Shetan
Well-Known Member
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aacha update hai , dr.sahab..... Kajal ko masoom dikhane ke chakaar me dev ki band bajaoge aap .....aur ant me dev ko kajal ko apna ne ke liye majabur bhi karoge aap ........अध्याय 33आगे की स्टोरी अब काजल के नजरो से चलेगी , ताकि आपको अभी तक की पूरी सिचुएशन क्लियर हो जाए ..
कुछ शोर सा सुनाई दे रहा था ,हलके से आँखे खोलने पर हलकी हलकी सी रोशनी दिखाई देने लगी ,मैंने सामने दिखाई पड़ रही महिला को आवाज लगाने की कोशिस की लेकिन मैं बोल नहीं पा रही थी , मैं अपना हाथ उठा कर उन्हें इशारे करना चाहती थी लेकिन अभी मैं अपना हाथ हिला भी नही पाई , मैं आखिर थी कहा और मेरे साथ ये क्या हो रहा था , मेरी आंखे फिर से बंद होने लगी …..
सुबह की रौशनी खिड़की से होते हुए मेरे कमरे में आ रही थी , मेरे शरीर में कुछ जान मालूम हो रही थी , मैंने हलके से आँखे खोली तो लगा की कोई मेरे पास बैठा हुआ है , एक अनजान सा चहरा था लेकिन मुझे देखकर ही उसका मायूस चहरा खिल उठा , कुछ आवाजे मेरे कानो में पड़ी ऐसा लगा की वो जोरो से कुछ बोल रही है लेकिन मेरे कानो तक वो आवाज बहुत ही धीरे धीरे पहुच रही थी …..
अचानक कमरे में हलचल बढ़ने लगी ..
मैंने सफ़ेद कपडे पहने कुछ लोगो को देखा , वो मेरे आसपास ही कुछ कर रहे थे ..
“काजल काजल …”
वो लड़की मुझे देख बहुत खुश हो रही थी , वो काजल कह रही थी , ये काजल कौन है ????
“काजल तुम्हे होश आ गया तुम ३ दिनों से बेहोश थी …”
वो खुश होते हुए कहने लगी …
अब उसकी आवाज मेरे कानो में बहुत ही साफ साफ़ सुनाई दे रही थी …लेकिन मैं उसे और अपने आसपास खड़े लोगो को बड़े ही आश्चर्य से देख रही थी ...
“इन्हें आराम करने दीजिए ये बहुत बड़े सदमे से गुजर रही है “ पास खड़ा एक आदमी बोल पड़ा , वो एक डॉ था और मैं एक अस्पताल में थी , लेकिन ये लड़की मुझे काजल क्यों बुला रही है , और कौन है ये लड़की ??
कई सवाल मेरे जेहन में घूम रहे थे आखिर मैं यंहा क्यों हु …
तभी मैंने याद किया की मैं कौन हु , और मेरी धडकने तेज होने लगी .. मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नहीं आ रहा था ..
मैंने सभी को बड़े ही आश्चर्य से देखा
“मैं कौन हु , तुम लोग कौन हो , मैं यंहा कैसे आई …??”
मेरी धडकने बेहद ही तेज चलने लगी थी , मोनिटर को देखते हुए डॉ ने उस लड़की को वंहा से निकलने का इशारा कर दिया , मैं बार बार उन्हें यही सवाल कर रही थी लेकिन कोई भी मुझे कुछ बताने को तैयार ना था ,
“नर्स इनका ब्लड प्रेसर बढ़ रहा है जल्दी से इंजेक्सन दो ..”
डॉ के कहने पर नर्स ने तुरंत ही डॉ के हाथो में एक इजेक्सन रख दिया और डॉ ने देरी ना करते हुए मुझे नसों में उसे उतार दिया …
मेरे आँखों के सामने फिर से अँधेरा छाने लगा था , मैं नींद के गर्त में जा रही थी ….
“अब तबियत कैसी है ???”
आँखे खुलते ही ये शब्द मेरे कानो में पड़े , मैंने देखा की एक अधेड़ उम्र की नर्स मेरे पास खड़ी अपना काम कर रही थी …
“मैं कौन हु ?? मुझे कुछ याद नहीं आ रहा ??”
