Naina
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नैना जी आप कहना किया चहती हों। थोड साफ़ साफ़ बोलिए। हमार भेजे का ऊपर वाला माला खाली हैं।
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ye siggi
नैना जी आप कहना किया चहती हों। थोड साफ़ साफ़ बोलिए। हमार भेजे का ऊपर वाला माला खाली हैं।
अध्याय 2मिडिया और लोगो की भीड़ को हटाते हुए मैं अंदर पंहुचा , मन का दुःख अभी भी ख़त्म नहीं हुआ था
हमारे डी.जी.(डायरेक्ट जनरल ऑफ़ पुलिस -प्रदेश के पुलिस का मुखिया ) मेहता साहब ने सक्त हिदायत दी थी की मिडिया को इन सबसे दूर रखा जाये और उतना ही बताया जाये जितना की जरुरी है , मुझे और मेरी टीम को इन्वेस्टीगेशन का काम दिया गया था और साथ ही हिदायत भी थी की इसे आत्महत्या कहकर केस को जल्द ही क्लोज करे ...
बंगले के उपरी मंजिल में एक बड़ा सा कमरा नीलम देवी का था , अपने तनहाई के दिनों में वो इस बड़े बंगले में 2 नौकरों के साथ रहती थी जो की पति पत्नी थे ..
उनके कमरे में फोरेंसिक और पुलिस की टीम पहले ही पहुच चुकी थी साथ ही साथ मेरे टीम के सदस्य भी थे जो मेरा ही इन्तजार कर रहे थे ,
बड़े से बिस्तर में नीलम जी की लाश पड़ी हुई थी हाथ में से छुटी हुई जहर की बोतल अभी भी बिस्तर में पड़ी थी ,कुछ गोलिया अभी भी उनके इर्द गिर्द थी , शायद इसे ही खाकर उन्होंने जान दी थी , मुझे देखकर इंस्पेक्टर वेदांत और बाकी लोगो ने पहले तनकर सेल्यूट ठोका और फिर अपने काम में लग गए ..
“क्रिस्टल क्लियर केस है देव , सुसाइड नोट भी मिला है जिसमे नीलम देवी के सिग्नेचर है “
मेरी सहयोगी सीक्रेट सर्विस और इंटेलिजेंस की ऑफिसर और मेरी एक्स गर्लफ्रेंड पूर्वी पांडये मेरे बाजु में आकर खड़ी हो गयी उसके हाथो में सुसाइड नोट था
मैंने सुसाइड नोट ध्यान से पढा उसके अनुसार काम न मिलने और अकेलेपन के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली थी , पुलिस और हमारा काम महज खानापूर्ति का ही था हमें रिपोर्ट फाइल करनी थी और केस बंद करना था ..
“हूमम्म और कोई सबूत “
मैंने एक बार पूर्वी की और देखा
“अरे सर अब इसमें क्या सबूत ढूँढना केस तो साफ ही दिख रहा है “ पास खड़ा हुआ वेदांत बोल उठा
“केस इतना साफ़ भी नहीं वेदांत “ कोई कुछ समझ पता उससे पहले एक बला की खुबसूरत महिला सभी को जैसे चीरते हुए अंदर आई ,
“काजल तुम.... तुम्हारा यंहा क्या काम .... ??”
पूर्वी ने बड़े ही आश्चर्य से काजल को देखा और फिर मुझे घूरने लगी
“देव ये क्राइम सिन है और तुम अपनी बीवी को यंहा लेकर आ गए “
पूर्वी ने मुझे खा जाने वाली नजरों से देखा
“इसे देव ने नहीं मैंने बुलाया है , ये भी नीलम जी के बहुत करीब थी “
काजल के पीछे एक और शख्स प्रगट हुआ ये मानिकलाल था नीलम देवी का भतीजा और शायद एक मात्र रिश्तेदार,
“वो तो ठीक है लेकिन यंहा हमें केस का इन्वेस्टीगेशन करना है , प्लीज् आप लोग बहार जाइये “
पूर्वी बोल ही रही थी की काजल नीलम देवी के लाश के पास पहुच गयी , उसकी आँखों में आंसू आ गए थे , उसने अपने आंसुओ से भरी आँखों से मुझे देखा
“प्लीज काजल बहार चलो हमें अपना काम करने दो , पोस्टमार्टम के बाद पुलिस बॉडी को घर वालो के हवाले कर देगी “
काजल बिना कुछ बोले ही कमरे से बहार जाने लगी ,अचानक उसकी नजर उस ख़त पर पड़ी , उसने वो ख़त पढ़ा
“ये तो कंप्यूटर से टाइप किया गया है “काजल ने थोड़ी जल्दबाजी में कहा
“तो क्या हुआ इस पर साइन तो असली है “पूर्वी ऐसे भी काजल के यंहा होने से नाखुश थी उसे ऐसी बाते कहते देख वो और भी गुस्से में आ गई
“हाँ लेकिन ...”
