ऐसे कैसे छोड़ देता।

मै फ़ौरन पीछे से उसके उपर चढ गया। पहले तो वो कसमसाई, मगर फ़िर ढीली पड़ गयी। मैने अपने तने हुए चिकने लन्ड को उसकी गान्ड में उतारना चाहा। इसके लिये मुझे उसकी गान्ड को ऊपर उठाना था, मगर वो उठने के लिये राज़ी नहीं हो रही थी। मैं उसकी मजबूरी समझ रहा था। आखिर मैने दोनो तकिये उठाये और उसके पेट के नीचेए रख दिये। इससे उसकी गान्ड कुछ ऊपर हो गयी।

मैने उसकी गान्ड के दोनो पाटों को अपने अंगूठों से हटाया तो भूरे रंग का छेद नज़र आने लगा।

बस यही थी मेरी- मेरी लन्ड की मन्जिल्……॥

अपने तमतमाए लन्ड को मैने उसकी गान्ड के संकरे छेद पर रखा। अंगूठे से दोनो फ़ांकों को फ़ैलाए रखा, ताकि छेद छुप ना जाये। लन्ड बिल्कुल गान्द के छेद पर था। गीला और चिकना तो वो था ही। धीरे से थोड़ा सा लन्ड अन्दर को किया। हल्के हल्के धक्के मार के मैने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड में उतार ही दिया। पूरा लन्ड कभी कभी ही गान्ड में समाता है, वरना आधे लन्ड की चुदाई से ही काम चलाना पड़ता है। उसे तकलीफ़ जरूर हुई पर उसने प्रोटेस्ट नहीं किया। बीस पच्चीस धक्कों से ही मेरा काम बन गया। उसकी पूरी गान्ड मार कर मैं निहाल हो गया। सारा बचा खुचा पानी निकल गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

रात को लगभग दस बजे घर आकर मैने हिसाब लगाया तो पता चला कि पांच हज़ार खर्च हो गये हैं। ये पैसे मैनें अपने जेब खर्च से बचा कर रखे थे।

रेशमा से दोबारा मिलने का वादा तो कर लिया था, पर दोबारा पांच हज़ार जमा करने के लिये मुझे क्य क्य पापड़ बेलने पड़ेंगे, वो मुझे ही मालूम है… रेशमा को नहीं.

xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx समाप्त xxxxxxxxxxxxxxxxxxx
मस्त स्टोरी थी भाई ये रेशमा वाली और लास्ट की छोटे लंड वाली मजा आ गया पढ़ कर
और स्टोरी भी चाप रहे हो क्या इधर ।
 
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