मैंने उसे देखते हुए कहा , वो हलके से मुस्कुराई
“डरो मत , धीरे धीरे सब याद आ जायेगा , अभी आराम करो “
“वो लड़की कौन थी और मुझे वो काजल क्यों बोल रही थी “
वो फिर से मुस्कुराई
“मैंने कहा ना बस तुम आराम करो , तुम्हारे घर वाले तुमसे कुछ देर में मिलेंगे ,अगर तुम उन्हें पहचान ना पाओ तो भी फिक्र मत करना ….मेरी बात याद रखो तुम्हे अभी आराम की जरुरत है ..”
उसकी बात सुनकर मैंने हां में सर हिला दिया लेकिन दिमाग में सवालो का अम्बार लगा हुआ था …
थोड़े देर में ही मुझसे मिलने वो लड़की आई जिसे मैंने पहले भी देखा था
“अब तबियत कैसी है ??”
उसने बड़ी ही आत्मीयता से मुस्कुराते हुए कहा
“अच्छी है ..”
मैं उसे पहचानने की कोशिस कर रही थी लेकिन पहचान नही पा रही थी ..
उसने शायद मेरे चहरे में आई दुविधा को पढ़ लिया था ..
“तुम आराम करो काजल , अपने दिमाग में जोर मत डालो , मैंने डॉ से बात की है तुम कुछ ही दिनों में अच्छी हो जाओगी “
“मैं कौन हु , तुम कौन हो और मैं यंहा कैसे आई ??”
मेरी बात सुनकर उसके चहरे में थोड़ी चिंता जरुर आई थी लेकिन उसने उसे दबाते हुए मेरे चहरे में हाथो को रखकर मुझे प्यार से सहलाया
“तुम काजल हो , मैं तुम्हारी दोस्त सबा हु , और तुम यंहा कैसे आई इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे ओके .. तुम्हारे माँ पिता जी और भैया भाभी तुमसे मिलने के लिए तडफ रहे है लेकिन डॉ उन्हें अभी रोक कर रखे हुए है , तुम थोड़ी नार्मल हो जाओ तो वो भी तुमसे मिल पाएंगे “
मैंने उसे देखा उसकी आँखों में हलकी पानी की बुँदे थी ..
“मुझे कुछ याद नहीं है सबा “
मेरे बोलने पर वो सुबकने लगी ,
“उन दरिंदो को तो नरक में भी जगह नहीं मिलेगी … “
उसने उत्तेजना में आकर कहा लेकिन फिर वो शांत हो गई और प्यार से मेरे चहरे को सहलाया
“फिक्र मत करो याद आ जायेगा “
मैंने सहमती में सर हिलाया था की तभी वंहा पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स ने प्रवेश किया उसके साथ डॉ भी आ रहा था जो की उसे अभी अंदर आने से मना कर रहा था लेकिन वो पुलिस वाला नहीं माना …
मुझे देख कर उसके चहरे में अजीब सी मुस्कान आई ..
“ये तो अच्छी दिख रही है और आप मुझे रोक रहे है ...क्यों मेडम अच्छी हो ना “
मैंने हां में सर हिलाया
“देखो मेडम ने भी बोल दिया ..”
डॉ चुप हो चूका था वो वही खड़ा रह गया
“तो बताओ की उस रात तुम्हारे साथ क्या हुआ था ..”