“काजल प्लीज् बहार जाओ “
मैं नहीं चाहता था की काजल के कारण कोई बखेड़ा खड़ा हो जाए
काजल बिना कुछ् बोले ही वंहा से जा चुकी थी
“काजल बुआ कभी आत्महत्या नहीं कर सकती , लेकिन उन्होंने वो दवाई क्यों ली होगी “
मानिकलाल काजल के साथ बैठा हुआ रो रहा था , मानिकलाल एक 35 साल का पुरुष था जो की नीलम देवी का भतीजा था , साथ ही साथ उनके बाद सारी जायजाद का अकेला वारिस भी , देखने में किसी हीरो के माफिक 6 फूट 2 इंच का लम्बा चौड़ा, तगड़ा व्यक्ति था, सपना भी हीरो बनने का ही था नीलम जी के पहचान का फायदा उठा कुछ फिल्मो में उसे लिया भी गया था लेकिन उसकी एक्टिंग स्किल्स बहुत ही ख़राब थी , नीलम जी की पूरी दौलत को उड़ाने का ठेका भी उसी ने उठा रखा था काम धाम कुछ था नहीं बस पार्टियों में शराब और शबाब का शौक पाले हुए था , लडकियों को हिरोइन बनाने के झांसे में फंसा कर उनसे मनमानी करने के कारनामे में भी वो सिध्हस्त था , दिक्कत ये थी की फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़े लोगो से उसकी पहचान भी थी और सुना है की वो लडकियों से डील करके उन्हें देहव्यापार के धंधे में भी घुसा देता था , लेकिन सभी चीजे इतने साफ सुथरे तरीको से होते की ये बस एक शक था किसी के पास कोई साबुत नहीं , इसलिए वो बड़े ही इज्जत से घुमा करता ..
काजल उसका हाथ अपने हाथो में लिए उसे सांत्वना दे रही थी
“नीलम जी मेरे भी माँ के सामान थी मानिक , वो मैंने उन्हें कई तरह की मुसीबतों का सामना करते देखा है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी , पता नहीं कैसे ..”
काजल फिर से रो पड़ी , इस बार मानिक ने उसका सर अपने कंधे में रख लिया और हाथो को काजल के गले से दूसरी तरफ ले जाकर उसे अपने सीने में अपना सर रखकर रोने की आजादी दे दी , मैं अभी अंदर के कमरे से उन्हें देख रहा था ,काजल को मनिक की असलियत का नहीं पता था लेकिन मुझे पता था की मानिक कितना बड़ा कमीना है , वो काजल के नाजुक कंधो को सहला रहा था और मैं दूर से ही काजल के लिए उसके आँखों में आये हवास को साफ़ साफ़ देख सकता था , मैं उनके ओर बढ़ने ही वाला था की पूर्वी ने मुझे रोक लिया ..
“फोरंसिक टेस्ट से साफ़ है की इन्ही गोलियों से इनकी मौत हुई है “
“ओओह कौन सा केमिकल फार्मूला है ये “
“फोस्फोसायनाइड ... DNT बनाने में भी यूज होता है “
पूर्वी की बात सुन मैं जोरो से चौका
“DNT में .... ??”
DNT आजकल भारी मात्र में उपयोग में लाये जाने वाला एक ड्रग्स था, बड़े घरो के लोगो में तेजी से फेमस हो रहे इस ड्रग्स की सप्लाई कबीर किया करता था , दुबई में बैठा एक अंडरवर्ड डॉन , जो कभी एक सामान्य सा मुजरिम हुआ करता था , लेकिन आज ड्रग्स , देहव्यापार और हथियार के अवेध बिजनेस का किंग बन चूका था ..
“इसे रिपोर्ट में डालना है न “
पूर्वी ने मुझे ख्यालो से निकाला
“बिलकुल लेकिन ये बात मेंसन मत करना की ये DNT में भी ये मिला होता है “
पूर्वी मेरी बात सुन अपने काम में भीढ़ गई वही मैं दूर सोफे में बैठे मानिक और काजल को देख रहा था , मानिक के होंठों में एक मुस्कान थी और वो रोते हुए काजल के कंधो को सहला रहा था ......
मैं उनके ही ओर चल दिया
मैं बिलकुल उनके पीछे ही खड़ा था
“काजल उदास नहीं होते “
मेरी आवाज सुन काजल उससे अलग जरूर हुई लेकिन वही बैठी रही
“नीलम जी आत्महत्या कैसे कर सकती है देव , कोई कारन नहीं था की वो ऐसा करती “
“हम्म मैं इन्वेस्टीगेशन में इस बात का ध्यान रखूँगा फिक्र मत करो , अगर उनके साथ कुछ बुरा हुआ हो तो जरूर पता चल जायेगा , तुम घर जाओ “
“अरे काजल जी को यही रहने दीजिये देव साहब , वंहा वो अकेली हो जाएगी “
मानिक और काजल दोनों ही मुझे देख रहे थे
“अभी वो यंहा क्या करेगी ?? बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाना है अब , मैं थोडा बीजी रहूँगा ‘
“तो मैं तो हु न इनके साथ “
मानिक के होंठों में एक हलकी मुस्कान थी
“धन्यवाद मानिक , लेकिन मेरे ख्याल से काजल को घर चले जाना चाहिए “
“हाँ ठीक है मैं जाती हु “काजल भी वंहा से उठने लगी
साथ ही मानिक भी उठ गया
“मैं इन्हें घर छोड़ देता हु “
“नहीं आपसे कुछ पुछ्ताज करनी है आप रुकिए “ मैं काजल को बहार तक छोड़ने आ गया