उसने सीधे ही मुझसे पूछा
“मिस्टर देव मैंने पहले भी आपसे कहा था की अभी इन्हें कुछ याद नहीं है “
देव ने एक बार गुस्से से डॉ को देखा और फिर मुझे
“नाटक कर रही है साली , ताकि ड्रग्स का केस ना बन जाए , ड्रग्स का ओवरडोस लेती है और फिर अपने आशिको से चुदवाती है , और इस साली रंडी को मेरे घर वाले मेरे गले बंधना चाहते थे …”
देव की आवज तेज हो गई थी , वही उसकी बात सुनकर सबा गुस्से में आ गई
“तमीज में रहो इंस्पेक्टर , जानते नहीं की ये मेरी दोस्त है और मुझे तो तुम जानते ही होगे, तुम जैसे पुलिस वाले इमरान भाई के पैर चाटते है , मैं अभी तक तुम्हे सहती रही क्योकि तुम्हारी काजल से शादी होने वाली थी , लेकिन अब नहीं , भले ही तुम ये शादी तोड़ दो लेकिन अगर एक शब्द भी काजल के बारे में कुछ और बोला ना तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा …”
सबा की आँखों में शोला खेल रहा था , उसके तेवर देख कर देव ठंडा पड़ गया
“शादी माय फुट ,इमरान के कारन जो इतना इतरा रही हो न कुछ दिन और इतरा लो , एक बार वो गया ना तो फिर देखना की तुम लोगो का क्या हाल करता हु मैं … और याद रखो इसे कोई आम ड्रग्स नहीं दिया गया , इसने DNT लिया था , “
सबा अभी भी गुस्से से देव को देख रही थी
“इसने लिया नहीं था इसे दिया गया था , एक रेप विक्टिम से ऐसे बात करते है , जानते नहीं की इसके साथ क्या किया गया था … इसे ड्रग्स का ओवर डोस दिया गया , इससे इसकी जान भी जा सकती थी , और तुम इसपर ही इल्जाम लगा रहे हो … ये एक मामूली कालेज में पढने वाली लड़की है इसके पास इतने पैसे कहा से आयेंगे की इतना महंगा ड्रग्स खरीद सके …”
“धंधा करती होगी साली “ देव ने चिड़ते हुए कहा जिसे सुनकर सबा का गुस्सा सातवे असमान पर चढ़ गया वो कुछ करने ही वाली थी की दरवाजा खुला और वंहा कुछ लोग आ गए
“बेटी ..” और ओरत रोते हुए मुझसे आ लिपटी
“अरे देव बेटा तुम भी यही हो ..??”
एक बुजुर्ग ने देव से कहा जिसे सुनकर देव थोडा झेप गया ,
“मैं बाद में आता हु “
देव वंहा से आंखे दिखाते हुए निकल गया था ..
“इसे क्या हुआ ??”
वो बुजुर्ग देव के बर्ताव को देखते हुए बोल पड़ा
“अंकल आप काजल की शादी इससे बिलकुल नहीं करेंगे ..”
सबा ने उस शख्स से कहा जिसे ये लोग मेरा पिता कह रहे थे
“अरे बेटा रिश्ता लगभग तय हो चूका है , ये रिश्ता अगर नही हुआ तो समाज में कितनी बदनामी होगी , और ऐसे भी देव के कारण ये बात बाहर नही जा रही है ..उसने सारा मामला वही दबा दिया “
“इज्जत माय फुट , ये इसकी जिन्दगी को नरक बना देगा “
मेरे पिता के चहरे में दुःख के भाव घिर रहे थे ..
“अभी इसे ठीक होने दो , फिर देखते है , मैं अपनी बेटी के खातिर हाथ पाँव जोड़कर उन लोगो से माफ़ी मांग लूँगा “
उनके आँखों में पानी था , मुझे सबा और देव की बातो से ये तो पता चल गया था की मेरे साथ क्या हुआ था , लेकिन अभी तक मुझे अपना नाम तक याद नहीं आ रहा था …
दो तीन दिन बीत चुके थे , मैं अभी भी हॉस्पिटल में थी और मुझे कुछ भी याद नहीं आ रहा था , कभी कभी मुझे बहुत ही डरावने सपने जरुर आते थे , मैं उठकर बैठ जाती , डर से कापने लगती लेकिन जागते हुए मुझे कुछ भी याद नहीं आता …
वो रात का समय था मेरे कमरे में अभी कोई नहीं था की तभी एक डॉ वंहा आया , उसने चहरे में मास्क लगा रखा था , मुझे याद आया की अभी कुछ देर पहले ही डॉ ने राउंड किया था , वो आकर बस कुछ चीजो को इधर उधर करने लगा , मुझे समझते देर नहीं लगी की ये डॉ के रूप में कोई बहरूपिया है ,
“कौन हो तुम “
मैं उसे देखकर डर गई थी मैं चिल्लाने ही वाली थी की उसने आकर मेरा मुह बंद कर दिया
“काजल मैं हु रॉकी ..”
उसने अपना मास्क उतारा लेकिन मैं उसे पहचान नही पाई , उसने एक बार मेरे चहरे को बड़े ही प्यार से देखा उसकी आँखों में पानी था ऊसने मेरे मुह से अपना हाथ हटा दिया
“मैं जानता हु की तुम मुझे नही पहचान रही हो , तुम किसी को नहीं पहचान पा रही , ये ड्रग्स के ओवर डोस के कारण हुआ है , और तुम्हे ये जानबूझ कर दिया गया ताकि तुम उन लोगो को ना पहचान सको जिन्होंने तुम्हारे साथ ये सब किया , शायद सही समय में तुम्हे हॉस्पिटल नहीं लाया जाता तो तुम जिन्दा भी नहीं बचती …”
उसके आँखों में पानी भर आया था ,
मुझे इतना तो यकीं हो गया था की ये जो भी हो लेकिन दुश्मन नही होगा , उसने मेरा हाथ थाम लिया ,
“तुम्हारे साथ जिन्होंने भी ऐसा किया है मैं उन्हें चुन चुन कर ख़त्म कर दूंगा,उन्हें ऐसी सजा दूंगा की वो मौत की भीख मांगेंगे “
उसके आँखों में जैसे खून उतर गया
“तुम हो कौन , और ऐसे छिपकर मुझसे क्यों मिलने आये हो ???”
मैं इसी सोच में थी की आखिर इससे मेरा रिश्ता क्या है और ये सब से छिपकर मुझसे क्यों मिल रहा है
उसके चहरे में एक मुस्कान आई
“तुम अपनी डायरी पढना , जो तुम रोज रात लिखा करती हो , जो शायद अभी तुम्हारे कमरे में ही होगी , सबा से उसे मंगवा लेना तुम्हे सब पता चल जायेगा की मैं कौन हु ….तुम्हारा प्यारा रॉकी आखिर कौन है ???”
उसने अपनी आँखों में आया पानी साफ़ किया और फिर मिलने का बोलकर वंहा से चला गया …
मेरी जिंदगी उलझी हुई थी , मैं एक दर्द और गुजर रही थी , मेरे साथ बुरा हुआ था , लेकिन क्या ये मेरा अंत था ??
नहीं…. यही मेरी असली शुरुवात थी …
डॉ साहब बहुत बहुत बधाई आपको आख़िरकार काजल को भोली भाली नेक बनाने का अपडेट आ ही गयाअध्याय 33आगे की स्टोरी अब काजल के नजरो से चलेगी , ताकि आपको अभी तक की पूरी सिचुएशन क्लियर हो जाए ..
कुछ शोर सा सुनाई दे रहा था ,हलके से आँखे खोलने पर हलकी हलकी सी रोशनी दिखाई देने लगी ,मैंने सामने दिखाई पड़ रही महिला को आवाज लगाने की कोशिस की लेकिन मैं बोल नहीं पा रही थी , मैं अपना हाथ उठा कर उन्हें इशारे करना चाहती थी लेकिन अभी मैं अपना हाथ हिला भी नही पाई , मैं आखिर थी कहा और मेरे साथ ये क्या हो रहा था , मेरी आंखे फिर से बंद होने लगी …..
सुबह की रौशनी खिड़की से होते हुए मेरे कमरे में आ रही थी , मेरे शरीर में कुछ जान मालूम हो रही थी , मैंने हलके से आँखे खोली तो लगा की कोई मेरे पास बैठा हुआ है , एक अनजान सा चहरा था लेकिन मुझे देखकर ही उसका मायूस चहरा खिल उठा , कुछ आवाजे मेरे कानो में पड़ी ऐसा लगा की वो जोरो से कुछ बोल रही है लेकिन मेरे कानो तक वो आवाज बहुत ही धीरे धीरे पहुच रही थी …..
अचानक कमरे में हलचल बढ़ने लगी ..
मैंने सफ़ेद कपडे पहने कुछ लोगो को देखा , वो मेरे आसपास ही कुछ कर रहे थे ..
“काजल काजल …”
वो लड़की मुझे देख बहुत खुश हो रही थी , वो काजल कह रही थी , ये काजल कौन है ????
“काजल तुम्हे होश आ गया तुम ३ दिनों से बेहोश थी …”
वो खुश होते हुए कहने लगी …
अब उसकी आवाज मेरे कानो में बहुत ही साफ साफ़ सुनाई दे रही थी …लेकिन मैं उसे और अपने आसपास खड़े लोगो को बड़े ही आश्चर्य से देख रही थी ...