अध्याय 3ये मेरे आँखों के सामने ही हो रहा था , काजल उसी सोफे में बैठी थी जन्हा वो सुबह बैठी थी और मानिकलाल उसके कंधो को धीरे धीरे सहला रहा था , मणिक की नज़ारे मुझसे मिली लेकिन वो रुका नहीं बल्कि उसके चेहरे में मुस्कान खिल गयी , मैं थोडा आगे बढ़ा तो ये देख कर रुक गया की अब काजल रो नहीं रही थी बल्कि मानिक के छाती में उगे काले घने बालो से खेल रही थी , ये मेरे आँखों के सामने ही हो रहा था की मेरी मासूम सी प्यारी बीवी एक ऐयाश मर्द के साथ इतने इत्मिनान के साथ बैठी हो ,
“नीलम जी चली गई तो क्या हुआ मैं तो हु न “
मानिक ने बड़े ही प्यार से काजल के बालो को सहलाया और उसके माथे में एक चुम्मन दिया , काजल ने अपनी आंखे उठाई उसकी आंखे वैसे ही गीली थी जैसे की आज सुबह मैंने देखी थी , लेकिन होंठों में एक मुस्कान फ़ैल चुकी थी , उसने आँखों को आधा बंद करते हुए अपने होठ मानिक के सामने कर दिए ,
मानिक की आंखे मेरी लाल जलती हुई आँखों से जा मिली उसके होंठों की मुस्कान और भी गहरा गई थी , वो मुझे ही देखते हुए अपने होंठों को काजल से होंठों में रगड़ने लगा था , काजल बेताब सी हो गई थी और उसके होंठों को अपने होंठों में सामने लगी , उसकी ये बेताबी मेरे लिए आश्चर्य का कारक थी ,
“काजल ये क्या कर रही हो “ मैं चिल्लाना चाहता था लेकिन चिल्ला नहीं पाया , मेरी प्यारी बीवी अपने होंठों को मानिक के होंठों से मिलाये हुए थी और मेरी उपस्तिथि में भी मस्त होकर उसका साथ दे रही थी , मेरी आवाज मानो वही दब सी गई हो ये मुझे क्या हो रहा था , मेरी सांसे बढ़ने लगी मैं अपने हाथ पाँव भी नहीं हिला पा रहा था ,
अचानक वो हुआ जिससे मेरी सांसे ही रुक गई
काजल ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा ,
“मुझे ये पसंद है , इसका मांसपेशियों से भरा शारीर , शर्ट से झांकते बालो के गुच्छे , शारीर से आती मर्दाना सुगंध , असली मर्द लगता है मुझे “
काजल ने ये मेरी आँखों में देखते हुए कहा था , उसने एक चुम्मन मानिक के छाती में भी दे दी , मानिक ने भी अपने हाथो को जैसे आजादी दे दी हो वो काजल की पीठ को सहलाते हुए उसके निताम्भो तक अपने हाथ को फेर रहा था , मैं इसे साफ साफ देख सकता था की उसके हाथ काजल के भारी लेकिन सुडोल निताम्भो में खेल रहे थे , उसने हल्का सा दबाव ही बढाया था की काजल चुहक उठी
“यंहा नहीं बेडरूम में चलते है “
काजल की आवाज में एक मदहोशी थी , एक मतवालापन था , एक मादकता थी , उसकी हिरनी सी चंचल आँखों में नशा सा उतर आया था , वो इठलाते हुए खड़ी हुई और आकार मेरे होंठों को सहलाने लगी ,
“मजा आया “ उसने अपने चिरपरिचित मादक आवाज में मुझसे पूछा
“काजल ये तुम ठीक नहीं कर रही हो “
“अच्छा लेकिन तुम्हारा बाबु तो बिलकुल खड़ा हो गया है “
उसने जोरो से मेरे लिंग को सहलाया
“आह ...काजल ये तुम .... आह काजल तुम ये “
“मजा आ रहा है ..?? “
“हां लेकिन तुम ये गलत कर रही हो “
“क्या गलत्त कर रही हु ??”
“मानिकलाल अच्छा आदमी नहीं है ...”
“इतने रात को तुम्हें मानिकलाल की याद कैसे आ गई “
मैं चुप हो गया था , मेरी आंखे हडबडाहट में खुल गयी , मैं अपने बिस्तर में था और सामने काजल मुझे आश्चर्य से देख रही थी , मेरे पैजामे में मेरा लिंग बिल्कुल ही ताना हुआ खड़ा था , शायद काजल के कोमल हाथो के स्पर्श ने उसे और भी उत्तेजित कर दिया था , काजल मुझे अजीब निगाहों से देख रही थी , मेरे माथे में पसीना था और होंठ सुख रहे थे , मुझे याद आया की मैं नीलम जी के घर से आकर जल्दी सो गया था , वही काजल आज दुखी थी इसलिए वो भी आकर जल्दी ही सो गई थी ..
मैंने पास रखी घडी देखी अभी 4 बज रहे थे स्वाभाविक था की अभी सुबह के 4 बजे थे , काजल को देख ऐसा लग रहा था जैसे वो पहले ही जाग गई हो , वो अब भी मुझे घूरे जा रही थी ..
“तुम क्या देख रहे थे , और तुम्हारे सपने में मानिकलाल कब से आने लगा , और मुझे किस चीज से मना कर रहे थे ..”
मैं जैसे ही थोडा ठीक हुआ काजल ने सवालो की झड़ी ही लगा दी
“वो मैं ... वो सब छोडो तुम कब जागी “
“बहुत देर हो गए नींद ही नहीं आ रही थी , किचन में गई चाय बना कर पी लिया थोडा इधर उधर भी घूम लिया , फिर कमरे में आई तो देखा की तुम्हारे चेहरे में पसीना था , मैं थोड़ी घबरा गई की तुम्हें हुआ क्या है , फिर तुम बोलने लगे की काजल ये गलत है , और तुम्हारा ये बाबू बिलकुल टेंट बनकर खड़ा था , मुझे लगा की तुम मेरे बारे में कोई सपना देख रहे हो लेकिन ये मानिकलाल ??”
“ओह ... छोडो वो सब दिन भर का कचरा रात में दिमाग में घूमता रहता है , आज जल्दी उठ ही गए है तो गार्डन हो आये मूड भी थोडा फ्रेश लगेगा “
काजल ने भी हामी भर दी थी ...