“इन्हें आराम करने दीजिए ये बहुत बड़े सदमे से गुजर रही है “ पास खड़ा एक आदमी बोल पड़ा , वो एक डॉ था और मैं एक अस्पताल में थी , लेकिन ये लड़की मुझे काजल क्यों बुला रही है , और कौन है ये लड़की ??
कई सवाल मेरे जेहन में घूम रहे थे आखिर मैं यंहा क्यों हु …
तभी मैंने याद किया की मैं कौन हु , और मेरी धडकने तेज होने लगी .. मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नहीं आ रहा था ..
मैंने सभी को बड़े ही आश्चर्य से देखा
“मैं कौन हु , तुम लोग कौन हो , मैं यंहा कैसे आई …??”
मेरी धडकने बेहद ही तेज चलने लगी थी , मोनिटर को देखते हुए डॉ ने उस लड़की को वंहा से निकलने का इशारा कर दिया , मैं बार बार उन्हें यही सवाल कर रही थी लेकिन कोई भी मुझे कुछ बताने को तैयार ना था ,
“नर्स इनका ब्लड प्रेसर बढ़ रहा है जल्दी से इंजेक्सन दो ..”
डॉ के कहने पर नर्स ने तुरंत ही डॉ के हाथो में एक इजेक्सन रख दिया और डॉ ने देरी ना करते हुए मुझे नसों में उसे उतार दिया …
मेरे आँखों के सामने फिर से अँधेरा छाने लगा था , मैं नींद के गर्त में जा रही थी ….
“अब तबियत कैसी है ???”
आँखे खुलते ही ये शब्द मेरे कानो में पड़े , मैंने देखा की एक अधेड़ उम्र की नर्स मेरे पास खड़ी अपना काम कर रही थी …
“मैं कौन हु ?? मुझे कुछ याद नहीं आ रहा ??”
मैंने उसे देखते हुए कहा , वो हलके से मुस्कुराई
“डरो मत , धीरे धीरे सब याद आ जायेगा , अभी आराम करो “
“वो लड़की कौन थी और मुझे वो काजल क्यों बोल रही थी “
वो फिर से मुस्कुराई
“मैंने कहा ना बस तुम आराम करो , तुम्हारे घर वाले तुमसे कुछ देर में मिलेंगे ,अगर तुम उन्हें पहचान ना पाओ तो भी फिक्र मत करना ….मेरी बात याद रखो तुम्हे अभी आराम की जरुरत है ..”
उसकी बात सुनकर मैंने हां में सर हिला दिया लेकिन दिमाग में सवालो का अम्बार लगा हुआ था …
थोड़े देर में ही मुझसे मिलने वो लड़की आई जिसे मैंने पहले भी देखा था
“अब तबियत कैसी है ??”
उसने बड़ी ही आत्मीयता से मुस्कुराते हुए कहा
“अच्छी है ..”
मैं उसे पहचानने की कोशिस कर रही थी लेकिन पहचान नही पा रही थी ..
उसने शायद मेरे चहरे में आई दुविधा को पढ़ लिया था ..
“तुम आराम करो काजल , अपने दिमाग में जोर मत डालो , मैंने डॉ से बात की है तुम कुछ ही दिनों में अच्छी हो जाओगी “
“मैं कौन हु , तुम कौन हो और मैं यंहा कैसे आई ??”
मेरी बात सुनकर उसके चहरे में थोड़ी चिंता जरुर आई थी लेकिन उसने उसे दबाते हुए मेरे चहरे में हाथो को रखकर मुझे प्यार से सहलाया
“तुम काजल हो , मैं तुम्हारी दोस्त सबा हु , और तुम यंहा कैसे आई इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे ओके .. तुम्हारे माँ पिता जी और भैया भाभी तुमसे मिलने के लिए तडफ रहे है लेकिन डॉ उन्हें अभी रोक कर रखे हुए है , तुम थोड़ी नार्मल हो जाओ तो वो भी तुमसे मिल पाएंगे “
मैंने उसे देखा उसकी आँखों में हलकी पानी की बुँदे थी ..