मैंने भगवान का शुक्रिया किया की मैं सपना देख रहा था , लेकिन मैं इस सपने में उत्तेजित क्यों हो रहा था ???? मैंने इसे अपने दिमाग से निकालने में ही अपनी भलाई समझी ...
अध्याय 4हम दोनों गार्डन में घूम रहे थे , सामने से मुझे मानिकलाल आता हुआ दिखा , वो अपने कसरती बदन में एक टैंक सूट पहने हुए था , उसे यंहा देखना बड़ा ही अजीब था उसे तो इस वक्त नीलम जी के बंगले में होना था ,
काजल को यंहा देखते ही मानिक की आंखे जैसे खिल उठी थी उसने थोड़े दूर से ही हाथ हिलाया , जवाब भी काजल ने ही हाथ हिलाकर दिया , काजल के चेहरे में एक चमक थी जैसे जिसे ढूंढ रही हो वही मिल गया ..
“हाय काजल , गुड मोर्निंग देव सर “
मानिक इतना चहक क्यों रहा था ??
“तुम्हें तो नीलम जी के बंगले में होना था तुम यंहा क्या कर रहे हो “
“वंहा मुझे अच्छा नहीं लगता, जब बुआ वंहा रहती थी तो भी कभी कभी ही जाया करता था लेकिन अब तो ... सोच रहा हु उस बंगले को बेच ही दू , ऐसे मेरा फ्लैट यही पास में ही है , आइये कभी .. काजल जी के साथ “
“बिलकुल ... ऐसे इन्हें तो समय ही नहीं मिलता “काजल ने एक शिकायत भरे लहजे में कहा
“तो आप आ जाना, आपको इस शहर की सबसे अच्छी जगहों में घुमाऊंगा “
मानिक की नजरे काजल के जिस्म के एक खास हिस्से में कुछ सेकण्ड के लिए रुक गई थी , काजल ने एक स्पोर्ट ब्रा पहन रखी थी उपर जेकेट जरूर था लेकिन उसने जेकेट की चैन लगाईं नहीं थी इससे उसके उभार तनकर सामने आ रहे थे और उन दो उभारो के बिच की एक खाई सी साफ़ दिखाई दे रही थी जो किसी भी मर्द के नियत को हिलाने के लिए काफी थी , और जब मर्द मानिक जैसा रसिक हो तो वो किसी ताजे फुल की खुसबू से ही मदहोश हो जाये , यंहा तो इत्र की पूरी बोतल ही खुली हुई दिख रही थी ..
जैसे शराबी के लिए शराब की गंध भी बेकाबू करने वाली होती है वैसे ही मानिक जैसे रूप के शराबी और भोगी के लिए काजल के ये स्तन किसी मधुशाला से कम न थी ..
एक क्षण में हुई इस घटना ने जन्हा मानिक के अंदर कुछ हिला दिया था वही काजल भी जैसे उसकी नजरों को आसानी से पढ़ पा रही थी लेकिन वो बेचैन होने की बजाय इठलाई , ये शादी के बाद पहली बार हुआ था की किसी को अपना जिस्म देखता हुआ पाकर भी काजल की प्रतिक्रिया उसे और भी उत्तेजित करने वाली हो , वो अधिकतर मुझे रिझाने के लिए ऐसा किया करती थी लेकिन आज की बात ही दूसरी थी , वही मेरे अंदर भी एक तूफ़ान सा उमड़ रहा था , मेरे लिंग में एक झुरझुरी सी उठी क्यों...
ये बात मुझे बेचैन करने लगा , कल की घटना और आज का सपना और फिर ये सब , आखिर मुझे क्या हुआ है , आखिर काजल को क्या हो गया है ??
“बढ़िया किया की आपने मुझे फोन कर दिया अब हम रोज ही यंहा मिला करेंगे “
मानिक की इस बात से मैं और भी चौक गया , मैंने आश्चर्य से काजल की ओर देखा
काजल जैसे मेरी नजरों को समझ गई थी
“वो कल इन्होने ही बताया था की वो कहा रहते है , तो आज सोचा की क्यों ना इनसे मिल लू , ऐसे ये रोज यंहा रनिंग के लिए आते है “काजल की आवाज में एक अजीब सी बात थी जैसे वो मुझसे कुछ छिपाने की कोशिश कर रही हो
“ओह ..” मैं बस इतना ही बोल पाया था
मैं जब से काजल को जानता था , मैं उसे बस एक मासूम सी लड़की की तरह ही जानता था , एक सीधी साधी सी गृहिणी जो अपने पति और परिवार के लिए समर्पित थी , लेकिन ये काजल मुझे थोड़ी अलग सी लग रही थी , काजल ने आज तक मुझसे कुछ नहीं छिपाया था लेकिन आज वो छिपा रही थी , क्यों ...??
थोड़ी देर मानिक से बात करके और थोडा जोगिग कर हम वापस आ गए
“काजल तुम मुझसे कुछ छिपा रही हो क्या ??”
काजल ने मुझे थोडा डरते हुए देखा , उसकी प्यारी सी हिरानी जैसी आँखों में हल्का सा डर भी बहुत प्यारा लगता था
“नहीं तो मैं आपसे क्या छिपाऊगी “
“वही बात तो मुझे समझ नहीं आ रही है की तुम ये क्या कर रही हो , तुमने मानिक को गार्डन में बुलाया था “
“हाँ आज हमारी बात हुई थी , ऐसे उसका नंबर तो बहुत से मेरे पास था , आज जब आपने कहा की गार्डन चलते है तो उससे पहले मैं उससे ही चेटिंग कर रही थी “
“वाट उस समय चेटिंग ??”
“हाँ मैंने बताया था की मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने अपना वाटसप खोला , उसमे वो ऑनलाइन दिख रहा था , बस मैंने ऊससे इस समय जगाने का कारन पूछा तो उसने बताया की बुआ की मौत के कारन उसे नींद नहीं आ रही थी , मैं उसे फोन लगा लिया और उसे थोडा समझाने का प्रयास किया , बात ही बात में उसने बताया की वो भी गार्डन घुमाने आता है , जब आपने गार्डन वाली बात बोली तो मैंने उसे वही मिलने का मेसेज कर दिया , वो बेचारा भी खुद को अकेला फील कर रहा होगा है ना , आखिर नीलम जी के सिवा उसका था ही कौन ..”
काजल के मासूम से जवाब को सुनकर मुझे मानिक पर बहुत गुस्सा आया जो की मासूम और बेचारा होने अंक ढोंग कर रहा था
“वो कोई बेचारा नहीं है समझ गई , वो साला एक नंबर का ठरकी है , शराब और शबाब के नशे में चूर रहने वाला और उसे नीलम जी के जाने का कोई दुःख भी नहीं है , वो तो बस इस बात को लेकर खुश होगा की उनकी प्रोपर्टी उसे मिल जाएगी “
काजल के चेहरे में एक अनजानी सी मुस्कान खिल गई
“मुझे पता था की आप ये सब जानते है लेकिन फिर भी आपने उसे सीरियसली इन्वेस्टिगेट नहीं किया , मुझे तो लगता है की वही नीलम जी का कातिल है “
काजल का ऐसा रवैया मेरे होश उड़ाने वाला था
“तुम पागल हो तुम क्या करने की कोशिश कर रही हो , और मानिक हमारा प्राइम सस्पेक्ट है लेकिन हर तरीके से जाँच करने के बाद भी उसके खिलाफ हमें कुछ भी नहीं मिला है , और ऐसा भी नहीं है की उसके और नीलम जी के रिश्ते ख़राब हो , चाहे मानिक कितना भी नालायक क्यों न हो लेकिन नीलम जी उसे बहुत प्यार करती थी और ये बात मानिक को भी पता थी ... उसके पास उन्हें मारने का कोई ठोस कारन भी नहीं है “
“आपको क्या लगता है ये आप जानो लेकिन मैं तो सच जानकर ही रहूंगी , और ये मैं मानिक से नजदीकीया बनाकर करुँगी “
काजल की बात से मेरा मुंह खुला का खुला रह गया
“काजल तुम एक सिम्पल सी गृहिणी हो और वो कमीना ना जाने कैसे कैसे लोगो के साथ रहता है , हमें तो ये भी पता लगा है की अंडरवर्ड से भी उसका कनेक्शन है , और ड्रग्स और देहव्यापार के धंधो से भी ,तुम इन सबको अपने दिमाग से निकाल दो ..”
“आप मेरी चिंता मत कीजिये आप बस अपने काम में ध्यान दीजिये , मैं उसे अपने जाल में ऐसा फसौंगी की ..”
“तुम ऐसा कुछ भी नहीं करोगी , अरे वो लडकियों को कपड़ो जैसे बदलते है तुम्हें क्या लगता है की तुम्हारे एक अदा से वो पिघल जायेगा “
काजल के चेहरे में एक कातिल सी मुस्कान आ गई थी
“आपने वो अदा देखी क्या “
“काजल तुम ..”
काजल सीधे मेरे पास आई और मेरे लिंग में अपना हाथ रख दिया
“वाह आपने वो देखा भी और आप उत्तेजित भी हो गए , ये तो कुछ नया सा है “
मैंने तुरंत ही उसका हाथ वंहा से हटाया
“देखो तुम बात मत बदलो “
मैं थोडा झल्लाया
लेकिन काजल के चेहरे में एक कातिल मुस्कान आ गई थी जो की जाने का नाम ही नहीं ले रही थी , वो इठलाते हुए मेरे बहुत ही करीब आ चुकी थी और अहिस्ते से उसने मेरे होंठों में अपने होंठों को रख दिया , ना चाहते हुए भी मैं उसके होंठों के प्याले से रस पिने लगा था
“एक राउंड हो जाये जल्दी से मैं भी थोड़ी गीली हो गयी हु, कभी अपने हुस्न के जलवे आपके अलावा किसी और को नहीं दिखाया है न “
उसने मेरे लिंग को मसलते हुए कहा
“आह ..” मेरे होंठों से सिसकी निकल गई थी
“काजल तुम ये क्या कर रही हो “
“जिस चीज में मजा आता है उसमे मजा ले लेना चाहिए , मानिक की टेंशन आप छोडो उसे मैं देख लुंगी और कुछ गलत हुआ तो आप तो हो न मेरे साथ “
उसने अपनी स्पोर्ट ब्रा निकाल कर फेक दी थी , उसके बाद मेरा खुद को कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल हो चला था .........
SANJU ( V. R. ) bhai...
Jaise dr sahab ke nam se hi unka chutiyapa dikhta hai......
Aise hi mere mam se mera kam'eenapan. :hehe
Akele aap hi nahi.... Kahani ham sab padhenge.... Ankit, golu, firefox, aap aur mein bhi....
Bas ap tareef karoge aur mein ....Is kameeni kajal ko gariya hi sakta hu.....
अध्याय ५
दोपहर का वक्त था और मैं एक चाय की टापरी में बैठा हुआ चाय सिगरेट का मजा ले रहा था ..
तभी मुझे नदीम आता हुआ दिखाई दिया
नादिम पुराना पापी था और मेरा खबरी , वो मुझे बिना देखे ही एक चाय लेकर वही बैठ गया , हम दोनों ही एक दुसरे को नहीं देख रहे थे ..