“मुझे कुछ याद नहीं है सबा “
मेरे बोलने पर वो सुबकने लगी ,
“उन दरिंदो को तो नरक में भी जगह नहीं मिलेगी … “
उसने उत्तेजना में आकर कहा लेकिन फिर वो शांत हो गई और प्यार से मेरे चहरे को सहलाया
“फिक्र मत करो याद आ जायेगा “
मैंने सहमती में सर हिलाया था की तभी वंहा पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स ने प्रवेश किया उसके साथ डॉ भी आ रहा था जो की उसे अभी अंदर आने से मना कर रहा था लेकिन वो पुलिस वाला नहीं माना …
मुझे देख कर उसके चहरे में अजीब सी मुस्कान आई ..
“ये तो अच्छी दिख रही है और आप मुझे रोक रहे है ...क्यों मेडम अच्छी हो ना “
मैंने हां में सर हिलाया
“देखो मेडम ने भी बोल दिया ..”
डॉ चुप हो चूका था वो वही खड़ा रह गया
“तो बताओ की उस रात तुम्हारे साथ क्या हुआ था ..”
उसने सीधे ही मुझसे पूछा
“मिस्टर देव मैंने पहले भी आपसे कहा था की अभी इन्हें कुछ याद नहीं है “
देव ने एक बार गुस्से से डॉ को देखा और फिर मुझे
“नाटक कर रही है साली , ताकि ड्रग्स का केस ना बन जाए , ड्रग्स का ओवरडोस लेती है और फिर अपने आशिको से चुदवाती है , और इस साली रंडी को मेरे घर वाले मेरे गले बंधना चाहते थे …”
देव की आवज तेज हो गई थी , वही उसकी बात सुनकर सबा गुस्से में आ गई
“तमीज में रहो इंस्पेक्टर , जानते नहीं की ये मेरी दोस्त है और मुझे तो तुम जानते ही होगे, तुम जैसे पुलिस वाले इमरान भाई के पैर चाटते है , मैं अभी तक तुम्हे सहती रही क्योकि तुम्हारी काजल से शादी होने वाली थी , लेकिन अब नहीं , भले ही तुम ये शादी तोड़ दो लेकिन अगर एक शब्द भी काजल के बारे में कुछ और बोला ना तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा …”
सबा की आँखों में शोला खेल रहा था , उसके तेवर देख कर देव ठंडा पड़ गया
“शादी माय फुट ,इमरान के कारन जो इतना इतरा रही हो न कुछ दिन और इतरा लो , एक बार वो गया ना तो फिर देखना की तुम लोगो का क्या हाल करता हु मैं … और याद रखो इसे कोई आम ड्रग्स नहीं दिया गया , इसने DNT लिया था , “
सबा अभी भी गुस्से से देव को देख रही थी
“इसने लिया नहीं था इसे दिया गया था , एक रेप विक्टिम से ऐसे बात करते है , जानते नहीं की इसके साथ क्या किया गया था … इसे ड्रग्स का ओवर डोस दिया गया , इससे इसकी जान भी जा सकती थी , और तुम इसपर ही इल्जाम लगा रहे हो … ये एक मामूली कालेज में पढने वाली लड़की है इसके पास इतने पैसे कहा से आयेंगे की इतना महंगा ड्रग्स खरीद सके …”
“धंधा करती होगी साली “ देव ने चिड़ते हुए कहा जिसे सुनकर सबा का गुस्सा सातवे असमान पर चढ़ गया वो कुछ करने ही वाली थी की दरवाजा खुला और वंहा कुछ लोग आ गए
“बेटी ..” और ओरत रोते हुए मुझसे आ लिपटी
“अरे देव बेटा तुम भी यही हो ..??”
एक बुजुर्ग ने देव से कहा जिसे सुनकर देव थोडा झेप गया ,
“मैं बाद में आता हु “
देव वंहा से आंखे दिखाते हुए निकल गया था ..
“इसे क्या हुआ ??”
वो बुजुर्ग देव के बर्ताव को देखते हुए बोल पड़ा
“अंकल आप काजल की शादी इससे बिलकुल नहीं करेंगे ..”