“कोई खबर ??“
“कबीर आ रहा है ..”
वो इतना ही बोलकर अपना चाय जल्दी से ख़त्म कर निकल गया था ..
कबीर ... डॉन कबीर ...
कभी पठानबाड़ी के डॉन इमरान का दांया हाथ हुआ करता था और अब उन्हें ही धोखा देकर अंडरवर्ल्ड का सबसे बड़ा डॉन और पोलिस की लिस्ट का मोस्ट वांटेड बन चूका था ..
इमरान भाई भले ही कहने को डॉन रहे हो लेकिन आदमी वो अच्छे थे , मेरी खुद उनसे अच्छी बनती थी , वो गैर क़ानूनी काम भी ईमान से किया करते थे, उन्होंने कभी ड्रग्स और हथियारों का काम नहीं किया, उनका काम सिम्पल स्मगलिंग और हफ्ता वसूली का रहा ..
लेकिन कबीर ने उनके खिलाफ जाकर ड्रग्स और हथियारों का काम शुरू कर दिया इसके अलावा वो जिस्म्फिरोसी के धंधे का बेताज बादशाह भी बन चूका था ..
उसके पुरे नेटवर्क को दो लोग देखा करते थे एक था रशीद और दूसरा लालचंद उर्फ़ लाला ..
जन्हा रशीद गुंडों जैसे काम करता वही लाला का काम बहुत ही प्रोफेंशानल था, लाला अमीरों की पार्टियों में पाया जाता था , लडकियों की सप्लाई और ड्रग्स का काम लाला ही देखता था , वो खुद एक बहुत ही पढ़ा लिखा आदमी था और उसने ही कबीर के धंधे को इंटरनेशनल लेवल तक पहुचाया था ..
लाला और रशीद दोनों ही हमारी निगरानी में रहते थे लेकिन कबीर कब आता और कब निकल जाता किसी को हवा भी नहीं लगता ..
मुझे नादिम के खबर की पुष्टि करनी थी , मैं तुरंत ही हेडकवाटर की ओर चल पड़ा ..
‘मुझे खबर मिली है की कबीर आने वाला है “
मैंने कमरे में घुसते ही पूर्वी से कहा ..
“हम रशीद और लाला को ट्रेक कर रहे है लेकिन हमें तो ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली ... तुम्हे ये कैसे पता चला “
पूर्वी ने मेरी बात पर आश्चर्य जताया ..
“यार मेरे भी कुछ खबरी है बाजार में , मुझे खबर की पुष्टि करनी है पूरी टीम को लगा दो अगर इस बार कबीर आये तो साला वापस नहीं जाना चाहिए “
मेरी बात सुनकर पूर्वी ने हां में सर हिलाया ........
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“आप सबा को जानते हो ??”
मैं घर में बैठा था तब काजल ने कहा
“हा तुम्हारी सहेली जिसका पति दुबई में रहता है ??”
“हा वही ,जानते है उसे मानिक भी जानता है , वो दुबई से आई है मैं उससे आज मानिक के साथ मिलने जा रही हु “
मुझे काजल की बात पर थोडा आश्चर्य जरुर हुआ लेकिन मैंने हामी भर दी
लेकिन मन का कीड़ा नाचने लगा था
“मानिक से रोज ही बाते होती है लग रहा है ..??”
मैंने काजल को घुरा
“हां आप तो बिजी रहते है तो सोचा की उससे ही बाते कर लिया करू , ऐसे आपको उससे जलन तो नहीं हो रही है ना “
काजल की मुस्कान बहुत कुछ कह जाती थी , उसकी मुस्कान में एक बात थी की वो दिलो को चीरते हुए चलती थी ..
“क्यों जलना चाहिए क्या ??”
मैंने उसे घुर वो इठलाते हुए मेरे गोद में आकर बैठ गयी
“हा बिलकुल ना जाने आपकी प्यारी बीवी उस दरिन्दे के साथ क्या क्या करेगी “
काजल के नर्म चुतड मेरे लिंग पर लग रहे थे और उसकी मादक अदाए मेरे अंदर एक उत्तेजना का संचार करने लगी थी ..
मेरे हाथ उसके सीने की मुलायम गोलइयो पर चले गए , मैं उसे हलके हलके से मसलने लगा , काजल के मुह से भी एक सिसकी सी निकल गयी ..
“वो क्या करेगा ये तो नहीं पता लेकिन तुम आजकल बहुत गर्म हो रही हो , क्या उसके साथ का ही नतीजा है “
मैंने काजल के मुलायम लेकिन उन्नत वक्षो को सहलाते हुए उसके कानो में कहा ..
“बेवफाई करने का भी अपना मजा होता है पति देव “
काजल की बातो में एक व्यंग था लेकिन उसकी आवाज में वही मादकता जिसका मैं दीवाना था , उसकी बेवफाई भी मुझे उत्तेजित कर जाएगी ये तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था ...
मैंने महान राइटर डॉ चुतिया की कई स्टोरीस पढ़ी जरुर थी जिसमे पति अपनी पत्नी की बेवफाई का भी मजा लेता है लेकिन ये मेरे साथ भी हो जायेगा ये मेरे लिए एक नया ही अहसास था ..
अभी तक काजल ने कोई बेवफाई मुझसे नहीं की थी लेकिन ये एक शुरुवात जरुर थी, वो मुझसे खुलकर बाते कर रही थी ..
“तुम बेवफा तो नहीं हो सकती मेरी जान “
मैंने अपने लिंग को काजल के नितम्बो में रगड़ते हुए कहा , वो मेरे उतावलेपन पर हंस पड़ी थी ..
“अच्छा इतना भरोसा है मुझपर ..”
काजल ने अपना चहरा मेरी ओर कर दिया उसके होठो की लाली उसके थूक से गीली हो गई थी , और मुझे खुद को चूसने का आमंत्रण दे रही थी ..
मैंने भी बिना देर किये उसके होठो को अपने होठो से मिला लिया ..
हम दोनों ही एक दुसरे के होठो पर टूट पड़े थे , सांसे तेज होने लगी थी ..
वो मेरे गोद में बैठे हुए मेरे लिंग की उत्तेजना को महसूस कर पा रही थी और अपने नितम्बो को हलके हलके से आगे पीछे करते हुए मुझे सुखद अहसास दिलाने लगी थी ..
मेरे हाथ भी उसके जन्घो को बीच फिसलने लगे थे , उसने हलके से अपनी टांगो को चौड़ा कर दिया , मेरे हाथ उसके कपड़ो के उपर से ही उसके योनी तक चले गए ..
“जान मैं आपको कभी धोखा नहीं दूंगी ..” उसने उत्तेजित होकर मेरे कानो में कहा था
“जानता हु ... लेकिन तुम्हारी गर्मी का क्या ??”
मैंने हलकी आवाज में उसके कानो में कहा
“हम्म्म उसका तो पता नहीं , अभी के लिए कम से काम आप मिटा दो जल्दी से ..”
उसने मेरे होठो को और भी जोरो से चूसा ..
उत्तेजना में वो मेरे बालो को अपनी उंगलियों में फंसकर खीचने लगी थी ..
“आई लव यू बेबी “
उसने मेरे कानो में कहा और मैं उत्तेजना में उसके योनी को और भी जोरो से दबाने लगा ...
हम दोनों बेडरूम में जाने की ही जहमत नहीं उठा रहे थे , हम सोफे में ही बैठे हुए दुनियादारी को भूलकर एक दुसरे में मिलने की कोशिस कर रहे थे, गनीमत थी की हमारे शरीर के कपडे अभी उतरे नहीं थे ..
तभी ..
“ओह्ह सॉरी सॉरी “
एक मर्द की आवाज हमारे कानो में पड़ी और हम दोनों ही हडबडा गए , मानिक अपनी नज़ारे तो छिपा रहा था लेकिन मैं जानता था की वो देखना चाहता था , हम दोनों की ही सांसे फूली हुई थी , काजल को जैसे बिजली का झटका लग गया हो वो तुरंत उठी और बेडरूम की ओर भाग गयी
वही मैं अपने तने हुए लिंग को मानिक की नजरो से बचाने की कोशिस कर रहा था ..
“तुम बैठो मैं अभी आया “
मैं भी उठकर जल्दी से बेडरूम की ओर भागा ....
अरे संजू जी काजल को गिराना और उठाने का काम देव को ही करने दो, या कहानी के दुसरे किरदारों को काजल के साथ उठापटक का काम करने दो। अपने काजल के साथ उठापटक किया तो कहीं विचारी भाग न जाए। काजल भाग गईं तो काजल के कामुक कया जो अपने कामुक कृत्य से हमारे कमलोलुप्ता को शांत करेंगी। वह अधार में ही लटक जायेगा।
अध्याय 6
काजल और मैं दोनों ही तैयार होकर बाहर आये ..
मानिक के होठो में एक मुस्कान थी लेकिन वो बोल कुछ भी नही रहा था ..
उसने मेरा अभिवादन हाथ मिला कर किया और फिर हम दोनों बैठ कर काजल का इतजार करने लगे, माहोल में एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था ..
तभी दरवाजा खुला और काजल अंदर आई ,
काले रंग की साडी उसके गोर बदन में दमक रही थी , और आँखों का काजल मेरी काजल का रूप और भी खिला रहा था, मानिक की आंखे काजल पर ऐसे टिक गयी थी जैसे चुम्बक पर लोहा ..
काजल के होठो में हया की मुस्कान थी , और आंखे हलकी झुकी हुई, चहरे से जब मेरी नजरे उसके सीने में गई तो दिल एक बार जोरो से धडक गया , उठे हुए सीने में काले रंग की ही चमकीली ब्लाउज पहने हुए थी जो उसके गले की गहराई को साफ साफ दिखा रहा था,वही उसके कोमल गोरे रंग के बाजु खुले हुए थे, हाथो मे हरे रंग की चुडिया थी और माथे में गहरा सिंदूर जो उसके शादीशुदा होने का साबुत था, होठो में हलके रंग की लिपस्टिक अभी भी चमक रही थी ..
नजरे जब थोड़ी और निचे गयी तो मैंने उसके पलते कमर को देखा जो की साडी पहनने पर भी खुला हुआ था, काले रंग की साड़ी में उसका गोरा पेट और पतली कमर कुछ यु खिल रही थी की मेरे लिंग में एक सुरसुरी सी जाग गई , पता नहीं मानिक का इस हुस्न परी को देखकर क्या हाल था, लेकिन आज वो अपने किस्मत पर गर्व जरुर कर रहा होगा की आज ये हुस्न की मलिका का साथ उसे मिला ..
“हम लोग शाम तक आयेंगे “
काजल की कोमल आवाज मेरे कानो में घुल गयी ..
जैसे मैं होश में आया
“हम्म हां ठीक है , सबा को मेरा सलाम कहना “
काजल ने इसका जवाब बस मुस्कुरा कर दिया और मानिक की तरफ रुख किया
“चले ..??”
इस बार मानिक हडबडाया था , वो भी मनो किसी सपने से बाहर निकला हो ..