सबा ने उस शख्स से कहा जिसे ये लोग मेरा पिता कह रहे थे
“अरे बेटा रिश्ता लगभग तय हो चूका है , ये रिश्ता अगर नही हुआ तो समाज में कितनी बदनामी होगी , और ऐसे भी देव के कारण ये बात बाहर नही जा रही है ..उसने सारा मामला वही दबा दिया “
“इज्जत माय फुट , ये इसकी जिन्दगी को नरक बना देगा “
मेरे पिता के चहरे में दुःख के भाव घिर रहे थे ..
“अभी इसे ठीक होने दो , फिर देखते है , मैं अपनी बेटी के खातिर हाथ पाँव जोड़कर उन लोगो से माफ़ी मांग लूँगा “
उनके आँखों में पानी था , मुझे सबा और देव की बातो से ये तो पता चल गया था की मेरे साथ क्या हुआ था , लेकिन अभी तक मुझे अपना नाम तक याद नहीं आ रहा था …
दो तीन दिन बीत चुके थे , मैं अभी भी हॉस्पिटल में थी और मुझे कुछ भी याद नहीं आ रहा था , कभी कभी मुझे बहुत ही डरावने सपने जरुर आते थे , मैं उठकर बैठ जाती , डर से कापने लगती लेकिन जागते हुए मुझे कुछ भी याद नहीं आता …
वो रात का समय था मेरे कमरे में अभी कोई नहीं था की तभी एक डॉ वंहा आया , उसने चहरे में मास्क लगा रखा था , मुझे याद आया की अभी कुछ देर पहले ही डॉ ने राउंड किया था , वो आकर बस कुछ चीजो को इधर उधर करने लगा , मुझे समझते देर नहीं लगी की ये डॉ के रूप में कोई बहरूपिया है ,
“कौन हो तुम “
मैं उसे देखकर डर गई थी मैं चिल्लाने ही वाली थी की उसने आकर मेरा मुह बंद कर दिया
“काजल मैं हु रॉकी ..”
उसने अपना मास्क उतारा लेकिन मैं उसे पहचान नही पाई , उसने एक बार मेरे चहरे को बड़े ही प्यार से देखा उसकी आँखों में पानी था ऊसने मेरे मुह से अपना हाथ हटा दिया
“मैं जानता हु की तुम मुझे नही पहचान रही हो , तुम किसी को नहीं पहचान पा रही , ये ड्रग्स के ओवर डोस के कारण हुआ है , और तुम्हे ये जानबूझ कर दिया गया ताकि तुम उन लोगो को ना पहचान सको जिन्होंने तुम्हारे साथ ये सब किया , शायद सही समय में तुम्हे हॉस्पिटल नहीं लाया जाता तो तुम जिन्दा भी नहीं बचती …”
उसके आँखों में पानी भर आया था ,
मुझे इतना तो यकीं हो गया था की ये जो भी हो लेकिन दुश्मन नही होगा , उसने मेरा हाथ थाम लिया ,
“तुम्हारे साथ जिन्होंने भी ऐसा किया है मैं उन्हें चुन चुन कर ख़त्म कर दूंगा,उन्हें ऐसी सजा दूंगा की वो मौत की भीख मांगेंगे “
उसके आँखों में जैसे खून उतर गया
“तुम हो कौन , और ऐसे छिपकर मुझसे क्यों मिलने आये हो ???”
मैं इसी सोच में थी की आखिर इससे मेरा रिश्ता क्या है और ये सब से छिपकर मुझसे क्यों मिल रहा है
उसके चहरे में एक मुस्कान आई
“तुम अपनी डायरी पढना , जो तुम रोज रात लिखा करती हो , जो शायद अभी तुम्हारे कमरे में ही होगी , सबा से उसे मंगवा लेना तुम्हे सब पता चल जायेगा की मैं कौन हु ….तुम्हारा प्यारा रॉकी आखिर कौन है ???”
उसने अपनी आँखों में आया पानी साफ़ किया और फिर मिलने का बोलकर वंहा से चला गया …
मेरी जिंदगी उलझी हुई थी , मैं एक दर्द और गुजर रही थी , मेरे साथ बुरा हुआ था , लेकिन क्या ये मेरा अंत था ??
नहीं…. यही मेरी असली शुरुवात थी …
Oh really... phir to badhiya hai phirHogi pyar ki jeet????????