“हा हां ..हा चलो न “
वो जल्दी से खड़ा हुआ और कमरे के बाहर तेजी से निकला
उसकी हरकत देखा काजल हलके से हंस पड़ी
“कातिल लग रही हो , कही इस चूतिये का क़त्ल न हो जाये “
मैंने काजल के कमर में हलके से हाथ फेर दिया , वाह कितने कोमल त्वचा की मालकिन थी वो ..
उसने मेरे हाथो को झटका
“भागो ... “
वो भी बहार जाने लगी लेकिन मेरी नजर उसके मटकाते हुए निताम्भो में आ टिकी , वो हर चाल के साथ थिरक रहे थे , मेरी सांसे गर्म हो गई मैंने तेजी से जाकर उसे पीछे से कस कर जकड लिया ..
“पागल हो गए हो क्या छोडो न ..”
वो मेरे बाजुओ में कसमसाई ..
“एक बार हो जाये फिर चले जाना “
उसने मुझे गुस्से से देखा ,
“पागल हो क्या मानिक बाहर इन्तजार कर रहा है ..”
“तो करने दो न , वो साला तो आज दिन भर तुम्हारे साथ ही रहेगा, लेकिन तुम मुझे तो छोड़ कर जा रही हो ना “
मैंने मासूमियत से कहा और काजल खिलखिला उठी
“अच्छा जी ऐसे तो इतना प्यार नहीं आता कभी आज क्या हो गया , वरना जब देखो ड्यूटी ड्यूटी करते रहते हो “
मैं अब क्या जवाब देता की मुझे मानिक से जलन हो रही थी , या काजल का यु सजना मुझे उत्तेजित कर रहा था ,
मैंने कोई जवाब नहीं देते हुए अपने लिंग को काजल के पिछवाड़े में टिका दिया और हलके से उसे दबाया ..
“अब समझ गयी ..”
मैंने उसके कानो में कहा
“आप पागल हो , अब शाम को ही मिलेगा अभी कुछ भी नहीं ,मेरा पूरा मेकउप ख़राब कर दोगो आप चलो हटो ..”
वो फिर से मेरे बाजुओ में मचली लेकिन मैंने पकड़ और बढ़ा दी थी
“प्लीज ना जान “ मैंने उसके उठे हुए वक्षो को हलके से दबाया वो मचल उठी
“नहीं ना जान कैसे करते हो आप ..”
इस बार उसके शब्दों में गुस्सा नहीं था लेकिन शिकायत जरुर थी
“प्लीज ना जान “ मैंने अपने जीभ को उसके गले में हलके से चला दिया
“आह प्लीज रुक जाओ ना मानिक बाहर ही है ..”
काजल फिर से मचली और इस बार उसकी आवाज भी थोड़ी तेज थी
“प्लीज ना जान एक बार बस जल्दी जल्दी कर लूँगा , तुम्हारी साडी उठाकर “
मैंने अपने हाथो को उसके जन्घो के बीच लाकर हलके से दबाया और बदले में उसने मेरे पेट में एक अपनी कोहनी मार दी
“मर गया रे “
मैं अपने पेट को पकड़ कर बैठ गया .. और काजल खिलखिला गयी
“हा हा हा .. अच्छा हुआ “
वो खिलखिलाती हुई बाहर निकल गयी , मैं भी उसे पकड़ने के लिए बाहर भागा , लेकिन वो दरवाजे से निकल चुकी थी , मैंने दरवाजा खोला तो दूसरी ओर मानिक खड़ा हुआ मिला , पसीने से पूरी तरह से भीगा हुआ था .. शायद वो हमारी बाते सुनकर इस हाल में आ चूका था ..
काजल हलके हलके मुस्कुरा कर मुझे चिढ़ा रही थी , मैंने भी उसे आँखों ही आँखों में इशारा किया की वापस तो आओ फिर बताता हु .........
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मैं ऑफिस में बैठा हुआ जम्हाई ले रहा था तभी पूर्वी कमरे में तेजी से आई और मेरे सामने रखे प्रोजेक्टर को ऑन कर दिया ..उसके साथ इंस्पेक्टर विक्रांत भी था ,,
“तुम्हारी खबर सही है , कबीर आ रहा है , कुछ हलचल हमें पता चली है , और एक चहरा भी ..”
पूर्वी ने जोश में कहा
“चहरा किसका चहरा ..??”
विक्रांत ने अपने जेब से एक पेन ड्राइव निकल कर मेरे लेपटॉप में डाल दिया और सामने प्रोजेक्टर से स्क्रीन में कुछ फोटोज दिखानी शुरू हो गई ..
“ये है कबीर की गर्लफ्रेंड परवीना ... यही पठानबाड़ा में पली बढ़ी और , इमरान के इलाके में रहती थी , वही कबीर से इसकी दोस्ती हुई उससे पहले भी इसका एक आशिक था जो इमरान के लिए काम किया करता था , लेकिन फिर कबीर के साथ दोस्ती होने पर ये कबीर के साथ ही हो ली .. कभी कभी ये इंडिया आती जाती है ..हमें दुबई से अभी अभी ये फोटोज और परवीन के बारे में जानकारी मिली , उससे पहले हमें इसकी कोई भी जानकारी नहीं थी ..
अभी अभी ये इंडिया आई है ...रशीद(कबीर का आदमी ) इसे लेने गया था “
पूर्वी ने तेजी से कहा और दो चार फोटोज मेरे सामने चला दिए , मैं परवीन को देखकर शॉक में था ..
मेरे मुह से निकल गया ..
“सबा ..........?????????? कबीर की गर्लफ्रेंड??????”